6 संबंधों: एक्स किरण नलिका, प्लांक-नियम, भौतिकी की शब्दावली, रमण प्रभाव, कणाभ, क्वांटीकरण (भौतिकी)।
एक्स किरण नलिका
सन् १९१७ के आसपास बनी कूलिज की एक्सरे-नलिका; गरम कैथोड बाएँ तरफ है तथा एनोड दाँयी तरफ है। एक्सरे, नीचे की तरफ निकलती है। उस निर्वात नलिका को एक्स किरण नलिका या 'एक्सरे ट्यूब' (X-ray tube) कहते हैं जो एक्स किरण उत्पन्न करती है। एक्सरे नलिकाओं का विकास क्रुक्स की नलिका से हुआ जिससे सर्वप्रथमेक्सरे खोजा गया था। इन नलिकाओं से प्राप्त एक्स किरणों के अनेक उपयोग हैं, जैसे- रेडियोग्राफी, कैट (CAT) स्कैनर, हवाई-अड्डों के सामान-स्कैनर, एक्सरे-क्रिस्टलोग्राफी आदि। .
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प्लांक-नियम
प्लांक नियम (रंगीन वक्र) कृष्णिका विकिरण को विद्युतचुंबकीय विकिरण का क्वांटम मानते हुए शुद्धता से वर्णित करता है। इसकी सहायता से पराबैंगनी महाविपत्ति (काला वक्र) को सफलतापूर्वक हल कर लिया गया, जो चिरसम्मत भौतिकी की वृहत् समस्या और यह एक अग्रणी परिणाम है जिसने क्वांटम यांत्रिकी को जन्म दिया। प्लांक नियम निश्चित ताप पर तापीय साम्य में कृष्णिका द्वारा उत्सर्जित विद्युतचुंबकीय विकिरण को वर्णित करता है। इसका नामकरण मैक्स प्लांक के समान में किया गया, जिन्होनें यह सन् १९०० में प्रस्तावित किया था। यह आधुनिक भौतिकी और क्वांटम सिद्धांत के सम्बन्द्ध अग्रणी परिणाम है। प्लांक नियम निम्न प्रकार लिखा जा सकता है: श्रेणी:मूलभूत भौतिकी.
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भौतिकी की शब्दावली
* ढाँचा (Framework).
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रमण प्रभाव
रमण प्रकीर्णन या रमण प्रभाव फोटोन कणों के लचीले वितरण के बारे में है। इसकी खोज प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक श्री सी वी रमन ने की थी। रमन प्रभाव के अनुसार, जब कोई एकवर्णी प्रकाश द्रवों और ठोसों से होकर गुजरता है तो उसमें आपतित प्रकाश के साथ अत्यल्प तीव्रता का कुछ अन्य वर्णों का प्रकाश देखने में आता है। 1930 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार चन्द्रशेखर वेंकटरमन को उनके इस खोज के लिए प्रदान किया गया था। रमन की पूरी शिक्षा-दीक्षा भारत में ही हुई। स्वयं २०० रु.
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कणाभ
भौतिकी में कणाभ (Quasiparticle) उन्मज्जी संवृति है जो स्थूल रूप से एक जटिल प्रणाली है जैसे एक ठोस का व्यवहार जिसमें कि मुक्त आकाश में दुर्बल अन्योन्य क्रिया करने वाले भिन्न कण हों। उदाहरण के लिए इलेक्ट्रॉन किसी अर्धचालक में गति करता है तो अन्य इलेक्ट्रोनों और नाभिक से टक्करों के कारण इसकी गति जटिल रूप से पथित होती है लेकिन यह लगभग उसी तरह व्यवहार करता है जैसे भिन्न द्रव्यमान का कोई इलेक्ट्रॉन व्यवधान रहित मुक्त आकाश में गति करता है। भिन्न द्रव्यमान के इस "इलेक्ट्रॉन" को "इलेक्ट्रॉन कणाभ" कहते हैं। .
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क्वांटीकरण (भौतिकी)
भौतिकी में क्वांटीकरण भौतिकीय घटनाओं की चिरसम्मत समझ को नये रूप से जिसे क्वांटम यांत्रिकी कहते हैं के रूप में व्यक्त करने की प्रक्रिया है। यह चिरसम्मत क्षेत्र सिद्धान्त को क्वांटम क्षेत्र सिद्धान्त निर्माण की प्रक्रिया है। यह चिरसम्मत यांत्रिकी से क्वांटम यांत्रिकी के विकास के लिए व्यपकीकरण की प्रक्रिया है। क्षेत्र क्वांटीकरण को "विद्युत-चुम्बकीय क्षेत्र के क्वांटीकरण" के रूप में भी देखा जाता है, जहां फोटोन को क्षेत्र के क्वांटा (उदाहरण के लिए प्रकाश क्वांटा के रूप में)। यह कण भौतिकी, नाभिकीय भौतिकी, संघनित पदार्थ भौतिकी और क्वांटम प्रकाशिकी के सिद्धांतों का आधार है। मूलभूत अवधारणा यह है कि भौतिक राशि क्वांटीकृत हो सकती है जिसे "क्वांटीकरण की अवधारणा" से निर्दिष्ट किया जाता है। इसका मतलब यह है कि परिमाण केवल कुछ विविक्त मान प्राप्त कर सकता है। .