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जतिन-ललित

सूची जतिन-ललित

जतिन और ललित पंडित जतिन-ललित हिन्दी फिल्मों की संगीतकार जोड़ी है। इसमें दो भाई जतिन पंडित और ललित पंडित है। दोनों का ताल्लुक उल्लेखनीय संगीत परिवार से है जिसका मूल हिसार, हरियाणा में है। उनके चाचा पण्डित जसराज है और अभिनेत्रियाँ सुलक्षणा पंडित और विजयता पंडित उनकी बहनें है। पहली फिल्म जिसमें उन्होंने संगीत दिया था वो थी 1991 की यारा दिलदारा। इस फिल्म का एक गीत बिन तेरे सनम काफी सफल हुआ था। सफलता उन्हें खिलाड़ी से मिली थी। कई सफल फ़िल्में जिसमें इन्होंने संगीत दिया वह है:- जो जीता वोही सिकंदर, कभी हाँ कभी ना, खामोशी: द म्युजकल, दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे, यस बॉस, जब प्यार किसी से होता है, कुछ कुछ होता है, मोहब्बतें, कभी खुशी कभी ग़म और फना वगैरह। दोनों को फ़िल्मफेयर पुरस्कार के सर्वश्रेष्ठ संगीतकार की श्रेणी में 11 बार नामित किया लेकिन वह यह पुरस्कार एक बार भी नहीं जीत पाए। 2006 में दोनों भाई ने जोड़ी तोड़ दी। ललित पंडित ने कुछ फ़िल्मों में अकेले संगीत दिया जिसमें उन्हें साजिद-वाजिद के साथ दबंग के लिये अंतत ये पुरस्कार प्राप्त हुआ। .

सामग्री की तालिका

  1. 24 संबंधों: प्यार किया तो डरना क्या (1998 फ़िल्म), बॉलीवुड संगीत, मोहब्बतें, यस बॉस (1997 फ़िल्म), यारा दिलदारा, राजू बन गया जेंटलमैन, सरफ़रोश (1999 फ़िल्म), सिलसिला है प्यार का, संघर्ष (1999 फ़िल्म), हम तुम, हासिल (2003 फ़िल्म), हिन्दी सिनेमा, हिमेश रेशमिया, हैलो ब्रदर (1999 फ़िल्म), जब प्यार किसी से होता है (1998 फ़िल्म), विजयता पंडित, खिलाड़ी (1992 फ़िल्म), आसिफ़ शेख, कभी हाँ कभी ना (फ़िल्म), कभी खुशी कभी ग़म, कुमार सानु, कुछ कुछ होता है, केके के गाये गीतों की सूची, अलका याज्ञिक

प्यार किया तो डरना क्या (1998 फ़िल्म)

प्यार किया तो डरना क्या 1998 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

देखें जतिन-ललित और प्यार किया तो डरना क्या (1998 फ़िल्म)

बॉलीवुड संगीत

बॉलीवुड संगीत या हिन्दी फ़िल्म संगीत प्रमुखतः भारत में हिन्दी सिनेमा की फिल्मों में प्रयुक्त संगीत को कहा जाता है। बॉलीवुड संगीत इंडियन पॉप शैली में बनाया जाता है, हालांकि इसमें क्लासिकल तथा मॉडर्न, दोनों संगीत शैलियों से मिली प्रेरणा शामिल होती है। बॉलीवुड गीत अब उत्तर भारत की संस्कृति का ही भाग बन चुके हैं, और उत्तर भारत के प्रमुख बाजारों, बसों या ट्रेनों में बजते सुनाई दे सकते हैं। यद्यपि बॉलीवुड फिल्मों के संगीत को पाश्चात्य सिनेमा की म्यूजिकल शैली के समानांतर रखा जा सकता है; परंतु इन दोनों में कई भिन्नताएं हैं। कहानी तथा डायलागों की ही तरह हिंदी फिल्मों में संगीत का अपना अलग महत्त्व है। बॉलीवुड गीतों में हिन्दी तथा उर्दू की मिश्रित भाषा 'हिन्दुस्तानी' का प्रयोग होता है, जिससे ये हिन्दी तथा उर्दू, दोनों भाषा बोलने वालों को समान रूप से समझ आ जाते हैं। हाल के समय में इन दोनों के अतिरिक्त अंग्रेजी शब्दों के प्रयोग का भी चलन देखा गया है। उर्दू शायरी और गजलों का शुरू से ही बॉलीवुड संगीत पर अत्यधिक प्रभाव रहा है। .

देखें जतिन-ललित और बॉलीवुड संगीत

मोहब्बतें

मोहब्बतें 2000 की हिन्दी भाषा की संगीतमय नाटकीय प्रेमकहानी फ़िल्म है। यह दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे के बाद आदित्य चोपड़ा के निर्देशन वाली दूसरी फिल्म थी। फिल्म में छः नए कलाकारों के साथ शाहरुख खान और अमिताभ बच्चन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। खान के प्रेमी के रूप में ऐश्वर्या राय याद में दिखाई देती है। फिल्म इसलिए भी उल्लेखनीय है कि अमिताभ और शाहरुख पहली बार एक साथ किसी फिल्म में दिखाई दिए। फिल्म आलोचनात्मक और व्यावसायिक दोनों तरह से अच्छी चली थी। यह 2000 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली बॉलीवुड फिल्म थी। उसके बाद राकेश रोशन की कहो ना प्यार है थी। इसने शाहरुख और अमिताभ के लिए क्रमशः फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार सहित कई पुरस्कार भी जीते। .

देखें जतिन-ललित और मोहब्बतें

यस बॉस (1997 फ़िल्म)

यस बॉस 1997 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

देखें जतिन-ललित और यस बॉस (1997 फ़िल्म)

यारा दिलदारा

यारा दिलदारा 1991 की मिर्ज़ा ब्रदर्स द्वारा निर्देशित हिन्दी भाषा की प्रेमकहानी फ़िल्म है। इसमें आसिफ़ शेख, रुचिका पांडे मुख्य भूमिकाओं में हैं। अन्य कलाकारों में लक्ष्मीकांत बेर्डे, अमजद ख़ान, सईद जाफ़री, शक्ति कपूर, अशोक सर्राफ और अमिता नाँगिया शामिल हैं। यह फिल्म फ्लॉप रही थी। लेकिन इसे संगीतकार जोड़ी जतिन ललित की पहली फिल्म होने और गीत "बिन तेरे सनम" के लिये जाना जाता है। .

देखें जतिन-ललित और यारा दिलदारा

राजू बन गया जेंटलमैन

राजू बन गया जेंटलमैन 1992 में बनी हिन्दी भाषा की हास्य प्रेमकहानी फिल्म है। शाहरुख खान, जूही चावला, नाना पाटेकर और अमृता सिंह अभिनीत इस फिल्म के अधिकार शाहरुख की रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट के स्वामित्व में हैं। .

देखें जतिन-ललित और राजू बन गया जेंटलमैन

सरफ़रोश (1999 फ़िल्म)

सरफ़रोश 1999 में बनी निर्देशक-निर्माता एवं लेखक जाॅन मैथ्यू मैथन की एक्शन-थ्रिलर आधारित हिन्दी भाषा की फिल्म है। फिल्म में नसीरुद्दीन शाह, आमिर खान एवं सोनाली बेंद्रे मुख्य भूमिका में है। फिल्म की पटकथा एवं विषय-वस्तु के निर्माण के लिए निर्देशक मैथ्यू वर्ष 1992 से ही गहन शोध में कार्यरत रहे फिर सात वर्ष बाद सन् 1999 में फिल्म तब रिलीज हुई जब भारत-पाकिस्तान के मध्य कारगिल युद्ध का संघर्ष चल रहा था। और फिल्म का विषय भी एक बहादुर भारतीय पुलिस अफसर और सीमा-घुसपैठ के गुप्त अभियान पर केंद्रित है। फिल्म की सकारात्मक समीक्षा के साथ व्यावसायिक रूप से भी काफी सफल रही। फिल्म का दक्षिण भारतीय भाषाओं में भी पुनर्निर्माण हुआ जिनमें से कन्नड़ संस्करण में सत्यमेव जयते अभिनीत देवाराज तथा तेलुगु संस्करण में अस्त्रम (2006) अभिनीत विष्णु मंचु एवं अनुष्का शेट्टी प्रमुख है। .

देखें जतिन-ललित और सरफ़रोश (1999 फ़िल्म)

सिलसिला है प्यार का

सिलसिला है प्यार का 1999 की श्रबानी देवधर द्वारा निर्देशित हिन्दी भाषा की प्रेमकहानी फ़िल्म है। इसमें करिश्मा कपूर, चन्द्रचूढ़ सिंह और डैनी डेन्जोंगपा मुख्य भूमिकाओं में हैं। अन्य कलाकारों में शक्ति कपूर, आलोक नाथ, जॉनी लीवर, अरुणा ईरानी, टीकू तलसानिया और दीना पाठक शामिल हैं। .

देखें जतिन-ललित और सिलसिला है प्यार का

संघर्ष (1999 फ़िल्म)

संघर्ष तनुजा चन्द्रा निर्देशित १९९९ की बॉलीवुड मनोवैज्ञानिक अपराध थ्रिलर फ़िल्म है। इसमें अक्षय कुमार, प्रीति ज़िंटा और अशुतोष राणा मुख्य अभिनय भूमिका में हैं। .

देखें जतिन-ललित और संघर्ष (1999 फ़िल्म)

हम तुम

हम तुम सन् 2004 की कुणाल कोहली द्वारा निर्देशित हास्य प्रेमकहानी फ़िल्म है। आदित्य चोपड़ा और यश चोपड़ा द्वारा यश राज फ़िल्म्स बैनर के तहत इसे निर्मित किया गया। फिल्म में प्रमुख भूमिकाओं को सैफ अली खान और रानी मुखर्जी द्वारा निभाया गया है। जारी होने पर फिल्म सफल रही थी और इसने कई पुरस्कार जीते थे। .

देखें जतिन-ललित और हम तुम

हासिल (2003 फ़िल्म)

हासिल 2003 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

देखें जतिन-ललित और हासिल (2003 फ़िल्म)

हिन्दी सिनेमा

हिन्दी सिनेमा, जिसे बॉलीवुड के नाम से भी जाना जाता है, हिन्दी भाषा में फ़िल्म बनाने का उद्योग है। बॉलीवुड नाम अंग्रेज़ी सिनेमा उद्योग हॉलिवुड के तर्ज़ पर रखा गया है। हिन्दी फ़िल्म उद्योग मुख्यतः मुम्बई शहर में बसा है। ये फ़िल्में हिन्दुस्तान, पाकिस्तान और दुनिया के कई देशों के लोगों के दिलों की धड़कन हैं। हर फ़िल्म में कई संगीतमय गाने होते हैं। इन फ़िल्मों में हिन्दी की "हिन्दुस्तानी" शैली का चलन है। हिन्दी और उर्दू (खड़ीबोली) के साथ साथ अवधी, बम्बईया हिन्दी, भोजपुरी, राजस्थानी जैसी बोलियाँ भी संवाद और गानों में उपयुक्त होते हैं। प्यार, देशभक्ति, परिवार, अपराध, भय, इत्यादि मुख्य विषय होते हैं। ज़्यादातर गाने उर्दू शायरी पर आधारित होते हैं।भारत में सबसे बड़ी फिल्म निर्माताओं में से एक, शुद्ध बॉक्स ऑफिस राजस्व का 43% का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि तमिल और तेलुगू सिनेमा 36% का प्रतिनिधित्व करते हैं,क्षेत्रीय सिनेमा के बाकी 2014 के रूप में 21% का गठन है। बॉलीवुड भी दुनिया में फिल्म निर्माण के सबसे बड़े केंद्रों में से एक है। बॉलीवुड कार्यरत लोगों की संख्या और निर्मित फिल्मों की संख्या के मामले में दुनिया में सबसे बड़ी फिल्म उद्योगों में से एक है।Matusitz, जे, और पायानो, पी के अनुसार, वर्ष 2011 में 3.5 अरब से अधिक टिकट ग्लोब जो तुलना में हॉलीवुड 900,000 से अधिक टिकट है भर में बेच दिया गया था। बॉलीवुड 1969 में भारतीय सिनेमा में निर्मित फिल्मों की कुल के बाहर 2014 में 252 फिल्मों का निर्माण। .

देखें जतिन-ललित और हिन्दी सिनेमा

हिमेश रेशमिया

हिमेश रेशमिया (जन्म: 23 जुलाई 1973) एक गायक, संगीतकार, गीतकार, अभिनेता तथा फिल्म निर्माता हैं, जो प्रमुखतः हिन्दी फ़िल्मों में कार्यरत हैं। वर्ष 1998 में आयी प्यार किया तो डरना क्या से बॉलीवुड फिल्मों में एक संगीतकार के रूप में पदार्पण करने वाले हिमेश ने अगले कुछ वर्षों में हेलो ब्रदर (1999), कुरुक्षेत्र (2000), जोड़ी नम्बर वन (2001) और हमराज़ (2002) जैसी फिल्मों में संगीत दिया; हमराज़ के लिए उन्हें उनका पहला फ़िल्मफेयर नामांकन मिला था। इसके बाद 2003 में उन्होंने तेरे नाम फिल्म में संगीत दिया, जिसकी संगीत एल्बम उस वर्ष की सर्वाधिक बिकने वाली एल्बम थी, और इसके लिए उन्हें फ़िल्मफेयर, स्क्रीन तथा स्टार गिल्ड समेत कई पुरस्कारों के लिए नामांकन प्राप्त हुए। तेरे नाम ने उन्हें बॉलीवुड में एक सफल संगीतकार के रूप में स्थापित किया, और फिर 2004 में उन्होंने रन, टार्ज़न, ऐतराज़ और दिल मांगे मोर जैसी फिल्मों में संगीत दिया। .

देखें जतिन-ललित और हिमेश रेशमिया

हैलो ब्रदर (1999 फ़िल्म)

हैलो ब्रदर 1999 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

देखें जतिन-ललित और हैलो ब्रदर (1999 फ़िल्म)

जब प्यार किसी से होता है (1998 फ़िल्म)

जब प्यार किसी से होता है 1998 में बनी हिन्दी भाषा की प्रेमकहानी फ़िल्म है। फ़िल्म दीपक सरीन द्वारा निर्देशित और हनी ईरानी द्वारा लिखी गई है। फिल्म में सलमान खान को लड़कीबाज़ के रूप में दिखाया गया है और ट्विंकल खन्ना उसके पहले असली प्यार के रूप में चित्रित किया गया है। आदित्य नारायण सलमान के पहले अज्ञात बेटे का किरदार निभाते हैं। .

देखें जतिन-ललित और जब प्यार किसी से होता है (1998 फ़िल्म)

विजयता पंडित

विजयता अपने पति आदेश के साथ (2012) विजयता पंडित भारतीय अभिनेत्री और पार्श्व गायिका है जिन्हें उनकी पहली फिल्म लव स्टोरी (1981) के लिये जाना जाता है। पंडित जसराज उनके चाचा हैं। जबकि सुलक्षणा पंडित उनकी बड़ी बहन और जतिन-ललित उनके छोटे भाई हैं। .

देखें जतिन-ललित और विजयता पंडित

खिलाड़ी (1992 फ़िल्म)

खिलाड़ी 1992 की हिन्दी भाषा की रोमांचकारी थ्रिलर फिल्म है। अब्बास-मस्तान द्वारा निर्देशित यह फिल्म अक्षय कुमार की शुरुआती सफलता थी। इसमें आयशा जुल्का, दीपक तिजोरी और साबीहा भी हैं, जबकि प्रेम चोपड़ा, शक्ति कपूर, अनंत महादेवन और जॉनी लीवर ने सहायक भूमिका निभाई है। इस फिल्म से "खिलाड़ी" नाम वाली अक्षय कुमार की फिल्मों की श्रृंखला शुरू हुई। जिसमें मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी (1994), सबसे बड़ा खिलाड़ी (1995), खिलाड़ियों का खिलाड़ी (1996), मिस्टर एंड मिसेज़ खिलाड़ी (1997), इन्टरनेशनल खिलाड़ी (1999), खिलाड़ी 420 (2000) और खिलाड़ी 786 (2012) शामिल है। खिलाड़ी बॉक्स ऑफिस पर आलोचनात्मक और व्यावसायिक रूप से सफल रही और 1992 की दसवीं सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी। अक्षय कुमार की पहली सफल फिल्म थी और इसे बॉक्स ऑफिस पर "सुपर हिट" घोषित किया गया था। कहानी का मूल आधार 1975 की ऋषि कपूर और नीतू सिंह अभिनीत फिल्म खेल खेल में जैसा है। .

देखें जतिन-ललित और खिलाड़ी (1992 फ़िल्म)

आसिफ़ शेख

आसिफ़ शेख भारतीय टेलिविजन और फिल्म अभिनेता है। उन्होंने सबसे पहले शुरुआत धारावाहिक हम लोग से की थी। उन्होंने मुकद्दर का बादशाह जैसे सहायक भूमिका से फ़िल्मों में शुरुआत की। उनकी मुख्य भूमिका वाली फिल्म 1991 में यारा दिलदारा भी आई थी। ये फिल्म संगीत निर्देशक जतिन-ललित की पहली फिल्म होने के साथ-साथ गीत "बिन तेरे सनम" के लिये जानी जाती है। हालांकि उन्हें मुख्य अभिनेता के रूप में सफलता नहीं मिली और उन्होने कई फ़िल्मों में सहायक भूमिकाएँ ही अदा की। अन्य कुछ फिल्में जिसमें वो नजर आए:- करन अर्जुन (1995), औज़ार (1997), बंधन (1998), प्यार किया तो डरना क्या (1998), हसीना मान जायेगी (1999), कुंवारा (2000), जोड़ी नं॰ 1 (2001), दिल ने जिसे अपना कहा (2004) और शादी करके फँस गया यार (2006)। वर्तमान में वो हास्य टीवी कार्यक्रम भाभी जी घर पर है! के अपने किरदार विभूति नारायण मिश्रा के लिये प्रसिद्धि पाए हैं। .

देखें जतिन-ललित और आसिफ़ शेख

कभी हाँ कभी ना (फ़िल्म)

कभी हाँ कभी ना 1994 की कुंदन शाह द्वारा निर्देशित हिन्दी भाषा की हास्य फिल्म है। शाहरुख खान, सुचित्रा कृष्णमूर्ति और दीपक तिजोरी मुख्य अभिनेता हैं। इसे व्यापक रूप से शाहरुख खान के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनों में से एक माना जाता है। शाहरुख खान ने अपने बैनर रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट के तहत फिल्म के अधिकार खरीदे हैं। .

देखें जतिन-ललित और कभी हाँ कभी ना (फ़िल्म)

कभी खुशी कभी ग़म

कभी खुशी कभी ग़म... 2001 की हिन्दी भाषा की पारिवारिक नाटक फिल्म है। यह करण जौहर द्वारा लिखित और निर्देशित है और इसका निर्माण यश जौहर ने किया। फिल्म में अमिताभ बच्चन, जया बच्चन, शाहरुख खान, काजोल, ऋतिक रोशन और करीना कपूर प्रमुख भूमिका निभाते हैं जबकि रानी मुखर्जी विस्तारित विशेष उपस्थिति में दिखीं हैं। यह घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख व्यावसायिक सफलता के रूप में उभरी। भारत के बाहर, यह फिल्म सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म थी, जब तक कि करण की अगली फिल्म कभी अलविदा ना कहना (2006) द्वारा यह रिकॉर्ड तोड़ा नहीं गया था। इसने अगले वर्ष लोकप्रिय पुरस्कार समारोहों में कई पुरस्कार जीते, जिसमें पांच फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार भी शामिल थे। .

देखें जतिन-ललित और कभी खुशी कभी ग़म

कुमार सानु

कुमार सानु (पूरा नाम केदारनाथ भट्टाचार्य) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध गायक हैं। इन्होंने अपने गाने की शुरुआत वर्ष 1989 में शुरू की। 2009 में इन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री भी मिल चुका है। .

देखें जतिन-ललित और कुमार सानु

कुछ कुछ होता है

कुछ कुछ होता है 1998 की हिन्दी भाषा की हास्य प्रेमकहानी फ़िल्म फिल्म है। इसे करण जौहर ने लिखा और निर्देशित किया और लोकप्रिय ऑन-स्क्रीन जोड़ी शाहरुख खान और काजोल ने अपनी चौथी फिल्म में एक साथ अभिनय किया। रानी मुखर्जी ने सहायक भूमिका निभाई, जबकि सलमान खान की एक विस्तारित विशेष उपस्थिति भी थी। इस फिल्म से सना सईद जिन्होंने सहायक भूमिका निभाई, अपनी फिल्म करियर की शुरुआत की। यह करण जौहर की निर्देशन शुरुआत थी। फिल्म भारत और विदेशों में सफल रही और साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म बन गई। साथ ही यह हम आपके हैं कौन और दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे के बाद सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म बनी। भारत के बाहर, यह फिल्म कभी खुशी कभी ग़म द्वारा रिकॉर्ड तोड़े जाने से पहले सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फ़िल्म थी। कुछ कुछ होता है को आलोचकों से सकारात्मक समीक्षा मिली। विशेष प्रशंसा काजोल के प्रदर्शन को मिली। साउंडट्रैक भी साल का सबसे बड़ा विक्रेता बन गया। फिल्म ने फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार, ज़ी सिने पुरस्कार और स्टार स्क्रीन पुरस्कार में "सर्वश्रेष्ठ फिल्म" पुरस्कार जीता। .

देखें जतिन-ललित और कुछ कुछ होता है

केके के गाये गीतों की सूची

निम्न सूची केके द्वारा गाये गए सभी गीतों की है: .

देखें जतिन-ललित और केके के गाये गीतों की सूची

अलका याज्ञिक

अलका याज्ञिक भारतीय सिनेमा की एक प्रसिद्ध पार्श्वगायिका हैं। वे हिंदी सिनेमा में तीन दशकों तक अपनी गायकी के लिए विख्यात हैं। हिंदी सिनेमा में वे सबसे ज्यादा गाने रिकॉर्ड करने वाली पांचवी पार्श्वगायिका हैं। उन्हें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार के ३६ नामांकनों में से ७ बार पुरस्कार मिल चुका है जो कि खुद में एक रिकॉर्ड है। उन्हें दो राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त है। साथ ही उनके २० गाने बीबीसी के "बॉलीवुड के श्रेष्ठ ४० सदाबहार साउंडट्रैक" में शामिल हैं। उनके कुछ हिट गानों में से हैं — "कुछ कुछ होता है", "टिप टिप बरसा पानी", "परदेसी परदेसी", "छम्मा छम्मा", "पूछो ज़रा पूछो", "एक दो तीन", "चाँद छुपा बादल में", "लाल दुपट्टा", "मुझको राणाजी" और "बाज़ीगर ओ बाज़ीगर"। .

देखें जतिन-ललित और अलका याज्ञिक

जतिन -ललित, जतिन ललित के रूप में भी जाना जाता है।