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ज़ू चेंग (भिक्षु)

सूची ज़ू चेंग (भिक्षु)

अंगूठाकार ज़ू चेंग (Xuecheng; (चीनी: 学诚; born 1966)) एक बौद्ध भिक्षु तथा चीनी पीपल्स पॉलिटिकल कान्सल्टेटिव कान्फरेन्स की राष्ट्रीय समिति के सदस्य हैं। वे लोकप्रिय ब्लॉगर हैं। २००७ में चीन के बौद्ध संघ के महासचिव चुने गये। जू चेंग का जन्म १९६६ में फ़जीयन प्रांत के शिअनयौ में हुआ था।, उन्होंने पूतीयन के गुआंघुआ मठ से संन्यास लिया और श्श्री धर्मगुरु डिंग़ै जी से मुंडन किया हुआ है। इस के बाद, उन्होंने श्श्री धर्मगुरु युआँझुओ जी से बौद्ध धर्म सिखा। उपाध्याय ने १९९१ में चीनी बौद्ध अकादमी की मास्टर डिग्री पायी, २००७ में थाईलैंड के महचूलालोंगकोर्नर विश्वविद्यालय की शिक्षा प्रशासन सम्मानित डॉक्टरेट डिग्री पायी, २०१० में बांग्लादेश का "अतिश दीपंकर और विसुद्धानंदा" गोल्ड अवॉर्ड पाया, २०११ में अखिल भारतीय भिक्षु महा संघ से "महा त्रिपिटकाचार्य" की डॉक्टरेट डिग्री पायी। बौद्ध उपाध्याय ज़ू चेंग जी अभी चीनी बौद्ध धर्म संघ के उप अध्यक्ष हैं, चीनी बौद्ध अकादमी के उप कुलपति हैं, तिब्बती बौद्ध धर्म के अकादमिक उपाधि के बारे निर्देश कमिटी के उप डायरेक्टर हैं, चीनी बौद्ध धर्म संघ की पत्रिका - धर्म की वाणी के मुख्य संपादक हैं, फ़जीयन प्रांत के पूतीयन में गुआंघुआ मठ के मठगुरू हैं, शांक्षि प्रांत के फूफ़ेंग में फ़में मठ के मठाध्यक्ष हैं, बेज़िंग में लोंगकुआं मठ के मठाध्यक्ष हैं, चीनी धार्मिक जगत के शांति और सुरक्षा कमिटी के महा सचिव हैं, बेज़िंग नोर्मल विश्वविद्यालय में मानवता और धर्म के बारे उच्च संस्थान के उप प्राचार्य हैं, चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की स्थायी समिति के सदस्य हैं, और अखिल चीन युवा संघ के उप अध्यक्ष हैं। बौद्ध उपाध्याय जी उत्साह से "बौद्ध धर्म के तीन भाषा परिवारों के समन्वय और हान बौद्ध धर्म के सारे आठ संप्रदायों के प्रचार" का वकालत करते हैं। वे निर्दिष्ट समय के हान बौद्ध धर्म के सिखने और व्यवहार के समुच्चय पर स्थापित करनी की कोशिश कर रहे हैं। उन उपाध्याय जी से "ऐकडेमिक की तरह अभ्यास करने, अभ्यास की तरह ऐकडेमिक करने, सिखने और व्यवहार के समन्वय, और विज्ञान की तरह प्रबंध करने" के बौद्ध धर्म पर सिखने और व्यवहार की स्थापित पर अमल में लाया हुआ। उन्होंने और "श्रद्धा आधार है, आवागमन-चक्र से मुक्ति लक्ष्य है, शिक्षा सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है, और संस्कृति संपर्क है" की बौद्ध धर्म की स्थापित पर अमल में लाया। उन्होंने किसी बातें की वकालत की है कि बौद्ध धर्म के परंपरागत सिद्धांत को आधुनिक सभ्यता से समन्वय करना चाहिये, बौद्ध धर्म के शील और महे गुरु के धार्मिक शीलविन्य को आधुनिक प्रबंध समुच्चय से समन्वय करना चाहिये, हमें भिक्षु और भक्त की प्रतिभा का प्रशिक्षण करना चाहिये, बौद्ध धर्म को समाज में डुबोना और इस की नौकरी करना चाहिये। उन्होंने किसी बात की वकालत भी की है कि हमें सारी दुनिया में चीनी परंपरागत संस्कृति फैलाना चाहिये, इस के इरादे से चीनी बौद्ध धर्म अपने स्थापित कर सकता है और बौद्ध धर्म समाजीकरण और भूमण्डलीकरण स्थापित कर सकता है, बौद्ध धर्म से ज़्यादे आदमी और सारी दुनिया की मदद कर सकता है। प्रमुख विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय मुख और उच्च मंच के निमंत्रण से उपाध्याय जी अक्सर अकादमिक और संस्कृति आदान-प्रदान करते हैं, इस के इरादे से बौद्ध धर्म के ठीक सिद्धांत और व्यवहार समाज में डुबो और आदमी को प्रेरित कर सकते हैं। शील, एकाग्रता, बुद्धि के व्यवहार और लालच, क्रोध, मोह को पराजित करके अपने दिल की शुद्धि कर सकने से बौद्ध उपाध्याय ज़ू चेंग जी वकालत करते हैं कि हमें एक ऐसे स्थाई शांतिप्रिय समाज स्थापित करना चाहिये, जिस समाज का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण "दिल की संस्कृति" है और जो समाज हमारे दिल से उत्पन्न होएगा और आदमी के व्यवहार से उत्पन्न होएगा। बौद्ध उपाध्याय जी अक्सर कहते हैं: "बौद्ध धर्म का भविष्य हमारे पर है, अपने से काम करेंगे, अभी से काम करेंगे, क्योंकि दूसरों का लाभ उठाना तो हमारे जीवन का असली अर्थ है।" .

1 संबंध: चीनी

चीनी

* चीनी भाषा, चीन में बोली जाने वाली भाषा.

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