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3 संबंधों: सॅफ़ॅई परिवर्ती तारा, वृषपर्वा तारामंडल, आदिरूप।
सॅफ़ॅई परिवर्ती तारा
सॅफ़ॅई परिवर्ती तारा एक विशेष प्रकार के परिवर्ती तारे को कहा जाता है जिसकी (निरपेक्ष कान्तिमान) चमक बहुत अधिक हो। इन तारो की चमक के तीखेपन और उसमें आने वाले बदलावों के काल में सीधा सम्बन्ध होता है, जिस वजह से इन्हें हमारी गैलेक्सी के लम्बे फ़ासले और गैलेक्सियों के बीच की दूरियों को मापने के लिए मानक समझा जाता है। इस श्रेणी का नाम वृषपर्वा तारामंडल में स्थित डॅल्टा सॅफ़ॅई तारे पर पड़ा है जिसकी पृथ्वी से देखी जाने वाली चमक (सापेक्ष कान्तिमान) ५.३६६३४१ दिनों के काल +३.४८ से +४.३७ मैग्निट्यूड के बीच बदलती रहती है। इस तारे के अध्ययन से सन् १७८४ में यह परिवर्ती ज्ञात हुआ था और अपनी श्रेणी का यह पहला ज्ञात तारा था।de Zeeuw, P.
देखें डॅल्टा सॅफ़ॅई तारा और सॅफ़ॅई परिवर्ती तारा
वृषपर्वा तारामंडल
वृषपर्वा (सिफ़ियस) तारामंडल वृषपर्वा या सिफ़ियस (अंग्रेज़ी: Cepheus) तारामंडल खगोलीय गोले के उत्तरी भाग में दिखने वाला एक तारामंडल है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें से एक है और अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में भी यह शामिल है। "वृषपर्वा" का नाम दैत्यों के एक राजा पर रखा गया है, जबकि अंग्रेज़ी नाम "सिफ़ियस" इथियोपिया के एक मिथिक राजा पर रखा गया है। .
देखें डॅल्टा सॅफ़ॅई तारा और वृषपर्वा तारामंडल
आदिरूप
आदिरूप (prototype) किसी वस्तु या उत्पाद को बनाने से पहले बनाया गया उसका एक नमूना, प्रतिरूप या अधूरा संस्करण होता है जिसे उस भविष्य में बनाए जाने वाले उत्पाद के बारे में सीखने, उसपर अनुभव पाने, और उसे समीक्षकों को दिखाकर उसपर प्रतिपुष्टि पाने के ध्येय से बनाया जाता है। अक्सर आदिरूप शीघ्रता से और कम ख़र्च लगाकर बनाया जाता है, और उसका आकार भी अक्सर पूर्ण उत्पाद से छोटा होता है। .