'जुगाड़': एक सवारी गाड़ी जिसे सिंचाई के लिये प्रयुक्त पम्प-सेट के इंजन का उपयोग करके बनाया गया है। जुगाड़ भारत में उन वस्तुओं या औजारों को कहते हैं जो आसानी से आसपास उपलब्ध सामानों का उपयोग करके बनायी जाती हैं। आम लोगों को ज्ञात सरल विधियों के उपयोग से काम बना लेना भी 'जुगाड़' कहलाता है। अर्थात मानक विधि से हटकर अलग विधि (किन्तु सरल और सस्ती विधि) से कोई काम किया जाय या कोई सामान बनाया जाय तो उस विधि या सामान को 'जुगाड़' कहते हैं। जब 'मानक संसाधनों' का अभाव हो या वे बहुत महगें हों तो 'कामचलाऊ ढंग' से कुछ करके काम निकाल लेने को भी जुगाड़ कहते हैं। भारत के कई भागों में मोटरसायकिल या पम्पिंग सेट इंजन के प्रयोग से बनी सस्ती गाड़ी 'जुगाड़' के नाम से जानी जाती है। इसमें डीजल इंजन का प्रयोग कर एक कामचलाऊ गाड़ी बनाई जाती है, जो गाँव-कस्बों में माल ढोने, सवारियों के आवागमन इत्यादि में प्रयोग की जाती है। 'जुगाड़' शब्द का प्रयोग हिन्दी के अलावा अन्य भारतीय भाषाओं में भी होता है। भारतीय मूल के विदेशों में बसे लोग भी इस शब्द का खूब प्रयोग करते हैं। चित्र:Jugad 02.jpg चित्र:Jugad 03.jpg .
नवाचार अर्थशास्त्र, व्यापार, तकनीकी एवं समाज शास्त्र में बहुत महत्व का विषय है। नवाचार (नव+आचार) का अर्थ किसी उत्पाद, प्रक्रिया या सेवा में थोडा या बहुत बडा परिवर्तन लाने से है। नवाचार के अन्तर्गत कुछ नया और उपयोगी तरीका अपनाया जाता है, जैसे- नयी विधि, नयी तकनीक, नयी कार्य-पद्धति, नयी सेवा, नया उत्पाद आदि। नवाचार को अर्थतंत्र का सारथी माना जाता है। किसी संस्था के संदर्भ में नवाचार के द्वारा दक्षता, उत्पादकता, गुणवता, बाजार में पकड आदि के सुधार सम्मिलित हैं। अस्पताल, विश्वविद्यालय, ग्राम-पंचायतें आदि सभी संस्थायें नवाचारी हो सकती हैं। जो संस्थायें नवाचार नहीं कर पातीं वे नाश को प्राप्त होती हैं। उनका स्थान नवाचार में सफल हुई संस्थायें ले लेतीं हैं। नवाचार में सबसे महत्वपूर्ण चुनौती प्रक्रिया-नवाचार तथा उत्पाद-नवाचार में सामंजस्य बैठाना होता है। .