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पूर्व

सूची पूर्व

east direction पूर्ण ब्रहामाण्ड को शुन्य माना गया है। शुन्या की आकृति ३६० अंश होकर गोलकार है। यहि नहीं इस अकाश म्ंड्ल में जितने भी गृह है वह लगभग गोल ही है। हमारी पृथ्वी भी गोलकार है। अगर गोलाकार है तो इसका आरम्भ कहां से होगा यह एक बहुत बड़ा प्रशन है जिसका उतर हितचिंतक एस्टरोलोजिकल इंस्टीयट के अनुसन्धान केन्द्र में प्रचार्या विकास ग्रोवर एव्ं डा;सनिया गर्ग के साथ अन्य सह्योगियो के मनन से मत इस प्रकार है कि- दिशा ग्यान को पुरातण वास्तु शास्त्रो में अति महत्वपूर्ण मान गया है।इसके बोध के बिना निर्माण को कुल्नाश तक घातक बताया गया है। अर्थात: श्ंडकु को स्थापित कर संक्राति के अनुसार इसकी छाया को राशि में प्रवेश के स्थान पर चिन्हित कर भुखन्ड पर भवन बनाने वालो के लिये भविषवानिययो का विवरण भी प्रपात होता है परन्तु समतय अनुसार इस विधि में कम्पास से धरती के चुम्वभकिया क्षेत्र प्रभाव का आंकलण आसान होने के कारण शंड्कु स्थपना क प्रचलण लगभग बन्द हो गया है। वास्तु में शंड्कु स्थापित कर दिशा क बेह्द विस्तृत एवं व्यापक अर्थ है।इन चिन्हो द्वारा भुमि के प्रभावित होने वाले खण्डोपर प्राभाव कर परीक्षण तथा शोधन करने के उपारान्त ही उसके ऊपर किये जाने वाले निर्माण आदि क निर्णय किय जात रहा है। Bold textपूर्व दिशा को अगर सधारण्त:देखे तो यह २२।५ अंश ईशान की ओर तथा २२।५ अंश अग्नेय की ओर कुल ४५ अंश होती है। एक कम्पास गुलाब पूर्व भूगोल में एक दिशा है।यह एक के चार प्रमुख दिशा में से एक है ओं या अंक, पश्चिम के विपरीत कम्पास और सही कोण उत्तर और दक्षिण के लिए हैं।पूर्व की ओर, जो पृथ्वी अपने अक्ष के बारे में rotates दिशा है और इसलिए जिसमें से सूर्य की वृद्धि करने के लिए प्रकट होता है जो सामान्य दिशा है। हालांकि, सूरज के खगोल विज्ञान में पूर्व की ओर विपरीत दिशा में रोटेशन के संबंध में है, तो यह जो से rotates दिशा है परिभाषित किया गया है। .

37 संबंधों: चाड, चविंडह, चौसिंगा, टोगो पहाड़ियाँ, एशियाई हाथी, एकलिंगजी, डुमराँव, दाहिना, दिशा, दक्षिण, दक्षिण-पूर्व, दक्कन उद्भेदन, देहरादून जिला, परशुराम कुंड, पश्चिम, पाञ्चाल, प्रतापगढ़, राजस्थान, पैरी नदी, पूर्वी भारत, बिल गोल्‍डबर्ग, बृहस्पति (ज्योतिष), मांडलगढ़, मेसोअमेरिकी, रोटी, सटन बरो, संख्यावाची विशिष्ट गूढ़ार्थक शब्द, सैन होज़े, कैलिफोर्निया, सूर्य मंदिर, प्रतापगढ़, हल्क होगन, वायकॉम 18, वाराणसी, वॉल स्ट्रीट, वॉल स्ट्रीट पर कब्जा करो, कर्क रेखा, कान सिंह परिहार, काशी का विस्तार, कैलगरी

चाड

चाड, जिसे त्शाद भी उच्चारित किया जाता है, अफ्रीका में स्थित एक स्थलरुद्ध देश है। इसके उत्तर में लीबिया, दक्षिण में मध्य अफ़्रीकी गणराज्य, पूर्व में सूडान और पश्चिम में नाइजर, नाइजीरिया और कैमरून हैं। यह देश तीन विभिन्न भौगोलिक प्रांतों में बँटा हुआ है। उत्तरी इलाका रेगिस्तानी है जो कि सहारा का भाग है, मध्य का इलाका साहेल है और दक्षिणी भाग सवाना है। चाड झील, जिससे देश को नाम मिला है, चाड का सबसे बड़ा दलदली इलाका है और अफ़्रीका का दूसरा सबसे बड़ा। इसका सबसे बड़ा शहर अन्' ड्जमेना है जो कि इसकी राजधानी भी है। इस्लाम और इसाई धर्म सबसे प्रचलित धर्म हैं, हालाँकि करीब १५% जनसंख्या जीववादी और नास्तिक भी है। अरबी और फ़्रेन्च यहाँ की आधिकारिक भाषाएं हैं। चाड असफल देशों (Failed state) में से एक और दुनिया के सबसे भ्रष्ट देशों में से एक है। .

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चविंडह

चविंडह (Chawinda) पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के शहर है जो जिला सियालकोट में स्थित है। 1965 के भारत-पाक युद्ध में चविंडह के मोर्चे पर बड़ी संख्या में टैंक के विनाश के कारण उसे "टैंकों का कब्रिस्तान" भी कहा जाता है। इस पसरूर के उत्तर और सियालकोट के दक्षिण पूर्व में स्थित है। .

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चौसिंगा

चौसिंगा, जिसे अंग्रेज़ी में Four-horned Antelope कहते हैं, एक छोटा बहुसिंगा है। यह टॅट्रासॅरस प्रजाति में एकमात्र जीवित जाति है और भारत तथा नेपाल के खुले जंगलों में पाया जाता है। चौसिंगा एशिया के सबसे छोटे गोकुलीय प्राणियों में से हैं। .

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टोगो पहाड़ियाँ

टोगो पहाड़ियाँ (Togo Mountains) अफ़्रीका के पश्चिमी भाग में स्थित टोगो देश में एक पर्वतमाला है जो उस देश के मध्य से गुज़रती है और पूर्व में बेनिन देश और पश्चिम में घाना देश में भी जाती हैं। घाना में यह पहाड़ियाँ अक्वापिम पहाड़ (Akwapim Hills) और बेनिन में आताकोरा पहाड़ (Atakora Mountains) के नाम से जानी जाती हैं। भूतकाल में अफ़्रीकी जंगली कुत्ता इस पर्वतमाला में रहता था लेकिन अब उसे इस भूभाग से खदेड़ा जा चुका है। .

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एशियाई हाथी

एशियाई हाथी ऍलिफ़स प्रजाति की एकमात्र जीवित जाति है जो पश्चिम में भारत से लेकर पूर्व में बोर्नियो द्वीप तक पाया जाता है। इसकी तीन उपजातियाँ पहचानी जाती हैं —ऍलिफ़स मॅक्सिमस मॅक्सिमस श्रीलंका में, भारतीय हाथी (ऍलिफ़स मॅक्सिमस इन्डिकस) एशियाई मुख्यभूमि में, तथा ऍलिफ़स मॅक्सिमस सुमात्रेनस इंडोनीशिया के सुमात्रा द्वीप में। एशिया में यह ज़मीन का सबसे बड़ा जीवित प्राणी है। सन् १९८६ ई. से आइ.यू.सी.ऍन. ने इसे विलुप्तप्राय जाति की सूचि में डाला है क्योंकि पिछली तीन पीढ़ियों (क़रीब ६० से ७५ वर्ष) से इसकी आबादी में ५० प्रतिशत की गिरावट पायी गई है। यह जाति वस्तुतः आवासीय क्षेत्र की कमी, अधःपतन तथा विखण्डन का शिकार हुई है।सन् २००३ ई. में इसकी जंगली आबादी ४१,४१० तथा ५२,३४५ के बीच आंकी गई थी। एशियाई हाथी दीर्घायु होते हैं; सबसे लम्बी आयु ८६ वर्ष की दर्ज की गई है। सदियों से इस जानवर को दक्षिणी तथा दक्षिण पूर्वी एशिया में पालतू बनाया गया है तथा इसका विभिन्न प्रकार से उपयोग किया गया है। प्राचीन भारत में इसको घोड़ों की तरह सेना में प्रयोग किया जाता था। इसको धार्मिक जुलूसों में भी इसतेमाल किया जाता है। आधुनिक काल में इसे जंगल से पेड़ों के लट्ठे ढोने के काम में लाया जाता है। इसको पर्यटकों को, तथा राष्ट्रीय उद्यानों में सवारी कराने में भी इस्तेमाल किया जाता है।जंगली हाथियों को देखने के लिए विदेशी पर्यटक उन जगहों में आते हैं जहाँ उनके दिखने की सबसे ज़्यादा संभावना होती है;इससे राज्य को आमदनी भी होती है, लेकिन ऐसी जगहें ख़तरनाक होती हैं क्योंकि जंगली हाथी क़ाफ़ी आक्रामक होते हैं और मनुष्य की उपस्थिति में भगदड़ मचाते हैं जिससे खेती को क़ाफ़ी नुकसान होता है और ऐसी अवस्था में हाथी गाँवों में घुसकर जान-माल को नुकसान पहुँचाते हैं। .

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एकलिंगजी

एकलिंग राजस्थान के उदयपुर जिले में स्थित एक मंदिर परिसर है। यह स्थान उदयपुर से लगभग १८ किमी उत्तर में दो पहाड़ियों के बीच स्थित है। वैसे उक्त स्थान का नाम 'कैलाशपुरी' है परन्तु यहाँ एकलिंग का भव्य मंदिर होने के कारण इसको एकलिंग जी के नाम से पुकारा जाने लगा। भगवान शिव श्री एकलिंग महादेव रूप में मेवाड़ राज्य के महाराणाओं तथा अन्य राजपूतो के प्रमुख आराध्य देव रहे हैं।मान्यता है कि यहाँ में राजा तो उनके प्रतिनिधि मात्र रूप से शासन किया करते हैं। इसी कारण उदयपुर के महाराणा को दीवाण जी कहा जाता है।ये राजा किसी भी युद्ध पर जाने से पहले एकलिंग जी की पूजा अर्चना कर उनसे आशीष अवश्य लिया करते थे। यहाँ मन्दिर परिसर के बाहर मन्दिर न्यास द्वारा स्थापित एक लेख के अनुसार डूंगरपुर राज्य की ओर से मूल बाणलिंग के इंद्रसागर में प्रवाहित किए जाने पर वर्तमान चतुर्मुखी लिंग की स्थापना की गई थी। इतिहास बताता है कि एकलिंग जी को ही को साक्षी मानकर मेवाड़ के राणाओं ने अनेक बार यहाँ ऐतिहासिक महत्व के प्रण लिए थे। यहाँ के महाराणा प्रताप के जीवन में अनेक विपत्तियाँ आईं, किन्तु उन्होंने उन विपत्तियों का डटकर सामना किया। किन्तु जब एक बार उनका साहस टूटने को हुआ था, तब उन्होंने अकबर के दरबार में उपस्थित रहकर भी अपने गौरव की रक्षा करने वाले बीकानेर के राजा पृथ्वी राज को, उद्बोधन और वीरोचित प्रेरणा से सराबोर पत्र का उत्तर दिया। इस उत्तर में कुछ विशेष वाक्यांश के शब्द आज भी याद किये जाते हैं: .

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डुमराँव

डुमराँव (अंग्रेजी: Dumraon, دُمراوں) पहले भोजपुर रियासत का एक प्रसिद्ध गाँव हुआ करता था। बिहार के नये परिसीमन के अनुसार अब यह गाँव बक्सर जिले में पड़ता है। अब यह गाँव न रहकर बक्सर जिले का एक प्रसिद्ध शहर बन चुका है जिसकी अपनी नगरपालिका है। हिन्दुस्तान के मशहूर शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्ला ख़ाँ का जन्म इसी गाँव की भिरंग राउत की गली में 21 मार्च 1916 को हुआ था। .

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दाहिना

4 प्रमुख दिशाएँ होती हैं पूरब, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण। अगर हम पूरब की ओर मुँह कर का खड़े हों तो पीठ की ओर पीछे पश्चिम दाहिने हाथ की ओर दक्षिण और बाएँ हाथ की ओर उत्तर दिशा होती है। ये भौगोलिक दिशाएँ हैं। सामान्य रूप से दैनिक जीवन में हम 6 दिशाओं का प्रयोग करते हैं। ये दिशाएँ हैं आगे, पीछे, ऊपर, नीचे, दाएँ और बाएँ। हमारे मुंह की ओर सामने, पीठ की ओर पीछे, सिर की ओर ऊपर पैर की ओर नीचे उत्तर की ओर बाईँ और दक्षिण की ओर दाहिनी दिशा होती है। दाहिना शब्द की उत्पत्ति भी दक्षिण से ही हुई है। श्रेणी:दिशाएँ.

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दिशा

हिन्दू धर्म के अनुसार मुख्य दिशायें चार हैं - पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण.

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दक्षिण

कुतुबनुमा-दक्षिण को इंगित करता दिशाकमल दक्षिण कुतुबनुमा द्वारा दिखायी जाने वाली चार दिशाओं में से एक दिशा है। दक्षिण दिशा उत्तर दिशा के विपरीत (दूसरी तरफ) होती है और पूर्व एवं पश्चिम दिशाओं से ९० डिग्री (अंश) पर होती है। (उत्तर दक्षिण एक दूसरे के आमने सामने हैं और पूर्व पश्चिम भी एक दुसरे के आमने सामने हैं।) यदि आप सूर्य की तरफ मुख कर के खड़े होंगे तो आपका मुख पूर्व की ओर होगा, दक्षिण दिशा आपके दाएँ हाथ की तरफ होगी, बाएँ हाथ की तरफ उत्तर होगा और पश्चिम आपकी पीठ की ओर होगी। नक्शों में दक्षिण दिशा अधिकतर पन्ने के नीचे की तरफ दिखायी जाती है और उत्तर दिशा पन्ने के ऊपर की ओर। श्रेणी:दिशाएँ भारत उपमहाद्वीप के दक्षिण में समुद्र है.

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दक्षिण-पूर्व

दक्षिण-पूर्व दक्षिण और पूर्व के बीच की दिशा है। .

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दक्कन उद्भेदन

भारत में दक्कन ट्रैप (बैगनी रंग में) मुम्बई के पूर्व में स्थित माथेरान के दक्कन ट्रैप दक्कन उद्भेदन अथवा दकन ट्रैप भारत के पश्चिमी हिस्से में एक प्रदेश है जहाँ की भूवैज्ञानिक संरचना क्रीटाशियस युग के के ज्वालामुखी उद्भेदन के दौरान बनी बेसाल्ट चट्टानों है और इस इलाके में बेसाल्ट के ऊपर बनी काली रेगुर मिट्टी पायी जाती है। यह 17°–24° उत्तर तथा 73°–74° पूर्व के मध्य स्थित है। यह विश्व के कुछ सबसे बड़े ज्वालामुखी निर्मित स्थलरूपों में से एक है। श्रेणी:भारत का भूविज्ञान.

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देहरादून जिला

यह लेख देहरादून जिले के विषय में है। नगर हेतु देखें देहरादून। देहरादून, भारत के उत्तराखंड राज्य की राजधानी है इसका मुख्यालय देहरादून नगर में है। इस जिले में ६ तहसीलें, ६ सामुदायिक विकास खंड, १७ शहर और ७६४ आबाद गाँव हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ १८ गाँव ऐसे भी हैं जहाँ कोई नहीं रहता। देश की राजधानी से २३० किलोमीटर दूर स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर यह नगर अनेक प्रसिद्ध शिक्षा संस्थानों के कारण भी जाना जाता है। यहाँ तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग, सर्वे ऑफ इंडिया, भारतीय पेट्रोलियम संस्थान आदि जैसे कई राष्ट्रीय संस्थान स्थित हैं। देहरादून में वन अनुसंधान संस्थान, भारतीय राष्ट्रीय मिलिटरी कालेज और इंडियन मिलिटरी एकेडमी जैसे कई शिक्षण संस्थान हैं। यह एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। अपनी सुंदर दृश्यवाली के कारण देहरादून पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और विभिन्न क्षेत्र के उत्साही व्यक्तियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। विशिष्ट बासमती चावल, चाय और लीची के बाग इसकी प्रसिद्धि को और बढ़ाते हैं तथा शहर को सुंदरता प्रदान करते हैं। देहरादून दो शब्दों देहरा और दून से मिलकर बना है। इसमें देहरा शब्द को डेरा का अपभ्रंश माना गया है। जब सिख गुरु हर राय के पुत्र रामराय इस क्षेत्र में आए तो अपने तथा अनुयायियों के रहने के लिए उन्होंने यहाँ अपना डेरा स्थापित किया। www.sikhiwiki.org.

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परशुराम कुंड

परशुराम कुण्ड को प्रभु कुठार के नाम से भी जाना जाता है। यह अरुणाचल प्रदेश। अमर उजाला पर भारत सरकार के आधिकारिक जालस्थल पर के लोहित जिला की उत्तर-पूर्व दिशा में २४ किमी की दूरी पर स्थित है। लोगों का ऐसा विश्वास है कि मकर संक्रांति के अवसर परशुराम कुंड में एक डूबकी लगाने से सारे पाप कट जाते है। इस कुण्ड से भगवान परशुराम की कथा जुड़ी हुई है। एक बार ऋषि जमादग्नि की पत्नी रेणुका ऋषिराज के नहाने के लिए पानी लेने गई। किसी कारणवश उसे पानी लाने में देर हो गई तब ऋषिराज ने परशुराम को अपनी माता का वध करने के लिए कहा। पिता की आज्ञानुसार परशुराम ने अपनी माता का वध कर दिया। तब परशुराम ने मातृ वध के पाप से मुक्त होने के लिए इस कुण्ड में स्नान किया था। तभी से यह कुण्ड स्थानीय निवासियों में लोकप्रिय हो गया। समय के साथ यह स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों में भी लोकप्रिय हो गया। अब यह कुण्ड लोहित की पहचान बन चुका है। हजारों तीर्थयात्री प्रतिवर्ष १४ जनवरी को मकर संक्रान्ति के दिन इस कुण्ड में स्नान करने आते हैं। अरूणाचल प्रदेश सरकार ने पर्यटकों की सुविधा के लिए अनेक सुविधाओं को उपलब्ध कराया है। .

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पश्चिम

पश्चिम दिशा दिखाता एक कम्पास पश्चिम सामान्य: एक संज्ञा, विशेषण या क्रियाविशेषण है जो एक दिशा या भूगोल की ओर इंगित करता है। पश्चिम, चार प्रमुख दिशाओं मे से एक है साथ ही यह कुतुबनुमा के दिशासंकेतों मे से भी एक प्रमुख संकेत है। यह पूर्व का विपरीत है और उत्तर और दक्षिण के लंबवत होता है। मानकानुसार एक मानचित्र के बाईं ओर पश्चिम होता है। पश्चिम की ओर नौगमन (नेविगेशन) हेतु, कुतुबनुमा (कम्पास) के दिगंश को 270° पर बिठाना (सेट करना) पड़ता है। पृथ्वी अपनी धुरी पर पश्चिम दिशा की विपरीत दिशा मे घूमती है, इसलिए सूर्य इस दिशा मे अस्त होता है। श्रेणी:दिशाएँ.

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पाञ्चाल

पांचाल या पांचाल प्राचीन भारत के १६ महाजनपदों में से एक था। यह उत्तर में हिमालय के भाभर क्षेत्र से लेकर दक्षिण में चर्मनवती नदी के उत्तरी तट के बीच के मैदानों में फैला हुआ था। इसके पश्चिम में कुरु, मत्स्य तथा सुरसेन राज्य थे और पूर्व में नैमिषारण्य था। बाद में यह दो भागों में बाँटा गया। उत्तर पांचाल हिमालय से लेकर गंगा के उत्तरी तट तक था तथा उसकी राजधानी अहिछत्र थी तथा दक्षिण पांचाल गंगा के दक्षिणी तट से लेकर चर्मनवती तक था और उसकी राजधानी काम्पिल्य थी। अखण्ड पांचाल की सत्ता पाण्डवों के ससुर तथा द्रौपदी के पिता द्रुपद के पास थी। कहा जाता है कि पहले द्रुपद तथा पाण्डवों और कौरवों के गुरु द्रोणाचार्य के बीच घनिष्ट मित्रता थी लेकिन कुछ कारणवश दोनों में मन-मुटाव हो गया। फलतः दोनों के बीच युद्ध छिड़ गया। युद्ध में द्रुपद की हार हुयी और पांचाल का विभाजन हुआ। उत्तर पांचाल के राजा द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा मनोनीत हुये तथा द्रुपद को दक्षिण पांचाल से ही संतोष करना पड़ा। दोनों राज्यों को गंगा अलग करती थी। .

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प्रतापगढ़, राजस्थान

प्रतापगढ़, क्षेत्रफल में भारत के सबसे बड़े राज्य राजस्थान के ३३वें जिले प्रतापगढ़ जिले का मुख्यालय है। प्राकृतिक संपदा का धनी कभी इसे 'कान्ठल प्रदेश' कहा गया। यह नया जिला अपने कुछ प्राचीन और पौराणिक सन्दर्भों से जुड़े स्थानों के लिए दर्शनीय है, यद्यपि इसके सुविचारित विकास के लिए वन विभाग और पर्यटन विभाग ने कोई बहुत उल्लेखनीय योगदान अब तक नहीं किया है। .

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पैरी नदी

पैरी महानदी की सहायक नदी है। पैरी गरियाबंद तहसील की बिन्द्रानवागढ़ जमींदारी में स्थित भातृगढ़ पहाड़ी से निकलती है। उसके बाद उत्तर-पूर्व दिशा की ओर करीब ९६ कि॰मी॰ बहती हुई राजिम क्षेत्र में महानदी से मिलती है। पैरी नदी धमतरी और राजिम को विभाजित करती है। पैरी नदी के तट पर स्थित है राजीवलोचन मंदिर। राजिम में महानदी और सोंढुर नदियों का त्रिवेणी संगम-स्थल भी है। इसकी लम्बाई 90 किलोमीटर है तथा प्रवाह क्षेत्र 3,000 वर्ग मीटर है। .

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पूर्वी भारत

पूर्वी भारत, में भारत के पूर्व के क्षेत्र आते हैं। इनमें पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, बिहार एवं झारखंड राज्य शामिल हैं। यहां बोली जाने वाली प्रमुख भाषाओं में हिन्दी, बांग्ला, उड़िया, उर्दु तथा मैथिली आती हैं। यहां के बड़े शहरों में कोलकाता, भुवनेश्वर, पटना, कटाक, रांची, राउरकेला हैं। .

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बिल गोल्‍डबर्ग

विलियम स्‍कॉट "बिल" गोल्‍डबर्ग (जन्‍म 27 दिसम्बर 1966) एक सेवानिवृत्त अमेरिकी पेशेवर पहलवान हैं जिन्‍हें विश्व चैम्पियनशिप रेसलिंग (डबल्यू सी डबल्यू (WCW)) और विश्व रेसलिंग एंटरटेनमेंट (डबल्यू डबल्यू ई (WWE)) में अपने प्रदर्शन के लिए खास तौर पर जाना जाता है। वर्तमान में वह डीआईवाय (DIY) नेटवर्क के टेलीविज़न शो गैरेज महल के मेज़बान हैं। गोल्‍डबर्ग डबल्यू सी डबल्यू (WCW) में अपनी अपराजेय जीत के लिए मशहूर हैं, जहां उन्‍होंने लगातार अपने प्रतिद्वंद्वी पहलवानों को कुचला और अपने "हू'ज़ नेक्स्ट?" तकिया कलाम को लोकप्रिय बनाया.

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बृहस्पति (ज्योतिष)

बृहस्पति, जिन्हें "प्रार्थना या भक्ति का स्वामी" माना गया है, और ब्राह्मनस्पति तथा देवगुरु (देवताओं के गुरु) भी कहलाते हैं, एक हिन्दू देवता एवं वैदिक आराध्य हैं। इन्हें शील और धर्म का अवतार माना जाता है और ये देवताओं के लिये प्रार्थना और बलि या हवि के प्रमुख प्रदाता हैं। इस प्रकार ये मनुष्यों और देवताओं के बीच मध्यस्थता करते हैं। बृहस्पति हिन्दू देवताओं के गुरु हैं और दैत्य गुरु शुक्राचार्य के कट्टर विरोधी रहे हैं। ये नवग्रहों के समूह के नायक भी माने जाते हैं तभी इन्हें गणपति भी कहा जाता है। ये ज्ञान और वाग्मिता के देवता माने जाते हैं। इन्होंने ही बार्हस्पत्य सूत्र की रचना की थी। इनका वर्ण सुवर्ण या पीला माना जाता है और इनके पास दण्ड, कमल और जपमाला रहती है। ये सप्तवार में बृहस्पतिवार के स्वामी माने जाते हैं। ज्योतिष में इन्हें बृहस्पति (ग्रह) का स्वामी माना जाता है। .

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मांडलगढ़

मांडलगढ़ एक भारत के राजस्थान राज्य के भीलवाड़ा जिले का एक नगर है | .

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मेसोअमेरिकी

350 पीएक्स (px) 350 पीएक्स (px) 350 पीएक्स (px) 350 पीएक्स (px) पैलेंकी के क्लासिक माया शहर का दृश्य, जो 6 और 7 सदियों में सुशोभित हुआ, मेसोअमेरिकी सभ्यता की उपलब्धियों के कई उदाहरणों में से एक है ट्युटिहुकन के मेसोअमेरिकी शहर का एक दृश्य, जो 200 ई. से 600 ई. तक सुशोभित हुआ और जो अमेरिका में दूसरी सबसे बड़ी पिरामिड की साइट है माया चित्रलिपि पत्रिका में अभिलेख, कई मेसोअमरिकी लेखन प्रणालियों में से एक शिलालेख.दुनिया में मेसोअमेरिका पांच स्थानों में से एक है जहां स्वतंत्र रूप से लेखन विकसित हुआ है मेसोअमेरिका या मेसो-अमेरिका (Mesoamérica) अमेरिका का एक क्षेत्र एवं सांस्कृतिक प्रान्त है, जो केन्द्रीय मैक्सिको से लगभग बेलाइज, ग्वाटेमाला, एल सल्वाडोर, हौंड्यूरॉस, निकारागुआ और कॉस्टा रिका तक फैला हुआ है, जिसके अन्दर 16वीं और 17वीं शताब्दी में, अमेरिका के स्पैनिश उपनिवेशवाद से पूर्व कई पूर्व कोलंबियाई समाज फलफूल रहे थे। इस क्षेत्र के प्रागैतिहासिक समूह, कृषि ग्रामों तथा बड़ी औपचारिक व राजनैतिक-धार्मिक राजधानियों द्वारा वर्णित हैं। यह सांस्कृतिक क्षेत्र अमेरिका की कुछ सर्वाधिक जटिल और उन्नत संस्कृतियों जैसे, ऑल्मेक, ज़ैपोटेक, टियोतिहुआकैन, माया, मिक्सटेक, टोटोनाक और एज़्टेक को शामिल करता है। .

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रोटी

रोटी भारत, पाकिस्तान, इंडोनेशिया, मलेशिया में सामान्य खाने में पका कर खाये जाने वाली चपटी खाद्य सामग्री है। यह आटे एवं पानी के मिश्रण को गूंध कर उससे बनी लोई को बेलकर एवं आँच पर सेंक कर बनाई जाती है। रोटी बनाने के लिए आमतौर पर गेहूँ का आटा प्रयोग किया जाता है पर विश्व के विभिन्न हिस्सों में स्थानीय अनाज जैसे मक्का, जौ, चना, बाजरा आदि भी रोटी बनाने के लिए प्रयुक्त होता है। भारत के विभिन्न भागों में रोटी के लिए विभिन्न हिंदी नाम प्रचलित हैं, जिनमे प्रमुख हैं: -.

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सटन बरो

लंदन बरो ऑफ़ सटन (अंग्रेज़ी: London Borough of Sutton, अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक लिपि) एक लंदन का बरो है। यह ४३ किलोननमीटर (१७ वर्ग मील) के एक क्षेत्र को शामिल किया गया है और जनसंख्या के अनुसार इंग्लैंड में ८०वीं सबसे बड़ा स्थानीय प्राधिकरण है। यह लंदन के दक्षिणी नगर में से एक है। यह लंदन बरो के मेत्रोन, क्रॉयडन के लंदन बरो के पश्चिम और रॉयल बरो के किंग्स्टन पर टेम्स के पूर्व दक्षिण में है। बरो सर्वोत्तम परिणामों के साथ स्कूलों में से कुछ देश में है। दिसंबर २०१४ में स्त्तोन् सबसे आम रूप में एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताई गई जगह में ब्रिटन"। इस संबंध में, सत्तोन परिषद के नेता बरो के रूप में वर्णित हैं, और कहा कि निवासियों का ९१% कहते हैं कि यह रहने के लिए महान जगह है। लंदन बरो सत्तुन के चार मोहरा क्षेत्रों में से एक था" बड़े समाज की पहल के लिए २०१० में चयनित किया गाया हैं। श्रेणी:लंदन के बरो .

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संख्यावाची विशिष्ट गूढ़ार्थक शब्द

हिन्दी भाषी क्षेत्र में कतिपय संख्यावाची विशिष्ट गूढ़ार्थक शब्द प्रचलित हैं। जैसे- सप्तऋषि, सप्तसिन्धु, पंच पीर, द्वादश वन, सत्ताईस नक्षत्र आदि। इनका प्रयोग भाषा में भी होता है। इन शब्दों के गूढ़ अर्थ जानना बहुत जरूरी हो जाता है। इनमें अनेक शब्द ऐसे हैं जिनका सम्बंध भारतीय संस्कृति से है। जब तक इनकी जानकारी नहीं होती तब तक इनके निहितार्थ को नहीं समझा जा सकता। यह लेख अभी निर्माणाधीन हॅ .

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सैन होज़े, कैलिफोर्निया

सैन होज़े (जिसका स्पेनिश में अर्थ है - सेंट जोसफ) कैलिफोर्निया का तीसरा सबसे बड़ा शहर, संयुक्त राज्य अमेरिका का दसवां सबसे बड़ा शहर और सांता क्लारा काउंटी का काउंटी सीट है। यह देश के 31वें सबसे बड़े महानगरीय क्षेत्र का एक ऐंकर है जो सैन फ्रांसिस्को खाड़ी के दक्षिणी छोर पर स्थित है। सैन होज़े कभी एक छोटा सा कृषि शहर था जहां 1950 के दशक से अब तक बड़ी तेज़ी से विकास हुआ है। जनसंख्या, भूमि क्षेत्र, एवं औद्योगिक विकास की दृष्टि से सैन होज़े खाड़ी क्षेत्र का सबसे बड़ा शहर है। 1 जनवरी 2010 तक इसकी अनुमानित जनसंख्या 1,023,083 थी। सैन होज़े की नींव 29 नवम्बर 1777 को नुएवा कैलिफोर्निया के स्पेनिश कॉलोनी के पहले कस्बे, एल पुएब्लो डी सैन होज़े डी ग्वाडालूप (El पुएब्लो de San José de Guadalupe), के रूप में रखी गई, जो बाद में अल्टा कैलिफोर्निया बना.

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सूर्य मंदिर, प्रतापगढ़

सूर्य मंदिर प्रतापगढ़, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और बहुमूल्य कलाकृति अधिनियम 1972 के तहत संरक्षित भगवान सूर्य को समर्पित प्राचीन मंदिर है जो उत्तर प्रदेश के इलाहबाद मुख्यालय से करीब 42 किलोमीटर दूर स्थित प्रतापगढ़ के सदर तहसील के गौरा के स्वरूपपुर के मजरा शिवगंज स्थित पटेल बस्ती में स्थित है। .

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हल्क होगन

टेरी ज़ीन बोलिआ (जन्म 11 अगस्त 1953), जो अपने रिंग नाम हल्क होगन द्वारा बेहतर जाने जाते हैं, एक पेशेवर पहलवान हैं, जो अभी टोटल नॉन स्टॉप ऐक्शन रेस्लिंग के साथ अनुबंधित हैं। होगन को 1980 के दशक के मध्य से 1990 के दशक के प्रारंभ तक वर्ल्ड रेस्लिंग फ़ेडरेशन (WWF-अब वर्ल्ड रेस्लिंग एन्टरटेन्मेंट) में संपूर्ण अमरीकी, श्रमजीवी समुदाय के नायक चरित्र हल्क होगन के रूप में अमरीकी मुख्यधारा में लोकप्रियता हासिल हुई और 1990 के दशक के मध्य-से-अंत तक वे केविन नैश और स्कॉट हॉल के साथ वर्ल्ड चैंपियनशिप रेस्लिंग (WCW) में "हॉलीवुड" होगन, खलनायक nWo नेता, के रूप में प्रसिद्ध थे। WCW की समाप्ति के बाद उन्होंने 2000 के दशक के प्रारंभ में अपनी दो सर्वाधिक प्रसिद्ध छवियों के तत्वों को संयोजित करके अपने वीरतापूर्ण चरित्र को दोहराते हुए WWE में एक संक्षिप्त वापसी की। बाद में 2005 में होगन को WWE के हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया और वे बारह बार विश्व हेवीवेट विजेता: छः बार WWF/E विजेता व छः बारWCW विश्व हेवीवेट विजेता और साथ ही एज के साथ पूर्व विश्व टैग टीम विजेता रहे हैं। वे 1990 और 1991 में रॉयल रम्बल के विजेता भी रहे हैं और वे लगातार दो रॉयल रम्बल जीतने वाले पहले व्यक्ति हैं। .

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वायकॉम 18

वायाकॉम 18 मीडिया प्रा० लिमिटेड, नवंबर, 2007 में स्थापित, वायाकॉम और नेटवर्क 18 ग्रुप के बीच भारत में 50/50 की संयुक्त हिस्सेदारी वाला उद्यम है। वायाकॉम 18 भारतीय दर्शकों के लिए वायाकॉम समूह के विभिन्न चैनलों, साथ ही विभिन्न वायाकॉम उपभोक्ता उत्पाद चलाती है। .

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वाराणसी

वाराणसी (अंग्रेज़ी: Vārāṇasī) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का प्रसिद्ध नगर है। इसे 'बनारस' और 'काशी' भी कहते हैं। इसे हिन्दू धर्म में सर्वाधिक पवित्र नगरों में से एक माना जाता है और इसे अविमुक्त क्षेत्र कहा जाता है। इसके अलावा बौद्ध एवं जैन धर्म में भी इसे पवित्र माना जाता है। यह संसार के प्राचीनतम बसे शहरों में से एक और भारत का प्राचीनतम बसा शहर है। काशी नरेश (काशी के महाराजा) वाराणसी शहर के मुख्य सांस्कृतिक संरक्षक एवं सभी धार्मिक क्रिया-कलापों के अभिन्न अंग हैं। वाराणसी की संस्कृति का गंगा नदी एवं इसके धार्मिक महत्त्व से अटूट रिश्ता है। ये शहर सहस्रों वर्षों से भारत का, विशेषकर उत्तर भारत का सांस्कृतिक एवं धार्मिक केन्द्र रहा है। हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत का बनारस घराना वाराणसी में ही जन्मा एवं विकसित हुआ है। भारत के कई दार्शनिक, कवि, लेखक, संगीतज्ञ वाराणसी में रहे हैं, जिनमें कबीर, वल्लभाचार्य, रविदास, स्वामी रामानंद, त्रैलंग स्वामी, शिवानन्द गोस्वामी, मुंशी प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, आचार्य रामचंद्र शुक्ल, पंडित रवि शंकर, गिरिजा देवी, पंडित हरि प्रसाद चौरसिया एवं उस्ताद बिस्मिल्लाह खां आदि कुछ हैं। गोस्वामी तुलसीदास ने हिन्दू धर्म का परम-पूज्य ग्रंथ रामचरितमानस यहीं लिखा था और गौतम बुद्ध ने अपना प्रथम प्रवचन यहीं निकट ही सारनाथ में दिया था। वाराणसी में चार बड़े विश्वविद्यालय स्थित हैं: बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइयर टिबेटियन स्टडीज़ और संपूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय। यहां के निवासी मुख्यतः काशिका भोजपुरी बोलते हैं, जो हिन्दी की ही एक बोली है। वाराणसी को प्रायः 'मंदिरों का शहर', 'भारत की धार्मिक राजधानी', 'भगवान शिव की नगरी', 'दीपों का शहर', 'ज्ञान नगरी' आदि विशेषणों से संबोधित किया जाता है। प्रसिद्ध अमरीकी लेखक मार्क ट्वेन लिखते हैं: "बनारस इतिहास से भी पुरातन है, परंपराओं से पुराना है, किंवदंतियों (लीजेन्ड्स) से भी प्राचीन है और जब इन सबको एकत्र कर दें, तो उस संग्रह से भी दोगुना प्राचीन है।" .

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वॉल स्ट्रीट

न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज, जैसा कि वॉल स्ट्रीट से दिखता है वॉल स्ट्रीट का वर्तमान मानचित्र वॉल स्ट्रीट एक मार्ग है जो लोवर मैनहट्टन, न्यूयॉर्क सिटी, न्यूयॉर्क, USA में है। यह मार्ग ब्रॉडवे से पूर्व दिशा में ईस्ट नदी की ओर इस आर्थिक जिले के ऐतिहासिक केन्द्र से होते हुए साउथ स्ट्रीट तक जाता है। यह न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज का पहला स्थायी स्थल है; कुछ समय बाद वॉल स्ट्रीट, आसपास के भौगोलिक स्थल का नाम बन गया। वॉल स्ट्रीट, अमेरिकी वित्तीय उद्योग के "प्रभावशाली वित्तीय हितों" के लिए संक्षेपीकरण भी है (या एक लक्षणालंकार), जो न्यूयॉर्क शहर क्षेत्र में केंद्रित है। वॉल स्ट्रीट द्वारा बल प्रदत्त, न्यूयॉर्क सिटी दुनिया की वित्तीय राजधानी बनने के लिए लंदन के साथ होड़ लेती है और यह न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज, का गृह है, जो अपनी सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण के आधार पर दुनिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। कई प्रमुख अमेरिकी स्टॉक और अन्य केन्द्रों का मुख्यालय वॉल स्ट्रीट और आर्थिक जिले में है, जिसमें शामिल हैं NYSE, NASDAQ, AMEX, NYMEX और NYBOT.

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वॉल स्ट्रीट पर कब्जा करो

न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज, जैसा कि वॉल स्ट्रीट से दिखता है वॉल स्ट्रीट का वर्तमान मानचित्र वॉल स्ट्रीट अमरीका का एक मार्ग है जो लोवर मैनहट्टन, न्यूयॉर्क सिटी, न्यूयॉर्क, USA में है। यह मार्ग ब्रॉडवे से पूर्व दिशा में ईस्ट नदी की ओर इस आर्थिक जिले के ऐतिहासिक केन्द्र से होते हुए साउथ स्ट्रीट तक जाता है। यह न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज का पहला स्थायी स्थल है; कुछ समय बाद वॉल स्ट्रीट, आसपास के भौगोलिक स्थल का नाम बन गया। लेकिन सितंबर २०११ के बाद से वहां शुरु हुये 'वॉल स्ट्रीट पर कब्जा करो' आंदोलन ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खिंचा है। .

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कर्क रेखा

विश्व के मानचित्र पर कर्क रेखा कर्क रेखा उत्तरी गोलार्ध में भूमध्य रेखा‎ के समानान्तर पर, ग्लोब पर पश्चिम से पूर्व की ओर खींची गई कल्पनिक रेखा हैं। यह रेखा पृथ्वी पर उन पांच प्रमुख अक्षांश रेखाओं में से एक हैं जो पृथ्वी के मानचित्र पर परिलक्षित होती हैं। कर्क रेखा पृथ्वी की उत्तरतम अक्षांश रेखा हैं, जिसपर सूर्य दोपहर के समय लम्बवत चमकता हैं। यह घटना जून क्रांति के समय होती है, जब उत्तरी गोलार्ध सूर्य के समकक्ष अत्यधिक झुक जाता है। इस रेखा की स्थिति स्थायी नहीं हैं वरन इसमें समय के अनुसार हेर-फेर होता रहता है। २१ जून को जब सूर्य इस रेखा के एकदम ऊपर होता है, उत्तरी गोलार्ध में वह दिन सबसे लंबा व रात सबसे छोटी होती है। यहां इस दिन सबसे अधिक गर्मी होती है (स्थानीय मौसम को छोड़कर), क्योंकि सूर्य की किरणें यहां एकदम लंबवत पड़ती हैं। कर्क रेखा के सिवाय उत्तरी गोलार्ध के अन्य उत्तरतर क्षेत्रों में भी किरणें अधिकतम लंबवत होती हैं। याहू जागरण पर इस समय कर्क रेखा पर स्थित क्षेत्रों में परछाईं एकदम नीचे छिप जाती है या कहें कि नहीं बनती है। इस कारण इन क्षेत्रों को अंग्रेज़ी में नो शैडो ज़ोन कहा गया है। भास्कर पर इसी के समानान्तर दक्षिणी गोलार्ध में भी एक रेखा होती है जो मकर रेखा कहलाती हैं। भूमध्य रेखा इन दोनो के बीचो-बीच स्थित होती हैं। कर्क रेखा से मकर रेखा के बीच के स्थान को उष्णकटिबन्ध कहा जाता हैं। इस रेखा को कर्क रेखा इसलिए कहते हैं क्योंकि जून क्रांति के समय सूर्य की स्थिति कर्क राशि में होती हैं। सूर्य की स्थिति मकर रेखा से कर्क रेखा की ओर बढ़ने को उत्तरायण एवं कर्क रेखा से मकर रेखा को वापसी को दक्षिणायन कहते हैं। इस प्रकार वर्ष ६-६ माह के में दो अयन होते हैं। अभिव्यक्ति पर .

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कान सिंह परिहार

श्री कान सिंह परिहार (जन्म ३० अगस्त १९१३) आप का जन्म जोधपुर के पास सूरसागर, राजस्थान मॅ जानेमाने ठेकेदार श्री छोगसिंह जी परिहार व श्रीमती मुरली देवी जी के यहां हुआ। आप राजस्थान उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधिश व जोधपुर विश्वविद्यालय पूर्व कुलपति है। .

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काशी का विस्तार

वाराणसी क्षेत्र के विस्तार के अनेक पौराणिक उद्धरण उपलब्ध हैं। कृत्यकल्पतरु में दिये तीर्थ-विवेचन व अन्य प्राचीन ग्रन्थों के अनुसारकाशीविश्वनाथ। दीनदयाल मणि। २७ अगस्त २००९: .

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कैलगरी

कैलगरी कनाडा के अलबर्टा प्रांत का सबसे बड़ा शहर है। यह प्रांत के दक्षिण में, कनाडा की चट्टानों (Canadian Rockies) की अग्रिम पर्वतमालाओं के लगभग पूर्व में एक तलहटी एवं मैदानी क्षेत्र में स्थित है। यह शहर अलबर्टा के घासभूमि वाले क्षेत्र में स्थित है। 2006 में, कैलगरी शहर की आबादी 988,193 होने के कारण इस शहर की नगरपालिका देश की तीसरी सबसे बड़ी एवं अलबर्टा की सबसे बढ़ी नगरपालिका बन गई थी। 2006 में सम्पूर्ण महानगरीय जनसँख्या 1,079,310 के साथ यह कनाडा का पांचवां सबसे बड़ा महानगरीय जनगणना क्षेत्र (सी.ऍम.ए.) बन गया था। 2009 में, कैलगरी की अनुमानित महानगरीय जनसंख्या 1,230,248 के होते हुए यह क्रम में बढ़कर चौथा सबसे बड़ा महानगरीय जनगणना क्षेत्र (सी.ऍम.ए.) बन गया था। एडमॉन्टन के दक्षिण में स्थित होने से सांख्यिकीविदों ने इन दो शहरों के बीच के संकीर्ण जनसँख्या वाले क्षेत्र को "कैलगरी-एडमॉन्टन गलियारा" के रूप में परिभाषित किया है। टोरंटो और वैंकूवर के बीच कैलगरी कनाडा का सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र है। महानगरीय क्षेत्र एवं शहर के नजदीक प्रमुख पहाड़ी आश्रयों के साथ कैलगरी शीतकालीन खेलों एवं पर्यावरणीय पर्यटन के लिए एक गंतव्य स्थल है। यहाँ की आर्थिक गतिविधियाँ ज्यादातर पेट्रोलियम उद्योग पर केंद्रित हैं। शहर के आर्थिक विकास में कृषि, पर्यटन और उच्च तकनीक उद्योगों का भी योगदान है। 1988 में कैलगरी, शीतकालीन ओलिंपिक खेलों की मेजबानी करने वाला कनाडा का पहला शहर बन गया था। .

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