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कोंकणी भाषा

सूची कोंकणी भाषा

कोंकणी गोवा, महाराष्ट्र के दक्षिणी भाग, कर्नाटक के उत्तरी भाग, केरल के कुछ क्षेत्रों में बोली जाती है। भाषायी तौर पर यह 'आर्य' भाषा परिवार से संबंधित है और मराठी से इसका काफी निकट का संबंध है। राजनैतिक तौर पर इस भाषा को अपनी पहचान के लिये मराठी भाषा से काफी संघर्ष करना पड़ा है। अब भारतीय संविधान के तहत कोंकणी को आठवीं अनुसूची में स्थान प्राप्त है। १९८७ में गोवा में कोंकणी को मराठी के बराबर राजभाषा का दर्जा दिया गया किन्तु लिपि पर असहमति के कारण आजतक इस पर अमल नहीं किया जा सका। कोंकणी अनेक लिपियों में लिखी जाती रही है; जैसे - देवनागरी, कन्नड, मलयालम और रोमन। गोवा को राज्य का दर्जा मिलने के बाद दवनागरी लिपि में कोंकणी को वहाँ की राजभाषा घोषित किया गया है। .

198 संबंधों: ऊषा उत्थुप, चाय, चांफेल्ली सांज, चिम्बेल, चंद्रकांत केणी, चौडी, चौरंग, एन. शिवदास, एम एंड द बिग हूम, डी. के. सुखठणकर, तत्सम, तंरगां, तुकाराम रामा शेट, दत्ता दामोदर नायक, दमन और दीव, दामोदर माऊज़ो, दिलीप बोरकार, दिका, दक्षिण एशिया, दक्षिण गोवा जिला, देशी भाषाओं में देशों और राजधानियों की सूची, देवनागरी, देविदास रा. कदम, दोर्या गाज़ोता, दोसा (व्यंजन), दीपावली, दीपिका पादुकोण, धारबन्दोरा, नाम की व्युत्पत्ति के आधार पर भारत के राज्य, नागेश करमली, नीळें नीळें ब्र्रह्म, पणजी आतम म्हातारी जाल्या, पत्रादेवी, परनेम, परीघ, पश्चिमी भारत, पार्सेम, पाले, गोवा, पांडुरंग राजाराम शनै मांगी, पुरन पोली, पुंडलीक नारायण नायक, प्रकाश दामोदर पाडगाँवकर, प्रकृतिचो पास, पॉप्युलर प्रकाशन, पोण्डा, पोरवोरिम, पीसोलिम, फ़ार्मागुड़ी, फातिमा ज़कारिया, बनिया, ..., बम्बोलिम, बाणावली, बारदेज़, बालकृष्ण भगवन्त बोरकर, बागा, गोवा, बिचोलिम, बैण्डोरा, गोवा, बेतुल, गोवा, बोरिम, भारत, भारत में स्थानीय वक्ताओं की संख्यानुसार भाषाओं की सूची, भारत सारावली, भारत के भाषाई परिवार, भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेश, भारत की बोलियाँ, भारत की भाषाएँ, भारत की राजभाषा के रूप में हिन्दी, भारत की आधिकारिक भाषाओं में भारत गणराज्य के नाम, भारतीय नाम, भारतीय राज्य पशुओं की सूची, भारतीय सिनेमा, भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष, भारतीय कवियों की सूची, भारतीय १० रुपये का नोट, भारतीय २००० हजार का नोट, भारतीय ५०० रुपये का नोट, भांगरसाळ, भितोरमें तूफान, भुयंचाफीं, भोगदंड, मडकई, मनमोतयां, मनोहर सरदेसाई, मलयालम लिपि, महाबलेश्वर सैल, माण्डवी नदी, माधव बोरकर, माधवी सरदेसाई, माध्यम (सम्पादित्र), मानी पुनव, मार्दोल, मालवनी बोली, माशेल, मंथन, मंगलोरियन कैथोलिक, मुम्बई, मुंबई की जनसांख्यिकी, म्हापसा, मैंगलुरु, मेल्विन रोड्रीगस, मोबोर, यूसुफ़ शेख, रमेश भगवंत वेळुस्कर, राष्ट्रभाषा, रवीन्द्र केलकर, लाख, लक्ष्मणराव सरदेसाई, लैंग्वेज इंटरफेस पैक, शरतचंद्र शेणै, शशांक सीताराम, शिमगो, शंकर रामानी, शीला कोळम्बकार, सतारी, सपनफलां, सरोजिनी महिषी, ससया, सालगाँव, साष्टी, साहित्य अकादमी पुरस्कार कोंकणी, सावय वेंरें, सावुलगोरी, संगेम, स्वरचक्र, सोंशयाचे कान, हन्व मोनिस अश्वत्थामो, हाल की घटनाएँ दिसंबर २००८, हिन्द-आर्य भाषाएँ, हिन्द-आर्य भाषाओं की सूची, हिमालयांत, हेमा नायक, जयंती नायक, जाय काय जूय?, ज्ञानपीठ पुरस्कार, जे बी मोरायश, जे.बी. मोरेस, जॅस फेर्नांडिस, जॉन बैप्टिस्ट सिक्वेरा, घणाघाय नियतीचे, वर्षा उसगांवकर, वामन श्रीनिवास कुडवा, वालपय, वास्को द गामा, गोवा, विन्सेंट जॉन पीटर सल्दान्हा, वंशकुळाचें देणें, व्हंकल पावणी, वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, खबरी, खाण्डेपार, खाण्डोला, गमभन, गुइरिम, गौड़ सारस्वत ब्राह्मण, गोमांचल ते हिमालय, गोवा, गोवा वेल्हा, आठवीं अनुसूची, आर. वी. पंडित, आगरी बोली, आगरी समाज, कठमूली, कर्ण पर्व, कर्नाटक, कर्नाटक की जनसांख्यिकी, कर्नाटक/आलेख, कलापुर, काणकोण, कानकोना, कामोठे, कारापुर, कार्मेलिन, कार्कल, काशिनाथ शांबा लोलयेंकार, कासरपल, कावळ्याचें स्राद्ध, काव्यसूत्र, काका कालेलकर, किरवंट, कुर्ती, गोवा, क्यूपेम, क्यूला, के. गोकुलदास प्रभु, कोच्चि, कोल्वाले, अथांग, अमृता राव, अरविन्द एन. मांब्रो, अरुण साखरदांडे, अलीशा चिनॉय, अशोक एस. कामत, अशीं अस्लिम ल्हाराँ, अंतरनाद, अंतरआयामी, अक्यूम, उत्तर गोवा जिला, उदय भेंब्रे, उल्लाल, छौंक सूचकांक विस्तार (148 अधिक) »

ऊषा उत्थुप

ऊषा उत्थुप (पूर्व में अय्यर) (உஷா உதுப், ঊষা উথুপ) (जन्म - 8 नवम्बर 1947) भारत की एक लोकप्रिय पॉप गायिका हैं। उन्हें 1960 के दशक के उतर्राध, 1970 और 1980 के दशक में अपने लोकप्रिय हिट के लिए जाना जाता है। उन्होंने करीब 16 भाषाओं में गाने गाएं हैं जिसमें बंगाली, हिंदी, पंजाबी, असमी, उड़िया, गुजराती, मराठी, कोंकणी, मलयालम, कन्नड़, तमिल, तुलु और तेलुगु शामिल हैं। वे कई विदेशी भाषाओं में भी गाना गा सकती हैं जिसमें अंग्रेजी, डच, फ्रेंच, जर्मन, इतालवी, सिंहली, स्वाहिली, रूसी, नेपाली, अरबी, क्रियोल, ज़ुलु और स्पेनिश शामिल हैं। .

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चाय

चाय एक लोकप्रिय पेय है। यह चाय के पौधों की पत्तियों से बनता है।भारतीय.

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चांफेल्ली सांज

चांफेल्ली सांज कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार पांडुरंग राजाराम शनै मांगी द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2000 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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चिम्बेल

चिम्बेल भारत के गोवा राज्य के उत्तर गोवा जिले में स्थित एक जनगणना नगर है। .

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चंद्रकांत केणी

चंद्रकांत केणी कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह व्हंकल पावणी के लिये उन्हें सन् 1988 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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चौडी

चौडी भारत के गोवा राज्य के दक्षिण गोवा जिले में स्थित एक कस्बा है जो काणकोण से दो किलोमीटर दूर है। श्रेणी:गोवा के नगर, कस्बे, और ग्राम.

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चौरंग

चौरंग कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार पुंडलीक नारायण नायक द्वारा रचित एक एकांकी है जिसके लिये उन्हें सन् 1984 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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एन. शिवदास

एन.

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एम एंड द बिग हूम

एम एंड द बिग हूम अंग्रेज़ी भाषा के विख्यात साहित्यकार जेरी पिन्टो द्वारा रचित एक उपन्यास है। इनके लिये उन्हें सन् २०१६ में अंग्रेज़ी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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डी. के. सुखठणकर

डी.

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तत्सम

तत्सम (तत् + सम .

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तंरगां

तंरगां कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार महाबलेश्वर सैल द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1993 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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तुकाराम रामा शेट

तुकाराम रामा शेट कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक निबंध-संग्रह मनमोतयां के लिये उन्हें सन् 2013 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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दत्ता दामोदर नायक

दत्ता दामोदर नायक कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक निबंध–संग्रह जाय काय जूय? के लिये उन्हें सन् 2006 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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दमन और दीव

Diu दमन और दीव मुंबई के समीप अरब सागर में स्थित द्वीप समूह हैं जो भारत का एक केन्द्र शासित प्रान्त है। यहाँ की राजधानी दमन है। .

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दामोदर माऊज़ो

दामोदर माऊज़ो (जन्म: १ अगस्त १९४४) गोवा के उपन्यासकार, कथाकार, आलोचक और निबन्धकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास कार्मेलिन के लिये उन्हें सन् १९८३ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (कोंकणी) से सम्मानित किया गया। .

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दिलीप बोरकार

दिलीप बोरकार कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक यात्रा–वृत्तांत गोमांचल ते हिमालय के लिये उन्हें सन् 1995 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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दिका

दिका कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार देविदास रा. कदम द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 2007 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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दक्षिण एशिया

thumb दक्षिण एशिया एक अनौपचारिक शब्दावली है जिसका प्रयोग एशिया महाद्वीप के दक्षिणी हिस्से के लिये किया जाता है। सामान्यतः इस शब्द से आशय हिमालय के दक्षिणवर्ती देशों से होता है जिनमें कुछ अन्य अगल-बगल के देश भी जोड़ लिये जाते हैं। भारत, पाकिस्तान, श्री लंका और बांग्लादेश को दक्षिण एशिया के देश या भारतीय उपमहाद्वीप के देश कहा जाता है जिसमें नेपाल और भूटान को भी शामिल कर लिया जाता है। कभी कभी इसमें अफगानिस्तान और म्याँमार को भी जोड़ लेते हैं। दक्षिण एशिया के देशों का एक संगठन सार्क भी है जिसके सदस्य देश निम्नवत हैं.

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दक्षिण गोवा जिला

दक्षिण गोवा और इसके तालुकाओं (तहसीलों) को पीले वर्णों से दर्शाया गया है दक्षिण गोवा जिला, भारतीय राज्य गोवा के दो जिलों में से एक है। जिले का क्षेत्रफल 1966 वर्ग किमी और 2001 की जनगणना के अनुसार इसकी जनसंख्या 586591 है। इस जिले के उत्तर में उत्तर गोवा जिला, दक्षिण और पूर्व में कर्नाटक राज्य का उत्तर कन्नड़ जिला और पश्चिम में अरब सागर स्थित है। .

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देशी भाषाओं में देशों और राजधानियों की सूची

निम्न चार्ट विश्व के देशों को सूचीबद्ध करता है (जैसा की यहां परिभाषित किया गया है), इसमें उनके राजधानीयों के नाम भी शामिल है, यह अंग्रेजी के साथ साथ उस देश की मूल भाषा और/या सरकारी भाषा में दी गयी है। ज टी की कोण नॉन en .

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देवनागरी

'''देवनागरी''' में लिखी ऋग्वेद की पाण्डुलिपि देवनागरी एक लिपि है जिसमें अनेक भारतीय भाषाएँ तथा कई विदेशी भाषाएं लिखीं जाती हैं। यह बायें से दायें लिखी जाती है। इसकी पहचान एक क्षैतिज रेखा से है जिसे 'शिरिरेखा' कहते हैं। संस्कृत, पालि, हिन्दी, मराठी, कोंकणी, सिन्धी, कश्मीरी, डोगरी, नेपाली, नेपाल भाषा (तथा अन्य नेपाली उपभाषाएँ), तामाङ भाषा, गढ़वाली, बोडो, अंगिका, मगही, भोजपुरी, मैथिली, संथाली आदि भाषाएँ देवनागरी में लिखी जाती हैं। इसके अतिरिक्त कुछ स्थितियों में गुजराती, पंजाबी, बिष्णुपुरिया मणिपुरी, रोमानी और उर्दू भाषाएं भी देवनागरी में लिखी जाती हैं। देवनागरी विश्व में सर्वाधिक प्रयुक्त लिपियों में से एक है। मेलबर्न ऑस्ट्रेलिया की एक ट्राम पर देवनागरी लिपि .

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देविदास रा. कदम

देविदास रा.

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दोर्या गाज़ोता

दोर्या गाज़ोता कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार आर. वी. पंडित द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1979 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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दोसा (व्यंजन)

सादा दोस दोसा एक दक्षिण भारतीय पकवान है। यह पक्वान कारबोहायड्रेट एवं प्रोटीन से समृद्ध है। .

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दीपावली

दीपावली या दीवाली अर्थात "रोशनी का त्योहार" शरद ऋतु (उत्तरी गोलार्द्ध) में हर वर्ष मनाया जाने वाला एक प्राचीन हिंदू त्योहार है।The New Oxford Dictionary of English (1998) ISBN 0-19-861263-X – p.540 "Diwali /dɪwɑːli/ (also Divali) noun a Hindu festival with lights...". दीवाली भारत के सबसे बड़े और प्रतिभाशाली त्योहारों में से एक है। यह त्योहार आध्यात्मिक रूप से अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है।Jean Mead, How and why Do Hindus Celebrate Divali?, ISBN 978-0-237-534-127 भारतवर्ष में मनाए जाने वाले सभी त्यौहारों में दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्त्व है। इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात् ‘अंधेरे से ज्योति अर्थात प्रकाश की ओर जाइए’ यह उपनिषदों की आज्ञा है। इसे सिख, बौद्ध तथा जैन धर्म के लोग भी मनाते हैं। जैन धर्म के लोग इसे महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते हैं तथा सिख समुदाय इसे बन्दी छोड़ दिवस के रूप में मनाता है। माना जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा राम अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे। अयोध्यावासियों का ह्रदय अपने परम प्रिय राजा के आगमन से प्रफुल्लित हो उठा था। श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए। कार्तिक मास की सघन काली अमावस्या की वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी। तब से आज तक भारतीय प्रति वर्ष यह प्रकाश-पर्व हर्ष व उल्लास से मनाते हैं। यह पर्व अधिकतर ग्रिगेरियन कैलन्डर के अनुसार अक्टूबर या नवंबर महीने में पड़ता है। दीपावली दीपों का त्योहार है। भारतीयों का विश्वास है कि सत्य की सदा जीत होती है झूठ का नाश होता है। दीवाली यही चरितार्थ करती है- असतो माऽ सद्गमय, तमसो माऽ ज्योतिर्गमय। दीपावली स्वच्छता व प्रकाश का पर्व है। कई सप्ताह पूर्व ही दीपावली की तैयारियाँ आरंभ हो जाती हैं। लोग अपने घरों, दुकानों आदि की सफाई का कार्य आरंभ कर देते हैं। घरों में मरम्मत, रंग-रोगन, सफ़ेदी आदि का कार्य होने लगता है। लोग दुकानों को भी साफ़ सुथरा कर सजाते हैं। बाज़ारों में गलियों को भी सुनहरी झंडियों से सजाया जाता है। दीपावली से पहले ही घर-मोहल्ले, बाज़ार सब साफ-सुथरे व सजे-धजे नज़र आते हैं। दीवाली नेपाल, भारत, श्रीलंका, म्यांमार, मारीशस, गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, सूरीनाम, मलेशिया, सिंगापुर, फिजी, पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया की बाहरी सीमा पर क्रिसमस द्वीप पर एक सरकारी अवकाश है। .

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दीपिका पादुकोण

दीपिका पादुकोण (कोंकणी: दीपिका पडुकोण, कन्नड: ದೀಪಿಕಾ ಪಡುಕೋಣ್) एक भारतीय अभिनेत्री हैं, जिनका जन्म 5 जनवरी 1986 को हुआ और जो बॉलीवुड सिनेमा में एक नायिका के रूप में उभरी हैं। .

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धारबन्दोरा

धारबन्दोरा, भारतीय राज्य गोवा के दक्षिण गोवा जिले का एक तालुक है। धारबन्दोरा, महाराष्ट्रीय नववर्ष गुड़ी पड़वा के दिन यानि 4 अप्रैल 2011 को दक्षिण गोवा जिले के छठे तालुक के रूप में अस्तित्व में आया है हालांकि इसके गठन संबंधी अधिसूचना को गोवा सरकार ने 16 मार्च 2011 को जारी किया था। धारबन्दोरा गोवा का बारहवां, सबसे नया और सबसे छोटा तालुक है। इसके गठन के पीछे का उद्देश्य प्रशासन का विकेन्द्रीकरण कर दूर दराज पड़े इलाकों तक प्रशासनिक सेवाओं की पहुँच को सुनिश्चित करना है। इसका गठन संगेम तालुक का विभाजन करके उसके 14 गांवों को लेकर किया गया है तथा इसमें उत्तर गोवा जिले के पोंडा तालुक के उसगांव तथा गंजेम नामक क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है। धारबन्दोरा नामक गांव इस तालुक का मुख्यालय है। कोंकणी और कन्नड़ धारबन्दोरा में प्रयोग में आने वाली प्रमुख भाषायें हैं। .

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नाम की व्युत्पत्ति के आधार पर भारत के राज्य

भारतीय गणराज्य का १९४७ में राज्यों के संघ के रूप में गठन हुआ। राज्य पुनर्गठन अधिनियम, १९५६ के अनुसार राज्यीय सीमाओं को भाषाई आधार पर पुनर्व्यवस्थित किया गया, इसलिए कई राज्यों के नाम उनकी भाषाओं के अनुसार हैं और आमतौर पर तमिल नाडु (तमिल) और कर्णाटक (कन्नड़) को छोड़कर, इन नामों की उत्पत्ति संस्कृत से होती है। तथापि अन्य राज्यों के नाम उनकी भौगोलिक स्थिति, विशेष इतिहास या जनसंख्याओं और औपनिवेशिक प्रभावों पर पड़े हैं। .

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नागेश करमली

नागेश करमली कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह वंशकुळाचें देणें के लिये उन्हें सन् 1992 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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नीळें नीळें ब्र्रह्म

नीळें नीळें ब्र्रह्म कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार शंकर रामानी द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1996 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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पणजी आतम म्हातारी जाल्या

पणजी आतम म्हातारी जाल्या कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार अरविन्द एन. मांब्रो द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1987 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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पत्रादेवी

पत्रादेवी (कोंकणी: पोत्रादेओ) भारतीय राज्यों गोवा और महाराष्ट्र की सीमा पर गोवा राज्य के पेर्नम तालुक में स्थित एक कस्बा है। पत्रादेवी चॅकपोस्ट इस कस्बे में स्थित है। यहा से नेत्रादे तक बस सेवाएँ उपलब्ध हैं। श्रेणी:गोवा के नगर, कस्बे, और ग्राम.

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परनेम

परनेम, उत्तर गोवा जिले के सबसे उत्तर में स्थित एक तालुक है। इस तालुक का मुख्यालय परनेम (कोंकणी: पेडणे) है जो एक शहर और नगरपालिका है। परनेम पूर्व में बिचोलिम, पश्चिम में अरब सागर, उत्तर में महाराष्ट्र के सावंतवाड़ी तालुक और दक्षिण में बारदेज़ तालुक से घिरा है। .

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परीघ

परीघ कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार शशांक सीताराम द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2003 में कोंकणी भाषा के लिए मरणोपरांत साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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पश्चिमी भारत

पश्चिमी भारत क्षेत्र में भारत के महाराष्ट्र, गोआ और गुजरात राज्य तथा दादरा एवं नगर हवेली एवं दमन एवं दीव केन्द्र शासित प्रदेश आते हैं। यह क्षेत्र उच्चस्तरीय औद्योगिक तथा आवासित है।.

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पार्सेम

पार्सेम भारत के गोवा राज्य के उत्तर गोवा जिले में स्थित एक जनगणना नगर है। .

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पाले, गोवा

पाले भारत के गोवा राज्य के उत्तर गोवा जिले में स्थित एक जनगणना नगर है। .

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पांडुरंग राजाराम शनै मांगी

पांडुरंग राजाराम शनै मांगी कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह चांफेल्ली सांज के लिये उन्हें सन् 2000 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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पुरन पोली

पुरन पोली (मराठी और कोंकणी: पुरणपोळी/पुरणाची पोळी, गुजराती: પોળી, तमिल: போளி पोली, कन्नड़: ಹೋಳಿಗೆ ओबट्टु/होलिगे, तेलुगु:बूरेलु या बोब्बाटु या बोब्बाटलु या पोलेय्लु, भाकशालू), महाराष्ट्र का प्रसिद्ध मीठा पकवान है। निशा मधुलिका द्वारा यह हरेक तीज त्योहार आदि के अवसरों पर बनाया जाता है। इसे आमटी के साथ खाया जाता है। गुड़ीपडवा पर्व पर इसे विशेष रूप से बनाया जाता है। पुरन पोली की मुख्य सामग्री चना दाल होती है और इसे गुड़ या शक्कर से मीठा स्वाद दिया जाता है। इसे भरवां मीठा परांठा कहा जा सकता है। हिन्दी भाषी इस स्वादिष्ट व्यंजन को पूरनपोली कहते हैं क्योंकि मराठी के ळ व्यंजन का उच्चारण हिन्दी में नहीं होता है तो इसकी निकटतम ध्वनि ल से काम चलाया जाता है। पूरणपोळी चने की दाल को शक्कर की चाशनी में उबालकर बनाई गयी मीठी पिट्ठी से बनती है। यह पिठ्ठी ही भरावन होता है जिसमें जायफल, इलायची, केसर और यथासंभव मेवा डाल कर सुस्वादु बनाया जाता है। इसमें पीले रंग के लिए चुटकी भर हल्दी भी डाली जा सकती है। चूंकि इसे ही मैदा या आटे की लोई में पूरा या भरा जाता है इसलिए पूरण नाम मिला। संस्कृत की पूर् धातु से बना है पूरण शब्द जिसका अर्थ ऊपर तक भरना, पूरा करना, आदि हैं। चूंकि ऊपर तक भरा होना ही सम्पूर्ण होना है सो पूरण में संतुष्टिकारक भाव भी हैं। मराठी में रोटी के लिए पोळी शब्द है। भाव हुआ भरवां रोटी। पोळी शब्द बना है पल् धातु से जिसमें विस्तार, फैलाव, संरक्षण का भाव निहित है इस तरह पोळी का अर्थ हुआ जिसे फैलाया गया हो। बेलने के प्रक्रिया से रोटी विस्तार ही पाती है। इसके बाद इसे तेल या शुद्ध घी से परांठे की तरह दोनों तरफ घी लगाकर अच्छी तरह लाल और करारा होने तक सेक लेते हैं। वैसे इसे महाराष्ट्र में करारा होने तक सेका जाता है, वहीं कर्नाटक और आंध्र प्रदेश आदि में इसे मुलायम ही रखते हैं। सिकने के बाद इसे गर्म या सामान्य कर परोसा जाता है। इसके साथ आमटी या खीर भी परोसी जाती है। चार सदस्यों के लिए पुरनपोली बनाने का समय है ४० मिनट। इसे बना कर ३-४ दिनों तक रखा भी जा सकता है। कड़ाले बेल ओबट्टु (चना दाल ओबट्टु) .

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पुंडलीक नारायण नायक

पुंडलीक नारायण नायक कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक एकांकी चौरंग के लिये उन्हें सन् 1984 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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प्रकाश दामोदर पाडगाँवकर

प्रकाश दामोदर पाडगाँवकर कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह हन्व मोनिस अश्वत्थामो के लिये उन्हें सन् 1986 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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प्रकृतिचो पास

प्रकृतिचो पास कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार मेल्विन रोड्रीगस द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2011 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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पॉप्युलर प्रकाशन

पॉप्युलर प्रकाशन (Popular Prakashan) भारत में स्थित एक स्वतंत्र प्रकाशन घर है जिसका मुख्यालय मुम्बई में है। .

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पोण्डा

पोण्डा (कोंकणी: फोणे), भारतीय राज्य गोवा के उत्तर गोवा जिले का एक नगर और नगर परिषद है। पोण्डा तालुक का मुख्यालय यह नगर गोवा के मध्य भाग में स्थित है और गोवा की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में प्रसिद्ध है। यह गोवा की राजधानी पणजी के दक्षिण पूर्व में 29 किमी की दूरी पर और गोवा की आर्थिक राजधानी मडगांव के पूर्वोत्तर में 18 किमी की दूरी पर स्थित है। पोंडा गोवा में उद्योगों का मुख्य केन्द्र है और यहां कई बड़े कारखाने और उद्योग-धंधे स्थित हैं। लगभग 20,000 की जनसंख्या वाला यह शहर गोवा का सबसे तेजी से विकसित होता शहर है। गोवा का सबसे प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेज गोवा इंजीनियरिंग कॉलेज पास के फरमागुडी में स्थित है। .

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पोरवोरिम

पोरवोरिम (कोंकणी: पर्वरी) भारत के गोवा राज्य की वैधानिक राजधानी है। यह माण्डवी नदी के उत्तरी तट पर स्थित है। राज्य की प्रशासनिक राजधानी पणजी नदी के दूसरे तट पर स्थित है। पोरवोरिम को पणजी का उपनगर माना जाता है, और यह मुम्बई-गोआ महामार्ग ऍन०ऍच-17 पर स्थित होने के कारण एक सम्भ्रन्त-वर्गीय आवासीय केन्द्र माना जाता है। पोरवोरिम, गोवा की राजधानी पणजी से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आधिकारिक रूप से यह एक गाँव है, लेकिन जिस प्रकार की सुविधाएँ यहाँ उपलब्ध हैं वह किसी कस्बे या छोटे नगर से कम नहीं हैं। पोरवोरिम में बहुत से आवासीय परिसर स्थित हैं जैसे.

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पीसोलिम

पीसोलिम कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार मनोहर सरदेसाई द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1980 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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फ़ार्मागुड़ी

फ़ार्मागुड़ी भारत के गोवा राज्य के उत्तर गोवा जिले में स्थित एक कस्बा है। यह पौण्डा तालुक में स्थित है। यह पणजी की ओर जाने वाले मार्ग मुख्य पौण्डा नगर से 3 किमी दूर एक पठार पर स्थित है। यहाँ के कुछ प्रमुख शिक्षण संस्थान हैं (जीवीऍम का) उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, जीवीऍम का वाणिज्य व अर्थशास्त्र महाविद्यालय, पौण्डा शिक्षा संघ का उच्चतर माध्यमिक विद्यालय और गोवा अभियान्त्रिकी महाविद्यालय। प्रसिद्ध गोपाल गणपती मन्दिर और शिवाजी का किला भी पणजी जाने वाले मार्ग पर स्थित हैं। श्रेणी:गोवा के नगर, कस्बे, और ग्राम.

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फातिमा ज़कारिया

फातिमा ज़कारिया (अँग्रेजी/कोंकणी: Fatima Zakaria) एक भारतीय महिला पत्रकार हैं। वे दैनिक समाचार पत्र मुंबई टाइम्स और टाइम्स ऑफ इंडिया के रविवारीय डेस्क की संपादक रह चुकी हैं।वर्तमान में वे ताज होटल की आंतरिक पत्रिका "ताज" की संपादक हैं।उनका कार्यालय मुंबई में कोलाबा नमक जगह पर स्थित ताजमहल पैलेस एंड टॉवर में है। भारत सरकार ने उन्हे वर्ष 2006 में पद्म श्री से सम्मानित किया। .

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बनिया

बनिया एक भारतीय जाति हैं,इनमे विशेषतः गुप्ता, साहू आदि सम्मिलित है..

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बम्बोलिम

बम्बोलिम भारत के गोवा राज्य के उत्तर गोवा जिले के तिसवाडी तालुक में स्थित एक जनगणना कस्बा है। गोवा मैडिकल कॉलॅज जो गोवा में एकमात्र ऐलोपैथिक चिकित्सा कालेज है, इसी कस्बे में स्थित है। राज्य की राजधानी पणजी से बम्बोलिन की दूरी लगभग 7 किमी है। बम्बोलिम अपने निर्जन समुद्र-तट के लिए उत्तर गोवा में प्रसिद्ध है। .

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बाणावली

बाणावली या बेनोलिम भारत के गोवा राज्य के दक्षिण गोवा जिले में स्थित एक जनगणना नगर है। यह एक समुद्र-तटीय कस्बा है जो मारगाँव के दक्षिण में है। एक दन्तकथा के अनुसार भगवान परशुराम (भगवान विष्णु के एक अवतार) ने समीप के कोकंण में स्थित सह्याद्री पर्वतों पर से एक तीर (बाण) चलाया जो इस स्थान पर आकर गिरा जिससे इसका नाम बाणावली पड़ा। पुर्तगालियों के आने से पूर्व इसे बाणाहल्ली या बाणावल्ली के नाम से जाना जाता था। पुराने बाणावली में भगवान शिव और पार्वती को समर्पित एक मन्दिर था जिसके खण्डहरनुमा अवशेष अभी भी इस कस्बे में देखा जा सकता है। सोलहवीं सदी में इस मन्दिर के देवों को उत्तर कनारा (वर्तमान उत्तर कन्न्ड़) में स्थित आवेसरा में स्थापित कर दिया गया था। .

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बारदेज़

बारदेज़ (कोंकणी: बार्देस), उत्तर गोवा जिले का एक तालुक है। इस तालुक का मुख्यालय मापुसा शहर है। संभवत: बारदेज़ का नाम मगध से प्रवासित ब्राह्मणों ने यहां के बारह गांवों (अल्दोना, मोइरा, ओलौलिम, नचिनोला, सिओलिम, अंजुना, कैंडोलिम, सेरूल, सलिगाओ, सैंगोल्डा, असागाओ और पोम्बुर्पा) की संख्या के आधार पर बारह-देश रखा था जिसे पुर्तगालियों ने बारदेज़ कर दिया। बारदेज़ की सीमायें, पूर्व में मापुसा नदी, पश्चिम में अरब सागर, उत्तर में चपोरा नदी और दक्षिण में मांडवी नदी द्वारा निर्धारित होती हैं। .

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बालकृष्ण भगवन्त बोरकर

बालकृष्ण भगवन्त बोरकर (कोंकणी: बाळकृष्ण भगवन्त शेणय बोरकार) (1910–1984) भारत के गोवा राज्य के एक कवि थे। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह ससया के लिये उन्हें सन् १९८१ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (कोंकणी) से सम्मानित किया गया। उन्हें 'बा-कि-बाब' नाम से भी जाना जाता है। बा भा बोरकर ने कम आयु से ही कविताएँ लिखना आरम्भ कर दिया था। वी सा खाण्डेकर, बोरकर की कविताओं के एक प्रारम्भिक समर्थक थे। बोरकर ने 1950 के दशक में गोवा के स्वतन्त्रता संग्राम से जुड़े और पूना चले गए जहाँ उन्होंने रेडियों सेवा में काम किया। उनका अधिकांश साहित्य मराठी में लिखा हुआ है लेकिन कोंकणी भाषा में भी उन्होंने बहुत साहित्य लिखा था। उन्होंने कहा कि साथ ही एक गद्य लेखक के रूप में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। वे गद्य लेखक के रूप में भी उत्कृष्ट लेख रहे थे। उनके द्वारा लिखी गई कविताएँ महात्मायन (गाँधी जी को समर्पित एक अधूरी कविता) और तमहस्तोत्र (मधुमेह और बुढ़ापे के कारण अन्धेपन की सम्भावना पर) प्रसिद्ध हैं। .

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बागा, गोवा

बागा, भारत के गोवा राज्य के बार्देज़ में स्थित समुद्र-तटीय कस्बा है। यह कस्बा कालनगूट के न्यायक्षेत्र में है जो दो किलोमीटर दक्षिण में है। बागा अपने समुद्रतट और बागा नदिका के लिए लोकप्रिय है और यहाँ प्रति वर्ष हज़ारों पर्यटक आते हैं। .

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बिचोलिम

गोवा में बिचोलिम की अवस्थिति (नारंगी रंग से दर्शाया गया है) बिचोलिम, (कोंकणी: दिवचल, मराठी: डिचोली), भारतीय राज्य गोवा के जिले उत्तर गोवा, का एक शहर और नगर परिषद है। यह बिचोलिम तालुका का मुख्यालय भी है। यह गोवा के पूर्वोत्तर में स्थित है और यह पुर्तगाल की नोवास कोंक्विस्टास (नई विजय) का हिस्सा था। बिचोलिम, गोवा की राजधानी पणजी से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गोवा में यह खनन का गढ़ है। .

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बैण्डोरा, गोवा

बैण्डोरा, भारत के गोवा राज्य के उत्तर गोवा जिले के पोण्डा तालुक में स्थित एक जनगणना नगर है। .

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बेतुल, गोवा

बेतुल भारत के गोवा राज्य के दक्षिण गोवा जिले में स्थित एक समुद्र-तटीय कस्बा है। यह मारगाँव से एक घण्टे की दूरी पर है। यह अपने समुद्र-तट के लिए जाना जाता है। साल नदी बेतुल के निकट अरब सागर में मिलती है। .

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बोरिम

बोरिम या बोरी भारत के गोवा राज्य के उत्तर गोवा जिले के पौण्डा तालुक में जुवारी नदी के किनारे स्थित एक जनगणना नगर है। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारत में स्थानीय वक्ताओं की संख्यानुसार भाषाओं की सूची

भारत कई सौ भाषाओं का घर है। ज़्यादातर भारतीय इंडो-आर्यन परिवार (74%)की भाषा बोलते हैं जो इंडो-यूरोपियन की ही एक शाखा है। द्रविड़ (24%), ऑस्ट्रोएस्ट्रीएटिक मुंडा (1.2%) और साइनो-तिब्बतन (0.6%) भी बोली जाती हैं इसके अतिरिक्त हिमालय की कुछ भाषाएँ अभी भी वर्गीकृत नहीं हैं। एस आई एल एथनोलॉग की सूची अनुसार अनुसार भारत में 415 जीवित भाषाएँ हैं। .

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भारत सारावली

भुवन में भारत भारतीय गणतंत्र दक्षिण एशिया में स्थित स्वतंत्र राष्ट्र है। यह विश्व का सातवाँ सबसे बड़ देश है। भारत की संस्कृति एवं सभ्यता विश्व की सबसे पुरानी संस्कृति एवं सभ्यताओं में से है।भारत, चार विश्व धर्मों-हिंदू धर्म, सिख धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म के जन्मस्थान है और प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता का घर है। मध्य २० शताब्दी तक भारत अंग्रेजों के प्रशासन के अधीन एक औपनिवेशिक राज्य था। अहिंसा के माध्यम से महात्मा गांधी जैसे नेताओं ने भारत देश को १९४७ में स्वतंत्र राष्ट्र बनाया। भारत, १२० करोड़ लोगों के साथ दुनिया का दूसरे सबसे अधिक आबादी वाला देश और दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला लोकतंत्र है। .

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भारत के भाषाई परिवार

वृहद भारत के भाषा परिवार भारत में विश्व के सबसे चार प्रमुख भाषा परिवारों की भाषाएँ बोली जाती है। सामान्यत: उत्तर भारत में बोली जाने वाली भारोपीय परि वार की भाषाओं को आर्य भाषा समूह, दक्षिण की भाषाओं को द्रविड़ भाषा समूह, ऑस्ट्रो-एशियाटिक परिवार की भाषाओं को भुंडारी भाषा समूह तथा पूर्वोत्तर में रहने वाले तिब्बती-बर्मी, नृजातीय भाषाओं को चीनी-तिब्बती (नाग भाषा समूह) के रूप में जाना जाता है। .

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भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेश

भारत राज्यों का एक संघ है। इसमें उन्तीस राज्य और सात केन्द्र शासित प्रदेश हैं। ये राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश पुनः जिलों और अन्य क्षेत्रों में बांटे गए हैं।.

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भारत की बोलियाँ

भारत में ‘भारतीय जनगणना 1961’ (संकेत चिह्न .

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भारत की भाषाएँ

भारत बहुत सारी भाषाओं का देश है, लेकिन सरकारी कामकाज में व्यवहार में लायी जाने वाली दो भाषायें हैं, हिन्दी और अंग्रेज़ी। वृहद भारत के भाषा परिवार .

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भारत की राजभाषा के रूप में हिन्दी

हिन्दी को भारत की राजभाषा के रूप में १४ सितम्बर सन् १९४९ को स्वीकार किया गया। इसके बाद संविधान में अनुच्छेद ३४३ से ३५१ तक राजभाषा के साम्बन्ध में व्यवस्था की गयी। इसकी स्मृति को ताजा रखने के लिये १४ सितम्बर का दिन प्रतिवर्ष हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। धारा ३४३(१) के अनुसार भारतीय संघ की राजभाषा हिन्दी एवं लिपि देवनागरी है। संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिये प्रयुक्त अंकों का रूप भारतीय अंकों का अंतरराष्ट्रीय स्वरूप (अर्थात 1, 2, 3 आदि) है। हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। संसद का कार्य हिंदी में या अंग्रेजी में किया जा सकता है। परन्तु राज्यसभा के सभापति महोदय या लोकसभा के अध्यक्ष महोदय विशेष परिस्थिति में सदन के किसी सदस्य को अपनी मातृभाषा में सदन को संबोधित करने की अनुमति दे सकते हैं। किन प्रयोजनों के लिए केवल हिंदी का प्रयोग किया जाना है, किन के लिए हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं का प्रयोग आवश्यक है और किन कार्यों के लिए अंग्रेजी भाषा का प्रयोग किया जाना है, यह राजभाषा अधिनियम 1963, राजभाषा नियम 1976 और उनके अंतर्गत समय समय पर राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए निदेशों द्वारा निर्धारित किया गया है। .

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भारत की आधिकारिक भाषाओं में भारत गणराज्य के नाम

निम्नलिखित सूची में भारत की सभी २३ आधिकारिक भाषाओं में भारत के नाम दिए गए है।.

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भारतीय नाम

भारतीय पारिवारिक नाम अनेक प्रकार की प्रणालियों व नामकरण पद्धतियों पर आधारित होते हैं, जो एक से दूसरे क्षेत्र के अनुसार बदलतीं रहती हैं। नामों पर धर्म व जाति का प्रभाव भी होता है और वे धर्म या महाकाव्यों से लिये हुए हो सकते हैं। भारत के लोग विविध प्रकार की भाषाएं बोलते हैं और भारत में विश्व के लगभग प्रत्येक प्रमुख धर्म के अनुयायी मौजूद हैं। यह विविधता नामों व नामकरण की शैलियों में सूक्ष्म, अक्सर भ्रामक, अंतर उत्पन्न करती है। उदाहरण के लिये, पारिवारिक नाम की अवधारणा तमिलनाडु में व्यापक रूप से मौजूद नहीं थी। कई भारतीयों के लिये, उनके जन्म का नाम, उनके औपचारिक नाम से भिन्न होता है; जन्म का नाम किसी ऐसे वर्ण से प्रारंभ होता है, जो उस व्यक्ति की जन्म-कुंडली के आधार पर उसके लिये शुभ हो। कुछ बच्चों को एक नाम दिया जाता है (दिया गया नाम).

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भारतीय राज्य पशुओं की सूची

भारत, आधिकारिक भारत गणराज्य एक दक्षिण एशियाई देश है। यह २९ राज्यों और ७ केन्द्र शासित प्रदेशों से मिलकर बना है। सभी भारतीय अपनी स्वयं की सरकार रखते हैं और केन्द्रशासित प्रदेश केन्द्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। अधिकतर अन्य देशों की तरह भारत में भी राष्ट्रीय प्रतीक पाये जाते हैं। राष्ट्रीय प्रतीकों के अतिरिक्त सभी भारतीय राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश अपनेखुद की राज्य मोहर और प्रतीक रखते हैं जिसमें राज्य पशु, पक्षी, पेड़, फूल आदि शामिल हैं। भारत के सभी राज्य पशुओं की सूची निचे दी गयी है। .

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भारतीय सिनेमा

भारतीय सिनेमा के अन्तर्गत भारत के विभिन्न भागों और भाषाओं में बनने वाली फिल्में आती हैं जिनमें आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, जम्मू एवं कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और बॉलीवुड शामिल हैं। भारतीय सिनेमा ने २०वीं सदी की शुरुआत से ही विश्व के चलचित्र जगत पर गहरा प्रभाव छोड़ा है।। भारतीय फिल्मों का अनुकरण पूरे दक्षिणी एशिया, ग्रेटर मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व एशिया और पूर्व सोवियत संघ में भी होता है। भारतीय प्रवासियों की बढ़ती संख्या की वजह से अब संयुक्त राज्य अमरीका और यूनाइटेड किंगडम भी भारतीय फिल्मों के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार बन गए हैं। एक माध्यम(परिवर्तन) के रूप में सिनेमा ने देश में अभूतपूर्व लोकप्रियता हासिल की और सिनेमा की लोकप्रियता का इसी से अन्दाजा लगाया जा सकता है कि यहाँ सभी भाषाओं में मिलाकर प्रति वर्ष 1,600 तक फिल्में बनी हैं। दादा साहेब फाल्के भारतीय सिनेमा के जनक के रूप में जाना जाते हैं। दादा साहब फाल्के के भारतीय सिनेमा में आजीवन योगदान के प्रतीक स्वरुप और 1969 में दादा साहब के जन्म शताब्दी वर्ष में भारत सरकार द्वारा दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की स्थापना उनके सम्मान में की गयी। आज यह भारतीय सिनेमा का सबसे प्रतिष्ठित और वांछित पुरस्कार हो गया है। २०वीं सदी में भारतीय सिनेमा, संयुक्त राज्य अमरीका का सिनेमा हॉलीवुड तथा चीनी फिल्म उद्योग के साथ एक वैश्विक उद्योग बन गया।Khanna, 155 2013 में भारत वार्षिक फिल्म निर्माण में पहले स्थान पर था इसके बाद नाइजीरिया सिनेमा, हॉलीवुड और चीन के सिनेमा का स्थान आता है। वर्ष 2012 में भारत में 1602 फ़िल्मों का निर्माण हुआ जिसमें तमिल सिनेमा अग्रणी रहा जिसके बाद तेलुगु और बॉलीवुड का स्थान आता है। भारतीय फ़िल्म उद्योग की वर्ष 2011 में कुल आय $1.86 अरब (₹ 93 अरब) की रही। जिसके वर्ष 2016 तक $3 अरब (₹ 150 अरब) तक पहुँचने का अनुमान है। बढ़ती हुई तकनीक और ग्लोबल प्रभाव ने भारतीय सिनेमा का चेहरा बदला है। अब सुपर हीरो तथा विज्ञानं कल्प जैसी फ़िल्में न केवल बन रही हैं बल्कि ऐसी कई फिल्में एंथीरन, रा.वन, ईगा और कृष 3 ब्लॉकबस्टर फिल्मों के रूप में सफल हुई है। भारतीय सिनेमा ने 90 से ज़्यादा देशों में बाजार पाया है जहाँ भारतीय फिल्मे प्रदर्शित होती हैं। Khanna, 158 सत्यजीत रे, ऋत्विक घटक, मृणाल सेन, अडूर गोपालकृष्णन, बुद्धदेव दासगुप्ता, जी अरविंदन, अपर्णा सेन, शाजी एन करुण, और गिरीश कासरावल्ली जैसे निर्देशकों ने समानांतर सिनेमा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और वैश्विक प्रशंसा जीती है। शेखर कपूर, मीरा नायर और दीपा मेहता सरीखे फिल्म निर्माताओं ने विदेशों में भी सफलता पाई है। 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रावधान से 20वीं सेंचुरी फॉक्स, सोनी पिक्चर्स, वॉल्ट डिज्नी पिक्चर्स और वार्नर ब्रदर्स आदि विदेशी उद्यमों के लिए भारतीय फिल्म बाजार को आकर्षक बना दिया है। Khanna, 156 एवीएम प्रोडक्शंस, प्रसाद समूह, सन पिक्चर्स, पीवीपी सिनेमा,जी, यूटीवी, सुरेश प्रोडक्शंस, इरोज फिल्म्स, अयनगर्न इंटरनेशनल, पिरामिड साइमिरा, आस्कार फिल्म्स पीवीआर सिनेमा यशराज फिल्म्स धर्मा प्रोडक्शन्स और एडलैब्स आदि भारतीय उद्यमों ने भी फिल्म उत्पादन और वितरण में सफलता पाई। मल्टीप्लेक्स के लिए कर में छूट से भारत में मल्टीप्लेक्सों की संख्या बढ़ी है और फिल्म दर्शकों के लिए सुविधा भी। 2003 तक फिल्म निर्माण / वितरण / प्रदर्शन से सम्बंधित 30 से ज़्यादा कम्पनियां भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध की गयी थी जो फिल्म माध्यम के बढ़ते वाणिज्यिक प्रभाव और व्यसायिकरण का सबूत हैं। दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग दक्षिण भारत की चार फिल्म संस्कृतियों को एक इकाई के रूप में परिभाषित करता है। ये कन्नड़ सिनेमा, मलयालम सिनेमा, तेलुगू सिनेमा और तमिल सिनेमा हैं। हालाँकि ये स्वतंत्र रूप से विकसित हुए हैं लेकिन इनमे फिल्म कलाकारों और तकनीशियनों के आदान-प्रदान और वैष्वीकरण ने इस नई पहचान के जन्म में मदद की। भारत से बाहर निवास कर रहे प्रवासी भारतीय जिनकी संख्या आज लाखों में हैं, उनके लिए भारतीय फिल्में डीवीडी या व्यावसायिक रूप से संभव जगहों में स्क्रीनिंग के माध्यम से प्रदर्शित होती हैं। Potts, 74 इस विदेशी बाजार का भारतीय फिल्मों की आय में 12% तक का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। इसके अलावा भारतीय सिनेमा में संगीत भी राजस्व का एक साधन है। फिल्मों के संगीत अधिकार एक फिल्म की 4 -5 % शुद्ध आय का साधन हो सकते हैं। .

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भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष

3 मई 2013 (शुक्रवार) को भारतीय सिनेमा पूरे सौ साल का हो गया। किसी भी देश में बनने वाली फिल्में वहां के सामाजिक जीवन और रीति-रिवाज का दर्पण होती हैं। भारतीय सिनेमा के सौ वर्षों के इतिहास में हम भारतीय समाज के विभिन्न चरणों का अक्स देख सकते हैं।उल्लेखनीय है कि इसी तिथि को भारत की पहली फीचर फ़िल्म “राजा हरिश्चंद्र” का रुपहले परदे पर पदार्पण हुआ था। इस फ़िल्म के निर्माता भारतीय सिनेमा के जनक दादासाहब फालके थे। एक सौ वर्षों की लम्बी यात्रा में हिन्दी सिनेमा ने न केवल बेशुमार कला प्रतिभाएं दीं बल्कि भारतीय समाज और चरित्र को गढ़ने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। .

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भारतीय कवियों की सूची

इस सूची में उन कवियों के नाम सम्मिलित किये गये हैं जो.

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भारतीय १० रुपये का नोट

भारतीय १० रुपये का नोट (₹१०) भारतीय रुपये का एक सामान्य मूल्यवर्ग है। ₹१० का नोट महात्मा गाँधी श्रेणी का के सबसे पहले नोटों में से एक है, जिसे भारतीय रिज़र्व बैंक के द्वारा जारी किया गया था। यह नोट वर्तमान में चलन में है। औपनिवेशिक काल में जारी व प्रचलित १० रुपये का नोट का १९२३ से ही लगातार मुद्रण हो रहा है, जब भारतीय रिज़र्व बैंक ने नोटों के मुद्रण का पदभार सम्भाला। .

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भारतीय २००० हजार का नोट

भारतीय 2000 रुपये का नोट (₹ 2000) भारतीय रुपये का मूल्य है। इसे 8 नवंबर 2016 को ₹ 500 और ₹ 1000 बैंकनोटों की बंदी के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी किया गया था और 10 नवंबर 2016 से परिसंचरण में रहा है। यह पूरी तरह से नए डिजाइन के साथ बैंकनोट्स की महात्मा गांधी नई श्रृंखला का हिस्सा है। भारतीय ₹ 2000 रुपये का नोट आरबीआई द्वारा मुद्रित उच्चतम मुद्रा नोट है जो सक्रिय परिसंचरण में है, इस नोट को नवंबर 2016 में 1,000 रुपये के नोट का विमुद्रीकरण के वाद लागू किया गया था।.

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भारतीय ५०० रुपये का नोट

भारतीय 500 रुपये का नोट (₹500) भारतीय रुपये का मूल्य है। मौजूदा ₹500 बैंकनोट, 10 नवंबर 2016 से परिसंचरण में, महात्मा गांधी नई श्रृंखला का हिस्सा है। महात्मा गांधी पुरानी सीरीज़ के पिछले ₹500 बैंकनोट्स,नवम्बर 2016 के विमुद्रीकरण के दौरान बंद कर दिए थे जिसकी स्थान पर नया बैंकनोट जारी किया था। .

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भांगरसाळ

भांगरसाळ कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार एन. शिवदास द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2005 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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भितोरमें तूफान

भितोरमें तूफान कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार जे.बी. मोरेस द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1985 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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भुयंचाफीं

भुयंचाफीं कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार शीला कोळम्बकार द्वारा रचित एक रेखाचित्र है जिसके लिये उन्हें सन् 1997 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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भोगदंड

भोगदंड कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार हेमा नायक द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 2002 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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मडकई

मडकई भारत के गोवा राज्य के उत्तर गोवा जिले के पौण्डा तालुक में स्थित एक जनगणना नगर है। .

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मनमोतयां

मनमोतयां कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार तुकाराम रामा शेट द्वारा रचित एक निबंध-संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2013 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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मनोहर सरदेसाई

मनोहर सरदेसाई कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह पीसोलिम के लिये उन्हें सन् 1980 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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मलयालम लिपि

मलयालम लिपि (मलयालम् लिपि में: മലയാളലിപി) ब्राह्मी लिपि से व्युत्पन्न लिपि है। इसका उपयोग मलयालम भाषा सहित पनिय, बेट्ट कुरुम्ब, रवुला और कभी-कभी कोंकणी लिखने में होता है। .

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महाबलेश्वर सैल

महाबलेश्वर सैल कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह तंरगां के लिये उन्हें सन् 1993 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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माण्डवी नदी

माण्डवी नदी (कोंकणी: मांडवी), जिसे मांडोवी, महादायी या महादेई तथा कुछ स्थानों पर गोमती नदी के नाम से भी जाना जाता है, भारत के राज्य कर्नाटक और गोवा से होकर बहने वाली एक नदी है। इस नदी को गोवा राज्य की जीवन रेखा के रूप में वर्णित किया जाता है साथ ही यह ज़ुआरी नदी के साथ गोवा की दो प्रमुख नदियों में से एक है। मांडवी नदी की कुल लंबाई 77 किलोमीटर है जिसमें से 29 किलोमीटर का हिस्सा कर्नाटक और 52 किलोमीटर गोवा से होकर बहता है। इस नदी का उद्गम पश्चिमी घाट के तीस सोतों के एक समूह से होता है जो कर्नाटक के बेलगाम जिले, के भीमगढ़ में स्थित हैं। नदी का जलग्रहण क्षेत्र, कर्नाटक में 2032 वर्ग किमी और गोवा में 1580 वर्ग किमी का है। दूधसागर प्रपात और वज्रपोहा प्रपात, मांडवी के ही भाग हैं। .

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माधव बोरकर

माधव बोरकर कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह यमन के लिये उन्हें सन् 2001 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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माधवी सरदेसाई

माधवी सरदेसाई एक भारतीय अकादमिक थी, जो कोंकणी साहित्यिक जर्नल जाग के संपादक थी और लेखिका भी, जो मुख्य रूप से गोवा में कोंकणी भाषा में काम करती थी। वह गोवा विश्वविद्यालय के कोंकणी विभाग की प्रमुख थी। इनके द्वारा रचित एक निबंध-संग्रह मंथन के लिये उन्हें सन् २०१४ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (कोंकणी) से सम्मानित किया गया। उन्होंने अंग्रेजी में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की कोंकणी पर लेक्सिकल प्रभावों की तुलनात्मक भाषावैज्ञानिक और सांस्कृतिक अध्ययन पर। सरदेसाई ने अपनी प्राथमिक शिक्षा को कोंकणी माध्यम से किया था और चौगुले महाविद्यालय, मडगांव से अंग्रेजी और दर्शन में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। कैंसर के साथ एक निश्चित लड़ाई के बाद उनका २२ दिसंबर, २०१४ को निधन हो गया। .

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माध्यम (सम्पादित्र)

माध्यम कृतिदेव फॉण्ट में हिन्दी लिखने के लिये एक पाठ सम्पादित्र है। कृतिदेव फॉण्ट रेमिंगटन लेआउट पर आधारित है जिस कारण इन्स्क्रिप्ट के प्रयोक्ताओं को इसमें टाइप करने में ससस्या आती है। माध्यम इन्स्क्रिप्ट लेआउट द्वारा कृतिदेव में टाइप करने की सुविधा प्रदान करता है। माध्यम में टैक्स्ट टाइप कर लेने के उपरान्त आप उसे किसी भी ऍप्लीकेशन में कॉपी कर सकते हैं। माध्यम द्वारा विकसित किया गया है। फोटोशॉप तथा पेजमेकर जैसे सॉफ्टवेयर इण्डिक यूनिकोड का समर्थन नहीं करते, अत: उनमें मजबूरन नॉन-यूनिकोड हिन्दी में कार्य करना पड़ता है जिस कारण इन्स्क्रिप्ट एवं फोनेटिक के अभ्यस्तों को दिक्कत होती है। माध्यम इन प्रोग्रामों में हिन्दी टाइप करने हेतु काम आता है। माध्यम में टैक्स्ट टाइप कर लेने के उपरान्त आप उसे इन ऍप्लिकेशन में कॉपी कर सकते हैं। माध्यम खुद में तो कोई विशेष सम्पादित्र नहीं है पर अयूनिकोडित प्रोग्रामों में हिन्दी टाइप करने हेतु उपयोगी औजार है। यह एक निःशुल्क देवनागरी वर्ड प्रोसैसर (शब्द संसाधक) है। इसके माध्यम से आप हिन्दी, संस्कृत, मराठी, कोंकणी, मैथिली, भोजपुरी तथा नेपाली आदि में आसानी से काम कर सकते हैं। RTF फॉर्मेटिंग के अलावा इसमें एक सामान्य टैक्स्ट ऍडीटर की सभी सुविधायें मौजूद हैं। इसके माध्यम से हिन्दी में ईमेल भी भेजी जा सकती है। फिलहाल माध्यम में यूनिकोड समर्थन नहीं है तथा इसका इण्टरफ़ेस अंग्रेज़ी में ही है। इसे सॉफ्टपीडिया ने '100 प्रतिशत स्वच्छ साफ्टवेयर पुरस्कार' भी प्रदान किया है। .

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मानी पुनव

मानी पुनव कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार डी. के. सुखठणकर द्वारा रचित एक ललित निबंध है जिसके लिये उन्हें सन् 1978 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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मार्दोल

मार्दोल भारत के गोवा राज्य के उत्तर गोवा जिले के पौण्डा तालुक में स्थित एक जनगणना नगर है। यह गोवा का एक तेज़ी से बढ़ रहा कस्बा है। मार्दोल की एक फ़ुटबॉल टीम है जो गोवा के तीसरे डिविज़न में खेलती है। .

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मालवनी बोली

मालवनी बोली, कोंकणी भाषा की एक बोली या उपभाषा है जिसे कभी-कभी मराठी भाषा की एक बोली भी कहा जाता है। इस बोली पर मराठी भाषा का प्रभाव साफ झलकता है साथ ही इसके अधिसंख्यक शब्द भी मराठी उद्गम के ही हैं। यह बोली महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग और रत्नागिरि जिले और उत्तरी गोवा के कुछ हिस्सों की स्थानीय आबादी के बीच बहुत लोकप्रिय है। .

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माशेल

माशेल भारत के गोवा राज्य के उत्तर गोवा जिले के पौण्डा तालुक में स्थित एक जनगणना नगर है। .

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मंथन

मंथन कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार माथवी सरदेसाय द्वारा रचित एक निबंध-संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2014 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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मंगलोरियन कैथोलिक

दक्षिण केनरा में ईसाइयों के शुरुआती अस्तित्व के सभी अभिलेखों को १७८४ में टीपू सुल्तान ने अपने निर्वासन के समय खो दिया था। इसलिए, यह बिल्कुल नहीं पता है कि ईसाई धर्म दक्षिण केनरा में पेश किया गया था, हालांकि यह संभव है कि सीरियाई ईसाई दक्षिण में बस गए केनरा, जैसा कि केरल में, केनरा के दक्षिण में एक राज्य में किया था। इतालवी यात्री मार्को पोलो ने लिखा कि १३वीं शताब्दी में लाल सागर और केनारा तट के बीच काफी व्यापारिक गतिविधियां थीं। यह अनुमान लगाया जा सकता है कि विदेशी ईसाई व्यापारियों ने वाणिज्य के लिए उस समय दक्षिण केनरा के तटीय शहरों का दौरा किया था; संभव है कि कुछ ईसाई पुजारी उनके साथ सुसमाचार का काम करने के लिए हो सकते थे। अप्रैल १३२१ में फ़्रैंक डोमिनिकन शुक्रवार सेवेरैक (दक्षिणी-पश्चिमी फ़्रांस में) के जॉर्डनस कटानानी चार अन्य फ्रायार्स् के साथ थाना पर उतरे। फिर उन्होंने उत्तरी केनरा में भटकल की यात्रा की, जो थाना से क्विलोन तक के तटीय मार्ग पर एक बंदरगाह था। भारत के प्रथम बिशप और क्विलोन सूबा के होने के नाते, उन्हें पोल ​​जॉन XXII द्वारा मैंगलोर और भारत के अन्य हिस्सों में ईसाई समुदाय का आध्यात्मिक पोषण सौंपा गया था। इतिहासकार सेवरिन सिल्वा के अनुसार, कोई ठोस सबूत अभी तक नहीं मिला है कि १६ वीं सदी से पहले दक्षिण कैनरा में ईसाइयों के किसी भी स्थायी बस्तियां थीं। यह क्षेत्र में पुर्तगालियों के आगमन के बाद ही था कि ईसाइयत फैलती हुई। श्रेणी:रोमन कैथोलिक.

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मुम्बई

भारत के पश्चिमी तट पर स्थित मुंंबई (पूर्व नाम बम्बई), भारतीय राज्य महाराष्ट्र की राजधानी है। इसकी अनुमानित जनसंख्या ३ करोड़ २९ लाख है जो देश की पहली सर्वाधिक आबादी वाली नगरी है। इसका गठन लावा निर्मित सात छोटे-छोटे द्वीपों द्वारा हुआ है एवं यह पुल द्वारा प्रमुख भू-खंड के साथ जुड़ा हुआ है। मुम्बई बन्दरगाह भारतवर्ष का सर्वश्रेष्ठ सामुद्रिक बन्दरगाह है। मुम्बई का तट कटा-फटा है जिसके कारण इसका पोताश्रय प्राकृतिक एवं सुरक्षित है। यूरोप, अमेरिका, अफ़्रीका आदि पश्चिमी देशों से जलमार्ग या वायुमार्ग से आनेवाले जहाज यात्री एवं पर्यटक सर्वप्रथम मुम्बई ही आते हैं इसलिए मुम्बई को भारत का प्रवेशद्वार कहा जाता है। मुम्बई भारत का सर्ववृहत्तम वाणिज्यिक केन्द्र है। जिसकी भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 5% की भागीदारी है। यह सम्पूर्ण भारत के औद्योगिक उत्पाद का 25%, नौवहन व्यापार का 40%, एवं भारतीय अर्थ व्यवस्था के पूंजी लेनदेन का 70% भागीदार है। मुंबई विश्व के सर्वोच्च दस वाणिज्यिक केन्द्रों में से एक है। भारत के अधिकांश बैंक एवं सौदागरी कार्यालयों के प्रमुख कार्यालय एवं कई महत्वपूर्ण आर्थिक संस्थान जैसे भारतीय रिज़र्व बैंक, बम्बई स्टॉक एक्स्चेंज, नेशनल स्टऑक एक्स्चेंज एवं अनेक भारतीय कम्पनियों के निगमित मुख्यालय तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियां मुम्बई में अवस्थित हैं। इसलिए इसे भारत की आर्थिक राजधानी भी कहते हैं। नगर में भारत का हिन्दी चलचित्र एवं दूरदर्शन उद्योग भी है, जो बॉलीवुड नाम से प्रसिद्ध है। मुंबई की व्यवसायिक अपॊर्ट्युनिटी, व उच्च जीवन स्तर पूरे भारतवर्ष भर के लोगों को आकर्षित करती है, जिसके कारण यह नगर विभिन्न समाजों व संस्कृतियों का मिश्रण बन गया है। मुंबई पत्तन भारत के लगभग आधे समुद्री माल की आवाजाही करता है। .

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मुंबई की जनसांख्यिकी

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म्हापसा

म्हापसा भारत के गोवा राज्य के उत्तर गोवा जिले में स्थित एक कस्बा है। यह राज्य की राजधानी पणजी से 13 किमी उत्तर में स्थित है। यह कस्बा बार्देज तालुक का मुख्यालय है। यह मुम्बई को कोचीन से जोड़ने वाले महामार्ग ऍनऍच-17 पर स्थित है। .

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मैंगलुरु

मैंगलुरु (तुळु: कुड्ला; कोंकणी: कोडयाल; ब्यारि: मायकला; कन्नड: ಮಂಗಳೂರು / मंगलुरु) भारत के कर्नाटक प्रान्त का एक शहर है। यह शहर देश के पश्चिमी भाग में आता है। इस शहर के पूर्व में पश्चिमी घाट और पशिचम में अरब सागर है। मैंगलूर दक्षिण कन्नड जिले का मुख्यालय है। .

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मेल्विन रोड्रीगस

मेल्विन रोड्रीगस कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह प्रकृतिचो पास के लिये उन्हें सन् 2011 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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मोबोर

मोबोर भारत के गोवा राज्य के दक्षिण गोवा जिले में स्थित एक कस्बा है। यह साष्टी तालुक में स्थित है। goaholidayhomes.com यह कस्बा मोबोर तट के लिए जाना जाता है जो एक अलग-थलग सा तट है, यहाँ बहुत सी एकान्त युक्त खोहें हैं और उनके लिए उपयुक्त है जो पूर्ण शान्ति और आराम चाहते हैं। .

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यूसुफ़ शेख

यूसुफ़ शेख (1948-2017) एक प्रसिद्ध कोंकणी साहित्यकार थे। वे इस भाषा में अपनी काव्य रचनाओं के लिए जाने जाते हैं। .

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रमेश भगवंत वेळुस्कर

रमेश भगवंत वेळुस्कर कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह सावुलगोरी के लिये उन्हें सन् 1990 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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राष्ट्रभाषा

राष्ट्रभाषा एक देश की संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा होती है, जिसे सम्पूर्ण राष्ट्र में भाषा कार्यों में (जैसे लिखना, पढ़ना और वार्तालाप) के लिए प्रमुखता से प्रयोग में लाया जाता है। वह भाषा जिसमें राष्ट्र के काम किए जायें। राष्ट्र के काम-धाम या सरकारी कामकाज के लिये स्वीकृत भाषा। .

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रवीन्द्र केलकर

रवीन्द्र केलकर (7 मार्च 1925 – 27 अगस्त 2010) कोंकणी साहित्य के सबसे मजबूत स्तंभ थे। 85 वर्षीय इस महान हस्ती को वर्ष 2006 का ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया। उनकी प्रमुख रचनाओं में आमची भास कोंकणीच, 'बहुभाषिक भारतान्त भाषान्चे समाजशास्त्र' शामिल हैं। रवीन्द्र केलकर का जन्म ७ मार्च १९२५ में दक्षिण गोवा के कोकुलिम क्षेत्र में हुआ। कोंकणी, हिन्दी और मराठी में उनकी 32 से अधिक मौलिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। वह स्वतंत्रता संग्राम और गोवा के मुक्ति संग्राम से जुड़े रहे। वह आधुनिक कोंकणी आंदोलन के प्रणेता थे और कोंकणी भाषा मंडल की स्थापना में उनकी अहम भूमिका रही। केलकर को ज्ञानपीठ पुरस्कार के अलावा 1976 में साहित्य अकादमी पुरस्कार, 2008 में पद्मभूषण प्रदान किया गया था और 2007 में उन्हें साहित्य अकादमी का फैलो चुना गया था। .

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लाख

लाख (संस्कृत: लक्ष), (Lakh या lac), दक्षिण एशिया एवं कुछ अन्य देशों में प्रयुक्त एक संख्यात्मक इकाई है जो सौ हजार (१००,०००) के बराबर होती है। गणितीय पद्धति में इसे (105) भी लिखा जाता है। भारतीय संख्या पद्धति में इसे १,००,००० लिखा जाता है। आधिकारिक और अन्य प्रसंगों में लाख का प्रयोग भारत, बांग्लादेश, नेपाल, पाकिस्तान, म्यांमार तथा श्रीलंका आदि में बहुतायत में किया जाता है। .

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लक्ष्मणराव सरदेसाई

लक्ष्मणराव सरदेसाई कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक निबंध–संग्रह खबरी के लिये उन्हें सन् 1982 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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लैंग्वेज इंटरफेस पैक

लैंग्वेज इंटरफेस पैक या भाषा अंतरापृष्ट पॅक माइक्रोसोफ्ट के द्वारा निर्मित एक प्रोग्राम हैं जिससे विंडोज़ को कोई भी निज भाषा में प्रयोग कर सकता है। माइक्रोसॉफ्ट ने अब तक कई भाषाओं में लैंग्वेज इंटरफेस पैक बनाये हैं जैसे हिन्दी, तमिल आदि। इन्हें स्थापित करने से पूर्व माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़ का सत्यापन करवाता है। .

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शरतचंद्र शेणै

शरतचंद्र शेणै कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह अंतरनाद के लिये उन्हें सन् 1999 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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शशांक सीताराम

शशांक सीताराम कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह परीघ के लिये उन्हें सन् 2003 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित(मरणोपरांत) किया गया। .

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शिमगो

गोवा के निवासी होली को कोंकणी में शिमगो या शिमगोत्सव कहते हैं। वे इस अवसर पर वसंत का स्वागत करने के लिए रंग खेलते हैं। इसके बाद भोजन में तीखी मुर्ग या मटन की करी खाते हैं जिसे शगोटी कहा जाता है। मिठाई भी खाई जाती है। गोआ में शिमगोत्सव की सबसे अनूठी बात पंजिम का वह विशालकाय जलूस है जो होली के दिन निकाला जाता है। यह जलूस अपने गंतव्य पर पहुँचकर सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिवर्तित हो जाता है। इस कार्यक्रम में नाटक और संगीत होते हैं जिनका विषय साहित्यिक, सांस्कृतिक और पौराणिक होता है। हर जाति और धर्म के लोग इस कार्यक्रम में उत्साह के साथ भाग लेते हैं। .

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शंकर रामानी

शंकर रामानी कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह नीळें नीळें ब्र्रह्म के लिये उन्हें सन् 1996 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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शीला कोळम्बकार

शीला कोळम्बकार कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक रेखाचित्र भुयंचाफीं के लिये उन्हें सन् 1997 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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सतारी

सतारी या सत्तरी (कोंकणी:सत्तरी), भारत के राज्य गोवा के उत्तर गोवा जिले का एक तालुक है। इसका मुख्यालय वलपोई है। इसे गोवा की स्थानीय शराब फेनी की स्थानीय राजधानी भी कहा जाता है। पश्चिमी घाट, सतारी तालुक के पूर्वी भाग की रचना करते हैं। सतारी तालुक का भौगोलिक क्षेत्र 490 वर्गकिमी है, जिसमें से 208 वर्गकिमी क्षेत्र पर महादेई अभयारण्य आच्छादित है। मांडवी नदी तालुक की जीवनरेखा है। सतारी पूर्व में कर्नाटक, पश्चिम में बिचोलिम और पोंडा तालुक, उत्तर में महाराष्ट्र और दक्षिण में संगेम तालुक से घिरा है। .

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सपनफलां

सपनफलां कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार मीना काकोडकर द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1991 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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सरोजिनी महिषी

डॉ सरोजिनी महिषी (मृत्यु-२५ जनवरी १९१५) भारतीय विदुषी थीं। उन्होने हिन्दी, कन्नड तथा संस्कृत भाषा में 40 पुस्तकें लिखी हैं। वह तमिल, तेलुगु, मराठी, कोंकणी आदि की भी ज्ञाता थीं। अगस्त २०११ को उन्हें हिन्दी भवन द्वारा राजर्षि पुरूषोत्तम दास टंडन की जयंती के अवसर पर हिन्दीरत्न सम्मान दिया गया। श्रीमती डॉ॰ सरोजिनी महिषी जवाहर लाल नेहरू व इंदिरा गांधी के कार्यकाल में कर्नाटक के धारबाड़ जिले से 1962, 1967, 1971 व 1977 तक लोकसभा से सांसद रहीं। 1983 व 1984 से 1990 तक राज्यसभा से संसद में प्रतिनिधित्व करती रही हैं। उन्होंने समाज सेवा, समाज कल्याण का कार्य किया है। दक्षिण भारत में हिंदी के विरोध के प्रश्न पर उनका विचार है कि यह पहले होता था अब नहीं होता है। श्रीमती महिषी संसदीय हिंदी परिषद की अध्यक्ष भी रही हैं। हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, कन्नड, मराठी, कौकणी, तमिल, तैलगू आदि भाषाओं पर अपनी अच्छी पकड़ रखने वाली श्रीमती महिषी पं॰ जवाहर लाल नेहरू व इंदिरा गांधी के लिये अनुवादक का काम किया करती थी। उनके भाषणों का अनुवाद करती थी। अनेक पुस्तके लिखने के साथ आज भी सांसद के लिये काम करती हैं। श्रेणी:भारतीय भाषाविद श्रेणी:भारतीय लेखक.

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ससया

ससया कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार बी. बी. बोरकर द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1981 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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सालगाँव

सालगाँव भारत के गोवा राज्य के उत्तर गोवा जिले में स्थित एक जनगणना नगर है। यह पोरवोरिम, पारा, गुइरिम, सांगोल्दा, पिलर्न, कण्डोलिम, कालनगूट और नागोआ गाँवों से घिरा हुआ है और गोवा के बार्देज तालुक में स्थित है। यह राजधानी पणजी से 10 किमी, मापूसा से 6 किमी, और कालनगूट समुद्र-तट से 3 किमी की दूरी पर स्थित है। .

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साष्टी

साष्टी (कोंकणी तथा मराठी: साष्टी; पुर्तगाली: साल्सेत या सैल्सेट / Salcete), भारत के गोवा राज्य के दक्षिण गोवा जिले की एक तालुक है। इसका प्रशासनिक मुख्यालय मडगांव है। स्थानीय मान्यता के अनुसार यह क्षेत्र, छियासठ गांवों के मिलकर बना है, इसीलिए इसका नाम साष्टी पड़ा है हालांकि, साल्सेट के विपरीत साष्टी क्षेत्र में मुरगांव तालुक भी शामिल है। साल्सेट के छ: कोमुनीदाद या ग्राम सहकारी संघ (कोंकणी: गांवकारी) हैं जिनके नाम है: राया, मडगांव, लौटोलिम, कर्टोरिम, वेरना और बेनौलिम है जबकि क्वेलोसिम, मुरगांव का कोमुनीदाद है। साल्सेट पूर्व में संगेम तालुक, पश्चिम में अरब सागर, उत्तर में तिस्वाड़ी और पोंडा तालुकाओं और दक्षिण में कानकोना और क्यूपेम तालुकाओं से घिरा है। .

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साहित्य अकादमी पुरस्कार कोंकणी

साहित्य अकादमी पुरस्कार एक साहित्यिक सम्मान है जो कुल २४ भाषाओं में प्रदान किया जाता हैं और कोंकणी भाषा इन में से एक भाषा हैं। अकादमी ने १९७७ से इस भाषा के लिए पुरस्कारों को पेश किया। .

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सावय वेंरें

सावय वेंरें भारत के गोवा राज्य के उत्तर गोवा जिले में स्थित एक जनगणना ग्राम है। .

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सावुलगोरी

सावुलगोरी कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार रमेश भगवंत वेळुस्कर द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1990 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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संगेम

संगेम जिसे सांगुएम (कोंकणी: सांगे) भी कहा जाता है, भारतीय राज्य गोवा के दक्षिण गोवा जिले का एक तालुक है। संगेम नामक शहर इस तालुक का मुख्यालय है। कोंकणी और कन्नड़ संगेम में प्रयोग में आने वाली प्रमुख भाषायें हैं। .

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स्वरचक्र

स्वरचक्र भारतीय लिपियों में एंड्रॉइड पर लिखने में सहायक एक निःशुल्क अनुप्रयोग (अप्लिकेशन) है। यह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुम्बई के औद्योगिक डिजाइन केन्द्र के IDID समूह द्वारा विकसित किया गया है। यह इंस्क्रिप्ट से बेहतर सिद्ध हो रहा है। सम्प्रति यह ११ भारतीय भाषाओं (हिन्दी, मराठी, गुजराती, तेलुगु, मलयालम, कन्नड, ओडिया, पंजाबी, बंगाली,कोंकणी,तमिळ) के लिये एंड्रॉयड फोनों के लिये उपलब्ध है। .

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सोंशयाचे कान

सोंशयाचे कान कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार चा. फ्र. डि’ कोश्‍टा द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1989 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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हन्व मोनिस अश्वत्थामो

हन्व मोनिस अश्वत्थामो कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार प्रकाश दामोदर पाडगाँवकर द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1986 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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हाल की घटनाएँ दिसंबर २००८

* गुरुवार, २७ नवंबर, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह का आज दोपहर अपोलो अस्पताल में निधन हो गया। वे ७७ वर्ष के थे।.

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हिन्द-आर्य भाषाएँ

हिन्द-आर्य भाषाएँ हिन्द-यूरोपीय भाषाओं की हिन्द-ईरानी शाखा की एक उपशाखा हैं, जिसे 'भारतीय उपशाखा' भी कहा जाता है। इनमें से अधिकतर भाषाएँ संस्कृत से जन्मी हैं। हिन्द-आर्य भाषाओं में आदि-हिन्द-यूरोपीय भाषा के 'घ', 'ध' और 'फ' जैसे व्यंजन परिरक्षित हैं, जो अन्य शाखाओं में लुप्त हो गये हैं। इस समूह में यह भाषाएँ आती हैं: संस्कृत, हिन्दी, उर्दू, बांग्ला, कश्मीरी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, रोमानी, असमिया, गुजराती, मराठी, इत्यादि। .

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हिन्द-आर्य भाषाओं की सूची

हिन्द-आर्य भाषाओं में लगभग २१० (एसआईएल अनुमान) भाषाएँ और बोलियाँ आती हैं जो एशिया में बहुत से लोगों द्वारा बोली जाती हैं; यह भाषा परिवार हिंद-इरानी भाषा परिवार का भाग है। .

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हिमालयांत

हिमालयांत कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार रवीन्द्र केळेकार द्वारा रचित एक यात्रा–वृत्तांत है जिसके लिये उन्हें सन् 1977 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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हेमा नायक

हेमा नायक कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास भोगदंड के लिये उन्हें सन् 2002 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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जयंती नायक

जयंती नायक कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह अथांग के लिये उन्हें सन् 2004 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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जाय काय जूय?

जाय काय जूय? कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार दत्ता दामोदर नायक द्वारा रचित एक निबंध–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2006 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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ज्ञानपीठ पुरस्कार

पुरस्कार-प्रतीकः वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा ज्ञानपीठ पुरस्कार भारतीय ज्ञानपीठ न्यास द्वारा भारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। भारत का कोई भी नागरिक जो आठवीं अनुसूची में बताई गई २२ भाषाओं में से किसी भाषा में लिखता हो इस पुरस्कार के योग्य है। पुरस्कार में ग्यारह लाख रुपये की धनराशि, प्रशस्तिपत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा दी जाती है। १९६५ में १ लाख रुपये की पुरस्कार राशि से प्रारंभ हुए इस पुरस्कार को २००५ में ७ लाख रुपए कर दिया गया जो वर्तमान में ग्यारह लाख रुपये हो चुका है। २००५ के लिए चुने गये हिन्दी साहित्यकार कुंवर नारायण पहले व्यक्ति थे जिन्हें ७ लाख रुपए का ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ। प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार १९६५ में मलयालम लेखक जी शंकर कुरुप को प्रदान किया गया था। उस समय पुरस्कार की धनराशि १ लाख रुपए थी। १९८२ तक यह पुरस्कार लेखक की एकल कृति के लिये दिया जाता था। लेकिन इसके बाद से यह लेखक के भारतीय साहित्य में संपूर्ण योगदान के लिये दिया जाने लगा। अब तक हिन्दी तथा कन्नड़ भाषा के लेखक सबसे अधिक सात बार यह पुरस्कार पा चुके हैं। यह पुरस्कार बांग्ला को ५ बार, मलयालम को ४ बार, उड़िया, उर्दू और गुजराती को तीन-तीन बार, असमिया, मराठी, तेलुगू, पंजाबी और तमिल को दो-दो बार मिल चुका है। .

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जे बी मोरायश

जे बी मोरायश (१९३३) कर्नाटक के कल्लामुंडकूर नगर में जन्मे कोंकणी साहित्यकार हैं। उनका पहला कविता संग्रह नोंनी व्होकोले नाम से तथा पहला कहानी संग्रह कोशेददान नाम से १९७७ में प्रकाशित हुआ। उन्हें १९८५-८६ में कोंकणी भाषा में लिखे गए भितरलें तूफान के लिए साहित्य अकादमी द्वारा सम्मानित किया गया। .

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जे.बी. मोरेस

जे.बी.

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जॅस फेर्नांडिस

जॅस फेर्नांडिस कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह किरवंट के लिये उन्हें सन् 2009 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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जॉन बैप्टिस्ट सिक्वेरा

जॉन बैप्टिस्ट सिक्वेरा कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह अशीं अस्लिम ल्हाराँ के लिये उन्हें सन् 1998 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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घणाघाय नियतीचे

घणाघाय नियतीचे कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार अशोक एस. कामत द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 2008 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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वर्षा उसगांवकर

वर्षा उसगांवकर हिन्दी और मराठी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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वामन श्रीनिवास कुडवा

वामन श्रीनिवास कुडवा (कोंकणी में: ವಾಮನ್ ಶ್ರೀನಿವಾಸ್ ಕುಡ್ವ (9 जून 1899 - 30 जून 1967), जो वी.एस.

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वालपय

वालपय भारत के गोवा राज्य के उत्तर गोवा जिले में स्थित एक नगर और नगपालिका है। यह सटारी तालुक का मुख्यालय नगर है। पश्चिमी घाट इस कस्बे के पूर्व में स्थित है। .

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वास्को द गामा, गोवा

वास्को द गामा या वास्को दा गामा (कोंकणी: वास्को); संक्षेप में बहुधा केवल वास्को), भारत के पश्चिमी तट पर स्थित देश के सबसे छोटे राज्य गोवा का सबसे बड़ा नगर है। इसका नाम पुर्तगाली अन्वेषक वास्को द गामा के नाम पर रखा गया है। जनसंख्या अनुसार वास्को, गोवा का सबसे अधिक जनसंख्या वाला नगर है और यह अनुमानित: 1,00,000 से अधिक है। यह मुरगांव तालुक का मुख्यालय भी है। यह नगर मुरगांव प्रायद्वीप के पश्चिमी छोर पर और जुवारी नदी के मुहाने पर स्थित है। गोवा की राजधानी पणजी से यह 30 किलोमीटर और, डाबोलिम हवाई अड्डे से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस नगर की स्थापना 1543 में की गई थी और 1961 तक यह पुर्तगाली साम्राज्य का भाग बना रहा, जब इसे भारत ने अपने अधिकार में ले लिया था। भारतीय नौसेना का गोवा नौसेना क्षेत्र (अड्डा) वास्को में स्थित है जहां से यह डाबोलिम हवाई अड्डे पर नियन्त्रण रखते हैं। अतीत में वास्को द गामा का नाम बदल कर सम्भाजी नगर करने के कुछ असफल प्रयास भी किये गये हैं। .

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विन्सेंट जॉन पीटर सल्दान्हा

विन्सेंट जॉन पीटर सल्दान्हा (Vincent John Peter Saldanha; कन्नड: ವಿನ್ಸೆಂಟ್ ಜಾನ್ ಪೀಟರ್ ಸಲ್ದಂಹ; 9 जून् 1925 – 22 फरवरी 2000)) कोंकणी भाषा के साहित्यकार, नाटककार, उपन्यासकार और कवि थे। उन्होने कोंकणी साहित्य के प्रति अन्य महत्त्वपूर्ण योगदान दिए हैं। सल्दान्हा ने अपने हर लेखन रचना में अपने कैथलिक पहचान को अच्छे तरह से बनाया रखा था। वह अक्सर अपने ही जात के लोगों के बारे मे लिखते थे। वह 'खदप' या 'रॉक' नाम से लोकप्रीय थे। श्रेणी:कोंकणी साहित्यकार.

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वंशकुळाचें देणें

वंशकुळाचें देणें कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार नागेश करमली द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1992 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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व्हंकल पावणी

व्हंकल पावणी कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार चंद्रकांत केणी द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1988 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग

वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग (सीएसटीटी) हिन्दी और अन्य सभी भारतीय भाषाओं के वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दों को परिभाषित एवं नए शब्दों का विकास करता है। भारत की स्वतंत्रता के बाद वैज्ञानिक-तकनीकी शब्दावली के लिए शिक्षा मंत्रालय ने सन् १९५० में बोर्ड की स्थापना की। सन् १९५२ में बोर्ड के तत्त्वावधान में शब्दावली निर्माण का कार्य प्रारंभ हुआ। अन्तत: १९६० में केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय और 1961 ई. में वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग की स्थापना हुई। इस प्रकार विभिन्न अवसरों पर तैयार शब्दावली को 'पारिभाषिक शब्द संग्रह' शीर्षक से प्रकाशित किया गया, जिसका उद्देश्य एक ओर वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग के समन्वय कार्य के लिए आधार प्रदान करना था और दूसरी ओर अन्तरिम अवधि में लेखकों को नई संकल्पनाओं के लिए सर्वसम्मत पारिभाषिक शब्द प्रदान करना था। स्वतंत्रता के बाद भारत के संविधान के निर्माताओं का ध्यान देश की सभी प्रमुख भाषाओं के विकास की ओर गया। संविधान में हिंदी को संघ की राजभाषा के रूप में मान्यता दी गई और केंद्रीय सरकार को यह दायित्व सौंपा गया कि वह हिंदी का विकास-प्रसार करें एवं उसे समृद्ध करे। तदनुसार भारत सरकार के केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने संविधान के अनुच्छेद 351 के अधीन हिंदी का विकास एवं समृद्धि की अनेक योजनाएँ आरंभ कीं। इन योजनाओं में हिंदी में तकनीकी शब्दावली के निर्माण का कार्यक्रम भी शामिल किया गया ताकी ज्ञान-विज्ञान की सभी शाखाओं में हिंदी के माध्यम से अध्ययन एवं अध्यापन हो सके। शब्दावली निर्माण कार्यक्रम को सही दिशा देने के लिए 1950 में शिक्षा सलाहकार की अध्यक्षता में वैज्ञानिक शब्दावली बोर्ड की स्थापना की गई। पहले यह कार्य शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत हिंदी एकक द्वारा किया जाता था किन्तु बाद में विभिनन विषयों की हिंदी शब्दावली का निर्माण करने के दौरान यह ज्ञात हुआ कि यह काम बहुत ही अधिक विशाल, गहन और बहुआयामी है। इसके पूरे होने में बहुत सकय लगेगा और इस कार्य के लिए सभी विषयों के विशेषज्ञों एवं भाषाविदों की आवश्यकता होगी। अतः भारत सरकार ने 1 अक्तूबर, 1961 को प्रख्यात वैज्ञानिक डॉ॰ डी.एस. कोठारी की अध्यक्षता में वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग की स्थापना की ताकि शब्दावली निर्माण का कार्य सही एवं व्यापक परिप्रेक्ष्य में कार्यान्वित किया जा सके। .

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खबरी

खबरी कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार लक्ष्मणराव सरदेसाई द्वारा रचित एक निबंध–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1982 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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खाण्डेपार

खाण्डेपार भारत के गोवा राज्य के उत्तर गोवा जिले में स्थित एक जनगणना नगर है। .

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खाण्डोला

कारापुर भारत के गोवा राज्य के उत्तर गोवा जिले के पौण्डा तालुक में स्थित एक जनगणना नगर है। .

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गमभन

गमभन (Gamabhana) श्री ओंकार जोशी कृत ध्वन्यात्मक लिप्यंतरण (Phonetic transliteration) पर आधारित संपादित्र है जो अनेक भारतीय भाषाओं ले लिये उपयोगी है। .

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गुइरिम

गुइरिम भारत के गोवा राज्य के उत्तर गोवा जिले में स्थित एक जनगणना नगर है। .

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गौड़ सारस्वत ब्राह्मण

कोई विवरण नहीं।

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गोमांचल ते हिमालय

गोमांचल ते हिमालय कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार दिलीप बोरकार द्वारा रचित एक यात्रा–वृत्तांत है जिसके लिये उन्हें सन् 1995 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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गोवा

right गोवा या गोआ (कोंकणी: गोंय), क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे छोटा और जनसंख्या के हिसाब से चौथा सबसे छोटा राज्य है। पूरी दुनिया में गोवा अपने खूबसूरत समुंदर के किनारों और मशहूर स्थापत्य के लिये जाना जाता है। गोवा पहले पुर्तगाल का एक उपनिवेश था। पुर्तगालियों ने गोवा पर लगभग 450 सालों तक शासन किया और दिसंबर 1961 में यह भारतीय प्रशासन को सौंपा गया। .

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गोवा वेल्हा

गोवा वेल्हा (कोंकणी: व्हडलें गोंय) भारत के गोवा राज्य के इल्हास में स्थित एक जनगणना नगर है। .

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आठवीं अनुसूची

भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची भारत की भाषाओं से संबंधित है। इस अनुसूची में २२ भारतीय भाषाओं को शामिल किया गया है। इनमें से १४ भाषाओं को संविधान में शामिल किया गया था। सन १९६७ में, सिन्धी भाषा को अनुसूची में जोड़ा गया। इसके बाद, कोंकणी भाषा, मणिपुरी भाषा, और नेपाली भाषा को १९९२ में जोड़ा गया। हाल में २००४ में बोड़ो भाषा, डोगरी भाषा, मैथिली भाषा, और संथाली भाषा शामिल किए गए। .

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आर. वी. पंडित

आर.

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आगरी बोली

कोंकणी भाषा का वीन-आरेख। आगरी बोली महाराष्ट्र राज्य के उत्तर में तथा मध्य कोंकण में बोली जाने वाली बोली है। यह आगरी, कोली, कुणबी तथा आगर (अर्थ: नमक एंव खेती, फल संवर्धन करने की जगह) में रहनेवाले बारा बलुतेदार इस भाषा का प्रयोग करते हैं। .

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आगरी समाज

आगरी समाज मूलतः नमक की 'खेती' करने वाला समाज है। आगरी समाज एक हिंदु-आर्य समाज है। विशेषत: यह महाराष्ट्रीय समूह है जो महाराष्ट्र के उत्तर कोंकण इलाके में मूल भुमिपुत्र है। यह समाज कोली तथा कुणबी एवं मराठा जातियों के उपविभाग में आता है। इनकी जो बोलीभाषा है, वह मराठी और कोंकणी की उपभाषा है जिसे आगरी बोली कहते हैं। आगरी समाज महाराष्ट्र के मुंबई शहर, मुंबई उपनगर, ठाणे, पालघर, रायगड, नासिक इन जिलों में बहुतांश बस गया है। इसके अलावा रत्नागिरि, पुणे, अहमदनगर जिलों में भी बसा है। गोवा राज्य में इनको 'मिठगावडे' कहते हैं। इतिहास:- यह समाज मुलत: एक शुद्ध क्षत्रिय समाज है। जो कि मुंगी पैठण नामक प्राचिन वस्तीस्थान से कोंकण में युद्ध करणेवाले राजपुत क्षत्रिय है। जो कि पैठण के बिंबराजाके सेन्यदल मैं प्रमुखत: संम्मेलित थे। युद्ध में विजयी होणे के कारण राजा बिंम्बने राज्य को प्रबल बनाने हेतु इन्हे नमक का व्यापार एंव उत्पादन करणे के लिए नमक के आगर बनाने में प्रचंड सहायता कि, और इन्हे पुर्णत: यहाँ अधिकार दे दिया। .

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कठमूली

कठमूली कठमूली या झिंझोरी (वानस्पतिक नाम:Bauhinia racemosa) एक वृक्ष है। यह अल्प प्राप्य औषधीय पादप है। इसका धार्मिक महत्व भी है। हिन्दू लोग विजया दशमी के अगले दिन अपने मित्रों से मिलते हैं और इसकी पत्तियों का आदान-प्रदान करते हैं। इसकी पत्तियों को 'सोना पत्ती' कहते हैं। यह दक्षिणी-पूर्वी एशिया का देशज वृक्ष है। इसका पेड़ ३ से ५ मीटर ऊँचा होता है। इसमें फरवरी से मार्च के बीच फूल लगते हैं। इसकी पत्तियों का आकार गाय के खुर के समान होता है।; अन्य भाषाओं में नाम.

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कर्ण पर्व

कर्ण पर्व कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार उदय भेंब्रे द्वारा रचित एक नाटक है जिसके लिये उन्हें सन् 2015 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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कर्नाटक

कर्नाटक, जिसे कर्णाटक भी कहते हैं, दक्षिण भारत का एक राज्य है। इस राज्य का गठन १ नवंबर, १९५६ को राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अधीन किया गया था। पहले यह मैसूर राज्य कहलाता था। १९७३ में पुनर्नामकरण कर इसका नाम कर्नाटक कर दिया गया। इसकी सीमाएं पश्चिम में अरब सागर, उत्तर पश्चिम में गोआ, उत्तर में महाराष्ट्र, पूर्व में आंध्र प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में तमिल नाडु एवं दक्षिण में केरल से लगती हैं। इसका कुल क्षेत्रफल ७४,१२२ वर्ग मील (१,९१,९७६ कि॰मी॰²) है, जो भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का ५.८३% है। २९ जिलों के साथ यह राज्य आठवां सबसे बड़ा राज्य है। राज्य की आधिकारिक और सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है कन्नड़। कर्नाटक शब्द के उद्गम के कई व्याख्याओं में से सर्वाधिक स्वीकृत व्याख्या यह है कि कर्नाटक शब्द का उद्गम कन्नड़ शब्द करु, अर्थात काली या ऊंची और नाडु अर्थात भूमि या प्रदेश या क्षेत्र से आया है, जिसके संयोजन करुनाडु का पूरा अर्थ हुआ काली भूमि या ऊंचा प्रदेश। काला शब्द यहां के बयालुसीम क्षेत्र की काली मिट्टी से आया है और ऊंचा यानि दक्कन के पठारी भूमि से आया है। ब्रिटिश राज में यहां के लिये कार्नेटिक शब्द का प्रयोग किया जाता था, जो कृष्णा नदी के दक्षिणी ओर की प्रायद्वीपीय भूमि के लिये प्रयुक्त है और मूलतः कर्नाटक शब्द का अपभ्रंश है। प्राचीन एवं मध्यकालीन इतिहास देखें तो कर्नाटक क्षेत्र कई बड़े शक्तिशाली साम्राज्यों का क्षेत्र रहा है। इन साम्राज्यों के दरबारों के विचारक, दार्शनिक और भाट व कवियों के सामाजिक, साहित्यिक व धार्मिक संरक्षण में आज का कर्नाटक उपजा है। भारतीय शास्त्रीय संगीत के दोनों ही रूपों, कर्नाटक संगीत और हिन्दुस्तानी संगीत को इस राज्य का महत्त्वपूर्ण योगदान मिला है। आधुनिक युग के कन्नड़ लेखकों को सर्वाधिक ज्ञानपीठ सम्मान मिले हैं। राज्य की राजधानी बंगलुरु शहर है, जो भारत में हो रही त्वरित आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी का अग्रणी योगदानकर्त्ता है। .

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कर्नाटक की जनसांख्यिकी

२००१ की भारतीय जनगणना के अनुसार, कर्नाटक की कुल जनसंख्या ५२,८५०,५६२ है, जिसमें से २६,८९८,९१८ (५०.८९%) पुरुष और २५,९५१,६४४ स्त्रियाँ (४३.११%) हैं। यानि प्रत्येक १००० पुरुष ९६४ स्त्रियाँ हैं। इसके अनुसार १९९१ की जनसंख्या में १७.२५% की वृद्धि हुई है। राज्य का जनसंख्या घनत्व २७५.६ प्रति वर्ग कि.मी है और ३३.९८% लोग शहरी क्षेत्रों में रहते हैं। यहाँ की साक्षरता दर ६६.६% है, जिसमें ७६.१% पुरुष और ५६.९% स्त्रियाँ साक्षर हैं। यहाँ की कुल जनसंख्या का ८३% हिन्दू हैं और ११% मुस्लिम, ४% ईसाई, ०.७८% जैन, ०.७३% बौद्ध और शेष लोग अन्य धर्मावलंबी हैं। कर्नाटक की आधिकारिक भाषा कन्नड़ है और स्थानीय भाषा के रूप में ६४.७५% लोगों द्वारा बोली जाती है। १९९१ के अनुसार अन्य भाषायी अल्पसंख्यकों में उर्दु (९.७२%), तेलुगु (८.३४%), तमिल (५.४६%), मराठी (३.९५%), टुलु (३.३८%, हिन्दी (१.८७%), कोंकणी (१.७८%), मलयालम (१.६९%) और कोडव तक्क भाषी ०.२५% हैं। राज्य की जन्म दर २.२% और मृत्यु दर ०.७२% है। इसके अलावा शिशु मृत्यु (मॉर्टैलिटी) दर ५.५% एवं मातृ मृत्यु दर ०.१९५% है। कुल प्रजनन (फर्टिलिटी) दर २.२ है। स्वास्थ्य एवं आरोग्य के क्षेत्र (सुपर स्पेशियलिटी हैल्थ केयर) में कर्नाटक की निजी क्षेत्र की कंपनियाँ विश्व की सर्वश्रेष्ठ संस्थाओं से तुलनीय हैं। कर्नाटक में उत्तम जन स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हैं, जिनके आंकड़े व स्थिति भारत के अन्य अधिकांश राज्यों की तुलना में काफी बेहतर है। इसके बावजूद भी राज्य के कुछ अति पिछड़े इलाकों में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव है। प्रशासनिक उद्देश्य हेतु, कर्नाटक को चार रेवेन्यु मंडलों, ४९ उप-मंडलों, २९ जिलों, १७५ तालुकों और ७४५ होब्लीज़/रेवेन्यु वृत्तों में बांटा गया है। प्रत्येक जिला प्रशासन का अध्यक्ष जिला उपायुक्त होता है, जो भारतीय प्रशासनिक सेवा (आई.ए.एस) से होता है और उसके अधीन कर्नाटक राज्य सेवाओं के अनेक अधिकारीगण होते हैं। राज्य के न्याय और कानून व्यवस्था का उत्तरदायित्व पुलिस उपायुक्त पर होता है। ये भारतीय पुलिस सेवा का अधिकारी होता है, जिसके अधीन कर्नाटक राज्य पुलिस सेवा के अधिकारीगण कार्यरत होते हैं। भारतीय वन सेवा से वन उपसंरक्षक अधिकारी तैनात होता है, जो राज्य के वन विभाग की अध्यक्षता करता है। जिलों के सर्वांगीण विकास, प्रत्येक जिले के विकास विभाग जैसे लोक सेवा विभाग, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, पशु-पालन, आदि विभाग देखते हैं। राज्य की न्यायपालिका बंगलुरु में स्थित कर्नाटक उच्च न्यायालय (अट्टार कचेरी) और प्रत्येक जिले में जिले और सत्र न्यायालय तथा तालुक स्तर के निचले न्यायालय के द्वारा चलती है। .

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कर्नाटक/आलेख

कर्नाटक (उच्चारण), जिसे कर्णाटक भी कहते हैं, दक्षिण भारत का एक राज्य है। इस राज्य का सृजन १ नवंबर, १९५६ को राज्य पुनर्संगठन अधिनियम के अधीन किया गया था। मूलतः यह मैसूर राज्य कहलाता था और १९७३ में इसे पुनर्नामकरण कर कर्नाटक नाम मिला था। कर्नाटक की सीमाएं पश्चिम में अरब सागर, उत्तर पश्चिम में गोआ, उत्तर में महाराष्ट्र, पूर्व में आंध्र प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में तमिल नाडु एवं दक्षिण में केरल से लगती हैं। राज्य का कुल क्षेत्रफल ७४,१२२ वर्ग मील (१,९१,९७६ कि॰मी॰²) है, जो भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का ५.८३% है। यह राज्य आठवां सबसे बड़ा राज्य है और इसमें २९ जिले हैं। राज्य की आधिकारिक और सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है कन्नड़। हालांकि कर्नाटक शब्द के उद्गम के कई सन्दर्भ हैं, फिर भी उनमें से सर्वाधिक स्वीकार्य तथ्य है कि कर्नाटक शब्द का उद्गम कन्नड़ शब्द करु, अर्थात काली या ऊंची और नाडु अर्थात भूमि या प्रदेश या क्षेत्र से आया है, जिसके संयोजन करुनाडु का पूरा अर्थ हुआ काली भूमि या ऊंचा प्रदेश। काला शब्द यहां के बयालुसीम क्षेत्र की काली मिट्टी से आया है और ऊंचा यानि दक्खन के पठारी भूमि से आया है। ब्रिटिश राज में यहां के लिये कार्नेटिक शब्द प्रयोग किया गया है, जो कृष्णा नदी के दक्षिणी ओर की प्रायद्वीपीय भूमि के लिये प्रयोग किया गया है और कर्नाटक शब्द का अपभ्रंश है। प्राचीन एवं मध्यकालीन इतिहास देखें तो कर्नाटक क्षेत्र कई बड़े शक्तिशाली साम्राज्यों का क्षेत्र रहा है। इन याज्यों के दरबारों के विचारक, दार्शनिक और भाट व कवियों के सामाजिक, साहित्यिक व धार्मिक संरक्षण में आज का कर्नाटक उपजा है। भारतीय शास्त्रीय संगीत के दोनों ही रूपों, कर्नाटक संगीत और हिन्दुस्तानी संगीत को इस राज्य का महत्त्वपूर्ण योगदान मिला है। आधुनिक युग के कन्नड़ लेखकों को सर्वाधिक ज्ञानपीठ सम्मान मिले हैं। राज्य की राजधानी बंगलुरु शहर है, जो भारत में हो रही त्वरित आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी का अग्रणी योगदानकर्त्ता है। .

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कलापुर

कलापुर भारत के गोवा राज्य के उत्तर गोवा जिले का एक जनगणना नगर है। .

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काणकोण

काणकोण भारत के गोवा राज्य के दक्षिण गोवा जिले में स्थित एक कस्बा और नगर पालिका है। काणकोण तालुक में पटनेम, चौडी, पोइनगुइनिम, लोलिए, अगोण्डा और गौमडोंग्रे जैसे स्थान समाहित हैं। चौडी इस तालुक का मुख्यालय और सबसे विकसित कस्बा है। प्रसिद्ध पालोलेम तट इस तालुक में स्थित है। .

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कानकोना

कानकोना (कोंकणी:काणकोण), भारतीय राज्य गोवा के दक्षिण गोवा जिले का एक नगर और नगरपालिका है। प्रसिद्ध पालोलम तट यहीं पर स्थित है। चाउड़ी तालुका का मुख्यालय और सबसे अधिक विकसित कस्बा है। .

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कामोठे

नवी मुंबई मे स्थित एक विकाशील क्षेत्र है। यह रायगड़ जिले के अंतर्गत आता है। कामोठे मे दो रेल्वे स्टेशन है, मानसरोवर रेल्वे स्टेशन और खानदेश्वर रेल्वे स्टेशन। कामोठे पनवेल तालुका मे आता है। कामोठे गांव के आसपास पुरा शहर बसा है, यह मुम्बई पुणे हाईवे और हार्बर रेल्वे लाइन के बीच मे है। गांव के पास एक बड़ा तलाव है, उसके ठीक सामने प्राचीन शंकर मंदिर था, जिसे तोड़कर एक नया भव्य मंदिर बनाया गया। कामोठे लगभग 46 सेक्टर मे फैला हुआ है। धीरे-धीरे नागरिक सुविधाओ का विकास हो रहा है श्रेणी:मुंबई के क्षेत्र.

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कारापुर

कारापुर भारत के गोवा राज्य के उत्तर गोवा जिले में स्थित एक जनगणना नगर है। .

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कार्मेलिन

कार्मेलिन कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार दामोदर मावज़ो द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1983 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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कार्कल

कर्नाटक राज्य के दक्षिणी हिस्से में स्थित कार्कल नगर मूर्ति निर्माण कला में निपुणता के लिए विश्व विख्यात है। यहां के उत्साही मूर्तिकार पत्थरों में जान डालने की क्षमता रखते हैं। उनकी कला का प्रत्यक्ष प्रमाण यहां देखा जा सकता है। मंगलौर से 35 किमी दूर स्थित कार्कल शहर भगवान बाहुबली की विशाल मूर्ति के लिए विशेष रूप से लोकप्रिय है। हाल के वर्षो में प्रसिद्ध मूर्तिकार रंजल गोपाल शर्मा ने मूर्ति निर्माण कला की एक जीवंत पंरपरा यहां विकसित की है। यहां की मूर्तियों की पूरे विश्व में प्रशंसा की जाती है तथा मूर्तियों का निर्यात जापान में किया जाता है। .

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काशिनाथ शांबा लोलयेंकार

काशिनाथ शांबा लोलयेंकार कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह काव्यसूत्र के लिये उन्हें सन् 2012 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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कासरपल

कासरपल भारत के गोवा राज्य के उत्तर गोवा जिले के बिचोलिम क्षेत्र का एक कस्बा है। यह म्हापसा कस्बे से 14 किमी की दूरी पर स्थित है। इस ग्राम का मूल नाम पल्लिका है जो वर्ष 1436 के एक ताम्र-पत्र शिलालेख पर अंकित है जो गोवा पुरातत्व विभाग के अधिकार में है। इस स्थान को कासरपल के नाम से भी जाना जाता था क्योंकि यहा के मूल निवासी ताम्रकार थे। इस गाँव को बाद में किसी नागदेव नामक ब्राह्मण ने शेटियों को उपहार-स्वरूप दे दिया था। कासरपल 800 वर्ष पुराने काल्किदेवी मन्दिर का स्थल भी है। इसके अतिरिक्त यहाँ शिवजी और भूमिका देवी के मन्दिर भी हैं। .

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कावळ्याचें स्राद्ध

कावळ्याचें स्राद्ध कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार अरुण साखरदांडे द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2010 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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काव्यसूत्र

काव्यसूत्र कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार काशिनाथ शांबा लोलयेंकार द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2012 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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काका कालेलकर

काका कालेलकर (1885 - 21 अगस्त 1981) के नाम से विख्यात दत्तात्रेय बालकृष्ण कालेलकर भारत के प्रसिद्ध शिक्षाशास्त्री, पत्रकार और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। काकासाहेब कालेलकर ने गुजराती और हिन्दी में साहित्यरचना की। उन्होने हिन्दी की महान सेवा की। उनके द्वारा रचित जीवन–व्यवस्था नामक निबन्ध–संग्रह के लिये उन्हें सन् 1965 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वे साबरमती आश्रम के सदस्य थे और अहमदाबाद में गुजरात विद्यापीठ की स्थापना में उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया। गांधी जी के निकटतम सहयोगी होने का कारण ही वे 'काका' के नाम से जाने गए। वे सर्वोदय पत्रिका के संपादक भी रहे। 1930 में पूना का यरवदा जेल में गांधी जी के साथ उन्होंने महत्वपूर्ण समय बिताया। .

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किरवंट

किरवंट कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार जॅस फेर्नांडिस द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2009 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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कुर्ती, गोवा

कुर्ती भारत के गोवा राज्य के उत्तर गोवा जिले में स्थित एक जनगणना नगर है। .

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क्यूपेम

क्यूपेम जिसे क्वेपम या केपेम (कोंकणी: केपे) भी कहा जाता है, भारतीय राज्य गोवा के दक्षिण गोवा जिले का एक तालुक है। क्यूपेम नामक शहर इस तालुक का मुख्यालय है। कर्चोरेम और संवेर्दम तालुक के अन्य मुख्य कस्बे है। .

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क्यूला

क्यूला भारत के गोवा राज्य के उत्तर गोवा जिले में स्थित एक जनगणना नगर है। .

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के. गोकुलदास प्रभु

के.

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कोच्चि

कोच्चि, जिसे कोचीन भी कहा जाता था, लक्षद्वीप सागर के दक्षिण-पश्चिम तटरेखा पर स्थित एक बड़ा बंदरगाह शहर है, जो भारतीय राज्य केरल के एर्नाकुलम जिले का एक भाग है। कोच्चि को काफ़ी समय से प्रायः एर्नाकुलम भी कहा जाता है, जिसका अर्थ नगर का मुख्यभूमि भाग इंगित करता है। कोच्चि नगर निगम के अधीनस्थ (जनसंख्या ६,०१,५७४) ये राज्य का दूसरा सर्वाधिक जनसंख्या वाला शहर है। ये कोच्चि महानगरीय क्षेत्र के विस्तार सहित (जनसंख्या २१ लाख) केरल राज्य का सबसे बड़ा शहरी आबादी क्षेत्र है। कोच्चि नगर ग्रेटर कोच्चि क्षेत्र का ही एक भाग है, और इसे भारत सरकार द्वारा द्वितीय दर्जे वाला शहर वर्गीकृत किया गया है। नगर की देख-रेख व अनुरक्षण दायित्त्व १९६७ में स्थापित हुआ कोच्चि नगर निगम देखता है। इसके अलावा पूरे क्षेत्र के सर्वांगीण विकास का भार ग्रेटर कोचीन डवलपमेंट अथॉरिटी (GCDA) एवं गोश्री आईलैण्ड डवलपमेंट अथॉरिटी (GIDA) पर है। कोच्चि १४वीं शताब्दी से ही भारत की पश्चिमी तटरेखा का मसालों का व्यापार केन्द्र रहा है और इसे अरब सागर की रानी के नाम से जाना जाता था। १५०३ में यहां पुर्तगालियों का आधिपत्य हुआ और यह उपनिवेशीय भारत की प्रथम यूरोपीय कालोनी बना और १५३० में गोवा के चुने जाने तक ये पुर्तगालियों का यहां का प्रधान शक्ति केन्द्र रहा था।क्कालांतर में कोच्चि राज्य के रजवाड़े में परिवर्तित होने के क्साथ ही ये डच एवं ब्रिटिश के नियन्त्रण में आ गया। आज केरल में कुल अन्तर्देशीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटकों के आगमन संख्या में प्रथम स्थान बनाये हुए है। नीलसन कम्पनी के आउटलुक ट्रैवलर पत्रिका के लिये किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार कोच्चि आज भी भारत के सर्वश्रेष्ठ पर्यटक आकर्षणों में छठवें स्थान पर बना हुआ है। मैकिन्से ग्लोबल संस्थान द्वारा किये गए एक शोध के अनुसार, कोच्चि २०२५ तक के विश्व के सकल घरेलु उत्पाद में ५०% योगदान देने वाले ४४० उभरते हुए शहरों में से एक था। भारतीय नौसेना के दक्षिणी नौसैनिक कमान का केन्द्र तथा भारतीय तटरक्षक का राज्य मुख्यालय भी इसी शहर में स्थित है, जिसमें एयर स्क्वैड्रन ७४७ नाम की एक वायु टुकड़ी भी जुड़ी है। नगर के वाणिज्यिक सागरीय गतिविधियों से सम्बन्धित सुविधाओं में कोच्चि बंदरगाह, अन्तर्राष्ट्रीय कण्टेनर ट्रांस्शिपमेण्ट टर्मिनल, कोचीन शिपयार्ड, कोच्चि रिफ़ाइनरीज़ का अपतटीय (ऑफ़शोर) सिंगल बॉय मूरिंग (एस.पी.एम), एवं कोच्चि मैरीना भी हैं। कोच्चि में ही कोचीन विनिमय एक्स्चेंज, इंटरनेशनल पॅपर एक्स्चेंज भी स्थित हैं, तथा हिन्दुस्तान मशीन टूल्स (एच.एम.टी), सायबर सिटी, एवं किन्फ़्रा हाई-टेक पाक एवं बड़ी रासायनिक निर्माणियां जैसे फ़र्टिलाइज़र्स एण्ड कैमिकल्स त्रावणकौर (फ़ैक्ट), त्रावणकौर कोचीन कैमिकल्स (टीसीसी), इण्डियन रेयर अर्थ्स लिमिटेड (आई.आर.ई.एल), हिन्दुस्तान ऑर्गैनिक कैमिकल्स लिमिटेड (एच.ओ.सी.एल) कोच्चि रिफ़ाइनरीज़ के साथ साथ ही कई विद्युत कंपनियां जैसे टी.ई.एल.के एवं औद्योगिक पार्क भी बने हैं जिनमें कोचीन एपेशल इकॉनोमिक ज़ोन एवं इन्फ़ोपार्क कोच्चि प्रमुख हैं। कोच्चि में ही प्रमुख राज्य न्यायपीठ केरल एवं लक्षद्वीप उच्च न्यायालय एवं कोचीन युनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी भी स्थापित हैं। इसी नगर में केरल का नेशनल लॉ स्कूल, नेशनल युनिवर्सिटी ऑफ़ एडवांस्ड लीगल स्टडीज़ को भी स्थान मिला है। .

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कोल्वाले

कोल्वाले भारत के गोवा राज्य के उत्तर गोवा जिले में स्थित एक जनगणना नगर है। .

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अथांग

अथांग कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार जयंती नायक द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 2004 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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अमृता राव

अमृता राव (जन्म 17 जून 1981 भारत) एक माडल तथा बॉलीवुड अभिनेत्री हैं। "अमृता" संस्कृत भाषा का शब्द है। जिसका तात्पर्य अमरत्व है। (वास्तव में यह अमृत शब्द का स्त्रीलिंग है।) .

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अरविन्द एन. मांब्रो

अरविन्द एन.

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अरुण साखरदांडे

अरुण साखरदांडे कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह कावळ्याचें स्राद्ध के लिये उन्हें सन् 2010 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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अलीशा चिनॉय

अलीशा चेनॉय एक भारतीय पॉप गायिका हैं, वह अपने कई निजी एल्बम तथा भारतीय सिनेमा में पार्श्व (प्लेबैक) गायन के लिए जानी जाती है। .

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अशोक एस. कामत

अशोक एस.

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अशीं अस्लिम ल्हाराँ

अशीं अस्लिम ल्हाराँ कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार जॉन बैप्टिस्ट सिक्वेरा द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1998 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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अंतरनाद

अंतरनाद कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार शरतचंद्र शेणै द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1999 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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अंतरआयामी

अंतरआयामी कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार के. गोकुलदास प्रभु द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1994 में कोंकणी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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अक्यूम

अक्यूम (पुर्तगाली: Aquem) भारत के गोवा राज्य के दक्षिण गोवा जिले में स्थित एक जनगणना नगर है। .

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उत्तर गोवा जिला

उत्तर गोवा और इसके तालुकाओं (तहसीलों) को बैंगनी वर्णों से दर्शाया गया है उत्तर गोवा जिला, भारतीय राज्य गोवा के दो जिलों में से एक है। जिले का क्षेत्रफल 1736 किमी² है और यह उत्तर और पूर्व में क्रमश: महाराष्ट्र के जिलों सिंधुदुर्ग और कोल्हापुर से, दक्षिण में दक्षिण गोवा जिला और पश्चिम में अरब सागर से घिरा है। .

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उदय भेंब्रे

उदय भेंब्रे कोंकणी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक नाटक कर्ण पर्व के लिये उन्हें सन् 2015 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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उल्लाल

उल्लाल (तुलु: ಉಳ್ಳಾಲ, कन्नड: ಉಳ್ಳಾಲ Uḷḷāla, Beary dialect, कोंकणी: ಉಳ್ಳಾಲ) कर्नाटक के दक्षिण कन्नड जिले के मंगलोर तालुका का नगर है। श्रेणी:कर्नाटक का भूगोल.

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छौंक

छौंक लगाने की तैयारी छौंक जिसे तड़का (पश्चिमी भाग) या बघार (दक्षिणी भाग) भी कहते हैं, मुख्यत: भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में विभिन्न व्यंजनों को पकाने में प्रयोग की जाने वाली एक विधि है। छौंक लगाने में घी या तेल को गर्म कर उसमें खड़े मसाले (अथवा पिसे मसाले भी) डाले जाते हैं ताकि उनमें समाहित सुगंधित तेल उनकी कोशिकाओं से निकल कर, उस व्यंजन जिसमें इन मसालों को मिलाया जाना है, को, उसका वो खास स्वाद प्रदान कर सकें। छौंक को किसी व्यंजन की शुरुआत या फिर अंत में मिलाया जा सकता है। शुरुआत मे लगे छौंक में अमूमन खड़े मसालों के साथ साथ पिसे मसाले और नमक भी मिलाया जाता है जबकि अंत में लगे छौंक में अक्सर खड़े मसाले ही डाले जाते हैं। शुरुआत में लगा छौंक अक्सर सब्जी पकाने में प्रयोग किया जाता है, जबकि दाल, सांबर आदि व्यंजनों में इसे अंत में मिलाया जाता है। .

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