सामग्री की तालिका
7 संबंधों: ट्विंकल खन्ना, दलीप ताहिल, दारा सिंह, मिलिंद गुनाजी, अमरीश पुरी, अरुणा ईरानी, अक्षय कुमार की फ़िल्में।
ट्विंकल खन्ना
ट्विंकल खन्ना भूतपूर्व भारतीय अभिनेत्री हैं। बरसात से उनका फिल्मी करियर शुरू हुआ। वो बॉबी देओल की भी पहली फिल्म थी। फिर वो जान में अजय देवगन के साथ दिखीं। उन्होंने फ़िल्मफ़ेयर महिला प्रथम अभिनय पुरस्कार भी जीता। अगली फिल्म दिल तेरा दीवाना थी। 1997 में वह फिर से अजय के साथ इतिहास में नजर आयी। 1998 में उनकी सलमान खान के साथ जब प्यार किसी से होता है प्रदर्शित हुई। 1999 में इन्टरनेशनल खिलाड़ी में वो अपने भविष्य के पति अक्षय कुमार के साथ दिखीं। उनकी उस साल एक फिल्म ज़ुल्मी भी आई। इसी साल वो एक तेलुगू फिल्म सीनू में दग्गुबती वेंकटेश के साथ नजर आई। बादशाह, जोरू का गुलाम और जोड़ी नम्बर वन उनकी अन्य सफल फिल्में रही। .
देखें ज़ुल्मी (1999 फ़िल्म) और ट्विंकल खन्ना
दलीप ताहिल
दिलीप ताहिल (जन्म: 30 अक्टूबर, 1952) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .
देखें ज़ुल्मी (1999 फ़िल्म) और दलीप ताहिल
दारा सिंह
दारा सिंह (पूरा नाम: दारा सिंह रन्धावा, अंग्रेजी: Dara Singh, जन्म: 19 नवम्बर, 1928 पंजाब, मृत्यु: 12 जुलाई 2012 मुम्बई) अपने जमाने के विश्व प्रसिद्ध फ्रीस्टाइल पहलवान रहे हैं। उन्होंने 1959 में पूर्व विश्व चैम्पियन जार्ज गारडियान्का को पराजित करके कामनवेल्थ की विश्व चैम्पियनशिप जीती थी। 1968 में वे अमरीका के विश्व चैम्पियन लाऊ थेज को पराजित कर फ्रीस्टाइल कुश्ती के विश्व चैम्पियन बन गये। उन्होंने पचपन वर्ष की आयु तक पहलवानी की और पाँच सौ मुकाबलों में किसी एक में भी पराजय का मुँह नहीं देखा। 1983 में उन्होंने अपने जीवन का अन्तिम मुकाबला जीतने के पश्चात कुश्ती से सम्मानपूर्वक संन्यास ले लिया। उन्नीस सौ साठ के दशक में पूरे भारत में उनकी फ्री स्टाइल कुश्तियों का बोलबाला रहा। बाद में उन्होंने अपने समय की मशहूर अदाकारा मुमताज के साथ हिन्दी की स्टंट फ़िल्मों में प्रवेश किया। दारा सिंह ने कई फ़िल्मों में अभिनय के अतिरिक्त निर्देशन व लेखन भी किया। उन्हें टी० वी० धारावाहिक रामायण में हनुमान के अभिनय से अपार लोकप्रियता मिली। उन्होंने अपनी आत्मकथा मूलत: पंजाबी में लिखी थी जो 1993 में हिन्दी में भी प्रकाशित हुई। उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने राज्य सभा का सदस्य मनोनीत किया। वे अगस्त 2003 से अगस्त 2009 तक पूरे छ: वर्ष राज्य सभा के सांसद रहे। 7 जुलाई 2012 को दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें कोकिलाबेन धीरूभाई अम्बानी अस्पताल मुम्बई में भर्ती कराया गया किन्तु पाँच दिनों तक कोई लाभ न होता देख उन्हें उनके मुम्बई स्थित निवास पर वापस ले आया गया जहाँ उन्होंने 12 जुलाई 2012 को सुबह साढ़े सात बजे दम तोड़ दिया। .
देखें ज़ुल्मी (1999 फ़िल्म) और दारा सिंह
मिलिंद गुनाजी
मिलिंद गुनाजी हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .
देखें ज़ुल्मी (1999 फ़िल्म) और मिलिंद गुनाजी
अमरीश पुरी
अमरीश पुरी (जन्म:२२ जून १९३२ -मृत्यु:१२ जनवरी २००५) चरित्र अभिनेता मदन पुरी के छोटे भाई अमरीश पुरी हिन्दी फिल्मों की दुनिया का एक प्रमुख स्तंभ रहे हैं। अभिनेता के रूप निशांत, मंथन और भूमिका जैसी फ़िल्मों से अपनी पहचान बनाने वाले श्री पुरी ने बाद में खलनायक के रूप में काफी प्रसिद्धी पायी। उन्होंने १९८४ मे बनी स्टीवेन स्पीलबर्ग की फ़िल्म "इंडियाना जोन्स एंड द टेम्पल ऑफ़ डूम" (अंग्रेज़ी- Indiana Jones and the Temple of Doom) में मोलाराम की भूमिका निभाई जो काफ़ी चर्चित रही। इस भूमिका का ऐसा असर हुआ कि उन्होंने हमेशा अपना सिर मुँडा कर रहने का फ़ैसला किया। इस कारण खलनायक की भूमिका भी उन्हें काफ़ी मिली। व्यवसायिक फिल्मों में प्रमुखता से काम करने के बावज़ूद समांतर या अलग हट कर बनने वाली फ़िल्मों के प्रति उनका प्रेम बना रहा और वे इस तरह की फ़िल्मों से भी जुड़े रहे। फिर आया खलनायक की भूमिकाओं से हटकर चरित्र अभिनेता की भूमिकाओं वाले अमरीश पुरी का दौर। और इस दौर में भी उन्होंने अपनी अभिनय कला का जादू कम नहीं होने दिया .
देखें ज़ुल्मी (1999 फ़िल्म) और अमरीश पुरी
अरुणा ईरानी
अरुणा ईरानी हिन्दी फिल्मों की एक चरित्र अभिनेत्री हैं। दस साल की उम्र से आयी थी, दिलीप कुमार की फिल्म मे, कम शिक्शित होते हुए भि उन्होन्ने भार्तिय .
देखें ज़ुल्मी (1999 फ़िल्म) और अरुणा ईरानी
अक्षय कुमार की फ़िल्में
अक्षय कुमार (जन्म ९ सितम्बर १९६७ को राजीव हरि ओम भाटिया) भारतीय अभिनेता फ़िल्म निर्माता और युद्ध कला का कलाकार हैं। उन्होंने अब तक १२५ से भी अधिक फ़िल्मों में अभिनय किया है। उन्हें कई बार फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों के लिए नामित किया गया और ३ बार उन्होंने ये पुरस्कार जीता। १९९० के दशक में जब उन्होंने अभिनय की दुनिया में कदम रखा तो शुरुआत में केवल एक्शन फ़िल्मों में अभिनय करते थे और उन्हें सामान्यतः "खिलाड़ी शृंखला" जिसमें खिलाड़ी (1992), मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी (1994), सबसे बड़ा खिलाड़ी (1995), खिलाड़ियों का खिलाड़ी (1996), मिस्टर एंड मिसेज़ खिलाड़ी (1997), इन्टरनेशनल खिलाड़ी (1999) और खिलाड़ी ४२० (2000), खिलाड़ी ७८६ (2012), शामिल हैं, सहित अन्य एक्शन फ़िल्मों जैसे वक्त हमारा है (1993), मोहरा (1994), एलान (1994), सुहाग (1994), सपूत (1996), अंगारे (1998), कीमत (1998) और संघर्ष (1999) में उनके अभिनय के लिए जाना जाता था। बाद में उन्होंने नाटकीय, रोमांस और हास्य अभिनयों में भी ख्याति प्राप्त की। उन्होंने रूमानी फ़िल्मों जैसे ये दिल्लगी (1994), दिल तो पागल है (1997), धड़कन (2000), हमको दीवाना कर गये (2006), जानेमन (2006) और नमस्ते लंदन (2007) आदि में अपनी प्रस्तुति से शोहरत प्राप्त की और इसी प्रकार नाटकीय फ़िल्मों जैसे जानवर (1999), दोस्ती (2005), वक़्त (2005) और पटियाला हाउस (2011) में भी प्रसिद्धि प्राप्त की। उन्होंने अपने हास्य फ़िल्मों हेरा फेरी (2000), मुझसे शादी करोगी (2004), गरम मसाला (2005), भूल भुलैया (2007), सिंह इज़ किंग (2008) और हाउसफुल २ (2012) में अपनी हास्य भूमिका से प्रशंसा प्राप्त की। उनकी सफलता में २००७ में तब चार चाँद लग गये जब उन्होंने लगातार चार वाणिज्यिक रूप से सफल फ़िल्में दी। २०१२ में उनकी सफलता में हाउसफुल २ (2012) और रावड़ी राठौर (2012) दोनों फ़िल्मों में ₹ 100 करोड़ (यूएस$18.2 मिलियन) और इसी तरह ओ माय गॉड जिसके वो निर्माता भी हैं, आदि फ़िल्में शामिल है। इसी तरह उन्होंने खिलाड़ी शृंखला की आठवीं फ़िल्म खिलाड़ी ७८६ भी बॉक्स-ऑफ़िस पर सफल रही। .