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जावेद जाँनिसार अख्तर

सूची जावेद जाँनिसार अख्तर

जावेद अख्तर हिन्दी फिल्मों के एक गीतकार हैं। .

सामग्री की तालिका

  1. 84 संबंधों: एक दीवाना था, डॉन (1978 फ़िल्म), तलाश (२०१२ फ़िल्म), तसलीमा नसरीन, तारिक़ फ़तह, तीसमार खां, दिल चाहता है, दीवार (१९७५ फ़िल्म), पद्म श्री पुरस्कार (१९९०–१९९९), पुकार (2000 फ़िल्म), फरहान अख्तर, फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखन पुरस्कार, फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार, बरेली की बर्फी, बॉर्डर (1997 फ़िल्म), भारत में इस्लाम, भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष, भारतीय कवियों की सूची, मदन मोहन, मुम्बई के कवियों की सूची, मृत्युदंड (फ़िल्म), मैं हूँ ना, मैं आज़ाद हूँ (1989 फ़िल्म), मेरी जंग, मोहेंजो दारो (फ़िल्म), यस बॉस (1997 फ़िल्म), राजकमल प्रकाशन पुस्तक सूची, रईस (फ़िल्म), लखनऊ, लखनऊ की संस्कृति, लगान (२००१ फ़िल्म), शबाना आज़मी, शमिताभ, शाज़िया इल्मी, शक्ति (1982 फ़िल्म), शोले (1975 फ़िल्म), सलमान रुश्दी, सारा हैदर, साहित्य अकादमी पुरस्कार उर्दू, सैलाब (फ़िल्म), हनी ईरानी, हाथ की सफाई (1974 फ़िल्म), जमाई राजा (फ़िल्म), ज़माना (1985 फ़िल्म), ज़िन्दगी न मिलेगी दोबारा, ज़ंजीर (1973 फ़िल्म), ज़ुबैदा (2001 फ़िल्म), ज़ोया अख़्तर, जाँनिसार अख्तर, जगजीत सिंह, ... सूचकांक विस्तार (34 अधिक) »

एक दीवाना था

एक दीवाना था २०१२ में बनी भारतीय रोमांस ड्रामा फिल्म है, जो गौतम मेनन द्वारा लिखी और निर्देशित की गयी है। इसमें फिल्मी सितारे प्रतीक बब्बर और एमी जैक्सन प्रमुख भूमिकाओं में है। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और एक दीवाना था

डॉन (1978 फ़िल्म)

डॉन १९७८ की एक हिन्दी क्राइम थ्रिलर फिल्म है। सलीम-जावेद द्वारा लिखी इस फ़िल्म के निर्माता नरीमन ईरानी हैं, तथा निर्देशक चंद्र बरोट हैं। अमिताभ बच्चन, ज़ीनत अमान, इफ़्तेखार, प्राण, हेलन, ओम शिवपुरी, सत्येन कप्पू तथा पिंचू कपूर ने फ़िल्म में मुख्य भूमिकाऐं निभाई हैं। कल्याणजी आनंदजी ने फ़िल्म में संगीत दिया है, तथा फ़िल्म के गीत अंजान और इंदीवर ने लिखे हैं। अमिताभ बच्चन ने फ़िल्म में अंडरवर्ल्ड बॉस 'डॉन' की, और उसके हमशक्ल 'विजय' की दोहरी भूमिका निभाई थी। फ़िल्म की कहानी बम्बई की झुग्गियों के निवासी विजय के इर्द-गिर्द घूमती है, जो संयोग से डॉन का हमशक्ल हैं। बम्बई पुलिस के डीसीपी डी'सिल्वा विजय से डॉन का रूप लेने को कहते हैं, ताकि वह पुलिस के मुखबिर के रूप में काम कर सके, और साथ ही डॉन के आपराधिक नेटवर्क का भंडाफोड़ करने में पुलिस की मदद कर सकें। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और डॉन (1978 फ़िल्म)

तलाश (२०१२ फ़िल्म)

तलाश एक 2012 में प्रदर्शित एक भारतीय थ्रिलर फ़िल्म है जिसे रीमा कागती द्वारा लिखा व निर्देशित किया गया है। फ़िल्म को एक्सेल इंटरटेनमेंट और आमिर खान प्रोडक्शंस मिल कर निर्मित किया और इसमें आमिर खान, रानी मुखर्जी और करीना कपूर मुख्य भूमिकाओं में है। फ़िल्म का संगीत राम संपथ द्वारा किया गया है और जावेद अख्तर ने गानों को लिखा है। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और तलाश (२०१२ फ़िल्म)

तसलीमा नसरीन

तसलीमा नसरीन (जन्म: २५ अगस्त १९६२) बांग्ला लेखिका एवं भूतपूर्व चिकित्सक हैं जो १९९४ से बांग्लादेश से निर्वासित हैं। १९७० के दशक में एक कवि के रूप में उभरीं तसलीमा १९९० के दशक के आरम्भ में अत्यन्त प्रसिद्ध हो गयीं। वे अपने नारीवादी विचारों से युक्त लेखों तथा उपन्यासों एवं इस्लाम एवं अन्य नारीद्वेषी मजहबों की आलोचना के लिये जानी जाती हैं। बांग्लादेश में उनपर जारी फ़तवे के कारण आजकल वे कोलकाता में निर्वासित जीवन जी रही हैं। हालांकि कोलकाता में मुसलमानों के विरोध के बाद उन्हें कुछ समय के लिये दिल्ली और उसके बाद फिर स्वीडन में भी समय बिताना पड़ा लेकिन इसके बाद जनवरी २०१० में वे भारत लौट आईं। उन्होंने भारत में स्थाई नागरिकता के लिये आवेदन किया है लेकिन भारत सरकार की ओर से उस पर अब तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है। यूरोप और अमेरिका में एक दशक से भी अधिक समय रहने के बाद, तस्लीमा 2005 में भारत चले गए, लेकिन 2008 में देश से हटा दिया गया, हालांकि वह दिल्ली में रह रही है, भारत में एक आवासीय परमिट के लिए दीर्घावधि, बहु- 2004 के बाद से प्रवेश या 'एक्स' वीज़ा। उसे स्वीडन की नागरिकता मिली है। स्त्री के स्वाभिमान और अधिकारों के लिए संघर्ष करते हुए तसलीमा नसरीन ने बहुत कुछ खोया। अपना भरापूरा परिवार, दाम्पत्य, नौकरी सब दांव पर लगा दिया। उसकी पराकाष्ठा थी देश निकाला। नसरीन को रियलिटी शो बिग बॉस 8 में भाग लेने के लिए कलर्स (टीवी चैनल) की तरफ से प्रस्ताव दिया गया है। तसलीमा ने इस शो में भाग लेने से मना कर दिया है। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और तसलीमा नसरीन

तारिक़ फ़तह

तारिक़ फ़तह (طارق فتح. (शाहमुखी), जन्म 20, 1949), पाकिस्तानी मूल के कनाडाई लेखक, प्रसारक एवं सेक्युलर उदारवादी कार्यकर्ता हैं। चेजिंग अ मिराज: द ट्रैजिक इल्लुझ़न ऑफ़ ऐन इस्लामिक स्टेट (Chasing a Mirage: The Tragic Illusion of an Islamic State) उनकी प्रसिद्ध कृति है। तारिक़ फ़तह इस्लामी अतिवाद के ख़िलाफ़ बोलने और एक उदारवादी इस्लाम के पक्ष को बढ़ावा देने के लिये प्रसिद्ध हैं। तारिक़ फ़तह दक्षिण एशिया और विशेष रूप से कट्टरपंथी भारतीय और पाकिस्तानी मुसलमानों की अलगाववादी संस्कृति के विरुद्ध भी बोलते हैं, तथा वे समलैंगिक व्यक्तियों के सामान अधिकारों और हितों के भी पक्षधर हैं। साथ ही वे बलोचिस्तान में मानवाधिकार के हनन और पाकिस्तान द्वारा बलोचिस्तान में किये जा रहे ज़्यादतियों के विषय पर भी बोलते और लिखते हैं, और 'आज़ाद बलोचिस्तान' के पक्षधर के रूप में भी जाने जाते हैं। उन्होंने कनाडाई मुस्लिम कांग्रेस का स्थापना किया और वे इस्लाम का उदारवादी और प्रगतिशील रूप के समर्थक हैं। वे ज़ी न्यूज़ के फ़तह का फ़तवा कार्यक्रम में इस्लाम पर लगातार अपना नजरिया पेश करते आ रहे हैं। पाकिस्तानी व्यवस्थापिका तथा इस्लामिक कट्टरपंथ, एवं इस्लामिक इतिहास और कुछ परंपराओं के विषय में बोलने के कारण, उनके विचार, अक्सर बहस और विवाद का पात्र रहते हैं। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और तारिक़ फ़तह

तीसमार खां

तीसमार खां, 24 दिसम्बर 2010 को प्रदर्शित होने वाली एक बॉलीवुड फिल्म है, जिसका निर्देशन मै हूँ ना और ओम शांति ओम जैसी सफल फिल्मों की निर्देशक फराह खान कर रही हैं। तीसमार खां में अक्षय कुमार, अक्षय खन्ना तथा कैटरीना कैफ की मुख्य भूमिकाएं है। फिल्म का नायक एक अंतर्राष्ट्रीय ठग है जो खुद को तीसमार खां यानी चालक समझता है। फिल्म की पटकथा शिरीष कुंदर ने लिखी है, फिल्म में संगीत विशाल-शेखर का और गीत जावेद अख़्तर के हैं। फिल्म की पटकथा शाहरुख खान को ध्यान में रखकर लिखी गयी थी, पर किसी कारणवश वो उसमे काम नहीं कर सके और यह भूमिका अक्षय कुमार की झोली में चली गयी। आजकल फिल्म को फिल्माया जा रहा है। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और तीसमार खां

दिल चाहता है

दिल चाहता है 2001 में फ़रहान अख्तर द्वारा निर्देशित की गई हिन्दी नाटकीय हास्य फिल्म है। आमिर खान, सैफ अली खान, अक्षय खन्ना, प्रीति जिंटा, सोनाली कुलकर्णी और डिंपल कपाड़िया अभिनीत ये फिल्म फरहाँ अख्तर द्वारा लिखित और निर्देशित पहली फिल्म है। 2001 में, फिल्म ने हिन्दी में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता था। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और दिल चाहता है

दीवार (१९७५ फ़िल्म)

दीवार 1975 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यश चोपड़ा निर्मित दीवार हिन्दी सिनेमा की सबसे सफ़लतम फिल्मों में से है जिसने अमिताभ को "एंग्री यंग मैन" के खिताब में स्थापित कर दिया। इस फिल्म ने अमिताभ के करियर को नयी बुलंदियों पर पहुँचा दिया। कहा जाता है की फिल्म की कहानी अंडरवर्ल्ड डॉन हाजी मस्तान के जीवन पर आधारित है और अमिताभ बच्चन ने यही किरदार निभाया है। फिल्म की कहानी है दो भाईयों की कहानी है जो बचपन में अपने और अपने परिवार पर अत्याचारों को झेलकर जिंदगी में दो अलग अलग रास्ते चुनते हैं, जो दोनों के बीच मे एक दीवार खड़ी कर देते हैं। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और दीवार (१९७५ फ़िल्म)

पद्म श्री पुरस्कार (१९९०–१९९९)

पद्म श्री पुरस्कार, भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरीक सम्मान है। जिसके ई॰ सन् १९८४ से १९८९ के प्राप्त कर्ता निम्न हैं: .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और पद्म श्री पुरस्कार (१९९०–१९९९)

पुकार (2000 फ़िल्म)

पुकार 2000 की राजकुमार संतोषी द्वारा निर्देशित और सह-लिखित एक्शन नाटकीय हिन्दी भाषा की भारतीय फिल्म है। इसमें अनिल कपूर, माधुरी दीक्षित, नम्रता शिरोडकर, डैनी डेन्जोंगपा, शिवाजी साटम और ओम पुरी मुख्य भूमिकाओं में हैं। इसने दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीते, जिनमें राष्ट्रीय एकता पर सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए नर्गिस दत्त पुरस्कार और मेजर जयदेव राजवंश के रूप में अनिल कपूर के प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार शामिल था। पार्श्व संगीत और गीतों के लिये संगीत ए आर रहमान द्वारा रचित थे। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और पुकार (2000 फ़िल्म)

फरहान अख्तर

फरहान अख्तर (فرحان اختر, जन्म - 9 जनवरी 1974), एक भारतीय फ़िल्म निर्माता, पटकथा लेखक, अभिनेता, पार्श्वगायक, गीतकार, फ़िल्म निर्माता और टीवी होस्ट है। निर्देशक के रूप में उनकी पहली फ़िल्म (दिल चाहता है, 2001) की काफी प्रशंसा की गई थी और तभी से एक खास दर्शक वर्ग में उनकी अलग पहचान है। आनंद सुरापुर की फ़िल्म, द फकीर ऑफ वेनिस (2007) और रॉक ऑन!! (2008) से उन्होंने अपने अभिनय करियर की शुरुआत की। 2008 .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और फरहान अख्तर

फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखन पुरस्कार

Kajol with karan johar.jpg फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखन विजेता, करण जौहर फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखन पुरस्कारों की वर्षवार सूची श्रेणी:फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार.

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखन पुरस्कार

फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार

फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार फ़िल्मफ़ेयर पत्रिका द्वारा प्रति वर्ष दिया जाने वाला पुरस्कार है। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार

बरेली की बर्फी

बरेली की बर्फी २०१७ की एक हिंदी रोमांटिक-कॉमेडी फ़िल्म है। अश्विनी अय्यर तिवारी द्वारा निर्देशित इस फ़िल्म में आयुष्मान खुराना, कृति सैनॉन और राजकुमार राव मुख्य भूमिकाओं में हैं। फ़िल्म की कहानी नितेश तिवारी और श्रेयस जैन ने लिखी है, और यह निकोलस बैरौ के फ्रेंच उपन्यास "द इंग्रेडिएंट्स ऑफ़ लव" पर आधारित है। फ़िल्म की कहानी बरेली में रहने वाली बिट्टी (सैनॉन) के इर्द गिर्द घूमती है, जिसके जीवन में लेखक प्रीतम विद्रोही (राव) की एक किताब पढ़ने के बाद बड़ा बदलाव आता है, और फिर विद्रोही से मिलने की कोशिश में उसकी मुलाकात पुस्तक के प्रकाशक चिराग दुबे (खुराना) से होती है, जो उस पुस्तक का वास्तविक लेखक है। बरेली की बर्फी १८ अगस्त २०१७ को दुनिया भर के सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई थी। फिल्म को समीक्षकों से सकारात्मक समीक्षाएं प्राप्त हुई, विशेष रूप से राजकुमार राव के अभिनय की काफी प्रशंसा की गई। फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर भी सफलता मिली; लगभग २० करोड़ रुपये के बजट पर बनी इस फ़िल्म ने ५८.७५ करोड़ रुपये का व्यापार किया। फ़िल्म के संगीत को भी काफी पसन्द किया गया। इस फिल्म को ६३वें फिल्मफेयर पुरस्कारों में आठ नामांकन प्राप्त हुए, जिनमें से राव ने सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का और सीमा भार्गव ने सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार जीता भी था। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और बरेली की बर्फी

बॉर्डर (1997 फ़िल्म)

बॉर्डर (Border) 1997 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म ब्लाकबस्टर युद्ध फ़िल्म है जो १९७१ के भारत-पाकिस्तान युद्ध पर आधारित है। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और बॉर्डर (1997 फ़िल्म)

भारत में इस्लाम

भारतीय गणतंत्र में हिन्दू धर्म के बाद इस्लाम दूसरा सर्वाधिक प्रचलित धर्म है, जो देश की जनसंख्या का 14.2% है (2011 की जनगणना के अनुसार 17.2 करोड़)। भारत में इस्लाम का आगमन करीब 7वीं शताब्दी में अरब के व्यापारियों के आने से हुआ था (629 ईसवी सन्‌) और तब से यह भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का एक अभिन्न अंग बन गया है। वर्षों से, सम्पूर्ण भारत में हिन्दू और मुस्लिम संस्कृतियों का एक अद्भुत मिलन होता आया है और भारत के आर्थिक उदय और सांस्कृतिक प्रभुत्व में मुसलमानों ने महती भूमिका निभाई है। हालांकि कुछ इतिहासकार ये दावा करते हैं कि मुसलमानों के शासनकाल में हिंदुओं पर क्रूरता किए गए। मंदिरों को तोड़ा गया। जबरन धर्मपरिवर्तन करा कर मुसलमान बनाया गया। ऐसा भी कहा जाता है कि एक मुसलमान शासक टीपू शुल्तान खुद ये दावा करता था कि उसने चार लाख हिंदुओं का धर्म परिवर्तन करवाया था। न्यूयॉर्क टाइम्स, प्रकाशित: 11 दिसम्बर 1992 विश्व में भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां सरकार हज यात्रा के लिए विमान के किराया में सब्सिडी देती थी और २००७ के अनुसार प्रति यात्री 47454 खर्च करती थी। हालांकि 2018 से रियायत हटा ली गयी है। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और भारत में इस्लाम

भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष

3 मई 2013 (शुक्रवार) को भारतीय सिनेमा पूरे सौ साल का हो गया। किसी भी देश में बनने वाली फिल्में वहां के सामाजिक जीवन और रीति-रिवाज का दर्पण होती हैं। भारतीय सिनेमा के सौ वर्षों के इतिहास में हम भारतीय समाज के विभिन्न चरणों का अक्स देख सकते हैं।उल्लेखनीय है कि इसी तिथि को भारत की पहली फीचर फ़िल्म “राजा हरिश्चंद्र” का रुपहले परदे पर पदार्पण हुआ था। इस फ़िल्म के निर्माता भारतीय सिनेमा के जनक दादासाहब फालके थे। एक सौ वर्षों की लम्बी यात्रा में हिन्दी सिनेमा ने न केवल बेशुमार कला प्रतिभाएं दीं बल्कि भारतीय समाज और चरित्र को गढ़ने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष

भारतीय कवियों की सूची

इस सूची में उन कवियों के नाम सम्मिलित किये गये हैं जो.

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और भारतीय कवियों की सूची

मदन मोहन

मदन मोहन हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध संगीतकार हैं। अपनी गजलों के लिए प्रसिद्द इस संगीतकार का पूरा नाम मदन मोहन कोहली था। अपनी युवावस्था में ये एक सैनिक थे। बाद में संगीत के प्रति अपने झुकाव के कारण ऑल इंडिया रेडियो से जुड़ गए। तलत महमूद तथा लता मंगेशकर से इन्होने कई यादगार गज़ले गंवाई जिनमें - आपकी नजरों ने समझा (अनपढ़, 1962), जैसे गीत शामिल हैं। वर्ष 2006 में फिल्म वीर जारा के लिए उनकी अप्रयुक्त धुनों का इस्तेमाल किया गया था। जो धुन उन्होंने जावेद अख्तर को सुनाई थी। उनकी इस धुन के लिए जावेद अख्तर ने इस फ़िल्म के लिए तेरे लिए गीत लिखा। प्रमुख फिल्मैं श्रेणी:हिन्दी फ़िल्म संगीतकार.

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और मदन मोहन

मुम्बई के कवियों की सूची

गुलजार २८-११-१९९९ में महाराष्ट्र के रत्नागिरी में एक साहित्यिक कार्यक्रम में उर्दू कवि और बॉलीवुड गीतकार मजरुह सुल्तानपुरी और उबैद आज़म आज़मी ''लेसेलेंज़ हौसाच'' २०१२ में रंजीत होसकोटे .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और मुम्बई के कवियों की सूची

मृत्युदंड (फ़िल्म)

मृत्युदंड 1997 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसका निर्देशन प्रकाश झा ने किया है और माधुरी दीक्षित, शबाना आज़मी, अयूब खान, शिल्पा शिरोडकर और ओम पुरी मुख्य भूमिकाओं में हैं। यह फिल्म सामाजिक और लिंग अन्याय पर एक टिप्पणी है। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और मृत्युदंड (फ़िल्म)

मैं हूँ ना

मैं हूँ ना 2004 में बनी हिन्दी भाषा की नाटकीय कॉमेडी फ़िल्म है। यह फराह खान द्वारा निर्देशित पहली फिल्म है। इसमें शाहरुख खान, सुनील शेट्टी, सुष्मिता सेन, अमृता राव और ज़ायेद खान मुख्य कलाकारों में हैं। यह शाहरुख खान की उत्पादन कंपनी रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट की पहली फिल्म है। इसे 30 अप्रैल 2004 को जारी किया गया और आलोचकों से सकारात्मक समीक्षा मिली। फिल्म टिकट खिड़की पर भी सफल रही थी। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और मैं हूँ ना

मैं आज़ाद हूँ (1989 फ़िल्म)

मैं आज़ाद हूँ 1989 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और मैं आज़ाद हूँ (1989 फ़िल्म)

मेरी जंग

मेरी जंग 1985 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। इस फ़िल्म का निर्देशन सुभाष घई ने किया है। एन एन सिप्पी इस फ़िल्म के निर्माता हैं। यह 11 अगस्त 1985 में सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई थी। इसमें अनिल कपूर मुख्य भूमिका में हैं। अन्य कलाकारों में मीनाक्षी शेषाद्रि, नूतन, अमरीश पुरी, जावेद जाफ़री (अपनी पहली फिल्म में), ए.के.

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और मेरी जंग

मोहेंजो दारो (फ़िल्म)

मोहेंजो दारो (अंग्रेजी; Mohenjo Daro)(Mound of the Dead Men) वर्ष २०१६ की भारतीय रोमांचक-प्रेम गाथा आधारित हिन्दी भाषा की फ़िल्म है, जिसका लेखन एवं निर्देशन आशुतोष गोवारिकर, तथा निर्माण युटीवी मोशन पिक्चर्स के सिद्धार्थ राॅय कपूर व आशुतोष गोवारिकर प्रोड्क्शन्स लिमिटेड (एजीपीपीएल) की सुनीता गोवारिकर द्वारा किया गया है, और फ़िल्म में ऋतिक रोशन व पूजा हेगड़े मुख्य भूमिकाओं में अदाकारी कर रहे हैं। मोहेंजो दारो विश्व की प्रथम सिनेमाई प्रदर्शन है जो प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता को संदर्भित की गई है, तथा इस महान नगर, मोहेंजो दारो को युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर के तौर पर अंकित किया गया है (अब यह क्षेत्र पाकिस्तान स्थित सिंध जिले के लरकाना में पड़ता है)। फ़िल्म की शुरुआत मुताबिक प्राचीन समय के २०१६ के ईसा पूर्व की है जब सिंधु घाटी सभ्यता चरम पर थी, कहानी एक साधारण किसान (रोशन) के मोहेंजो दारो नगर की ओर यात्रा करने और फिर नगर की संभ्रांत वर्ग की औरत (हेगड़े) से हुए प्रेम को लेकर बुना गया है, और जिसके परिणाम में वह नगर के अभिजात वर्ग को चुनौती दे डालता है तथा आखिर में उसी नगर के अपरिहार्य विनाश के विरुद्ध संघर्ष भी करता है। गोवारिकर ने अपने तीन वर्ष शोध करने तथा पटकथा के विकास में व्यतीत किए, अपनी इस काल्पनिक कहानी को प्रामाणिकता पक्का करने के लिए पुरातत्ववेत्ताओं के साथ काफी नजदीकी कार्य किया। फ़िल्मांकन का कार्य भुज एवं मुंबई के साथ संक्षिप्त समयावधि में बेड़ाघाट (जबलपुर) एवं थाणे में भी किया गया। फ़िल्म का संगीत एवं एलबम रचना ए.आर.

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और मोहेंजो दारो (फ़िल्म)

यस बॉस (1997 फ़िल्म)

यस बॉस 1997 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और यस बॉस (1997 फ़िल्म)

राजकमल प्रकाशन पुस्तक सूची

राजकमल प्रकाशन हिन्दी पुस्तकों को प्रकाशित करने वाला प्रकाशन संस्थान है। इसका मुख्यालय दिल्ली, भारत, में स्थित है। 1949 में स्थापित यह प्रकाशन प्रति वर्ष लगभग चार सौ से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन करता है। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और राजकमल प्रकाशन पुस्तक सूची

रईस (फ़िल्म)

रईस अपराध पर आधारित हिन्दी भाषा में बनी एक भारतीय एक्शन थ्रिलर बॉलीवुड फ़िल्म है। इसका निर्देशन राहुल ढोलकिया ने किया है। इसका निर्माण फरहान अख्तर, रितेश सिधवानी और गौरी खान ने किया है। इसका निर्माण अप्रैल 2015 में शुरू हुआ। इसमें शाहरुख खान, माहिरा खान और नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी मुख्य किरदार में हैं। फिल्म में अभिनेत्री सन्नी लियोन एक विशेष गाने में शाहरुख खान के साथ हैं। फ़िल्म को गुजरात के अपराधी अब्दुल लतीफ़ पर आधारित बताया जा रहा था पर फ़िल्म निर्माताओं ने यह स्पष्ट किया कि, "फ़िल्म की कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है जिसका किसी भी व्यक्ति से कोई लेना-देना नहीं है"। फ़िल्म २५ जनवरी २०१७ को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और रईस (फ़िल्म)

लखनऊ

लखनऊ (भारत के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी है। इस शहर में लखनऊ जिले और लखनऊ मंडल के प्रशासनिक मुख्यालय भी स्थित हैं। लखनऊ शहर अपनी खास नज़ाकत और तहजीब वाली बहुसांस्कृतिक खूबी, दशहरी आम के बाग़ों तथा चिकन की कढ़ाई के काम के लिये जाना जाता है। २००६ मे इसकी जनसंख्या २,५४१,१०१ तथा साक्षरता दर ६८.६३% थी। भारत सरकार की २००१ की जनगणना, सामाजिक आर्थिक सूचकांक और बुनियादी सुविधा सूचकांक संबंधी आंकड़ों के अनुसार, लखनऊ जिला अल्पसंख्यकों की घनी आबादी वाला जिला है। कानपुर के बाद यह शहर उत्तर-प्रदेश का सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र है। शहर के बीच से गोमती नदी बहती है, जो लखनऊ की संस्कृति का हिस्सा है। लखनऊ उस क्ष्रेत्र मे स्थित है जिसे ऐतिहासिक रूप से अवध क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। लखनऊ हमेशा से एक बहुसांस्कृतिक शहर रहा है। यहाँ के शिया नवाबों द्वारा शिष्टाचार, खूबसूरत उद्यानों, कविता, संगीत और बढ़िया व्यंजनों को हमेशा संरक्षण दिया गया। लखनऊ को नवाबों के शहर के रूप में भी जाना जाता है। इसे पूर्व की स्वर्ण नगर (गोल्डन सिटी) और शिराज-ए-हिंद के रूप में जाना जाता है। आज का लखनऊ एक जीवंत शहर है जिसमे एक आर्थिक विकास दिखता है और यह भारत के तेजी से बढ़ रहे गैर-महानगरों के शीर्ष पंद्रह में से एक है। यह हिंदी और उर्दू साहित्य के केंद्रों में से एक है। यहां अधिकांश लोग हिन्दी बोलते हैं। यहां की हिन्दी में लखनवी अंदाज़ है, जो विश्वप्रसिद्ध है। इसके अलावा यहाँ उर्दू और अंग्रेज़ी भी बोली जाती हैं। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और लखनऊ

लखनऊ की संस्कृति

लखनऊ अपनी विरासत में मिली संस्कृति को आधुनिक जीवनशैली के संग बड़ी सुंदरता के साथ संजोये हुए है। भारत के उत्कृष्टतम शहरों में गिने जाने वाले लखनऊ की संस्कृति में भावनाओं की गर्माहट के साथ उच्च श्रेणी का सौजन्य एवं प्रेम भी है। लखनऊ के समाज में नवाबों के समय से ही पहले आप वाली शैली समायी हुई है। हालांकि स्वार्थी आधुनिक शैली की पदचाप सुनायी देती है, किंतु फिर भी शहर की जनसंख्या का एक भाग इस तहजीब को संभाले हुए है। यह तहजीब यहां दो विशाल धर्मों के लोगों को एक समान संस्कृति से बांधती है। ये संस्कृति यहां के नवाबों के समय से चली आ रही है। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और लखनऊ की संस्कृति

लगान (२००१ फ़िल्म)

लगान २००१ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। लगान (उर्फ़ लगान: वन्स अपॊन अ टाइम इन इन्डीया) हिन्दी चलचित्र ई.स.२००१ में भारत में प्र्स्तुत की गई थी। यह फ़िल्म आशुतोष गौरीकर की मूल कथा पर आधारित है, जिसका उन्होनेही दिग्दर्शन किया है। आमीर ख़ान इसके सहनिर्माता होने के अलावा मुख्य अभिनेता भी है। साथ मे ग्रेसी सींह, रचेल शॅली और पॉल ब्लॅकथॉर्न ने पात्र निभाये है। फ़िल्म रानी विक्टोरिया के ब्रिटानी राज की एक सूखा पीडित गांव के किसानो पर कठोर ब्रीटानी लगान की कहानी है। जब किसान लगान कम करने की मांग कर्ते हैं, तब ब्रिटानी अफ़्सर एक प्रस्ताव देतें है। अगर क्रिकॅट के खेल में उन्को गांववासीओं ने परजित किया तो लगान मांफ़। चूनौती स्वीकारने के बाद गांवनिवासीऒं पर क्या बीतती है, यही इस फ़िल्म का चरीत्र है। इस फ़िल्म की समालोचनात्म्क सरहाना के अलावा इस को कई देसी और विदेशी पुरस्कार भी मिले है। ऑस्कर के "सर्वोत्तम अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म" पुरस्कार के लिये नियुक्त की गई यह तिसरी हिन्दी फ़िल्म है। इससे पह्ले "मधर इन्डीया" और "सलाम बॉम्बे" नियुक्त किये जा चुके हैं। ई.स.२००१ की यह बहुत लोकप्रिय फ़िल्म रही। ई.स.२००७ तक इस की डीवीडी की बिक्री सबसे अव्वल थी। जीतू मीना फुलवाड़ा फुलवाड़ा9057673720 .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और लगान (२००१ फ़िल्म)

शबाना आज़मी

शबाना आज़मी (जन्म: 18 सितंबर, 1950) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और शबाना आज़मी

शमिताभ

शमिताभ एक भारतीय बॉलीवुड फ़िल्म है, जिसका निर्देशन आर बल्कि ने किया है। इस फ़िल्म का निर्माण सुनील लुल्ला, आर बल्कि, आर के दामनी, अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन, सुनील मंचन्दा, शोभा कपूर, एकता कपूर और धनुष ने किया है। इस फ़िल्म में मुख्य किरदार में अमिताभ बच्चन, धनुष और अक्षरा हासन हैं। यह फ़िल्म 6 फरवरी 2015 को सिनेमाघरों में प्रदर्शित होगी। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और शमिताभ

शाज़िया इल्मी

शाज़िया इल्मी एक भारतीय राजनीतिज्ञ और सामाजिक कार्यकर्ता है। वह पहले स्टार न्यूज पर एक टेलीविजन पत्रकार और एंकर थीं। इन्‍होंने आम आदमी पार्टी की विचारधारा से प्रभावित होकर इसमें अपनी सदस्‍यता ले ली थी। इन्‍होंने आम आदमी पार्टी में बतौर कार्यकर्ता रहकर लोकसभा चुनाव २०१४ में गाजियाबाद से अपना नामांकन दाखिल किया था। लेकिन इन्‍हें यहाँ हार का सामना करना पडा। वह दिल्‍ली से चुनाव लडना चाहती थी, परंतु उन्‍हें गाजियाबाद का टिकट दिया गया। दिनांक २४ मई २०१४ को पार्टी की आंतरिक कलह से परेशान होकर इन्‍होंने आम आदमी पार्टी के सभी पदों से अपना इस्‍तीफा दे दिया। भाजपा में शामिल हुईं शाज़िया इल्मी। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और शाज़िया इल्मी

शक्ति (1982 फ़िल्म)

शक्ति वर्ष 1982 में रिलीज़ हुई एक प्रसिद्ध हिंदी फिल्म है, जिसका निर्देशन प्रख्यात फ़िल्मकार रमेश सिप्पी ने किया है। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और शक्ति (1982 फ़िल्म)

शोले (1975 फ़िल्म)

शोले १९७५ की एक भारतीय हिन्दी एक्शन फिल्म है। सलीम-जावेद द्वारा लिखी इस फिल्म का निर्माण गोपाल दास सिप्पी ने और निर्देशन का कार्य, उनके पुत्र रमेश सिप्पी ने किया है। इसकी कहानी जय (अमिताभ बच्चन) और वीरू (धर्मेन्द्र) नामक दो अपराधियों पर केन्द्रित है, जिन्हें डाकू गब्बर सिंह (अमजद ख़ान) से बदला लेने के लिए पूर्व पुलिस अधिकारी ठाकुर बलदेव सिंह (संजीव कुमार) अपने गाँव लाता है। जया भादुरी और हेमा मालिनी ने भी फ़िल्म में मुख्य भूमिकाऐं निभाई हैं। शोले को भारतीय सिनेमा की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक माना जाता है। ब्रिटिश फिल्म इंस्टिट्यूट के २००२ के "सर्वश्रेष्ठ १० भारतीय फिल्मों" के एक सर्वेक्षण में इसे प्रथम स्थान प्राप्त हुआ था। २००५ में पचासवें फिल्मफेयर पुरस्कार समारोह में इसे पचास सालों की सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार भी मिला। शोले का फिल्मांकन कर्नाटक राज्य के रामनगर क्षेत्र के चट्टानी इलाकों में ढाई साल की अवधि तक चला था। केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के निर्देशानुसार कई हिंसक दृश्यों को हटाने के बाद फ़िल्म को १९८ मिनट की लंबाई के साथ १५ अगस्त १९७५ को रिलीज़ किया गया था। हालांकि १९९० में मूल २०४ मिनट का मूल संस्करण भी होम मीडिया पर उपलब्ध हो गया था। रिलीज़ होने पर पहले तो शोले को समीक्षकों से नकारात्मक प्रतिक्रियाएं और कमजोर व्यावसायिक परिणाम मिले, लेकिन अनुकूल मौखिक प्रचार की सहायता से थोड़े दिन बाद यह बॉक्स ऑफिस पर बड़ी सफलता बनकर उभरी। फ़िल्म ने पूरे भारत में कई सिनेमाघरों में निरंतर प्रदर्शन के लिए रिकॉर्ड तोड़ दिए, और मुंबई के मिनर्वा थिएटर में तो यह पांच साल से अधिक समय तक प्रदर्शित हुई। कुछ स्त्रोतों के अनुसार मुद्रास्फीति के लिए समायोजित करने पर यह सर्वाधिक कमाई करने वाली भारतीय फिल्म है। शोले एक डकैती-वॅस्टर्न फिल्म है, जो वॅस्टर्न शैली के साथ भारतीय डकैती फिल्मों परम्पराओं का संयोजन करती है, और साथ ही मसाला फिल्मों का एक परिभाषित उदाहरण है, जिसमें कई फिल्म शैलियों का मिश्रण पाया जाता है। विद्वानों ने फिल्म के कई विषयों का उल्लेख किया है, जैसे कि हिंसा की महिमा, सामंती विचारों का परिवर्तन, सामाजिक व्यवस्था को बनाए रखने वालों और संगठित होकर लूट करने वालों के बीच बहस, समलैंगिक गैर रोमानी सामाजिक बंधन और राष्ट्रीय रूपरेखा के रूप में फिल्म की भूमिका। राहुल देव बर्मन द्वारा रचित फिल्म की संगीत एल्बम और अलग से जारी हुए संवादों की संयुक्त बिक्री ने कई नए बिक्री रिकॉर्ड सेट किए। फिल्म के संवाद और कुछ पात्र बेहद लोकप्रिय हो गए और भारतीयों के दैनिक रहन-सहन हिस्सा बन गए। जनवरी २०१४ में, शोले को ३डी प्रारूप में सिनेमाघरों में फिर से रिलीज़ किया गया था। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और शोले (1975 फ़िल्म)

सलमान रुश्दी

सर अहमद सलमान रुश्दी (जन्म 19 जून 1947) एक ब्रिटिश भारतीय उपन्यासकार और निबंधकार हैं। उन्होंने अपने दूसरे उपन्यास मिडनाइट्स चिल्ड्रन (1981) से प्रसिद्धि प्राप्त की, जिसे 1981 में बुकर पुरस्कार मिला। उनके अधिकांश प्रारंभिक उपन्यास भारतीय उप-महाद्वीप पर आधारित हैं। उनकी शैली का वर्गीकरण अक्सर ऐतिहासिक कल्पना के साथ संयोजित जादुई यथार्थवाद के रूप में किया जाता है और उनकी कृतियों की प्रमुख विषय-वस्तु, पूर्वी और पश्चिमी दुनिया के बीच कई रिश्तों के जुड़ने, अलग होने और देशांतरणों की कहानी रही है। उनका चौथा उपन्यास सेटेनिक वर्सेज़ (1988), "द सेटेनिक वर्सेज" विवाद के केंद्र में था, जिसके तहत मुसलमानों की ओर से (पहले कैट स्टीवेन्स के नाम से ज्ञात यूसुफ इस्लाम सहित) कई देशों में इसका विरोध हुआ। कुछ विरोध प्रदर्शन हिंसक थे, जिसके दौरान रुश्दी को मौत की धमकी और फरवरी, 1989 में तत्कालीन ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खोमैनी द्वारा जारी किए गए फतवे (धार्मिक आज्ञापत्र) का सामना करना पड़ा। उनकी हत्या करने के एलान की प्रतिक्रिया के रूप में, रुश्दी ने लगभग एक दशक, मुख्यतः भूमिगत होकर बिताया, जिसके दौरान कभी-कभार ही वे सार्वजनिक रूप से प्रकट होते थे, लेकिन उन पर एक लेखक के रूप में नियंत्रणकारी प्रभाव डालने वाले और सन्निहित अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के ख़तरे के रूप में फतवे के खिलाफ़ वे मुखर रहे। "साहित्य की सेवाओं" के लिए जून 2007 में उन्हें एक नाइट बैचलर नियुक्त किया गया। उन्होंने फ्रांस का सर्वोच्च पद - Commandeur - in the Ordre des Arts et des Lettres भी हासिल किया। 2007 में एमोरी विश्वविद्यालय में उन्होंने विशिष्ट लेखक के रूप में पांच साल का कार्यकाल शुरू किया। मई 2008 में वे अमेरिकन एकेडमी ऑफ़ आर्ट्स एंड लेटर्स के लिए चुने गए। उनका नवीनतम उपन्यास द एन्चेंट्रेस ऑफ़ फ्लॉरेंस जून 2008 में प्रकाशित हुआ। जुलाई 2008 को सार्वजनिक वोट जीतते हुए मिडनाइट्स चिल्ड्रन को सर्वश्रेष्ठ बुकर घोषित किया गया, पुरस्कार के 40 साल के इतिहास में बुकर पुरस्कार जीतने वाला सर्वश्रेष्ठ उपन्यास। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और सलमान रुश्दी

सारा हैदर

सारा हैदर अमेरिकी लेखक, स्पीकर और कार्यकर्ता हैं। वह उत्तरी अमेरिका के पूर्व मुसलमानों के विकास के निदेशक हैं। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और सारा हैदर

साहित्य अकादमी पुरस्कार उर्दू

साहित्य अकादमी पुरस्कार एक साहित्यिक सम्मान है जो कुल २४ भाषाओं में प्रदान किया जाता हैं और उर्दू भाषा इन में से एक भाषा हैं। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और साहित्य अकादमी पुरस्कार उर्दू

सैलाब (फ़िल्म)

सैलाब 1990 में बनी हिन्दी भाषा की रोमांचकारी फ़िल्म है। दीपक बलराज विज द्वारा निर्देशित इस फिल्म में माधुरी दीक्षित और आदित्य पंचोली मुख्य भूमिकाओं में है। शफ़ी ईनामदार, कुलभूषण खरबंदा, ओम शिवपुरी, सी एस दुबे और सुरेश ओबेरॉय सहायक भूमिकाओं में है। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और सैलाब (फ़िल्म)

हनी ईरानी

बॉलीवुड की बाल-कलाकार और पटकथा लेखिका। जावेद अख्तर की प्रथम पत्नी। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और हनी ईरानी

हाथ की सफाई (1974 फ़िल्म)

हाथ की सफाई 1974 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और हाथ की सफाई (1974 फ़िल्म)

जमाई राजा (फ़िल्म)

जमाई राजा 1990 में बनी हिन्दी भाषा की हास्य प्रेमकहानी फ़िल्म है। इस फिल्म में हेमा मालिनी, अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित मुख्य भूमिकाओं में है। यह 1989 की तेलुगू फिल्म की एक रीमेक है जिसमें चिरंजीवी मुख्य अभिनेता थे। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और जमाई राजा (फ़िल्म)

ज़माना (1985 फ़िल्म)

ज़माना 1985 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और ज़माना (1985 फ़िल्म)

ज़िन्दगी न मिलेगी दोबारा

ज़िन्दगी न मिलेगी दोबारा ज़ोया अख्तर द्वारा निर्देशित एक 2011 बॉलीवुड फिल्म है। इस फिल्म के मुख्य कलाकार रितिक रोशन्, फरहान अख्तर और अभय देयोल हैं। नसीरुद्दीन शाह, कैटरीना कैफ़, कल्कि कोच्लिन और अरियाड़ना कब्रोल भी फिल्म में मौजूद हैं। फिल्म का संगीत शंकर-एहसान-लॉय द्वारा रचित है, जबकि गीत जावेद अख्तर द्वारा लिखे है। 15 जुलाई 2011 को जारी, फिल्म आलोचकों की प्रशंसा और बॉक्स ऑफिस पर सफलता प्राप्त की। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और ज़िन्दगी न मिलेगी दोबारा

ज़ंजीर (1973 फ़िल्म)

ज़ंजीर 1973 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और ज़ंजीर (1973 फ़िल्म)

ज़ुबैदा (2001 फ़िल्म)

ज़ुबैदा 2001 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसे श्याम बेनेगल द्वारा निर्देशित किया गया है और खालिद मोहम्मद द्वारा इसकी कहानी लिखी गई है। इसमें करिश्मा कपूर, रेखा, मनोज वाजपेयी, सुरेखा सीकरी, रजत कपूर, लिलेट दुबे, अमरीश पुरी, फरीदा ज़लाल और शक्ति कपूर हैं। प्रसिद्ध संगीतकार ए आर रहमान ने फिल्म के लिए पृष्ठभूमि संगीत और साउंडट्रैक बनाया है। ज़ुबैदा त्रयी में समापन अध्याय है जो मम्मो (1994) से शुरू हुआ और सरदारी बेगम (1996) के साथ जारी रहा। यह फिल्म नाकामयाब अभिनेत्री जुबेदा बेगम के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने जोधपुर रियासत के हनवंत सिंह से विवाह किया और फिल्म के लेखक की मां थीं। इस फिल्म ने हिंदी में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता और सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (आलोचकों) के लिए करिश्मा कपूर को फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और ज़ुबैदा (2001 फ़िल्म)

ज़ोया अख़्तर

जोया अख्तर एक समकालीन भारतीय फिल्म निर्देशक हैं। उन्होंने सर्वप्रथम उन्होंने लक बाइ चांस (2009) नामक फ़िल्म से अपना निर्देशन का कार्य आरम्भ किया। 2011 में, उन्होंने समीक्षात्मक और वाणिज्यिक रूप से सफल फ़िल्म ज़िन्दगी न मिलेगी दोबारा का निर्देशन किया और फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार जीता। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और ज़ोया अख़्तर

जाँनिसार अख्तर

जाँनिसार अख्तर (उर्दू: جان نثار اختر;अंग्रेजी:Jan Nisar Akhtar, 18 फ़रवरी 1914 – 19 अगस्त 1976) भारत से 20 वीं सदी के एक महत्वपूर्ण उर्दू शायर, गीतकार और कवि थे। वे प्रगतिशील लेखक आंदोलन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे। उन्होंने हिंदी फिल्मों के लिए भी गाने लिखे.

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और जाँनिसार अख्तर

जगजीत सिंह

जगजीत सिंह (८ फ़रवरी १९४१ - १० अक्टूबर २०११) का नाम बेहद लोकप्रिय ग़ज़ल गायकों में शुमार हैं। उनका संगीत अंत्यंत मधुर है और उनकी आवाज़ संगीत के साथ खूबसूरती से घुल-मिल जाती है। खालिस उर्दू जानने वालों की मिल्कियत समझी जाने वाली, नवाबों-रक्कासाओं की दुनिया में झनकती और शायरों की महफ़िलों में वाह-वाह की दाद पर इतराती ग़ज़लों को आम आदमी तक पहुंचाने का श्रेय अगर किसी को पहले पहल दिया जाना हो तो जगजीत सिंह का ही नाम ज़ुबां पर आता है। उनकी ग़ज़लों ने न सिर्फ़ उर्दू के कम जानकारों के बीच शेरो-शायरी की समझ में इज़ाफ़ा किया बल्कि ग़ालिब, मीर, मजाज़, जोश और फ़िराक़ जैसे शायरों से भी उनका परिचय कराया। जगजीत सिंह को सन २००३ में भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। फरवरी २०१४ में आपके सम्मान व स्मृति में दो डाक टिकट भी जारी किए गए। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और जगजीत सिंह

जोधा अकबर (2008 फ़िल्म)

जोधा अकबर 2008 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और जोधा अकबर (2008 फ़िल्म)

जीन्स (फ़िल्म)

जीन्स १९९८ में बनी एक तमिल फ़िल्म है। जिसका निर्देशन शंकर ने किया। प्रमुख भूमिकाएँ में प्रशांत, ऐश्वर्या राय और नास्सर के साथ राधिका हैं। ए आर रहमान ने संगीत दिया है और हिन्दी गीत जावेद अख्तर द्वारा लिखे गए हैं। भारत की तरफ से 1998 के ऑस्कर में इसे नामित किया गया था। श्रेणी:तमिल फ़िल्में श्रेणी:1998 की फ़िल्में श्रेणी:भारतीय फ़िल्में.

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और जीन्स (फ़िल्म)

जीवन एक संघर्ष

जीवन एक संघर्ष 1990 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसका निर्माण डी रामानायडू ने किया और निर्देशन राहुल रवैल ने किया। राखी गुलज़ार, अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित मुख्य भूमिकाओं में है। फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल रही। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और जीवन एक संघर्ष

ईमान धर्म (१९७७ फ़िल्म)

ईमान धर्म 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और ईमान धर्म (१९७७ फ़िल्म)

वजूद

वजूद 1998 की भारतीय हिन्दी फिल्म है। फिल्म में मुख्य भूमिकाओं में नाना पाटेकर और माधुरी दीक्षित शामिल हैं। इसका निर्देशन, कहानी लेखन और निर्माण एन चन्द्रा ने किया है। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और वजूद

वीर-ज़ारा

वीर-ज़ारा २००४ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और वीर-ज़ारा

खेल (1992 फ़िल्म)

खेल 1992 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह हास्य प्रेमकहानी फ़िल्म का निर्देशन राकेश रोशन ने किया है और कहानी के लेखक जावेद अख्तर है। अनिल कपूर, माधुरी दीक्षित, सोनू वालिया, अनुपम खेर और माला सिन्हा मुख्य भुमिकाओं में हैं। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और खेल (1992 फ़िल्म)

गब्बर सिंह (चरित्र)

गब्बर सिंह भारतीय फ़िल्मों का डाकू का चरित्र था जिसे पहली बार शोले फ़िल्म में अमज़द खान के रूप में देखा था। शोले 1975 की एक फ़िल्म थी जिसे सलीम खान तथा जावेद अख्तर ने लिखी थी। इसके पश्चात रामगढ़ के शोले में भी इनका चरित्र देखना को मिला।.

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और गब्बर सिंह (चरित्र)

गीतकार

गीतकार गीतों की रचना करते हैं। उनका काम बोल यानी शब्द लिखना होता हैं। उन्हें ऐसे शब्द लिखने होते हैं कि संगीतकार उचित धुन के साथ उन्हें निर्मित करें। भारतीय फिल्मों में संगीतकारों के साथ गीतकारों का बहुत महत्व है। हिन्दी फ़िल्मों में कई प्रकार के गीतकार रहे हैं। कुछ गजल और सूफ़ी परम्परा के बोल लिखते तो दूसरी ओर कुछ सरल भाषा का उपयोग करते हैं। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और गीतकार

आई आई एफ ए सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार

आई आई एफ ए सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार दर्शकों द्वारा चुना जाता है और प्रति वर्ष अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फ़िल्म अकादमी द्वारा आयोजित समारोह में दिया जाने वाला पुरस्कार है। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और आई आई एफ ए सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार

आखिरी दाव (1975 फ़िल्म)

आखिरी दाव 1975 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और आखिरी दाव (1975 फ़िल्म)

इश्क

इश्क 1997 में बनी हिन्दी भाषा की हास्य प्रेमकहानी फिल्म है। इसका निर्देशन इन्द्र कुमार द्वारा किया गया और प्रमुख भूमिकाओं में आमिर खान, अजय देवगन, जूही चावला और काजोल हैं। नाजायज़ (1995) के बाद जूही चावला और अजय देवगन की एक साथ यह दूसरी फिल्म थी। साथ ही काजोल और आमिर खान की एक साथ यह पहली फिल्म थी। बाद में वे फना (2006) में मिलकर काम किए। जूही चावला और काजोल की एक साथ यह एकमात्र फिल्म भी है। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और इश्क

कभी अलविदा ना कहना

कभी अलविदा ना कहना 2006 में बनी हिन्दी भाषा की नाटकीय प्रेमकहानी फ़िल्म है। इसका निर्देशन करण जौहर ने किया और धर्मा प्रोडक्शन्स बैनर के तहत इसे निर्मित किया गया। इसमें प्रमुख भूमिकाओं में शाहरुख खान, रानी मुखर्जी, अभिषेक बच्चन और प्रीति जिंटा हैं जबकि सहायक भूमिका को अमिताभ बच्चन और किरन खेर द्वारा निभाया गया है। कहानी अधिकतर न्यूयॉर्क शहर में गुजरती है और व्यभिचार के विषयों की पड़ताल करती है। यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका में सफलता थी। यह रिलीज के समय विदेशों में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म बन गई। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और कभी अलविदा ना कहना

कल हो ना हो

कल हो ना हो 2003 में बनी हिन्दी भाषा की नाटकीय प्रेमकहानी फ़िल्म है। इस फ़िल्म के द्वारा निखिल आडवाणी ने निर्देशक के रूप में बॉलीवुड में पदार्पण किया। इस फिल्म में जया बच्चन, शाहरुख खान, सैफ अली खान और प्रीति जिंटा प्रमुख भूमिका में हैं, जिसमें सुषमा सेठ, रीमा लागू, लिलेट दुबे और डेलनाज़ पॉल भूमिकाओं का समर्थन करते हैं। धर्मा प्रोडक्शन्स के बैनर तले बनी इस फ़िल्म को यश जौहर एवं करण जौहर ने निर्माण किया। सगीत शंकर एहसान लॉय ने दिया और गीत जावेद अख्तर ने लिखे। फिल्म को सकारात्मक आलोचनात्मक प्रतिक्रिया मिली और यह व्यावसायिक रूप से साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म बनी थी। इसने 2004 में दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, आठ फिल्मफेयर पुरस्कार, तेरह अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फ़िल्म अकादमी पुरस्कार, तीन स्टार स्क्रीन पुरस्कार और दो ज़ी सिने पुरस्कार जीते। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और कल हो ना हो

काला पत्थर (१९७९ फ़िल्म)

काला पत्थर 1979 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इस फिल्म की कहानी धनबाद में 1975 के चासनाला के खान दुर्घटना से प्रेरित थी। इस दुर्घटना मे सरकारी आँकडो़ के अनुसार 375 लोग मारे गये थे। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और काला पत्थर (१९७९ फ़िल्म)

कालापानी

कालापानी प्रियदर्शन निर्देशित एवं मोहनलाल, प्रभु गणेशन, तब्बू, नेदुमुदी वेणु, श्रीनिवासन, टीनू आनंद, अन्नू कपूर, एलेक्स ड्रेपर, अमरीश पुरी और विनीत अभिनीत भारतीय महाकाव्य फिल्म है। यद्यपि यह मूल रूप से मलयाली फ़िल्म है लेकिन इसे हिन्दी (सज़ा-ए-कालापानी), तमिल (शिरायचलाई) तथा तेलुगू (काला पानी) नामों से जारी की गयी। यह फ़िल्म ब्रितानी भारत के उन कैदियों के बारे में है जिनको पोर्ट ब्लेयर, अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह की सेल्यूलर जेल में काला पानी की सजा पाकर पहुँचे हैं। शब्द कालापानी कारावास के एक तरीके से व्युत्पन्न हुआ। फ़िल्म में इलैयाराजा ने संगीत की रचना की, संतोष सीवान ने सिनेमेटोग्राफी (चलचित्रण) और एन॰ गोपालकृष्णन ने सम्पादित की। मलयाली सिनेमा में फ़िल्म डोल्बी स्टीरियो ने प्रस्तावित की। यह फ़िल्म ₹ 5.5 करोड़ में बनी। मोहनलाल ने अपने स्टूडियो प्रणवम आर्ट्स इंटरनेशनल के बैनर तले फ़िल्म निर्मित की। फ़िल्म ने सर्वश्रेष्ठ कला निर्देशन (साबू सिरिल), सर्वश्रेष्ठ विशेष प्रभाव (एस॰टी॰ वेंकी) और सर्वश्रेष्ठ सिनेमेटोग्राफी (संतोष सीवान) सहित विभिन्न राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार प्राप्त किये। इसले साथ इसने छः केरल राज्य फ़िल्म पुरस्कार भी प्राप्त किये। यह विश्वभर के 450 सिनेमाघरों में एक साथ प्रदर्शित की गयी। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और कालापानी

किशोर कुमार सम्मान

किशोर कुमार प्रख्यात पार्श्व गायक एवं हरफनमौला कलाकार थे। वे खण्डवा, मध्यप्रदेश के रहने वाले थे। उन्होंने सिनेमा के क्षेत्र में अपनी बहुआयामी प्रतिभा का परिचय देते हुए न सिर्फ भारत, बल्कि विश्व के अनेक देशों में जो जगह बनायी उससे न सिर्फ यश स्थापित हुआ, बल्कि मध्यप्रदेश के गौरव में श्रीवृद्धि हुई। उन्हीं की स्मृति में राष्ट्रीय किशोर कुमार सम्मान स्थापित किया गया है। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और किशोर कुमार सम्मान

कुमार सानु

कुमार सानु (पूरा नाम केदारनाथ भट्टाचार्य) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध गायक हैं। इन्होंने अपने गाने की शुरुआत वर्ष 1989 में शुरू की। 2009 में इन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री भी मिल चुका है। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और कुमार सानु

केके के गाये गीतों की सूची

निम्न सूची केके द्वारा गाये गए सभी गीतों की है: .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और केके के गाये गीतों की सूची

कॉल्विन तालुकेदार्स कालेज

कॉल्विन तालुकेदार्स कालेज लखनऊ में स्थित एक कालेज हैं। गोमती नदी के तट पर तकरीबन 80 एकड भूमि के विस्तार में फैले इस कालेज कॉल्विन तालुकेदार्स कालेज की स्थापना 11 मार्च 1891 को अवध और आगरा प्रान्त के मुख्य आयुक्त सर आक्लैन्ड काल्विन ने इसके मुख्य भवन की नींव रखी परन्तु वास्तव में यह विद्यालय वर्ष 1892 में प्रारंभ हो सका जब इसमें तत्कालीन रजवाडों और तालुकदार के पाल्यो ने दाखिला लिया। इसमें प्रवेश की एकमात्र तथा अंतिम शर्त राजघराने का पुत्र या पाल्य होना ही थी। यह संस्था विशुद्ध रूप से रजवाडों के पाल्यों को अंग्रजी माध्यम से शिक्षा दिलाने के लिये स्थापित की गयी थी अतः इसमें छात्रों की संख्या 50 से ऊपर न होती थी। जिस वर्ष इस की छात्र संख्या ने 100 का आंकडा छुआ उस दिन प्रसन्नतावश विद्यालय में एक दिन का अवकाश घोषित किया गया। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और कॉल्विन तालुकेदार्स कालेज

अदनान सामी

अदनान सामी अदनान सामी खान एक भारतीय गायक, संगीतकार और अभिनेता हैं। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और अदनान सामी

अरमान (2003 फ़िल्म)

अरमान 2003 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और अरमान (2003 फ़िल्म)

अरिजीत सिंह के गाये गीतों की सूची

निम्न सूची अरिजीत सिंह द्वारा गाये गए सभी गीतों की है: .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और अरिजीत सिंह के गाये गीतों की सूची

अर्थ (1998 फ़िल्म)

अर्थ १९९८ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और अर्थ (1998 फ़िल्म)

अलका याज्ञिक

अलका याज्ञिक भारतीय सिनेमा की एक प्रसिद्ध पार्श्वगायिका हैं। वे हिंदी सिनेमा में तीन दशकों तक अपनी गायकी के लिए विख्यात हैं। हिंदी सिनेमा में वे सबसे ज्यादा गाने रिकॉर्ड करने वाली पांचवी पार्श्वगायिका हैं। उन्हें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार के ३६ नामांकनों में से ७ बार पुरस्कार मिल चुका है जो कि खुद में एक रिकॉर्ड है। उन्हें दो राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त है। साथ ही उनके २० गाने बीबीसी के "बॉलीवुड के श्रेष्ठ ४० सदाबहार साउंडट्रैक" में शामिल हैं। उनके कुछ हिट गानों में से हैं — "कुछ कुछ होता है", "टिप टिप बरसा पानी", "परदेसी परदेसी", "छम्मा छम्मा", "पूछो ज़रा पूछो", "एक दो तीन", "चाँद छुपा बादल में", "लाल दुपट्टा", "मुझको राणाजी" और "बाज़ीगर ओ बाज़ीगर"। .

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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय

विश्वविद्यालय का विक्टोरिया गेट अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (The Aligarh Muslim University) भारत के प्रमुख केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में से एक है जो उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में स्थित है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय एक आवासीय शैक्षणिक संस्थान है। इसकी स्थापना 1875 में सर सैयद अहमद खान द्वारा की गई थी और 1920 में भारतीय संसद के एक अधिनियम के माध्यम से केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय की तर्ज पर ब्रिटिश राज के समय बनाया गया पहला उच्च शिक्षण संस्थान था। मूलतः यह मुस्लिम एंग्लो ओरिएंटल कालेज था, जिसे महान मुस्लिम समाज सुधारक सर सैयद अहमद खान द्वारा स्थापित किया गया था। कई प्रमुख मुस्लिम नेताओं, उर्दू लेखकों और उपमहाद्वीप के विद्वानों ने विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में शिक्षा के पारंपरिक और आधुनिक शाखा में 250 से अधिक पाठ्यक्रम पढ़ाए जाते हैं। अपने समय के महान समाज सुधारक सर सैयद अहमद खानने आधुनिक शिक्षा की आवश्यकता को महसूस किया और 1875 में एक स्कूल शुरू किया, जो बाद में मुस्लिम एंग्लो ओरिएंटल कालेज और अंततः 1920 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय बना। कई विभागों और स्थापित संस्थानों के साथ यह प्रमुख केन्द्रीय विश्वविद्यालय दुनिया के सभी कोनों से, विशेष रूप से अफ्रीका, पश्चिमी एशिया और दक्षिणी पूर्व एशिया के छात्रों को आकर्षित करता है। कुछ पाठ्यक्रमों में सार्क और राष्ट्रमंडल देशों के छात्रों के लिए सीटें आरक्षित हैं। विश्वविद्यालय सभी जाति, पंथ, धर्म या लिंग के छात्रों के लिए खुला है। अलीगढ़ दिल्ली के दक्षिण पूर्वी में 130 किमी दूरी पर दिल्ली-कोलकाता रेलवे और ग्रांड ट्रंक रूट की स्थित है। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय

अशोक चक्रधर

डॉ॰ अशोक चक्रधर (जन्म ८ फ़रवरी सन् १९५१) हिंदी के विद्वान, कवि एवं लेखक है। हास्य-व्यंग्य के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट प्रतिभा के कारण प्रसिद्ध वे कविता की वाचिक परंपरा का विकास करने वाले प्रमुख विद्वानों में से भी एक है। टेलीफ़िल्म लेखक-निर्देशक, वृत्तचित्र लेखक निर्देशक, धारावाहिक लेखक, निर्देशक, अभिनेता, नाटककर्मी, कलाकार तथा मीडिया कर्मी के रूप में निरंतर कार्यरत अशोक चक्रधर जामिया मिलिया इस्लामिया में हिंदी व पत्रकारिता विभाग में प्रोफेसर के पद से सेवा निवृत्त होने के बाद संप्रति केन्द्रीय हिंदी संस्थानतथा हिन्दी अकादमी, दिल्ली के उपाध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं। 2014 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और अशोक चक्रधर

अख़्तर

एक भारतीय तथा पाकिस्तानी मुस्लिम उपनाम। .

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ऋषिकेश मुखर्जी

ऋषिकेश मुखर्जी एक भारतीय फिल्मकार थे। हृषिकेश दा का भारतीय सिनेमा जगत में अपने विशिष्ट योगदान के लिए जाने जाते हैं। .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और ऋषिकेश मुखर्जी

१४वें आईफा अवार्ड्स

४ से ६ जुलाई २०१३ के मध्य मकाऊ में आईफा अवार्ड्स का आयोजन किया गया। रणबीर कपूर-प्रियंका चोपड़ा अभिनीत फिल्म ‘बर्फी!’ ने 14 वें वार्षिक आईफा अवार्ड्स में तकनीकी खंड में नौ पुरस्कार हासिल किए। अनुराग बसु निर्देशित इस फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ सिनेमेटोग्राफी, सर्वश्रेष्ठ स्क्रीनप्ले, सर्वश्रेष्ठ प्रोडक्शन डिजाइन, सर्वश्रेष्ठ साउंड डिजाइन, सर्वश्रेष्ठ सांग रिकार्डिंग, सर्वश्रेष्ठ साउंड मिक्सिंग, सर्वश्रेष्ठ बैकग्राउंड स्कोर, सर्वश्रेष्ठ कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग और सर्वश्रेष्ठ मेकअप के लिए पुरस्कार हासिल किया। फिल्मकार अनुराग कश्यप की ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ सर्वश्रेष्ठ एक्शन और सर्वश्रेष्ठ डायलाग के दो पुरस्कार हासिल करने के साथ दूसरे स्थान पर रही।.

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१७ जनवरी

17 जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 17वाँ दिन है। साल में अभी और 348 दिन बाकी हैं (लीप वर्ष 17 जनवरी 1946 संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की पहली बैठक हुई .

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और १७ जनवरी

२००७ में पद्म भूषण धारक

२२०७ प्द्म भूषन धारक: कला के क्षेत्र में। श्रेणी:पद्म भूषण.

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1942: अ लव स्टोरी

1942: अ लव स्टोरी 1993/1994 में बनी हिन्दी भाषा की प्रेमकहानी फ़िल्म है। मुख्य भूमिकाओं में अनिल कपूर, मनीषा कोइराला, जैकी श्रॉफ, अनुपम खेर, डैनी डेन्जोंगपा और प्राण हैं। इस फिल्म को अपने संगीत, गीत, चित्रण, छायांकन, बोल और अपनी प्रमुख अभिनेत्री मनीषा कोइराला के चित्रण के लिए अत्यधिक प्रशंसित किया गया था। यह फिल्म संगीत निर्देशक राहुल देव बर्मन की मौत के कुछ समय बाद रिलीज हुई थी। .

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57वे फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार

57वे फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार २९ जनवरी २०१० को फ़िल्म सिटी, मुंबई में २०११ में बनी हिन्दी फ़िल्म-सृष्टी की फ़िल्मों को सम्मानित करने के लिए आयोजित किए गए थे। समारोह की मेज़बानी शाहरुख खान और रणबीर कपूर ने साथ मिलकर की। पुरस्कार के नामांकनों की घोषणा ११ जनवरी २०१२ को की गई थी। ज़िंदगी न मिलेगी दोबारा को सर्वाधिक १३ नामांकन प्राप्त हुए। इसके पीछे रॉकस्टार को नौ और देली बेली को सात नामांकन प्राप्त हुए.

देखें जावेद जाँनिसार अख्तर और 57वे फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार

जावेद जान निसार अख्तर, जावेद अख़्तर, जावेद अख्तर के रूप में भी जाना जाता है।

, जोधा अकबर (2008 फ़िल्म), जीन्स (फ़िल्म), जीवन एक संघर्ष, ईमान धर्म (१९७७ फ़िल्म), वजूद, वीर-ज़ारा, खेल (1992 फ़िल्म), गब्बर सिंह (चरित्र), गीतकार, आई आई एफ ए सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार, आखिरी दाव (1975 फ़िल्म), इश्क, कभी अलविदा ना कहना, कल हो ना हो, काला पत्थर (१९७९ फ़िल्म), कालापानी, किशोर कुमार सम्मान, कुमार सानु, केके के गाये गीतों की सूची, कॉल्विन तालुकेदार्स कालेज, अदनान सामी, अरमान (2003 फ़िल्म), अरिजीत सिंह के गाये गीतों की सूची, अर्थ (1998 फ़िल्म), अलका याज्ञिक, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अशोक चक्रधर, अख़्तर, ऋषिकेश मुखर्जी, १४वें आईफा अवार्ड्स, १७ जनवरी, २००७ में पद्म भूषण धारक, 1942: अ लव स्टोरी, 57वे फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार