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तमसा

सूची तमसा

तमसा नदी भारत में प्रवाहित होने वाली सुप्रसिद्ध नदी है; परंतु यह किसी एक ही नदी के लिए सुनिश्चित नाम नहीं है। वस्तुतः इस नाम से प्रसिद्ध एक से अधिक नदियाँ हैं और इन सभी नदियों का नामांतर समान रूप से टौंस या टोंस भी है जिसे कि तमसा का ही अपभ्रंश अथवा अंग्रेजी उच्चारण का प्रभाव माना गया है। .

3 संबंधों: मऊ, उत्तर प्रदेश, कुश (बहुविकल्पी), अकबरपुर

मऊ, उत्तर प्रदेश

---- मऊ उत्तर प्रदेश के मऊ जिले का मुख्यालय है। इसका पूर्व नाम 'मऊनाथ भंजन' था। यह जिला लखनऊ के दक्षिण-पूर्व से 282 किलोमीटर और आजमगढ़ के पूर्व से 56 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह शहर तमसा नदी के किनारे बसा है। तमसा नदी शहर के बीच से निकलती/गुजरती है। तथा उत्तरी सीमा से घाघरा नदी बहती है। मऊ जिला का बहुत ही गर्वशाली इतिहास रहा है।पांडवो के वनवास के समय वो मऊ जिले में भी आये थे,आज वो स्थान खुरहत के नाम से जाना जाता है। तथा उत्तरी सीमा पर बसे छोटा सा शहर दोहरीघाट जहा पर राम और परशुराम जी मीले थे। तथा दोहरीघाट से दस किलोमीटर पूर्व सूरजपुर नामक गाँव है,जहां पर श्रवण की समाधिस्थल है,जहाँ दशरथ ने श्रवण को मारा था। । सामान्यत: यह माना जाता है कि 'मऊ' शब्द तुर्किश शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ गढ़, पांडव और छावनी होता है। वस्तुत: इस जगह के इतिहास के बारे में कोई ऐतिहासिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। माना जाता है प्रसिद्ध शासक शेर शाह सूरी के शासनकाल में इस क्षेत्र में कई आर्थिक विकास करवाए गए। वहीं मिलिटरी बेस और शाही मस्जिद के निर्माण में काफी संख्या में श्रमिक और कारीगर मुगल सैनिकों के साथ यहां आए थे। स्वतंत्रता आन्दोलन के समय में भी मऊ की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। 3 अक्टूबर 1939 ई. को महात्मा गांधी इस जगह पर आए थे। श्रेणी:मऊ जिले के शहर.

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कुश (बहुविकल्पी)

कोई विवरण नहीं।

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अकबरपुर

अकबरपुर उत्तर प्रदेश प्रान्त का एक शहर है। वर्तमान समय यह अम्बेडकर नगर का जिला मुख्यालय है। पावन सरयू नदी इस जनपद का मुख्य आकर्षण है। यह भूमि प्रभु श्री राम की लीला स्थली होने के कारण तीर्थ भूमि है। यहां के भव्य प्राचीन मन्दिर यवनो के आक्रमण में ध्वस्त कर दिये गये। यह स्वतंत्रता सेनानी डॉ. राम मनोहर लोहिया की जन्म स्थली भी है। यह एक नगर पालिका परिषद है। तमसा नदी शहर को अकबरपुर व शहज़ाद पुर में विभाजित करती है। राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज यहाँ से 4 किलोमीटर की दूरी फैजाबाद मार्ग पर स्थित है। यही पर प्रसिद्ध शिव बाबा मंन्दिर हैं, यहाँ से 5किलोमीटर दक्षिणा दिशा में श्रावण धाम मन्दिर है रामायण के अनुसार राजा दशरथ ने शिकार करते समय यही पर श्रावण की तीर लगाने से मृत्यु हुई थी, यहाँ टांडा में मेडिकल कालेज भी है। टांडा कस्बे से 2 किलोमीटर पर NTPC थरमाल पवार कि एक इकाई भी लगी हुई हैं जो बिजली उत्पाद का कार्य करती है। यहाँ टांडा, अकबरपुर औऱ जलालपुर कई छोटे लुम के कारखाने हैं, जिस में टेरीकाट औऱ सूती कपड़े,लुन्गी(ताहबन) गमछा आदि तैयार होते हैं। यह शहर रेलवे साधन से जुड़ा हुआ है यहां से राजधानी लखनऊ की दूरी लगभग 189 किलोमीटर है। कानपुर यहां से रेलवे मार्ग से 263 किलोमीटर की दूरी पर है। सड़क मार्ग से दूरी में कुछ अन्तर है। राजेसुल्तानपुर, टान्डा, जलालपुर, बसखारी, कटेहरी अम्बेडकर नगर जिले का प्रमुख कस्बा है। श्रेणी:उत्तर प्रदेश के नगर श्रेणी:अंबेडकर नगर जिले के शहर श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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