लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

टंकण

सूची टंकण

नोटबुक कम्प्युटर पर टंकण करते हुए हाथ टाइपराइटर, सेल फोन, संगणक आदि के कुंजीपटल को दबाकर (टेक्स्ट) को इनपुट करने की प्रक्रिया को टंकण या 'टाइपिंग' (Typing) कहते हैं। टंकण की क्रिया इनपुट करने की अन्य विधियों जैसे मूस (माउस), 'स्पीच रिकाग्नीशन' आदि से भिन्न है। विश्व की पर्थम टंकण लिल्लियन शोल्स थी इनके पिता क्रिस्टोफर शोल्स जो पहले व्यावहारिक टाइपराइटर का आविष्कार किये। .

8 संबंधों: टंकणगत अशुद्धि, डिजिटल स्याही, नागरीप्रचारिणी सभा, निडर नाडिया, भारत की राजभाषा के रूप में हिन्दी, मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर पैकेजों की सूची, संस्कृत चिट्ठाजगत, हिन्दी अकादमी

टंकणगत अशुद्धि

टंकणगत अशुद्धि या टाइपोग्राफ़िकल एरर वह लेखन में वह अशुद्धि है जो टंकण में चूक के कारण उत्पन्न होती है, तथा मूल लेख में शुद्ध होती है या टंकणकर्ता के मस्तिष्क तक सही रूप में पहुँची होती है, केवल टंकण के समय गलत हुई होती है। .

नई!!: टंकण और टंकणगत अशुद्धि · और देखें »

डिजिटल स्याही

एक स्मार्टफ़ोन में प्रयोग किया जाता हुआ स्टाइलस, जिसे डिजिटल हस्तलेखनी के रूप में प्रयोग किया जाता है। डिजिटल स्याही (अंग्रेज़ी:डिजिटल इंक) आधुनिक प्रौद्योगिकी की एक देन है और तकनीक का एक ऐसा रूप है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक तरीके से कंप्यूटर के मॉनीटर पर हस्तलेखन या आरेखन किया जा सकता है। इसमें डिजिटल फलक (डिजिटल पेपर) पर एक डिजिटल कलम (जिसे स्टाइलस कहते हैं) से लिखा जाता है। इस तकनीक से कंप्यूटर पर सीधे हाथ से लिखा जा सकता है, अपनी लिखाई को बेहतर कर सकते हैं; और साथ ही टंकण का अभ्यास होना आवश्यक नहीं रह जाता है।|हिन्दुस्तान लाइव। २ जून २०१० यह नई तकनीक हालांकि अनेक लोगों के अपठनीय लेखन (जिसे आम भाषा में घसीट लेखन भी कहते हैं) को भी डिजिटल विश्व की मुख्यधारा में ले आएगी किन्तु इसका अर्थ यह नहीं है कि कंप्यूटरों के कीबोर्ड की उपयोगिता ही समाप्त हो जाएगी।। मीडीया केयर समूह। योगेश कुमार गोयल (मीडिया एंटरटेनमेंट फीचर्स)। २५ मई २०१० प्रायः डिजिटल इंक और इलेक्ट्रॉनिक इंक या ई-इंक को एक ही समझा जाता है, लेकिन वास्तव में इसमें अंतर होता है। ई-इंक एक विशेष तरह का इलेक्ट्रॉनिक पेपर है जिस पर डिजिटल पेन के द्वारा लिखा जाता है, जबकि डिजिटल इंक अपेक्षाकृत सरल और व्यापक शब्द है। यह कंप्यूटर के मॉनीटर पर हैंडराइटिंग, पाठ और आरेखन करने तथा उसमें विभिन्न प्रयोगों के लिए प्रयोग होता है। डिजिटल इंक का आरंभ १९९० में क्रेडिट कार्ड से खरीदारी करने पर हस्ताक्षर की आवश्यकता से हुआ था। बाद में कंप्यूटर, मोबाइल फोन और ई-रीडर पर जानकारी डालने (डाटा एंट्री फीड करने) के लिए इसका प्रयोग किया जाने लगा। समय के साथ इसके प्रयोग का विस्तार हुआ और कार्यक्षेत्र भी व्यापक हुआ और इसका प्रयोगआरेखन, एनीमेशन, कैमरा और वाइटबोर्ड्स पर भी होने लगा। प्रत्यक्ष या परोक्ष व्याख्यानों के लिये भी डिजिटल इंक का प्रयोग किया जाता है। स्लाइड पर इसके प्रयोग से वस्तुओं और व्याख्यानों को सरलता से समझाने में मदद मिलती है। वैकॉम द्वारा लॉन्च किया गया एक डिजिटल कलम इस तरीके से एकत्र की गई जानकारियों को बाद में अन्य रूपों में बदला जा सकता है, जिनसे उसे दूसरे कामों में भी लाया जा सकता है। कई व्यवसायों, चिकित्सा और सरकारी कार्यालयों में कागज का प्रयोग इसके चलन से कम हो गया है। ठीक ऐसे ही डिजिटल इंक और चित्रकला ने पारंपरिक स्याही और चित्रकला की तकनीक की जगह ले ली है। चित्रकार तथा पेंटर्स अब मूल पेंटिंग सॉफ्टवेयर की सहायता से चित्र कंप्यूटर पर तैयार कर उसमें रंगों, आकार और अन्य बदलाव सरलता से करने में सक्षम होते हैं। वे दूसरी तकनीक के माध्यम से पेंटिंग के साथ ही संगीतमय पृष्ठभूमि और स्पेशल इफेक्ट भी दे सकते हैं। हां, इसमें विशेष ध्यानयोग्य है कि किसी भी बदलाव को वापस भी किया जा सकता है, यानि बदलाव अनडू कर सकते हैं। ऐनिमेशन के क्षेत्र में, खाके बनाने वाले चित्रकार (लेआउट आर्टिस्ट), क्लीन अप आर्टिस्ट, स्कैनर ऑपरेटर, डिजिटल इंक और पेंट आर्टिस्ट, कंपोजिटर, की-फेम ऐनिमेटर, बैकगाउंड आर्टिस्ट के रूप में काम कर सकते हैं।। नवभारत टाइम्स। २१ अप्रैल २०१० एक लाइट-पेन से कंप्यूटर मॉनीटर पर हस्तलेखन/डाटा चयन, १९६९ हस्तलिखित पाठ सामग्री को कंप्यूटरों के द्वारा पूर्णतया बदला नहीं जायेगा, किन्तु कुछ नये उपलब्ध सॉफ्टवेयर, बेहतर हार्डवेयर और हाथ में पकड़े जा सकने वाले उपकरणों की सहायता से कंप्यूटर निर्माता कंपनियों को इलैक्ट्रॉनिक लेखन की सुविधा हेतु अपने कंप्यूटरों संगत बनाने को विवश कर दिया है। इस तरह के उपकरणों को ही डिजिटल इंक के रूप में जाना जाता है। इनमें बाजार में उपलब्ध एक मशीन आईबीएम की थिंक पैड ट्रांसनोट है। ट्रांसनोट हस्तलेखन को पढ़ने में सक्षम नहीं है और न ही उसे कंप्यूटर में दर्ज करता है लेकिन यह आड़ी-तिरछी लिखावट की तस्वीर खींच लेता है, जिसे कंप्यूटर में जेपीजी या पीडीएफ फॉर्मैट में सुरक्षित रखा जा सकता है और उसमें आवश्यक बदलाव भी किये जा सकते हैं। इसे ६०० मैगा हर्ट्ज़ के पेंटियम-३ प्रोसेसर के साथ भी प्रयोग किया जा सकता है। यह लैपटॉप और इलैक्ट्रॉनिक लीगल पैड का मिश्रण जैसा प्रतीत होता है और एक ए-४ कागज के आकार का पैड होता है। इसका कनेक्शन कंप्यूटर के कीबोर्ड और मॉनीटर से होता है। विशेष रूप से बनाये गये डिजिटल बॉल पैन और पैड में लगे सेंसर लिखे गये शब्दों व रेखाचित्रों को सहेज लेते हैं जिन्हें बाद में ईमेल या कहीं प्रयोग कर सकते हैं। .

नई!!: टंकण और डिजिटल स्याही · और देखें »

नागरीप्रचारिणी सभा

नागरीप्रचारिणी सभा, हिंदी भाषा और साहित्य तथा देवनागरी लिपि की उन्नति तथा प्रचार और प्रसार करनेवाली भारत की अग्रणी संस्था है। भारतेन्दु युग के अनंतर हिंदी साहित्य की जो उल्लेखनीय प्रवृत्तियाँ रही हैं उन सबके नियमन, नियंत्रण और संचालन में इस सभा का महत्वपूर्ण योग रहा है। .

नई!!: टंकण और नागरीप्रचारिणी सभा · और देखें »

निडर नाडिया

मेरी एन इवांस उर्फ मेरी इवांस वाडिया उर्फ निडर नाडिया (8 जनवरी 1908 – 9 जनवरी, 1996) भारतीय फिल्मजगत की एक अभिनेत्री और स्टंट नायिका थीं, जिन्हें 1935, tifr.res.in; accessed 22 November 2015.

नई!!: टंकण और निडर नाडिया · और देखें »

भारत की राजभाषा के रूप में हिन्दी

हिन्दी को भारत की राजभाषा के रूप में १४ सितम्बर सन् १९४९ को स्वीकार किया गया। इसके बाद संविधान में अनुच्छेद ३४३ से ३५१ तक राजभाषा के साम्बन्ध में व्यवस्था की गयी। इसकी स्मृति को ताजा रखने के लिये १४ सितम्बर का दिन प्रतिवर्ष हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। धारा ३४३(१) के अनुसार भारतीय संघ की राजभाषा हिन्दी एवं लिपि देवनागरी है। संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिये प्रयुक्त अंकों का रूप भारतीय अंकों का अंतरराष्ट्रीय स्वरूप (अर्थात 1, 2, 3 आदि) है। हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। संसद का कार्य हिंदी में या अंग्रेजी में किया जा सकता है। परन्तु राज्यसभा के सभापति महोदय या लोकसभा के अध्यक्ष महोदय विशेष परिस्थिति में सदन के किसी सदस्य को अपनी मातृभाषा में सदन को संबोधित करने की अनुमति दे सकते हैं। किन प्रयोजनों के लिए केवल हिंदी का प्रयोग किया जाना है, किन के लिए हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं का प्रयोग आवश्यक है और किन कार्यों के लिए अंग्रेजी भाषा का प्रयोग किया जाना है, यह राजभाषा अधिनियम 1963, राजभाषा नियम 1976 और उनके अंतर्गत समय समय पर राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए निदेशों द्वारा निर्धारित किया गया है। .

नई!!: टंकण और भारत की राजभाषा के रूप में हिन्दी · और देखें »

मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर पैकेजों की सूची

कोई विवरण नहीं।

नई!!: टंकण और मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर पैकेजों की सूची · और देखें »

संस्कृत चिट्ठाजगत

संस्कृत चिट्ठाजगत से आशय है संस्कृत भाषी चिट्ठों का ऑनलाइन समुदाय, जो कि बृहतर भारतीय चिट्ठाजगत का एक भाग है। शास्त्री नित्यगोपाल कटारे संस्कृत भाषा के प्रथम चिट्ठाकार माने जाते हैं। उनका चिट्ठा संस्कृत का अब तक का प्रथम ज्ञात संस्कृत चिट्ठा है। आरम्भ में संस्कृत टाइपिंग की जटिलताओं के चलते काफी कम लोग संस्कृत में लिखते थे। धीरे-धीरे संस्कृत चिट्ठों की संख्या बढ़ने लगी। सन २००९ में संस्कृत चिट्ठों की संख्या कुछ बढ़ी। इसका कारण विविध ब्लॉगिंग सेवाओं में इण्डिक यूनिकोड का समर्थन आना, नए संस्कृत टंकण औजारों का आना आदि रहा। वर्तमान में सक्रिय-निष्क्रिय मिलाकर लगभग १५ के करीब संस्कृत चिट्ठे हैं। अधिकतर संस्कृत चिट्ठे संस्कृत भाषा के पठन-पाठन सम्बन्धी प्रकृति के हैं। आरंभिक समय में संस्कृत चिट्ठाकारों की कम संख्या को देखते हुए आरम्भिक चिट्ठाकारों ने इस माध्यम के प्रचार के लिये अनेक समुदाय बनाए ताकि संस्कृत चिट्ठाकारी का प्रचार किया जा सके। .

नई!!: टंकण और संस्कृत चिट्ठाजगत · और देखें »

हिन्दी अकादमी

हिंदी अकादमी दिल्ली सरकार के अधीनस्थ एक संस्था है जो भाषाई विकास की दिशा में कार्य करती है। हिंदी भाषा के शिक्षण, टंकण, अनुवाद, कार्यालयी भाषा आदि के पाठ्यक्रम के संचालन का कार्य करने के अतिरिक्त साहित्यिक परिचर्चा, नाट्य प्रस्तुति, कवि सम्मेलन आदि के आयोजन हेतु भी हिंदी अकादमी सक्रिय रहती है। देश का सर्वाधिक प्रतिष्ठित लालकिला कवि सम्मेलन भी हिंदी अकादमी द्वारा ही संयोजित किया जाता है। दिल्ली के पदासीन मुख्यमंत्री हिंदी अकादमी के अध्यक्ष होते हैं।.

नई!!: टंकण और हिन्दी अकादमी · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »