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खलनायक (फ़िल्म)

सूची खलनायक (फ़िल्म)

खलनायक 1993 में बनी हिन्दी भाषा की एक्शन फिल्म है। इसका निर्माण और निर्देशन सुभाष घई ने किया है और मुख्य किरदार संजय दत्त, माधुरी दीक्षित और जैकी श्रॉफ ने निभाए हैं। यह फिल्म आँखें के बाद साल की सबसे बड़ी हिट फिल्म थी। इसने 2 फिल्मफेयर पुरस्कार भी जीते थे। .

सामग्री की तालिका

  1. 23 संबंधों: थानेदार (फ़िल्म), नीना गुप्ता, प्रमोद मुथु (हिन्दी फ़िल्म कलाकार), फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार, फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार, फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार, फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार, बिनाका गीत माला, भारतीय सिनेमा, मनहर उधास, माधुरी दीक्षित की फ़िल्में, मंगल ढ़िल्लों, रम्या कृष्णन, राखी गुलज़ार, संजय दत्त को मिले पुरस्कार और नामांकनों की सूची, संजय दत्त की फ़िल्में, सुभाष घई, हिंदी चलचित्र, १९९० दशक, जगजीत सिंह, जैकी श्रॉफ, विनोद राठोड़, अलका याज्ञिक, अली असगर

थानेदार (फ़िल्म)

थानेदार 1990 में बनी हिन्दी भाषा की एक्शन फिल्म है। इस फिल्म में जीतेन्द्र, जयाप्रदा, संजय दत्त और माधुरी दीक्षित मुख्य भूमिकाओं में हैं। इस फिल्म में पहली बार संजय दत्त और माधुरी की जोड़ी बनाई गई थी। आगे जाकर इनकी कई सफल फ़िल्में आई जैसे की साजन और खलनायक। .

देखें खलनायक (फ़िल्म) और थानेदार (फ़िल्म)

नीना गुप्ता

नीना गुप्ता (जन्म: 4 जुलाई 1959) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री, टीवी कलाकार और फिल्म डायरेक्टर तथा प्रोड्यूसर हैं। उन्हें वर्ष 1990 में फ़िल्म "वो छोकरी' के लिये बेस्ट सपोर्टिंग अभिनेत्री का फ़िल्म फ़ेयर पुरस्कार मिला। वे अस्सी के दशक में प्रसिद्द क्रिकेटर विवियन रिचर्ड्स के साथ आपने प्रेम संबंधों के कारण काफ़ी चर्चा में रहीं; और 1989 में उन्होंने विवियन से बिना विवाह किये बेटी मसाबा को जन्म दिया। .

देखें खलनायक (फ़िल्म) और नीना गुप्ता

प्रमोद मुथु (हिन्दी फ़िल्म कलाकार)

प्रमोद मुथु हिन्दी फ़िल्मों के एक कलाकार हैं। .

देखें खलनायक (फ़िल्म) और प्रमोद मुथु (हिन्दी फ़िल्म कलाकार)

फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार

फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार हिंदी फिल्मों के लिए वार्षिक फिल्मफेयर पुरस्कार के हिस्से के रूप में फिल्मफेयर द्वारा दिया जाने वाला पुरस्कार है। यह किसी महिला पार्श्व गायिका को दिया जाता है जिसने फिल्म गीत में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। यद्यपि पुरस्कार समारोह की स्थापना 1954 में हुई थी लेकिन 1959 में सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक की श्रेणी शुरू की गई थी। यह पुरस्कार 1967 तक पुरुष और माहिला गायक दोनों के लिए शुरू में एक ही था। इस श्रेणी को अगले वर्ष विभाजित किया गया था और जब से पुरुष और महिला गायक को अलग पुरस्कार से प्रस्तुत किया जाता है। .

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फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार

फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार हिंदी फिल्मों के लिए वार्षिक फिल्मफेयर पुरस्कार के हिस्से के रूप में फिल्मफेयर द्वारा दिया जाने वाला पुरस्कार है। यह किसी पुरुष पार्श्व गायक को दिया जाता है जिसने फिल्म गीत में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। यद्यपि पुरस्कार समारोह की स्थापना 1954 में हुई थी लेकिन 1959 में सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक की श्रेणी शुरू की गई थी। यह पुरस्कार 1967 तक पुरुष और माहिला गायक दोनों के लिए शुरू में एक ही था। इस श्रेणी को अगले वर्ष विभाजित किया गया था और जब से पुरुष और महिला गायक को अलग पुरस्कार से प्रस्तुत किया जाता है। .

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फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार

फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार फ़िल्मफ़ेयर पत्रिका द्वारा प्रति वर्ष दिया जाने वाला पुरस्कार है। .

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फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार

फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार फ़िल्मफ़ेयर पत्रिका द्वारा प्रति वर्ष दिया जाने वाला पुरस्कार है। .

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बिनाका गीत माला

अमीन सयानी; बिनाका गीत माला के उद्धोषक जिनके मनमोहक अंदाज़ ने सबको दीवाना बना दिया था बिनाका गीतमाला भारतीय फिल्मी संगीत का सबसे पहला काउंट डाउन (count down) कार्यक्रम था रेडियो पर| 1950 और 1960 के दशक फिल्म, फिल्म संगीत और रेडियो के दशक थे| फिल्म और रेडियो के अलावा कोई और विशेष साधन नहीं था उन दिनों मनोरंजन का| लोकप्रिय फिल्मी गीतों पर आधारित एक कार्यक्रम प्रसारित होता था उन दिनों रेडियो सीलोन से - बिनाका गीतमाला| फिल्मी गीतों से सम्बंधित सबसे लोकप्रिय कार्यक्रम था ये उस समय का| हर बुधवार को रात 8 बजे से 9 बजे तक बिनाका गीतमाला सुनने के लिये लोग रेडियो से चिपक जाया करते थे| मेलोडियस धुनों और मधुर कंठस्वरों का संगम श्रोताओं को पूरे एक घंटे तक भाव विभोर बनाये रखता था। .

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भारतीय सिनेमा

भारतीय सिनेमा के अन्तर्गत भारत के विभिन्न भागों और भाषाओं में बनने वाली फिल्में आती हैं जिनमें आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, जम्मू एवं कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और बॉलीवुड शामिल हैं। भारतीय सिनेमा ने २०वीं सदी की शुरुआत से ही विश्व के चलचित्र जगत पर गहरा प्रभाव छोड़ा है।। भारतीय फिल्मों का अनुकरण पूरे दक्षिणी एशिया, ग्रेटर मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व एशिया और पूर्व सोवियत संघ में भी होता है। भारतीय प्रवासियों की बढ़ती संख्या की वजह से अब संयुक्त राज्य अमरीका और यूनाइटेड किंगडम भी भारतीय फिल्मों के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार बन गए हैं। एक माध्यम(परिवर्तन) के रूप में सिनेमा ने देश में अभूतपूर्व लोकप्रियता हासिल की और सिनेमा की लोकप्रियता का इसी से अन्दाजा लगाया जा सकता है कि यहाँ सभी भाषाओं में मिलाकर प्रति वर्ष 1,600 तक फिल्में बनी हैं। दादा साहेब फाल्के भारतीय सिनेमा के जनक के रूप में जाना जाते हैं। दादा साहब फाल्के के भारतीय सिनेमा में आजीवन योगदान के प्रतीक स्वरुप और 1969 में दादा साहब के जन्म शताब्दी वर्ष में भारत सरकार द्वारा दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की स्थापना उनके सम्मान में की गयी। आज यह भारतीय सिनेमा का सबसे प्रतिष्ठित और वांछित पुरस्कार हो गया है। २०वीं सदी में भारतीय सिनेमा, संयुक्त राज्य अमरीका का सिनेमा हॉलीवुड तथा चीनी फिल्म उद्योग के साथ एक वैश्विक उद्योग बन गया।Khanna, 155 2013 में भारत वार्षिक फिल्म निर्माण में पहले स्थान पर था इसके बाद नाइजीरिया सिनेमा, हॉलीवुड और चीन के सिनेमा का स्थान आता है। वर्ष 2012 में भारत में 1602 फ़िल्मों का निर्माण हुआ जिसमें तमिल सिनेमा अग्रणी रहा जिसके बाद तेलुगु और बॉलीवुड का स्थान आता है। भारतीय फ़िल्म उद्योग की वर्ष 2011 में कुल आय $1.86 अरब (₹ 93 अरब) की रही। जिसके वर्ष 2016 तक $3 अरब (₹ 150 अरब) तक पहुँचने का अनुमान है। बढ़ती हुई तकनीक और ग्लोबल प्रभाव ने भारतीय सिनेमा का चेहरा बदला है। अब सुपर हीरो तथा विज्ञानं कल्प जैसी फ़िल्में न केवल बन रही हैं बल्कि ऐसी कई फिल्में एंथीरन, रा.वन, ईगा और कृष 3 ब्लॉकबस्टर फिल्मों के रूप में सफल हुई है। भारतीय सिनेमा ने 90 से ज़्यादा देशों में बाजार पाया है जहाँ भारतीय फिल्मे प्रदर्शित होती हैं। Khanna, 158 सत्यजीत रे, ऋत्विक घटक, मृणाल सेन, अडूर गोपालकृष्णन, बुद्धदेव दासगुप्ता, जी अरविंदन, अपर्णा सेन, शाजी एन करुण, और गिरीश कासरावल्ली जैसे निर्देशकों ने समानांतर सिनेमा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और वैश्विक प्रशंसा जीती है। शेखर कपूर, मीरा नायर और दीपा मेहता सरीखे फिल्म निर्माताओं ने विदेशों में भी सफलता पाई है। 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रावधान से 20वीं सेंचुरी फॉक्स, सोनी पिक्चर्स, वॉल्ट डिज्नी पिक्चर्स और वार्नर ब्रदर्स आदि विदेशी उद्यमों के लिए भारतीय फिल्म बाजार को आकर्षक बना दिया है। Khanna, 156 एवीएम प्रोडक्शंस, प्रसाद समूह, सन पिक्चर्स, पीवीपी सिनेमा,जी, यूटीवी, सुरेश प्रोडक्शंस, इरोज फिल्म्स, अयनगर्न इंटरनेशनल, पिरामिड साइमिरा, आस्कार फिल्म्स पीवीआर सिनेमा यशराज फिल्म्स धर्मा प्रोडक्शन्स और एडलैब्स आदि भारतीय उद्यमों ने भी फिल्म उत्पादन और वितरण में सफलता पाई। मल्टीप्लेक्स के लिए कर में छूट से भारत में मल्टीप्लेक्सों की संख्या बढ़ी है और फिल्म दर्शकों के लिए सुविधा भी। 2003 तक फिल्म निर्माण / वितरण / प्रदर्शन से सम्बंधित 30 से ज़्यादा कम्पनियां भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध की गयी थी जो फिल्म माध्यम के बढ़ते वाणिज्यिक प्रभाव और व्यसायिकरण का सबूत हैं। दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग दक्षिण भारत की चार फिल्म संस्कृतियों को एक इकाई के रूप में परिभाषित करता है। ये कन्नड़ सिनेमा, मलयालम सिनेमा, तेलुगू सिनेमा और तमिल सिनेमा हैं। हालाँकि ये स्वतंत्र रूप से विकसित हुए हैं लेकिन इनमे फिल्म कलाकारों और तकनीशियनों के आदान-प्रदान और वैष्वीकरण ने इस नई पहचान के जन्म में मदद की। भारत से बाहर निवास कर रहे प्रवासी भारतीय जिनकी संख्या आज लाखों में हैं, उनके लिए भारतीय फिल्में डीवीडी या व्यावसायिक रूप से संभव जगहों में स्क्रीनिंग के माध्यम से प्रदर्शित होती हैं। Potts, 74 इस विदेशी बाजार का भारतीय फिल्मों की आय में 12% तक का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। इसके अलावा भारतीय सिनेमा में संगीत भी राजस्व का एक साधन है। फिल्मों के संगीत अधिकार एक फिल्म की 4 -5 % शुद्ध आय का साधन हो सकते हैं। .

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मनहर उधास

अंगूठाकार मनहर उधास भारतीय भजन गायक और पार्श्ववगायक है। वह हिन्दी के अलावा अपनी मातृभाषा गुजराती के लिये भी गाते हैं। वह पंकज उधास और निरमल उधास के बड़े भाई है। 1960 में यांत्रिक इंजीनियरी की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह नौक्ररी की तलाश में मुम्बई गए। सबसे पहले उन्होंने 1969 की फिल्म विश्वास के लिये गीत गाया था। .

देखें खलनायक (फ़िल्म) और मनहर उधास

माधुरी दीक्षित की फ़िल्में

माधुरी का 2012 का चित्र माधुरी दीक्षित भारतीय अभिनेत्री है जिन्हें बॉलीवुड की फिल्मों में उनके अभिनय के लिए जाना जाता है। 1984 की फिल्म अबोध में उन्होंने एक युवा दुल्हन की भूमिका के साथ अभिनय करियर की शुरुआत की थी। अगले चार वर्षों में माधुरी ने कई फिल्मों में काम किया, जिसमें आवारा बाप (1985), स्वाति (1986), उत्तर दक्षिण (1987) और दयावान (1988) शामिल थीं। हालांकि उनमें से कोई भी उन्हें ज्यादा पहचान नहीं दिला पाई। उनकी सफलता की शुरुआत 1988 में एन चन्द्रा की थ्रिलर तेज़ाब के साथ हुई, जो उस वर्ष की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी। उन्होंने व्यावसायिक रूप से सफल एक्शन-नाटकीय फ़िल्में राम लखन (1989), त्रिदेव (1989), और किशन कन्हैया (1990) में मुख्य भूमिका निभाई। 1990 की रूमानी नाटकीय फ़िल्म दिल में एक अमीर बिगड़ैल लड़की की भूमिका के लिये उन्होंने पहला सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार अर्जित किया। अगले वर्ष उन्होंने साजन में अभिनय किया जो 1991 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फ़िल्म थी। 1992 में बेटा में अपनी चालाक सास के खिलाफ विद्रोह करने वाली महिला का किरदार निभाने के लिये उन्होंने अपना दूसरा फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार जीता। माधुरी ने जैकी श्रॉफ और संजय दत्त के साथ एक्शन थ्रिलर खलनायक (1993) में अभिनय किया जो उस वर्ष की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में से एक थी। उसके बाद उन्होंने अंजाम (1994) में सकारात्मक समीक्षाओं के साथ प्रतिशोधी की भुमिका अदा की। माधुरी की अगली फ़िल्म सूरज बड़जात्या की परिवारिक नाटक हम आपके हैं कौन (1994) थी, जो उस बिंदु तक सबसे ज्यादा कमाई करने वाली बॉलीवुड फिल्म थी। उसने उन्हें बॉलीवुड की प्रमुख अभिनेत्री के रूप में स्थापित किया। अगले वर्ष उनकी राजा और याराना आई। दोनों फ़िल्में सफल रही। हालांकि 1996 की उनकी दोनों फ़िल्में, राजकुमार और प्रेम ग्रंथ वित्तीय विफलता थीं। यश चोपड़ा की 1997 की रोमांटिक फिल्म दिल तो पागल है, उनके लिए बड़ी सफलता थी। इस फिल्म में उनके अभिनय के लिये उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए चौथा फिल्मफेयर पुरस्कार मिला। तीन साल बाद समीक्षकों द्वारा प्रशंसित फ़िल्म पुकार में, उन्हें अनिल कपूर के साथ देखा गया। जिसके बाद उन्होंने प्रयोगात्मक फिल्म गज गामिनी में पाँच भूमिकाएं चित्रित कीं। 2001 में महिलाओं के अधिकारों पर फ़िल्म, लज्जा में लिंग भेदभाव के खिलाफ लड़ने वाली महिला के रूप में उनकी सहायक भूमिका के लिए माधुरी की प्रशंसा की गई। वर्ष 2002 में दीक्षित ने दो रोमांटिक फ़िल्मों में अभिनय किया, जिसमें शाहरुख खान के विपरीत देवदास भी शामिल थी। इसमें उन्होंने चंद्रमुखी चरित्र निभाया था। जिसके लिये उन्होंने सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री श्रेणी में फिल्मफेयर पुरस्कार जीता था। फ़िल्मों से पांच साल की अनुपस्थिति के बाद, माधुरी ने नृत्य फिल्म आजा नचले (2007) में एक प्रमुख भूमिका निभाई। बॉक्स ऑफिस पर फिल्म की विफलता के बावजूद, उनके प्रदर्शन की सराहना की गई। अभिषेक चौबे की ब्लैक कॉमेडी फिल्म डेढ़ इश्किया (2014) में एक जालसाज महिला की भूमिका उनकी सात साल में पहली अभिनय भूमिका थी। उन्होंने आगे जूही चावला के साथ अपराध नाटकीय फ़िल्म गुलाब गैंग में एक नेता की भूमिका चित्रण की। उनके फिल्म के कार्य के अलावा, माधुरी ने नृत्य रियलिटी शो झलक दिखला जा के चार सत्रों के लिए प्रतिभा जज (judge) के रूप में कार्य किया है। .

देखें खलनायक (फ़िल्म) और माधुरी दीक्षित की फ़िल्में

मंगल ढ़िल्लों

मंगल ढ़िल्लों हिन्दी एवं पंजाबी फ़िल्मोंं के एक अभिनेता हैं। .

देखें खलनायक (फ़िल्म) और मंगल ढ़िल्लों

रम्या कृष्णन

रम्या कृष्णन एक भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री हैं। यह हिन्दी, तेलुगू, तमिल, मलयालम और कन्नड़ भाषा में 200 से अधिक फिल्मों में कार्य कर चुकी हैं। .

देखें खलनायक (फ़िल्म) और रम्या कृष्णन

राखी गुलज़ार

रक्षाबंधन त्योहार के लिये यहाँ क्लिक करें राखी गुलज़ार (जन्म: 15 अगस्त, 1947) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

देखें खलनायक (फ़िल्म) और राखी गुलज़ार

संजय दत्त को मिले पुरस्कार और नामांकनों की सूची

यह भारतीय फ़िल्म अभिनेता संजय दत्त के पुरस्कार और नामांकनों की सूची है। .

देखें खलनायक (फ़िल्म) और संजय दत्त को मिले पुरस्कार और नामांकनों की सूची

संजय दत्त की फ़िल्में

संजय दत्त (जन्म २९ जुलाई १९५९) भारतीय फ़िल्म अभिनेता, निर्माता और राजनीतिज्ञ हैं। उन्हें मुख्यतः हिन्दी फ़िल्मों में उनके योगदानों के लिए जाना जाता है। वो फ़िल्म अभिनेता सुनील दत्त और अभिनेत्री नर्गिस के पुत्र हैं जिन्होंने १९८१ में फ़िल्मों में पदार्पण किया। .

देखें खलनायक (फ़िल्म) और संजय दत्त की फ़िल्में

सुभाष घई

सुभाष घई सुभाष घई (जन्म: २४ जनवरी, १९४५) हिन्दी फ़िल्मों के एक निर्माता-निर्देशक हैं। .

देखें खलनायक (फ़िल्म) और सुभाष घई

हिंदी चलचित्र, १९९० दशक

1990 दशक के हिंदी चलचित्र। .

देखें खलनायक (फ़िल्म) और हिंदी चलचित्र, १९९० दशक

जगजीत सिंह

जगजीत सिंह (८ फ़रवरी १९४१ - १० अक्टूबर २०११) का नाम बेहद लोकप्रिय ग़ज़ल गायकों में शुमार हैं। उनका संगीत अंत्यंत मधुर है और उनकी आवाज़ संगीत के साथ खूबसूरती से घुल-मिल जाती है। खालिस उर्दू जानने वालों की मिल्कियत समझी जाने वाली, नवाबों-रक्कासाओं की दुनिया में झनकती और शायरों की महफ़िलों में वाह-वाह की दाद पर इतराती ग़ज़लों को आम आदमी तक पहुंचाने का श्रेय अगर किसी को पहले पहल दिया जाना हो तो जगजीत सिंह का ही नाम ज़ुबां पर आता है। उनकी ग़ज़लों ने न सिर्फ़ उर्दू के कम जानकारों के बीच शेरो-शायरी की समझ में इज़ाफ़ा किया बल्कि ग़ालिब, मीर, मजाज़, जोश और फ़िराक़ जैसे शायरों से भी उनका परिचय कराया। जगजीत सिंह को सन २००३ में भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। फरवरी २०१४ में आपके सम्मान व स्मृति में दो डाक टिकट भी जारी किए गए। .

देखें खलनायक (फ़िल्म) और जगजीत सिंह

जैकी श्रॉफ

जैकी श्रॉफ (जन्म नाम:जयकिशन काकुभाई श्रॉफ, तिथि: 1 फरवरी, 1957) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं। .

देखें खलनायक (फ़िल्म) और जैकी श्रॉफ

विनोद राठोड़

विनोद राठौड़ भारतीय गायक है जो हिन्दी फ़िल्मों में अपने गायन के लिये प्रसिद्ध है। 1992 की फ़िल्म दीवाना से उन्हें प्रसिद्धि मिली थी। फिर उन्होंने कई फिल्मों में गीत गाये जो सफल रहे:- खलनायक, लाडला, द जैंटलमैन, दीवाना मस्ताना, चाहत, दुल्हे राजा, चल मेरे भाई, मुन्ना भाई एम बी बी एस, लगे रहो मुन्ना भाई, आदि। अल्का यागनिक और साधना सरगम उनकी ज्यादातर साथी रही। विनोद राठौड़ के दो भाई और फ़िल्मों में कार्य करते हैं। रूप कुमार राठौड़ जो गायक है और संगीतकार श्रवण राठौड़ जो नदीम श्रवण की जोड़ी के रूप में प्रसिद्ध है। .

देखें खलनायक (फ़िल्म) और विनोद राठोड़

अलका याज्ञिक

अलका याज्ञिक भारतीय सिनेमा की एक प्रसिद्ध पार्श्वगायिका हैं। वे हिंदी सिनेमा में तीन दशकों तक अपनी गायकी के लिए विख्यात हैं। हिंदी सिनेमा में वे सबसे ज्यादा गाने रिकॉर्ड करने वाली पांचवी पार्श्वगायिका हैं। उन्हें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार के ३६ नामांकनों में से ७ बार पुरस्कार मिल चुका है जो कि खुद में एक रिकॉर्ड है। उन्हें दो राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त है। साथ ही उनके २० गाने बीबीसी के "बॉलीवुड के श्रेष्ठ ४० सदाबहार साउंडट्रैक" में शामिल हैं। उनके कुछ हिट गानों में से हैं — "कुछ कुछ होता है", "टिप टिप बरसा पानी", "परदेसी परदेसी", "छम्मा छम्मा", "पूछो ज़रा पूछो", "एक दो तीन", "चाँद छुपा बादल में", "लाल दुपट्टा", "मुझको राणाजी" और "बाज़ीगर ओ बाज़ीगर"। .

देखें खलनायक (फ़िल्म) और अलका याज्ञिक

अली असगर

अली असगर एक भारतीय अभिनेता और हास्यकार हैं। यह धारावाहिकों में कहानी घर घर की में वर्ष 2000 से 2008 तक कमल अगरवाल का किरदार निभाया। उसके बाद वर्ष 2009 में एफ आई आर नामक धारावाहिक में राज आर्यन का किरदार निभाया। .

देखें खलनायक (फ़िल्म) और अली असगर

खलनायक (1993 फ़िल्म) के रूप में भी जाना जाता है।