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जयंती

सूची जयंती

जयंती शब्द का प्रयोग मुख्यत: किसी घटना के घटित होने के दिन की, आगे आने वाले वर्षों में पुनरावृत्ति को दर्शाने के लिये किया जाता है। इसे वर्षगाँठ भी कह सकते हैं। उदाहरण के लिये यदि भारत देश 15 अगस्त 1947 को स्वतन्त्र हुआ तो 15 अगस्त 1948 को स्वतंत्रता प्राप्ति की प्रथम जयंती होगी, 15 अगस्त 1949 को द्वितीय जयंती होगी, इत्यादि। ध्यान देने की बात ये भी है कि यद्यपि घटना सुखद भी हो सकती है (उदा० किसी विद्यालय की स्थापना) और दुखद भी (उदा० किसी महापुरुष की मृत्यु), लेकिन जयंती शब्द का प्रयोग केवल सुखद घटनाओं के लिये किया जाता है। .

सामग्री की तालिका

  1. 12 संबंधों: पहाड़ी मैना, पूर्णिमा, पोवाड़ा, मीनेष जयंती, रजत जयंती, लेम्बोर्गिनी मर्सिएलेगो, सिडनी बंदरगाह पुल, सुज़ुकी, स्वर्ण जयंती, हीरक जयंती, केक, अवधी दिवस

पहाड़ी मैना

आम हिल Myna (सारिका), कभी - कभी "मैना" वर्तनी और पूर्व बस"हिल Myna रूप में जाना जाता", सबसे अधिक मैना पक्षी में देखा पक्षीपालन, जहां यह अक्सर बस बाद के दो नामों से करने के लिए भेजा.

देखें जयंती और पहाड़ी मैना

पूर्णिमा

पूर्णिमा पंचांग के अनुसार मास की 15वीं और शुक्लपक्ष की अंतिम तिथि है जिस दिन चंद्रमा आकाश में पूरा होता है। इस दिन का भारतीय जनजीवन में अत्यधिक महत्व हैं। हर माह की पूर्णिमा को कोई न कोई पर्व अथवा व्रत अवश्य मनाया जाता हैं। .

देखें जयंती और पूर्णिमा

पोवाड़ा

पोवाड़ा महाराष्ट्र का प्रसिद्ध लोक गायन है। मुख्यतः यह शिवाजी महाराज के युद्ध कौशल का यशोगान तथा स्तुति है। पोवाडा वीर रस के गायन एवं लेखन प्रकार है जो महाराष्ट्र में लोकप्रिय है। मूल रूप से दलित समुदायों द्वारा गाये जाने वाले गाथागीतों की इस विधा ने शिवाजी महाराज को युद्ध लड़ने के लिए प्रेरित किया। पोवाडा का प्राचीन मराठी भाषा में अर्थ होता है गुणगान करना। मराठी में पोवाड़ा गाने वालों को शाहिर कहा जाता है। शाहिर शब्द उतना ही पुराना है जितनी कि मराठी संस्कृति। शाहिर साहित्य को मराठी कविताओं का उदयकाल कहा जाता है। मराठी भाषिको को यह स्फूर्ति देणे वाला गीत प्रकार है। भारत में इसका उदय १७वी शताब्धि में हुआ। इसमें ऐतिहासिक घटना सामने रखकर गीत की रचना की जाती है। इस गीत प्रकार की रचना करनेवाले गीतकारों को शाहिर कहां जाता है। इसी दौरान यह व्यवसाय करनेवाले जो गायक सामने आये है उन्हें गोंधली कहते है। पोवाडा मराठी साहित्य की एक प्रमुख विधा है पोवाडा जिसे गोंधल (गोंधिया) दलित जाति के लोग गाते थे पर आगे चलकर, शिवाजी के बाद, सभी जातियों के लोगों ने इसे अपना लिया। युद्धों का वर्णन पोवाडा गायकों का प्रमुख विषय होता था जिसका वे बेहद सजीव और ओजपूर्ण वर्णन करते थे, वह भीतरी कलहों और बाहरी आक्रमणों का काल था। अतः अपने आश्रयदाताओं को उनकी पूरी ताकत से युद्ध लड़ने के लिए प्रेरित करना, उस काल के कवि का प्रमुख कर्तव्य-सा बन गया था। लेकिन महात्मा फुले ने पोवाडा का जनजागृति के लिए इस्तेमाल किया.

देखें जयंती और पोवाड़ा

मीनेष जयंती

मीनेष जयंती मीनेष जयंती चैत्र - शुक्ल पक्ष (सुदी) की तृतीय तिथि को (साधारणतया मार्च या अप्रेल के महिने में) मनाई जाती है। इसे मीणा समाज के लोग भगवान विष्णु के मत्स्यावतार की जयंती पर त्यौहार के रूप में मनाते हैं।.

देखें जयंती और मीनेष जयंती

रजत जयंती

रजत जयंती का प्रयोग पच्चीसवीं जयंती अथवा पच्चीसवीं वर्षगाँठ के लिये किया जाता है। उदाहरण के लिये यदि भारत देश 15 अगस्त 1947 को स्वतन्त्र हुआ तो 15 अगस्त 1972 को स्वतंत्रता प्राप्ति की रजत जयंती होगी। ध्यान देने की बात ये भी है कि इसी उदाहरण मे 15 अगस्त 1972 भारत का छब्बीसवां स्वतंत्रता दिवस होगा। चूंकि जयंती घटना के एक साल बाद से प्रारम्भ होती है इसलिये ये घटना की वास्तविक सँख्या से एक कम चलती है। अंग्रेजी भाषा मे रजत जयंती के लिये सिल्वर जुबली (en:Silver Jubilee) शब्द का प्रयोग होता है। .

देखें जयंती और रजत जयंती

लेम्बोर्गिनी मर्सिएलेगो

लेम्बोर्गिनी मर्सिएलेगो एक उच्च-प्रदर्शन, दो दरवाजे, दो सीटों वाली एक स्पोर्ट कार है, जिसे 2001 और 2010 के बीच इतालवी गाड़ी निर्माता लेम्बोर्गिनी द्वारा उत्पादित किया गया। अक्सर एक सुपरकार के रूप में संदर्भित की जाने वाली यह कार, निर्माता कंपनी की कतार में सर्वोत्कृष्ट थी। मर्सिएलेगो को 2001 में एक कूप के रूप में 2002 के मॉडल वर्ष के लिए शुरू किया गया, जो लेम्बोर्गिनी श्रृखला में प्रसिद्ध डायब्लो सुपर कार के बाद आया। यह कार, गाड़ी निर्माता के ग्यारह वर्षों में पहली नई डिजाइन थी और साथ ही साथ यह जर्मन गाड़ी निर्माता VW के स्वामित्व में बनी पहली कार थी। इसे पेरु में जन्मे बेल्जियाई लुक डोनकरवोक द्वारा स्वरूपित किया गया था, जो 1998 से 2005 तक लेम्बोर्गिनी के डिजाइन प्रमुख थे। इस कार का एक रोडस्टर संस्करण 2004 में शुरू किया गया, जिसके बाद अद्यतन एल.पी.

देखें जयंती और लेम्बोर्गिनी मर्सिएलेगो

सिडनी बंदरगाह पुल

सिडनी बंदरगाह पुल सिडनी बंदरगाह पर बना एक इस्पात का चाप के आकार का पुल है जिस पर से रेल, वाहन, साइकिल और पैदल यातायात सिडनी के केन्द्रीय व्यावसायिक जिले (CBD) और उत्तरी किनारे के बीच आता-जाता है। पुल, बंदरगाह और पास में स्थित सिडनी आपेरा हाउस का नाटकीय दृश्य सिडनी और आस्ट्रेलिया, दोनों की एक मूर्त छवि है। पुल को स्थानीय लोगों ने इसके चाप पर आधारित डिजाइन के कारण प्यार से “द कोट-हैंगर ” का उपनाम दिया है। एनएसडबल्यू के लोकनिर्माण विभाग के डॉ॰ जे.जे.सी.

देखें जयंती और सिडनी बंदरगाह पुल

सुज़ुकी

एक जापानी बहुराष्ट्रीय निगम है जिसका मुख्यालय हमामात्सू, जापान में स्थित है और जो काम्पैक्ट ऑटोमोबाइल और 4x4 वाहन, सभी रेंज की मोटरसाइकिल, ऑल-टेरेन वाहन (ATVs), आउटबोर्ड जहाज इंजन, व्हीलचेयर और अन्य प्रकार के छोटे आंतरिक दहन इंजन का उत्पादन करती है। उत्पादन मात्रा के आधार पर सुज़ुकी दुनिया भर में नौवीं सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल निर्माता है, करीब 45,000 से अधिक लोगों को रोजगार देती है और 23 देशों में इसकी 35 मुख्य उत्पादन इकाइयां और 192 देशों में इसके 133 वितरक हैं। आंकड़ों के अनुसार जापान ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (जेएएमए) से सुज़ुकी जापान की छोटी कारों और ट्रकों की दूसरी सबसे बड़ी निर्माता है। जापानी भाषा में "सुज़ुकी" को उच्चारित किया जाता है, जिसमें पर बलाघात दिया जाता है। अंग्रेजी में इसका उच्चारण किया जाता है और ज़ु पर जोर डाला जाता है। इस उच्चारण का इस्तेमाल सुज़ुकी कंपनी द्वारा उन विपणन अभियानों के लिए किया जाता है जो अंग्रेजी भाषियों के लिए होते हैं। .

देखें जयंती और सुज़ुकी

स्वर्ण जयंती

स्वर्ण जयंती का प्रयोग पचासवीं जयंती अथवा पचासवीं वर्षगाँठ के लिये किया जाता है। उदाहरण के लिये यदि भारत देश 15 अगस्त 1947 को स्वतन्त्र हुआ तो 15 अगस्त 1997 को स्वतंत्रता प्राप्ति की स्वर्ण जयंती होगी। ध्यान देने की बात ये भी है कि इसी उदाहरण में 15 अगस्त 1997 भारत का इक्यावनवां स्वतंत्रता दिवस होगा। चूंकि जयंती घटना के एक साx,Xल बाद से प्रारम्भ होती है इसलिये ये घटना की वास्तविक सँख्या से एक कम चलती है। अंग्रेजी भाषा में इसके लिये गोल्डेन जुबली (en:Golden Jubilee) शब्द का प्रयोग होता है। .

देखें जयंती और स्वर्ण जयंती

हीरक जयंती

हीरक जयंती का प्रयोग पच्हत्तरवीं जयंती अथवा पच्हत्तरवीं वर्षगाँठ के लिये किया जाता है। उदाहरण के लिये यदि भारत देश 15 अगस्त 1947 को स्वतन्त्र हुआ तो 15 अगस्त 2022 को स्वतंत्रता प्राप्ति की हीरक जयंती होगी। ध्यान देने की बात ये भी है कि इसी उदाहरण मे 15 अगस्त 2022 भारत का छिहत्तरवां स्वतंत्रता दिवस होगा। चूंकि जयंती घटना के एक साल बाद से प्रारम्भ होती है इसलिये ये घटना की वास्तविक सँख्या से एक कम चलती है। अंग्रेजी भाषा मे हीरक जयंती के लिये डायमंड जुबली शब्द का प्रयोग होता है। हीरक शब्द हीरे का द्योतक है। .

देखें जयंती और हीरक जयंती

केक

रास्पबेरी जैम और नींबू दही से भरा और बटरक्रीम फ़्रॉस्टिंग के साथ सजाया हुआ एक तह वाला पाऊंड केक भोजन के अंत में परोसा जाने वाला मिष्ठान्न, केक सेंककर तैयार किया हुआ भोज्य पदार्थ है। आमतौर पर कई किस्मों वाला केक का आटा, चीनी, अंडे, मक्खन या तेल का मिश्रण है जिसे घोलने के लिए तरल (आम तौर पर दूध या पानी) और खमीर उठाने वाले पदार्थ (जैसे कि खमीर या बेकिंग पाउडर) की ज़रूरत होती है। स्वाद व महक के लिए अक्सर फलों का गाढ़ा गूदा, मेवे या अर्क मिला दिए जाते हैं और मुख्य सामग्री के अनेक विकल्प सुलभ हैं। अक्सर केक में फलों का मुरब्बा या मिष्ठान्न वाली सॉस (जैसे पेस्ट्री क्रीम) भर दी जाती है, उसके ऊपर मक्खन वाली क्रीम या अन्य आइसिंग लगाकर बादाम और अंडे के सफ़ेद हिस्से का मिश्रण, किनारों पर बिंदियां और चाशनी में डूबे फल लगाकर सजाया जाता है। विशेष रूप से शादी, वर्षगाँठ और जन्मदिन जैसे औपचारिक अवसरों पर अक्सर खाने के बाद मिठाई के तौर पर केक का चुनाव किया जाता है। केक बनाने की अनगिनत पाक विधियां हैं, कुछ रोटी की तरह, कुछ गरिष्ठ और बड़े परिश्रम से तैयार की जाने वाली और अनेक पारम्परिक हैं। किसी ज़माने में केक बनाने (विशेष रूप से अंडे की झाग उठाने में) में काफ़ी मेहनत लगा करती थी लेकिन अब केक बनाना कोई जटिल प्रक्रिया नहीं रही, सेंकने वाले उपकरण और विधियां इतनी सरल हो गई हैं कि कोई भी नौसिखिया केक सेंक सकता है। .

देखें जयंती और केक

अवधी दिवस

अवधी भाषा दिवस प्रत्येक वर्ष को रामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जयंती पर मनाई जाती हैं। अवध की संस्कृति, भाषा, साहित्य, लोककला, नृत्य-संगीत व परम्पराओं को फिर से प्रतिष्ठड्ढा दिलाने के उद्ड्ढदेश्य से श्रीरामचरित मानस के रचयिता महाकवि तुलसीदास की जयंती को हर वर्ष ‘अवधी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। भक्तिकाव्य में तुलसीदास का रामचरितमानस (संवत 1631) अवधी साहित्य की प्रमुख कृति है। By Baburam Saksena .

देखें जयंती और अवधी दिवस