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पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन

सूची पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन पाकिस्तान की एक प्रमुख राजनैतिक पार्टी। नवाज़ और क़ैद-ए-आजम इसकी दो विभक्तियाँ हैं। .

39 संबंधों: चौधरी मोहम्मद बरजीस ताहिर, दर्शन लाल पुंशी, नवाज़ शरीफ़, पाकिस्तान, पाकिस्तान मुस्लिम लीग (जे), पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन, पाकिस्तान में चुनाव, पाकिस्तान का संघीय मंत्रिमंडल, पाकिस्तान के राष्ट्रपति, पाकिस्तान के राष्ट्रपतियों की सूची, पाकिस्तान के वर्तमान राज्यपालों की सूची, पाकिस्तान की राष्ट्रीय सभा, पाकिस्तान की राजनीतिक दलों की सूची, पाकिस्तान की सेनेट, पाकिस्तान की सेनेट के अध्यक्ष, पाकिस्तानी संविधान का चौदहवाँ संशोधन, पाकिस्तानी संविधान का तेरहवाँ संशोधन, पंजाब के मुख्यमंत्री (पाकिस्तान), पंजाब के राज्यपाल (पाकिस्तान), पूर्वी पाकिस्तान, फ़ातिमा जिन्नाह, बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री, ममनून हुसैन, मालिक मुहम्मद रफ़ीक़ राजवाना, मजलिस-ए-शूरा, मुहम्मद अय्यूब खूह्ड़ो, मीर ग़ज़नफ़र अली ख़ान, रमेश कुमार वांकवानी, रीता ईश्वर, लियाक़त अली ख़ान, शहबाज़ शरीफ़, शाहिद खाकन अब्बासी, सिंध के मुख्यमंत्री, हाफ़िज़ हफ़ीज़ुर्रहमान, खान हबीबुल्लाह खान, गिलगित-बल्तिस्तान के मुख्यमंत्री, आज़ादी मार्च, इस्लामी जम्हूरी इत्तेहाद, १९७१ का भारत-पाक युद्ध

चौधरी मोहम्मद बरजीस ताहिर

पीर करम अली शाह, पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) से संबंधित एक पाकिस्तानी राजनेता। थे, एवं वे 16 फरवरी 2015 से गिलगित-बल्तिस्तान के राज्यपाल थे। .

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दर्शन लाल पुंशी

दर्शन लाल पुंशी एक पाकिस्तानी राजनीतिज्ञ तथा वर्तमान पाकिस्तान सरकार में मंत्री हैं। वे पाकिस्तान की राष्ट्रीय सभा के सांसद हैं। वे पाकिस्तान सरकार में एकमात्र हिन्दू मंत्री हैं | वे पाकिस्तान मुस्लिम लीग के राजनीतिज्ञ हैं। .

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नवाज़ शरीफ़

मियां मोहम्मद नवाज़ शरीफ़ (उर्दू: میاں محمد نواز شریف) (जन्म लाहौर; 25 दिसम्बर 1949), पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (पीएमएल) के वरिष्ठ नेता है। वे दो बार पहले भी प्रधानमन्त्री रह चुके हैं – 1 नवम्बर 1990 से 18 जुलाई 1993 तक (12 वें प्रधानमंत्री) और 17 फ़रवरी 1997 से 12 अक्टूबर 1999 (14 वें प्रधानमंत्री)। शरीफ पाकिस्तान के पहले ऐसे नेता हैं, जो 5 जून 2013 काे तीसरी बार 27 वें प्रधानमंत्री बने हैं। 2016 मे पानमा पेपर लीक में नाम आने के बाद 2017 में सुप्रीम काेर्ट ने प्रधानमंत्री के पद के लिए अयोग करार दिया 28 जुलाई 2017 में नवाज़ शरीफ काे प्रधानमंत्री के पद से हटाना पड़ा, नवाज़ शरीफ को वर्ष 2000 में तत्कालीन सैन्य शासक मुशर्रफ़ ने निर्वासित कर दिया था, इसके पहले उनकी निर्वाचित सरकार को भी बर्खास्त कर दिया गया था। इस तख्तापलट के बाद पाकिस्तान की आतंक-विरोधी अदालत ने नवाज़ शरीफ़ को भ्रष्टाचार के अपराध में दोषी करार दिया था। सऊदी अरब की मध्यस्तता से शरीफ़ को जेल से बचाकर सऊदी अरब के जेद्दा नगर में निर्वासित किया गया। अगस्त 23, 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने शरीफ़ को पाकिस्तान वापस आने की इजाज़त दी। सितम्बर 10, 2007 को शरीफ सात वर्षों के निर्वासन के बाद इस्लामाबाद वापस लौटे, पर उन्हें हवाई-अड्डे से ही तुरन्त जेद्दा वापस भेज दिया गया। .

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पाकिस्तान

इस्लामी जम्हूरिया पाकिस्तान या पाकिस्तान इस्लामी गणतंत्र या सिर्फ़ पाकिस्तान भारत के पश्चिम में स्थित एक इस्लामी गणराज्य है। 20 करोड़ की आबादी के साथ ये दुनिया का छठा बड़ी आबादी वाला देश है। यहाँ की प्रमुख भाषाएँ उर्दू, पंजाबी, सिंधी, बलूची और पश्तो हैं। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और अन्य महत्वपूर्ण नगर कराची व लाहौर रावलपिंडी हैं। पाकिस्तान के चार सूबे हैं: पंजाब, सिंध, बलोचिस्तान और ख़ैबर​-पख़्तूनख़्वा। क़बाइली इलाक़े और इस्लामाबाद भी पाकिस्तान में शामिल हैं। इन के अलावा पाक अधिकृत कश्मीर (तथाकथित आज़ाद कश्मीर) और गिलगित-बल्तिस्तान भी पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित हैं हालाँकि भारत इन्हें अपना भाग मानता है। पाकिस्तान का जन्म सन् 1947 में भारत के विभाजन के फलस्वरूप हुआ था। सर्वप्रथम सन् 1930 में कवि (शायर) मुहम्मद इक़बाल ने द्विराष्ट्र सिद्धान्त का ज़िक्र किया था। उन्होंने भारत के उत्तर-पश्चिम में सिंध, बलूचिस्तान, पंजाब तथा अफ़गान (सूबा-ए-सरहद) को मिलाकर एक नया राष्ट्र बनाने की बात की थी। सन् 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली ने पंजाब, सिन्ध, कश्मीर तथा बलोचिस्तान के लोगों के लिए पाक्स्तान (जो बाद में पाकिस्तान बना) शब्द का सृजन किया। सन् 1947 से 1970 तक पाकिस्तान दो भागों में बंटा रहा - पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान। दिसम्बर, सन् 1971 में भारत के साथ हुई लड़ाई के फलस्वरूप पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश बना और पश्चिमी पाकिस्तान पाकिस्तान रह गया। .

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पाकिस्तान मुस्लिम लीग (जे)

पाकिस्तान मुस्लिम लीग(जे), एक पाकिस्तानी राजनीतिक दाल थी, जिसे १९९३ में स्थापित किया गया था। २००४ में यह पाकिस्तान मुस्लिम लीग (क्यू) में, सम्मिलित हो गयी। यह पाकिस्तान मुस्लिम लीग के मूल गोठों में से एक थी। इससे, एकमात्र मुस्लिम लीग के तौर पर १९९८ में बनाया गया था, जब, मुहम्मद खान जुनेजो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे। सितम्बर १९८८ में, इस पार्टी ने ग़ुलाम मुस्तफ़ा जतोई की नेशनल पीपल्स पार्टी और क़ाज़ी हुसैन अहमद की जमात-ए-इस्लामी के साथ मिल कर, इस्लामी जम्हूरी इत्तेहाद नामक एक रूढ़िवादी गठबंधन दाल बनाया था, इसे मूलतः, बेनज़ीर भुट्टो के पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के विरोध में बनायगया था। उस समय, नवाज़ शरीफ पीपीपी के बहार एक सबसे लोकप्रिय नेता बन कर उबरे थे, और अंत्यतः, १९९० में, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने। जब जुनेजो ने ज़िया-उल-हक़ को बर्खास्त कर दिया, तो, नवाज़ शरीफ ने पीएमएल(जे) से बहार निकल कर एक और दाल तैयार कर लिया, जिसका नाम रखा पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़), जोकि असल पाकिस्तान मुस्लिम लीग से भी अधिक रसूक्दार बाद कर उबरी। जुनिओ की मृत्यु के पश्चात, इस पार्टी को हामिद नासिर चट्ठा और इक़बाल अहमद खान जैसे अनुयायिओं ने इस पार्टी को पुनःस्थापित किया। पीएमएल(जुनेजो) में एक बंटवारे की स्थिति पैदा हो गयउ जब, मंज़ूर वट्टू ने अपने चचेरे भाई, हामिद चट्ठा से अलग हो कर, पाकिस्तान मुस्लिम लीग (जिन्नाह) बना लिया। यह टकराव, पार्टी की अध्यक्षता को ले कर उत्पन्न हुई थी। ऐसा उस वर्ष ही हुआ था, जब, केंद्र और प्रान्त के बीच मतभेद के कारण वट्टू को पंजाब के मुख्यमंत्री के पद से हटा दिया गया था। २००२ में इस पार्टी ने क़ौमी असेम्बली में दो २ आसान ग्रहण कर पाने में कामयाब हुई। २००४ में, यह पीएमएल(क्यू) के साथ मिट कर, संयुक्त पाकिस्तान मुस्लिम लीग का गठन किया। .

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पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन पाकिस्तान की एक प्रमुख राजनैतिक पार्टी। नवाज़ और क़ैद-ए-आजम इसकी दो विभक्तियाँ हैं। .

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पाकिस्तान में चुनाव

राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान में शूरा के लिए नहीं चुना है। पाकिस्तान की संसद आम चुनाव द्वारा स्थापित किये गये निचले सदन जबकि प्रांतीय सदनों के सदस्यों द्वारा सदन के लिए नहीं चुना है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री निचले सदन में चुना जाता है जबकि राष्ट्रपति का चयन निर्वाचन कॉलेज द्वारा किया जाता है। प्रांतीय और राष्ट्रीय सदनों के अलावा पाकिस्तान में पांच हजार से अधिक चयनित नगर निगम सरकारें भी काम कर रही हैं। पाकिस्तान में कई राजनीतिक दल हैं। आमतौर पर कोई भी एक पार्टी बहुमत हासिल नहीं करती और आम चुनाव के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन का गठन जरूरी है। .

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पाकिस्तान का संघीय मंत्रिमंडल

पाकिस्तान का संघीय मंत्रिमंडल, पाकिस्तान के वरिष्ठतम मंत्रियों व अंय वरिष्ठ निर्वाचित अधिकारियों का समूह है। यह पाकिस्तान का सबसे महत्वपूर्ण एवं उच्चतम संवैधानिक संस्थान है जोकि पाकिस्तान के प्रशासन व सरकार की नीति निर्धारण के लिए जिम्मेदार है सारे कैबिनेट सचिव, जनता द्वारा चुने गए राजनीतिज्ञों के निर्देश पर ही अपना काम करते हैं। इन चुने गए अधिकारियों को मंत्री या वजीर कहा जाता है। पाकिस्तान की पहली मंत्रीमंडल को पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान द्वारा गठित किया गया था। पाकिस्तान की संघीय मंत्रिमंडल पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 81डी में दिए गए प्रावधानों के अनुसार अपने कार्यों का निर्वाह करती है। सारे कैबिनेट मंत्रियों को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री द्वारा नामांकित किया जाता है। इन्हें पाकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा शपथ दिलाई जाती है। मंत्रीमंडल के सारे मंत्रियों को सरकार की विभिन्न विभाग सौंपे जाते हैं। इन विभागों को मंत्रालय कहा जाता है। .

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पाकिस्तान के राष्ट्रपति

पाकिस्तान के राष्ट्रपति (صدر مملكت —) पाकिस्तान इस्लामिक गणतंत्र के सर्वेसर्वा का पद है। .

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पाकिस्तान के राष्ट्रपतियों की सूची

पाकिस्तानी राष्ट्रपति के मानक पाकिस्तान के राष्ट्रपति इस्लामी गणराज्य पाकिस्तान के प्रमुख होते हैं। पाकिस्तानी संविधान के अनुसार राष्ट्रपति के पास (सुप्रीम कोर्ट पाकिस्तान के पारित या अस्वीकृति निर्णय पर बाध्य, नेशनल असेंबली कोषलील करने, नए ाक्राबात करवाने और प्रधानमंत्री को निलंबित करने) जैसे विकल्प दिए गए हैं। इन विकल्पों को सैन्य बगाूतों और सरकारों के बदलने पर कई बार अवसर पर बारी और बहाल किया गया। लेकिन 2010 के अठारहवें संपादित द्वारा पाकिस्तान को अर्द्ध राष्ट्रपति प्रणाली फिर संसदीय प्रणाली लोकतांत्रिक राज्य की ओर पलटा गया। इस संशोधन के तहत राष्ट्रपति के विकल्प में स्पष्ट कमी की गई और यह केवल औपचारिक सरकारी उत्सव तक सीमित किया गया जबकि प्रधानमंत्री विकल्प बढ़ाया गया। राष्ट्रपति को पाकिस्तानी सेंट, नेशनल असेंबली और प्रांतीय असेंबलियों की पाकिस्तान की जमात चयन विक्रेताओं चुनती है। राष्ट्रपति पद की स्थापना से पहले तक, पाकिस्तान के महाराज्यपाल पाकिस्तान के प्रमुख थे। 1956 में जब इस पद का आविष्कार किया गया तब से अब तक इस पद पर 11 राष्ट्रपतियों नियुक्त हो चुके हैं। 1956 के कानून में जब इस पद को बनाया गया तो इस्कंदर मिर्जा देश के पहले राष्ट्रपति बने। इन ग्यारह राष्ट्रपतियों के अलावा दो कार्यवाहक अध्यक्ष भी छोटी अवधि के लिए कुर्सी पर काम करते रहे हैं। उनमें से एक वसीम सज्जाद थे जो एक बार 1993 में और 1997 -1998 में राष्ट्रपति रहे। राष्ट्रपति पद पांच साल पर आधारित होता है। राष्ट्रपति पद की समाप्ति पर या उनकी अनुपस्थिति में अध्यक्ष सेंट यह पद संभाला है। .

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पाकिस्तान के वर्तमान राज्यपालों की सूची

राज्यपाल पाकिस्तान में सूबे का मुखिया होता है। सूबाई राज्यपाल पाकिस्तान की संघीय सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है। राज्यपाल का कार्यकाल पाँच साल के लिए रहता है। .

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पाकिस्तान की राष्ट्रीय सभा

पाकिस्तान की राष्ट्रीय सभा या क़ौमी असेम्ब्ली (قومی اسمبلی; National Assembly, नैशनल असेम्ब्ली) पाकिस्तान की द्वीसदनीय संसद(मजलिस-ए शूरा), जिसका उच्चसदन सेनेट है, का निम्नसदन है। उर्दू भाषा मैं इसे कौमी इस्म्ब्ली कहा जाता हैं। इसमें कुल 342 आसन हैं, जिन में से 242 चुनाव के जरये चुने जाते हैं और बाक़ी के 70 महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं। क़ौमी इस्म्ब्ली पाकिस्तान की संधीय विधायिका की वह इकाई है, जिसे जनता द्वारा चुना जाता है(यह पाकिस्तान में लोकसभा की जोड़ीदार है)। .

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पाकिस्तान की राजनीतिक दलों की सूची

पाकिस्तान एक बहुदलीय लोकतंत्र है। यहां समय-समय पर सैन्य सरकारों का राज होता रहा है। पाकिस्तान में अनेक राजनैतिक दल हैं और गठबंधन की सरकारों का बनना यहां सामान्य घटना है, जो कई बार इतिहास में हो चुका है। पाकिस्तान की विधानपालिका द्विसदनीय प्रणाली पर आधारित है। पाकिस्तान की संसद(मजलिस ए शूरा) के दो सदन हैं, जिनका नाम कौमी एसेंबली और सिनेट है। .

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पाकिस्तान की सेनेट

सेनेट, (سینیٹ) या आइवान-ए बाला पाकिस्तान (ایوانِ بالا پاکستان) पाकिस्तान की द्वीसदनीय विधियिका का उच्चसदन है। इसके चुनाव त्रिवर्षीय अवधी पश्चात, आधे संख्या के सीटों के लिए आयोजित किए जाते है। यहाँ सदस्यों क कार्यकाल 6 वर्ष होता है। सीनेट के अध्यक्ष देश के राष्ट्रपति का अभिनय होते हैं। इसे 1973 में स्थापित किया गया था पाकिस्तान के संविधान में से नेट से संबंधित सारे प्रावधान अनुच्छेद 59 मैं दिए गए हैं। पाकिस्तान के संसद भवन में सेनेट का कक्ष पूर्वी भाग में है। सीनेट को ऐसे कई विशेष अधिकार दिये गए हैं, जो नैशनल असेम्ब्ली के पास नहीं है। इस संसदीय बिल बनाने के रूप में एक कानून के लिए मजबूर किया जा रहा की शक्तियों को भी शामिल है। सीनेट में हर तीन साल पर सीनेट की आधे सीटों के लिए चुनाव आयोजित की जाती हैं और प्रत्येक सीनेटर छह वर्ष की अवधि के लिये चुना जाता है। संविधान में सेनेट भंग करने का कोई भी प्रावधान नहीं दिया गया है, बल्की, इसमें इसे भंग करने पर मनाही है। .

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पाकिस्तान की सेनेट के अध्यक्ष

पाकिस्तान की सिनेट के अध्यक्ष (उर्दू: ؛چیئرمین سينیٹ Chairman senate) या आमीर मजलिस आइवान बाला(امیر مجلس ایوان بالا پاکستان, आइवान बाला (सेनेट) के अध्यक्ष (आमिर मजलिस) पाकिस्तान की सिनेट का सभापति पद है। of the Chapter 2: Majlis-e-Shoora (Parliament) in Part III of the Constitution of Pakistan. पाकिस्तान की संविधान के अनुसार सेनेट अध्यक्ष, पाकिस्तान की सिनेट के अधिष्ठाता एवं पाकिस्तान की राष्ट्रपतित्व के उत्तराधिकार पंक्ति में दूसरे स्थान पर हैं। संविधान के अनुसार अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का चुनाव सिनेट द्वारा ही तीन वर्षीय अवधी हेतु किया जाता है। संविधान के अनुच्छेद 49 के अनुसार, राष्ट्रपति की अनुपस्थिति के दौरान, सेनेट अध्यक्ष को राष्ट्रपति पद के कर्तव्यों से सशक्त किया गया है, एवं अत्यंत दुर्लभ स्थितियों में, अध्यक्ष की भी अनुपस्थिति में यह अधिकार क़ौमी असेम्बली के अध्यक्ष के अधिकार में दिया गया है। पाकिस्तान की से नेट के प्रथम अध्यक्ष खान हबीब उल्लाह खान मरवाट थे जबकि वसीम सज्जाद, अब तक, इस पद पर दीर्घतम् समय तक रहने वाले पदाधिकारी हैं। .

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पाकिस्तानी संविधान का चौदहवाँ संशोधन

पाकिस्तान के संविधान का चौदहवें संशोधन (उर्दू:'آئین پاکستان میں چودہویں ترمی) को 1997 में पारित किया गया था। इसे प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) के अध्यक्ष)की सरकार के दौरान पारित किया गया था। इसके द्वारा सांसदों के लिए बहुत सख्त पार्टी अनुशासन अधीन काया गया था। इसके जरिए, पार्टी नेताओं को संसद से उनके विधायकों को, उनकी पार्टी के खिलाफ वोट करने पर, के किसी भी समय बर्खास्त करने की असीमित शक्ति प्राप्त कर दी गई थी। .

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पाकिस्तानी संविधान का तेरहवाँ संशोधन

पाकिस्तानी संविधान का तेरहवें संशोधन कि संविधान (तेरहवीं संशोधन) अधिनियम 1997 के नाम से जानी जाती है और यह 1997 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मियां मोहम्मद नवाज शरीफ सरकार ने पारित किया। इस संशोधन की रो से राष्ट्रपति पाकिस्तान विकल्प कृपया भंग एनए समाप्त कर दिए गए और प्रधानमंत्री को निलंबित करने और नए चुनाव कराने बारे राष्ट्रपति पाकिस्तान विकल्प का भी अंत हो गया। इस संशोधन को सरकार और विपक्ष का समर्थन प्राप्त था। इस संशोधन के बाद संविधान पाकिस्तान अनुच्छेद पु 2 ख संपादित हुई जिसकी रो राष्ट्रपति पाकिस्तान नेशनल असेंबली भंग करने की अनुमति थी अगर वह अपनी राय में यह समझते हैं कि देश या राज्य में ऐसी स्थिति जन्म ले कि जब सरकार या राज्य को आत्मसात संविधान पाकिस्तान रो संभव न रहे और इस बारे में नए चुनावों का आयोजन अपरिहार्य हो जाए। .

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पंजाब के मुख्यमंत्री (पाकिस्तान)

पंजाब के मुख्यमंत्री, पाकिस्तान के प्रांत पंजाब की प्रांतीय सरकार का प्रमुख होता है। उनका चयन पंजाब विधानसभा करती है। पाकिस्तान पाकिस्तान की प्रशासन व्यवस्था वेस्टमिंस्टर प्रणाली पर आधारित है अतः राज्य के राज्यपाल, जिन्हें कथास्वरूप राज्य का प्रमुख होने का सौभाग्य प्राप्त है, को केवल पारंपरिक एवं नाममात्र की संवैधानिक अधिकार है जबकि आसल कार्यप्रणाली मुख्यमंत्री के नियंत्रण में होती है। पंजाब के मौजूदा मुख्यमंत्री मियां शाहबाज शरीफ हैं जिनका संबंध पाकिस्तान मुस्लिम लीग एन से है। वह 30 मार्च 2009 को मुख्यमंत्री पद पर बहाल हुए थे। उन्हें पंजाब की प्रांतीय विधानसभा के सदस्यों ने नेता सत्ता पक्ष चुना था लेकिन अदालती आदेश के कारण उन्हें पद से हटा दिया गया और राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया। बाद में राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने राज्यपाल शासन हटाते हुए 30 मार्च को उन्हें पद पर बहाल किया। 30 मार्च 2009 के न्यायालय के निर्णय शाहबाज शरीफ को पुनह पद पर स्थापित कर दिया, जिसके बाद 26 मार्च 2013 से जून 2013 तक विख्यात पत्रकार एवं पत्रकारी हस्ती नजम सेठी को कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर अस्थाई रूप से इस पद पर स्थापित किया गया। इसके बाद बनाया शहबाज शरीफ इस पद पर चुनाव द्वारा चुने गए। .

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पंजाब के राज्यपाल (पाकिस्तान)

पंजाब के राज्यपाल पंजाब, पाकिस्तान की प्रांतीय सरकार के आधिकारिक प्रमुख एवं सूबे के सर्वोच्च पदाधिकारी हैं। राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति पाकिस्तान, प्रधानमंत्री पाकिस्तान की परामर्श पर करते हैं और सामान्यतः यह एक औपचारिक पद होता है अर्थात् उसके पास अधिक संवैधानिक अधिकार नहीं होते हैं। हालांकि इतिहास में कई बार ऐसे अवसर आए हैं जब प्रांतीय गवर्नरों को अतिरिक्त व पूर्ण अधिकार मिलता रहा है, विशेषकर उन मामलों में जब प्रांतीय विधायिका भंग कर दी गई हो, तब प्रशासनिक अधिकार सीधे राज्यपाल के अधिकारक्षेत्र के अंतर्गत आ जाते हैं; जैसा कि 1958 के बाद से 1972 और 1977 से 1985 तक, सैन्य शासन और 1999 से 2002 तक के राज्यपाल शासन में हुआ था। पंजाब में 1949 से 1951 तक राज्यपाल शासन लागू रहा था। इसके अलावा, एक इकाई व्यवस्था के अंतर्गत 1955 से 1970 तक पंजाब प्रांत को स्थगित कर उस समय के पाकिस्तान के पश्चिमी भाग के सारे प्रांतों के संयोजन से, एक प्रांत, पश्चिमी पाकिस्तान बनाया गया था, इस बीच यह पद निलंबित रहा था। .

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पूर्वी पाकिस्तान

पूर्वी पाकिस्तान(পূর্ব পাকিস্তান,; مشرقی پاکستان,; East Pakistan, ईस्ट पाकिस्तान), एक इकाई व्यवस्था के तहत, तत्कालीन पाकिस्तान की पूर्वी इकाई थी। यह वर्तमान बांग्लादेश के स्थान पर, १९५५ से १९७१ तक विद्यमान था। इसकी राजधनी ढाका थी, एवं राजभाषा बांग्ला थी। पूर्वी पाकिस्तान का कुल भूक्षेत्र, १,४७,५७० वर्ग की•मी• था। यह पूर्व, उत्तर व पश्चिम दिशाओं में भारत से घिरा हुआ था, और दक्षिण की ओर, बंगाल की खाड़ी के तट पर था। साथ ही पूर्व में यह एक छोटी सी सीमा रेखा, बर्मा के साथ साझा करता था। यह पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रंशन में से एक रहा है, और अर्थव्यवस्था, राजनैतिक प्रतिनिधितिव व जनसंख्या के आधार पर, तत्कालीन पाकिस्तान का सबसे बड़ा राज्य था। अंत्यतः, १६ दिसंबर १९७१ को, नौ महीनों तक चले युद्ध के पश्चात्, पूर्वी पाकिस्तान ने बांग्लादेश के रूप में स्वतंत्रता घोषित कर दी। .

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फ़ातिमा जिन्नाह

फ़ातिमा जिन्नाह पार्क, इस्लामाबाद, पाकिस्तान फ़ातिमा जिन्नाह (उर्दू) मादर-ए मिल्लत यानी जनता की माँ, क़ायदे आज़म के जीवन में मादर-ए मिल्लत उनके हमर उह प्रभावी रूप से १९ साल रहें यानी १९२९ से १९४८ तक और मृत्यु शुक्रवार के बाद भी इतना ही समय जीवित रहीं। हमारे विशेषज्ञ इतिहास ऑसाज्य ने मादर मिल्लत को कायदे आजम के घर की देखभाल करने वाली बहन को लेकर बहुत बुलंद स्थान दिया है लेकिन उन्होंने स्थापना पाकिस्तान और खासकर १९६५ के बाद के राजनीतिक नक्शे पर जो आश्चर्यजनक प्रभाव छोड़े हैं उनकी तरफ अधिक ध्यान नहीं। यह एक सार्थक बात है कि कायदे आजम के जीवन में मादर मिल्लत उनके हमर उह प्रभावी रूप से १९ साल रहें यानी १९२९ से १९४८ तक और मृत्यु शुक्रवार के बाद भी इतना ही समय जीवित रहीं यानी १९४६ से १९६७ तक लेकिन इस दूसरे दौर में उनकी अपनी व्यक्ति कुछ इस तरह उभरी और उनके विचारों भूमिका कुछ इस तरह नखरे कर सामने आए कि उन्हें बजा लिए कायदे आजम की लोकतांत्रिक 'बे बाक और पारदर्शी राजनीतिक मूल्यों को आज़सर नौ जीवित करने का श्रेय दिया जा सकता है जिन्हें शासक भूल चुके थे। इस सिलसिले में मादर मिल्लत ने जिन आरा जताई उनसे समकालीन राजनीतिशास्त्र और मामलों पर उनकी ज़हनी पकड़ ना योग्य विश्वास हद तक और मजबूत नजर आती है। १९६५ के राष्ट्रपति चुनाव के मौके पर अय्यूब खान की आलोचना के जवाब में मादर मिल्लत ने ख़ुद कहा था कि अय्यूब सैन्य मामलों का विशेषज्ञ हो सकता है लेकिन राजनीतिक समझ और फ़्रासत मैंने कायदे आजम सीधे प्राप्त है और यह ऐसा क्षेत्र है जिसमें अमर बिल्कुल ना देशांतर है। १९६५ के बाद उत्पन्न होने वाली घटनाओं मादरमलत के इस बयान की पुष्टि करने के लिए काफी हैं। उदाहरण के मादर मिल्लत ने जिन खतरों की बार बार पहचान की उनमें से कुछ हैं.

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बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री

बलोचिस्तान के मुख्यमंत्री, पाकिस्तान के प्रांत बलोचिस्तान की प्रांतीय सरकार का प्रमुख होता है। उनका चयन बलूचिस्तान विधानसभा करती है। पाकिस्तान पाकिस्तान की प्रशासन व्यवस्था वेस्टमिंस्टर प्रणाली पर आधारित है अतः राज्य के राज्यपाल, जिन्हें कथास्वरूप राज्य का प्रमुख होने का सौभाग्य प्राप्त है, को केवल पारंपरिक एवं नाममात्र की संवैधानिक अधिकार है जबकि आसल कार्यप्रणाली मुख्यमंत्री के नियंत्रण में होती है। बलूचिस्तान के मौजूदा मुख्यमंत्री असलम रईसानी हैं जिनका संबंध पाकिस्तान पीपल्स पार्टी से है। उन्होंने 9 अप्रैल 2008 को अपने पद की शपथ ली और बलूचिस्तान असेंबली के 65 में से 61 उम्मीदवारों के समर्थन से उन्हें नेता सत्ता पक्ष घोषित किया गया था। .

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ममनून हुसैन

ममनून हुसैन (ممنون حسین (जन्म:2 मार्च 1940) एक पाकिस्तानी कपड़ा व्यापारी और राजनेता हैं, जिन्हें जुलाई 2013 में पाकिस्तान का राष्ट्रपति चुना गया। हुसैन 1999 में छोटे समय के लिए सिंध के राज्यपाल बने। राज्यपाल के रूप में उनका कार्यकाल सैन्य तख्तापलट के कारण अक्टूबर 1999 तक ही सीमित रहा। 30 जुलाई 2013 को उन्हें पाकिस्तान के 12वें राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित किया गया, अथवा वह 8 सितम्बर 2013 को अपने पूर्ववर्ती आसिफ अली जरदारी को प्रतिस्थापित करते हुए शपथ ग्रहण करेंगे। .

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मालिक मुहम्मद रफ़ीक़ राजवाना

मालिक मोहम्मद रफीक रजूाना पाकिस्तान के प्रांत पंजाब के वर्तमान राज्यपाल हैं, वह 10 मई 2015 को इस पद का कलमन्दान संभाला। उनसे पहले पंजाब के राज्यपाल चौधरी मोहम्मद सर्वर थे जो एक प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ थे। आप 2 अगस्त 2013 को यह पद, पिछले राज्यपाल मखदूम अहमद महमूद के इस्तीफे के बाद संभाला था। 29 जनवरी, 2015 को उन्होंने पंजाब, पाकिस्तान के राज्यपाल के पद से इस्तीफा दे दिया उनके इस्तीफे के बाद संघीय सरकार ने मालिक रफीक रजूाना को यह पद दिया। .

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मजलिस-ए-शूरा

मजलिस-ए-शूरा (उर्दू) यानी पाकिस्तान की संसद पाकिस्तान में संघीय स्तर पर सर्वोच्च विधायी संस्था है। इस संस्थान में दो सदन हैं, निचले सदन या कौमी एसेंबली और ऊपरी सदन या सीनेट। पाकिस्तान का संविधान की धारा 50 के मुताबिक़ राष्ट्रपति भी मजलिस-ए-शूरा का हिस्सा हैं। इसकी दोनों सदनों में से निम्नसदन नैशनल असेम्बली एक अस्थाई इकाई है, और प्रती पाँचवे वर्ष, आम निर्वाचन द्वारा यह परिवर्तित होती रहती है, वहीं उच्चसदन सेनेट एक स्थाई इकाई है, जो कभी भंग नहीं होती है, परंतु भाग-दर-भाग इसके सदस्यों को बदल दिया जाता है। संसद की दोनों सदनों हेतु सभागृह इस्लामाबाद को पार्लिआमेंट हाउस में है। 1960 में संसद के आसन को कराँची से इस्लामाबाद लाया गया था। .

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मुहम्मद अय्यूब खूह्ड़ो

मुहम्मद अय्यूब खूह्ड़ो या मुहम्मद अयूब खूक्ड़ो, सिंध प्रांत के पूर्व तीन बार निर्वाचित मुख्यमंत्री और पाकिस्तान मुस्लिम लीग के सक्रिय राजनीतिक कार्यकर्ता थे। उन्होंने यह पद 16 अगस्त 1947 से 28 अप्रैल 1948, जबकि दूसरी बार 25 मई 1951 से 29 दिसंबर 1951 तक संभाला और 9 नवंबर 1954 के बाद से 13 अक्टूबर 1955 तक सनखबाला। .

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मीर ग़ज़नफ़र अली ख़ान

पीर करम अली शाह, पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) से संबंधित एक पाकिस्तानी राजनेता। थे, एवं वे 24 नवंबर 2015 से गिलगित-बल्तिस्तान के राज्यपाल थे। .

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रमेश कुमार वांकवानी

रमेश कुमार वांकवानी एक पाकिस्तानी राजनीतिज्ञ है जो वर्तमान में पाकिस्तान की राष्ट्रीय सभा का सदस्य है, पाकिस्तान मुस्लिम लीग .

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रीता ईश्वर

रीता ईश्वर एक पाकिस्तानी राजनीतिज्ञ तथा वर्तमान पाकिस्तान की राष्ट्रीय सभा की सांसद हैं | वे प्रथम हिन्दू महिला पाकिस्तान की नेशनल असैंबली की सांसद हैं | .

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लियाक़त अली ख़ान

नवबजादा लियाक़त अली ख़ान पाकिस्तान के प्रथम प्रधानमंत्री थे जिन्होंने पाकिस्तान आंदोलन के दौरान मुहम्मद अली जिन्ना के साथ कई दौरे किये। भारत के प्रथम वाणिज्य मंत्री भी थे (अंग्रेज़ो के अधीन भारत)। इनका परिवार अंग्रेजों से अच्छे संबंध रखता था। सन् १९५१ में रावलपिण्डी में इनका क़त्ल हो गया - जिसकी गुत्थी अभी तक नहीं सुलझी है। साद अकबर बाबरक नामक हत्यारा एक अफ़ग़ान था। यह पाकिस्तान के प्रथम रक्षा मंत्री भी रहे और पाकिस्तान के प्रथम विदेश मंत्री भी रहे | पाकिस्तान के प्रधान मन्त्री श्रेणी:पाकिस्तान के प्रधान मन्त्री श्रेणी:पाकिस्तानी राजनीतिज्ञ.

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शहबाज़ शरीफ़

मियां मोहम्मद शाहबाज शरीफ पाकिस्तान के प्रसिद्ध राजनेता, पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज समूह) के प्रमुख सदस्य और पाकिस्तान प्रधानमंत्री मियां मोहम्मद नवाज शरीफ के भाई हैं। 1950 में लाहौर में पैदा हुए। वह पाकिस्तान के सबसे घनी आबादी वाले प्रांत पंजाब के मुख्यमंत्री हैं। शाहबाज शरीफ 20 फरवरी 1997 से 12 अक्टूबर 1999 तक भी पंजाब के मुख्यमंत्री रहे। 1999 में मुशर्रफ सरकार पर कब्जा कर लेने के बाद वह सऊदी अरब, में निर्वासित रहे। 11 मई 2004 को उन्होंने पाकिस्तान वापस आने की कोशिश की मगर लाहौर के अल्लामा इकबाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उन्हें वापस भेज दिया गया। .

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शाहिद खाकन अब्बासी

शाहिद खाकान अब्बासी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हैं। वे पाकिस्तान की राष्ट्रीय सभा में वह पाकिस्तानी पंजाब के NA-50 निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। - पाकिस्तान के राष्ट्रीय विधानसभा .

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सिंध के मुख्यमंत्री

सिंध के मुख्यमंत्री, पाकिस्तान के प्रांत सिंध की प्रांतीय सरकार का प्रमुख होता है। उनका चयन सिंध विधानसभा करती है। पाकिस्तान पाकिस्तान की प्रशासन व्यवस्था वेस्टमिंस्टर प्रणाली पर आधारित है अतः राज्य के राज्यपाल, जिन्हें कथास्वरूप राज्य का प्रमुख होने का सौभाग्य प्राप्त है, को केवल पारंपरिक एवं नाममात्र की संवैधानिक अधिकार है जबकि आसल कार्यप्रणाली मुख्यमंत्री के नियंत्रण में होती है। .

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हाफ़िज़ हफ़ीज़ुर्रहमान

हाफ़िज़ हफ़ीज़ुर्रहमान, एक पाकिस्तानी राजनीतिज्ञ व पाकिस्तान के प्रांत गिलगित-बल्तिस्तान के प्रथम मुख्यमंत्री थे। उनका संबंध पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) से है। वे मूलतः गिलगित शहर के पल्टनी मुहल्ला कशरोट से हैं एवं अपनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। .

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खान हबीबुल्लाह खान

खान हबीबुल्लाह खान, एक पाकिस्तानी राजनेता थे। वे अय्यूब खान की सरकार के दौरान पाकिस्तान के गृह मंत्री थे, और बाद में उन्होंने जुल्फिकार अली भुट्टो के प्रशासन के दौरान उनहोंने पाकिस्तान की उच्चसदन के सभापति के रूप में सेवा की थी। सभापति के रूप में उनका कार्यकाल, अगस्त १९७३ से जुलाई १९७७ तक था। .

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गिलगित-बल्तिस्तान के मुख्यमंत्री

गिलगित-बल्तिस्तान के मुख्यमंत्री, पाकिस्तान के प्रांत गिलगित-बल्तिस्तान की प्रांतीय सरकार का प्रमुख होता है। उनका चयन गिलगित-बल्तिस्तान विधानसभा करती है। पाकिस्तान पाकिस्तान की प्रशासन व्यवस्था वेस्टमिंस्टर प्रणाली पर आधारित है अतः राज्य के राज्यपाल, जिन्हें कथास्वरूप राज्य का प्रमुख होने का सौभाग्य प्राप्त है, को केवल पारंपरिक एवं नाममात्र की संवैधानिक अधिकार है जबकि आसल कार्यप्रणाली मुख्यमंत्री के नियंत्रण में होती है।जीबी के मौजूदा मुख्यमंत्री सैयद मेहदी शाह हैं जिनका संबंध पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी से है। वह 12 दिसंबर 2009 को मुख्यमंत्री पद पर आसीन हुए थे। .

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आज़ादी मार्च

मार्च पाकिस्तान सरकार विरोधी प्रतिवाद २०१४ "आज़ादी मार्च" के नाम से पाकिस्तान की नवाज़ शरीफ़ सरकार को गिराने के उद्देश्य निकला हुआ मार्च था जो १४ अगस्त २०१४ को शुरू हुआ। इस मार्च का नेतृत्व इमरान खान व ताहिर-उल-क़ादरी कर रहे थे। .

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इस्लामी जम्हूरी इत्तेहाद

इस्लामी लोकतांत्रिक गठबंधन का परचम इस्लामी जम्हूरी इत्तेहाद, (अर्थात, इस्लामी लोकतांत्रिक गठबंधन) पाकिस्तान की एक पूर्व राजनीतिक गठबंधन था जो सैन्य तानाशाह जिया उल हक की मृत्यु के बाद 1988 में होने वाले आम चुनाव में पाकिस्तान पीपल्स पार्टी का मुकाबला करने के लिए बनाया गया था। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो की पुत्री बेनज़ीर भुट्टो की पाकिस्तान वापसी से मजबूत बनाया था और सार्वजनिक रूप से उनकी सराहना दिखाया था ताकि पीपुल्स पार्टी चुनाव में जीत हासिल कर लेगी, उसी "खतरे" का मुकाबला करने के लिए दक्षिणपंथी सभी दलों ने गठबंधन करके पीपुल्स पार्टी का रास्ता रोकने की कोशिश की। .

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१९७१ का भारत-पाक युद्ध

1971 भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान को बड़ी हार का सामना करना पड़ा। पूर्वी पाकिस्तान आजाद हो गया और बांग्लादेश के रूप में एक नया देश बना। 16 दिसंबर को ही पाकिस्तानी सेना ने सरेंडर किया था। करगिल युद्ध में भूमिका निभाने वाले रिटायर्ड कर्नल बीबी वत्स ने भारत की जीत और पाकिस्तान की हार के 10 बड़े कारण बताए। 1.

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