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ज़ीनो मानचित्र

सूची ज़ीनो मानचित्र

उत्तरी अंध महासागर में फ्रिसलैंड नामक वेताल द्वीप को दर्शाता 1558 का ज़ीनो मानचित्रज़ीनो मानचित्र, उत्तरी अंध महासागर के उस मानचित्र को कहते हैं जिसका प्रकाशन 1558 में पहली बार वेनिस में निकोलो ज़ीनो द्वारा किया गया था। निकोलो ज़ीनो विख्यात ज़ीनो बन्धुओं का वंशज था। युवा ज़ीनो ने यह मानचित्र, पत्रों की श्रृंखला के साथ प्रकाशित किया था जिनके बारे में उसका दावा था कि वो उसे उसके वेनिस स्थित उसने परिवारिक घर के एक गोदाम से मिले थे। ज़ीनो के अनुसार यह मानचित्र और पत्र सन 1400 के आस-पास के थे और इनमें ज़ीनों बन्धुओं द्वारा 1390 के दशक के दौरान की गयी लंबी समुद्री यात्रा का वर्णन था जो उन्होने ज़िश्म्नी नामक राजकुमार के कहने पर की थी। कुछ व्याख्याओं के अनुसार यह यात्रा उत्तर अटलांटिक को पार कर, उत्तरी अमेरिका पहुँची थी। अधिकांश इतिहासकार इस मानचित्र और इससे जुड़ी व्याख्याओं को झूठ मानते हैं। उनका मानना है कि युवा ज़ीनो का यह सब करने का उद्देश्य क्रिस्टोफ़र कोलम्बस से पहले नयी दुनिया की खोज करने का दावा करना था। मानचित्र की प्रमाणिकता के खिलाफ सबसे बड़े सबूत मानचित्र पर उत्तरी अन्ध महासागर और आइसलैंड के तट के पास अंकित कुछ द्वीपों का अस्तित्व में नहीं होना है। इनमें से एक द्वीप फ्रिसलैंड है जिस पर ज़ीनो बन्धुओं ने कथित तौर पर कुछ समय बिताया था। आधुनिक इतिहासकार इस मानचित्र को उस समय उपलब्ध मानचित्रों पर आधारित एक स्वरचित मानचित्र मानते हैं। .

1 संबंध: वेताल द्वीप

वेताल द्वीप

उत्तरी अंध महासागर में फ्रिसलैंड नामक वेताल द्वीप को दर्शाता 1558 का ज़ीनो मानचित्र वेताल द्वीप वो द्वीप हैं जिनका अस्तित्व दर्ज इतिहास के एक लंबे समय तक स्वीकार किया जाता था और इन्हे पुराने नक्शों में दर्शाया भी जाता था, पर बाद में यह पाया गया कि यह मात्र एक विश्वास ही था और इस प्रकार के द्वीप अस्तित्व में नहीं हैं। इनके विपरीत लुप्त भूमि वो द्वीप या महाद्वीप हैं जिनके बारे में कुछ लोग मानते हैं कि वो प्रागैतिहासिक काल के दौरान अस्तित्व में थे और अक्सर इन्हें प्राचीन मिथकों और किंवदंतियों के साथ जोड़ा जाता है। .

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