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पुरुषपरीक्षा

सूची पुरुषपरीक्षा

पुरुषपरीक्षा, विद्यापति द्वारा रचित कथाग्रन्थ है। उन्होने इसकी रचना महाराजा शिवसिंह के निर्देशन पर किया था। इसमें पंचतन्त्र की परम्परा में शिक्षाप्रद कथाएँ प्रस्तुत की गयी हैं। यह ग्रन्थ समाजशास्रियों, इतिहासकारों, मानववैज्ञानिको, राजनीतिशास्त्रियों के साथ-साथ दर्शन एवं साहित्य के लोगों के लिए भी एक अपूर्व कृति है। वीरकथा, सुबुद्धिकथा, सुविद्यकथा और पुरुषार्थकथा- इन चार वर्गों में पुरुषपरीक्षा की कथा दी गयी है। ‘पुरुष-परीक्षा’ में सच्चे पुरुष की परख कैसे की जाये- यह बताने के लिए वासुकि नामक मुनि पारावार नामक राजा को अनेक कथाएँ सुनाते हैं। पुरुष की परीक्षा कैसे होनी चाहिए, इस सम्बन्ध में कवि ने पुरुष-परीक्षा की भूमिका में लिखा है कि- .

सामग्री की तालिका

  1. 3 संबंधों: संस्कृत ग्रन्थों की सूची, विद्यापति, कथासाहित्य (संस्कृत)

संस्कृत ग्रन्थों की सूची

निम्नलिखित सूची अंग्रेजी (रोमन) से मशीनी लिप्यन्तरण द्वारा तैयार की गयी है। इसमें बहुत सी त्रुटियाँ हैं। विद्वान कृपया इन्हें ठीक करने का कष्ट करे। .

देखें पुरुषपरीक्षा और संस्कृत ग्रन्थों की सूची

विद्यापति

विद्यापति भारतीय साहित्य की 'शृंगार-परम्परा' के साथ-साथ 'भक्ति-परम्परा' के भी प्रमुख स्तंभों मे से एक और मैथिली के सर्वोपरि कवि के रूप में जाने जाते हैं। इनके काव्यों में मध्यकालीन मैथिली भाषा के स्वरूप का दर्शन किया जा सकता है। इन्हें वैष्णव, शैव और शाक्त भक्ति के सेतु के रूप में भी स्वीकार किया गया है। मिथिला के लोगों को 'देसिल बयना सब जन मिट्ठा' का सूत्र दे कर इन्होंने उत्तरी-बिहार में लोकभाषा की जनचेतना को जीवित करने का महान् प्रयास किया है। मिथिलांचल के लोकव्यवहार में प्रयोग किये जानेवाले गीतों में आज भी विद्यापति की शृंगार और भक्ति-रस में पगी रचनाएँ जीवित हैं। पदावली और कीर्तिलता इनकी अमर रचनाएँ हैं। .

देखें पुरुषपरीक्षा और विद्यापति

कथासाहित्य (संस्कृत)

संस्कृत भाषा में निबद्ध कथाओं का प्रचुर साहित्य है जो सैकड़ों वर्षो से मनोरंजन करता हुआ उपदेश देता आ रहा है। कथासाहित्य से संबद्ध ग्रंथों के आलोचन से स्पष्ट हो जाता है कि संस्कृत साहित्य में तीनों प्रकार की कहानियों के उदाहरण मिलते हैं जो वर्तमान समय में पश्चिमी देशों में (१) फ़ेअरी टेल्स (परियों की कहानियाँ), (२) फ़ेबुल्स (जंतुकथाएँ) तथा (३) डायडेक्टिक टेल्स (उपदेशमयी कहानियाँ) कही जातीं हैं। .

देखें पुरुषपरीक्षा और कथासाहित्य (संस्कृत)