लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
इंस्टॉल करें
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

पूर्वी एशिया

सूची पूर्वी एशिया

श्रेणी:एशिया.

45 संबंधों: चीनी बौद्ध धर्म, चीनी राशि, चीनी जनवादी गणराज्य, चीनी गणराज्य, चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार, एशिया की अर्थव्यवस्था, एशिया-प्रशांत, तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार, दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन, दक्षिण कोरिया, द्वितीय विश्वयुद्ध, पश्चिमी एशिया, पितृवंश समूह आर, प्रमुख धार्मिक समूह, पैसिफ़िक रिम, पूर्वी चीन सागर, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन, पूर्वी एशिया के नगर, बमा लोग, ब्लॉक मुद्रण, बौद्ध धर्म, मानसून, मंगोल, मंगोल भाषा-परिवार, राशिदून ख़िलाफ़त, रक्त के प्रकार, लाल लिफ़ाफ़ा, सिंह (पशु), सुनहरी मछली (गोल्डफिश), सुभाष चन्द्र बोस, स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय, हालाशास्त्र, जापानी बटेर, वर्ण स्मृतिलोप, विश्व में बौद्ध धर्म, विश्व में हिन्दू धर्म, विश्व आर्थिक मंच, वैश्विक मंदी, वेसक, गोज़न, आइनू लोग, काश्गर, कोरियाई प्रायद्वीप, अवतंसक सूत्र, अग्निशस्त्र

चीनी बौद्ध धर्म

चीनी बौद्ध धर्म (हान चीनी बौद्ध धर्म) बौद्ध धर्म की चीनी शाखा है। बौद्ध धर्म की परम्पराओं ने तक़रीबन दो हज़ार वर्षों तक चीनी संस्कृति एवं सभ्यता पर एक गहरा प्रभाव छोड़ा, यह बौद्ध परम्पराएँ चीनी कला, राजनीति, साहित्य, दर्शन तथा चिकित्सा में देखी जा सकती हैं। दुनिया की 65% से अधिक बौद्ध आबादी चीन में रहती हैं। भारतीय बौद्ध धर्मग्रन्थों का चीनी भाषा में अनुवाद ने पूर्वी एशिया व दक्षिण पूर्व एशिया में बौद्ध धर्म को बहुत बढ़ावा दिया, इतना कि बौद्ध धर्म कोरिया, जापान, रयुक्यु द्वीपसमूह और वियतनाम तक पहुँच पाया था। चीनी बौद्ध धर्म में बहुत सारी ताओवादी और विभिन्न सांस्कृतिक चीनी परम्पराएँ मिश्रित हैं। .

नई!!: पूर्वी एशिया और चीनी बौद्ध धर्म · और देखें »

चीनी राशि

इस चीनी राशि वर्गीकरण है योजना प्रदान करती है कि एक जानवर के लिए प्रत्येक वर्ष में एक दोहरा बारह साल का चक्र है। 12 साल के चक्र की चीनी राशि चक्र के लिए एक सन्निकटन है 11.86 वर्ष के चक्र में बृहस्पति सबसे बड़ा ग्रह सौर प्रणाली के.

नई!!: पूर्वी एशिया और चीनी राशि · और देखें »

चीनी जनवादी गणराज्य

चीनी जनवादी गणराज्य (चीनी: 中华人民共和国) जिसे प्रायः चीन नाम से भी सम्बोधित किया जाता है, पूर्वी एशिया में स्थित एक देश है। १.३ अरब निवासियों के साथ यह विश्व का सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है और ९६,४१,१४४ वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ यह रूस और कनाडा के बाद विश्व का तीसरा सबसे बड़ा क्षेत्रफल वाला देश है। इतना विशाल क्षेत्रफल होने के कारण इसकी सीमा से लगते देशों की संख्या भी विश्व में सर्वाधिक (रूस के बराबर) है जो इस प्रकार है (उत्तर से दक्षिणावर्त्त): रूस, मंगोलिया, उत्तर कोरिया, वियतनाम, लाओस, म्यान्मार, भारत, भूटान, नेपाल, तिबत देश,पाकिस्तान, अफ़्गानिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान और कज़ाख़िस्तान। उत्तर पूर्व में जापान और दक्षिण कोरिया मुख्य भूमि से दूरी पर स्थित हैं। चीनी जनवादी गणराज्य की स्थापना १ अक्टूबर, १९४९ को हुई थी, जब साम्यवादियों ने गृहयुद्ध में कुओमिन्तांग पर जीत प्राप्त की। कुओमिन्तांग की हार के बाद वे लोग ताइवान या चीनी गणराज्य को चले गए और मुख्यभूमि चीन पर साम्यवादी दल ने साम्यवादी गणराज्य की स्थापना की। लेकिन चीन, ताईवान को अपना स्वायत्त क्षेत्र कहता है जबकि ताइवान का प्रशासन स्वयं को स्वतन्त्र राष्ट्र कहता है। चीनी जनवादी गणराज्य और ताइवान दोनों अपने-अपने को चीन का वैध प्रतिनिधि कहते हैं। चीन विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जो अभी भी अस्तित्व में है। इसकी सभ्यता ५,००० वर्षों से अधिक भी पुरानी है। वर्तमान में यह एक "समाजवादी गणराज्य" है, जिसका नेतृत्व एक दल के हाथों में है, जिसका देश के २२ प्रान्तों, ५ स्वायत्तशासी क्षेत्रों, ४ नगरपालिकाओं और २ विशेष प्रशासनिक क्षेत्रों पर नियन्त्रण है। चीन विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य भी है। यह विश्व का सबसे बड़ा निर्यातक और दूसरा सबसे बड़ा आयातक है और एक मान्यता प्राप्त नाभिकीय महाशक्ति है। चीनी साम्यवादी दल के अधीन रहकर चीन में "समाजवादी बाज़ार अर्थव्यवस्था" को अपनाया जिसके अधीन पूंजीवाद और अधिकारवादी राजनैतिक नियन्त्रण सम्मित्लित है। विश्व के राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक ढाँचे में चीन को २१वीं सदी की अपरिहार्य महाशक्ति के रूप में माना और स्वीकृत किया जाता है। यहाँ की मुख्य भाषा चीनी है जिसका पाम्परिक तथा आधुनिक रूप दोनों रूपों में उपयोग किया जाता है। प्रमुख नगरों में बीजिंग (राजधानी), शंघाई (प्रमुख वित्तीय केन्द्र), हांगकांग, शेन्ज़ेन, ग्वांगझोउ इत्यादी हैं। .

नई!!: पूर्वी एशिया और चीनी जनवादी गणराज्य · और देखें »

चीनी गणराज्य

चीनी गणराज्य या ताइवान (अंग्रेज़ी:Taiwan, चीनी:台灣) पूर्वी एशिया का एक देश है। यह ताइवान द्वीप तथा कुछ अन्य द्वीपों से मिलकर बना है। इसका प्रशासनिक मुख्यालय ताइवान द्वीप है। इसके पश्चिम में चीनी जनवादी गणराज्य (चीन), उत्तर-पूर्व में जापान, दक्षिण में फिलीपींस है। 1949 में चीन के गृहयुद्ध के बाद ताइवान चीन से अलग हो गया था लेकिन चीन अब भी इसे अपना ही एक असंतुष्ट राज्य कहता है और आज़ादी के ऐलान होने पर चीन ने हमले की धमकी दे रखी है। ताइवान वह देश है जो विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या तथा सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक होते हुए भी संयुक्त राष्ट्र संघ का सदस्य नहीं है। यूं तो नाम से ऐसा प्रतीत होता है कि यह चीन का सरकारी नाम है पर वास्तव में ये चीन की लगभग सम्पूर्ण भूमि पर समाजवादियों के अधिपत्य हो जाने के बाद बचे शेष चीन का प्रशासनिक नाम है। यह चीन के वास्तविक भूभाग के बहुत कम भाग में फैला है और महज कुछ द्वीपों से मिलकर बना है। चीन के मुख्य भूभाग पर स्थपित प्रशासन का आधिकारिक नाम जनवादी गणराज्य चीन है और यह लगभग सम्पूर्ण चीन के अलावा तिब्बत, पूर्वी तुर्किस्तान तथा आंतरिक मंगोलिया पर भी शासन करता है तथा ताईवान पर भी अपना दावा करता है। .

नई!!: पूर्वी एशिया और चीनी गणराज्य · और देखें »

चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार

चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार अथवा चीनी भाषा-परिवार (अंग्रेज़ी: Sino-Tibetan languages) दक्षिण एशिया के कुछ भागों, पूर्वी एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया में बोली जाने वाली ४०० से अधिक भाषाओं का परिवार है। इसे बोलने वालों की मूल संख्या के आधार पर यह हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार के बाद दूसरा सबसे बड़ा भाषा परिवार है। चीनी-तिब्बती भाषा के मुख्य मूल भाषी विभिन्न प्रकार की चीनी भाषा (1.2 बिलियन भाषक), बर्मी (33 मिलियन) और तिब्बती भाषा (8 मिलियन) है। विभिन्न चीनी-तिब्बती भाषायें सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ छोटे समुदायों द्वारा बोली जाती हैं जिसका प्रलेखन स्पष्ट नहीं है। .

नई!!: पूर्वी एशिया और चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार · और देखें »

एशिया की अर्थव्यवस्था

एशिया की अर्थव्यवस्था यूरोप के बाद विश्व की, क्रय शक्ति के आधार पर, दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। एशिया की अर्थव्यवस्था के अन्तर्गत लगभग ४ अरब लोग आते हैं, जो विश्व जनसंख्या का ६०% है। ये ४ अरब लोग एशिया के ४६ विभिन्न देशों में निवास करते है। छः अन्य देशों के कुछ भूभाग भी आंशिक रूप से एशिया में पड़ते हैं, लेकिन ये देश आर्थिक और राजनैतिक कारणों से अन्य क्षेत्रों में गिने जाते हैं। एशिया वर्तमान में विश्व का सबसे ते़ज़ी उन्नति करता हुआ क्षेत्र है और चीजग इस समय एशिया की सबसे बड़ी और विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है जो कई पूर्वानुमानों के अनुसार अगले कुछ वर्षों में विश्व की भी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी। विश्व के अन्य क्षेत्रों के समान ही, एशिया में भी सम्पत्ति का वितरण बहुत असमान है। इसके कई कारण हैं जैसे एशिया का आकार, जिसके कारण यहाँ बहुत अधिक सांस्कृतिक, पर्यावरणीय, एतिहासिक सम्बन्धों और शासन प्रणालियों में विविधता पाई जाती है। संज्ञात्मक और क्रय शक्ति दोनों ही आधार पर एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएँ इस प्रकार हैं: चीनी जनवादी गणराज्य, जापान, भारत, दक्षिण कोरिया और इण्डोनेशिया। सम्पत्ति को यदि प्रति व्यक्ति के आधार पर आँका जाए तो यह अधिकांशतः पूर्वी एशिया के राज्यक्षेत्रों में केन्द्रित है जैसे हाँगकाँग, जापान, सिंगापुर और ताइवान। इसके अतिरिक्त तेल-समृद्ध खाड़ी के देशों में जैसे ईरान, सउदी अरब, कतर, संयुक्त अरब अमीरात में भी सम्पत्ति की उपलब्धता है। एशिया में वर्तमान में, जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान, हाँगकाँग और सिंगापुर को छोड़कर बहुत तेज़ी से वृद्धि और औद्योगिकरण हो रहा है जिसकी अगुआई चीन और बहुत हद तक भारत भी कर रहा है। पूर्वी एशिया और दक्षिणपूर्वी एशिया के देशों में वृद्धि विनिर्माण और व्यापार के द्वारा हो रही है और मध्यपूर्व के देशों में यह वृद्धि अधिकतर तेल के उत्पादन और निर्यात पर निर्भर है। पिछ्ले कई वर्षों में, तीव्र आर्थिक विकास और शेष विश्व के साथ विशाल व्यापार अधिशेष होने के कारण, एशिया के देशों में ४ खरब $ से अधिक का विदेशी मुद्रा भण्डार एकत्रित कर लिया है जो विश्व का आधे से भी अधिक है। .

नई!!: पूर्वी एशिया और एशिया की अर्थव्यवस्था · और देखें »

एशिया-प्रशांत

एशिया-प्रशांत या एशिया प्रशांत (संक्षिप्त रूप में APAC, Asia-Pac, AsPac, APJ, JAPA or JAPAC) दुनिया का वह हिस्सा हैं जो पश्चिमी प्रशांत महासागर के पास या निकट हैं। इस क्षेत्र का आकार संदर्भ के अनुसार बदलता रहता हैं, लेकिन आम तौर पर इस में पूर्व एशिया, दक्षिण एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया और ओशिआनिया के कई क्षेत्र शामिल होते हैं। इस शब्द में रूस (उत्तरी प्रशांत पर) और पूर्वी प्रशांत महासागर के तट पर स्थित महाअमेरिका के देश भी शामिल हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, में कनाडा, चिली, रूस, मेक्सिको, पेरू और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं। वैकल्पिक रूप से, इस शब्द में कभी कभी पूर्ण एशिया और ऑस्ट्रेलेशिया के साथ साथ छोटे/मध्यम/बड़े प्रशांत द्वीप राष्ट्र (एशिया प्रशांत और ऑस्ट्रेलेशियाई महाद्वीप) भी शामिल होते हैं - उदाहरण के लिए, विभाजित जब दुनिया को में बड़े क्षेत्रों में वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिए विभाजित किया जाता हैं (जैसे की, महाअमेरिका, EMEA और एशिया प्रशांत)। पूर्ण रूप से, ऐसा प्रतीत होता हैं कि "एशिया प्रशांत" की कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं हैं और इस में क्षेत्रों का शामिल होना न होना संदर्भ पर आधारित हैं। त्रुटिपूर्ण के बावजूद, यह शब्द १९८० के अंत से वाणिज्य, वित्त और राजनीति में लोकप्रिय हो गया हैं।[प्रशस्ति पत्र की जरूरत] वास्तव में, क्षेत्रों की अर्थव्यवस्थाओं की विविधता के बावजूद, इस क्षेत्र के भीतर ज़्यादातर विशिष्ठ देश उभरते बाजार हैं जो तेज़ी से विकास का सामना कर रहे हैं। (अवधारणा/परिवर्णी शब्द APEJ या APeJ - एशिया-प्रशांत जापान को छोड़कर, तुलना करें।) .

नई!!: पूर्वी एशिया और एशिया-प्रशांत · और देखें »

तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार

बर्मा के भाषा-परिवार भारतीय उपमहाद्वीप के भाषा-परिवार चीन के भाषा-परिवार तिब्बती-बर्मी भाषा परिवार पूर्वी एशिया, दक्षिण-पूर्वी एशिया के पहाड़ी इलाक़ों और भारतीय उपमहाद्वीप में बोली जाने वाली लगभग ४०० भाषाओं का एक भाषा-परिवार है। इसका नाम इस परिवार की दो सब से ज़्यादा बोली जाने वाली भाषाओं पर रखा गया है - तिब्बती भाषा (जो ८० लाख से अधिक लोग बोलते हैं) और बर्मी भाषा (जो ३.२ करोड़ से अधिक लोग बोलते हैं)। यह भाषा-परिवार चीनी-तिब्बती भाषा परिवार की एक उपशाखा है, लेकिन चीनी भाषा और इन भाषाओँ में बहुत अंतर है।, Austin Hale, Walter de Gruyter, 1982, ISBN 978-90-279-3379-9 .

नई!!: पूर्वी एशिया और तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार · और देखें »

दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन

दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन (अंग्रेज़ी:एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस, लघु:आसियान) दस दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का समूह है, जो आपस में आर्थिक विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम करने के लिए भी कार्य करते हैं। इसका मुख्यालय इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में है। आसियान की स्थापना ८ अगस्त, १९६७ को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में की गई थी। इसके संस्थापक सदस्य थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपींस और सिंगापुर थे। ब्रूनेई इस संगठन में १९८४ में शामिल हुआ और १९९५ में वियतनाम। इनके बाद १९९७ में लाओस और बर्मा इसके सदस्य बने। १९७६ में आसियान की पहली बैठक में बंधुत्व और सहयोग की संधि पर हस्ताक्षर किए गए। १९९४ में आसियान ने एशियाई क्षेत्रीय फोरम (एशियन रीजनल फोरम) (एआरएफ) की स्थापना की गई, जिसका उद्देश्य सुरक्षा को बढ़ावा देना था। अमेरिका, रूस, भारत, चीन, जापान और उत्तरी कोरिया सहित एआरएफ के २३ सदस्य हैं। अपने चार्टर में आसियान के उद्देश्य के बारे में बताया गया है। पहला उद्देश्य सदस्य देशों की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता को कायम रखा जाए, इसके साथ ही झगड़ों का शांतिपूर्ण निपटारा हो। सेक्रेट्री जनरल, आसियान द्वारा पारित किए प्रस्तावों को लागू करवाने और कार्य में सहयोग प्रदान करने का काम करता है। इसका कार्यकाल पांच वर्ष का होता है। वर्तमान में थाईलैंड के सूरिन पिट्स्वान इसके सेक्रेट्री जनरल है। आसियान की निर्णायक बॉडी में राज्यों के प्रमुख होते हैं, इसकी वर्ष में एक बार बैठक होती है। भारत आसियान देशों से सहयोग करने और संपर्क रखने का सदा ही इच्छुक रहा है। हाल ही में १३ अगस्त,२००९को भारत ने आसियन के संग बैंगकॉक में सम्मेलन किया, जिसमें कई महत्त्वपूर्ण समझौते हुए थे। भारतीय अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2008, नई दिल्ली में आसियान मुख्य केन्द्र बिन्दु रहा था। नई व्यापार ब्लॉक के तहत दस देशों की कंपनियों और कारोबारियों ने मेले में भाग लिया था। थाइलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, म्यांमार, वियतनाम, फिलिपींस, ब्रुनेई, कंबोडिया और लाओस आसियान के सदस्य देश हैं, जिनके उत्पाद व्यापार मेले में खूब दिखे थे। आसियान भारत का चौथा सबसे बडा व्यापारिक भागीदार है। दोनों पक्षों के बीच २००८ में ४७ अरब डॉलर का व्यापार हुआ था। फिक्की के महासचिव अमित मित्रा के अनुसार भारत और आसियान के बीच हुआ समझौता दोनों पक्षों के लिए उत्तम होगा। समझौता जनवरी २००९ से लागू हुआ था। .

नई!!: पूर्वी एशिया और दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन · और देखें »

दक्षिण कोरिया

दक्षिण कोरिया (कोरियाई: 대한민국 (देहान् मिन्गुक), 大韩民国 (हंजा)), पूर्वी एशिया में स्थित एक देश है जो कोरियाई प्रायद्वीप के दक्षिणी अर्धभाग को घेरे हुए है। 'शान्त सुबह की भूमि' के रूप में ख्यात इस देश के पश्चिम में चीन, पूर्व में जापान और उत्तर में उत्तर कोरिया स्थित है। देश की राजधानी सियोल दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र और एक प्रमुख वैश्विक नगर है। यहां की आधिकारिक भाषा कोरियाई है जो हंगुल और हंजा दोनो लिपियों में लिखी जाती है। राष्ट्रीय मुद्रा वॉन है। उत्तर कोरिया, इस देश की सीमा से लगता एकमात्र देश है, जिसकी दक्षिण कोरिया के साथ २३८ किलिमीटर लम्बी सीमा है। दोनो कोरियाओं की सीमा विश्व की सबसे अधिक सैन्य जमावड़े वाली सीमा है। साथ ही दोनों देशों के बीच एक असैन्य क्षेत्र भी है। कोरियाई युद्ध की विभीषिका झेल चुका दक्षिण कोरिया वर्तमान में एक विकसित देश है और सकल घरेलू उत्पाद (क्रय शक्ति) के आधार पर विश्व की तेरहवीं और सकल घरेलू उत्पाद (संज्ञात्मक) के आधार पर पन्द्रहवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।कोरिया मे १५ अंतराष्ट्रीय बिमानस्थल है और करीब ५०० विश्वविद्यालय है लोग बिदेशो यहा अध्ययन करने आते है। यहा औद्योगिक विकास बहुत हुऐ है और कोरिया मे चीन सहित १५ देशो के लोग रोजगार अनुमति प्रणाली(EPS) के माध्यम से यहा काम करते है। जिसमे दक्षिण एशिया के ४ देशो नेपाल बांग्लादेश श्रीलंका पाकिस्तान है। .

नई!!: पूर्वी एशिया और दक्षिण कोरिया · और देखें »

द्वितीय विश्वयुद्ध

द्वितीय विश्वयुद्ध १९३९ से १९४५ तक चलने वाला विश्व-स्तरीय युद्ध था। लगभग ७० देशों की थल-जल-वायु सेनाएँ इस युद्ध में सम्मलित थीं। इस युद्ध में विश्व दो भागों मे बँटा हुआ था - मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र। इस युद्ध के दौरान पूर्ण युद्ध का मनोभाव प्रचलन में आया क्योंकि इस युद्ध में लिप्त सारी महाशक्तियों ने अपनी आर्थिक, औद्योगिक तथा वैज्ञानिक क्षमता इस युद्ध में झोंक दी थी। इस युद्ध में विभिन्न राष्ट्रों के लगभग १० करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया, तथा यह मानव इतिहास का सबसे ज़्यादा घातक युद्ध साबित हुआ। इस महायुद्ध में ५ से ७ करोड़ व्यक्तियों की जानें गईं क्योंकि इसके महत्वपूर्ण घटनाक्रम में असैनिक नागरिकों का नरसंहार- जिसमें होलोकॉस्ट भी शामिल है- तथा परमाणु हथियारों का एकमात्र इस्तेमाल शामिल है (जिसकी वजह से युद्ध के अंत मे मित्र राष्ट्रों की जीत हुई)। इसी कारण यह मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध था। हालांकि जापान चीन से सन् १९३७ ई. से युद्ध की अवस्था में था किन्तु अमूमन दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत ०१ सितम्बर १९३९ में जानी जाती है जब जर्मनी ने पोलैंड पर हमला बोला और उसके बाद जब फ्रांस ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा कर दी तथा इंग्लैंड और अन्य राष्ट्रमंडल देशों ने भी इसका अनुमोदन किया। जर्मनी ने १९३९ में यूरोप में एक बड़ा साम्राज्य बनाने के उद्देश्य से पोलैंड पर हमला बोल दिया। १९३९ के अंत से १९४१ की शुरुआत तक, अभियान तथा संधि की एक शृंखला में जर्मनी ने महाद्वीपीय यूरोप का बड़ा भाग या तो अपने अधीन कर लिया था या उसे जीत लिया था। नाट्सी-सोवियत समझौते के तहत सोवियत रूस अपने छः पड़ोसी मुल्कों, जिसमें पोलैंड भी शामिल था, पर क़ाबिज़ हो गया। फ़्रांस की हार के बाद युनाइटेड किंगडम और अन्य राष्ट्रमंडल देश ही धुरी राष्ट्रों से संघर्ष कर रहे थे, जिसमें उत्तरी अफ़्रीका की लड़ाइयाँ तथा लम्बी चली अटलांटिक की लड़ाई शामिल थे। जून १९४१ में युरोपीय धुरी राष्ट्रों ने सोवियत संघ पर हमला बोल दिया और इसने मानव इतिहास में ज़मीनी युद्ध के सबसे बड़े रणक्षेत्र को जन्म दिया। दिसंबर १९४१ को जापानी साम्राज्य भी धुरी राष्ट्रों की तरफ़ से इस युद्ध में कूद गया। दरअसल जापान का उद्देश्य पूर्वी एशिया तथा इंडोचायना में अपना प्रभुत्व स्थापित करने का था। उसने प्रशान्त महासागर में युरोपीय देशों के आधिपत्य वाले क्षेत्रों तथा संयुक्त राज्य अमेरीका के पर्ल हार्बर पर हमला बोल दिया और जल्द ही पश्चिमी प्रशान्त पर क़ब्ज़ा बना लिया। सन् १९४२ में आगे बढ़ती धुरी सेना पर लगाम तब लगी जब पहले तो जापान सिलसिलेवार कई नौसैनिक झड़पें हारा, युरोपीय धुरी ताकतें उत्तरी अफ़्रीका में हारीं और निर्णायक मोड़ तब आया जब उनको स्तालिनग्राड में हार का मुँह देखना पड़ा। सन् १९४३ में जर्मनी पूर्वी युरोप में कई झड़पें हारा, इटली में मित्र राष्ट्रों ने आक्रमण बोल दिया तथा अमेरिका ने प्रशान्त महासागर में जीत दर्ज करनी शुरु कर दी जिसके कारणवश धुरी राष्ट्रों को सारे मोर्चों पर सामरिक दृश्टि से पीछे हटने की रणनीति अपनाने को मजबूर होना पड़ा। सन् १९४४ में जहाँ एक ओर पश्चिमी मित्र देशों ने जर्मनी द्वारा क़ब्ज़ा किए हुए फ़्रांस पर आक्रमण किया वहीं दूसरी ओर से सोवियत संघ ने अपनी खोई हुयी ज़मीन वापस छीनने के बाद जर्मनी तथा उसके सहयोगी राष्ट्रों पर हमला बोल दिया। सन् १९४५ के अप्रैल-मई में सोवियत और पोलैंड की सेनाओं ने बर्लिन पर क़ब्ज़ा कर लिया और युरोप में दूसरे विश्वयुद्ध का अन्त ८ मई १९४५ को तब हुआ जब जर्मनी ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया। सन् १९४४ और १९४५ के दौरान अमेरिका ने कई जगहों पर जापानी नौसेना को शिकस्त दी और पश्चिमी प्रशान्त के कई द्वीपों में अपना क़ब्ज़ा बना लिया। जब जापानी द्वीपसमूह पर आक्रमण करने का समय क़रीब आया तो अमेरिका ने जापान में दो परमाणु बम गिरा दिये। १५ अगस्त १९४५ को एशिया में भी दूसरा विश्वयुद्ध समाप्त हो गया जब जापानी साम्राज्य ने आत्मसमर्पण करना स्वीकार कर लिया। .

नई!!: पूर्वी एशिया और द्वितीय विश्वयुद्ध · और देखें »

पश्चिमी एशिया

पश्चिमी एशिया, या दक्षिण पश्चिम एशिया, शब्दावली का प्रयोग एशिया के सुदूर पश्चिमी भाग का वर्णन करने के लिए किया जाता है। यह शब्द आंशिक रूप से मध्य पूर्व (Middle East) का समानार्थी ही है, जो कि (मध्य पूर्व) एशिया के भीतर अपनी स्थिति के बजाय पश्चिमी यूरोप के साथ भौगोलिक स्थिति के सम्बन्ध का वर्णन करता है। .

नई!!: पूर्वी एशिया और पश्चिमी एशिया · और देखें »

पितृवंश समूह आर

दुनिया में पितृवंश समूह आर की उपशाखाओं का फैलाव - आंकड़े बता रहे हैं के किसी भी इलाक़े के कितने प्रतिशत पुरुष इसके वंशज हैं मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में पितृवंश समूह आर या वाए-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप R एक पितृवंश समूह है। यह पितृवंश स्वयं पितृवंश समूह पी से उत्पन्न हुई एक शाखा है। इस पितृवंश की आर१ए, आर१बी और आर२ उपशाखाओं के पुरुष ज़्यादातर यूरोप, मध्य एशिया, पूर्वी एशिया, पश्चिमी एशिया, उत्तर अमेरिका और दक्षिण एशिया में पाए जाते हैं। इसकी आर१ शाखा के पुरुष उत्तर अमेरिका के कुछ आदिवासी समुदायों में भी पाए जाते हैं और विचार है के इनके पूर्वज शायद चंद हज़ार साल पहले ही साइबेरिया से उत्तर अमेरिकी उपमहाद्वीप पहुंचे थे। माना जाता है के मूल पितृवंश समूह आर जिस पुरुष के साथ आरम्भ हुआ वह आज से ३५,०००-४०,००० साल पहले मध्य एशिया या मध्य पूर्व का रहने वाला था। .

नई!!: पूर्वी एशिया और पितृवंश समूह आर · और देखें »

प्रमुख धार्मिक समूह

दुनिया के प्रमुख धर्म और आध्यात्मिक परम्पराओं को कुछ छोटे प्रमुख समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है, हालांकि यह किसी भी प्रकार से एकरूप परिपाटी नहीं है। 18 वीं सदी में यह सिद्धांत इस लक्ष्य के साथ शुरू किया गया कि समाज में गैर यूरोपीय सभ्यता के स्तर की पहचान हो। धर्मों की और अधिक व्यापक सूची और उनके मूल रिश्तों की रूपरेखा के लिए, कृपया धर्मों की सूची लेख देखें.

नई!!: पूर्वी एशिया और प्रमुख धार्मिक समूह · और देखें »

पैसिफ़िक रिम

नीले रंग की सीमा में पैसिफ़िक रिम। पैसिफ़िक रिम (अथवा प्रशान्त घेरा) प्रशांत महासागर के चारों तरफ का भूमि का घेरा है।  प्रशान्त घाटी में प्रशान्त घेरे और प्रशान्त महासागर के द्वीप शामिल हैं। प्रशान्त अग्नि वृत्त की भौगोलिक स्थिति और प्रशान्त घेरा एक दूसरे पर अतिव्याप्त हैं। .

नई!!: पूर्वी एशिया और पैसिफ़िक रिम · और देखें »

पूर्वी चीन सागर

पूर्वी चीन सागर का नक़्शा जापान के क्यूशू द्वीप के नागासाकी प्रान्त में स्थित सासेबो शहर से पूर्वी चीन सागर में डूबता सूरज पूर्वी चीन सागर पूर्वी एशिया के पूर्व में स्थित एक समुद्र है। यह प्रशांत महासागर का हिस्सा है और इसका क्षेत्रफल क़रीब १२,४९,००० वर्ग किमी (यानि ७,५०,००० वर्ग मील) है। इसके पश्चिम में चीन है, पूर्व में जापान के क्यूशू और नानसेई द्वीप हैं और दक्षिण में ताईवान है। पूर्वी चीन सागर की सबसे अधिक गहराई लगभग ३,००० मीटर है। चीन की सबसे लम्बी नदी यांगत्सी क्यांग बहकर इसी सागर में मिल जाती है।, Michael Pollard, Evans Brothers, 2003, ISBN 978-0-237-52638-2 .

नई!!: पूर्वी एशिया और पूर्वी चीन सागर · और देखें »

पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन

पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन दक्षिणी एशिया और पूर्वी एशिया के कुछ देशों का मंच है। प्रारम्भ में इसमें १६ देश सम्मिलित हुए। वर्ष २०११ के छठे सम्मेलन में संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस भी सम्मिलित हो गए। इस प्रकार इस मंच में १८ देश सम्मिलित है। इस मंच की वार्षिक मीटिंग में सदस्य देशों के प्रमुख नेता सम्मिलित होते हैं। .

नई!!: पूर्वी एशिया और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन · और देखें »

पूर्वी एशिया के नगर

इस लेख के लिए निम्नलिखित देशों को पूर्वी एशिया में माना गया है.

नई!!: पूर्वी एशिया और पूर्वी एशिया के नगर · और देखें »

बमा लोग

१८९० के दशक का एक बमा पति-पत्नी का युग्म सन् १९२० के काल की एक सुसज्जित बमा स्त्री रंगून के एक घर के बाहर नाट देवताओं के लिए बना एक छोटा सा मंदिर बमा (बर्मी भाषा: ဗမာလူမျိုး / बमा लूम्योः) या बर्मन बर्मा का सबसे बड़ा जातीय समूह है। बर्मा के के दो-तिहाई लोग इसी समुदाय के सदस्य हैं। बमा लोग अधिकतर इरावती नदी के जलसम्भर क्षेत्र में रहते हैं और बर्मी भाषा बोलते हैं। प्रायः म्यन्मा के सभी लोगों को 'बमा' कह दिया जाता हैं, जो सही नहीं है क्योंकि बर्मा में और भी जातियाँ रहती हैं। विश्व भर में देखा जाए तो बमा लोगों की कुल सँख्या सन् २०१० में लगभग ३ करोड़ की थी। .

नई!!: पूर्वी एशिया और बमा लोग · और देखें »

ब्लॉक मुद्रण

मध्य प्रदेश के बाग गाँव में हाथ से कपड़े पर पारम्परिक ब्लॉक मुद्रण कपड़े पर छपाई के लिये बना काठ का ठप्पा (भारत, लगभग १९०० ई, २२×१७×८ सेन्टीमीटर ब्लॉक मुद्रण या काष्ठब्लॉक मुद्रण (Woodblock printing), कपड़ों तथा कागज पर चित्र और पैटर्न छापने की छपाई की एक तकनीक है। यह प्राचीन काल में चीन में आरम्भ हुई तथा पूर्वी एशिया में आज भी बहुत प्रचलित है। श्रेणी:मुद्रण का इतिहास.

नई!!: पूर्वी एशिया और ब्लॉक मुद्रण · और देखें »

बौद्ध धर्म

बौद्ध धर्म भारत की श्रमण परम्परा से निकला धर्म और महान दर्शन है। इसा पूर्व 6 वी शताब्धी में बौद्ध धर्म की स्थापना हुई है। बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध है। भगवान बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में लुंबिनी, नेपाल और महापरिनिर्वाण 483 ईसा पूर्व कुशीनगर, भारत में हुआ था। उनके महापरिनिर्वाण के अगले पाँच शताब्दियों में, बौद्ध धर्म पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में फैला और अगले दो हजार वर्षों में मध्य, पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी जम्बू महाद्वीप में भी फैल गया। आज, हालाँकि बौद्ध धर्म में चार प्रमुख सम्प्रदाय हैं: हीनयान/ थेरवाद, महायान, वज्रयान और नवयान, परन्तु बौद्ध धर्म एक ही है किन्तु सभी बौद्ध सम्प्रदाय बुद्ध के सिद्धान्त ही मानते है। बौद्ध धर्म दुनिया का चौथा सबसे बड़ा धर्म है।आज पूरे विश्व में लगभग ५४ करोड़ लोग बौद्ध धर्म के अनुयायी है, जो दुनिया की आबादी का ७वाँ हिस्सा है। आज चीन, जापान, वियतनाम, थाईलैण्ड, म्यान्मार, भूटान, श्रीलंका, कम्बोडिया, मंगोलिया, तिब्बत, लाओस, हांगकांग, ताइवान, मकाउ, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया एवं उत्तर कोरिया समेत कुल 18 देशों में बौद्ध धर्म 'प्रमुख धर्म' धर्म है। भारत, नेपाल, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, रूस, ब्रुनेई, मलेशिया आदि देशों में भी लाखों और करोडों बौद्ध हैं। .

नई!!: पूर्वी एशिया और बौद्ध धर्म · और देखें »

मानसून

जब ITCZ(उष्ण कटिबंधीय संरक्षित क्षेत्र)से जब व्यापारिक एवं समाॅगी हवाये ऊपर की ओर कोरियोलिस बल के कारण भारत के राज्य केरल मे 2महिना 10दिन मे मानसून पहुंचता है जो कि यहां सबसे पहले सबसे बाद मे भी मानसून यही होता है लेकिन भारत मे सबसे ज्यादा मानसून मासिनराम(मेघालय) मे होती है जो कि वहा पर औषतन बरसात 11873मिमी॰ की होती है । तमिलनाडु के नागरकायल (कन्याकुमारी के पास) में मानसून के बादल मानसून मूलतः हिन्द महासागर एवं अरब सागर की ओर से भारत के दक्षिण-पश्चिम तट पर आनी वाली हवाओं को कहते हैं जो भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि में भारी वर्षा करातीं हैं। ये ऐसी मौसमी पवन होती हैं, जो दक्षिणी एशिया क्षेत्र में जून से सितंबर तक, प्रायः चार माह सक्रिय रहती है। इस शब्द का प्रथम प्रयोग ब्रिटिश भारत में (वर्तमान भारत, पाकिस्तान एवं बांग्लादेश) एवं पड़ोसी देशों के संदर्भ में किया गया था। ये बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से चलने वाली बड़ी मौसमी हवाओं के लिये प्रयोग हुआ था, जो दक्षिण-पश्चिम से चलकर इस क्षेत्र में भारी वर्षाएं लाती थीं। हाइड्रोलोजी में मानसून का व्यापक अर्थ है- कोई भी ऐसी पवन जो किसी क्षेत्र में किसी ऋतु-विशेष में ही अधिकांश वर्षा कराती है। यहां ये उल्लेखनीय है, कि मॉनसून हवाओं का अर्थ अधिकांश समय वर्षा कराने से नहीं लिया जाना चाहिये। इस परिभाषा की दृष्टि से संसार के अन्य क्षेत्र, जैसे- उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, उप-सहारा अफ़्रीका, आस्ट्रेलिया एवं पूर्वी एशिया को भी मानसून क्षेत्र की श्रेणी में रखा जा सकता है। ये शब्द हिन्दी व उर्दु के मौसम शब्द का अपभ्रंश है। मॉनसून पूरी तरह से हवाओं के बहाव पर निर्भर करता है। आम हवाएं जब अपनी दिशा बदल लेती हैं तब मॉनसून आता है।.

नई!!: पूर्वी एशिया और मानसून · और देखें »

मंगोल

चंगेज़ ख़ान एक पारम्परिक मंगोल घर, जिसे यर्त कहते हैं मंगोल मध्य एशिया और पूर्वी एशिया में रहने वाली एक जाति है, जिसका विश्व इतिहास पर गहरा प्रभाव रहा है। भारतीय उपमहाद्वीप में इस जाति को मुग़ल के नाम से जाना जाता था, जिस से मुग़ल राजवंश का नाम भी पड़ा। आधुनिक युग में मंगोल लोग मंगोलिया, चीन और रूस में वास करते हैं। विश्व भर में लगभग १ करोड़ मंगोल लोग हैं। शुरु-शुरु में यह जाति अर्गुन नदी के पूर्व के इलाकों में रहा करती थी, बाद में वह वाह्य ख़िन्गन पर्वत शृंखला और अल्ताई पर्वत शृंखला के बीच स्थित मंगोलिया पठार के आर-पार फैल गई। मंगोल जाति के लोग ख़ानाबदोशों का जीवन व्यतीत करते थे और शिकार, तीरंदाजी व घुड़सवारी में बहुत कुशल थे। १२वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में इसके मुखिया तेमूचीन ने तमाम मंगोल कबीलों को एक किया। .

नई!!: पूर्वी एशिया और मंगोल · और देखें »

मंगोल भाषा-परिवार

मोंगोल भाषाओँ का विस्तार मंगोल भाषाएँ (अंग्रेज़ी: Mongolic languages, मोंगोलिक लैग्वेजिज़) पूर्वी एशिया और मध्य एशिया में बोली जाने वाली भाषाओँ का एक भाषा-परिवार है। इसकी सब से नुमाया भाषा मंगोल भाषा है, जो मंगोलिया और चीन के भीतरी मंगोलिया प्रान्त के मंगोल समुदाय कि प्रमुख भाषा है और जिसे लगभग ५२ लाख लोग बोलते हैं। कुछ भाषावैज्ञानिकों के हिसाब से मंगोल भाषाएँ अल्ताई भाषा-परिवार की एक उपशाखा है। मंगोल के अलावा मंगोल भाषा-परिवार में कई अन्य भाषाएँ भी आती हैं, जैसे कि रूस के साइबेरिया क्षेत्र में बोली जाने वाली बुर्यात भाषा, चीन के चिंग हई प्रान्त में बोली जाने वाली कन्गजिआ भाषा और चीन के ही शिनजियांग प्रान्त में बोली जाने वाली दोंगशियांग भाषा।, Juha Janhunen, Psychology Press, 2003, ISBN 978-0-7007-1133-8 .

नई!!: पूर्वी एशिया और मंगोल भाषा-परिवार · और देखें »

राशिदून ख़िलाफ़त

रशीदुन खिलाफ; الخلافة الراشدية '‏‎: अल.

नई!!: पूर्वी एशिया और राशिदून ख़िलाफ़त · और देखें »

रक्त के प्रकार

रक्त प्रकार (जो रक्त समूह भी कहलाता है), लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) की सतह पर उपस्थित आनुवंशिक प्रतिजनी पदार्थों की उपस्थिति या अनुपस्थिति पर आधारित रक्त का वर्गीकरण है। ये प्रतिजन रक्त समूह तंत्र के आधार पर प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, ग्लाइकोप्रोटीन, या ग्लाइकोलिपिड होते हैं और कुछ प्रतिजन अन्य प्रकार के ऊतक की कोशिकाओं पर भी मौजूद हो सकते हैं इनमें से अनेक लाल रक्त कोशिकाओं की सतह के प्रतिजन, जो एक एलील (या बहुत नजदीकी से जुड़े हुआ जीन) से व्युत्पन्न होते हैं, सामूहिक रूप से एक रक्त समूह तंत्र बनाते हैं। रक्त के प्रकार वंशागत रूप से प्राप्त होते हैं और माता व पिता दोनों के योगदान का प्रतिनिधित्व करते हैं।अंतर्राष्ट्रीय रक्ताधन सोसाइटी (ISBT) के द्वारा अब कुल 30 मानव रक्त समूह तंत्रों की पहचान की जा चुकी है। बहुत गर्भवती महिलाओं में उपस्थित भ्रूण का रक्त समूह उनके अपने रक्त समूह से अलग होता है और मां भ्रूणीय लाल रक्त कोशिकाओं के विरुद्ध प्रतिरक्षियों का निर्माण कर सकती है। कभी कभी यह मातृ प्रतिरक्षी IgG होते हैं। यह एक छोटा इम्यूनोग्लोब्युलिन है, जो अपरा (प्लासेन्टा) को पार करके भ्रूण में चला जाता है और भ्रूणीय लाल रक्त कोशिकाओं के रक्त विघटन (हीमोलाइसिस) का कारण बन सकता है। जिसके कारण नवजात शिशु को रक्त अपघटन रोग हो जाता है, यहभ्रूणीय रक्ताल्पता की एक बीमारी है जो सौम्य से गंभीर हो सकती है। .

नई!!: पूर्वी एशिया और रक्त के प्रकार · और देखें »

लाल लिफ़ाफ़ा

लाल लिफ़ाफ़ा (अंग्रेज़ी: Red envelope, चीनी: 红包, कैंटोनी उच्चारण: लाइ सी, मैंडारिन उच्चारण: होंगबाओ) चीन और अन्य पूर्वी एशियाई व दक्षिणपूर्व एशियाई संस्कृतियों में त्यौहारों, जन्मदिनों, शादियों व अन्य विशेष दिनों पर दिए जाने वाले पैसे के उपहार को कहते हैं। यह पैसा अक्सर लाल रंग के लिफ़ाफ़ों में दिया जाता है। सन् २०१४ में "वी चैट" नामक मोबाइल ऐप्प ने पैसे भेजने की एक प्रणाली बनाई जिसमें पैसा मिलने वाले को लाल लिफ़ाफ़ा दिखता था और फिर उसमें से पैसे मिलते थे। .

नई!!: पूर्वी एशिया और लाल लिफ़ाफ़ा · और देखें »

सिंह (पशु)

सिंह (पेन्थेरा लियो) पेन्थेरा वंश की चार बड़ी बिल्लियों में से एक है और फेलिडे परिवार का सदस्य है। यह बाघ के बाद दूसरी सबसे बड़ी सजीव बिल्ली है, जिसके कुछ नरों का वजन २५० किलोग्राम से अधिक होता है। जंगली सिंह वर्तमान में उप सहारा अफ्रीका और एशिया में पाए जाते हैं। इसकी तेजी से विलुप्त होती बची खुची जनसंख्या उत्तर पश्चिमी भारत में पाई जाती है, ये ऐतिहासिक समय में उत्तरी अफ्रीका, मध्य पूर्व और पश्चिमी एशिया से गायब हो गए थे। प्लेइस्तोसेन के अंतिम समय तक, जो लगभग १०,००० वर्ष् पहले था, सिंह मानव के बाद सबसे अधिक व्यापक रूप से फैला हुआ बड़ा स्तनधारी, भूमि पर रहने वाला जानवर था। वे अफ्रीका के अधिकांश भाग में, पश्चिमी यूरोप से भारत तक अधिकांश यूरेशिया में और युकोन से पेरू तक अमेरिका में पाए जाते थे। सिंह जंगल में १०-१४ वर्ष तक रहते हैं, जबकि वे कैद मे २० वर्ष से भी अधिक जीवित रह सकते हैं। जंगल में, नर कभी-कभी ही दस वर्ष से अधिक जीवित रह पाते हैं, क्योंकि प्रतिद्वंद्वियों के साथ झगड़े में अक्सर उन्हें चोट पहुंचती है। वे आम तौर पर सवाना और चारागाह में रहते हैं, हालांकि वे झाड़ी या जंगल में भी रह सकते हैं। अन्य बिल्लियों की तुलना में सिंह आम तौर पर सामाजिक नहीं होते हैं। सिंहों के एक समूह जिसे अंग्रेजी मे प्राइड कहॉ जाता में सम्बन्धी मादाएं, बच्चे और छोटी संख्या में नर होते हैं। मादा सिंहों का समूह प्रारूपिक रूप से एक साथ शिकार करता है, जो अधिकांशतया बड़े अनग्युलेट पर शिकार करते हैं। सिंह शीर्ष का और कीस्टोन शिकारी है, हालांकि वे अवसर लगने पर मृतजीवी की तरह भी भोजन प्राप्त कर सकते हैं। सिंह आमतौर पर चयनात्मक रूप से मानव का शिकार नहीं करते हैं, फिर भी कुछ सिंहों को नर-भक्षी बनते हुए देखा गया है, जो मानव शिकार का भक्षण करना चाहते हैं। सिंह एक संवेदनशील प्रजाति है, इसकी अफ्रीकी रेंज में पिछले दो दशकों में इसकी आबादी में संभवतः ३० से ५० प्रतिशत की अपरिवर्तनीय गिरावट देखी गयी है। ^ डाटाबेस प्रवेश में एस बात का एक लंबा औचित्य सम्मिलित है कि यह प्रजाति संवेदनशील क्यों है। क्यों इस प्रजाति की दुर्दशा का एक भी सम्मिलित है सिंहों की संख्या नामित सरंक्षित क्षेत्रों और राष्ट्रीय उद्यानों के बहार अस्थिर है। हालांकि इस गिरावट का कारण पूरी तरह से समझा नहीं गया है, आवास की क्षति और मानव के साथ संघर्ष इसके सबसे बड़े कारण हैं। सिंहों को रोमन युग से पिंजरे में रखा जाता रहा है, यह एक मुख्य प्रजाति रही है जिसे अठारहवीं शताब्दी के अंत से पूरी दुनिया में चिडिया घर में प्रदर्शन के लिए रखा जाता रहा है। खतरे में आ गयी एशियाई उप प्रजातियों के लिए पूरी दुनिया के चिड़ियाघर प्रजनन कार्यक्रमों में सहयोग कर रहे हैं। दृश्य रूप से, एक नर सिंह अति विशिष्ट होता है और सरलता से अपने अयाल (गले पर बाल) द्वारा पहचाना जा सकता है। सिंह, विशेष रूप से नर सिंह का चेहरा, मानव संस्कृति में सबसे व्यापक ज्ञात जंतु प्रतीकों में से एक है। उच्च पाषाण काल की अवधि से ही इसके वर्णन मिलते हैं, जिनमें लॉसकाक्स और चौवेत गुफाओं की व नक्काशियां और चित्रकारियां सम्मिलित हैं, सभी प्राचीन और मध्य युगीन संस्कृतियों में इनके प्रमाण मिलते हैं, जहां ये ऐतिहासिक रूप से पाए गए। राष्ट्रीय ध्वजों पर, समकालीन फिल्मों और साहित्य में चित्रकला में, मूर्तिकला में और साहित्य में इसका व्यापक वर्णन पाया जाता है। .

नई!!: पूर्वी एशिया और सिंह (पशु) · और देखें »

सुनहरी मछली (गोल्डफिश)

सुनहरी मछली (कारासिउस औराटस औराटस) साईप्रिनीफॉर्म्स के क्रम में साईप्रिनीडाई के परिवार में एक ताजे पानी की मछली है। यह पालतू बनाए जाने वाली सबसे पहली मछली है और सबसे अधिक रखे जाने वाली एक्वैरियम मछली है। यह कार्प परिवार का एक अपेक्षाकृत छोटा सदस्य है (जिसमें कोई कार्प और कृसिय्न कार्प भी शामिल है), सुनहरी मछली गहरे-ग्रे/जैतूनी/भूरे कार्प का एक पालतू संस्करण है (करासिय्स औराटस) जो पूर्वी एशिया के मूल निवासी है (प्रथम बार चीन में पाले गए) और जिसकी पहचान यूरोप में 17वीं सदी के पूर्वार्ध में हुई.

नई!!: पूर्वी एशिया और सुनहरी मछली (गोल्डफिश) · और देखें »

सुभाष चन्द्र बोस

सुभाष चन्द्र बोस (बांग्ला: সুভাষ চন্দ্র বসু उच्चारण: शुभाष चॉन्द्रो बोशु, जन्म: 23 जनवरी 1897, मृत्यु: 18 अगस्त 1945) जो नेता जी के नाम से भी जाने जाते हैं, भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणी नेता थे। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ने के लिये, उन्होंने जापान के सहयोग से आज़ाद हिन्द फौज का गठन किया था। उनके द्वारा दिया गया जय हिन्द का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया है। "तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा" का नारा भी उनका था जो उस समय अत्यधिक प्रचलन में आया। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि जब नेता जी ने जापान और जर्मनी से मदद लेने की कोशिश की थी तो ब्रिटिश सरकार ने अपने गुप्तचरों को 1941 में उन्हें ख़त्म करने का आदेश दिया था। नेता जी ने 5 जुलाई 1943 को सिंगापुर के टाउन हाल के सामने 'सुप्रीम कमाण्डर' के रूप में सेना को सम्बोधित करते हुए "दिल्ली चलो!" का नारा दिया और जापानी सेना के साथ मिलकर ब्रिटिश व कामनवेल्थ सेना से बर्मा सहित इम्फाल और कोहिमा में एक साथ जमकर मोर्चा लिया। 21 अक्टूबर 1943 को सुभाष बोस ने आजाद हिन्द फौज के सर्वोच्च सेनापति की हैसियत से स्वतन्त्र भारत की अस्थायी सरकार बनायी जिसे जर्मनी, जापान, फिलीपींस, कोरिया, चीन, इटली, मान्चुको और आयरलैंड ने मान्यता दी। जापान ने अंडमान व निकोबार द्वीप इस अस्थायी सरकार को दे दिये। सुभाष उन द्वीपों में गये और उनका नया नामकरण किया। 1944 को आजाद हिन्द फौज ने अंग्रेजों पर दोबारा आक्रमण किया और कुछ भारतीय प्रदेशों को अंग्रेजों से मुक्त भी करा लिया। कोहिमा का युद्ध 4 अप्रैल 1944 से 22 जून 1944 तक लड़ा गया एक भयंकर युद्ध था। इस युद्ध में जापानी सेना को पीछे हटना पड़ा था और यही एक महत्वपूर्ण मोड़ सिद्ध हुआ। 6 जुलाई 1944 को उन्होंने रंगून रेडियो स्टेशन से महात्मा गांधी के नाम एक प्रसारण जारी किया जिसमें उन्होंने इस निर्णायक युद्ध में विजय के लिये उनका आशीर्वाद और शुभकामनायें माँगीं। नेताजी की मृत्यु को लेकर आज भी विवाद है। जहाँ जापान में प्रतिवर्ष 18 अगस्त को उनका शहीद दिवस धूमधाम से मनाया जाता है वहीं भारत में रहने वाले उनके परिवार के लोगों का आज भी यह मानना है कि सुभाष की मौत 1945 में नहीं हुई। वे उसके बाद रूस में नज़रबन्द थे। यदि ऐसा नहीं है तो भारत सरकार ने उनकी मृत्यु से सम्बंधित दस्तावेज़ अब तक सार्वजनिक क्यों नहीं किये? 16 जनवरी 2014 (गुरुवार) को कलकत्ता हाई कोर्ट ने नेताजी के लापता होने के रहस्य से जुड़े खुफिया दस्तावेजों को सार्वजनिक करने की माँग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के लिये स्पेशल बेंच के गठन का आदेश दिया। .

नई!!: पूर्वी एशिया और सुभाष चन्द्र बोस · और देखें »

स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय

लेलैंड स्टैनफोर्ड जूनियर विश्वविद्यालय, जिसे सामान्यतः स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय या स्टैनफोर्ड के रूप में संदर्भित किया जाता है, एक निजी अनुसंधान विश्वविद्यालय है, जो स्टैनफोर्ड, केलिफोर्निया, संयुक्त राज्य अमेरिका, में स्थित है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना 1891 में कैलिफोर्निया के रेलरोड व्यवसायी लेलैंड स्टैनफोर्ड द्वारा की गई जिसका नामकरण उनके मृत बेटे के नाम पर किया गया.

नई!!: पूर्वी एशिया और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय · और देखें »

हालाशास्त्र

हालाशास्त्र (oenology, ओएनोलोजी) हाला (वाइन) और इसके उत्पादन के अध्ययन को कहते हैं। यह द्राक्षाकृषि (विटिकल्चर) से भिन्न है जिसमें अंगूरों की कृषि का अध्ययन करा जाता है। यूरोप, उत्तर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया व पूर्वी एशिया के कई संस्थानों में हालाशास्त्र का प्रशिक्षण दिया जाता है। .

नई!!: पूर्वी एशिया और हालाशास्त्र · और देखें »

जापानी बटेर

जापानी बटेर (Japanese quail या coturnix quail) (Coturnix japonica) बटेर कुल का एक पक्षी है। यह पूर्वी एशिया में प्रजनन करता है जिसमें उत्तरी मंगोलिया, रूस के साख़ालिन, बायकाल और वितिम इलाके, पूर्वोत्तर चीन, जापान, उत्तरी कोरिया तथा दक्षिणी कोरिया शामिल हैं। कुछ संख्या जापान से प्रवास नहीं करती है लेकिन अधिकतर पक्षी सर्दियों में दक्षिण में दक्षिणी चीन, लाओस, वियतनाम, कंबोडिया, म्यानमार, भूटान और पूर्वोत्तर भारत की ओर प्रवास कर जाते हैं। जिन जगहों पर इस पक्षी का मूल निवास है, या प्रचलित किया गया है अथवा यदा-कदा मिलता है वह इस प्रकार हैं:-.

नई!!: पूर्वी एशिया और जापानी बटेर · और देखें »

वर्ण स्मृतिलोप

चीनी, जापानी आदि पूर्वी एशिया की भाषाओं के अनुभवी वक्ता भी कुछ स्थितियों में इन लिपियों के वर्णों को लिखने की विधि भूलने लगते हैं जिसे वर्ण स्मृतिभ्रंश या वर्ण स्मृतिलोप (Character amnesia) कहते हैं। यह परिघटना विशेष रूप से इन्पुट विधि (Input method) का प्रयोग करने वालों में अधिक पायी जाती है जो रोमन वर्णों की सहायता से इन लिपियों को लिखते-लिखते हाथ से उन वर्णों को लिखने की क्षमता खो देते हैं। चीन और जापान में यह एक गम्भीर समस्या मानी जाने लगी है। यह समस्या चीनी, जापानी आदि लिपियों के साथ इसलिये जुड़ी हुई है कि इनके वर्णों की संख्या हजारों में है जिन्हें बहुत परिश्रम करके बच्चों को रटाया जाता है। इसलिये अभ्यास छूटने पर इनके लिखने की विधि भूलने की बहुत अधिक सम्भावना होती है। चीनी वर्ण सैकड़ों आम-आधारों (common radicals) और सैकड़ों ध्वन्यात्मक अवयवों के उपर 8 से लेकर 11 स्ट्रोक लगाकर बनाये जाते हैं। कुछ वर्ण बहुत जटिल होते हैं जिन्हें सीखने में बहुत दिमाग खपाना और परिश्रम करना पड़ता है। यदि लगातार हाथ से लिखकर अभ्यास न किया जाय तो इन्हें भूलने की सम्भावना बहुत अधिक होती है। यह कहना कठिन है कि वर्तमान में कितने चीनी वर्ण उपयोग किये जाते हैं। नवीन एचएसके (HSK) नामक मानक चीनी दक्षता परीक्षा में 2,600 से अधिक विभिन्न वर्णों की जाँच की जाती है। इसी तरह 1988 में चीन ने आधुनिक चीनी में आमतौर पर प्रयुक्त वर्णों की जो सूची प्रकाशित की थी उसमें 7,000 से अधिक वर्ण थे। जापान में इससे कुछ कम वर्न उपयोग में लाये जाते हैं। जापान के शिक्षा मंत्रालय प्राइमरी और माध्यमिक विद्यालयों में 2,136 कंजी वर्ण सिखाये जाने की अनुशंशा करता है। श्रेणी:चीनी लिपि श्रेणी:चीनी भाषा की कम्प्यूटरी श्रेणी:स्मृति प्रक्रिया.

नई!!: पूर्वी एशिया और वर्ण स्मृतिलोप · और देखें »

विश्व में बौद्ध धर्म

बौद्ध धर्म विश्व के प्रमुख धर्मों में से एक है, और इसके संस्थापक गौतम बुद्ध (ईसवी पूर्व ५६३ - ईसवी पूर्व ४८३) थे। विश्व में करीब १९२ करोड़ (२८.७८%) लोक बौद्ध धर्म को माननेवाले है। दुसरे सर्वेक्षण के अनुसार १.६ अरब से १.८ अरब लोक (२३% से २५%) प्रतिनिधित्व बौद्ध करते है। बौद्ध धर्म एक धर्म और दर्शन है। संसार में ईसाई धर्म धर्म के बाद सबसे अधिक बौद्ध धर्म के ही अनुयायि पाये जाते। हालांकि कुछ सर्वेक्षणों के अनुसार बौद्ध धर्म आबादी ४८.८ करोड़ से ५३.५ करोड़ (विश्व की जनसंख्या में ९% से १०%) भी बताई जाती है। विश्व के सभी महाद्विपों में बौद्ध धर्म के अनुयायि रहते है। बौद्ध धर्म दुनिया का पहला विश्व धर्म है, जो अपने जन्मस्थान से निकलकर विश्व में दूर दूर तक फैला। आज दुनिया में बौद्ध धर्म की आबादी हिन्दू धर्म से अधिक और इस्लाम धर्म के बराबर या इस्लाम धर्म से भी अधिक है। भारत में बौद्ध धर्म अल्पसंख्यक है, जबकि भारत में इस विश्व धर्म का उदय हुआ था। परंतु एशिया में बौद्ध धर्म प्रमुख धर्म बना रहा। २०१० में १.०७ अरब से १.२२ अरब जनसंख्या के साथ चीन बौद्धों की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है, चीन की कुल आबादी में ८०% से ९१% बौद्ध अनुयायि है। ज्यादातर चीनी बौद्ध महायान सम्प्रदाय के अनुयायि है। दुनिया की ६५% से ७०% बौद्ध आबादी चीन में रहती है। .

नई!!: पूर्वी एशिया और विश्व में बौद्ध धर्म · और देखें »

विश्व में हिन्दू धर्म

विश्व की कुल आबादी में लगभग 23% हिन्दू धर्म के अनुयायी लोग हैं। जनसंख्या प्रतिशत के आधार पर नेपाल पहले स्थान पर है और उसके बाद भारत और मॉरिशस का स्थान आता है। .

नई!!: पूर्वी एशिया और विश्व में हिन्दू धर्म · और देखें »

विश्व आर्थिक मंच

विश्व आर्थिक फोरम स्विट्ज़रलैंड में स्थित एक गैर-लाभकारी संस्था है। इसका मुख्यालय जिनेवा में है। स्विस अधिकारीयों द्वारा इसे एक निजी-सार्वजनिक सहयोग के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था के रूप में मान्यता प्राप्त हुई है। इसका मिशन विश्व के व्यवसाय, राजनीति, शैक्षिक और अन्य क्षेत्रों में अग्रणी लोगों को एक साथ ला कर वैशविक, क्षेत्रीय और औद्योगिक दिशा तय करना है। .

नई!!: पूर्वी एशिया और विश्व आर्थिक मंच · और देखें »

वैश्विक मंदी

वैश्विक मंदी विश्वव्यापी आर्थिक मंदी की अवधि है। वैश्विक मंदी की परिभाषा करते समय, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) कई कारकों को ध्यान में रखता है, पर उसके कथनानुसार 3 प्रतिशत या उससे कम का वैश्विक आर्थिक विकास, "वैश्विक मंदी के बराबर है".

नई!!: पूर्वी एशिया और वैश्विक मंदी · और देखें »

वेसक

वेसक (पालि: वेसाख, वैशाख) एक उत्सव है जो विश्व भर के बौद्धों एवं अधिकांश हिन्दुओं द्वारा मनाया जाता है। यह उत्सव बुद्धपूर्णिमा को मनाया जाता है जिस दिन गौतम बुद्ध का जन्म और निर्वाण हुआ था तथा इसी दिन उन्हें बोधि की प्राप्ति हुई थी। विभिन्न देशों के पंचांग के अनुसार बुद्धपूर्णिमा अलग-अलग दिन पड़ता है। भारत में वर्ष २०१८ में ३० अप्रैल को बुद्ध पूर्णिमा मनाई गई। विभिन्न देशों में इस पर्व के अलग-अलग नाम हैं। उदाहरण के लिए, हांग कांग में इसे बुद्ध जन्मदिवस कहा जाता है, इण्डोनेशिया में 'वैसक' दिन कहते हैं, सिंगापुर में 'वेसक दिवस' और थाइलैण्ड में 'वैशाख बुच्छ दिन' कहते हैं। .

नई!!: पूर्वी एशिया और वेसक · और देखें »

गोज़न

गोज़न (अंग्रेज़ी: एल्क) (Cervus canadensis - सर्वस कैनेडेंसिस) दुनिया में हिरण परिवार में पाई जाने वाली सबसे बड़ी प्रजातियों में से एक हैं, तथा उत्तरी अमेरिका और पूर्वी एशिया में सबसे बड़े भूमि स्तनधारियों में.

नई!!: पूर्वी एशिया और गोज़न · और देखें »

आइनू लोग

अपने परम्परागत परिधान में कुछ आइनू लोग एक आइनू पुरुष (सन् 1880 में खींची गई तस्वीर) आइनू (जापानी: アイヌ) जापान के उत्तरी भाग और रूस के सुदूर पूर्वी भाग में बसने वाली एक जनजाति है। यह होक्काइडो द्वीप, कुरिल द्वीपसमूह और साख़ालिन द्वीप पर रहते हैं। समय के साथ-साथ इन्होने जापानी लोगों से शादियाँ कर लीं हैं और उनमें मिश्रित हो चुके हैं। इस वजह से इनकी संख्या का सही अनुमान लगा पाना कठिन है। अंदाज़ा लगाया जाता है कि विश्व में 25,000 से 2,00,000 के बीच आइनू रहते हैं।Poisson, B. 2002, The Ainu of Japan, Lerner Publications, Minneapolis, p.5.

नई!!: पूर्वी एशिया और आइनू लोग · और देखें »

काश्गर

ईद गाह मस्जिद, काशगर काश्गर, कशगार, काशगुर या काशी (उईगुर:, चीनी: 喀什, फारसी) मध्य एशिया में चीन के शिनजियांग प्रांत के पश्चिमी भाग में स्थित एक नख़लिस्तान (ओएसिस) शहर है, जिसकी जनसंख्या लगभग ३,५०,००० है। काश्गर शहर काश्गर विभाग का प्रशासनिक केंद्र है जिसका क्षेत्रफल १,६२,००० किमी² और जनसंख्या लगभग ३५ लाख है। काश्गर शहर का क्षेत्रफल १५ किमी² है और यह समुद्र तल से १,२८९.५ मीटर (४,२८२ फ़ुट) की औसत ऊँचाई पर स्थित है। यह शहर चीन के पश्चिमतम क्षेत्र में स्थित है और तरीम बेसिन और तकलामकान रेगिस्तान दोनों का भाग है, जिस वजह से इसकी जलवायु चरम शुष्क है।, S. Frederick Starr, M.E. Sharpe, 2004, ISBN 978-0-7656-1318-9 पुराकाल से ही काश्गर व्यापार तथा राजनीति का केंद्र रहा है और इसके भारत से गहरे सांस्कृतिक, धार्मिक और व्यापारिक सम्बन्ध रहे हैं। भारत से शिनजियांग का व्यापार मार्ग लद्दाख़ के रस्ते से काश्गर जाया करता था।, Prakash Charan Prasad, Abhinav Publications, 1977, ISBN 978-81-7017-053-2 ऐतिहासिक रेशम मार्ग की एक शाखा भी, जिसके ज़रिये मध्य पूर्व, यूरोप और पूर्वी एशिया के बीच व्यापार चलता था, काश्गर से होकर जाती थी। काश्गर अमू दरिया वादी से खोकंद, समरकंद, अलमाटी, अक्सू, और खोतान मार्गो के बीच स्थित है। .

नई!!: पूर्वी एशिया और काश्गर · और देखें »

कोरियाई प्रायद्वीप

कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्वी एशिया का एक प्रायद्वीप है। यह एशिया महाद्वीप से १,१०० किमी दक्षिण प्रशांत महासागत की ओर बढ़ता है। इसके पूर्व में जापान सागर, पश्चिम में पीला सागर और दक्षिण में कोरिया जलसंधि है। .

नई!!: पूर्वी एशिया और कोरियाई प्रायद्वीप · और देखें »

अवतंसक सूत्र

अवतंसकसूत्र या महावैपुल्यबुद्धावतंसकसूत्र, पूर्वी एशियाई बौद्ध देशों में प्रचलित सर्वाधिक प्रभावशाली महायान सूत्र है। .

नई!!: पूर्वी एशिया और अवतंसक सूत्र · और देखें »

अग्निशस्त्र

अग्निशस्त्र (firearm, फ़ायर-आर्म) हाथों में उठाकर चला सकने वाली बन्दूक को कहते हैं। यह एक नलीदार शस्त्र होता है जो धमाके के साथ एक या एक से अधिक गोलियाँ या अन्य प्रक्षेप्य (प्रोजेक्टाइल) किसी मनचाहे निशाने की ओर तीव्र गति से चला देता है। अग्निशस्त्रों का आविष्कार १३वीं शताब्दी ईसवी में चीन में हुआ था लेकिन वे धीरे-धीरे पूर्वी एशिया, भारतीय उपमहाद्वीप, मध्य एशिया, मध्य पूर्व और यूरोप में फैल गये। पुराने ज़माने में काले रंग का बारूद नोदक के लिये प्रयोग होता था लेकिन आधुनिक काल में बिना धुएँ वाले विस्फोटक पाउडर प्रयोग होने लगे। .

नई!!: पूर्वी एशिया और अग्निशस्त्र · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

पूर्वी एशियाई

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »