7 संबंधों: तमाशा (2015 फ़िल्म), देवी अहिल्या सम्मान, पद्म श्री पुरस्कार (१९८०–१९८९), पंडवानी, कापालिक शैली, २००३ में पद्म भूषण धारक, २४ अप्रैल।
तमाशा (2015 फ़िल्म)
तमाशा एक हिन्दी भाषा में बनी भारतीय बॉलीवुड फिल्म है। इस फिल्म को इम्तियाज़ अली ने निर्देशित किया है और इस फिल्म के निर्माता इम्तियाज़ अली और साजिद नाडियाडवाला हैं। इस फिल्म में मुख्य किरदार में दीपिका पादुकोण और रणबीर कपूर हैं। इसे फ़्रांस के कोरसिका में फिल्माना शुरू किया गया था। यह फिल्म 27 नवम्बर 2015 को सिनेमा घरों में प्रदर्शित होगी। .
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देवी अहिल्या सम्मान
देवी अहिल्या सम्मान, मध्यप्रदेश शासन ने आदिवासी, लोक एवं पारम्परिक कलाओं के क्षेत्र में महिला कलाकारों की सृजनात्मकता को सम्मानित करने के लिए वर्ष 1996-97 से स्थापित किया है। देवी अहिल्याबाई कुशल शासिका, न्यायविद, सच्ची समाज सेविका और कलाप्रिय विदुषी थीं। वे स्नेह, दया और धर्म की प्रतिमूर्ति थीं। अहिल्याबाई महिला शक्ति की प्रतीक हैं। उनका जीवन और कार्य समस्त स्त्री जाति के लिए एक उदाहरण है। उनकी स्मृति में देश की सृजनशील महिलाओं के सम्पूर्ण अवदान के लिए देवी अहिल्या सम्मान दिया जाना सुनिश्चित किया गया है। .
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पद्म श्री पुरस्कार (१९८०–१९८९)
पद्म श्री पुरस्कार, भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरीक सम्मान है। जिसके ई॰ सन् १९८४ से १९८९ के प्राप्त कर्ता निम्न हैं: .
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पंडवानी
पंडवानी छत्तीसगढ़ का वह एकल नाट्य है जिसका अर्थ है पांडववाणी - अर्थात पांडवकथा, यानी महाभारत की कथा। ये कथाएं छत्तीसगढ़ की परधान तथा देवार छत्तीसगढ़ की जातियों की गायन परंपरा है। परधान गोंड की एक उपजाति है और देवार धुमन्तू जाति है। इन दोनों जातियों की बोली, वाद्यों में अन्तर है। परधान जाति के कथा वाचक या वाचिका के हाथ में "किंकनी" होता है और देवारों के हाथों में र्रूंझू होता है। परधानों ने और देवारों ने पंडवानी लोक महाकाव्य को पूरे छत्तीसगढ़ में फैलाया। तीजन बाई ने पंडवानी को आज के संदर्भ में ख्याति दिलाई, न सिर्फ हमारे देश में, बल्कि विदेशों में। तीजनबाई भारत भवन भोपाल में पंडवानी प्रस्तुति के दौरान .
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कापालिक शैली
कापालिक शैली छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश की नृत्य-नाटिका पंडवानी की एक शैली होती है। यह शैली गायक गायिका के स्मृति में या "कपाल"में विद्यमान रहती है, अतएव कापालिक शैली कहलाती है। इस शैली की विख्यात गायिक है तीजन बाई, शांतिबाई चेलकने, उषा बाई बारले। तीजनबाई भारत भवन भोपाल में पंडवानी प्रस्तुति के दौरान श्रेणी:पंडवानी श्रेणी:मध्य प्रदेश की संस्कृति.
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२००३ में पद्म भूषण धारक
श्रेणी:पद्म भूषण श्रेणी:चित्र जोड़ें.
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२४ अप्रैल
24 अप्रैल ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 114वॉ (लीप वर्ष मे 115 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 251 दिन बाकी है। .
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