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नयागांव, सारण (बिहार)

सूची नयागांव, सारण (बिहार)

नयागांव (English: Nayagaon) सोनपुर, सारण, बिहार स्थित एक अर्द्ध शहरी क्षेत्र है। यह रसूलपुर मौजा में स्थित है। नयागांव 67 किलोमीटर लंबी हाजीपुर-छपरा फोर लेन सड़क (राष्ट्रीय राजमार्ग ३१/एनएच-31) के पास है। फोरलेन सड़क निर्माण का कार्य मधुकॉन प्रोजेक्ट इंडिया कंपनी कर रही है। निर्माण का काम वर्ष 2011 से चल रहा है। पंडित दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत नयागांव में विद्युत सब स्टेशन जल्द ही बनाया जायेगा। नयागांव में रसूलपुर के फोरलेन सड़क के पास विद्युत सब स्टेशन बनाये जायेगा। नयागांव में कसतूरबा गाँधी बालिका आवासीय विघालय (KGBV) और गोगल सिंह इंटर स्तरीय विद्यालय स्थित है। छपरा-हाजीपुर सडक मार्ग पर दिघवारा- सोनपुर के बीच नयागांव के समीप डुमरी बुजुर्ग गांव मे 550 वर्ष पुराना मां कालरात्रि का प्राचीनतम मंदिर है। भाद्र मास(अगस्त) के अमावस्या को विशेष पूजा होती है। सोनपुर अनुमंडल में नये आईटीआई भवन के लिए नयागांव में जमीन चिह्नित किया गया है। नयागांव बाजार में सन 1955 से ग्राम देवी मां दुर्गा का भव्य मंदिर है। राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना के तहत नयागांव पंचायत में पानी टॉवर का निर्माण कराया गया। नयागांव पंचायत में निर्मित पानी टंकी की क्षमता 50 हजार गैलन है। रियल एस्‍टेट की कंपनियां जैसे RAV ग्लोबल सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड, टी.सी.डब्ल्यू.

सामग्री की तालिका

  1. 8 संबंधों: नयागाँव (बहुविकल्पी), नयागांव रेलवे स्टेशन, रघुवीर नारायण, शहीद स्मारक, पटना, सियालदह-बलिया एक्सप्रेस, सोनपुर प्रखंड (सारण), सोनपुर, बिहार, कालरात्रि

नयागाँव (बहुविकल्पी)

नयागाँव नाम ये सबके लिए भी जाना जाता है।.

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नयागांव रेलवे स्टेशन

नयागांव रेलवे स्टेशन (स्टेशन कोड NYO), भारतीय राज्य बिहार के सारण जिले में स्थित एक रेलवे स्टेशन है। यह रेलवे के उत्तर पूर्वी संभाग में पड़ता है। सोनपुर शहर एवं पटना के आस पास रहने वाले लोग इस स्टेशन का ज्यादातर प्रयोग करते है। यह शहर घाघरा और गंगा नदी के पास स्थित है। नयागांव स्टेशन से रेल पहिया कारखाना, बेला, दरियापुर तक रेलवे लाइन बिछी है। नयागांव रेलवे स्टेशन, पूर्वमध्य रेलवे (ईसीआर) के सोनपुर रेल मंडल में सोनपुर-छपरा रेलखंड पर स्थित है। .

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रघुवीर नारायण

रघुवीर नारायण (३१ अक्टूबर १८८४ - १ जनवरी १९५५) हिन्दी साहित्यकार तथा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी थे। उनके द्वारा रचित 'बटोहिया' नामक भोजपुरी राष्टीय गीत को पूर्वी भारत में “वन्दे मातरम्” के बराबर सम्मान मिला। जन-जागरण गीत की तरह गाया जाने वाला यह गीत पूर्वी लोकधुन में लिखा गाया है। .

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शहीद स्मारक, पटना

शहीद स्मारक, सात युवा पुरुषों की एक जीवन-आकार की मूर्ति है जो भारत छोड़ो आन्दोलन (अगस्त 1942) में अपनी ज़िंदगी का बलिदान करता था, (अब) सचिवालय भवन पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। 15 अगस्त 1947 को बिहार के गवर्नर श्री जयराम दास दौलतराम ने शहीद स्मारक की आधारशिला रखी। मूर्तिकार देवप्रसाद रॉयचौधरी ने राष्ट्रीय ध्वज के साथ सात विद्यार्थियों की कांस्य प्रतिमा का निर्माण किया। इन मूर्तियों को इटली में डाली गई और बाद में यहां रखा गया। शहीद का स्मारक पटना में सचिवालय भवन के बाहर स्थित है। .

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सियालदह-बलिया एक्सप्रेस

सियालदह-बलिया सियालदाह-बलिया एक्सप्रेस भारतीय रेल की एक सामान्य मेल/एक्सप्रेस ट्रैन हैं जो सियालदह एवं बलिया के बीच चलती हैं। यह देश के दो प्रमुख राज्यों उत्तर प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल को जोड़ती है। .

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सोनपुर प्रखंड (सारण)

सारण, बिहार का एक प्रखण्ड। वर्ष 2002 में सोनपुर नगर पंचायत गठित हुआ। .

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सोनपुर, बिहार

सोनपुर सारण, बिहार का एक शहर है। वर्ष 1991 में सोनपुर को अनुमंडल का दर्जा मिला। वर्ष 2002 में सोनपुर नगर पंचायत गठित हुआ। सोनपुर में डाकबंगला मैदान है। सोनपुर अनुमंडल के अधीन पाँच प्रखंडों- दिघवारा, सोनपुर, परसा, मकेर और दरियापुर- के हजारों गाँवों में रहने वाले लाखों लोगों को आने वाले समय में निर्बाध बिजली का लाभ मिलेगा। पंडित दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत डेरनी, नयागाँव, रमसापुर व अकिलपुर में विद्युत सब स्टेशन बनाये जायेंगे।.

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कालरात्रि

माँ दुर्गा की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती हैं। दुर्गा पूजा के सातवें दिन माँ कालरात्रि की उपासना का विधान है। इस दिन साधक का मन 'सहस्रार' चक्र में स्थित रहता है। इसके लिए ब्रह्मांड की समस्त सिद्धियों का द्वार खुलने लगता है। देवी कालात्रि को व्यापक रूप से माता देवी - काली, महाकाली, भद्रकाली, भैरवी, मृित्यू, रुद्रानी, चामुंडा, चंडी और दुर्गा के कई विनाशकारी रूपों में से एक माना जाता है। रौद्री और धुमोरना देवी कालात्री के अन्य कम प्रसिद्ध नामों में हैं | यह ध्यान रखना जरूरी है कि नाम, काली और कालरात्रि का उपयोग एक दूसरे के परिपूरक है, हालांकि इन दो देवीओं को कुछ लोगों द्वारा अलग-अलग सत्ताओं के रूप में माना गया है। डेविड किन्स्ले के मुताबिक, काली का उल्लेख हिंदू धर्म में लगभग ६०० ईसा के आसपास एक अलग देवी के रूप में किया गया है। कालानुक्रमिक रूप से, कालरात्रि महाभारत में वर्णित, ३०० ईसा पूर्व - ३०० ईसा के बीच वर्णित है जो कि वर्त्तमान काली का ही वर्णन है | माना जाता है कि देवी के इस रूप में सभी राक्षस,भूत, प्रेत, पिसाच और नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है, जो उनके आगमन से पलायन करते हैं | सिल्प प्रकाश में संदर्भित एक प्राचीन तांत्रिक पाठ, सौधिकागम, देवी कालरात्रि का वर्णन रात्रि के नियंत्रा रूप में किया गया है। सहस्रार चक्र में स्थित साधक का मन पूर्णतः माँ कालरात्रि के स्वरूप में अवस्थित रहता है। उनके साक्षात्कार से मिलने वाले पुण्य (सिद्धियों और निधियों विशेष रूप से ज्ञान, शक्ति और धन) का वह भागी हो जाता है। उसके समस्त पापों-विघ्नों का नाश हो जाता है और अक्षय पुण्य-लोकों की प्राप्ति होती है। .

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नयागांव, सोनपुर, बिहार के रूप में भी जाना जाता है।