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गुठलीदार फल

सूची गुठलीदार फल

आड़ू एक गुठलीदार फल है गुठलीदार फल ऐसे फल को कहते हैं जिसमें बाहरी छिलके और गूदे के अन्दर एक सख़्त गुठली हो जिसके अन्दर फल का बीज हो। कॉफ़ी, आम, बादाम, आड़ू, आलूबालू (चेरी), पिस्ता, ख़ुबानी और आलू-बुख़ारा कुछ गुठली वाले फल हैं। .

6 संबंधों: पॉइज़न आइवी, बुख़ारा (बहुविकल्पी), भारतीय आम, ख़ुबानी, आलू बुख़ारा, आलूबालू

पॉइज़न आइवी

टॉक्सिकोडेंड्रोन रेडिकंस (पॉइज़न आइवी; पुराने समानार्थक शब्द रुस टॉक्सिकोडेंड्रोन, रुस रेडिकंसUSDA अग्नि प्रभाव सूचना व्यवस्था), ऐनाकार्डियासी परिवार का एक पौधा है। यह एक जंगली लता है जो युरुशियोल नामक एक त्वचा प्रदाहक उत्पन्न करने की अपनी क्षमता के लिए काफी मशहूर है जो अधिकांश लोगों में होने वाली एक खुजली वाली फुंसी का कारण है जिसे तकनीकी तौर पर युरुशियोल-प्रेरित संपर्क त्वचादाह के रूप में जाना जाता है लेकिन यह एक वास्तविक आइवी (हेडेरा) नहीं है। .

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बुख़ारा (बहुविकल्पी)

बुख़ारा और इस से मिलते हुए शब्द कई सन्दर्भों में इस्तेमाल होते हैं.

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भारतीय आम

आम अत्यंत उपयोगी, दीर्घजीवी, सघन तथा विशाल वृक्ष है, जो भारत में दक्षिण में कन्याकुमारी से उत्तर में हिमालय की तराई तक (3,000 फुट की ऊँचाई तक) तथा पश्चिम में पंजाब से पूर्व में आसाम तक, अधिकता से होता है। अनुकूल जलवायु मिलने पर इसका वृक्ष 50-60 फुट की ऊँचाई तक पहुँच जाता है। वनस्पति वैज्ञानिक वर्गीकरण के अनुसार आम ऐनाकार्डियेसी कुल का वृक्ष है। आम के कुछ वृक्ष बहुत ही बड़े होते हैं। .

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ख़ुबानी

ख़ुबानी एक गुठलीदार फल है। वनस्पति-विज्ञान के नज़रिए से ख़ुबानी, आलू बुख़ारा और आड़ू तीनों एक ही "प्रूनस" नाम के वनस्पति परिवार के फल हैं। उत्तर भारत और पाकिस्तान में यह बहुत ही महत्वपूर्ण फल समझा जाता है और कुछ विशेषज्ञों के अनुसार यह भारत में पिछले ५,००० साल से उगाया जा रहा है।Huxley, A., ed.

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आलू बुख़ारा

पेड़ पर लटकते आलू बुख़ारे पीले रंग के मिराबॅल आलू बुख़ारे अलूचा या आलू बुखारा (अंग्रेजी नाम: प्लम; वानस्पतिक नाम: प्रूनस डोमेस्टिका) एक पर्णपाती वृक्ष है। इसके फल को भी अलूचा या प्लम कहते हैं। फल, लीची के बराबर या कुछ बड़ा होता है और छिलका नरम तथा साधरणत: गाढ़े बैंगनी रंग का होता है। गूदा पीला और खटमिट्ठे स्वाद का होता है। भारत में इसकी खेती बहुत कम होती है; परंतु अमरीका आदि देशों में यह महत्वपूर्ण फल है।आलूबुखारा (प्रूनस बुखारेंसिस) भी एक प्रकार का अलूचा है, जिसकी खेती बहुधा अफगानिस्तान में होती है। अलूचा का उत्पत्तिस्थान दक्षिण-पूर्व यूरोप अथवा पश्चिमी एशिया में काकेशिया तथा कैस्पियन सागरीय प्रांत है। इसकी एक जाति प्रूनस सैल्सिना की उत्पत्ति चीन से हुई है। इसका जैम बनता है। आलू बुख़ारा एक गुठलीदार फल है। आलू बुख़ारे लाल, काले, पीले और कभी-कभी हरे रंग के होते हैं। आलू बुख़ारों का ज़ायका मीठा या खट्टा होता है और अक्सर इनका पतला छिलका अधिक खट्टा होता है। इनका गूदा रसदार होता है और इन्हें या तो सीधा खाया जा सकता है या इनके मुरब्बे बनाए जा सकते हैं। इनके रस पर खमीर उठने पर आलू बुख़ारे की शराब भी बनाई जाती है। सुखाए गए आलू बुख़ारों को बहुत जगहों पर खाया जाता है और उनमें ऑक्सीकरण रोधी (ऐन्टीआक्सडन्ट) पदार्थ होते हैं जो कुछ रोगों से शरीर को सुरक्षित रखने में मददगार हो सकते हैं। आलू बुख़ारों की कई क़िस्मों में कब्ज़ का इलाज करने वाले (यानि जुलाब के) पदार्थ भी होते हैं। यह खटमिट्ठा फल भारत के पहाड़ी प्रदेशों में होता है। अलूचा के सफल उत्पादन के लिए ठंडी जलवायु आवश्यक है। देखा गया है कि उत्तरी भारत की पर्वतीय जलवायु में इसकी उपज अच्छी हो सकती है। मटियार, दोमट मिट्टी अत्यंत उपयुक्त है, परंतु इस मिट्टी का जलोत्सारण (ड्रेनेज) उच्च कोटि का होना चाहिए। इसकी सिंचाई आड़ू की भांति करनी चाहिए। अलूचा का वर्गीकरण फल पकने के समयानुसार होता है.

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आलूबालू

गिलास, जिसे आलूबालू या (अंग्रेज़ी में) चेरी भी कहा जाता है पतझड़ के मौसम में गिलास के पेड़ बसंत ऋतू में फूलों से लदे हुए गिलास के छोटे पेड़ आलूबालू, गिलास या चेरी एक खट्टा-मीठा गुठलीदार फल है। इसका रंग लाल, काला या पीला होता है और इसका अकार आधे से सवा इंच के व्यास (डायामीटर) का गोला होता है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

गुठलीदार, गुठलीवाला

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