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डाउन क्वार्क

सूची डाउन क्वार्क

यह क्वार्क का एक फ्लेवर है अथवा एक प्रकार का क्वार्क है जिसका आवेश -(1/3)e, द्रव्यमान 4.8 MeV/c2 तथा प्रचक्रण 1/2 होता है। .

8 संबंधों: दुर्बल अन्योन्य क्रिया, प्रतिन्यूट्रॉन, प्रतिप्रोटोन, स्ट्रेन्ज पदार्थ, कणों की सूची, क्वार्क, अवपरमाणुक कण, X और Y बोसॉन

दुर्बल अन्योन्य क्रिया

दुर्बल अन्योन्य क्रिया (अक्सर दुर्बल बल व दुर्बल नाभिकीय बल के नाम से भी जाना जाता है) प्रकृति की चार मूलभूत अन्योन्य क्रियाओं में से एक है, अन्य चार अन्योन्य क्रियाएं गुरुत्वाकर्षण, विद्युत चुम्बकीय अन्योन्य क्रिया और प्रबल अन्योन्य क्रिया हैं। यह अन्योन्य क्रिया, उप-परमाणविक कणों के रेडियोधर्मी क्षय और नाभिकीय संलयन के लिए उत्तरदायी है। सभी ज्ञात फर्मिऑन (वे कण जिनका स्पिन अर्द्ध-पूर्ण संख्या होती है) यह अन्योन्य क्रिया करते हैं। कण भौतिकी मेंमानक प्रतिमान के अनुसार दुर्बल अन्योन्य क्रिया Z अथवा W बोसॉन के विनिमय (उत्सर्जन अथवा अवशोषण) से होती है और अन्य तीन बलों की भांती यह भी अस्पृशी बल माना जाता है। बीटा क्षय रेडियोधर्मिता का एक उदाहरण इस क्रिया का सबसे ज्ञात उदाहरण है। W व Z बोसॉनों का द्रव्यमान प्रोटोन व न्यूट्रोन की तुलना में बहुत अधीक होता है और यह भारीपन ही दुर्बल बल की परास कम होने का मुख्य कारण है। इसे दुर्बल बल कहने का कारण इस बल का अन्य दो बलों विद्युत चुम्बकीय व प्रबल की तुलना में इसका मान का परिमाण की कोटि कई गुणा कम होना है। अधिकतर कण समय के साथ दुर्बल बल के अधीन क्षय होते हैं। क्वार्क फ्लेवर परिवर्तन भी केवल इस बल के अधीन ही होता है। .

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प्रतिन्यूट्रॉन

प्रतिन्यूट्रॉन (Antineutron) न्यूट्रॉन का प्रतिकण है जिसका प्रतीक है। यह न्यूट्रॉन से केवल कुछ ही गुणों में मान समान एवं विपरित चिह्न के साथ रखता है। इसका द्रव्यमान न्यूट्रॉन के समान है और आवेश शून्य होने के कारण यह भी उदासीन होता है लेकिन बेरिऑन संख्या (न्यूट्रॉन के लिए +1, प्रतिन्यूट्रॉन के लिए −1) विपरीत होती है। इसका कारण प्रतिन्यूट्रॉन का प्रतिक्वार्क कणों से मिलकर बना होना है। विशेष रूप से यह एक अप प्रतिक्वार्क और दो डाउन प्रतिक्वार्कों से मिलकर बना कण है। चूँकि प्रतिनूट्रॉन विद्युतीय अनावेशित कण है, अतः इसे सीधे ही प्रेक्षित करना मुश्किल है। इसे प्रेक्षित करने के लिए इसका साधारण द्रव्य के साथ परिशून्यन करवाकर प्रेक्षित किया जाता है। सैद्धान्तिक भौतिकी के अनुसार एक प्रतिन्यूट्रॉन का क्षय प्रतिप्रोटोन, पोजीट्रॉन और न्यूट्रिनो में होता है जो मुक्त न्यूट्रॉन के बीटा क्षय के समान है। कुछ सैद्धान्तिक मतो के अनुसार न्यूट्रॉन-प्रतिन्यूट्रॉन दोलन भी पाये जते हैं जो केवल तब ही सम्भव है जब एक अज्ञात भौतिक प्रक्रिया (जिसका अभी तक आविष्कार नहीं हुआ और किसी भी प्रयोग में पायी नहीं गयी है) घटित हो जिसमें बेरिऑन संख्या संरक्षण के नियम का उल्लंघन हो। प्रतिन्यूट्रॉन का आविष्कार प्रतिप्रोटोन की खोज के एक वर्ष बाद 1956 में ब्रूस कॉर्क ने बेवाट्रॉन (लावरेंस बर्कले नेशनल लेबोरेट्री) में प्रोटॉन.

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प्रतिप्रोटोन

प्रतिप्रोटोन, प्रोटॉन का प्रतिकण है। जिसे कभी-कभी (उच्चारण पी-बार) प्रोटॉन के प्रतिकण के रूप में जाना जाता है। प्रतिप्रोटोन स्थयी कण है लेकिन आम तौर पर किसी प्रोटॉन के साथ इसका विलोपन हो जाता है और निर्गत रूप में ऊर्जा प्राप्त होती है। .

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स्ट्रेन्ज पदार्थ

एक तरह का क्वार्क पदार्थ, जो अप क्वार्क, डाउन क्वार्क और स्ट्रेन्ज क्वार्क से बना होता है।.

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कणों की सूची

यह सूची भिन्न प्रकार के उन सभी कणों की है जो ज्ञात हैं अथवा उनकी उपस्थिति सैद्धान्तिक रूप से दी गई है और यह माना जाता है कि पूरा ब्रह्माण्ड इन्हीं कणों से बना हुआ है। विभिन्न प्रकार के विशिष्ट कणों की सूची के लिए नीचे दिये गए विभिन्न पृष्ठों को देखें। .

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क्वार्क

प्रोटॉन क्वार्क एक प्राथमिक कण है तथा यह पदार्थ का मूल घटक है। क्वार्क एकजुट होकर सम्मिश्र कण हेड्रॉन बनाते है, परमाणु नाभिक के मुख्य अवयव प्रोटॉन व न्यूट्रॉन इनमें से सर्वाधिक स्थिर हैं। नैसर्गिक घटना रंग बंधन के कारण, क्वार्क ना कभी सीधे प्रेक्षित हुआ या एकांत में पाया गया; वे केवल हेड्रॉनों के भीतर पाये जा सकते है, जैसे कि बेरिऑनों (उदाहरणार्थ: प्रोटान और न्यूट्रान) और मेसॉनों के रूप में। क्वार्क के अनेक आंतरिक गुण है, जिनमे विद्युत आवेश, द्रव्यमान, रंग आवेश और स्पिन सम्मिलित है। कण भौतिकी के मानक मॉडल में क्वार्क एकमात्र प्राथमिक कण है जो सभी चार मूलभूत अंतःक्रिया या मौलिक बलों (विद्युत चुंबकत्व, गुरुत्वाकर्षण, प्रबल अंतःक्रिया और दुर्बल अंतःक्रिया) को महसूस करता है, साथ ही यह मात्र ज्ञात कण है जिसका विद्युत आवेश प्राथमिक आवेश का पूर्णांक गुणनफल नहीं है। क्वार्क के छह प्रकार है, जो जाने जाते है फ्लेवर से: अप, डाउन, स्ट्रेन्ज, चार्म, टॉप और बॉटम। अप व डाउन क्वार्क के द्रव्यमान सभी क्वार्को में सबसे कम है। अपेक्षाकृत भारी क्वार्क कणिका क्षय की प्रक्रिया के माध्यम से तीव्रता से अप व डाउन क्वार्क में बदल जाते हैं। कणिका क्षय, एक उच्च द्रव्य अवस्था का एक निम्न द्रव्य अवस्था में परिवर्तन है। इस वजह से, अप व डाउन क्वार्क आम तौर पर स्थिर होते है और ब्रह्मांड में सबसे आम हैं, वहीं स्ट्रेन्ज, चार्म, बॉटम और टॉप क्वार्क केवल उच्च ऊर्जा टक्करों में उत्पन्न किए जा सकते है। हर क्वार्क फ्लेवर के प्रतिकण होते है जिनके परिमाण तो क्वार्क के बराबर होते है परंतु चिन्ह विपरीत रखते है तथा यह एंटीक्वार्क के रूप में जाने जाते है। क्वार्क मॉडल स्वतंत्र रूप से भौतिकविदों मरे गेल-मन और जॉर्ज वाइग द्वारा 1964 में प्रस्तावित किया गया था। क्वार्क हेड्रॉनों के अंग के रूप में पेश किए गए थे। 1968 में स्टैनफोर्ड रैखिक त्वरक केंद्र पर प्रयोग होने तक उनके भौतिक अस्तित्व के बहुत कम प्रमाण थे। त्वरक प्रयोगों ने सभी छह फ्लेवरों के लिए प्रमाण प्रदान किए। टॉप क्वार्क सबसे अंत में फर्मीलैब पर 1995 में खोजा गया। .

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अवपरमाणुक कण

अवपरमाणुक कणों का सोपान (हाइरार्की) भौतिकी में अवपरमाणुक कण (subatomic particles) उन कणों को कहते हैं जिनसे मिलकर न्युक्लियॉन (nucleons) और परमाणु बने हैं। अवपरमाणुक कण दो प्रकार के हैं -.

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X और Y बोसॉन

कण भौतिकी में X और Y बोसॉन (अथवा कभी-कभी संयुक्त रूप से केवल X बोसॉन भी कहा जाता है) W और Z बोसॉनों के सदृश परिकल्पित मूलकण हैं, लेकिन यहाँ कार्यरत बल भिन्न है जिसे ग्रांड यूनिफाइड सिद्धान्त में जॉर्जी-ग्लेशो मॉडल ने प्रागुक्त किया है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

डाउन प्रतिक्वार्क

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