सामग्री की तालिका
5 संबंधों: श्याम बेनेगल, सुलभा देशपांडे, स्मिता पाटिल, अनंत नाग, अमरीश पुरी।
श्याम बेनेगल
श्याम बेनेगल (जन्म 14 दिसंबर, 1934) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध निर्देशक हैं। अंकुर, निशांत, मंथन और भूमिका जैसी फिल्मों के लिये चर्चित बेनेगल समानांतर सिनेमा के अग्रणी निर्देशकों में शुमार किये जाते हैं। श्याम को 1976 में पद्मश्री और 1961 में पद्मभूषण सम्मान दिये गये। 2007 में वे अपने योगदान के लिये भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाज़े गये। सर्वश्रेष्ठ हिन्दी फीचर फिल्म के लिये राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार पाँच बार जीतने वाले वे एकमात्र फिल्म निर्देशक हैं। श्याम बेनेगल को भारत सरकार द्वारा सन १९९१ में कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये महाराष्ट्र से हैं। .
देखें कोन्दुरा (1978 फ़िल्म) और श्याम बेनेगल
सुलभा देशपांडे
सुलभा देशपांडे (1937 – 4 जून 2016), हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री थीं। उन्होने विजय तेंदुलकर जैसे प्रख्यात नाट्य लेखकों द्वारा लिखे नाटकों में अभिनय के अलावा कई मराठी और हिंदी फिल्मों तथा टीवी सीरियलों में काम किया था। उन्होंने हिंदी सिनेमा में ‘भूमिका’, ‘अरविंद देसाई की अजीब दास्तान’,‘गमन’ आदि फिल्मों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने अपने पति अरविंद देशपांडे के साथ वर्ष 1971 में थियेटर ग्रुप ‘आविष्कार’ का गठन किया था। वर्ष 2012 में उन्होंने गौरी शिंदे निर्देशित फिल्म ‘इंग्लिश विंग्लिस’ में काम किया था। उन्हें वर्ष 1987 में हिंदी-मराठी थियेटर में अभिनय के लिए संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। .
देखें कोन्दुरा (1978 फ़िल्म) और सुलभा देशपांडे
स्मिता पाटिल
स्मिता पाटिल (जन्म: 17 अक्टूबर, 1955; निधन: 13 दिसम्बर, 1986) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। भारतीय संदर्भ में स्मिता पाटिल एक सक्रिय नारीवादी होने के अतिरिक्त मुंबई के महिला केंद्र की सदस्य भी थीं। वे महिलाओं के मुद्दों पर पूरी तरह से वचनबद्ध थीं और इसके साथ ही उन्होने उन फिल्मो मे काम करने को प्राथमिकता दी जो परंपरागत भारतीय समाज मे शहरी मध्यवर्ग की महिलाओं की प्रगति उनकी कामुकता तथा सामाजिक परिवर्तन का सामना कर रही महिलाओं के सपनों की अभिवयक्ति कर सकें.
देखें कोन्दुरा (1978 फ़िल्म) और स्मिता पाटिल
अनंत नाग
अनंत नाग हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .
देखें कोन्दुरा (1978 फ़िल्म) और अनंत नाग
अमरीश पुरी
अमरीश पुरी (जन्म:२२ जून १९३२ -मृत्यु:१२ जनवरी २००५) चरित्र अभिनेता मदन पुरी के छोटे भाई अमरीश पुरी हिन्दी फिल्मों की दुनिया का एक प्रमुख स्तंभ रहे हैं। अभिनेता के रूप निशांत, मंथन और भूमिका जैसी फ़िल्मों से अपनी पहचान बनाने वाले श्री पुरी ने बाद में खलनायक के रूप में काफी प्रसिद्धी पायी। उन्होंने १९८४ मे बनी स्टीवेन स्पीलबर्ग की फ़िल्म "इंडियाना जोन्स एंड द टेम्पल ऑफ़ डूम" (अंग्रेज़ी- Indiana Jones and the Temple of Doom) में मोलाराम की भूमिका निभाई जो काफ़ी चर्चित रही। इस भूमिका का ऐसा असर हुआ कि उन्होंने हमेशा अपना सिर मुँडा कर रहने का फ़ैसला किया। इस कारण खलनायक की भूमिका भी उन्हें काफ़ी मिली। व्यवसायिक फिल्मों में प्रमुखता से काम करने के बावज़ूद समांतर या अलग हट कर बनने वाली फ़िल्मों के प्रति उनका प्रेम बना रहा और वे इस तरह की फ़िल्मों से भी जुड़े रहे। फिर आया खलनायक की भूमिकाओं से हटकर चरित्र अभिनेता की भूमिकाओं वाले अमरीश पुरी का दौर। और इस दौर में भी उन्होंने अपनी अभिनय कला का जादू कम नहीं होने दिया .