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निजीकरण

सूची निजीकरण

निजीकरण व्यवसाय, उद्यम, एजेंसी या सार्वजनिक सेवा के स्वामित्व के सार्वजनिक क्षेत्र (राज्य या सरकार) से निजी क्षेत्र (निजी लाभ के लिए संचालित व्यवसाय) या निजी गैर-लाभ संगठनों के पास स्थानांतरित होने की घटना या प्रक्रिया है। एक व्यापक अर्थ में, निजीकरण राजस्व संग्रहण तथा कानून प्रवर्तन जैसे सरकारी प्रकार्यों सहित, सरकारी प्रकार्यों के निजी क्षेत्र में स्थानांतरण को संदर्भित करता है। शब्द "निजीकरण" का दो असंबंधित लेनदेनों के वर्णन के लिए भी उपयोग किया गया है। पहला खरीद है, जैसे किसी सार्वजनिक निगम या स्वामित्व वाली कंपनी के स्टॉक के सभी शेयर बहुमत वाली कंपनी द्वारा खरीदा जाना, सार्वजनिक रूप से कारोबार वाले स्टॉक का निजीकरण है, जिसे प्रायः निजी इक्विटी भी कहते हैं। दूसरा है एक पारस्परिक संगठन या सहकारी संघ का पारस्परिक समझौता रद्द कर के एक संयुक्त स्टॉक कंपनी बनाना.

8 संबंधों: नयी आर्थिक नीति १९९१, बाज़ार क्षेत्र, भारत मे जीवन बीमा, लेबर पार्टी, स्कोडा ऑटो, विभिन्न उद्योगों का भारत में विकास, खुली अर्थव्यवस्था, आर्थिक सुधार

नयी आर्थिक नीति १९९१

१९९० के दशक में भारत सरकार ने आर्थिक संकट से बाहर आने के क्रम में अपने पिछले आर्थिक नीतियों से विचलित और निजीकरण की दिशा में सीखने का फैसला किया और अपनी नई आर्थिक नीतियों को एक के बाद एक घोषित करना शुरू कर दिया। आगे चलकर इन नीतियों के अच्छे परिणाम देखने को मिले और भारत के आर्थिक इतिहास में ये नीतियाँ मील के पत्थर सिद्ध हुईं। उस समय पी वी नरसिंह राव भारत के प्रधानमंत्री थे और मनमोहन सिंह वित्तमंत्री थे। इससे पहले देश एक गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा था और इसी संकट ने भारत के नीति निर्माताओं को नयी आर्थिक नीति को लागू के लिए मजबूर कर दिया था । संकट से उत्पन्न हुई स्थिति ने सरकार को मूल्य स्थिरीकरण और संरचनात्मक सुधार लाने के उद्देश्य से नीतियों का निर्माण करने के लिए प्रेरित किया। स्थिरीकरण की नीतियों का उद्देश्य कमजोरियों को ठीक करना था, जिससे राजकोषीय घाटा और विपरीत भुगतान संतुलन को ठीक किया सके। नई आर्थिक नीति के ३ प्रमुख घटक या तत्व थे- उदारीकरण, निजीकरण, वैश्वीकरण । .

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बाज़ार क्षेत्र

बाज़ार विभाजन अर्थशास्त्र और विपणन की एक अवधारणा है। बाज़ार क्षेत्र, बाज़ार का एक उप खंड है, जो ऐसे लोगों या संगठनों से मिल कर बना है, जो एक या अधिक लक्षण साझा करते हैं, जो समरूप उत्पाद और/या मूल्य या कार्य जैसे उन उत्पादों के गुणों पर आधारित सेवाओं की मांग का कारण बनते हैं। एक सच्चा बाज़ार क्षेत्र निम्नांकित सभी मानदंडों को पूरा करता है: यह अन्य क्षेत्रों से अलग है (विभिन्न खंड़ों की विभिन्न ज़रूरतें होती हैं), यह खंड के भीतर सजातीय है (आम जरूरतें दर्शाता है); यह बाज़ार प्रोत्साहन के प्रति एकसमान प्रतिक्रिया करता है और बाज़ार हस्तक्षेप के ज़रिए इस तक पहुंचा जा सकता है। इस शब्द का इस्तेमाल तब भी किया जाता है, जब समान उत्पाद और/या सेवा वाले उपभोक्ताओं को समूहों में बांटा जाता है ताकि उनसे अलग राशियां प्राप्त की जाएं.

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भारत मे जीवन बीमा

लाइफ इंश्योरेंस सरकार 26% अप करने के लिए निजी खिलाड़ियों और एफडीआई की अनुमति दी है और हाल ही में कैबिनेट ने 49% करने के लिए इसे बढ़ाने के लिए एक प्रस्ताव को मंजूरी दी के रूप में 2000 के बाद से भारत में सबसे तेजी से बढ़ता क्षेत्र है। भारत में जीवन बीमा है कि समय पर सभी निजी जीवन बीमा कंपनियों में एलआईसी ने अपने हाथों में ले जाया गया, 1956 में जीवन जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को शामिल करके राष्ट्रीयकरण किया गया था। 1993 में भारत सरकार ने जीवन बीमा क्षेत्र के निजीकरण के लिए एक रोड मैप नीचे बिछाने के लिए आरएन मल्होत्रा ​​समिति नियुक्त किया है। समिति ने 1994 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की जबकि समर्थकारी विधान, वर्ष 2000 में पारित किया गया था, इससे पहले कि यह एक और छह साल लग गए बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण 1938 की बीमा अधिनियम में संशोधन और कानून बना। .

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लेबर पार्टी

लेबर पार्टी ब्रिटेन की एक सेंटर - लेफ्ट यानि (उदार वामपंथी विचारधारा वाली) राजनीतिक पार्टी है। इसका जन्म उन्नीसवीं शताब्दी के मजदूर संगठनो के आंदोलन और समाजवादी राजनैतिक दलों के उदय के साथ हुआ जिसे उदार गिरिजाघर (ब्रॉड चर्च) कह के परिभाषित किया गया। इस दल की विचारधारा बहुत विस्तृत है जिसमें प्रखर समाजवाद से लेकर उदारवादी समाजवादी लोकतंत्र की विचारधारा शामिल हैं। १९०० में बनने के बाद लेबर पार्टी ने शुरुवाती १९२० के आम चुनावों में उस समय की लिब्रल पार्टी की जगह ले ली और रामसे मैक्डोनाल्ड के नेतृत्व में १९२४ और १९२९-३१ के दौरान अल्पमत की सरकारें बनाईं। १९४०-४५ के दौरान यह दल चर्चिल युद्ध मंत्रालय (Churchill war ministry) का हिस्सा रहा जिसके बाद इसने क्लीमेंट ऐट्टली के नेतृत्व में बहुमत की सरकार बनाई। लेबर दल १९६४-७० के दौरान हैरॉल्ड विल्सन के नेतृत्व वाले पहले विल्सन मंत्रीमंडल का भी हिस्सा रहा। इसके बाद 1974 से 1979, पहले विल्सन और फिर जेम्स कैलेघन के नेतृत्व में सरकार में रही। लेबर पार्टी 1997 और 2010 के दौरान टोनी ब्लेयर और गौर्डन ब्राउन के नेतृत्व में १७९ सीटों से घटकर २००१ के आम चुनावों में १६७ और फिर २००५ के चुनावों में ६६ सीटों के साथ अंतिम स्थान पर आती रही। २०१० के आम चुनावों में २५८ सीटें और २०१५ के आम चुनावों में २३२ सीटें जीतकर यह पार्टी अब ब्रिटेन की संसद में आधिकारिक विपक्ष की भूमिका निभा रही है। वेल्श के सदन में लेबर पार्टी की अल्पमत की सरकार है जबकि स्कॉटिश संसद में यह मुख्य विपक्ष की भूमिका में है और यूरोपीय संसद में इसके २० सांसद हैं जो प्रोग्रेसिव एलाएंस ऑफ सोसलिस्ट्स एंड डेमोक्रेट्स समूह के साथ बैठते हैं। लेबर दल यूरोपीय समाजवादी दल और प्रोग्रेसिव एलाएंस (अंतर्राष्ट्रीय) का एक पूर्णकालिक सदस्य है। और सोशलिस्ट इंटरनैशनल में पर्यवेक्षक की भूमिका निभा रहा है। दल के वर्तमान नेता हैरिएट हर्मन हैं जो ८ मई २०१५ को एड मिलिबैंड के त्यागपत्र देने के बाद चुने गए हैं। .

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स्कोडा ऑटो

स्कोडा ऑटो, सामान्यतः स्कोडा के रूप में अधिक विख्यात, चेक गणराज्य में अवस्थित ऑटोमोबाइल निर्माता है। 1991 में स्कोडा वोक्सवैगन समूह का सहायक बन गया.

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विभिन्न उद्योगों का भारत में विकास

90 के शुरुआती वर्शो तक इस उद्योग मे सरकारी कम्पनियों - इंडियन एयर्लाइंस और एयर इंडिया का एकाधिकार था। फिर मैदान मे आये सहारा और जैट। सरकारी एकाधिकार टूटा और भारत मे पह्ली बार इस उद्योग मे कोइ प्रतिस्पर्धा देखने को मिली। ये वोह समय था जब कि विमान मे उडान भरना रहीसी का प्रतीक और मध्यम वर्ग का सपना था। '00 के दशक मे डेक्कन एयर्वेज़, स्पाइस जैट, किंगफिशर एयरलाईन्स, गो एयर्वेज़, इंडिगो, जैसी कयी कम्पनियाँ शुरू हुई। दूसरे उद्योगो की तरह यहाँ भी प्रतिस्पर्धा के बढने से किराये मे भारी गिरावट आयी। बैंगलोर से दिल्ली का किराया जहान 2001 मे 9000 रुपये से ले के 13,000 रुपये तक होता था, वही 2006 मे सस्ती विमान सेवाओं मे ये 3000 रुपये रह गया। इस उद्योग मे बहुत सारे नये रोज़्गार बने। 4 साल मे विमान यात्रा करने वलों की संख्या इस कदर बढ गयी कि हवायीअड्डों पे जगह की कमी पड गयी। आज्कल बैंगलोर और हैदराबाद समेत कयी दूसरे शहरों मे नये हवायी अड्डों का निर्माण चल रहा है। भारत के दूसरे उद्योगों के बारे मे लिख के इस लेख को बढाने में विकिपीडिया की मदद करें श्रेणी:अर्थशास्त्र.

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खुली अर्थव्यवस्था

खुली अर्थव्यवस्था (ओपेन इकनॉमी) अर्थव्यवस्था का एक दर्शन (philosophy) है। खुली अर्थव्यवस्था को अगर उसके शाब्दिक अर्थ से समझें तो इसका मतलब होता है एक ऐसा देश या समाज जहाँ किसी को किसी से भी व्यापार करने की छूट होती है और ऐसा भी नही कि इस व्यापार पे कोई सरकारी अंकुश या नियंत्रण नही होता। पर सरकार ऐसी नीतियाँ बनाती है जिससे आम लोग उद्योग और अन्य प्रकार के व्यापार आसानी से शुरू कर सकें। ऐसी अर्थव्यवस्था मे व्यापारों को स्वतंत्र रूप से फलने-फूलने दिया जाता है। सरकारी नियंत्रण ऐसे बनाये जातें है जिनमें व्यापारों को किसी भी प्रकार की बेईमानी से तो रोका जाता है पर नियंत्रण को इतना भी कड़ा नही किया जाता है कि ईमान्दार व्यापार मे असुविधा हो। खुली अर्थव्यवस्था न केवल उस समाज य देश के अंदरूनी व्यापार के लिये होती है बल्कि बाहरी व्यापार को भी उसी दृष्टि से देखा जाता है। .

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आर्थिक सुधार

आर्थिक सुधार एक वृहद अर्थ वाला शब्द है। प्रायः इसका उपयोग अल्पतर सरकारी नियंत्रण, अल्पतर सरकारी निषेध, निजी कम्पनियों की अधिक भागीदारी, करों की अल्पतर दर आदि के सन्दर्भ में किया जाता है। उदारीकरण के पक्ष में मुख्य तर्क यह दिया जाता है कि इससे दक्षता आती है और हरेक को कुछ अधिक प्राप्त होता है। भारत मे आर्थिक सुधारों की शुरूआत सन 1990 से हुई। 1990 के पहले भारत मे आर्थिक विकास बहुत ही धीमी गति से हो रहा था। भारतीय अर्थव्यवस्था में विकास काफी धीमा था। .

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