सामग्री की तालिका
66 संबंधों: चित्रा नाइक, चिमणाजी दामोदर, चंद्रसेन राजा, चौदहवीं लोकसभा, एल्युमिनियम, दत्तात्रेय, दक्षिण भारत जैन सभा, देशभूषण, नदियों पर बसे भारतीय शहर, नन्दा, नागपुर, पद्मावत (फ़िल्म), पन्हाला दुर्ग, पंचगंगा घाट, प्रो॰ रघुनाथ कृष्ण जोशी, ब्रिटिश भारत में रियासतें, भारत में पर्यटन, भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - प्रदेश अनुसार, भारत में सर्वाधिक जनसंख्या वाले महानगरों की सूची, भारत में विश्वविद्यालयों की सूची, भारत विकास संगम, भारत के प्रमुख हिन्दू तीर्थ, भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - संख्या अनुसार, भारत के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची, भारतीय शिक्षा का इतिहास, भारतीय सिनेमा, भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष, भारतीय वृहत उद्योग समूह, मराठा राजवंश एवं राज्यो की सूची, मर्दानी खेल, महादेव गोविंद रानडे, महाराष्ट्र, रणजीत देसाई, राष्ट्रीय राजमार्ग २०४, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सदस्यों की सूची, राही सरनोबत, लीना नायर, शाहू द्वितीय (कोल्हापुर), श्री छत्रपति शाहू संग्रहालय, कोल्हापुर, श्रीपाद कृष्ण बेलवेलकर, श्रीपाद अच्युत दाभोलकर, सतारा के राजाराम द्वितीय, सत्यव्रत सिद्धांतालंकार, सावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठ, सिद्धगिरि ग्रामजीवन संग्रहालय, सिल्हारा राजवंश, सिंधिया, संग्राम चौगुले, सुरेश वाडकर, सुहास खामकर, ... सूचकांक विस्तार (16 अधिक) »
चित्रा नाइक
चित्रा नाइक एक भारतीय शिक्षाविद्, लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता है। वह भारतीय शिक्षा संस्थान के अध्यक्ष और भारत के योजना आयोग के विशेषज्ञ सदस्य भी है। वह मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा स्थापित गैर-औपचारिक शिक्षा समिति की अध्यक्ष और राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के सदस्य थी। भारत सरकार ने १९८६ में पद्म श्री के चौथे उच्चतम भारतीय नागरिक सम्मान से सम्मानित किया। .
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चिमणाजी दामोदर
चिमणाजी दामोदर का उपनाम मोघे था। इनके पूर्वज खानदेश के रिंगण गाँव के जागीरदार थे। सन् १७०८ के लगभग चिमणाजी वहीं रहते थे। प्रथम पेशवा, श्री मोरोपंत पिंगले के नीचे वे काम करते थे। बाद में, ताराबाई के समय इन्होंने काफी उन्नति की। शाहू राजा जब औरंगजेब के कारावास से मुक्त हुए तो उन्होंने चिमणाजी को अपने यहाँ आने का बुलावा भेजा। उन्होंने आना स्वीकार किया। इसके बाद चिमणाजी का कुल महाराष्ट्र में प्रसिद्ध हो गया। पेशवा और दामोदर के कुटुंब में इतनी घनिष्ठता बढ़ी कि पेशवा चिमणाजी को 'चिरंजीव' लिखते थे। चिमणाजी शाहू से जाकर मिले लेकिन शाहू से इनकी अनबन हो गई। फलस्वरूप चिमणाजी संभाजी के पास कोल्हापुर चले गए। वहाँ कुछ दिनों तक प्रधान मंत्री के पद पर रहे। इसके अनंतर वे बड़े बाजीराव के पक्ष में जा मिले। जिबकेराव दाभाडे की ओर से डभोई की लड़ाई में वे स्वयं लड़े थे किंतु इस लड़ाई में वे हार गए अत: इनके लिये केवल तीन गाँवों की जागीर रखकर सब जागीरें पेशवाओं ने छी लीं। चिमणाजी के पास बहुत सी जागींरें थीं। उनको कोल्हापुर तथा निजाम की ओर से इनाम भी मिला था किंतु पेशवा के विपक्ष में लड़ने से सब नष्ट हो गया। सन् १७३१ के आसपास उनकी मृत्यु हुई। श्रेणी:मराठा.
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चंद्रसेन राजा
चंद्रसेन राजा संभाजी भोंसले के विश्वासपात्र सरदार धनाजी यादव का पुत्र। पिता के बाद चंद्रसेन प्रधान सेनापति बना। गुप्त रूप से शिवाजी की माता ताराबाई का पक्ष करने से साहूजी ने बालाजी विश्वनाथ को इनपर दृष्टि रखने के लिये नियुक्त किया। संयोग से एक दिन शिकार खेलते समय चंद्रसेन और बालाजी विश्वनाथ में लड़ाई हो गई। चंद्रसेन भागकर ताराबाई के पास पहुँचा। सन् 1712 ई.
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चौदहवीं लोकसभा
भारत में चौदहवीं लोकसभा का गठन अप्रैल-मई 2004 में होनेवाले आमचुनावोंके बाद हुआ था। .
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एल्युमिनियम
एलुमिनियम एक रासायनिक तत्व है जो धातुरूप में पाया जाता है। यह भूपर्पटी में सबसे अधिक मात्रा में पाई जाने वाली धातु है। एलुमिनियम का एक प्रमुख अयस्क है - बॉक्साईट। यह मुख्य रूप से अलुमिनियम ऑक्साईड, आयरन आक्साईड तथा कुछ अन्य अशुद्धियों से मिलकर बना होता है। बेयर प्रक्रम द्वारा इन अशुद्धियों को दूर कर दिया जाता है जिससे सिर्फ़ अलुमिना (Al2O3) बच जाता है। एलुमिना से विद्युत अपघटन द्वारा शुद्ध एलुमिनियम प्राप्त होता है। एलुमिनियम धातु विद्युत तथा ऊष्मा का चालक तथा काफ़ी हल्की होती है। इसके कारण इसका उपयोग हवाई जहाज के पुर्जों को बनाने में किया जाता है। भारत में जम्मू कश्मीर, मुंबई, कोल्हापुर, जबलपुर, रांची, सोनभद्र, बालाघाट तथा कटनी में बॉक्साईट के विशाल भंडार पाए जाते है। उड़ीसा स्थित नाल्को (NALCO) दुनिया की सबसे सस्ती अलुमिनियम बनाने वाली कम्पनी है। .
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दत्तात्रेय
भगवान दत्तात्रेय दत्तात्रेय ब्रह्मा-विष्णु-महेश के अवतार माने जाते हैं। भगवान शंकर का साक्षात रूप महाराज दत्तात्रेय में मिलता है और तीनो ईश्वरीय शक्तियों से समाहित महाराज दत्तात्रेय की आराधना बहुत ही सफल और जल्दी से फल देने वाली है। महाराज दत्तात्रेय आजन्म ब्रह्मचारी, अवधूत और दिगम्बर रहे थे। वे सर्वव्यापी है और किसी प्रकार के संकट में बहुत जल्दी से भक्त की सुध लेने वाले हैं, अगर मानसिक, या कर्म से या वाणी से महाराज दत्तात्रेय की उपासना की जाये तो भक्त किसी भी कठिनाई से शीघ्र दूर हो जाते हैं। .
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दक्षिण भारत जैन सभा
दक्षिण भारत जैन सभा भारत में जैनों की एक सौ वर्ष पुरानी संस्था है। इसकी स्थापना 1899 में हुई थी। इसके कई अध्यक्ष उत्तरी भारत से रहे हैं हालाँकि इसका मुख्य कार्यक्षेत्र महाराष्ट्र, कर्नाटक और गोवा है। इसी संस्था ने उच्चतम न्यायालय में जैनों को अल्पसंख्यक के रूप में मान्यता देने की याचिका दायर की थी। .
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देशभूषण
आचार्य देशभूषण एक Digambara जैन आचार्य 20 वीं सदी के हैं, जो रचना का अनुवाद और कई कन्नड़ शास्त्रों करने के लिए हिंदी.
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नदियों पर बसे भारतीय शहर
नदियों के तट पर बसे भारतीय शहरों की सूची श्रेणी:भारत के नगर.
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नन्दा
नन्दा (8 जनवरी 1939 - 25 मार्च 2014) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री थीं। .
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नागपुर
नागपुर (अंग्रेज़ी: Nagpur, मराठी: नागपूर) महाराष्ट्र राज्य का एक प्रमुख शहर है। नागपुर भारत के मध्य में स्थित है। महाराष्ट्र की इस उपराजधानी की जनसंख्या २४ लाख (१९९८ जनगणना के अनुसार) है। नागपुर भारत का १३वा व विश्व का ११४ वां सबसे बड़ा शहर हैं। यह नगर संतरों के लिये काफी मशहूर है। इसलिए इसे लोग संतरों की नगरी भी कहते हैं। हाल ही में इस शहर को देश के सबसे स्वच्छ व सुदंर शहर का इनाम मिला है। नागपुर भारत देश का दूसरे नंबर का ग्रीनेस्ट (हरित शहर) शहर माना जाता है। बढ़ते इन्फ्रास्ट्रकचर की वजह से नागपुर की गिनती जल्द ही महानगरों में की जायेगी। नागपुर, एक जिला है व ऐतिहासिक विदर्भ (पूर्व महाराष्ट्र का भाग) का एक प्रमुख शहर भी। नागपुर शहर की स्थापना गोण्ड राज्य ने की थी। फिर वह राजा भोसले के उपरान्त मराठा साम्राज्य में शामिल हो गया। १९वी सदी मैं अंग्रेज़ी हुकुमत ने उसे मध्य प्रान्त व बेरार की राजधानी बना दिया। आज़ादी के बाद राज्य पुनर्रचना ने नागपुर को महाराष्ट्र की उपराजधानी बना दिया। नागपुर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद जैसी राष्ट्रवादी संघटनाओ का एक प्रमुख केंद्र है। .
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पद्मावत (फ़िल्म)
'पद्मावत' एक भारतीय ऐतिहासिक फ़िल्म है जिसका निर्देशन संजय लीला भंसाली ने किया है और निर्माण भंसाली प्रोडक्शन्स और वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स ने किया है। फ़िल्म में मुख्य भूमिका में दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर और रणवीर सिंह हैं। पहले यह फ़िल्म 1 दिसम्बर 2017 को सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने वाली थी; परंतु फिर कुछ लोगों के विरोध और सुप्रीम कोर्ट में चली कानूनी कार्यवाही के बाद यह २५ जनवरी २०१८ को रिलीज हुई। इस फ़िल्म में चित्तौड़ की प्रसिद्द राजपूत रानी पद्मिनी का वर्णन किया गया है जो रावल रतन सिंह की पत्नी थीं। यह फ़िल्म दिल्ली सल्तनत के तुर्की शासक अलाउद्दीन खिलजी का १३०३ ई.
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पन्हाला दुर्ग
पन्हाला दुर्ग जो कि इन नामों से (पन्हालगढ़,पनाला,पहाला) भी जाना जाता है। जो भारतीय राज्य महाराष्ट्र के कोल्हापुर ज़िले से दक्षिण पूर्व से २० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पन्हाला दुर्ग का निर्माण ११७८ में किया था इनके साथ १५ और दुर्गों का निर्माण भी किया था।.
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पंचगंगा घाट
पंचगंगा घाट, कोल्हापुर के उत्तर-पश्चिम में पंचगंगा नदी पर निर्मित प्रसिद्ध घाट है। इस घाट के आस-पास कई छोटे बड़े मन्दिर हैं जिसमें से कुछ नदी के बीच भी स्थित हैं। पंचघंगा घाट पूरी तरह से पत्थरों से निर्मित है। यह बहुत बड़ा है और प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर है। यहीं पर सन्त एकनाथजी ने वारकरी सम्प्रदाय का महान ग्रन्थ श्रीएकनाथी भागवत लिखकर पूरा किया और काशिनरेश तथा विद्वतजनों द्वारा उस ग्रन्थ की हाथी पर शोभायात्रा बड़ी धूमधामसे निकाली गयी। श्रेणी:भारत के प्रसिद्ध घाट.
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प्रो॰ रघुनाथ कृष्ण जोशी
रघुनाथ कृष्ण जोशी रघुनाथ कृष्ण जोशी (1936 – 2008) कैलिग्राफर, डिजाइनर, कवि एवं शिक्षक थे। वे देवनागरी के मंगल फॉण्ट के जनक थे। उनकी वजह से आज से हिन्दी और मराठी जैसी भाषाओं को इंटरनेट पर एक अलग पहचान मिली। वे वैदिक संस्कृत लिपि को मान्यता देने संबंधी एक प्रस्ताव लेकर अमरीका गए थे और वहाँ एअरपोर्ट पर ही उनका निधन हो गया। उन्होने भारत की सभी लिपियों का अध्ययन करके 'देशनागरी' नामक लिपि विकसित की। वे भारतीय लिपियों के कम्प्यूटरीकरण हेतु सुन्दर फॉण्ट डिजाइन करने वाले, टाइपोग्राफर तथा कैलिग्राफर थे। वे देवनागरी लिपि हेतु यूनिकोड मानकों के निर्धारण के लिए निरन्तर कार्यरत थे। श्री जोशी ने अनेकानेक फॉण्ट्स के कम्प्यूटरीकरण किए, जिसमें लिनक्स प्लेटफॉर्म में हिन्दी का रघु, तथा माइक्रोसॉफ्ट विण्डोज का डिफॉल्ट हिन्दी फॉण्ट मंगल शामिल है। प्रोफेसर जोशी भारतीय भाषाओं/लिपियों के कम्प्यूटरीकरण को पूर्णतः फोनेटिक, सरल, सपाट और एकमुखी बनाने के लिए मौलिक शोधपूर्ण सरल प्रौद्योगिकी के मानकीकरण के लिए सतत् प्रयत्नशील थे। .
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ब्रिटिश भारत में रियासतें
15 अगस्त 1947 से पूर्व संयुक्त भारत का मानचित्र जिसमें देशी रियासतों के तत्कालीन नाम साफ दिख रहे हैं। ब्रिटिश भारत में रियासतें (अंग्रेजी:Princely states; उच्चारण:"प्रिंस्ली स्टेट्स्") ब्रिटिश राज के दौरान अविभाजित भारत में नाममात्र के स्वायत्त राज्य थे। इन्हें आम बोलचाल की भाषा में "रियासत", "रजवाड़े" या व्यापक अर्थ में देशी रियासत कहते थे। ये ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा सीधे शासित नहीं थे बल्कि भारतीय शासकों द्वारा शासित थे। परन्तु उन भारतीय शासकों पर परोक्ष रूप से ब्रिटिश शासन का ही नियन्त्रण रहता था। सन् 1947 में जब हिन्दुस्तान आज़ाद हुआ तब यहाँ 565 रियासतें थीं। इनमें से अधिकांश रियासतों ने ब्रिटिश सरकार से लोकसेवा प्रदान करने एवं कर (टैक्स) वसूलने का 'ठेका' ले लिया था। कुल 565 में से केवल 21 रियासतों में ही सरकार थी और मैसूर, हैदराबाद तथा कश्मीर नाम की सिर्फ़ 3 रियासतें ही क्षेत्रफल में बड़ी थीं। 15 अगस्त,1947 को ब्रितानियों से मुक्ति मिलने पर इन सभी रियासतों को विभाजित हिन्दुस्तान (भारत अधिराज्य) और विभाजन के बाद बने मुल्क पाकिस्तान में मिला लिया गया। 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश सार्वभौम सत्ता का अन्त हो जाने पर केन्द्रीय गृह मन्त्री सरदार वल्लभभाई पटेल के नीति कौशल के कारण हैदराबाद, कश्मीर तथा जूनागढ़ के अतिरिक्त सभी रियासतें शान्तिपूर्वक भारतीय संघ में मिल गयीं। 26 अक्टूबर को कश्मीर पर पाकिस्तान का आक्रमण हो जाने पर वहाँ के महाराजा हरी सिंह ने उसे भारतीय संघ में मिला दिया। पाकिस्तान में सम्मिलित होने की घोषणा से जूनागढ़ में विद्रोह हो गया जिसके कारण प्रजा के आवेदन पर राष्ट्रहित में उसे भारत में मिला लिया गया। वहाँ का नवाब पाकिस्तान भाग गया। 1948 में सैनिक कार्रवाई द्वारा हैदराबाद को भी भारत में मिला लिया गया। इस प्रकार हिन्दुस्तान से देशी रियासतों का अन्त हुआ। .
देखें कोल्हापुर और ब्रिटिश भारत में रियासतें
भारत में पर्यटन
हर साल, 3 मिलियन से अधिक पर्यटक आगरा में ताज महल देखने आते हैं। भारत में पर्यटन सबसे बड़ा सेवा उद्योग है, जहां इसका राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 6.23% और भारत के कुल रोज़गार में 8.78% योगदान है। भारत में वार्षिक तौर पर 5 मिलियन विदेशी पर्यटकों का आगमन और 562 मिलियन घरेलू पर्यटकों द्वारा भ्रमण परिलक्षित होता है। 2008 में भारत के पर्यटन उद्योग ने लगभग US$100 बिलियन जनित किया और 2018 तक 9.4% की वार्षिक वृद्धि दर के साथ, इसके US$275.5 बिलियन तक बढ़ने की उम्मीद है। भारत में पर्यटन के विकास और उसे बढ़ावा देने के लिए पर्यटन मंत्रालय नोडल एजेंसी है और "अतुल्य भारत" अभियान की देख-रेख करता है। विश्व यात्रा और पर्यटन परिषद के अनुसार, भारत, सर्वाधिक 10 वर्षीय विकास क्षमता के साथ, 2009-2018 से पर्यटन का आकर्षण केंद्र बन जाएगा.
देखें कोल्हापुर और भारत में पर्यटन
भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - प्रदेश अनुसार
भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों का संजाल भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची भारतीय राजमार्ग के क्षेत्र में एक व्यापक सूची देता है, द्वारा अनुरक्षित सड़कों के एक वर्ग भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण। ये लंबे मुख्य में दूरी roadways हैं भारत और के अत्यधिक उपयोग का मतलब है एक परिवहन भारत में। वे में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा भारतीय अर्थव्यवस्था। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 laned (प्रत्येक दिशा में एक), के बारे में 65,000 किमी की एक कुल, जिनमें से 5,840 किमी बदल सकता है गठन में "स्वर्ण Chathuspatha" या स्वर्णिम चतुर्भुज, एक प्रतिष्ठित परियोजना राजग सरकार द्वारा शुरू की श्री अटल बिहारी वाजपेयी.
देखें कोल्हापुर और भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - प्रदेश अनुसार
भारत में सर्वाधिक जनसंख्या वाले महानगरों की सूची
इस लेख में भारत के सर्वोच्च सौ महानगरीय क्षेत्रों की सूची (२००८ अनुसार) है। इन सौ महानगरों की संयुक्त जनसंख्या राष्ट्र की कुल जनसंख्या का सातवां भाग बनाती है। .
देखें कोल्हापुर और भारत में सर्वाधिक जनसंख्या वाले महानगरों की सूची
भारत में विश्वविद्यालयों की सूची
यहाँ भारत में विश्वविद्यालयों की सूची दी गई है। भारत में सार्वजनिक और निजी, दोनों विश्वविद्यालय हैं जिनमें से कई भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा समर्थित हैं। इनके अलावा निजी विश्वविद्यालय भी मौजूद हैं, जो विभिन्न निकायों और समितियों द्वारा समर्थित हैं। शीर्ष दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालयों के तहत सूचीबद्ध विश्वविद्यालयों में से अधिकांश भारत में स्थित हैं। .
देखें कोल्हापुर और भारत में विश्वविद्यालयों की सूची
भारत विकास संगम
भारत विकास संगम एक सम्मेलन है जिसकी कल्पना के एन गोविन्दाचार्य ने की थी। इसके संयोजक समाजसेवी एवं राज्यसभा के सांसद वसव राज पाटिल हैं। श्री गोविन्दाचार्य का मानना है कि देश के सामने आज जो समस्याएं हैं, उनसे निपटने के लिए बौद्धिक, रचनात्मक और आंदोलनात्मक स्तर पर काम करने की जरूरत है। रचनात्मक कार्यों के लिए भारत विकास संगम का गठन किया गया। इस संगठन में राजनीतिक कार्यकर्ताओं को दूर रखने की लगातार कोशिश की गई। .
देखें कोल्हापुर और भारत विकास संगम
भारत के प्रमुख हिन्दू तीर्थ
भारत अनादि काल से संस्कृति, आस्था, आस्तिकता और धर्म का महादेश रहा है। इसके हर भाग और प्रान्त में विभिन्न देवी-देवताओं से सम्बद्ध कुछ ऐसे अनेकानेक प्राचीन और (अपेक्षाकृत नए) धार्मिक स्थान (तीर्थ) हैं, जिनकी यात्रा के प्रति एक आम भारतीय नागरिक पर्यटन और धर्म-अध्यात्म दोनों ही आकर्षणों से बंधा इन तीर्थस्थलों की यात्रा के लिए सदैव से उत्सुक रहा है। .
देखें कोल्हापुर और भारत के प्रमुख हिन्दू तीर्थ
भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - संख्या अनुसार
भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची (संख्या के क्रम में) भारत के राजमार्गो की एक सूची है। .
देखें कोल्हापुर और भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - संख्या अनुसार
भारत के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची
यह सूचियों भारत के सबसे बड़े शहरों पर है। .
देखें कोल्हापुर और भारत के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची
भारतीय शिक्षा का इतिहास
शिक्षा का केन्द्र: तक्षशिला का बौद्ध मठ भारतीय शिक्षा का इतिहास भारतीय सभ्यता का भी इतिहास है। भारतीय समाज के विकास और उसमें होने वाले परिवर्तनों की रूपरेखा में शिक्षा की जगह और उसकी भूमिका को भी निरंतर विकासशील पाते हैं। सूत्रकाल तथा लोकायत के बीच शिक्षा की सार्वजनिक प्रणाली के पश्चात हम बौद्धकालीन शिक्षा को निरंतर भौतिक तथा सामाजिक प्रतिबद्धता से परिपूर्ण होते देखते हैं। बौद्धकाल में स्त्रियों और शूद्रों को भी शिक्षा की मुख्य धारा में सम्मिलित किया गया। प्राचीन भारत में जिस शिक्षा व्यवस्था का निर्माण किया गया था वह समकालीन विश्व की शिक्षा व्यवस्था से समुन्नत व उत्कृष्ट थी लेकिन कालान्तर में भारतीय शिक्षा का व्यवस्था ह्रास हुआ। विदेशियों ने यहाँ की शिक्षा व्यवस्था को उस अनुपात में विकसित नहीं किया, जिस अनुपात में होना चाहिये था। अपने संक्रमण काल में भारतीय शिक्षा को कई चुनौतियों व समस्याओं का सामना करना पड़ा। आज भी ये चुनौतियाँ व समस्याएँ हमारे सामने हैं जिनसे दो-दो हाथ करना है। १८५० तक भारत में गुरुकुल की प्रथा चलती आ रही थी परन्तु मकोले द्वारा अंग्रेजी शिक्षा के संक्रमण के कारण भारत की प्राचीन शिक्षा व्यवस्था का अंत हुआ और भारत में कई गुरुकुल तोड़े गए और उनके स्थान पर कान्वेंट और पब्लिक स्कूल खोले गए। .
देखें कोल्हापुर और भारतीय शिक्षा का इतिहास
भारतीय सिनेमा
भारतीय सिनेमा के अन्तर्गत भारत के विभिन्न भागों और भाषाओं में बनने वाली फिल्में आती हैं जिनमें आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, जम्मू एवं कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और बॉलीवुड शामिल हैं। भारतीय सिनेमा ने २०वीं सदी की शुरुआत से ही विश्व के चलचित्र जगत पर गहरा प्रभाव छोड़ा है।। भारतीय फिल्मों का अनुकरण पूरे दक्षिणी एशिया, ग्रेटर मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व एशिया और पूर्व सोवियत संघ में भी होता है। भारतीय प्रवासियों की बढ़ती संख्या की वजह से अब संयुक्त राज्य अमरीका और यूनाइटेड किंगडम भी भारतीय फिल्मों के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार बन गए हैं। एक माध्यम(परिवर्तन) के रूप में सिनेमा ने देश में अभूतपूर्व लोकप्रियता हासिल की और सिनेमा की लोकप्रियता का इसी से अन्दाजा लगाया जा सकता है कि यहाँ सभी भाषाओं में मिलाकर प्रति वर्ष 1,600 तक फिल्में बनी हैं। दादा साहेब फाल्के भारतीय सिनेमा के जनक के रूप में जाना जाते हैं। दादा साहब फाल्के के भारतीय सिनेमा में आजीवन योगदान के प्रतीक स्वरुप और 1969 में दादा साहब के जन्म शताब्दी वर्ष में भारत सरकार द्वारा दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की स्थापना उनके सम्मान में की गयी। आज यह भारतीय सिनेमा का सबसे प्रतिष्ठित और वांछित पुरस्कार हो गया है। २०वीं सदी में भारतीय सिनेमा, संयुक्त राज्य अमरीका का सिनेमा हॉलीवुड तथा चीनी फिल्म उद्योग के साथ एक वैश्विक उद्योग बन गया।Khanna, 155 2013 में भारत वार्षिक फिल्म निर्माण में पहले स्थान पर था इसके बाद नाइजीरिया सिनेमा, हॉलीवुड और चीन के सिनेमा का स्थान आता है। वर्ष 2012 में भारत में 1602 फ़िल्मों का निर्माण हुआ जिसमें तमिल सिनेमा अग्रणी रहा जिसके बाद तेलुगु और बॉलीवुड का स्थान आता है। भारतीय फ़िल्म उद्योग की वर्ष 2011 में कुल आय $1.86 अरब (₹ 93 अरब) की रही। जिसके वर्ष 2016 तक $3 अरब (₹ 150 अरब) तक पहुँचने का अनुमान है। बढ़ती हुई तकनीक और ग्लोबल प्रभाव ने भारतीय सिनेमा का चेहरा बदला है। अब सुपर हीरो तथा विज्ञानं कल्प जैसी फ़िल्में न केवल बन रही हैं बल्कि ऐसी कई फिल्में एंथीरन, रा.वन, ईगा और कृष 3 ब्लॉकबस्टर फिल्मों के रूप में सफल हुई है। भारतीय सिनेमा ने 90 से ज़्यादा देशों में बाजार पाया है जहाँ भारतीय फिल्मे प्रदर्शित होती हैं। Khanna, 158 सत्यजीत रे, ऋत्विक घटक, मृणाल सेन, अडूर गोपालकृष्णन, बुद्धदेव दासगुप्ता, जी अरविंदन, अपर्णा सेन, शाजी एन करुण, और गिरीश कासरावल्ली जैसे निर्देशकों ने समानांतर सिनेमा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और वैश्विक प्रशंसा जीती है। शेखर कपूर, मीरा नायर और दीपा मेहता सरीखे फिल्म निर्माताओं ने विदेशों में भी सफलता पाई है। 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रावधान से 20वीं सेंचुरी फॉक्स, सोनी पिक्चर्स, वॉल्ट डिज्नी पिक्चर्स और वार्नर ब्रदर्स आदि विदेशी उद्यमों के लिए भारतीय फिल्म बाजार को आकर्षक बना दिया है। Khanna, 156 एवीएम प्रोडक्शंस, प्रसाद समूह, सन पिक्चर्स, पीवीपी सिनेमा,जी, यूटीवी, सुरेश प्रोडक्शंस, इरोज फिल्म्स, अयनगर्न इंटरनेशनल, पिरामिड साइमिरा, आस्कार फिल्म्स पीवीआर सिनेमा यशराज फिल्म्स धर्मा प्रोडक्शन्स और एडलैब्स आदि भारतीय उद्यमों ने भी फिल्म उत्पादन और वितरण में सफलता पाई। मल्टीप्लेक्स के लिए कर में छूट से भारत में मल्टीप्लेक्सों की संख्या बढ़ी है और फिल्म दर्शकों के लिए सुविधा भी। 2003 तक फिल्म निर्माण / वितरण / प्रदर्शन से सम्बंधित 30 से ज़्यादा कम्पनियां भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध की गयी थी जो फिल्म माध्यम के बढ़ते वाणिज्यिक प्रभाव और व्यसायिकरण का सबूत हैं। दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग दक्षिण भारत की चार फिल्म संस्कृतियों को एक इकाई के रूप में परिभाषित करता है। ये कन्नड़ सिनेमा, मलयालम सिनेमा, तेलुगू सिनेमा और तमिल सिनेमा हैं। हालाँकि ये स्वतंत्र रूप से विकसित हुए हैं लेकिन इनमे फिल्म कलाकारों और तकनीशियनों के आदान-प्रदान और वैष्वीकरण ने इस नई पहचान के जन्म में मदद की। भारत से बाहर निवास कर रहे प्रवासी भारतीय जिनकी संख्या आज लाखों में हैं, उनके लिए भारतीय फिल्में डीवीडी या व्यावसायिक रूप से संभव जगहों में स्क्रीनिंग के माध्यम से प्रदर्शित होती हैं। Potts, 74 इस विदेशी बाजार का भारतीय फिल्मों की आय में 12% तक का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। इसके अलावा भारतीय सिनेमा में संगीत भी राजस्व का एक साधन है। फिल्मों के संगीत अधिकार एक फिल्म की 4 -5 % शुद्ध आय का साधन हो सकते हैं। .
देखें कोल्हापुर और भारतीय सिनेमा
भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष
3 मई 2013 (शुक्रवार) को भारतीय सिनेमा पूरे सौ साल का हो गया। किसी भी देश में बनने वाली फिल्में वहां के सामाजिक जीवन और रीति-रिवाज का दर्पण होती हैं। भारतीय सिनेमा के सौ वर्षों के इतिहास में हम भारतीय समाज के विभिन्न चरणों का अक्स देख सकते हैं।उल्लेखनीय है कि इसी तिथि को भारत की पहली फीचर फ़िल्म “राजा हरिश्चंद्र” का रुपहले परदे पर पदार्पण हुआ था। इस फ़िल्म के निर्माता भारतीय सिनेमा के जनक दादासाहब फालके थे। एक सौ वर्षों की लम्बी यात्रा में हिन्दी सिनेमा ने न केवल बेशुमार कला प्रतिभाएं दीं बल्कि भारतीय समाज और चरित्र को गढ़ने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। .
देखें कोल्हापुर और भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष
भारतीय वृहत उद्योग समूह
यह भारत के प्रमुख वृहत उद्योग समूहों की सूचि है|.
देखें कोल्हापुर और भारतीय वृहत उद्योग समूह
मराठा राजवंश एवं राज्यो की सूची
मराठा साम्राज्य का ध्वज मराठा राजवंश एवं राज्यो की सूची .
देखें कोल्हापुर और मराठा राजवंश एवं राज्यो की सूची
मर्दानी खेल
मर्दानी खेल भारत के महाराष्ट्र प्रान्त का परम्परागत मार्शल आर्ट है। यह मराठों द्वारा सृजित एक शस्त्रों वाली युद्ध कला है। इस परम्परागत कला का अभ्यास मुख्यतः कोल्हापुर में किया जाता है। यह युद्ध कला महाराष्ट्र के पहाड़ी क्षेत्र के अनुकूल है जहाँ यह उत्पन्न हुयी थी। इसमें तेज गतियाँ शामिल होती हैं। यह कला शस्त्रों विशेषकर तलवारों पर केन्द्रित है। इसमें लाठी-काठी, तलवार-ढाल, दाँडपट्टा आदि हथियारों का अभ्यास शामिल हैं। दोहरी पट्टा तलवार दाँडपट्टा का प्रयोग प्रमुख है। अन्य हथियारों में बाघनख, बिछवा आदि शामिल हैं। अभ्यास करने वाले परम्परागत सफेद-भगवा वेशभूषा पहनते हैं। .
देखें कोल्हापुर और मर्दानी खेल
महादेव गोविंद रानडे
महादेव गोविंद रानडे न्यायमूर्ति महादेव गोविंद रानडे (१८ जनवरी १८४२ – १६ जनवरी १९०१) एक ब्रिटिश काल के भारतीय न्यायाधीश, लेखक एवं समाज-सुधारक थे। .
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महाराष्ट्र
महाराष्ट्र भारत का एक राज्य है जो भारत के दक्षिण मध्य में स्थित है। इसकी गिनती भारत के सबसे धनी राज्यों में की जाती है। इसकी राजधानी मुंबई है जो भारत का सबसे बड़ा शहर और देश की आर्थिक राजधानी के रूप में भी जानी जाती है। और यहाँ का पुणे शहर भी भारत के बड़े महानगरों में गिना जाता है। यहाँ का पुणे शहर भारत का छठवाँ सबसे बड़ा शहर है। महाराष्ट्र की जनसंख्या सन २०११ में ११,२३,७२,९७२ थी, विश्व में सिर्फ़ ग्यारह ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या महाराष्ट्र से ज़्यादा है। इस राज्य का निर्माण १ मई, १९६० को मराठी भाषी लोगों की माँग पर की गयी थी। यहां मराठी ज्यादा बोली जाती है। मुबई अहमदनगर पुणे, औरंगाबाद, कोल्हापूर, नाशिक नागपुर ठाणे शिर्डी-अहमदनगर आैर महाराष्ट्र के अन्य मुख्य शहर हैं। .
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रणजीत देसाई
रणजीत रामचंद्र देसाई (जन्म- 8 अप्रैल 1928 ई०, निधन- 6 मार्च 1998 ई०) मराठी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके हिन्दी में अनूदित उपन्यास भी काफी लोकप्रिय रहे हैं। .
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राष्ट्रीय राजमार्ग २०४
१२६ किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग महाराष्ट्र में रत्नागिरि को कोल्हापुर से जोड़ता है। श्रेणी:भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग.
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राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सदस्यों की सूची
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) एक केंद्र-दक्षिणपंथी राजनीतिक गठबंधन है। इसका नेतृत्व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) करती है। २०१५ के अनुसार, यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय संसद का सत्तारूढ़ गठबंधन है, और १३ राज्यों पर राज करता है। राजग का निर्माण १९९८ के आम चुनावों में भाजपा द्वारा किया गया था; इसमें भाजपा के तत्कालीन सहयोगी दलों (जैसे समता पार्टी, शिरोमणि अकाली दल और शिवसेना) के अलावा ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम और बीजू जनता दल शामिल थे। इन क्षेत्रीय दलों में केवल एक शिवसेना ही थी, जिसकी विचारधारा भाजपा की विचारधारा के समान थी। गठबंधन पहली बार केन्द्र में सत्ता पर १९९८ के आम चुनाव के बाद आया, और २००४ तक शासन किया। सितंबर २०१५ की स्थिति के अनुसार, राजग में पैंतीस सदस्य दल है (उनमें से दो राजनीतिक मोर्चे हैं और एक संगठन है), जिसमें से भाजपा एकमात्र राष्ट्रीय दल है। तेरह राजग सदस्यों (शिवसेना, तेलुगु देशम पार्टी, शिरोमणि अकाली दल, जम्मू और कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, ऑल इंडिया एन॰आर॰ कांग्रेस, नागा पीपुल्स फ्रंट, लोक जनशक्ति पार्टी, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, देसिया मुरपोक्कु द्रविड़ कड़गम, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, ऑल झारखण्ड स्टूडेंट्स यूनियन, नेशनल पीपुल्स पार्टी, और पाट्टाली मक्कल कॉची) को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा "राज्यीय दल" का दर्जा दिया गया है। सितंबर २०१५ की स्थिति के अनुसार, राजग के पास लोकसभा और राज्यसभा में क्रमानुसार ३३७ और ६४ सदस्य हैं। .
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राही सरनोबत
राही सरनोबत (जन्म:30 अक्टूबर 1990; कोल्हापुर, महाराष्ट्र) एक भारतीय महिला निशानेबाज हैं, जिन्होंने 5 अप्रैल 2013 को कोरिया के चांगवान में चल रहे आईएसएसएफ विश्व कप की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल में स्थानीय निशानेबाज केयोंगे किम को 8-6 से हराकर स्वर्ण पदक भारत के नाम किया। वें विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय पिस्टल निशानेबाज हैं। राही ने अमेरिका में 2011 आईएसएसएफ विश्व कप में कांस्य पदक जीता था। कॉमनवेल्थ 2010 में एक गोल्ड और एक सिल्वर मेडल जीतने वालीं राही ने आईएसएसएफ वर्ल्ड कप, 2011 में ब्रॉन्ज जीतकर ओलिंपिक का टिकट लिया। 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में 25 मीटर एयर पिस्टल में राही सरनोबत ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल जीता। .
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लीना नायर
लीना नायर (1969-) यूनिलीवर के संगठनात्मक विकास और लीडरशिप मामलों की वरिष्ठ उपाध्यक्ष है। वे सेंट जेवीयर्स कॉलेज ऑफ मानेजमेंट से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और 1992 में यूनिलीवर की भारतीय शाखा से जुड़ गई। जून 2007 में उन्हें कार्यकारी निदेशक मानव संसाधन के रूप में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ। इसके साथ ही हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) के प्रबंधन समिति में शामिल होने वाली वे पहली महिला बनीं। .
देखें कोल्हापुर और लीना नायर
शाहू द्वितीय (कोल्हापुर)
शाहु द्वितीय (जन्म: 7 जनवरी 1948) मराठों के भोसले वंश के राजा थे। 1983 में वह कोल्हापुर के औपचारिक महाराज बने। वह शाहजी द्वितीय के पोते थे। .
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श्री छत्रपति शाहू संग्रहालय, कोल्हापुर
श्री छत्रपति शाहू संग्रहालय, कोल्हापुर महाराष्ट्र,भारत के ज़िले कोल्हापुर में स्थित एक प्राचीन संग्रहालय (महल) है। जिनका निर्माण सन १८७७ से १८८४ के बीच किया गया था। इस संग्रहालय में काले रंग के पॉलिश्ड पत्थरों का इस्तेमाल किया गया। श्री छत्रपति शाहू संग्रहालय में हर कांच में छत्रपति शिवाजी के जीवन की घटनाओं को चित्रित कर के रखा गया है। यहां एक चिड़ियाघर भी है। आज भी, यह शाहु महाराज का निवास माना जाता है। .
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श्रीपाद कृष्ण बेलवेलकर
श्रीपाद कृष्ण बेलवलकर (1881 - 1967) संस्कृत के विद्वान एवं शिक्षाविद् थे। .
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श्रीपाद अच्युत दाभोलकर
श्रीपाद अच्युत दाभोलकर (सन् १९२५ - २००१) भारत के गणितज्ञ एवं कृषि वैज्ञानिक थे। उन्होने महाराष्ट्र में 'प्रयोग परिवार' नामक संकल्प का प्रवर्तन किया। उन्हें जमनालाल बजाज पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनका जन्म महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हुआ था। वे कोल्हापुर के गारगोटी महाविद्यालय में प्राध्यापक थे। तासगांव में उनकी शुरुआत का परिणाम था कि कुछ ही वर्षों में प्रदेश से अंगूर का निर्यात 200 करोड़ रुपयों के पार निकल गया। मध्य प्रदेश शासन ने उन्हें भोपाल आमंत्रित किया। सेमिनार और व्याख्यान हुए। पुरानी खेती के इस आधुनिक विद्वान का कहना था कि किसी का विकास कोई दूसरा नहीं कर सकता। अपनी खेती की उन्नति के लिए किसान को खुद ही प्रकृति का भागीदार बनना होगा। .
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सतारा के राजाराम द्वितीय
राजाराम द्वितीय भोसले, जिसे रामराज के नाम से भी जाना जाता है, मराठा साम्राज्य का 6 वां राजा थे । वह छत्रपति शाहू के एक दत्तक पुत्र थे ताराबाई ने उन्हें अपने पोते के रूप में शाहू के पास पेश किया था और शाहू की मौत के बाद उन्हें सत्ता में लेने के लिए इस्तेमाल किया था। पेशवा बालाजी बाजीराव ने उन्हें छत्रपति का नाम रखने दिया । वास्तव में, पेशवा और अन्य प्रमुखों के हाथ में सभी कार्यकारी शक्ति थी, जबकि राजाराम द्वितीय केवल एक कठपुतली थे । .
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सत्यव्रत सिद्धांतालंकार
सत्यव्रत सिद्धांतालंकार (1898-1992) भारत के शिक्षाशास्त्री तथा सांसद थे। वे उपनिषदों के एक मूर्धन्य ज्ञाता थे। वे गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के उपकुलपति रहे तथा उन्होने शिक्षाशास्त्र एवं समाजशास्त्र पर कई पुस्तकें लिखीं। इन्होने स्वाधीनता अान्दोलन के दौरान सत्याग्रह में भाग लिया और कुछ समय जेल में भी रहे। उन्होंने ब्रह्मचर्य संदेश जैसी पुस्तकें लिखी और एकादशोपनिषद उनका सबसे प्रसिद्ध ग्रंथ है जिसमें उन्होने मुख्य उपनिषदों का सुगम हिन्दी भाष्य लिखा है। वे पेशे से एक होम्योपैथी डॉक्टर थे। दूसरे राष्ट्रपति राधाकृष्णन ने, जो ख़ुद उपनिषदों की टीका लिख चुके थे, आपकी किताब के लिए प्राक्कथन लिखा था और आपको राज्यसभा के लिए मनोनीत भी किया था। १९६४ से १९६८ तक वे राज्य सभा के सदस्य रहे। .
देखें कोल्हापुर और सत्यव्रत सिद्धांतालंकार
सावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठ
सावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठ (पूराना नाम: पुणे विद्यापीठ) पुणे मे स्थित एक विश्वविद्यालय है, जो पुणे के उत्तरपश्चिम में स्थित है। यह भारत के प्रमुख विश्वविद्यालयों में से एक है। इसकी स्थापना १० फरवरी, १९४९ को की गई थी। ४०० एकड़ (१.६ किमी²) में फैले इस विश्वविद्यालय मॅम ४६ शैक्षणिक विभाग हैं। .
देखें कोल्हापुर और सावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठ
सिद्धगिरि ग्रामजीवन संग्रहालय
सिद्धगिरि ग्रामजीवन संग्रहालय (कनेरी मठ) महाराष्ट्र में कोल्हापुर के निकट कनेरी में स्थित एक मोम संग्रहालय है। यह श्री क्षेत्र सिद्धगिरि मठ में स्थित है। यह एक ऐसा गाँव है जहाँ किसान हल और बैल के साथ खड़े मिलेंगे। गाँव की औरतें कुंए में पानी भरने जाती हुयी दिखेंगी। बच्चे पेड़ के नीचे गुरुकुल शैली में पढ़ाई कर रहे हैं, किसान खेत में भोजन कर रहे हैं और आस-पास पशु चारा चर रहे हैं। गाँव के घरों का घर-आँगन और विभिन्न कार्य करते लोग, लेकिन सब कुछ स्थिर...ठहरा हुआ फिर भी एकदम सजीव, जीवंत। https://commons.wikimedia.org/wiki/File:%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A8.jpg .
देखें कोल्हापुर और सिद्धगिरि ग्रामजीवन संग्रहालय
सिल्हारा राजवंश
हिन्दू सिल्हारा राजवंश वर्तमान मुंबई क्षेत्र पर ८१० से १२४० ई. के लगभग शासन करता था। इनकी तीन शाखाएं थीं:-.
देखें कोल्हापुर और सिल्हारा राजवंश
सिंधिया
सिंधिया भारत में एक शाही मराठा वंश है। इस वंश मे ग्वालियर राज्य के १८वीं और १९वीं शताब्दी में शासक शामिल है। .
देखें कोल्हापुर और सिंधिया
संग्राम चौगुले
संग्राम चौगुले भारतीय बॉडी बिल्डर हैं। इन्होने १ बार मिस्टर युनिवेर्स, ६ बार मिस्टर इंडिया, ५ बार मिस्टर महाराष्ट्र, ३ बार मिस्टर वर्ल्ड और ३ बार मिस्टर एशिया का खिताब जीत चुके हैं। .
देखें कोल्हापुर और संग्राम चौगुले
सुरेश वाडकर
सुरेश वाडेकर(जन्म ७ अगस्त १९५५) एक भारतीय पार्श्वगायक हैं। वे मुख्यतः हिन्दी और मराठी फिल्मों में गाते हैं। इसके अलावा, उन्होंने, कई भोजपुरी, कोंकणी और ओड़िया गाने भी गाए हैं। उनका जन्म वर्ष १९५५ में कोल्हापुर में हुआ था। फिल्मों में गाने के अलावा वे शास्त्रीय संगीत में भी रुचि रखते हैं। वर्ष २०११ में उन्हें श्रेष्ठ पार्श्वगायक की श्रेणी में राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार से नवाज़ा गया था। .
देखें कोल्हापुर और सुरेश वाडकर
सुहास खामकर
सुहास खामकर एक प्रेशेवर भारतीय बॉडी बिल्डर हैं। सुहास मिस्टर इंडिया, मिस्टर एशिया समेत कई खिताब जीत चुके हैं। इसके अलावा वे मिस्टर अफ्रीका 2010, मिस्टर ओलिम्पिया, मिस्टर महाराष्ट्र के खिताब से नवाजे जा चुके हैं। ७ बार मिस्टर इंडिया व एक बार एशियन चैंपियन बॉडी बिल्डर रह चुके हैं। इन्हें इंडिया का अर्नाल्ड भी कहा जाता है। .
देखें कोल्हापुर और सुहास खामकर
सीआईडी (धारावाहिक)
सीआईडी सोनी चैनल पर प्रसारित होने वाला हिन्दी भाषा का एक धारावाहिक है, जिसे भारत का सबसे लंबा चलने वाला धारावाहिक होने का श्रेय प्राप्त है। अपराध व जासूसी शैली पर आधारित इस धारावाहिक में शिवाजी साटम, दयानन्द शेट्टी और आदित्य श्रीवास्तव मुख्य किरदार निभा रहे हैं। इसके सर्जक, निर्देशक और लेखक बृजेन्द्र पाल सिंह हैं। इसका निर्माण फायरवर्क्स नामक कंपनी ने किया है जिसके संस्थापक बृजेन्द्र पाल सिंह और प्रदीप उपूर हैं। २१ जनवरी १९९८ से शुरु होकर यह धारावाहिक अब तक लगातार चल रहा है। इसका प्रसारण प्रत्येक शनिवार और रविवार को रात १० बजे होता है। इसका पुनः प्रसारण सोनी पल चैनल पर रात ९ बजे होता है जिसमें इसके पुराने प्रकरण दिखाये जाते हैं। इस धारावाहिक ने २१ जनवरी २०१८ को अपने प्रसारण के २० वर्ष पूर्ण किये और २१वें वर्ष में प्रवेश किया। इससे पहले, २७ सितम्बर २०१३ को इस धारावाहिक ने अपनी १०००वीं कड़ी पूरी की। इस धारावाहिक को कई अन्य भाषाओं में भी भाषांतरित किया गया है। .
देखें कोल्हापुर और सीआईडी (धारावाहिक)
जयन्त विष्णु नार्लीकर
जयन्त विष्णु नार्लीकर जयन्त विष्णु नार्लीकर (मराठी: जयन्त विष्णु नारळीकर; जन्म 19 जुलाई 1938) प्रसिद्ध भारतीय भौतिकीय वैज्ञानिक हैं जिन्होंने विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के लिए अंग्रेजी, हिन्दी और मराठी में अनेक पुस्तकें लिखी हैं। ये ब्रह्माण्ड के स्थिर अवस्था सिद्धान्त के विशेषज्ञ हैं और फ्रेड हॉयल के साथ भौतिकी के हॉयल-नार्लीकर सिद्धान्त के प्रतिपादक हैं। .
देखें कोल्हापुर और जयन्त विष्णु नार्लीकर
जयसिंह द्वितीय (पश्चिमी चालुक्य)
जय सिंह द्वितीय से भ्रमित न हों। जयसिंह भी देखें। ---- पुरानी कन्नड में जयसिंह द्वितीय का एक अभिलेख जयसिंह द्वितीय (1015 - 1042), पश्चिमी भारत में प्रतीच्य चालुक्य राजवंश का राजा था। उसने "जगदेकमल्ल" की पदवी धारण की थी, इसलिए उसे जगदेकमल्ल प्रथम के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा उसे 'मल्लिकामोद' के नाम से भी जानते हैं। कल्याणि के चालुक्य घराने में विक्रमादित्य पंचम की मृत्यु के एक वर्ष के भीतर ही उसके दो छोटे भाई सिंहासन पर बैठे- अय्यन और उसके बाद जयसिंह द्वितीय। जयसिंह के विरुदों (पदवी) में 'जगदेकमल्ल' भी है और वह "जगदेकमल्ल प्रथम" के नाम से भी प्रसिद्ध है। जयसिंह का नाम सिंगदेव भी था और 'त्रैलोक्यमल्ल', 'मल्लिकामोद' और 'विक्रमसिंह' उसके दूसरे विरुद थे। जयसिंह द्वितीय का राज्यकाल सन् १०१५ से १०४३ ई.
देखें कोल्हापुर और जयसिंह द्वितीय (पश्चिमी चालुक्य)
जैन धर्म
जैन ध्वज जैन धर्म भारत के सबसे प्राचीन धर्मों में से एक है। 'जैन धर्म' का अर्थ है - 'जिन द्वारा प्रवर्तित धर्म'। जो 'जिन' के अनुयायी हों उन्हें 'जैन' कहते हैं। 'जिन' शब्द बना है 'जि' धातु से। 'जि' माने - जीतना। 'जिन' माने जीतने वाला। जिन्होंने अपने मन को जीत लिया, अपनी वाणी को जीत लिया और अपनी काया को जीत लिया और विशिष्ट ज्ञान को पाकर सर्वज्ञ या पूर्णज्ञान प्राप्त किया उन आप्त पुरुष को जिनेश्वर या 'जिन' कहा जाता है'। जैन धर्म अर्थात 'जिन' भगवान् का धर्म। अहिंसा जैन धर्म का मूल सिद्धान्त है। जैन दर्शन में सृष्टिकर्ता कण कण स्वतंत्र है इस सॄष्टि का या किसी जीव का कोई कर्ता धर्ता नही है।सभी जीव अपने अपने कर्मों का फल भोगते है।जैन धर्म के ईश्वर कर्ता नही भोगता नही वो तो जो है सो है।जैन धर्म मे ईश्वरसृष्टिकर्ता इश्वर को स्थान नहीं दिया गया है। जैन ग्रंथों के अनुसार इस काल के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव आदिनाथ द्वारा जैन धर्म का प्रादुर्भाव हुआ था। जैन धर्म की अत्यंत प्राचीनता करने वाले अनेक उल्लेख अ-जैन साहित्य और विशेषकर वैदिक साहित्य में प्रचुर मात्रा में हैं। .
देखें कोल्हापुर और जैन धर्म
जोधा अकबर (टीवी धारावाहिक)
जोधा अकबर ज़ी टीवी पर प्रसारित होने वाला एक ऐतहासिक धारावाहिक है। कार्यक्रम का प्रथम प्रसारण 18 जून 2013 को हुआ था। मशहूर चलचित्र निर्माता एकता कपूर ने इस धारावाहिक का उत्पादन किया है। रजत टोकस एवं परिधि शर्मा मुख्य भूमिका में है। .
देखें कोल्हापुर और जोधा अकबर (टीवी धारावाहिक)
वामन शिवराम आप्टे
वामन शिवराम आप्टे वामन शिवराम आप्टे (1858-1892) संस्कृत के महान पंडित थे। उनकी पुस्तकों में "स्टूडेंट्स् गाइड टु संस्कृत कांपोज़ीशन" तथा इंग्लिश-संस्कृत और संस्कृत-इंग्लिश कोश विशेष प्रसिद्ध हैं। इनमें प्रथम पुस्तक के रूप में उनकी कीर्ति चिरस्थायी है। इस पुस्तक में संस्कृत वाक्यरचना के संबंध में उनके विचार नवीन हैं और उनकी बुद्धिमत्ता के परिचायक हैं। यह पुस्तक हिंदुस्थान में ही नहीं, बाहर भी सर्वत्र मान्य है। .
देखें कोल्हापुर और वामन शिवराम आप्टे
विमानक्षेत्रों की सूची ICAO कोड अनुसार: V
प्रविष्टियों का प्रारूप है.
देखें कोल्हापुर और विमानक्षेत्रों की सूची ICAO कोड अनुसार: V
विजय तेंडुलकर
विजय तेंडुलकर विजय तेंडुलकर (६ जनवरी १९२८ - १९ मई २००८) प्रसिद्ध मराठी नाटककार, लेखक, निबंधकार, फिल्म व टीवी पठकथालेखक, राजनैतिक पत्रकार और सामाजिक टीपकार थे। भारतीय नाट्य व साहित्य जगत में उनका उच्च स्थान रहा है। वे सिनेमा और टेलीविजन की दुनिया में पटकथा लेखक के रूप में भी पहचाने जाते हैं। .
देखें कोल्हापुर और विजय तेंडुलकर
वेस्ट इंडीज क्रिकेट टीम का भारत दौरा 1983-84
1983-84 में वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम ने भारत के दौरे पर 1983 के विश्वकप में अपनी आश्चर्यजनक हार के बाद भारत का दौरा किया। क्लाइव लॉयड द्वारा कप्तानी किए गए, वेस्ट इंडीज ने दूसरे प्रथम श्रेणी मैचों के अलावा भारत के साथ ही पांच वनडे के खिलाफ छह टेस्ट मैचों में खेले। श्रृंखला को बदला श्रृंखला के रूप में भी जाना जाता है, जिसमें वेस्टइंडीज़ ने तीन टेस्ट जीतकर और सभी पांच वनडे मैच जीते थे। श्रृंखला में भारतीय बल्लेबाजों ने वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज के खिलाफ खेलने के लिए संघर्ष किया। ज्यादातर मैचों में भारत 4-5 विकेट से पहले ही हार गया। विनाशकारी 3-0 के नुकसान घरेलू मिट्टी पर हार का सबसे बड़ा अंतर था। भारतीय खिलाड़ियों के खराब प्रदर्शन के बावजूद, भारत ने इस श्रृंखला में कुछ रिकॉर्ड बनाने का प्रबंधन किया। कपिल देव ने एक पारी में 9 विकेट लेकर 83 रन की पारी खेली थी और गावस्कर ने इस श्रृंखला में अपने कैरियर का सर्वश्रेष्ठ 236 रन बनाए। 236 रनों की इस पारी में उन्होंने 29 टेस्ट शतकों के डोनाल्ड ब्रैडमैन का रिकार्ड और वीनू मांकड का रिकार्ड स्कोर 231 रन बनाकर आउट किया। इन सीरीज में कई अन्य प्रकाश डाला गया। 5 वीं टेस्ट में, भारत के खराब प्रदर्शन के कारण भीड़ खराब हो गईं और उन्होंने सुनील गावस्कर को दोषी ठहराया और उन्हें पत्थरों और सड़ा हुआ फलों पर पेल दिया गया। श्रीनगर में खेले गए इस श्रृंखला के पहले एकदिवसीय मैच में पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला गया था। मेजबान टीम भीड़ के एक वर्ग द्वारा लगातार बुझी थी। अलगाववादियों ने दोपहर के भोजन के ब्रेक के दौरान पिच को खोदने का विरोध किया। इस श्रृंखला में रिची रिचर्डसन, रोजर हार्पर, चेतन शर्मा, नवजोत सिद्धू और राजू कुलकर्णी की शुरुआत हुई। एंडी रॉबर्ट्स और यशपाल शर्मा इस श्रृंखला में अपने अंतिम मैच खेलने के बाद सेवानिवृत्ति में गए। अहमदाबाद के गुजरात स्टेडियम में तीसरा टेस्ट मैच इस मैदान पर खेला गया पहला टेस्ट मैच था। छठे टेस्ट के बाद मैल्कम मार्शल ने कुल विकेट 33 विकेट बनाये जिसमें वेस्टइंडीज की एक श्रृंखला में सबसे अधिक विकेट लिए गए। एक ही टेस्ट में, विंस्टन डेविस को एक प्रेक्षक द्वारा फेंकने वाली एक मिसाइल से मारा गया जिसमें कप्तान क्लाइव लॉयड ने अपनी टीम वापस मंडप में खींच कर ली। लॉयड को राज्य के राज्यपाल से आश्वासन प्राप्त होने के बाद ही मैच फिर शुरू हुआ था कि सुरक्षा में वृद्धि होगी। .
देखें कोल्हापुर और वेस्ट इंडीज क्रिकेट टीम का भारत दौरा 1983-84
गोवा
right गोवा या गोआ (कोंकणी: गोंय), क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे छोटा और जनसंख्या के हिसाब से चौथा सबसे छोटा राज्य है। पूरी दुनिया में गोवा अपने खूबसूरत समुंदर के किनारों और मशहूर स्थापत्य के लिये जाना जाता है। गोवा पहले पुर्तगाल का एक उपनिवेश था। पुर्तगालियों ने गोवा पर लगभग 450 सालों तक शासन किया और दिसंबर 1961 में यह भारतीय प्रशासन को सौंपा गया। .
देखें कोल्हापुर और गोवा
गोवा का इतिहास
गोवा के लंबे इतिहास की शुरुआत तीसरी सदी इसा पूर्व से शुरु होती है जब यहाँ मौर्य वंश के शासन की स्थापना हुई थी। बाद में पहली सदी के शुरुआत में इस पर कोल्हापुर के सातवाहन वंश के शासकों का अधिकार स्थापित हुआ और फिर बादामी के चालुक्य शासकों ने इसपर 580 इसवी से 750 इसवी पर राज किया। .
देखें कोल्हापुर और गोवा का इतिहास
कुम्हार
मिट्टी के बर्तन बनाने वाले को कुम्हार कहते हैं। कुम्हार जाति सपूर्ण भारत में हिन्दू व मुस्लिम धर्म सम्प्रदायो में पायी जाती है। क्षेत्र व उप-सम्प्रदायो के आधार पर कुम्हारों को अन्य पिछड़ा वर्ग.
देखें कोल्हापुर और कुम्हार
कोल्हापुर रियासत
कोल्हापुर रियासत (१७०७ से १९४९) एक ब्रिटिश भारत के समय भारतीय मराठा राजकीय रियासत थीं। जो कि दक्कन विभाग के अंतर्गत आती थी। यह मराठा साम्राज्य का चौथी सबसे महत्वपूर्ण रियासत थी। इनके अलावा ये रियासतें थी - बड़ोदा रियासत,ग्वालियर रियासत और इंदौर रियासत। इस रियासत में भोंसले राजवंश के शासक १९ तोपों की सलामी के हकदार थे। इस प्रकार कोल्हापुर भी एक १९ तोपों के राज्य के रूप में जाना जाता था। कोल्हापुर रियासत के राज्य का झंडा एक निगल पूंछ नारंगी पताका था। .
देखें कोल्हापुर और कोल्हापुर रियासत
कोल्हापुर विमानक्षेत्र
कोल्हापुर विमानक्षेत्र कोल्हापुर में स्थित है। इसका ICAO कोडहै VAKP और IATA कोड है KLH। यह एक नागरिक हवाई अड्डा है। यहां कस्टम्स विभाग उपस्थित नहीं है। इसका रनवे पेव्ड है। इसकी प्रणाली यांत्रिक नहीं है। इसकी उड़ान पट्टी की लंबाई 4400 फी.
देखें कोल्हापुर और कोल्हापुर विमानक्षेत्र
अमृता शिंदे
अमृता प्रतापसिंह शिंदे (Amrita Pratapsinh Shinde) (जन्म;०९ जुलाई १९७५,कोल्हापुर,महाराष्ट्र,भारत) एक पूर्व भारतीय महिला क्रिकेट खिलाड़ी है जो अपने समय में दोनों प्रारूपों टेस्ट और वनडे क्रिकेट खेला करती थी। ये दाहिने हाथ से बल्लेबाजी और लेग ब्रेक और गूगली गेंदबाजी करती थी। इन्होंने भारतीय टीम के लिए कुल एक मात्र टेस्ट और महज पाँच वनडे मैच खेले थे। .
देखें कोल्हापुर और अमृता शिंदे
अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन
अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन मराठी भाषा के लेखकों का वार्षिक साहित्यिक सम्मेलन है।प्रथम मराठी साहित्य सम्मेलन १८७८ ई में पुणे में हुआ था जिसकी अध्यक्षता न्यायमूर्ति महादेव गोविंद रानडे ने की थी। .
देखें कोल्हापुर और अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन