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चीज़ (पाश्चात्य पनीर)

सूची चीज़ (पाश्चात्य पनीर)

चीज़ और सालन से भरा एक थाल एक चीज़ बाजा़र में गौडा चीज़ की भेलियां दूध से निर्मित भोज्य पदार्थों के एक विविधतापूर्ण समूह का नाम चीज़ (Cheese) है। विश्व के लगभग सभी भागों में भिन्न-भिन्न रंग-रूप एवं स्वाद की चीज़ बनायी जाती हैं। चीज़ मूलतः शाकाहार है। इसमें उच्च गुणवत्ता के प्रोटीन व कैल्शियम के अलावा, फास्फोरस, जिंक विटामिन ए, राइबोफ्लेविन व विटामिन बी2 जैसे पोषक तत्त्व भी पाए जाते हैं। यह दांतों के इनैमल की भी रक्षा करता है और दाँतों को सड़न से बचाता है। .

23 संबंधों: चीज़ की सूची, दुग्धशाला, दूध, पनीर, पशु उत्पाद, पशुधन, पिज़्ज़ा, फ्रांस की संस्कृति, फ्रेंच फ्राइज़, बर्गर किंग, लज़ान्या, सलाद, स्नैक फूड (अल्पाहार), स्पगैटी, सूप, सूक्ष्मजीव, सोया दूध, जायफल, खाद्य परिरक्षण, ऑमलेट, ऑस्ट्रिया, आलू के चिप्स, छेना झिल्ली

चीज़ की सूची

यह उत्पत्ति स्थान के आधार पर चीज़ की सूची है। दुकान पर चीज़ काउंटर दुकान के कूलर में चीज़ थाली में परोसे हुए चीज़ों के विभिन्न प्रकार सुपरमार्केट में कई प्रकार की चीज़ .

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दुग्धशाला

एक दुग्धशाला दुग्धशाला या डेरी में पशुओं का दूध निकालने तथा तत्सम्बधी अन्य व्यापारिक एवं औद्योगिक गतिविधियाँ की जाती हैं। इसमें प्रायः गाय और भैंस का दूध निकाला जाता है किन्तु बकरी, भेड़, ऊँट और घोड़ी आदि के भी दूध निकाले जाते हैं। .

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दूध

एक गिलास दूध दूध एक अपारदर्शी सफेद द्रव है जो मादाओं के दुग्ध ग्रन्थियों द्वारा बनाया जता है। नवजात शिशु तब तक दूध पर निर्भर रहता है जब तक वह अन्य पदार्थों का सेवन करने में अक्षम होता है। साधारणतया दूध में ८५ प्रतिशत जल होता है और शेष भाग में ठोस तत्व यानी खनिज व वसा होता है। गाय-भैंस के अलावा बाजार में विभिन्न कंपनियों का पैक्ड दूध भी उपलब्ध होता है। दूध प्रोटीन, कैल्शियम और राइबोफ्लेविन (विटामिन बी -२) युक्त होता है, इनके अलावा इसमें विटामिन ए, डी, के और ई सहित फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, आयोडीन व कई खनिज और वसा तथा ऊर्जा भी होती है। इसके अलावा इसमें कई एंजाइम और कुछ जीवित रक्त कोशिकाएं भी हो सकती हैं।। इकॉनोमिक टाइम्स, २२ मार्च २००९ .

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पनीर

पनीर पनीर (Indian cottage cheese) एक दुग्ध-उत्पाद है। यह चीज़ (cheese) का एक प्रकार है जो भारतीय उपमहाद्वीप में खूब उपयोग किया जाता है। इसी तरह छेना भी एक विशेष प्रकार का भारतीय चीज़ है जो पनीर से मिलता-जुलता है और रसगुल्ला बनाने में प्रयुक्त होता है। भारत में पनीर का प्रयोग सीमित मात्रा में ही होता है। कश्मीर आदि जैसे ठंढे प्रदेशों में अपेक्षाकृत अधिक पनीर खाया जाता है। .

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पशु उत्पाद

पशु उत्पाद किसी पशु के शरीर से व्युत्पन्न किया गया कोई भी माल हैं। उदाहरणार्थ, फैट, रक्त, दूध, अण्डे, और कम ज्ञात उत्पाद, जैसे कि इसिंग्लास और रेनेट। .

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पशुधन

घरेलू भेड़ और एक गाय (बछिया) दक्षिण अफ्रीका में एक साथ चराई करते हुए एक या अधिक पशुओं के समूह को, जिन्हें कृषि सम्बन्धी परिवेश में भोजन, रेशे तथा श्रम आदि सामग्रियां प्राप्त करने के लिए पालतू बनाया जाता है, पशुधन के नाम से जाना जाता है। शब्द पशुधन, जैसा कि इस लेख में प्रयोग किया गया है, में मुर्गी पालन तथा मछली पालन सम्मिलित नहीं है; हालांकि इन्हें, विशेष रूप से मुर्गीपालन को, साधारण रूप से पशुधन में सम्मिलित किया जाता हैं। पशुधन आम तौर पर जीविका अथवा लाभ के लिए पाले जाते हैं। पशुओं को पालना (पशु-पालन) आधुनिक कृषि का एक महत्वपूर्ण भाग है। पशुपालन कई सभ्यताओं में किया जाता रहा है, यह शिकारी-संग्राहक से कृषि की ओर जीवनशैली के अवस्थांतर को दर्शाता है। .

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पिज़्ज़ा

पिज़्ज़ा (इतालवी Pizza) भट्टी में बनाए जानी वाली चपटी ब्रेड होती है, जीसे मुख्यतः टमाटर की चटनी, चीज़ और अन्य विविध टॉपिंग के साथ परोसा जाता है। इसकी उत्पत्ती इटली में हुई और अब यह विश्वभर में लोकप्रिय है। .

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फ्रांस की संस्कृति

स्वच्छंदतावाद की शैलीगत विचारों का उपयोग करते हुए यूजीन देलाक्रोइक्स की जुलाई क्रांति का चित्रण करनेवाली सर्वश्रेष्ठ पेंटिंग लि‍बर्टी लीडिंग द पीपुल कहलायी.चूंकि लिबर्टी (आजादी), आदर्श वाक्य «लिबर्टी एगैलाइट फ्रैंटर्नाइट» («Liberté, égalité, fraternité») का हिस्सा है, यह पेंटिंग फ्रांसिसी क्रांति का प्राथमिक प्रतीक है, जैसा कि फ्रांस ने इसे लिया है। फ्रांस की संस्कृति और फ्रांसीसियों की संस्कृति भूगोल, गंभीर ऐतिहासिक घटनाओं और विदेशी तथा आंतरिक शक्तियों और समूहों द्वारा गढ़ी गयी है। फ्रांस और विशेष रूप से पेरिस, ने सत्रहवीं सदी से उन्नीसवीं सदी तक विश्वव्यापी स्तर पर उच्च सांस्कृतिक केंद्र और आलंकारिक कला के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है, इस मामले में यह यूरोप में प्रथम है। उन्नीसवीं शताब्दी के अंतिम चरण से, फ्रांस ने आधुनिक कला, सिनेमा, फैशन और भोजन शैली में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। सदियों तक फ़्रांसिसी संस्कृति का महत्व इसके आर्थिक, राजनीतिक और सैन्य महत्व के आधार पर घटता और बढ़ता रहा है। आज फ़्रांसिसी संस्कृति महान क्षेत्रीय तथा सामाजिक-आर्थिक अंतरों और सुदृढ़ एकीकृत प्रवृत्तियों दोनों के द्वारा चिह्नित है। चाहे फ्रांस या यूरोप में या सामान्य रूप से, सामाजिकीकरण प्रक्रिया और भौतिक कलाकृतियों के माध्यम से मान्यताओं और मूल्यों के मिलन को सीखा जाता है। समाज के सदस्यों के बीच सामाजिक संबंधों का मार्गदर्शन संस्कृति करती है और यह निजी मान्यताओं और मूल्यों को प्रभावित करती है जो व्यक्ति की अपने वातावरण की अभिज्ञता को आकार देते हैं: "संस्कृति एक समूह के सदस्यों के साझा विश्वासों, मूल्यों, मानदंडों और भौतिक वस्तुओं का विज्ञ समुच्चय है। बचपन से बुढ़ापे तक के जीवनक्रम के दौरान समूहों में हम जो कुछ भी सीखते हैं वो सब संस्कृति में शामिल है।" लेकिन "फ़्रांसिसी" संस्कृति की अवधारणा कुछ कठिनाइयां खड़ी करती है और "फ़्रांसिसी" ("फ्रेंच") अभिव्यक्ति का ठीक क्या मतलब है इस बारे में धारणाओं या अनुमानों की एक श्रृंखला है। जबकि अमेरिकी संस्कृति के बारे में "मेल्टिंग पौट" और सांस्कृतिक विविधता की धारणा को मान लिया गया है, लेकिन "फ़्रांसिसी संस्कृति" एक विशेष भौगोलिक इकाई (जैसे कि कह सकते हैं, "मेट्रोपोलिटन फ्रांस", आम तौर पर इसके विदेश स्थित क्षेत्रों को छोड़ दिया जाता है) या नस्ल, भाषा, धर्म और भूगोल द्वारा परिभाषित एक विशिष्ट ऐतिहासिक-सामाजिक समूह को अव्यक्त रूप से संदर्भित है। हालांकि "फ्रेंचनेस" की वास्तविकताएं अत्यंत जटिल हैं। उन्नीसवीं सदी के अंतिम चरण से पहले, "मेट्रोपोलिटन फ्रांस" मुख्यतः स्थानीय प्रथाओं और क्षेत्रीय अंतरों का एक पैबंद भर था, जिसका एन्सियन रिजीम (फ्रांस की राज्य क्रांति से पूर्व की शासन-पद्धति) के एकीकरण का उद्देश्य था और फ़्रांसिसी क्रांति ने इसके खिलाफ काम करना शुरू किया था; और आज का फ्रांस अनेक देशी और विदेशी भाषाओं, बहु-जातीयताओं और धर्मों तथा क्षेत्रीय विविधता वाला देश है, जिसमें कोर्सिका, ग्वाडेलोप, मार्टिनिक और विश्व में अन्य स्थानों के फ़्रांसिसी नागरिक शामिल हैं। इस बृहद विविधता के बावजूद, एक प्रकार की विशिष्ट या साझा संस्कृति या "सांस्कृतिक पहचान" का सृजन एक शक्तिशाली आंतरिक शक्तियों का परिणाम है - जैसे कि फ़्रांसिसी शिक्षा पद्धति, अनिवार्य सैन्य सेवा, सरकारी भाषाई व सांस्कृतिक नीतियां - और फ्रैंको-प्रशिया युद्ध तथा दो विश्व युद्धों जैसी गंभीर ऐतिहासिक घटनाएं ऎसी प्रभावशाली आंतरिक शक्ति रहीं जिनसे 200 सालों के दौरान एक राष्ट्रीय पहचान की भावना को पैदा हुई। हालांकि, इन एकीकृत शक्तियों के बावजूद, फ्रांस आज भी सामाजिक वर्ग और संस्कृति में महत्वपूर्ण क्षेत्रीय मतभेदों (भोजन, भाषा/उच्चारण, स्थानीय परंपराएं) द्वारा चिह्नित होता है, जो कि समकालीन सामाजिक शक्तियों (ग्रामीण क्षेत्रों से आबादी का पलायन, अप्रवासन, केंद्रीकरण, बाजार की शक्तियां और विश्व अर्थव्यवस्था) का सामना करने में अक्षम रहेगा.

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फ्रेंच फ्राइज़

चिप्स या फ्रेंच फ्राइज़ (अमेरिकी अंग्रेज़ी में, या चिप्स कभी-कभी बड़े अक्षरों में लिखा गया), फ्राइज़, या फ्रेंच फ्राइड पोटैटोज़ पूर्ण रूप से तले हुए आलू के पतले व लम्बे टुकड़े होते हैं। अमेरिकी प्रायः तले हुए आलू के किसी भी लम्बे टुकड़े को फ्राइज़ कहते हैं, जबकि विश्व के अन्य भागों में, विशेषकर युनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड और न्यू जीलैंड में तले हुए आलूओं के पतले, लम्बे टुकड़े फ्राइज़ कहे जाते हैं जिससे कि उनमें और आलू के मोटे टुकड़ों से बने चिप्स में विभेद किया जा सके। फ़्रांस में फ्रेंच फ्राइज़ को फ्राइट्स या पोमेज़ फ्राइट्स कहते हैं, यह एक ऐसा नाम है जिसका प्रयोग अनेक फ़्रांसिसी न बोलने वाले देशों में भी किया जाता है, अन्य भाषाओं में इनके नामों का अर्थ "फ्राइड पोटैटोज़" या "फ्रेंच पोटैटोज़" है। .

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बर्गर किंग

बर्गर किंग, जिसे अक्सर संक्षेप में बीके कहा जाता है, हैमबर्गर फास्ट फूड रेस्तरां की एक वैश्विक श्रृंखला है जिसका मुख्यालय अनिगमित मियामी-डेड काउंटी, फ्लोरिडा, अमेरिका में है। इस कंपनी की शुरुआत 1953 में एक जैक्सनविल, फ्लोरिडा आधारित रेस्तरां श्रृंखला के रूप में हुई थी जिसे मूलतः इंस्टा-बर्गर किंग के नाम से जाना जाता था। 1955 में वित्तीय कठिनाइयों से गुजरने के बाद इस कंपनी की दो मियामी आधारित फ्रेंचाइजी डेविड एडगरटन और जेम्स मैकलामोर ने कंपनी को खरीद लिया और इसका नाम बर्गर किंग रखा। अगली आधी शताब्दी में इस कंपनी के स्वामित्व में चार बार बदलाव हुआ; और इसके मालिकों के तीसरे समूह अर्थात् टीपीजी कैपिटल, बेन कैपिटल और गोल्डमैन साक्स कैपिटल पार्टनर्स की एक भागीदारी ने 2002 में इस कंपनी को सार्वजनिक कर दिया गया। वर्तमान में इसका स्वामित्व ब्राजील के 3जी कैपिटल के पास है जिसने 2010 के अंतिम दौर में मूल्य के एक सौदे में कंपनी के ज्यादातर शेयरों को हासिल कर लिया। 1954 में बर्गर किंग के मेनू में बर्गर, फ्राई, सोडा और मिल्कशेक जैसी बुनियादी चीजें ही शामिल थीं, लेकिन आज यहां विविध चीजों का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाता है। मेनू में पहली बार 1957 में व्हौपर (Whopper) को शामिल किया गया; जो उसके बाद से बर्गर किंग का प्रमुख उत्पाद बन गया है। लेकिन साथ ही, बीके द्वारा पेश किये गए कई उत्पाद बाजार में अपनी पकड़ बनाने में असफल भी रहे हैं। अमेरिका में इनमें से कुछ विफलताओं ने विदेशी बाजारों में सफलता का मुंह भी देखा है जहां बीके ने अपने मेनू को क्षेत्रीय स्वाद के अनुरूप बनाया है। 2002 में कंपनी को ख़रीदे जाने के बाद बर्गर किंग ने आक्रामक रूप से ज्यादा उत्पादों के साथ 18 से 34 साल के पुरुषों को अपना लक्ष्य बनाना शुरू कर दिया जिन्होंने परिणामस्वरूप अक्सर बहुत बड़े पैमाने पर अस्वस्थ्यकर वसा और पार-वसा का इस्तेमाल किया। इस कार्यनीति के परिणामस्वरूप अंत में कंपनी के वित्तीय आधार को गहरा झटका लगा और इसका इसकी आमदनी पर नकारात्मक असर पड़ा.

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लज़ान्या

एक थाली पर रखा लज़ान्या जिसमें पास्ता की लहरदार परत दिखाई दे रही है। लज़ान्या (बहुवचन लज़ान्ये) एक बेहतरीन इतालवी पास्ता कैसरोल पकवान है जिसमें एक के बाद एक पास्ता, चीज़, सॉस और प्रायः अन्य सामग्रीयों की परतें होती हैं। इतालावी व्यंजनों की विशिष्टता के अनुसार, इसके कई क्षेत्रीय रूप मौजूद हैं। कुछ क्षेत्रों में, विशेष रूप से इटली के दक्षिणी क्षेत्रों में इस्तेमाल किये जाने वाले सॉस के या तो साधारण टमाटर सॉस होने की संभावना होती है या रागु होने की, जबकि अन्य क्षेत्रों में, विशेष रूप से उत्तरी इटली में, बेच्मेल सॉस का उपयोग किया जाता है। यह शब्द पकवान और पास्ता की परत, दोनों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लज़ान्या एकवचन शब्द है, जबकि लज़ान्ये इसका बहुवचन है। ब्रिटेन में इस पकवान के लिए इसके बहुवचन नाम (लज़ान्ये) का ही प्रयोग किया जाता है। लज़ान्या शब्द, जो मूल रूप से एक खाना पकाने के बर्तन को कहते हैं, अब केवल व्यंजन को ही वर्णित करता है। .

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सलाद

एक सलाद की थाली. व्यंजनों के व्यापक विविध प्रकार में से एक है सलाद जिसमें शामिल है वेजीटेबल सलाद; पास्ता सलाद, फलियां, अंडा, या अनाज सलाद; मिश्रित सलाद जिसमें मांस, अंडा, या सीफ़ूड होता है; और फ्रुट सलाद.

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स्नैक फूड (अल्पाहार)

स्नैक (अल्पाहार) भोजन का वह भाग है जो अक्सर नियमित भोजन से कम होता है, आमतौर पर जिसे दो भोजनों के बीच में खाया जाता है। स्नैक्स कई किस्मों में आते हैं जिसमें शामिल हैं पैक किये हुए और संसाधित खाद्य पदार्थ और घर पर ताजा सामग्री से बनी चीज़ें.

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स्पगैटी

संशोषण या मसाला के बिना एक थाली पर पकाया हुआ स्पेगेटी. स्पगैटी इतालवी मूल का एक लंबा, पतला, बेलनाकार पास्ता है।स्पेगेटी.

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सूप

फ़्रांसिसी प्याज सूप का एक कटोरा रोटी के साथ घर में बना हुआ चिकन नूडल सूप सूप या शोरबा एक प्रकार का खाद्य पदार्थ है जो मीट और सब्जियों जैसी सामग्रियों को, स्टॉक, जूस, पानी या किसी अन्य तरल पदार्थ में मिलाकर बनाया जाता है। इसके अतिरिक्त गर्म सूप की अन्य विशेषता यह है कि इनमें एक पात्र में तरल पदार्थ में ठोस सामग्रियों को तब तक उबाला जाता है जब तक कि स्वाद उनसे निकलर तरल पदार्थ में न समा जाए और वह एक शोरबे जैसा हो जाये.

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सूक्ष्मजीव

जीवाणुओं का एक झुंड वे जीव जिन्हें मनुष्य नंगी आंखों से नही देख सकता तथा जिन्हें देखने के लिए सूक्ष्मदर्शी यंत्र की आवश्यकता पड़ता है, उन्हें सूक्ष्मजीव (माइक्रोऑर्गैनिज्म) कहते हैं। सूक्ष्मजैविकी (microbiology) में सूक्ष्मजीवों का अध्ययन किया जाता है। सूक्ष्मजीवों का संसार अत्यन्त विविधता से बह्रा हुआ है। सूक्ष्मजीवों के अन्तर्गत सभी जीवाणु (बैक्टीरिया) और आर्किया तथा लगभग सभी प्रोटोजोआ के अलावा कुछ कवक (फंगी), शैवाल (एल्गी), और चक्रधर (रॉटिफर) आदि जीव आते हैं। बहुत से अन्य जीवों तथा पादपों के शिशु भी सूक्ष्मजीव ही होते हैं। कुछ सूक्ष्मजीवविज्ञानी विषाणुओं को भी सूक्ष्मजीव के अन्दर रखते हैं किन्तु अन्य लोग इन्हें 'निर्जीव' मानते हैं। सूक्ष्मजीव सर्वव्यापी होते हैं। यह मृदा, जल, वायु, हमारे शरीर के अंदर तथा अन्य प्रकार के प्राणियों तथा पादपों में पाए जाते हैं। जहाँ किसी प्रकार जीवन संभव नहीं है जैसे गीज़र के भीतर गहराई तक, (तापीय चिमनी) जहाँ ताप 100 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ा हुआ रहता है, मृदा में गहराई तक, बर्फ की पर्तों के कई मीटर नीचे तथा उच्च अम्लीय पर्यावरण जैसे स्थानों पर भी पाए जाते हैं। जीवाणु तथा अधिकांश कवकों के समान सूक्ष्मजीवियों को पोषक मीडिया (माध्यमों) पर उगाया जा सकता है, ताकि वृद्धि कर यह कालोनी का रूप ले लें और इन्हें नग्न नेत्रों से देखा जा सके। ऐसे संवर्धनजन सूक्ष्मजीवियों पर अध्ययन के दौरान काफी लाभदायक होते हैं। .

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सोया दूध

सोया दूध (सोया दूध, सोयादूध, सोयाबीन दूध या सोया रस भी कहा जाता है और कभी कभी सोया शरबत/पेय के रूप में निर्दिष्ट होता है), यह सोयाबीन से बना एक पेय है। ये तेल, पानी और प्रोटीन का एक स्थिर पायस है, जो सूखे सोयाबीन को भिगो कर पानी के साथ पीस कर बनाया जाता है। सोया दूध में लगभग उसी अनुपात में प्रोटीन होता है जैसा कि गाय के दूध में: लगभग 3.5%, साथ ही 2% वसा, 2.9% कार्बोहाइड्रेट और 0.5% राख.

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जायफल

गोवा में मिरिस्टिका फ्रेग्रंस वृक्ष वृक्ष पर जायफल (केरल) जायफल (वानस्पतिक नाम: Myristica fragrans; संस्कृत: जातीफल) एक सदाबहार वृक्ष है जो इण्डोनेशिया के मोलुकास द्वीप (Moluccas) का देशज है। इससे दो मसाले प्राप्त होते हैं - जायफल (nutmeg) तथा जावित्री (mace)। यह चीन, ताइवान, मलेशिया, ग्रेनाडा, केरल, श्रीलंका, और दक्षिणी अमेरिका में खूब पैदा होता है। मिरिस्टिका नामक वृक्ष से जायफल तथा जावित्री प्राप्त होती है। मिरिस्टका की अनेक जातियाँ हैं परंतु व्यापारिक जायफल अधिकांश मिरिस्टिका फ्रैग्रैंस से ही प्राप्त होता है। मिरिस्टिका प्रजाति की लगभग ८० जातियाँ हैं, जो भारत, आस्ट्रेलिया तथा प्रशंत महासागर के द्वीपों में उपलब्ध हैं। यह पृथग्लिंगी (डायोशियस, dioecious) वृक्ष है। इसके पुष्प छोटे, गुच्छेदार तथा कक्षस्थ (एक्सिलरी, axillary) होते हैं। मिरिस्टिका वृक्ष के बीज को जायफल कहते हैं। यह बीज चारों ओर से बीजोपांग (aril) द्वारा ढँका रहता है। यही बीजोपांग व्यापारिक महत्व का पदार्थ जावित्री है। इस वृक्ष का फल छोटी नाशपाती के रूप का १ इंच से डेढ़ इंच तक लंबा, हल्के लाल या पीले रंग का गूदेदा होता है। परिपक्व होने पर फल दो खंडों में फट जाता है और भीतर सिंदूरी रंग का बीजोपांग या जावित्री दिखाई देने लगती है। जावित्री के भीतर गुठली होती है, जिसके काष्ठवत् खोल को तोड़ने पर भीतर जायफल (nutmeg) प्राप्त होता है। जायफल तथा जावित्री व्यापार के लिये मुख्यत: पूर्वी ईस्ट इंडीज से प्राप्त होता हैं। जायफल का वृक्ष समुद्रतट से ४००-५०० फुट तक की ऊँचाई पर उष्णकटिबंध की गरम तथा नम घाटियों में पैदा होता है। इसकी सफलता के लिये जल-निकास-युक्त गहरी तथा उर्वरा दूमट मिट्टी उपयुक्त है। इसके वृक्ष ६-७ वर्ष की आयु प्राप्त होने पर फूलते-फलते हैं। फूल लगने के पहले नर या मादा वृक्ष का पहचाना कठिन होता है। ग्रैनाडा (वेस्ट इंडीज) में साधारणत: नर तथा मादावृक्ष ३: १ के अनुपात में पाए जाते हैं जमैका के वनस्पति उद्यान में जायफल के छोटे पौधों पर मादावृक्ष की टहनी कलम करके मादा वृक्ष की संख्यावृद्धि में सफलता प्राप्त की गई है। .

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खाद्य परिरक्षण

विभिन्न संरक्षित खाद्य पदार्थ कनाडा का विश्व युद्ध प्रथम के समय का पोस्टर जो लोगों को सर्दियों के लिए भोजन संरक्षित करने के लिए प्रोत्साहित करता है। खाद्य परिरक्षण खाद्य को उपचारित करने और संभालने की एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे उसके खराब होने (गुणवत्ता, खाद्यता या पौष्टिक मूल्य में कमी) की उस प्रक्रिया को रोकता है या बहुत कम कर देता है, जो सूक्ष्म जीवाणुओं द्वारा होती या तेज कर दी जाती है। यद्दपि कुछ तरीकों में, सौम्य बैक्टीरिया, जैसे खमीर या कवक का प्रयोग किया जाता है ताकि विशेष गुण बढ़ाए जा सके और खाद्य पदार्थों को संरक्षित किया जा सके (उदाहरण के तौर पर पनीर और शराब).

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ऑमलेट

एक साधा ऑमलेट एक ऑमलेट फेंटे हुए अंडो से बना पदार्थ है जिसे मख्खन या तेल में तवे पर जल्दी बनाया जाता है और कभी कबार इसे चीज़, सब्जियों या मिट के साथ परोसा जाता है। इसे मुलायम बनाने के लिए इसे कभी कबार क्रीम, दूध या पानी में मिलकर फेंटा जाता है जिससे इसमें बुलबुले बन जाते है। .

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ऑस्ट्रिया

ऑस्ट्रिया (जर्मन: Österreich एओस्तेराइख़, अर्थात पूर्वी राज्य) मध्य यूरोप में स्थित एक स्थल रुद्ध देश है। इसकी राजधानी वियना है। इसकी (मुख्य- और राज-) भाषा जर्मन भाषा है। देश का ज़्यादातर हिस्सा ऐल्प्स पर्वतों से ढका हुआ है। यूरोपीय संघ के इस देश की मुद्रा यूरो है। इसकी सीमाएं उत्तर में जर्मनी और चेक गणराज्य से, पूर्व में स्लोवाकिया और हंगरी से, दक्षिण में स्लोवाकिया और इटली और पश्चिम में स्विटजरलैंड और लीश्टेनश्टाइन से मिलती है। इस देश का उद्भव नौवीं शताब्दी के दौरान ऊपरी और निचले हिस्से में आबादी के बढ़ने के साथ हुआ। Ostarrichi शब्द का पहले पहल इस्तेमाल 996 में प्रकाशित आधिकारिक लेख में किया गया, जो बाद में Österreich एओस्तेराइख़ में बदल गया। आस्ट्रिया में पूर्वी आल्प्स की श्रेणियाँ फैली हुई हैं। इस पर्वतीय देश का पश्चिमी भाग विशेष पहाड़ी है जिसमें ओट्जरस्टुवार्ड, जिलरतुल आल्प्स (१,२४६ फुट) आदि पहाड़ियाँ हैं। पूर्वी भाग की पहाड़ियां अधिक ऊँची नहीं हैं। देश के उत्तर पूर्वी भाग में डैन्यूब नदी पश्चिम से पूर्व को (३३० किमी लंबी) बहती है। ईन, द्रवा आदि देश की सारी नदियां डैन्यूब की सहायक हैं। उत्तरी पश्चिमी सीमा पर स्थित कांस्टैंस, दक्षिण पूर्व में स्थित न्यूडिलर तथा अतर अल्फ गैंग, आसे आदि झीलें देश की प्राकृतिक शोभा बढ़ाती हैं। आस्ट्रिया की जलवायु विषम है। यहां ग्रर्मियों में कुछ अधिक गर्मी तथा जाड़ों में अधिक ठंडक पड़ती है। यहां पछुआ तथा उत्तर पश्चिमी हवाओं से वर्षा होती है। आल्प्स की ढालों पर पर्याप्त तथा मध्यवर्ती भागों में कम पानी बरसता है। यहाँ की वनस्पति तथा पशु मध्ययूरोपीय जाति के हैं। यहाँ देश के ३८ प्रतिशत भाग में जंगल हैं जिनमें ७१ प्रतिशत चीड़ जाति के, १९ प्रतिशत पतझड़ वाले तथा १० प्रतिशल मिश्रित जंगल हैं। आल्प्स के भागों में स्प्रूस (एक प्रकार का चीड़) तथा देवदारु के वृक्ष तथा निचले भागों में चीड़, देवदारु तथा महोगनी आदि जंगली वृक्ष पाए जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि आस्ट्रिया का प्रत्येक दूसरा वृक्ष सरो है। इन जंगलों में हिरन, खरगोश, रीछ आदि जंगली जानवर पाए जाते हैं। देश की संपूर्ण भूमि के २९ प्रतिशत पर कृषि होती है तथा ३० प्रतिशत पर चारागाह हैं। जंगल देश की बहुत बड़ी संपत्ति है, जो शेष भूमि को घेरे हुए है। लकड़ी निर्यात करनेवाले देशों में आस्ट्रिया का स्थान छठा है। ईजबर्ग पहाड़ के आसपास लोहे तथा कोयले की खानें हैं। शक्ति के साधनों में जलविद्युत ही प्रधान है। खनिज तैल भी निकाला जाता है। यहां नमक, ग्रैफाइट तथा मैगनेसाइट पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। मैगनेसाइट तथा ग्रैफाइट के उत्पादन में आस्ट्रिया का संसार में क्रमानुसार दूसरा तथा चौथा स्थान है। तांबा, जस्ता तथा सोना भी यहां पाया जाता है। इन खनिजों के अतिरिक्त अनुपम प्राकृतिक दृश्य भी देश की बहुत बड़ी संपत्ति हैं। आस्ट्रिया की खेती सीमित है, क्योंकि यहां केवल ४.५ प्रतिशत भूमि मैदानी है, शेष ९२.३ प्रतिशत पर्वतीय है। सबसे उपजाऊ क्षेत्र डैन्यूब की पार्श्ववर्ती भूमि (विना का दोआबा) तथा वर्जिनलैंड है। यहां की मुख्य फसलें राई, जई (ओट), गेहूँ, जौ तथा मक्का हैं। आलू तथा चुकंदर यहां के मैदानों में पर्याप्त पैदा होते हैं। नीचे भागों में तथा ढालों पर चारेवाली फसलें पैदा होती हैं। इनके अतिरिक्त देश के विभिन्न भागों में तीसी, तेलहन, सन तथा तंबाकू पैदा किया जाता है। पर्वतीय फल तथा अंगूर भी यहाँ होता है। पहाड़ी क्षेत्रों में पहाड़ों को काटकर सीढ़ीनुमा खेत बने हुए हैं। उत्तरी तथा पूर्वी भागों में पशुपालन होता है तथा यहाँ से वियना आदि शहरों में दूध, मक्खन तथा चीज़ पर्याप्त मात्रा में भेजा जाता है। जोरारलबर्ग देश का बहुत बड़ा संघीय पशुपालन केंद्र है। यहां बकरियां, भेड़ें तथा सुअर पर्याप्त पाले जाते हैं जिनसे मांस, दूध तथा ऊन प्राप्त होता है। आस्ट्रिया की औद्योगिक उन्नति महत्वपूर्ण है। लोहा, इस्पात तथा सूती कपड़ों के कारखाने देश में फैले हुए हैं। रासायनिक वस्तुएँ बनाने के बहुत से कारखाने हैं। यहाँ धातुओं के छोटे मोटे सामान, वियना में विविध प्रकार की मशीनें तथा कलपुर्जे बनाने के कारखाने हैं। लकड़ी के सामान, कागज की लुग्दी, कागज एवं वाद्यतंत्र बनाने के कारखाने यहां के अन्य बड़े धंधे हैं। जलविद्युत् का विकास खूब हुआ है। देश को पर्यटकों का भी पर्याप्त लाभ होता है। पहाड़ी देश होने पर भी यहाँं सड़कों (कुल सड़कें ४१,६४९ कि.मी.) तथा रेलवे लाइनों (५,९०८ कि.मी.) का जाल बिछा हुआ है। वियना यूरोप के प्राय: सभी नगरों से संबद्ध है। यहां छह हवाई अड्डे हैं जो वियना, लिंज, सैल्बर्ग, ग्रेज, क्लागेनफर्ट तथा इंसब्रुक में हैं। यहां से निर्यात होनेवाली वस्तुओं में इमारती लकड़ी का बना सामान, लोहा तथा इस्पात, रासायनिक वस्तुएं और कांच मुख्य हैं। विभिन्न विषयों की उच्चतम शिक्षा के लिए आस्ट्रिया का बहुत महत्व है। वियना, ग्रेज तथा इंसब्रुक में संसारप्रसिद्ध विश्वविद्यालय हैं। आस्ट्रिया में गणतंत्र राज्य है। यूरोप के ३६ राज्यों में, विस्तार के अनुसार, आस्ट्रिया का स्थान १९वाँ है। यह नौ प्रांतों में विभक्त है। वियना प्रांत में स्थित वियना नगर देश की राजधानी है। आस्ट्रिया की संपूर्ण जनसंख्या का १/४ भाग वियना में रहता है जो संसार का २२वाँ सबसे बड़ा नगर है। अन्य बड़े नगर ग्रेज, जिंज, सैल्जबर्ग, इंसब्रुक तथा क्लाजेनफर्ट हैं। अधिकांश आस्ट्रियावासी काकेशीय जाति के हैं। कुछ आलेमनों तथा बवेरियनों के वंशज भी हैं। देश सदा से एक शासक देश रहा है, अत: यहां के निवासी चरित्रवान् तथा मैत्रीपूर्ण व्यवहारवाले होते हैं। यहाँ की मुख्य भाषा जर्मन है। आस्ट्रिया का इतिहास बहुत पुराना है। लौहयुग में यहाँ इलिरियन लोग रहते थे। सम्राट् आगस्टस के युग में रोमन लोगों ने देश पर कब्जा कर लिया था। हूण आदि जातियों के बाद जर्मन लोगों ने देश पर कब्जा कर लिया था (४३५ ई.)। जर्मनों ने देश पर कई शताब्दियों तक शासन किया, फलस्वरूप आस्ट्रिया में जर्मन सभ्यता फैली जो आज भी वर्तमान है। १९१९ ई. में आस्ट्रिया वासियों की प्रथम सरकार हैप्सबर्ग राजसत्ता को समाप्त करके, समाजवादी नेता कार्ल रेनर के प्रतिनिधित्व में बनी। १९३८ ई. में हिटलर ने इसे महान् जर्मन राज्य का एक अंग बना लिया। द्वितीय विश्वयुद्ध में इंग्लैंड आदि देशों ने आस्ट्रिया को स्वतंत्र करने का निश्चय किया और १९४५ ई. में अमरीकी, ब्रितानी, फ्रांसीसी तथा रूसी सेनाओं ने इसे मुक्त करा लिया। इससे पूर्व अक्टूबर, १९४३ ई. की मास्को घोषणा के अंतर्गत ब्रिटेन, अमरीका तथा रूस आस्ट्रिया को पुन: एक स्वतंत्र तथा प्रभुसत्तासंपन्न राष्ट्र के रूप में प्रतिष्ठित कराने का अपना निश्चय व्यक्त कर चुके थे। २७ अप्रैल, १९४५ को डा.

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आलू के चिप्स

आलू के चिप्स यहां पुनर्निर्देशित है। एकवचन उपयोग के लिए, आलू के चिप देखें आलू के चिप्स (जिन्हें अमेरिकन, ऑस्ट्रेलियन, कनाडियन, सिंगापुर, दक्षिणी अफ्रीका, हवाई इंग्लिश, भारतीय इंग्लिश तथा जमैका की इंग्लिश के साथ साथ अधिकांश यूरोपीय भाषाओं में चिप्स के नाम से; ब्रिटिश तथा आयरिश इंग्लिश में क्रिस्प्स, तथा न्यू ज़ीलैंड में चिपीस के नाम से जाना जाता है) दरसल आलू की पतली फांक हैं जिन्हें तला जाता है। आलू के चिप्स को सामान्यरूप से एक क्षुधावर्धक, अतिरिक्त व्यंजन, या नाश्ते के रूप में परोसा जाता है। बुनियादी चिप्स पके हुए तथा नमक मिलाये गए होते हैं; अतिरिक्त विविधताओं को बनाने के लिए अनेक स्वादों तथा सामग्रियों का प्रयोग किया जाता है जिनमें सीजनिंग, जड़ी-बूटियां, मसाले, चीज़ तथा कृत्रिम योज्य शामिल होते हैं। क्रिस्प्स, तथापि, ब्रिटेन तथा आयरलैंड में नाश्ते के लिए बनाये गए अनेक उत्पादों को कहा जाता है, इनमें से कुछ आलू से बनते हैं, परन्तु ये मक्का, मैदा तथा कसावा से भी बनाये जाते हैं। इस प्रकार के क्रिस्प्स का एक उदाहरण मॉन्स्टर मंच है। क्रिस्प्स का प्रयोग उत्तरी अमेरिका में भी होता है जहां इन्हें आलू से बने नाश्ते के रूप में जाना जाता है जिनका सुखाये हुए आलू के फ्लेक व अन्य पूरक वस्तुओं से पुनर्निर्माण किया जाता है, उदाहरण के लिए "बेकद ले'स" व प्रिंगल्स, हालांकि तकनीकी रूप से प्रिंगल तेल में "क्विक फ्राई" किये जाते हैं। आलू के चिप्स अंग्रेजी भाषी देशों में तथा कई अन्य पश्चिमी देशों के स्नैक खाद्य बाजार का एक प्रमुख भाग हैं। 2005 में वैश्विक आलू चिप बाजार का कुल राजस्व 16.4 बिलियन डॉलर था। यह उस वर्ष के नमकीन नाश्तों के कुल बाज़ार का 35.5% था (46.1 बिलियन डॉलर).

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छेना झिल्ली

छेना झिल्ली भारत के ओडिशा राज्य की एक लोकप्रिय मिठाई है। यह टेल हुए पनीर और चीनी सिरप से तैयार किया जाता है। कहा जाता है कि जिस व्यक्ति ने इस मिठाई की शुरुआत की अर्थात पहली बार बनाई वह निमापारा के श्याम सुंदरपुर गांव से अर्तू साहू था। .

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