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द्रवस्थैतिक संतुलन

सूची द्रवस्थैतिक संतुलन

बल हैं - (१) उसके ऊपर की गैस का (गुरुत्वाकर्षण की वजह से वज़न से उत्पन्न होने वाला) नीचे की तरफ दबाव, (२) उसका अपना वज़न और (३) उसके नीचे की गैस का ऊपर की तरफ दबाव। अगर डब्बे के अन्दर की गैस द्रवस्थैतिक संतुलन की वजह से स्थिर है तो (१) और (२) मिलाकर ठीक (३) के बराबर होंगे। तरल यांत्रिकी में द्रवस्थैतिक संतुलन या हाइड्रोस्टैटिक ऍक्विलिब्रियम (hydrostatic equilibrium) किसी तरल पदार्थ (फ़्लुइड) की उस अवस्था को कहते हैं जिसमें वह तरल पदार्थ या तो बिलकुल स्थिर हो या फिर एक बिलकुल स्थाई गति से हिल रहा हो। ऐसी अवस्था अक्सर तब पैदा होती है जब किसी तरल पर गुरुत्वाकर्षण का बल और उसी तरल में दबाव से उत्पन्न होने वाला विपरीत बल बिलकुल बराबरी में हों। मिसाल के लिए पृथ्वी के वायुमंडल पर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण का भयंकर खिचाव है लेकिन वायुमंडल न तो पृथ्वी की सतह पर एक पतली परत में सिकुड़ जाता है और न ही सतह से और दूर फैल कर और पतला हो जाता है। इसकी वजह है के हमारा वायुमंडल द्रवस्थैतिक संतुलन में है। .

1 संबंध: हिपेरायन (चंद्रमा)

हिपेरायन (चंद्रमा)

हिपेरायन (Hyperion) (यूनानी: Ὑπερίων), शनि का एक चंद्रमा है। यह सेटर्न VII रूप में भी जाना जाता है। इसकी खोज 1848 में विलियम क्रांच बॉण्ड, जॉर्ज फिलिप्स बॉण्ड और विलियम लासेल द्वारा हुई थी। यह अपने अनियमित आकार, अस्त-व्यस्त घूर्णन और अस्पष्टीकृत स्पंज जैसी दिखावट के कारण विलक्षण है। यह खोजा गया पहला अगोलीय चंद्रमा था। .

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