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पलामू जिला

सूची पलामू जिला

पलामू या पालामऊ भारतीय राज्य झारखंड का उत्तर-पश्चिमी जिला है। जिले का मुख्यालय मेदिनीनगर (डाल्टेनगंज) है जो उत्तर कोयल नदी के दाहिने तट पर स्थित है और 1962 का बसा हुआ है। क्षेत्रफल - 5043.8 वर्ग कि.मी.

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सामग्री की तालिका

  1. 5 संबंधों: झारखण्ड, डाल्टेनगंज, पलामू, पलामू के दुर्ग, हुसैनाबाद

झारखण्ड

झारखण्ड यानी 'झार' या 'झाड़' जो स्थानीय रूप में वन का पर्याय है और 'खण्ड' यानी टुकड़े से मिलकर बना है। अपने नाम के अनुरुप यह मूलतः एक वन प्रदेश है जो झारखंड आंदोलन के फलस्वरूप सृजित हुआ। प्रचुर मात्रा में खनिज की उपलबध्ता के कारण इसे भारत का 'रूर' भी कहा जाता है जो जर्मनी में खनिज-प्रदेश के नाम से विख्यात है। 1930 के आसपास गठित आदिवासी महासभा ने जयपाल सिंह मुंडा की अगुआई में अलग ‘झारखंड’ का सपना देखा.

देखें पलामू जिला और झारखण्ड

डाल्टेनगंज

डाल्टेनगंज भारत के झारखंड प्रांत का एक प्रमुख शहर है। श्रेणी:झारखंड श्रेणी:झारखंड के.

देखें पलामू जिला और डाल्टेनगंज

पलामू

पलामू भारत में झारखंड प्रान्त का एक जिला है। इसका ज़िला मुख्यालय मेदनीनगर है। पहले यह डाल्टनगंज के नाम से जाना जाता था लेकिन आनंदमार्ग के लक्ष्मण सिंह, बैद्यनाछ साहू, युगलकिशोर सिंह, विश्वनाथ सिंह जैसे लोगों ने लंबे समय तक आंदोलन किया और शहर का नाम मेदनीनगर किया गया। यहां के राजनीतिज्ञों में इंदर सिंह नामधारी, ज्ञानचंद पांडेय, शैलेंद्र, केडी सिंह आदि मुख्य हैं। पत्रकारों में आलोक प्रकाश पुतुल ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रियता हासिल की है। अन्य पत्रकारों में रामेश्वरम, गोकुल बंसंत, फैयाज अहमद, उपेन्द्र नाथ पान्देय आदि शामिल हैं। .

देखें पलामू जिला और पलामू

पलामू के दुर्ग

पलामू दुर्ग पलामू में दो दुर्ग हैं जो वर्तमान समय में कुछ जर्जर हो चुके है, लेकिन ये आज भी इस क्षेत्र की शान हैं और पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण केंद्र भी। इन किलों को 'पुराना किला' और 'नया किला' कहा जाता है। ये दुर्ग चीरो राजवंश के राजाओं की देन हैं। इस किले को राजा मेदीनी राय ने बनवाया था। पलामू के मुख्यालय मेदिनीनगर (डाल्टनगंज) के दक्षिण दिशा में कोयल नदी के तट पर अवस्थित शाहपुर किला पलामू इतिहास के सैकड़ों वर्षों की स्मृतियों को समेटे बद्हाल अवस्था में खड़ा है। स्थानीय लोग इस किले को 'चलानी किला' भी कहतें हैं। इतिहास के अनुसार इसका निर्माण 1766-1770 के आसपास चेरोवंशीय राजा गोपाल राय ने करवाया था और चेरो सत्ता के अवसान काल के दौरान पलामू का सम्राज्य को यहीं से संचालित किया जाता था। सन् 1771 में पलामू किला पर अंग्रेजों के आक्रमण और नियंत्रणाधीन होने के बाद शाहपुर किला ही राजा का निवास स्थान बना। कहा जाता है कि इस किले से सुरंग के रूप में एक गुप्त मार्ग पलामू किला तक जाता था। इस किले में चेरो वंश के अंतिम शासक राजा चुड़ामन राय और उनकी पत्नी चंद्रावती देवी की प्रतिमा स्थापित की गई है। शाहपुर मुख्य मार्ग पर स्थित इस किले से कोयल नदी समेत मेदिनीनगर क्षेत्र के मनोहारी प्राकृतिक दृश्य को देखा जा सकता है। कुछ वर्ष पूर्व इस किले को पुरातात्विक महत्व का घोषित किया गया हैं लेकिन इसके बावजूद भी यह चेरोवंशीय साम्राज्य के वैभवशाली इतिहास का मूक साक्षी अपनी दुर्दशा पर सिसकता नजर आता है। .

देखें पलामू जिला और पलामू के दुर्ग

हुसैनाबाद

हुसैनाबाद झारखंड का एक शहर है।हुसैनाबाद (जपला) भारतीय बंगाल टाइगर फाइट क्लब (आईबीटीएफसी) के खिलाड़ी अमन राज (पीयू) सूपूत्र मदन चौधरी (बीपीएस) के नए बस स्टैंड, जपला, झारखंड के गृहनगर के लिए जाने जाते हैं। श्रेणी:शहर श्रेणी:झारखंड के शहर श्रेणी:झारखंड.

देखें पलामू जिला और हुसैनाबाद