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नवादा

सूची नवादा

नवादा दक्षिण बिहार का एक खूबसूरत एवं ऐतिहासिक जिला है। इसका मुख्यालय पटना के दक्षिण-पूर्व में 93 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नवादा शहर में है। प्रकृति की गोद में बसा नवादा जिला को कई प्रमुख पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है। ककोलत जलप्रपात, प्रजातंत्र द्वार, नारद संग्रहालय, सेखोदेवरा और गुनियाजी तीर्थ आदि यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से है। नवादा के उत्तर में नालंदा, दक्षिण में झारखंड का कोडरमा जिला, पूर्व में शेखपुरा एवं जमुई तथा पश्चिम में गया जिला है। मगही यहाँ की बोली और हिन्दी तथा उर्दू मुख्य भाषाएँ हैं। .

18 संबंधों: चौदहवीं लोकसभा, नारद संग्रहालय, बिहार, नारोमुरार, नवादा जिला, प्रमुख जैन तीर्थ, फूल बहादुर, बाढ प्रखण्ड (पटना), बिहार, बिहार में यातायात, बिहार का भूगोल, भदौनी, भारत के शहरों की सूची, माल्ती देवी, मगही, सुनीता-मगही का प्रथम उपन्यास, वीरचन्द्र पासवान, ओखरिया, कोडरमा

चौदहवीं लोकसभा

भारत में चौदहवीं लोकसभा का गठन अप्रैल-मई 2004 में होनेवाले आमचुनावोंके बाद हुआ था। .

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नारद संग्रहालय, बिहार

नारद संग्रहालय भारत के प्रमुख संग्रहालयों में से है। यह संग्रहालय बिहार के नवादा शहर में स्थित है। यह वर्ष 1973 ई. में नवादा के प्रथम जिला अधिकारी नरेन्द्र पाल सिंह के प्रयासों से अस्तित्व में आया। इस संग्रहालय की इमारत दो मंजिला है। इसके प्रथम तल में भारत के प्राचीन सिक्कों के विकास को प्रदर्शित किया गया है। भारत के प्रारम्भिक सिक्का पंच मार्क से लेकर मुगल कालीन सिक्कों के क्रमिक विकास को संग्रहालय में देखा जा सकता है। सोनसा गढ़ से प्राप्त मौर्य कालीन हड्डी की कलाकृति, शुंगकालीन मृण्मूर्तियां, मनके, सिल एवं धातु निर्मित कलाकृतियों को संग्रहालय के दीर्घा में प्रदर्शित किया गया है। सोनसा गढ़ की खोज नारद संग्रहालय को एक उपलब्धि के रूप में माना जाता है। इसके अतिरिक्त, संग्रहालय में देवनगढ़ से प्राप्त मंजूश्री की प्रतिमा और धातु मूर्तियों में बौद्ध, जैन और हिन्दू धर्म से सम्बन्धित मूर्तियां प्रदर्शित की गई है। मुगलकालीन तलवार, कटार, ढाल के साथ ही स्व.

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नारोमुरार

नारोमुरार वारिसलीगंज प्रखण्ड के प्रशाशानिक क्षेत्र के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग 31 से 10 KM और बिहार राजमार्ग 59 से 8 KM दूर बसा एकमात्र गाँव है जो बिहार के नवादा और नालंदा दोनों जिलों से सुगमता से अभिगम्य है। वस्तुतः नार का शाब्दिक अर्थ पानी और मुरार का शाब्दिक अर्थ कृष्ण, जिनका जन्म गरुड़ पुराण के अनुसार विष्णु के 8वें अवतार के रूप में द्वापर युग में हुआ, अर्थात नारोमुरार का शाब्दिक अर्थ विष्णुगृह - क्षीरसागर है। प्रकृति की गोद में बसा नारोमुरार गाँव, अपने अंदर असीम संस्कृति और परंपरा को समेटे हुए है। यह भारत के उन प्राचीनतम गांवो में से एक है जहाँ 400 वर्ष पूर्व निर्मित मर्यादा पुरुषोत्तम राम व् परमेश्वर शिव को समर्पित एक ठाकुर वाड़ी के साथ 1920 इसवी, भारत की स्वतंत्रता से 27 वर्ष पूर्व निर्मित राजकीयकृत मध्य विद्यालय और सन 1956 में निर्मित एक जनता पुस्तकालय भी है। पुस्तकालय का उद्घाटन श्रीकृष्ण सिंह के समय बिहार के शिक्षा मंत्री द्वारा की गयी थी। .

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नवादा जिला

नवादा बिहार राज्य में स्थित एक जिला है, जिसका इतिहास मगध साम्राज्य से जुड़ा है। इसका मुख्यालय नवादा शहर में है। प्राचीन काल में वनाच्छादित होने के कारण इसका प्रसंग पाडंवों के अज्ञातवास में भी हुआ है। आज भी नवादा के कई प्रखंड वन से घिरे हैं, जैसे रजौली, कौआकोल, गोविन्दपुर इत्यादि। नवादा शब्द "नव" और "आबाद" दो शब्द से बना है, अर्थात खुरी नदी के उत्तर में जो मानव बस्तियाँ बसी वह नव आबाद था, जिसे इंगित करने के लिए यह शब्द प्रयोग हुआ था। वर्तमान में नवादा जिला की सीमा दक्षिण में झारखंड के कोडरमा जिले से सटी है। पहले यह गया जिला के अधीन एक अनुमंडल था। २६ जनवरी १९७३ को यह नए जिले के रूप में अस्तित्व में आया। खुरी नदी और राष्ट्रीय राजमार्ग ३१ को इस जिले की जीवन रेखा माना जाता है। यातायात की समस्या से निजात दिलाने के लिए चार किलोमीटर की बाइपास सड़क का निर्माण कुछ दशक पूर्व रा.

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प्रमुख जैन तीर्थ

भारत पर्यंत जैन धर्म के अनेकों तीर्थ क्षेत्र हैं। यहाँ प्रमुख तीर्थ क्षेत्रों की जानकारी दी गयी है। यह जानकारी प्रमुख तीर्थ क्षेत्रों वाले राज्यों के अनुसार दी गई है। भारत के प्रमुख जैन तीर्थ क्षेत्र इस प्रकार हैं - श्री सियावास तीर्थ क्षेत्र बेगमगंज मध्य प्रदेश .

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फूल बहादुर

फूल बहादुर 1928 में प्रकाशित मगही उपन्यास है। इसके लेखक नवादा (बिहार) के उद्भट विद्वान, स्वतंत्रता सुराजी और मगही के प्रथम उपन्यासकार बाबू जयनाथ पति हैं। मगही उपन्यासों की शृंखला में ‘फूल बहादुर’ प्रकाशन की दृष्टि से दूसरा और उपलब्धता के लिहाज से पहला उपन्यास है। क्योंकि मगही का पहला उपन्यास ‘सुनीता’ (रचना 1927, प्रकाशन 1928) जिसके लेखक जयनाथ पति ही हैं, अब उपलब्ध नहीं है। ‘फूल बहादुर’ का प्रकाशन औपनिवेशिक भारत में बीसवीं सदी के तीसरे दशक में 1 मई 1928 को हुआ था। इस मगही उपन्यास की कथावस्तु के केन्द्र में मनुष्य का नैतिक पतन और ब्रिटिशकालीन भारत में व्याप्त भ्रष्टाचार है। हास्य-व्यंग्य की कचोटने वाली शैली में लिखे गए ‘उपन्यास का नायक सामलाल बिहारशरीफ में कार्यरत एक मोख्तार है। वह किसी भी कीमत पर रायबहादुर की पदवी पाने के लिए बेचैन है। इसके लिये वह अधिकरियों की खुशामद करता है। नवागंतुक अनुमंडलाधिकारी को सुरा-सुन्दरी उपलब्ध कराकर वह अपनी मनोकामना पूर्ण करना चाहता है किन्तु उसे सफलता नहीं मिलती है। नगर के लोग उसकी व्यग्रता को देखकर रायबहादुर बनाने का एक फर्जी आदेश उसके पास भेज कर उसे बेवकूफ बनाते हैं। रायबहादुर के बदले वह फूल बहादुर बन जाता है। मोख्तारी के अनुभव के ऊपर पर रचित इस उपन्यास में तत्कालीन कचहरी एवं सरकारी अधिकारी में व्याप्त भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार किया गया है। इसमें नगरीय और कचहरी के आस-पास के परिवेश पर प्रकाश डाला गया है।’ उपन्यास में प्रयुक्त भाषा नवादा अंचल में बोले जाने वाली मगही है। मगही के इस पहले उपलब्ध उपन्यास का दूसरा संस्करण 1974 में बिहार मगही मंडल, पटना (बिहार) ने प्रकाशित किया था। फिर मगही भाषाप्रेमी नारायण प्रसाद ने 2008 में इसे अपने ब्लॉग पर प्रस्तुत किया। ‘फूल बहादुर’ का तीसरा संस्करण इसी वर्ष 2018 में प्यारा केरकेट्टा फाउंडेशन, रांची (झारखंड) द्वारा प्रकाशित किया गया है। इसकी प्रति archive.org से निःशुल्क डाउनलोड की जा सकती है। .

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बाढ प्रखण्ड (पटना)

बाढ पटना, बिहार का एक प्रखण्ड है। .

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बिहार

बिहार भारत का एक राज्य है। बिहार की राजधानी पटना है। बिहार के उत्तर में नेपाल, पूर्व में पश्चिम बंगाल, पश्चिम में उत्तर प्रदेश और दक्षिण में झारखण्ड स्थित है। बिहार नाम का प्रादुर्भाव बौद्ध सन्यासियों के ठहरने के स्थान विहार शब्द से हुआ, जिसे विहार के स्थान पर इसके अपभ्रंश रूप बिहार से संबोधित किया जाता है। यह क्षेत्र गंगा नदी तथा उसकी सहायक नदियों के उपजाऊ मैदानों में बसा है। प्राचीन काल के विशाल साम्राज्यों का गढ़ रहा यह प्रदेश, वर्तमान में देश की अर्थव्यवस्था के सबसे पिछड़े योगदाताओं में से एक बनकर रह गया है। .

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बिहार में यातायात

यह लेख बिहार राज्य की सार्वजनिक और निजी परिवहन प्रणाली के बारे में है। .

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बिहार का भूगोल

बिहार 21°58'10" ~ 27°31'15" उत्तरी अक्षांश तथा 82°19'50" ~ 88°17'40" पूर्वी देशांतर के बीच स्थित भारतीय राज्य है। मुख्यतः यह एक हिंदी भाषी राज्य है लेकिन उर्दू, मैथिली, भोजपुरी, मगही, बज्जिका, अंगिका तथा एवं संथाली भी बोली जाती है। राज्य का कुल क्षेत्रफल 94,163 वर्ग किलोमीटर है जिसमें 92,257.51 वर्ग किलोमीटर ग्रामीण क्षेत्र है। 2001 की जनगणना के अनुसार बिहार राज्य की जनसंख्या 8,28,78,796 है जिनमें ६ वर्ष से कम आयु का प्रतिशत 19.59% है। 2002 में झारखंड के अलग हो जाने के बाद बिहार का भूभाग मुख्यतः नदियों के बाढमैदान एवं कृषियोग्य समतल भूमि है। गंगा तथा इसकी सहायक नदियों द्वारा लायी गयी मिट्टियों से बिहार का जलोढ मैदान बना है जिसकी औसत ऊँचाई १७३ फीट है। बिहार का उपग्रह द्वारा लिया गया चित्र .

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भदौनी

भदौनी (BHADAUNI) भदौनी नवादा शहर का एक मोहल्ला है जो एक बहुत बङा मोहल्ला है .

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भारत के शहरों की सूची

कोई विवरण नहीं।

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माल्ती देवी

माल्ती देवी (अगस्त 5, 1968 –सितम्बर 6, 1999) एक राजनीतिज्ञा और समाज-सेविका थी। वह बिहार के नवादा चुनाव क्षेत्र से राष्ट्रीय जनता दल का सांसद रह चुकी हैं। .

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मगही

मगही या मागधी भाषा भारत के मध्य पूर्व में बोली जाने वाली एक प्रमुख भाषा है। इसका निकट का संबंध भोजपुरी और मैथिली भाषा से है और अक्सर ये भाषाएँ एक ही साथ बिहारी भाषा के रूप में रख दी जाती हैं। इसे देवनागरी लिपि में लिखा जाता है। मगही बोलनेवालों की संख्या (2002) लगभग १ करोड़ ३० लाख है। मुख्य रूप से यह बिहार के गया, पटना, राजगीर,नालंदा,जहानाबाद,अरवल,नवादा,शेखपुरा,लखीसराय,जमुई और औरंगाबाद के इलाकों में बोली जाती है। मगही का धार्मिक भाषा के रूप में भी पहचान है। कई जैन धर्मग्रंथ मगही भाषा में लिखे गए हैं। मुख्य रूप से वाचिक परंपरा के रूप में यह आज भी जीवित है। मगही का पहला महाकाव्य गौतम महाकवि योगेश द्वारा 1960-62 के बीच लिखा गया। दर्जनो पुरस्कारो से सम्मानित योगेश्वर प्रसाद सिन्ह योगेश आधुनिक मगही के सबसे लोकप्रिय कवि माने जाते है। 23 अक्तुबर को उनकी जयन्ति मगही दिवस के रूप मे मनाई जा रही है। मगही भाषा में विशेष योगदान हेतु सन् 2002 में डॉ॰रामप्रसाद सिंह को दिया गया। ऐसा कुछ विद्वानों का मानना है कि मगही संस्कृत भाषा से जन्मी हिन्द आर्य भाषा है, परंतु महावीर और बुद्ध दोनों के उपदेश की भाषा मागधी ही थी। बुद्ध ने भाषा की प्राचीनता के सवाल पर स्पष्ट कहा है- ‘सा मागधी मूल भाषा’। अतः मगही ‘मागधी’ से ही निकली भाषा है। .

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सुनीता-मगही का प्रथम उपन्यास

सुनीता 1927 में रचित मगही भाषा का पहला उपन्यास है। इसकी रचना नवादा (बिहार) के मोख्तार बाबू जयनाथ पति ने की थी। उपन्यास की कथावस्तु सामाजिक रूढ़ि बेमेल विवाह और उसका नकार है। सामाजिक वर्जना को तोड़ने और अंतरजातीय विवाह संबंध की वकालत करने वाले नायिका केन्द्रित इस उपन्यास को प्रकाशन के बाद समाज के उच्च जातियों का जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा था। वर्तमान में इस उपन्यास की एक भी प्रति उपलब्ध नहीं है। .

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वीरचन्द्र पासवान

श्री वीरचन्द्र पासवान भारत के चौदहवीं लोकसभा के सदस्य हैं वे बिहार के नवादा लोकसभा (अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित) क्षेत्र से चुनकर आये हैं एवं संसद में राजद के प्रतिनिधि हैं। .

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ओखरिया

ओखरिया भारत के बिहार राज्य में स्थित एक गाँव है। ओखरिया नवादा जिले और कावाकोल खंड के अन्तर्गत आता है, तथा इसकी वर्तमान आबादी 1,697 है। .

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कोडरमा

कोडरमा भारत में झारखंड प्रान्त का एक जिला है। यह भारत के अभ्रक जिला के रूप मे जाना जाता है। इसे झारखंड का प्रवेशद्वार के नाम से भी जाना जाता है। झारखण्ड का कोडरमा जिला शहरी क्षेत्र है जो अपनी “अभ्रक नगरी” के सग्रह के रूप मे जाना जाता है। यह जिला अर्धविकसित, क्षीण जनसंख्या वाला है जबकि सीमित प्राकृतिक संसाधन मौजूद है। 717 गाँवों वाले इस जिले का निर्माण हजारीबाग जिले को विभाजित कर 10 अप्रैल 1994 को किया गया। इस जिले में सिर्फ़ दो शहर कोडरमा और झुमरी तिलैया हैं। कोडरमा जिले की सीमायें बिहार में गया और नवादा तथा झारखंड में गिरिडीह था हजारीबाग के साथ लगती हैं। इस जिला मे पाच प्रखण्ड कोडरमा, जयनगर, मरकच्चौ, सतगांवा एंव चंदवारा है। इस जिले की सबसे बड़ी खासियत यह है कि विश्व के पूरे माइका का 90% उत्पादन यहीं होता है। .

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नवादा गाँव

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