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नाइजर-कांगो भाषा परिवार

सूची नाइजर-कांगो भाषा परिवार

नाइजर-कांगो भाषा समूह अफ़्रीका के उप-सहारा क्षेत्र में बोले जाने वाली भाषाओं का एक भाषा-परिवार है। यह विश्व के प्रमुख भाषा-परिवारों में से एक गिना जाता है और अफ़्रीका में मातृभाषियों की संख्या, भाषाओं की संख्या और विस्तार क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़ा है। मातृभाषियों के आधार पर इसकी सबसे विस्तृत भाषाएँ योरुबा, इग्बो, फ़ूला, शोना और ज़ूलू हैं। कुल बोलने वालों के अनुसार स्वाहिली बोलने वालों की संख्या सबसे अधिक है क्योंकि बहुत सी अन्य बोलियों के मातृभाषी इसे अपनी दूसरी भाषा के तौर पर प्रयोग करते हैं। .

12 संबंधों: दक्षिण सूडान का इतिहास, फ़ुला भाषा, बांटू भाषा परिवार, योरुबा लोग, सूतू-त्स्वाना भाषाएँ, सेनेगाम्बियाई भाषाएँ, हीरीरो भाषा, वोल्टा-नाइजर भाषाएँ, इगबो भाषा, क्वान्यामा भाषा, अफ़्रीका, अफ़्रीका की भाषाएं

दक्षिण सूडान का इतिहास

दक्षिण सूडान का इतिहास में वर्तमान दक्षिण सूडान क्षेत्र और यहाँ के निवासियों का इतिहास शामिल है। दक्षिण सूडान २०११ में सूडान गणराज्य से अलग होकर एक देश बना। भौगोलिक रूप से दक्षिण सूडान का कोई भी क्षेत्र सूडान क्षेत्र (सहेल) का भाग नहीं है और अपने आप को उप-सहारा अफ़्रीका के हिस्से के रूप में गठित करता है। आधुनिक शब्दावली में इसमें पूर्वी सूडानी सवाना क्षेत्र के भाग भी शामिल हैं। इसके "सूडान" में समावेशन का कारण १९वीं सदी में उस्मानी साम्राज्य का विस्तार और इसके बाद १८८५ से २०११ तक माहदिया सूडान, एंग्लो-मिस्र सूडान और सूडान गणराज्य के शामिल होना रहा। दक्षिण सूडान में निलो-सहारा भाषियों की बहुलता है और नाइजर-कांगो भाषी अल्पसंख्यक हैं। ऐतिहासिक रूप से वर्तमान दक्षिण सूडान केन्द्रिय सूडान भाषियों की बहुलता वाला था लेकिन निलोत जनजाती की उपस्थिति भी प्रागैतिहासिक काल से ही मानी जाती है। चौदहवीं सदी के समकालीन समय में मकुरिया और अलोदिया ईसाई न्युबियन साम्राज्य के विघटन के बाद से ही निलोटिक लोग धीरे-धीरे इस क्षेत्र में बढ़ने लग गये। .

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फ़ुला भाषा

फ़ुला भाषा (Fula language) या फ़ुलानी भाषा (Fulani language) पश्चिम अफ़्रीका में फ़ुला समुदाय द्वारा बोली जाने वाली एक भाषा है। यह नाइजर-कांगो भाषा-परिवार की सेनेगाम्बियाई शाखा की सदस्या है। फ़ुला लोग पश्चिमी अफ़्रीका के तटवर्ती क्षेत्रों से लेकर साहेल पट्टी पर पूर्व में इथियोपिया और सूडान तक फैले हुए हैं और इस कारणवश यह भाषा भी कई उपभाषाओं में विभाजित मिलती है। .

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बांटू भाषा परिवार

अफ़्रीका के भाषा परिवार - बांटू भाषाओँ का क्षेत्र नारंगी रंग में है बांटू भाषाएँ (Bantu languages) नाइजर-कांगो भाषा परिवार की एक उपशाखा है जिसमें अफ़्रीका के महाद्वीप के दक्षिणी भाग में बोले जाने वाली लगभग २५० भाषाएँ हैं। यह सारी कैमरुन देश के पूर्व और दक्षिण में बोली जाती हैं। इस भाषा परिवार में स्वाहिली भाषा भी आती है जो आठ राष्ट्रों में ८ करोड़ से ज़्यादा लोग बोलते हैं। इस परिवार की अन्य भाषाओँ में शोना भाषा (१.४ करोड़ मातृभाषी), ज़ूलू भाषा (१ करोड़) और कोसा भाषा भी शामिल हैं। माना जाता है कि आज से २५००-३००० वर्ष पूर्व नाइजीरिया या कैमरून के इलाक़े में आदिम-बांटू भाषा बोली जाती थी। इसे बोलने वाले हज़ारों सालों में उप-सहारा अफ़्रीका में फैलकर बस गए और आदिम-बांटू की बहुत सी संतान भाषाएँ ही अब परिवार की भिन्न-भिन्न सदस्य हैं। .

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योरुबा लोग

योरुबा (Yoruba) पश्चिमी अफ़्रीका के नाइजीरिया देश के दक्षिणपश्चिम और उत्तरमध्य भाग में और पड़ोसी बेनिन देश के दक्षिणी और मध्य भाग में बसने वाला एक समुदाय है। कुल मिलाकर इनकी आबादी सन् २०१६ में ४ करोड़ से अधिक अनुमानित करी गई थी, जो उस समय नाइजीरिया की पूरी जनसंख्या का २१% था। at CIA World Factbook: "Yoruba 21%" out of a population of 180 million (2013 estimate) यह अफ़्रीका की सबसे बड़ी मानव जातियों में से एक है। योरुबा लोग योरुबा भाषा बोलते हैं जो एक सुरभेदी भाषा है और सर्वाधिक बोली जाने वाली नाइजर-कांगो भाषा भी है। .

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सूतू-त्स्वाना भाषाएँ

सूतू-त्स्वाना भाषाएँ (Sotho-Tswana languages) दक्षिणी अफ्रीका में बोली जाने वाली बांटू भाषाओं की एक उपशाखा है। इसकी स्वयं दो उपशाखाएँ हैं: त्स्वाना भाषाएँ और सूतू भाषाएँ। कुल मिलाकर यह भाषाएँ दक्षिण अफ़्रीका, लिसूतू और बोत्स्वाना में बोली जाती हैं। .

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सेनेगाम्बियाई भाषाएँ

सेनेगाम्बियाई भाषाएँ (Senegambian languages) पश्चिम अफ़्रीका में बोले जाने वाली कुछ भाषाओं का एक भाषा-परिवार है। यह नाइजर-कांगो भाषा-परिवार की एक शाखा है और इसमें फ़ुला भाषा की सभी उपभाषाएँ, सेरेर भाषा और सेनेगल की राष्ट्रभाषा (वोलोफ़ भाषा) शामिल हैं। सेनेगाम्बियाई भाषाओं के बोलने वाले सेनेगल, गाम्बिया, दक्षिणी मॉरीतानिया, गिनी-बिसाऊ और गिनी में रहते हैं। .

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हीरीरो भाषा

हीरीरो (Otjiherero) बाण्टू परिवार की एक भाषा है। यह नामीबिया और बोत्सवाना में हीरीरो लोगों द्वारा बोली जाती है, जिनकी संख्या लगभग १,१३,००० है। दोनों देशों में लगभग १,३३,००० हीरीरो लोग रहते हैं। इसका भाषाई वितरण जिस क्षेत्र को कवर करता है उसे हीरीरोलैण्ड कहा जाता है। इस क्षेत्र में ओमाहिके क्षेत्र आता है, साथ ही साथ ओट्जोज़ोण्ड्जुपा और कुनेने क्षेत्र भी। हिम्बा, जो हीरीरो लोगों से सम्बन्धित है, एक ऐसी बोली बोलते हैं जो हीरीरो भाषा से मिलती जुलती है। नामीबिया की राजधानी विण्डहोइक में यथेष्ट संख्या में हीरीरोभाषी अल्पसंख्यक रहते हैं। ईसाई मिश्नरी गोट्ट्लीब विहे (१८३९-१९०१) द्वारा बाइबल का हीरीरो भाषा में अनुवाद किया गया जिससे बोली जाने बाली भाषा का लैटिन आधारित लिपि में लिप्यन्तरण किया गया। पादरी पीटर हींरिक ब्रिन्कर (१८३६-१९०४) द्वारा बहुत से ब्रह्मवैज्ञानिक (थियोलॉजिकल) काव्यों और गानो का अनुवाग किया गया। हीरीरो भाषा पाठशालाओं में मातृ भाषा और दूसरी भाषा, दोनों रूपों में पढ़ाई जाती है और नामीबिया विश्वविद्यालय में इसे प्रधान सामग्री के रूप में सम्मिलित किया जाना है। हीरीरो उन छः अल्पसंख्यक भाषाओं में भी है जिनमें नामीबियाई राजकीय रेडियो द्वारा प्रसारण किया जाता है। ऐम्बो रोमाम्बो, ने वर्ष २००८ तक, एक मात्र रीरीरो शब्दकोश का प्रकाशन किया है। .

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वोल्टा-नाइजर भाषाएँ

वोल्टा-नाइजर भाषाएँ (Volta–Niger languages), जिन्हें पश्चिम बेनुए-कांगो भाषाएँ (West Benue–Congo) और पूर्व क्वा भाषाएँ (East Kwa) भी कहा जाता है, नाइजर-कांगो भाषा-परिवार की एक शाखा है। लगभग ५ करोड़ लोग वोल्टा-नाइजर भाषा-परिवार की सदस्य भाषाएँ बोलते हैं। इसमें दक्षिणी नाइजीरिया, बेनिन, टोगो और दक्षिणपूर्वी घाना की सबसे महत्वपूर्ण भाषाएँ आती हैं, जैसे कि योरुबा, इगबो, बिनि, फ़ोन और एवे। .

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इगबो भाषा

इगबो (Igbo), जो इबो (Ibo) भी कहलाती है, दक्षिण-पूर्वी नाइजीरिया के इगबो लोगों की प्रमुख भाषा है। इस भाषा को बोलने वालों की कुल संख्या २.५ करोड़ के लगभग है, जिनमें से नाइजीरिया में हैं। इबो भाषा को रोमन लिपि में लिखा जाता है जो ब्रितानी उपनिवेश में प्रस्तावित हुयी। इगबो भाषा नाइजर-कांगो भाषा-परिवार की वोल्टा-नाइजर शाखा की एक सदस्य है।Laurie Bauer, 2007, The Linguistics Student's Handbook, Edinburgh .

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क्वान्यामा भाषा

क्वान्यामा या ओशिक्वान्यामा अंगोला और नामीबिया की राष्ट्र भाषा है। यह ओशिवाम्बो भाषा की मानक बोली है और दोंगा भाषा के साथ पारस्परिक सुबोगम्य है। दोंगा ओशिवाम्बो भाषा की एकमात्र अन्य ऐसी भाषा है जिसका मानक लिखित रूप है। .

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अफ़्रीका

अफ़्रीका वा कालद्वीप, एशिया के बाद विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है। यह 37°14' उत्तरी अक्षांश से 34°50' दक्षिणी अक्षांश एवं 17°33' पश्चिमी देशान्तर से 51°23' पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है। अफ्रीका के उत्तर में भूमध्यसागर एवं यूरोप महाद्वीप, पश्चिम में अंध महासागर, दक्षिण में दक्षिण महासागर तथा पूर्व में अरब सागर एवं हिन्द महासागर हैं। पूर्व में स्वेज भूडमरूमध्य इसे एशिया से जोड़ता है तथा स्वेज नहर इसे एशिया से अलग करती है। जिब्राल्टर जलडमरूमध्य इसे उत्तर में यूरोप महाद्वीप से अलग करता है। इस महाद्वीप में विशाल मरुस्थल, अत्यन्त घने वन, विस्तृत घास के मैदान, बड़ी-बड़ी नदियाँ व झीलें तथा विचित्र जंगली जानवर हैं। मुख्य मध्याह्न रेखा (0°) अफ्रीका महाद्वीप के घाना देश की राजधानी अक्रा शहर से होकर गुजरती है। यहाँ सेरेनगेती और क्रुजर राष्‍ट्रीय उद्यान है तो जलप्रपात और वर्षावन भी हैं। एक ओर सहारा मरुस्‍थल है तो दूसरी ओर किलिमंजारो पर्वत भी है और सुषुप्‍त ज्वालामुखी भी है। युगांडा, तंजानिया और केन्या की सीमा पर स्थित विक्टोरिया झील अफ्रीका की सबसे बड़ी तथा सम्पूर्ण पृथ्वी पर मीठे पानी की दूसरी सबसे बड़ी झीलहै। यह झील दुनिया की सबसे लम्बी नदी नील के पानी का स्रोत भी है। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इसी महाद्वीप में सबसे पहले मानव का जन्म व विकास हुआ और यहीं से जाकर वे दूसरे महाद्वीपों में बसे, इसलिए इसे मानव सभ्‍यता की जन्‍मभूमि माना जाता है। यहाँ विश्व की दो प्राचीन सभ्यताओं (मिस्र एवं कार्थेज) का भी विकास हुआ था। अफ्रीका के बहुत से देश द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्वतंत्र हुए हैं एवं सभी अपने आर्थिक विकास में लगे हुए हैं। अफ़्रीका अपनी बहुरंगी संस्कृति और जमीन से जुड़े साहित्य के कारण भी विश्व में जाना जाता है। .

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अफ़्रीका की भाषाएं

भाषाई विभिन्नता को दर्शाता अफ्रीका का एक मानचित्र युनेस्को के अनुसार अफ्रीका में २००० से भी ज्यादा भाषाएँ बोली जाती है। अधिकतर भाषाएं अफ्रीकी मूल की है परन्तु यूरोपीय एवं एशियाई प्रभाव भी देखा जा सकता है। अफ्रीका महाद्वीप में बुशमैन (बुल्मनिवासी), वांटू, सूडान तथा सामी-हामी-परिवार की भाषाएँ बोली जाती हैं। अफ्रीका के समस्त उत्तरी भग में सामी भषाओं का आधिपत्य प्राय: दो हजार वर्षों से रहा है। इधर दो-तीन शताब्दियों से दक्षिण के कोने पर और समस्त पश्चिमी किनारे पर यूरोपीय जातियों ने कब्जा करके मूल निवासियों को महाद्वीप मे भीतरी भागों की ओर हटा दिया। किंतु अब अफ्रीकी निवासियों में जागृति हो चली है और फलस्वरूप उनकी निजी भाषाएँ अपना अधिकार प्राप्त कर रही हैं। अफ्रीकी भाषाओँ को निम्नलिखित समूहों में बांटा जा सकता है।.

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

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