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4 संबंधों: फ़ारसी भाषा, भाषाविज्ञान, सांकेतिक भाषा, वाक्यविन्यास।
फ़ारसी भाषा
फ़ारसी, एक भाषा है जो ईरान, ताजिकिस्तान, अफ़गानिस्तान और उज़बेकिस्तान में बोली जाती है। यह ईरान, अफ़ग़ानिस्तान, ताजिकिस्तान की राजभाषा है और इसे ७.५ करोड़ लोग बोलते हैं। भाषाई परिवार के लिहाज़ से यह हिन्द यूरोपीय परिवार की हिन्द ईरानी (इंडो ईरानियन) शाखा की ईरानी उपशाखा का सदस्य है और हिन्दी की तरह इसमें क्रिया वाक्य के अंत में आती है। फ़ारसी संस्कृत से क़ाफ़ी मिलती-जुलती है और उर्दू (और हिन्दी) में इसके कई शब्द प्रयुक्त होते हैं। ये अरबी-फ़ारसी लिपि में लिखी जाती है। अंग्रेज़ों के आगमन से पहले भारतीय उपमहाद्वीप में फ़ारसी भाषा का प्रयोग दरबारी कामों तथा लेखन की भाषा के रूप में होता है। दरबार में प्रयुक्त होने के कारण ही अफ़गानिस्तान में इस दारी कहा जाता है। .
देखें पदविज्ञान और फ़ारसी भाषा
भाषाविज्ञान
भाषाविज्ञान भाषा के अध्ययन की वह शाखा है जिसमें भाषा की उत्पत्ति, स्वरूप, विकास आदि का वैज्ञानिक एवं विश्लेषणात्मक अध्ययन किया जाता है। भाषा विज्ञान के अध्ययेता 'भाषाविज्ञानी' कहलाते हैं। भाषाविज्ञान, व्याकरण से भिन्न है। व्याकरण में किसी भाषा का कार्यात्मक अध्ययन (functional description) किया जाता है जबकि भाषाविज्ञानी इसके आगे जाकर भाषा का अत्यन्त व्यापक अध्ययन करता है। अध्ययन के अनेक विषयों में से आजकल भाषा-विज्ञान को विशेष महत्त्व दिया जा रहा है। .
देखें पदविज्ञान और भाषाविज्ञान
सांकेतिक भाषा
संकेत भाषा (या सांकेतिक भाषा) एक ऐसी भाषा है, जो अर्थ सूचित करने के लिए श्रवणीय ध्वनि पैटर्न में संप्रेषित करने के बजाय, दृश्य रूप में सांकेतिक पैटर्न (हस्तचालित संप्रेषण, अंग-संकेत) संचारित करती है-जिसमें वक्ता के विचारों को धाराप्रवाह रूप से व्यक्त करने के लिए, हाथ के आकार, विन्यास और संचालन, बांहों या शरीर तथा चेहरे के हाव-भावों का एक साथ उपयोग किया जाता है। जहां भी बधिर लोगों का समुदाय मौजूद हो, वहां संकेत भाषा का विकास होता है। उनके पेचीदा स्थानिक व्याकरण, उच्चरित भाषाओं के व्याकरण से स्पष्ट रूप से अलग है। दुनिया भर में सैकड़ों संकेत भाषाएं प्रचलन में हैं और स्थानीय बधिर समूहों द्वारा इनका उपयोग किया जा रहा है। कुछ संकेत भाषाओं ने एक प्रकार की क़ानूनी मान्यता हासिल की है, जबकि अन्य का कोई महत्व नहीं है। .
देखें पदविज्ञान और सांकेतिक भाषा
वाक्यविन्यास
किसी भाषा में जिन सिद्धान्तों एवं प्रक्रियाओं के द्वारा वाक्य बनते हैं, उनके अध्ययन को भाषा विज्ञान में वाक्यविन्यास, 'वाक्यविज्ञान' या सिन्टैक्स (syntax) कहते हैं। वाक्य के क्रमबद्ध अध्ययन का नाम 'वाक्यविज्ञान' कहते हैं। वाक्य विज्ञान, पदों के पारस्परिक संबंध का अध्ययन है। वाक्य भाषा का सबसे महत्त्वपूर्ण अंग है। मनुष्य अपने विचारों की अभिव्यक्ति वाक्यों के माधयम से ही करता है। अतः वाक्य भाषा की लघुतम पूर्ण इकाई है। .
देखें पदविज्ञान और वाक्यविन्यास
रूपविज्ञान के रूप में भी जाना जाता है।