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परमाणु परीक्षण

सूची परमाणु परीक्षण

२७ मार्च, १९५४ को अमरीका द्वारा किये गये कैसल रोमियो नाभिकीय परीक्षण का चित्र "बेकर शॉट", संयुक्त राष्ट्र द्वारा किया गया ऑपरेशन क्रॉसरोड्स अभियान का एक भाग, १९४६ नाभिकीय अस्त्र परीक्षण (अंग्रेज़ी:Nuclear weapons tests) या परमाण परीक्षण उन प्रयोगों को कहते हैं जो डिजाइन एवं निर्मित किये गये नाभिकीय अस्त्रों के प्रभाविकता, उत्पादकता एवं विस्फोटक क्षमता की जाँच करने के लिये किये जाते हैं। परमाणु परीक्षणों से कई जानकारियाँ प्राप्त होतीं हैं; जैसे - ये नाभिकीय हथियार कैसा काम करते हैं; विभिन्न स्थितियों में ये किस प्रकार का परिणाम देते हैं; भवन एवं अन्य संरचनायें इन हथियारों के प्रयोग के बाद कैसा बर्ताव करतीं हं। सन् १९४५ के बाद बहुत से देशों ने परमाणु परीक्षण किये। इसके अलावा परमाणु परीक्षणों से वैज्ञानिक, तकनीकी एवं सैनिक शक्ति का प्रदर्शन करने की कोशिश भी की जाती है। .

26 संबंधों: एचएएल तेजस, ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम, नोवाया ज़ेमल्या, परमाणु बम, परमाणु अप्रसार संधि, परमाणु: द स्टोरी ऑफ पोखरण, पुंग्ये-री परमाणु परीक्षण स्थल, पोखरण, भारत, भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का इतिहास, भूकम्पमापी, मुस्कुराते बुद्ध, राजा रमन्ना, रॉबर्ट ओपेनहाइमर, शीतयुद्ध, शीतयुद्ध की उत्पत्ति, व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि, आंशिक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि, १६ जुलाई, १९ अगस्त, १९७३, १९७७, १९८१, २०१३ के उत्तर कोरियाई परमाणु परीक्षण, ८ दिसम्बर, 2016 के उत्तर कोरियाई परमाणु परीक्षण

एचएएल तेजस

तेजस भारत द्वारा विकसित किया जा रहा एक हल्का व कई तरह की भूमिकाओं वाला जेट लड़ाकू विमान है। यह हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा विकसित एक सीट और एक जेट इंजन वाला, अनेक भूमिकाओं को निभाने में सक्षम एक हल्का युद्धक विमान है। यह बिना पूँछ का, कम्पाउण्ड-डेल्टा पंख वाला विमान है। इसका विकास 'हल्का युद्धक विमान' या (एलसीए) नामक कार्यक्रम के अन्तर्गत हुआ है जो 1980 के दशक में शुरू हुआ था। विमान का आधिकारिक नाम तेजस 4 मई 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखा था। यह विमान पुराने पड़ रहे मिग-21 का स्थान लेगा। तेजस की सीमित श्रृंखला का उत्पादन 2007 में शुरू हुआ। दो सीटों वाला एक ट्रेनर संस्करण विकसित किया जा रहा है (नवम्बर 2008 तक उत्पादन के क्रम में था।), क्योंकि इसका नौसेना संस्करण भारतीय नौसेना के विमान वाहक पोतों से उड़ान भरने में सक्षम है। बताया जाता है कि भारतीय वायु सेना को एकल सीट वाले 200 और दो सीटों वाले 20 रूपांतरण प्रशिक्षक विमानों की जरूरत है, जबकि भारतीय नौसेना अपने सी हैरियर की जगह एकल सीटों वाले 40 विमानों का आदेश दे सकती है।जैक्सन, पॉल, मूनसौन, केनेथ; & पीकॉक, लिंडसे (एड्स.) (2005).

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ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम

अबुल पकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम अथवा ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम (A P J Abdul Kalam), (15 अक्टूबर 1931 - 27 जुलाई 2015) जिन्हें मिसाइल मैन और जनता के राष्ट्रपति के नाम से जाना जाता है, भारतीय गणतंत्र के ग्यारहवें निर्वाचित राष्ट्रपति थे। वे भारत के पूर्व राष्ट्रपति, जानेमाने वैज्ञानिक और अभियंता (इंजीनियर) के रूप में विख्यात थे। इन्होंने मुख्य रूप से एक वैज्ञानिक और विज्ञान के व्यवस्थापक के रूप में चार दशकों तक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) संभाला व भारत के नागरिक अंतरिक्ष कार्यक्रम और सैन्य मिसाइल के विकास के प्रयासों में भी शामिल रहे। इन्हें बैलेस्टिक मिसाइल और प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी के विकास के कार्यों के लिए भारत में मिसाइल मैन के रूप में जाना जाने लगा। इन्होंने 1974 में भारत द्वारा पहले मूल परमाणु परीक्षण के बाद से दूसरी बार 1998 में भारत के पोखरान-द्वितीय परमाणु परीक्षण में एक निर्णायक, संगठनात्मक, तकनीकी और राजनैतिक भूमिका निभाई। कलाम सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी व विपक्षी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दोनों के समर्थन के साथ 2002 में भारत के राष्ट्रपति चुने गए। पांच वर्ष की अवधि की सेवा के बाद, वह शिक्षा, लेखन और सार्वजनिक सेवा के अपने नागरिक जीवन में लौट आए। इन्होंने भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त किये। .

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नोवाया ज़ेमल्या

नोवाया ज़ेमल्या नोवाया ज़ेमल्या की उत्तरी यूरोप के सापेक्ष स्थिति नोवाया ज़ेमल्या (रूसी: Новая Земля; अंग्रेजी: Novaya Zemlya; नॉर्वेजियन: Gåselandet (हंस भूमि)), रूस के उत्तर और यूरोप के पूर्वोत्तर में आर्कटिक महासागर में स्थित एक द्वीपसमूह है, जिस पर स्थित झेलानिया अंतरीप यूरोप का सुदूरतम बिन्दु है। द्वीपसमूह का प्रशासन अर्खांगेल्स्क ओब्लास्ट के द्वारा नोवाया ज़ेमल्या द्वीप क्षेत्र के नाम से चलाया जाता है। इसका कुल क्षेत्रफल 90,650 किमी² है। नोवाया ज़ेमल्या दो प्रमुख द्वीपों सेवेर्नी (उत्तरी) और यूझनी (दक्षिणी) से मिलकर बना है जिन्हें संकीर्ण मटोच्किन जलडमरूमध्य पृथक करता है। नोवाया ज़ेमल्या कारा सागर को बेरिंट सागर से अलग करता हैं। द्वीपसमूह की जनसंख्या 2716 (2002 जनगणना) है, जिसमे से 2622 लोग, नोवाया ज़ेमल्या जिले के बेलुश्या गुबा नामक शहरी क्षेत्र में रहते हैं। यहाँ के मूल निवासी नेनेट लोग हैं जिनकी संख्या लगभग 100 है, जीवन निर्वाह के लिए मछली पकड़ने, जानवर पकड़ने, ध्रुवीय भालू और सील के शिकार जैसे व्यवसायों में लगे हैं। शीत युद्ध के वर्षों के दौरान नोवाया ज़ेमल्या एक संवेदनशील सैन्य क्षेत्र था, सोवियत वायु सेना ने द्वीप के दक्षिणी हिस्से में स्थित रोगाशेवो में अपना सैन्य अड्डा स्थापित किया था। इस अड्डे को मुख्य रूप से ना सिर्फ इंटरसेप्टर विमान प्रचालन के लिए इस्तेमाल किया जाता था बल्कि यह पास ही स्थित परमाणु परीक्षण क्षेत्र को सैन्य सहायता भी प्रदान करता था। यह आज तक के सबसे शक्तिशाली परमाणु विस्फोट ज़ार बोम्बा का भी परीक्षण स्थल था जिसका विस्फोट 1961 में किया गया था। .

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परमाणु बम

सन् १९४५ में जापान के नागासाकी पर गिराये बम से उत्पन्न कुकुरमुता के सदृश बादल - ये बादल बम के गिरने के स्थान से लगभग १८ किमी उपर तक उठे थे। नाभिकीय अस्त्र या परमाणु बम एक विस्फोटक युक्ति है जिसकी विध्वंसक शक्ति का आधार नाभिकीय अभिक्रिया होती है। यह नाभिकीय संलयन (Nuclear fusion) या नाभिकीय विखण्डन (nuclear fission) या इन दोनो प्रकार की नाभिकीय अभिक्रियों के सम्मिलन से बनाये जा सकते हैं। दोनो ही प्रकार की अभिक्रिया के परिणामस्वरूप थोड़े ही सामग्री से भारी मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है। आज का एक हजार किलो से थोड़ा बड़ा नाभिकीय हथियार इतनी ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है जितनी कई अरब किलो के परम्परागत विस्फोटकों से ही उत्पन्न हो सकती है। नाभिकीय हथियार महाविनाशकारी हथियार (weapons of mass destruction) कहे जाते हैं। द्वितीय विश्वयुद्ध में सबसे अधिक शक्तिशाली विस्फोटक, जो प्रयुक्त हुआ था, उसका नाम 'ब्लॉकबस्टर' (blockbuster) था। इसके निर्माण में तब तक ज्ञात प्रबलतम विस्फोटक ट्राईनाइट्रोटोलुईन (TNT) का 11 टन प्रयुक्त हुआ था। इस विस्फोटक से 2000 गुना अधिक शक्तिशाली प्रथम परमाणु बम था जिसका विस्फोट टी.

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परमाणु अप्रसार संधि

परमाणु अप्रसार संधि (अंग्रेज़ी:नॉन प्रॉलिफरेशन ट्रीटी) को एनपीटी के नाम से जाना जाता है। इसका उद्देश्य विश्व भर में परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने के साथ-साथ परमाणु परीक्षण पर अंकुश लगाना है। १ जुलाई १९६८ से इस समझौते पर हस्ताक्षर होना शुरू हुआ। अभी इस संधि पर हस्ताक्षर कर चुके देशों की संख्या १९0 है। जिसमें पांच के पास आण्विक हथियार हैं। ये देश हैं- अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन। सिर्फ पांच संप्रभुता संपन्न देश इसके सदस्य नहीं हैं। ये हैं- भारत, इजरायल, पाकिस्तान द.सुदान और उत्तरी कोरिया। एनपीटी के तहत भारत को परमाणु संपन्न देश की मान्यता नहीं दी गई है। जो इसके दोहरे मापदंड को प्रदर्शित करती है। इस संधि का प्रस्ताव आयरलैंड ने रखा था और सबसे पहले हस्ताक्षर करने वाला राष्ट्र है फिनलैंड। इस संधि के तहत परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र उसे ही माना गया है जिसने १ जनवरी १९६७ से पहले परमाणु हथियारों का निर्माण और परीक्षण कर लिया हो। इस आधार पर ही भारत को यह दर्जा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नहीं प्राप्त है। क्योंकि भारत ने पहला परमाणु परीक्षण १९७४ में किया था। उत्तरी कोरिया ने इस सन्धि पर हस्ताक्षर किये, इसका उलंघन किया और फिर इससे बाहर आ गया। .

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परमाणु: द स्टोरी ऑफ पोखरण

परमाणु: द स्टोरी ऑफ पोखरण एक हिंदी फ़िल्म है जिसका निर्देशन अभिषेक शर्मा ने किया है। इसमें मुख्य भूमिका में जॉन अब्राहम हैं। यह २५ मई २०१८ को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई। .

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पुंग्ये-री परमाणु परीक्षण स्थल

पुंग्ये-री परमाणु परीक्षण स्थल (Punggye-ri Nuclear Test Site, 풍계리 핵실험장) उत्तर कोरिया का एकमात्र ज्ञात परमाणु परीक्षण स्थल है। किल्जु काउंटी, उत्तर हैम्ग्यॉंग प्राँत में स्थित इस जगह पर उत्तर कोरिया ने 2006, 2009, 2013 और 2016 के परमाणु परीक्षण किये। .

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पोखरण

पोकरण या पोखरण, जैसलमेर से ११० किलोमीटर दूर जैसलमेर-जोधपुर मार्ग पर पोकरण प्रमुख कस्बा हैं। पोकरण में लाल पत्थरों से निर्मित सुन्दर दुर्ग है। इसका निर्माण सन १५५० में राव मालदेव ने कराया था। यह स्थल बाबा रामदेव के गुरूकुल के रूप में विख्यात हैं। पोखरण के पास आशापूर्णा मंदिर, खींवज माता का मंदिर, कैलाश टेकरी दर्शनीय हैं। पोखरण से तीन किलोमीटर दूर स्थित सातलमेर को पोखरण की प्राचीन राजधानी होने का गौरव प्राप्त हैं। भारत का पहला भूमिगत परमाणु परीक्षण १८ मई, १९७४ को यहाँ किया गया। पुनः ११ और १३ मई १९९८ को यह स्थान इन्हीं परीक्षणों के लिए चर्चित रहा। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का इतिहास

भारत की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की विकास-यात्रा प्रागैतिहासिक काल से आरम्भ होती है। भारत का अतीत ज्ञान से परिपूर्ण था और भारतीय संसार का नेतृत्व करते थे। सबसे प्राचीन वैज्ञानिक एवं तकनीकी मानवीय क्रियाकलाप मेहरगढ़ में पाये गये हैं जो अब पाकिस्तान में है। सिन्धु घाटी की सभ्यता से होते हुए यह यात्रा राज्यों एवं साम्राज्यों तक आती है। यह यात्रा मध्यकालीन भारत में भी आगे बढ़ती रही; ब्रिटिश राज में भी भारत में विज्ञान एवं तकनीकी की पर्याप्त प्रगति हुई तथा स्वतंत्रता की प्राप्ति के बाद भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के सभी क्षेत्रों में तेजी से प्रगति कर रहा है। सन् २००९ में चन्द्रमा पर यान भेजकर एवं वहाँ पानी की प्राप्ति का नया खोज करके इस क्षेत्र में भारत ने अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज की है। चार शताब्दियों पूर्व प्रारंभ हुई पश्चिमी विज्ञान व प्रौद्योगिकी संबंधी क्रांति में भारत क्यों शामिल नहीं हो पाया ? इसके अनेक कारणों में मौखिक शिक्षा पद्धति, लिखित पांडुलिपियों का अभाव आदि हैं। .

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भूकम्पमापी

भूकम्पमापी के आन्तरिक भाग एक सरल भूकम्पमापी भूकंपमापी (Seismometer) भूगति के एक घटक को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष विधि से अधिक यथार्थतापूर्वक अभिलिखित करने वाला उपकरण है। सुपरिचित प्राकृतिक भूकंपों, भूमिगत परमाणु परीक्षण एवं पेट्रोलियम अन्वेषण आदि में मनुष्यकृत विस्फोटों तथा तेज हवा, समुद्री तरंग, तेज मानसून एवं समुद्री क्षेत्र में तूफान या अवनमन आदि से उत्पन्न सूक्ष्मकंपों (microseism) के कारण भूगति उत्पन्न हो सकती है। उचित रीति से अनुस्थापित (oriented), क्षैतिज भूकंपमापी भूगति के पूर्व पश्चिम या उत्तर दक्षिण के घटक को अभिलिखित करता है और ऊर्ध्वाधर भूकंपमापी ऊर्ध्वाधर गति, अर्थात भूगति के ऊर्ध्वाधर घटक को अभिलिखित करता है। .

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मुस्कुराते बुद्ध

स्माइलिंग बुद्धा (पोखरण-१) या मुस्कुराते बुद्धा भारत द्वारा किये गए प्रथम सफल परमाणु परीक्षण का कूटनाम है। यह परीक्षण जिसे १८ मई १९७४ को पोखरण (राजस्थान) में सेना के स्थल पे जिसे पोखरण टेस्ट रेंज कहते है वह वरिष्ठ सेना के अफसरों की निगरानी में किया गया।   पोखरण -१ इस  मामले में भी महत्वपूर्ण है कि यह संयुक्त राष्ट्र के पांच स्थायी सदस्य देशों के अलावा किसी अन्य देश द्वारा किया गया पहला परमाणु हथियार का परीक्षण था। अधिकारिक रूप से भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे शांतिपूर्ण परमाणु बम विस्फोट बताया, लेकिन वास्तविक रूप से यह त्वरित परमाणु कार्यक्रम था। .

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राजा रमन्ना

राजा रामन्ना (कन्नड ರಾಜಾ ರಾಮಣ್ಣ) (२८ जनवरी १९२५ - २३ सितम्बर २००४) भारत के एक परमाणु वैज्ञानिक थे। श्री राजा रामन्ना का जन्म कर्नाटक के टुम्कुर में हुआ था। वह भारत के प्रथम परमाणु परीक्षण के सूत्रधार भी थे। 'राजा रमन्ना को विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७३ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये तमिलनाडु से हैं। .

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रॉबर्ट ओपेनहाइमर

रॉबर्त ओपेनहाइमर जूलियस रॉबर्ट ओपेनहाइमर (Julius Robert Oppenheimer) (२२ अप्रैल १९०४ - १८ फ़रवरी १९६७) एक सैद्धान्तिक भौतिकविद् एवं अमेरिका के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय (बर्कली) में भौतिकी के प्राध्यापक थे। लेकिन वे परमाण बम के जनक के रूप में अधिक विख्यात हैं। वे द्वितीय विश्वयुद्ध के समय परमाणु बम के निर्माण के लिये आरम्भ की गयी मैनहट्टन परियोजना के वैज्ञानिक निदेशक थे। न्यू मैक्सिको में जब ट्रिनिटी टेस्ट हा और इनकी टीम ने पहला परमाणु परीक्षण किया तो उनके मुंह से भगवद गीता का एक श्लोक निकल पड़ा। दिवि सूर्यसहस्रस्य भवेद्युगपदुत्थिता। यदि भाः सदृशी सा स्याद् भासस्तस्य महात्मनः॥१२॥ कालोऽस्मि लोकक्षयकृत्प्रवृद्धो लोकान्समाहर्तुमिह प्रवृत्तः।...॥३२॥ युद्ध की समाप्ति पर उन्हें युनाइटेड स्टेट्स एटॉमिक इनर्जी कमीशन का मुख्य सलाहकार बनाया गया। .

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शीतयुद्ध

नाटो तथा वार्सा संधि के देश द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद के काल में संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत रूस के बीच उत्पन्न तनाव की स्थिति को शीत युद्ध के नाम से जाना जाता है। कुछ इतिहासकारों द्वारा इसे 'शस्त्र सज्जित शान्ति' का नाम भी दिया गया है। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और रूस ने कंधे से कन्धा मिलाकर धूरी राष्ट्रों- जर्मनी, इटली और जापान के विरूद्ध संघर्ष किया था। किन्तु युद्ध समाप्त होते ही, एक ओर ब्रिटेन तथा संयुक्त राज्य अमेरिका तथा दूसरी ओर सोवियत संघ में तीव्र मतभेद उत्पन्न होने लगा। बहुत जल्द ही इन मतभेदों ने तनाव की भयंकर स्थिति उत्पन्न कर दी। रूस के नेतृत्व में साम्यवादी और अमेरिका के नेतृत्व में पूँजीवादी देश दो खेमों में बँट गये। इन दोनों पक्षों में आपसी टकराहट आमने सामने कभी नहीं हुई, पर ये दोनों गुट इस प्रकार का वातावरण बनाते रहे कि युद्ध का खतरा सदा सामने दिखाई पड़ता रहता था। बर्लिन संकट, कोरिया युद्ध, सोवियत रूस द्वारा आणविक परीक्षण, सैनिक संगठन, हिन्द चीन की समस्या, यू-2 विमान काण्ड, क्यूबा मिसाइल संकट कुछ ऐसी परिस्थितियाँ थीं जिन्होंने शीतयुद्ध की अग्नि को प्रज्वलित किया। सन् 1991 में सोवियत रूस के विघटन से उसकी शक्ति कम हो गयी और शीतयुद्ध की समाप्ति हो गयी। .

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शीतयुद्ध की उत्पत्ति

नाटो तथा वार्सा संधि के देश द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और रूस ने कंधे से कन्धा मिलाकर धूरी राष्ट्रों- जर्मनी, इटली और जापान के विरूद्ध संघर्ष किया था। किन्तु युद्ध समाप्त होते ही, एक ओर ब्रिटेन तथा संयुक्त राज्य अमेरिका तथा दूसरी ओर सोवियत संघ में तीव्र मतभेद उत्पन्न होने लगा। बहुत जल्द ही इन मतभेदों ने तनाव की भयंकर स्थिति उत्पन्न कर दी। शीतयुद्ध के लक्षण द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान ही प्रकट होने लगे थे। दोनों महाशक्तियां अपने-अपने संकीर्ण स्वार्थों को ही ध्यान में रखकर युद्ध लड़ रही थी और परस्पर सहयोग की भावना का दिखावा कर रही थी। जो सहयोग की भावना युद्ध के दौरान दिखाई दे रही थी, वह युद्ध के बाद समाप्त होने लगी थी और शीतयुद्ध के लक्षण स्पष्ट तौर पर उभरने लग गए थे, दोनों गुटों में ही एक दूसरे की शिकायत करने की भावना बलवती हो गई थी। इन शिकायतों के कुछ सुदृढ़ आधार थे। रूस के नेतृत्व में साम्यवादी और अमेरिका के नेतृत्व में पूँजीवादी देश दो खेमों में बँट गये। इन दोनों पक्षों में आपसी टकराहट आमने सामने कभी नहीं हुई, पर ये दोनों गुट इस प्रकार का वातावरण बनाते रहे कि युद्ध का खतरा सदा सामने दिखाई पड़ता रहता था। बर्लिन संकट, कोरिया युद्ध, सोवियत रूस द्वारा आणविक परीक्षण, सैनिक संगठन, हिन्द चीन की समस्या, यू-2 विमान काण्ड, क्यूबा मिसाइल संकट कुछ ऐसी परिस्थितियाँ थीं जिन्होंने शीतयुद्ध की अग्नि को प्रज्वलित किया। सन् 1991 में सोवियत रूस के विघटन से उसकी शक्ति कम हो गयी और शीतयुद्ध की समाप्ति हो गयी। शीतयुद्ध की उत्पत्ति के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं- .

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व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि

व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (सीटीबीटी) को ही कांप्रेहेन्सिव टेस्ट बैन ट्रीटी कहा जाता है। यह एक ऐसा समझौता है जिसके जरिए परमाणु परीक्षणों को प्रतिबंधित किया गया है। यह संधि 24 सितंबर 1996 को अस्तित्व में आयी। उस समय इस पर ७१ देशों ने हस्ताक्षर किया था। अब तक इस पर १७८ देशों ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। भारत और पाकिस्तान ने सीटीबीटी पर अब तक हस्ताक्षर नहीं किया है। इसके तहत परमाणु परीक्षणों को प्रतिबंधित करने के साथ यह प्रावधान भी किया गया है कि सदस्य देश अपने नियंत्रण में आने वाले क्षेत्रें में भी परमाणु परीक्षण को नियंत्रित करेंगे। .

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आंशिक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि

आंशिक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (अंग्रेज़ी: लिमिटेड टेस्ट बैन ट्रीटी) के अन्तर्गत भूमिगत परमाणु परीक्षण के अलावा अन्य सभी प्रकार के परमाणु परीक्षणों पर प्रतिबंध लगाया गया था। संधि, आंशिक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध.

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१६ जुलाई

१६ जुलाई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का १९७वॉ (लीप वर्ष में १९८ वॉ) दिन है। साल में अभी और १६८ दिन बाकी है। .

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१९ अगस्त

19 अगस्त ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 231वॉ (लीप वर्ष मे 232 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 134 दिन बाकी है। .

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१९७३

1973 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९७७

1977 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९८१

1981 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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२०१३ के उत्तर कोरियाई परमाणु परीक्षण

12 फरवरी 2013, उत्तर कोरियाई मीडिया ने घोषणा की कि डीपीआरके ने भूमिगत परमाणु परीक्षण किया है जो कि ७ सालों में तीसरा था। ५.१Mw का एक कंपन जो परमाणु परीक्षण का संकेत था चीनी भूकम्प नेटवर्क केंद्र, संयुक्त राज्य भूगर्भ सर्वेक्षणऔर व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि संगठन के लिये प्रारम्भिक आयोग (Preparatory Commission for the Comprehensive Nuclear-Test-Ban Treaty Organization) के द्वारा मापा गया। जवाब में जापान ने 12 फरवरी को संयुक्त राष्ट्र की एक आपातकालीन बैठक बुलाई और दक्षिण कोरिया ने अपनी सेना को सचेत अवस्था में कर दिया। यह पता नहीं चला कि वह विस्फ़ोट एक परमाणु परीक्षण था या कोई सामान्य बम विस्फ़ोत जिसे परमाणु परीक्षण की तरह दिखाया गया; क्योंकि दो दिनों बाद चीनी, जापानी और दक्षिण कोरियाई विशेषज्ञ किसी भी तरह का विकिरण नहीं पकड पाए। .

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८ दिसम्बर

८ दिसम्बर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३४२वॉ (लीप वर्ष मे ३४३वॉ) दिन है। साल में अभी और २३ दिन बाकी है। .

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2016 के उत्तर कोरियाई परमाणु परीक्षण

6 जनवरी 2016 को 10:00:01 यूटीसी+०८:३० पर, उत्तर कोरिया ने किल्जु शहर, किल्जु काउंटी से लगभग दूर उत्तर-पश्चिम में अपने पुंग्ये-री परमाणु परीक्षण स्थल पर एक भूमिगत परमाणु परीक्षण किया। उत्तर कोरियाई मीडिया ने इन परीक्षणों के बाद इसके सफल होने का दावा किया; उत्तर कोरिया के पास इस क्षमता का होना लगभग एक महीने पहले से ही चर्चा का विषय बना हुआ था। संयुक्त राज्य भूगर्भ सर्वेक्षण ने इस जगह के पास 5.1 परिमाण के भूकंप आने का दावा किया; चीनी भूकम्प नेटवर्क केंद्र ने इसके 4.9 परिमाण के होने का दावा किया; वहीं दक्षिण कोरियाई मौसम विभाग के अनुसार इसकी तीव्रता 4.2 पैमान की थी। द न्यूयॉर्क टाईम्स के अनुसार, उत्तर कोरिया ने परीक्षण को सफल बताया, जबकि द गार्जियन के अनुसार कोरियाई सरकार ने इसे अमेरिका के बेहद ज्यादा परमाणु हथियारों के जवाब में अपनी सुरक्षा के लिये किया गया परीक्षण बताया है।एन॰के॰ न्यूज ने अपनी रपट में कोरियाई केंद्रीय दूरदर्शन को उद्धृत करते हुए कहा कि, हालांकि दक्षिण कोरिया की गुप्तचर संस्था और बाहरी परमाणु विशेषज्ञ प्योंगयांग के दावों पर शक़ करते हुए कह रहे हैं कि उत्तर कोरिया ने हाइड्रोजन नहीं बल्कि किसी आम परमाणु बम का परीक्षण किया है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

नाभिकीय परीक्षण, आणविक परीक्षण

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