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त्रिबिमीय पराश्रव्य

सूची त्रिबिमीय पराश्रव्य

२0 सप्ताह के गर्भस्थ शिशु का त्रिबिमीय (3D) फोटो त्रिबिमीय पराश्रव्य (3D ultrasound) एक चिकित्सीय पराश्रव्य चित्रण की तकनीक है जिससे मिलने वाले चित्र त्रिबिमीय (3-D) दिखायी देते हैं। इस तकनीक का उपयोग प्रायः स्त्रियों के गर्भ में स्थित शिशुओं की जाँच के लिये किया जाता है। इसके अलावा इस चित्रण विधि का उपयोग पदार्थों की जाँच तथा वेल्डिंग की जाँच में की जाती है जहाँ वस्तु को नष्ट किये बिना ही उसकी गुणवत्ता की जांच उसके आन्तरिक फोटो से हो जाती है। .

सामग्री की तालिका

  1. 1 संबंध: सोनोग्राफी

सोनोग्राफी

प्रतिध्वनि-इम्पल्स सोनोग्राफी का योजनामूलक चित्र अल्ट्रासाउन्ड द्वारा गर्भवती स्त्री के गर्भस्थ शिशु की जाँच १२ सप्ताह के गर्भस्थ शिशु का पराश्रव्य द्वारा लिया गया फोटो सोनोग्राफी या अल्ट्रासोनोग्राफी, चिकित्सीय निदान (diagnostics) का एक महत्वपूर्ण साधन है। यह पराश्रव्य ध्वनि पर आधारित एक चित्रांकन (इमेजिंग) तकनीक है। चिकित्सा क्षेत्र में इसके कई उपयोग हैं जिसमें से गर्भावस्था में गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी की प्राप्ति सर्वाधिक जानीमानी है। भौतिकी में ऐसी तरंगो को पराश्रव्य कहते हैं जो मानव के कानों से सुनने योग्य आवृति से अधिक की हो। प्राय: २० हजार हर्ट्स से अधिक आवृत्ति की तरंगों को पराश्रव्य कहा जाता है। वास्तव में निदान के लिये प्रयुक्त पराश्रव्य सेंसर प्राय: २ से १८ मेगाहर्ट्स पर काम करते हैं जो कि मानव द्वारा सुनने योग्य आवृत्ति से सैकड़ों गुना अधिक है। अधिक आवृत्ति की पराश्रव्य तरंग कम गहराई तक घुस पाती है लेकिन इससे बना चित्र अधिक स्पष्ट (अधिक रिजोलूशन वाला) होता है। पराश्रव्य तरंग का उपयोग पनडुब्बी चलाने के लिए किया जाता है। .

देखें त्रिबिमीय पराश्रव्य और सोनोग्राफी