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कॉफ़ी

सूची कॉफ़ी

कॉफ़ी का प्यालाकॉफ़ी (अरब. قهوة क़हवा उत्तेजक पेय पदार्थ) — एक लोकप्रिय पेय पदार्थ (साधारणतया गर्म) है, जो कॉफ़ी के पेड़ के भुने हुए बीजों से बनाया जाता है। कॉफ़ी में कैफ़ीन होने के कारण वह हल्के उद्दीपक सा प्रभाव डालती है। इसके विषय में वैज्ञानिकों का कोई निश्चित मत नहीं हैं। जहाँ एक ओर कहा जाता है कि कॉफ़ी से शुक्राणुओं की सक्रियता बढ़ती है वहीं दूसरी ओर कुछ अध्ययनों में यह भी पता चला है कि अधिक कॉफ़ी पीने से मतिभ्रम भी हो सकता है। .

सामग्री की तालिका

  1. 64 संबंधों: चिअंग राई प्रान्त, तत्क्षण कॉफी, ताइज़ प्रान्त, तिमोर द्वीप, तंत्रिकादौर्बल्य, त्रिनिदाद, तेन्जिंग नॉरगे, तोंकिन, दक्षिण अमेरिका, दोदोमा क्षेत्र, नेस्ले, नीले पहाड़ (जमैका), पादप रोगविज्ञान, पेय-पदार्थ, पोर्टलैंड, ऑरेगॉन, पीकू दू फोगू, फ़िल्टर कॉफी, फिल्टर, बबेसिओसिस, बाग़ान, ब्राज़ील, भारत में कॉफी उत्पादन, मालाबार, माल्ट, मांगा, मिस्टर बीन्स, मुराद चतुर्थ, मुंहासे, मृदा, मैकडॉनल्ड्स, मेघालय, रक्तचाप, लैटेराइट मृदा, लॉर्ड डलहौजी, श्रीलंका, श्रीलंका का इतिहास, साम्राज्यवाद, सांस की दुर्गंध, सिगार, स्टारबक्स, सोया दूध, हमसफर एक्सप्रेस, हरी चाय, हाईपोथर्मिया, हैम्बर्ग, जनसंख्या, जाज़ान प्रान्त, जावा (द्वीप), वात रोग, वैनिला, ... सूचकांक विस्तार (14 अधिक) »

चिअंग राई प्रान्त

चिअंग राई थाईलैण्ड का एक प्रान्त है। यह उत्तरी थाईलैण्ड क्षेत्र में आता है। .

देखें कॉफ़ी और चिअंग राई प्रान्त

तत्क्षण कॉफी

तत्क्षण कॉफी (इंस्टेंट कॉफी) एक पेय पदार्थ है जो कॉफी की फलियों से प्राप्त होता है। विभिन्न निर्माण प्रक्रियाओं के द्वारा कॉफी से पानी सुखा कर इसे दानेदार पाउडर का रूप दिया जाता है। पीते समय गर्म पानी मे यह दाने मिलाये जाते हैं। यह दाने पानी में घुल जाते है और तत्क्षण ही कॉफी बन जाती है, इसीलिए इसे यह नाम दिया गया है। श्रेणी:कॉफ़ी.

देखें कॉफ़ी और तत्क्षण कॉफी

ताइज़ प्रान्त

ताइज़​ प्रान्त (अरबी:, अंग्रेज़ी: Ta'izz) यमन का एक प्रान्त है। इर प्रान्त की राजधानी भी ताइज़ नामक शहर है जो यमन का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। लाल सागर पर लगा मोख़ा बंदरगाह भी इसी प्रान्त में है जिसके ऊपर विश्व-प्रसिद्ध 'मोका' कॉफ़ी (mocha) का नाम पड़ा है। यहाँ 'ताइज़ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा' भी है जहाँ से यमन के अन्य भागों और पड़ोसी देशों से उड़ानें आती-जाती हैं। .

देखें कॉफ़ी और ताइज़ प्रान्त

तिमोर द्वीप

तिमोर, दक्षिण पूर्व एशिया के समुद्री छोर के दक्षिणी सिरे पर और तिमोर सागर के उत्तर में स्थित एक द्वीप है। यह द्वीप स्वतंत्र राष्ट्र पूर्वी तिमोर और इंडोनेशियाई प्रांत पूर्वी नुसा तेंगारा के एक भाग पश्चिमी तिमोर के बीच विभाजित है। द्वीप का भूक्षेत्र 30777 वर्ग किलोमीटर है। तिमोर शब्द मलय भाषा के शब्द तिमूर पर आधारित है जिसका अर्थ मलय भाषा में "पूर्व" (दिशा) होता है, ऐसा इसे इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह द्वीपों की श्रृंखला के पूर्वी छोर पर स्थित है। .

देखें कॉफ़ी और तिमोर द्वीप

तंत्रिकादौर्बल्य

तंत्रिकादौर्बल्य, मन:श्रांति या न्यूरैस्थिनिया (Neurasthenia) शारीरिक और मानसिक थकान की अवस्था है, जिसमें व्यक्ति निरंतर थकान और शक्ति के ह्रास का अनुभव करता है। हिन्दी में इसे 'तंत्रिकावसाद' भी कहते हैं। .

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त्रिनिदाद

त्रिनिदाद और टोबैगो का मानचित्र त्रिनिदाद (अंग्रेजी: ट्रिनिडाड, स्पैनिश:ट्रिनिटी) कैरेबियाई या केरिबियन सागर में एक द्वीप है। त्रिनिदाद और टोबैगो द्वीप मिलकर एक द्वीप देश का निर्माण करते हैं। इनमे से त्रिनिदाद ज्यादा बडा़ और सघन जनसंख्या वाला द्वीप है। त्रिनिदाद कैरिबियन के सबसे दक्षिणी छोर पर स्थित द्वीप है और वेनेजुएला के पूर्वी तट से सिर्फ 11 किमी (7 मील) दूर है। त्रिनिदाद, पूरे वेस्ट इंडीज का सबसे बड़ा छठे स्थान का द्वीप है। इसका क्षेत्रफल 4769 किमी ² (1864 वर्ग मी.) है और यह 10 ° 3'N 60 ° 55'W / 10,05, -60,917 और 10 ° 50'N 61 ° 55'W / 10,833, -61,917 के बीच स्थित है। चगवानस त्रिनिदाद का प्रमुख नगर है। यहाँ भारतीय मूल निवासियों का बाहुल्य है। विश्वास किया जाता है कि प्राचीन काल में वह दक्षिणी अमरीका का एक भाग रहा होगा। द्वीप की आकृति वर्गाकार तथा क्षेत्रफल 48,46,04 वर्ग किलोमीटर है जिसके उत्तरी-पश्चिमी तथा दक्षिणी-पश्चिमी कोने में दो प्रायद्वीप हैं। उत्तर तथा दक्षिण में एक द्वीप के मध्य में पर्वतीय श्रृंखलाएँ पूर्व से पश्चिम द्वीप के आर पार फैली हुई हैं। एरिपो पर्वत उत्तर-पूर्व में है जिसकी ऊँचाई 973 मीटर है। यहाँ अनेक तेज तथा छोटी धाराएँ हैं। जलवायु गर्म तथा तर है। औसत ताप 25 डिग्री सें0 है। अधिकांश वर्षा जून से दिसंबर तक होती है। अधिकांश भूक्षेत्र जंगलों से ढका हुआ है। खाद्यान्नों के अतिरिक्त कहवा, ईख, केला तथा अन्य गरम और तर जलवायु के फल प्रचुर मात्रा में पैदा होते हैं। यूरोपीय निवासियों में अंग्रेज, फ्रांसीसी, पुर्तगाली तथा स्पेनी मुख्य हैं। आदिवासियों में अफ्रीकी जाति के लोग हैं। दक्षिण-पश्चिम में स्थित पिच झील से हजारों टन डामर (Asphalt) निकाला जाता है। खनिज तेल, चीनी, कहवा, शराब, तथा डामर निर्यात की मुख्य वस्तुएँ हैं। द्वीप में 188.8 किलोमीटर लंबी रेलवे तथा 3742.4 किलोमीटर लंबी सड़कें हैं। यहाँ की राजधानी तथा मुख्य बंदरगाह पोर्टस्पैन है। दूसरा मुख्य नगर तथा बंदरगाह सेन फनरैंडो है। अंग्रेजी अधिकांश लोगों की भाषा है। .

देखें कॉफ़ी और त्रिनिदाद

तेन्जिंग नॉरगे

तेन्जिंग नॉरगे (29 मई 1914- 9 मई 1986) एक नेपाली पर्वतारोही थे जिन्होंने एवरेस्ट और केदारनाथ के प्रथम मानव चढ़ाई के लिए जाना जाता है। न्यूजीलैंड एडमंड हिलेरी के साथ वे पहले व्यक्ति हैं जिसने माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहला मानव कदम रखा। इसके पहले पर्वतारोहण के सिलसिले में वो चित्राल और नेपाल में रहे थे। नोरगे को नोरके भी कहा जाता है। इनका मूल नाम नांगयाल वंगड़ी है, जिसका अभिप्राय होता है धर्म का समृद्ध भाग्यवान अनुयायी। .

देखें कॉफ़ी और तेन्जिंग नॉरगे

तोंकिन

तांकिङ (Bắc Kỳ) तांकिङ (Tongking) वियतनाम का उत्तरी भाग है। इसके पूर्व में तांकिं की खाड़ी है। इसका क्षेत्रफल ४४,६७२ वर्ग मील तथा इसमें लाल नदी तथा सहायक नदियों, विशेषकर संग बो (काली नदी), की घाटी और डेल्टा सम्मिलित हैं। मुख्य नदी घाटियों एवं ऊँची मध्य पहाड़ियों (spurs) द्वारा यह युनेन पठार से अलग है। यहाँ कोयला, जस्ता, फॉस्फेट, टिन एवं ग्रैफाइट की खुदाई की जाती है। चूना पत्थर ही बड़ी बड़ी खानों के कारण यहाँ पर्याप्त मात्रा में सीमेंट का निर्माण होता है। मुख्य फसल धान है, जो कुल कृषि योग्य भूमि के ४/५ भाग में बोया जाता है तथा साधारणत: संपूर्ण जनसंख्या के भोजन के लिये पर्याप्त होता है। यहाँ धान की खेती के विस्तार के लिये बहुत ही कम अवसर है, क्योंकि समतल भूमि सीमित है। मक्का, गन्ना, कपास, चाय, कहवा एवं तम्बाकू अन्य उपजें हैं। यहाँ रेशम का उत्पादन काफी होता है, जिसका अधिकांश उपयोग रेशम उद्योग के कारखानों में किया जाता है। तांकिं के उपजाऊ डेल्टा प्रदेश में घनी जनसंख्या पाई जाती है। यहाँ घनत्व १,७८० व्यक्ति प्रति वर्ग मील है। हानोई प्रमुख एवं आधुनिक नगर है, हेफोंग (Hiaphong) मुख्य बंदरगाह है। श्रेणी:वियतनाम का भूगोल.

देखें कॉफ़ी और तोंकिन

दक्षिण अमेरिका

दक्षिण अमेरिका (स्पेनी: América del Sur; पुर्तगाली: América do Sul) उत्तर अमेरिका के दक्षिण पूर्व में स्थित पश्चिमी गोलार्द्ध का एक महाद्वीप है। दक्षिणी अमेरिका उत्तर में १३० उत्तरी अक्षांश (गैलिनस अन्तरीप) से दक्षिण में ५६० दक्षिणी अक्षांश (हार्न अन्तरीप) तक एवं पूर्व में ३५० पश्चिमी देशान्तर (रेशिको अन्तरीप) से पश्चिम में ८१० पश्चिमी देशान्तर (पारिना अन्तरीप) तक विस्तृत है। इसके उत्तर में कैरीबियन सागर तथा पनामा नहर, पूर्व तथा उत्तर-पूर्व में अन्ध महासागर, पश्चिम में प्रशान्त महासागर तथा दक्षिण में अण्टार्कटिक महासागर स्थित हैं। भूमध्य रेखा इस महाद्वीप के उत्तरी भाग से एवं मकर रेखा मध्य से गुजरती है जिसके कारण इसका अधिकांश भाग उष्ण कटिबन्ध में पड़ता है। दक्षिणी अमेरिका की उत्तर से दक्षिण लम्बाई लगभग ७,२०० किलोमीटर तथा पश्चिम से पूर्व चौड़ाई ५,१२० किलोमीटर है। विश्व का यह चौथा बड़ा महाद्वीप है, जो आकार में भारत से लगभग ६ गुना बड़ा है। पनामा नहर इसे पनामा भूडमरुमध्य पर उत्तरी अमरीका महाद्वीप से अलग करती है। किंतु पनामा देश उत्तरी अमरीका में आता है। ३२,००० किलोमीटर लम्बे समुद्रतट वाले इस महाद्वीप का समुद्री किनारा सीधा एवं सपाट है, तट पर द्वीप, प्रायद्वीप तथा खाड़ियाँ कम हैं जिससे अच्छे बन्दरगाहों का अभाव है। खनिज तथा प्राकृतिक सम्पदा में धनी यह महाद्वीप गर्म एवं नम जलवायु, पर्वतों, पठारों घने जंगलों तथा मरुस्थलों की उपस्थिति के कारण विकसित नहीं हो सका है। यहाँ विश्व की सबसे लम्बी पर्वत-श्रेणी एण्डीज पर्वतमाला एवं सबसे ऊँची टीटीकाका झील हैं। भूमध्यरेखा के समीप पेरू देश में चिम्बोरेजो तथा कोटोपैक्सी नामक विश्व के सबसे ऊँचे ज्वालामुखी पर्वत हैं जो लगभग ६,०९६ मीटर ऊँचे हैं। अमेजन, ओरीनिको, रियो डि ला प्लाटा यहाँ की प्रमुख नदियाँ हैं। दक्षिण अमेरिका की अन्य नदियाँ ब्राज़ील की साओ फ्रांसिस्को, कोलम्बिया की मैगडालेना तथा अर्जेण्टाइना की रायो कोलोरेडो हैं। इस महाद्वीप में ब्राज़ील, अर्जेंटीना, चिली, उरुग्वे, पैराग्वे, बोलिविया, पेरू, ईक्वाडोर, कोलोंबिया, वेनेज़ुएला, गुयाना (ब्रिटिश, डच, फ्रेंच) और फ़ाकलैंड द्वीप-समूह आदि देश हैं। .

देखें कॉफ़ी और दक्षिण अमेरिका

दोदोमा क्षेत्र

तंज़ानिया में दोदोमा क्षेत्र की अवस्थिति दोदोमा क्षेत्र, तंजानिया के 26 प्रशासनिक क्षेत्रों में से एक क्षेत्र है। इसका कुल क्षेत्रफल 41310 किमी² और जनसंख्या 1698996 है (अगस्त 2002 की जनगणना)। इस क्षेत्र की राजधानी दोदोमा शहर है। इस क्षेत्र में सेम, बीज, अनाज, मूंगफली, कॉफी, चाय और तंबाकू का उत्पादन होता है। यहाँ मवेशियों को भी पाला और बेचा जाता है। .

देखें कॉफ़ी और दोदोमा क्षेत्र

नेस्ले

नेस्ले या Nestlé S.A. एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी है, जो डिब्बाबंद खाद्य उत्पादों का उत्पादन करती है। कम्पनी का मुख्यालय स्विटज़रलैंड के वेवे शहर मे स्थित है। कम्पनी का सालाना कारोबार लगभग ८७ अरब स्विस फ्रेंक का है। कम्पनी SWX स्विस एक्सचेंज में सूचीबद्ध है। सन १९०५ मे कम्पनी की स्थापना, एंग्लो-स्विस मिल्क कम्पनी जो एक दुग्ध-उत्पाद कम्पनी थी और फरीन लैक्टी हेनरी नेस्ले कम्पनी जो शिशु आहार बनाती थी, के विलय का परिणाम थी। दोने विश्वयुद्धों ने इसके व्यापार को प्रभावित किया जहां पहले विश्व युद्ध के दौरान इसके द्वारा प्रसंस्कृत शुष्क दूध की बिक्री बढ़ गयी वहीं दूसरे विश्व युद्ध के दौरान इसका लाभ ७०% तक गिर गया। इसकी तत्क्षण कॉफी नेस्कॅफे की बिक्री को अमेरिकी सेना के प्रयोग ने काफी बढा़ दिया। युद्धों के बाद नेस्ले ने अपना आधार बढा़या और कई प्रसिद्ध ब्रांडों का अधिग्रहण किया, अब इसके ब्रांडों मे मैगी और नेस्कॅफे जैसे विश्वप्रसिद्ध ब्रांड हैं। यह विश्व की सबसे बड़ी खाद्य प्रसंस्करण कम्पनी है, इसके बाद क्राफ्ट फूड दूसरे स्थान पर है। .

देखें कॉफ़ी और नेस्ले

नीले पहाड़ (जमैका)

ब्लू माउंटन्ज़ (Blue Mountains), अर्थात नीले पहाड़, कैरेबियाई सागर में स्थित जमैका द्वीप व देश की सबसे लम्बी पर्वतमाला है। जमैका का सबसे ऊँचा पर्वत, २२५६ मीटर लम्बा ब्लू माउंटन पर्वत भी इसी पर्वतमाला में शामिल है। यहाँ से द्वीप के उत्तरी व दक्षिणी तट दोनों दिखते हैं और साफ़ दिनों में दूर से क्यूबा द्वीप का किनारा भी नज़र आता है। इस पर्वतमाला में विश्वप्रसिद्ध ब्लू माउंटन कॉफ़ी भी उगती है, जो दुनिया की सबसे महंगी कॉफ़ी मानी जाती है। .

देखें कॉफ़ी और नीले पहाड़ (जमैका)

पादप रोगविज्ञान

'''चूर्णिल आसिता''' (Powdery mildew) का रोग एक बायोट्रॉफिक कवक के कारण होता है कृष्ण विगलन (ब्लैक रॉट) रोगजनक का जीवनचक्र पादप रोगविज्ञान या फायटोपैथोलोजी (plant pathology या phytopathology) शब्द की उत्पत्ति ग्रीक के तीन शब्दों जैसे पादप, रोग व ज्ञान से हुई है, जिसका शाब्दिक अर्थ है "पादप रोगों का ज्ञान (अध्ययन)"। अत: पादप रोगविज्ञान, कृषि विज्ञान, वनस्पति विज्ञान या जीव विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत रोगों के लक्ष्णों, कारणों, हेतु की, रोगचक्र, रागों से हानि एवं उनके नियंत्रण का अध्ययन किया जाता हैं। .

देखें कॉफ़ी और पादप रोगविज्ञान

पेय-पदार्थ

एक कार्बोनेटेड पेय-पदार्थ. एक पेय-पदार्थ या पेय, कोई द्रव होता है, जो विशिष्ट रूप से मनुष्य के द्वारा ग्रहण किये जाने के लिये तैयार किया जाता है। मनुष्य की बुनियादी आवश्यकता की पूर्ति करने के अलावा, पेय मानव समाज की संस्कृति के एक भाग का निर्माण भी करते हैं। .

देखें कॉफ़ी और पेय-पदार्थ

पोर्टलैंड, ऑरेगॉन

पोर्टलैंड, पश्चिमोत्तर संयुक्त राज्य अमेरिका में ऑरेगॉन राज्य की विल्मेट और कोलंबिया नदियों के संगम के पास स्थित एक शहर है। जुलाई 2009 तक, इसकी अनुमानित आबादी 582,130 थी और यह संयुक्त राज्य अमेरिका का सबसे अधिक आबादी वाला 29वां राज्य है। इसे दुनिया में दूसरा और संयुक्त राज्य अमेरिका में सबसे अधिक पर्यावरण के अनुकूल या "ग्रीन" शहर माना गया है। पोर्टलैंड ऑरेगॉन का सबसे अधिक आबादी वाला शहर है और सिएटल, वाशिंगटन और वैंकूवर, ब्रिटिश कोलंबिया के बाद पश्चिमोत्तर प्रशांत महासागर का तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला शहर है। जुलाई 2006 तक, संयुक्त राज्य अमेरिका के 23वें सबसे अधिक आबादी वाले पोर्टलैंड महानगरीय क्षेत्र (एमएसए) में लगभग 20 लाख लोग रहते थे। पोर्टलैंड को 1851 में शामिल किया गया और यह मल्टनोमाह काउंटी (मल्टनोमाह County) की काउंटी सीट है। शहर पश्चिम में थोड़ा वाशिंगटन काउंटी और दक्षिण में क्लैकामस काउंटी (क्लैकामस County) में फैला हुआ है। यह एक महापौर और अन्य चार आयुक्तों की अध्यक्षता वाली आयोग-आधारित सरकार द्वारा शासित है। यह शहर और क्षेत्र, सुदृढ़ भूमि-उपयोग योजना और मेट्रो द्वारा समर्थित, लाइट रेल में किए गए निवेश के लिए प्रसिद्ध एक विशिष्ट क्षेत्रीय सरकार है। पोर्टलैंड बड़ी संख्या में अपनी माइक्रो मद्यनिर्माणशाला और माइक्रो भट्टियों तथा कॉफ़ी के शौक के लिए जाना जाता है। यह ट्रेल ब्लेज़र्स एनबीए टीम का भी घर है। पोर्टलैंड पश्चिम समुद्री तटीय जलवायु क्षेत्र में पड़ता है जहां गर्म, शुष्क गर्मियां और बरसातें किन्तु समशीतोष्ण सर्दियां होती हैं। यह मौसम गुलाब की खेती के लिए आदर्श है और एक सदी से भी अधिक समय से पोर्टलैंड को "गुलाबों का शहर" के रूप में जाना जाता है, यहां कई गुलाब के उद्यान हैं जिनमें सबसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय गुलाब टेस्ट गार्डन है। .

देखें कॉफ़ी और पोर्टलैंड, ऑरेगॉन

पीकू दू फोगू

पीकू दू फोगू (पुर्तगाली: Pico do Fogo, फोगू का शिखर) वर्दे अंतरीप का सर्वोच्च शिखर है, जिसकी ऊँचाई समुद्र तल से ऊपर 2829 मीटर (९२८१ फुट) के लगभग है। फोगो द्वीप पर यह एक सक्रिय मिश्रित ज्वालामुखी है। इसके मुख्य शंकु से पिछला उद्गार 1675 में हुआ था, जो द्वीप से बड़े पैमाने पर हुए उत्प्रवास का कारण बना, जबकि इसके एक सहायक शंकु से 1995 में लावा धधक उठा था। इसका एकमात्र घातक विस्फोट 1847 में हुआ था जिसके परिणामस्वरूप सभी द्वीप पर आये भूकंप ने कई लोगों की जान ली थी। पीकू दू फोगू की पहाड़ी ढलानों पर कॉफी की खेती होती है, जबकि इससे उद्गारित लावा को निर्माण सामग्री के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसके शिखर के निकट इसका ज्वालामुख-कुण्ड और एक छोटा सा गांव, चा दास कैल्डाइरास, इस ज्वालामुख-कुण्ड के अंदर स्थित है। .

देखें कॉफ़ी और पीकू दू फोगू

फ़िल्टर कॉफी

फ़िल्टर कॉफी पानी कॉफी पाउडर से होकर फिल्टर कागज से नीचे गिरता है जिए बरतन में इकट्ठा किया जा रहा है। फिल्टर कॉफी कॉफी बनाने की एक विधि है जिसमें भूनी एवं पीसी हुई कॉफी के ऊपर जल डाला जाता है। पानी, कॉफी के तेल एवं गंध को लेकर फिल्टर से नीचे गिरता है। इसी द्रव को पिया जाता है। .

देखें कॉफ़ी और फ़िल्टर कॉफी

फिल्टर

अलग-अलग क्षेत्रों में छनित्र या फिल्टर (Filter) के विभिन्न अर्थ होते हैं - .

देखें कॉफ़ी और फिल्टर

बबेसिओसिस

बबेसिओसिस (Babesiosis) पशुओं में होने वाला रोग है जो रक्त प्रोटोज़ोआ के कारण होता है जो एककोशिकीय जीव है। यह मलेरिया-जैसा रोग है जो बबेसिया (Babesia) नामक प्रोटोजोवा के संक्रमण के कारण होता है। स्तनपोषी जीवों में ट्राइपैनोसोम (trypanosomes) के बाद बबेसिया दूसरा सबसे अधिक पाया जाने वाला रक्त परजीवी है। मनुष्यों में यह रोग बहुत कम पाया जाता है। बबेसिया प्रजाति के प्रोटोज़ोआ पशुओं के रक्त में चिचडियों (किलनी या कुटकी/ticks) के माध्यम से प्रवेश कर जाते हैं तथा वे रक्त की लाल रक्त कोशिकाओं में जाकर अपनी संख्या बढ़ने लगते हैं जिसके फलस्वरूप लाल रक्त कोशिकायें नष्ट होने लगती हैं। लाल रक्त किशिकाओं में मौजूद हीमोग्लोबिन पेशाब के द्वारा शरीर से बाहर निकलने लगता है जिससे पेशाब का रंग कॉफी के रंग का हो जाता है। कभी-कभी पशु को खून वाले दस्त भी लग जाते हैं। इसमें पशु खून की कमी हो जाने से बहुत कमज़ोर हो जाता है पशु में पीलिया के लक्षण भी दिखायी देने लगते हैं तथा समय इलाज ना कराया जाय तो पशु की मृत्यु हो जाती है। .

देखें कॉफ़ी और बबेसिओसिस

बाग़ान

बाग़ान (plantation) ऐसा भूक्षेत्र या जलक्षेत्र होता है जहाँ व्यापारिक ध्येय से एक ही प्रकार के पौधे की कृषि करी जाए। विश्व में कपास, चाय, फल, कॉफ़ी, ईख, रबड़, इत्यादि के बाग़ान मिलते हैं। अक्सर यह किसी स्थान की प्राकृतिक परिस्थितियों का लाभ उठाने के लिए स्थापित करे जाते हैं। मसलन भूमि, वर्षा और तापमान के अनुकूल होने के कारण भारत के असम राज्य में चाय, संयुक्त राज्य अमेरिका के कैलीफ़ोर्निया राज्य में बादाम और फ़िलिपीन्ज़ के बिकोल क्षेत्र में नारियल के बाग़ान लगे हुए हैं। कुछ स्थानों पर लकड़ी के लिए काटे जाने वाले वृक्षों के बाग़ान भी लगाए जाते हैं, मसलन भारत में इस प्रयोग के लिए शीशम के कई बाग़ान हैं। .

देखें कॉफ़ी और बाग़ान

ब्राज़ील

ब्रास़ील (ब्राज़ील) दक्षिण अमरीका का सबसे विशाल एवं महत्त्वपूर्ण देश है। यह देश ५० उत्तरी अक्षांश से ३३० दक्षिणी अक्षांश एवँ ३५० पश्चिमी देशान्तर से ७४० पश्चिमी देशान्तरों के मध्य विस्तृत है। दक्षिण अमरीका के मध्य से लेकर अटलांटिक महासागर तक फैले हुए इस संघीय गणराज्य की तट रेखा ७४९१ किलोमीटर की है। यहाँ की अमेज़न नदी, विश्व की सबसे बड़ी नदियों मे से एक है। इसका मुहाना (डेल्टा) क्षेत्र अत्यंत उष्ण तथा आर्द्र क्षेत्र है जो एक विषुवतीय प्रदेश है। इस क्षेत्र में जन्तुओं और वनस्पतियों की अतिविविध प्रजातियाँ वास करती हैं। ब्राज़ील का पठार विश्व के प्राचीनतम स्थलखण्ड का अंग है। अतः यहाँ पर विभिन्न भूवैज्ञानिक कालों में अनेक प्रकार के भूवैज्ञानिक संरचना सम्बंधी परिवर्तन दिखाई देते हैं। ब्राज़ील के अधिकांश पूर्वी तट एवं मध्य अमेरिका की खोज अमेरिगो वाससक्की ने की एवं इसी के नाम से नई दुनिया अमेरिका कहलाई। सन् १५०० के बाद यहाँ उपनिवेश बनने आरंभ हुए। यहाँ की अधिकांश पुर्तगाली बस्तियों का विकास १५५० से १६४० के मध्य हुआ। २४ जनवरी १९६४ को इसका नया संविधान बना। इसकी प्रमुख भाषा पुर्तगाली है। .

देखें कॉफ़ी और ब्राज़ील

भारत में कॉफी उत्पादन

भारत में कॉफी वन भारत में कॉफी बागान भारत में कॉफ़ी का उत्पादन मुख्य रूप से दक्षिण भारतीय राज्यों के पहाड़ी क्षेत्रों में होता है। यहां कुल 8200 टन कॉफ़ी का उत्पादन होता है जिसमें से कर्नाटक राज्य में अधिकतम 53 प्रतिशत, केरल में 28 प्रतिशत और तमिलनाडु में 11 प्रतिशत उत्पादन होता है। भारतीय कॉफी दुनिया भर की सबसे अच्छी गुणवत्ता की कॉफ़ी मानी जाती है, क्योंकि इसे छाया में उगाया जाता है, इसके बजाय दुनिया भर के अन्य स्थानों में कॉफ़ी को सीधे सूर्य के प्रकाश में उगाया जाता है। भारत में लगभग 250000 लोग कॉफ़ी उगाते हैं; इनमें से 98 प्रतिशत छोटे उत्पादक हैं। 2009 में, भारत का कॉफ़ी उत्पादन दुनिया के कुल उत्पादन का केवल 4.5% था। भारत में उत्पादन की जाने वाली कॉफ़ी का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा निर्यात कर दिया जाता है। निर्यात किये जाने वाले हिस्से का 70 प्रतिशत हिस्सा जर्मनी, रूस संघ, स्पेन, बेल्जियम, स्लोवेनिया, संयुक्त राज्य, जापान, ग्रीस, नीदरलैंड्स और फ्रांस को भेजा जाता है। इटली को कुल निर्यात का 29 प्रतिशत हिस्सा भेजा जाता है। अधिकांश निर्यात स्वेज़ नहर के माध्यम से किया जाता है। कॉफी भारत के तीन क्षेत्रों में उगाई जाती है। कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु दक्षिणी भारत के पारम्परिक कॉफ़ी उत्पादक क्षेत्र हैं। इसके बाद देश के पूर्वी तट में उड़ीसा और आंध्र प्रदेश के गैर पारम्परिक क्षेत्रों में नए कॉफ़ी उत्पादक क्षेत्रों का विकास हुआ है। तीसरे क्षेत्र में उत्तर पूर्वी भारत के अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, त्रिपुरा, मिजोरम, मेघालय, मणिपुर और आसाम के राज्य शामिल हैं, इन्हें भारत के "सात बन्धु राज्यों" के रूप में जाना जाता है। भारतीय कॉफी, जिसे अधिकतर दक्षिणी भारत में मानसूनी वर्षा में उगाया जाता है, को "भारतीय मानसून कॉफ़ी" भी कहा जाता है। इसके स्वाद "सर्वश्रेष्ठ भारतीय कॉफ़ी के रूप में परिभाषित किया जाता है, पेसिफिक हाउस का फ्लेवर इसकी विशेषता है, लेकिन यह एक साधारण और नीरस ब्रांड है।" कॉफ़ी की चार ज्ञात किस्में हैं अरेबिका, रोबस्टा, पहली किस्म जिसे 17 वीं शताब्दी में कर्नाटक के बाबा बुदान पहाड़ी क्षेत्र में शुरू किया गया, का विपणन कई सालों से केंट और S.795 ब्रांड नामों के तहत किया जाता है। .

देखें कॉफ़ी और भारत में कॉफी उत्पादन

मालाबार

मालाबार केरल राज्य में अवस्थित पश्चिमी घाट और अरब सागर के बीच भारतीय प्रायद्वीप के पश्चिम तट के समानांतर एक संकीर्ण तटवर्ती क्षेत्र है। जब स्‍वतंत्र भारत में छोटी रियासतों का विलय हुआ तब त्रावनकोर तथा कोचीन रियासतों को मिलाकर १ जुलाई, १९४९ को त्रावनकोर-कोचीन राज्य बना दिया गया, किंतु मालाबार मद्रास प्रांत के अधीन रहा। राज्य पुनर्गठन अधिनियम, १९५६ के तहत त्रावनकोर-कोचीन राज्य तथा मालाबार को मिलाकर १ नवंबर, १९५६ को केरल राज्य बनाया गया। केरल के अधिकांश द्वीप जो त्रावणकोर-मालाबार राज्य में आते थे, अब एर्नाकुलम जिले में आते हैं। मालाबार क्षेत्र के अंतर्गत पर्वतों का अत्यधिक आर्द्र क्षेत्र आता है। वनीय वनस्पति में प्रचुर होने के साथ-साथ इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण वाणिज्यिक फसलों, जैसे नारियल, सुपारी, काली मिर्च, कॉफी और चाय, रबड़ तथा काजू का उत्‍पादन किया जाता है। मालाबार क्षेत्र केरल का बड़ा व्यावसायिक क्षेत्र माना जाता है। यहाँ उच्चकोटि के कागज का भी निर्माण होता है। यहां पर एशिया की सबसे मशहूर प्लाईवुड फैक्टरी भी स्थित है। इसके अलावा यहां के निकटवर्ती स्थानों पर फूलों के उत्पादन तथा उनके निर्यात के प्रमुख केंद्र भी स्थित हैं। हस्तकला की वस्तुओं तथा बीड़ी आदि का उत्पादन भी मालाबार में काफी होता है। मालाबार तट पर बसे हुए कण्णूर नगर में पयंबलम, मुझापूलंगड तथा मियामी जैसे सुंदर बीच हैं जो अभी पर्यटकों में अधिक प्रसिद्ध नहीं हैं, अतएव शांत वातावरण बनाए हुए हैं। यहां पायथल मलै नामक आकर्षक पर्वतीय स्थल भी है। निकट ही यहां का सर्प उद्यान है जहां पर अनेक प्रकार के सांपों का प्रदर्शन किया गया है। इस स्थान पर सर्पदंश चिकित्सा केंद्र भी बना है। मालाबार में मलावलतम नदी के किनारे पर परासनी कडायू का प्रसिद्ध मंदिर है, जो केवल हिंदू ही नहीं बल्कि अन्य सभी जातियों के लिए भी समान रूप से खुला है। यह मुथप्पन भगवान का मंदिर माना जाता है जो शिकारियों के देवता हैं। इसीलिए इस मंदिर में कांसे के बने हुए कुत्तों की मूर्तियां हैं। यहां ताड़ी तथा मांस का प्रसाद मिलता है तथा यहां के पुजारी दलित वर्ग के होते हैं। केरल की अधिकांश मुस्लिम आबादी, जिन्हें मप्पिला कहते हैं इसी क्षेत्र में निवास करती हैं। मालाबार के हिन्दुओं में गुड़ी पड़वा उत्सव का विशेष महत्त्व है। मालाबार क्षेत्र के प्राकृतिक सौंदर्य, संस्कृति तथा प्रदूषण रहित वातावरण को देख कर मन खुश हो जाता है। वास्को डा गामा की यात्रा के ५०० वर्ष पूरे होने के कारण यह स्थान विश्व प्रसिद्धि प्राप्त कर चुका है। मालाबार में कालीकट से १६ कि॰मी॰ दूर कापड़ बीच है, जहां २१ मई, १४९८ को वास्को दा गामा ने पहला कदम भारत की भूमि पर रखा था। प्रभासाक्षी पर .

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माल्ट

माल्ट ह्विस्की की माल्ट किसी अन्न (जौ आदि) को अंकुरित कराकर, फिर उसे गरम हवा की सहायता से सुखाने प्राप्त उत्पाद माल्ट (Malt) कहलाती है। अन्नों के माल्टन (Malting) से उनमें एक एंजाइम पैदा होती है जो मूल अन्न के स्टार्च को शर्करा में बदल देती है। इसके अलावा माल्टन से प्रोटिआसेस (proteases) आदि अन्य एंजाइम भी पैदा होते हैं जो अन्न के अन्दर स्थित प्रोटीनों को तोड़कर ऐसे रूप में बदल देते हैं जिसका उपयोग खमीरों द्वारा किया जा सकता है। .

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मांगा

सीज़नल पैसर्सबाई (शिकी नो युकिकाई) से "मांगा" के लिए कांजी, 1798, सैंटो क्योडेन और किटाओ शिगेमासा द्वारा जापानी भाषा में मांगा (कांजी: 漫画; हीरागाना: まんが; काटाकना: マンガ) (या) कॉमिक्स और मुद्रित कार्टून्स (जिसे कभी कभी कोमिकू भी कहा जाता है) से मिलकर बनता है और 19 वीं शताब्दी के अंत में जापान में विकसित शैली के अनुरूप है। अपने आधुनिक रूप में, मांगा द्वितीय विश्व युद्ध के बाद शीघ्र ही अप्रचलित हो गया, लेकिन पूर्व जापानी कला में उनका एक लंबा, जटिल पूर्व इतिहास है। जापान में सभी उम्र के लोग मांगा पढ़ते हैं। शैली में विषयों की एक व्यापक रेंज को शामिल किया गया है: साहसिक-कार्य, रोमांस, खेल-कूद और खेल, ऐतिहासिक नाटक, हास्य, विज्ञानं की कल्पित कथाएं और फंतासी, रहस्य, डरावना, कामुकता और और अन्य विषयों में व्यापार/वाणिज्य.

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मिस्टर बीन्स

मिस्टर बीन्स जयपुर में सरदार पटर मार्ग स्थित एक लाउंज रेस्तरां है। यह कॉफ़ी, चॉकलेट से बने वयंजन व हुक्का परोसते है। यह प्रतिष्ठान कॉलेज की भीड़ के बीच प्रसिद्ध है। .

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मुराद चतुर्थ

मुराद चतुर्थ (مراد رابع, मुराद-ए राबीʿ; 26/27 जुलाई 1612 – 8 फ़रवरी 1640) 1623 से 1640 तक उस्मानिया साम्राज्य के सुल्तान रहे। उन्होंने राज्य पर सुल्तान के शासन की पुनःस्थापना की थी और उन्हें अपने गतिविधियों की क्रूरता के लिए जाने जाते हैं। उनका जन्म क़ुस्तुंतुनिया में हुआ था। वे सुल्तान अहमद प्रथम (दौर: 1603–17) और यूनानी मूल की कौसम सुल्तान के पुत्र थे। उनके चाचा मुस्तफ़ा प्रथम (दौर: 1617–18, 1622–23) को सुल्तान के पद से निकालने की साज़िश कामयाब होने के बाद मुराद चतुर्थ तख़्त पर आसीन हुए। उस वक़्त उनकी उम्र सिर्फ़ 11 साल की थी। उनके दौर में उस्मानी-सफ़वी युद्ध (1623–39) हुआ, जिसके नतीजे में संपूर्ण क़फ़क़ाज़ क्षेत्र दोनों साम्राज्यों के दरमियान विभाजित हुआ। इस विभजन ने लगभग वर्तमान तुर्की-ईरान-इराक़ देशों की सरहदों की नींव रखी। .

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मुंहासे

मुहांसे मुंहासे या पिटिका (Pimples or Acne) त्वचा की एक स्थिति है जो सफेद, काले और जलने वाले लाल दाग के रूप में दिखते हैं। यह लगभग 14 वर्ष से शुरू होकर 30 वर्ष तक कभी भी निकल सकते हैं। ये निकलते समय तकलीफ दायक होते हैं व बाद में भी इसके दाग-घब्बे चेहरे पर रह जाते हैं। .

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मृदा

पृथ्वी ऊपरी सतह पर मोटे, मध्यम और बारीक कार्बनिक तथा अकार्बनिक मिश्रित कणों को मृदा (मिट्टी / soil) कहते हैं। ऊपरी सतह पर से मिट्टी हटाने पर प्राय: चट्टान (शैल) पाई जाती है। कभी कभी थोड़ी गहराई पर ही चट्टान मिल जाती है। 'मृदा विज्ञान' (Pedology) भौतिक भूगोल की एक प्रमुख शाखा है जिसमें मृदा के निर्माण, उसकी विशेषताओं एवं धरातल पर उसके वितरण का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता हैं। पृथऽवी की ऊपरी सतह के कणों को ही (छोटे या बडे) soil कहा जाता है .

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मैकडॉनल्ड्स

मैकडॉनल्ड्स कार्पोरेशन (McDonald's Corporation), हैमबर्गर फास्ट फ़ूड रेस्तरां की विश्व की सबसे बड़ी श्रृंखला है, जो प्रतिदिन 58 मिलियन से ज्यादा ग्राहकों की सेवा करती है। खुद की प्रमुख रेस्तरां श्रृंखला के अतिरिक्त, मैकडॉनल्ड्स कार्पोरेशन के पास 2008 तक प्रेट ए मैनेजर में अल्पसंख्यक हिस्सेदारी थी, यह 2006 तक चिपोटल मेक्सिकन ग्रिल में प्रमुख निवेशक रही थी, और 2007 तक बोस्टन मार्केट रेस्तरां श्रृंखला का स्वामित्व भी इसके अधीन था। एक मैकडॉनल्ड्स रेस्तरां को फ्रेंचाइजी, सहबद्ध या स्वयं कार्पोरेशन द्वारा संचालित किया जाता है। कार्पोरेशन की आय किराये, रॉयल्टी और फ्रेंचाइजी द्वारा दी गयी फीस, साथ ही कंपनी द्वारा संचालित रेस्तरां में होने वाली बिक्री से भी होती है।२०१५ में, कंपनी के एक ब्रांड के ८१ बिलियन यू.एस.डॉलर के एक से अधिक अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी, स्टारबक्स दोगुना से अधिक मूल्य था। मैकडॉनल्ड्स इतनी भूमंडलीकृत कि बिग मैक सूचकांक के पैमाने है कि एक बिग मैक बर्गर की कीमत का उपयोग कर दोनों देशों के बीच क्रय शक्ति अब एक समानता के उपाय का वैश्विक सूचक है।कीमत के बावजूद, बिग एमएसीएस दुनिया भर में २०१५ में मैकडॉनल्ड्स २५.४१ बिलियन यू.एस.

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मेघालय

मेघालय पूर्वोत्तर भारत का एक राज्य है। इसका अर्थ है बादलों का घर। २०१६ के अनुसार यहां की जनसंख्या ३२,११,४७४ है। मेघालय का विस्तार २२,४३० वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में है, जिसका लम्बाई से चौडाई अनुपात लगभग ३:१ का है। IBEF, India (2013) राज्य का दक्षिणी छोर मयमनसिंह एवं सिलहट बांग्लादेशी विभागों से लगता है, पश्चिमी ओर रंगपुर बांग्लादेशी भाग तथा उत्तर एवं पूर्वी ओर भारतीय राज्य असम से घिरा हुआ है। राज्य की राजधानी शिलांग है। भारत में ब्रिटिश राज के समय तत्कालीन ब्रिटिश शाही अधिकारियों द्वारा इसे "पूर्व का स्काटलैण्ड" की संज्ञा दी थी।Arnold P.

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रक्तचाप

रक्तचापमापी या स्फाइगनोमैनोमीटर, रक्तचाप मापने के यंत्र को कहते हैं। ऊपर देखें एक मर्करी रक्तचापमापी रक्तचाप (अंग्रेज़ी:ब्लड प्रैशर) रक्तवाहिनियों में बहते रक्त द्वारा वाहिनियों की दीवारों पर द्वारा डाले गये दबाव को कहते हैं। धमनियां वह नलिका है जो पंप करने वाले हृदय से रक्त को शरीर के सभी ऊतकों और इंद्रियों तक ले जाते हैं। हृदय, रक्त को धमनियों में पंप करके धमनियों में रक्त प्रवाह को विनियमित करता है और इसपर लगने वाले दबाव को ही रक्तचाप कहते हैं। किसी व्यक्ति का रक्तचाप, सिस्टोलिक/डायास्टोलिक रक्तचाप के रूप में अभिव्यक्त किया जाता है। जैसे कि १२०/८० सिस्टोलिक अर्थात ऊपर की संख्या धमनियों में दाब को दर्शाती है। इसमें हृदय की मांसपेशियां संकुचित होकर धमनियों में रक्त को पंप करती हैं। डायालोस्टिक रक्त चाप अर्थात नीचे वाली संख्या धमनियों में उस दाब को दर्शाती है जब संकुचन के बाद हृदय की मांसपेशियां शिथिल हो जाती है। रक्तचाप हमेशा उस समय अधिक होता है जब हृदय पंप कर रहा होता है बनिस्बत जब वह शिथिल होता है। एक स्वस्थ वयस्क व्यक्ति का सिस्टोलिक रक्तचाप पारा के 90 और १२० मिलिमीटर के बीच होता है। सामान्य डायालोस्टिक रक्तचाप पारा के ६० से ८० मि.मि.

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लैटेराइट मृदा

भारत के अंगदिपुरम में लैटेराइट की खुली खान लैटेराइट मृदा या 'लैटेराइट मिट्टी'(Laterite) का निर्माण ऐसे भागों में हुआ है, जहाँ शुष्क व तर मौसम बार-बारी से होता है। यह लेटेराइट चट्टानों की टूट-फूट से बनती है। यह मिट्टी चौरस उच्च भूमियों पर मिलती है। इस मिट्टी में लोहा, ऐल्युमिनियम और चूना अधिक होता है। गहरी लेटेराइट मिट्टी में लोहा ऑक्साइड और पोटाश की मात्रा अधिक होती है। लौह आक्साइड की उपस्थिति के कारण प्रायः सभी लैटराइट मृदाएँ जंग के रंग की या लालापन लिए हुए होती हैं। लैटराइट मिट्टी चावल, कपास, गेहूँ, दाल, मोटे अनाज, सिनकोना, चाय, कहवा आदि फसलों के लिए उपयोगी है। लैटराइट मिट्टी वाले क्षेत्र अधिकांशतः कर्क रेखा तथा मकर रेखा के बीच में स्थित हैं। भारत में लैटेराइट मिट्टी तमिलनाडु के पहाड़ी भागों और निचले क्षेत्रों, कर्नाटक के कुर्ग जिले, केरल राज्य के चौडे समुद्री तट, महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिले, पश्चिमी बंगाल के बेसाइट और ग्रेनाइट पहाड़ियों के बीच तथा उड़ीसा के पठार के ऊपरी भागों में मिलती है। .

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लॉर्ड डलहौजी

लॉर्ड डलहौजी भारत में ब्रिटिश राज का गवर्नर जनरल था और उसका प्रशासन चलाने का तरीका साम्राज्यवाद से प्रेरित था। उसके काल मे राज्य विस्तार का काम अपने चरम पर था। .

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श्रीलंका

श्रीलंका (आधिकारिक नाम श्रीलंका समाजवादी जनतांत्रिक गणराज्य) दक्षिण एशिया में हिन्द महासागर के उत्तरी भाग में स्थित एक द्वीपीय देश है। भारत के दक्षिण में स्थित इस देश की दूरी भारत से मात्र ३१ किलोमीटर है। १९७२ तक इसका नाम सीलोन (अंग्रेजी:Ceylon) था, जिसे १९७२ में बदलकर लंका तथा १९७८ में इसके आगे सम्मानसूचक शब्द "श्री" जोड़कर श्रीलंका कर दिया गया। श्रीलंका का सबसे बड़ा नगर कोलम्बो समुद्री परिवहन की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण बन्दरगाह है। .

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श्रीलंका का इतिहास

इतिहासकारों में इस बात की आम धारणा थी कि श्रीलंका के आदिम निवासी और दक्षिण भारत के आदिम मानव एक ही थे। पर अभी ताजा खुदाई से पता चला है कि श्रीलंका के शुरुआती मानव का सम्बंध उत्तर भारत के लोगों से था। भाषिक विश्लेषणों से पता चलता है कि सिंहली भाषा, गुजराती और सिंधी से जुड़ी है। प्राचीन काल से ही श्रीलंका पर शाही सिंहला वंश का शासन रहा है। समय समय पर दक्षिण भारतीय राजवंशों का भी आक्रमण भी इसपर होता रहा है। तीसरी सदी इसा पूर्व में मौर्य सम्राट अशोक के पुत्र महेन्द्र के यहां आने पर बौद्ध धर्म का आगमन हुआ। इब्नबतूता ने चौदहवीं सदी में द्वीप का भ्रमण किया। .

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साम्राज्यवाद

सन १४९२ से अब तक के उपनिवेशी साम्राज्य विश्व के वे क्षेत्र जो किसी न किसी समय ब्रितानी साम्राज्य के भाग थे। साम्राज्यवाद (Imperialism) वह दृष्टिकोण है जिसके अनुसार कोई महत्त्वाकांक्षी राष्ट्र अपनी शक्ति और गौरव को बढ़ाने के लिए अन्य देशों के प्राकृतिक और मानवीय संसाधनों पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लेता है। यह हस्तक्षेप राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक या अन्य किसी भी प्रकार का हो सकता है। इसका सबसे प्रत्यक्ष रूप किसी क्षेत्र को अपने राजनीतिक अधिकार में ले लेना एवं उस क्षेत्र के निवासियों को विविध अधिकारों से वंचित करना है। देश के नियंत्रित क्षेत्रों को साम्राज्य कहा जाता है। साम्राज्यवादी नीति के अन्तर्गत एक राष्ट्र-राज्य (Nation State) अपनी सीमाओं के बाहर जाकर दूसरे देशों और राज्यों में हस्तक्षेप करता है। साम्राज्यवाद का विज्ञानसम्मत सिद्धांत लेनिन ने विकसित किया था। लेनिन ने 1916 में अपनी पुस्तक "साम्राज्यवाद पूंजीवाद का अंतिम चरण" में लिखा कि साम्राज्यवाद एक निश्चित आर्थिक अवस्था है जो पूंजीवाद के चरम विकास के समय उत्पन्न होती है। जिन राष्ट्रों में पूंजीवाद का चरमविकास नहीं हुआ वहाँ साम्राज्यवाद को ही लेनिन ने समाजवादी क्रांति की पूर्ववेला माना है। चार्ल्स ए-बेयर्ड के अनुसार "सभ्य राष्ट्रों की कमजोर एवं पिछड़े लोगों पर शासन करने की इच्छा व नीति ही साम्राज्यवाद कहलाती है।" .

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सांस की दुर्गंध

साँस की दुर्गंध या मुह की दुर्गन्ध या दुर्गंधी प्रश्वसन (Halitosis / हैलिटोसिस) के रोगी के मुख से एक विशेष दुर्गन्ध (बदबू) आती है जो, सांस के साथ मिली होती है। सांसों की दुर्गन्ध ग्रसित व्यक्ति में चिन्ता का कारण बन सकती है। यह एक गंभीर समस्या बन सकती है किंतु कुछ साधारण उपायों से साँस की दुर्गंध को रोका जा सकता है। साँस की दुर्गंध उन बैक्टीरिया से पैदा होती है, जो मुँह में पैदा होते हैं और दुर्गंध पैदा करते हैं। नियमित रूप से ब्रश नहीं करने से मुँह और दांतों के बीच फंसा भोजन बैक्टीरिया पैदा करता है। इन बैक्टीरिया द्वारा उत्सर्जित सल्फर, यौगिक के कारण आपकी साँसों में दुर्गंध पैदा करता है। लहसुन और प्याज जैसे कुछ खाद्य पदार्थां में तीखे तेल होते हैं। इनसे साँसों की दुर्गंध पैदा होती है, क्योंकि ये तेल आपके फेफड़ों में जाते हैं और मुँह से बाहर आते हैं। साँस की दुर्गंध का एक अन्य प्रमुख कारण धूम्रपान है। साँस की दुर्गंध पर काबू पाने के बारे में अनेक धारणाएं प्रचलित हैं। .

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सिगार

विभिन्न ब्रांडों के चार सिगार (ऊपर से: एच. अपमैन, मोंटेक्रिस्टो, माकानुडो, रोमियो वाय जुलिएट) एक -सेमीएयरटाईट सिगार संग्रहण ट्यूब और एक डबल गिलोटिन-स्टाइल कटर सिगार सूखे और किण्वित तम्बाकू का कसकर-लपेटा गया एक बंडल होता है जिसको जलाकर उसके धुंए का कश मुंह के अंदर खींचा जाता है। सिगार का तम्बाकू ब्राज़ील, कैमरून, क्यूबा, डोमिनिकन गणराज्य, होंडुरास, इंडोनेशिया, मैक्सिको, निकारागुआ, फिलीपींस और पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका में काफी मात्रा में उगाया जाता है। .

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स्टारबक्स

स्टारबक्स कॉर्पोरेशन (Starbucks Corporation) एक अंतर्राष्ट्रीय कॉफी और कॉफीहाउस श्रृंखला है जो वॉशिंगटन के सिएटल में स्थित है। 50 देशों में 16858 से अधिक स्टोर के साथ स्टारबक्स दुनिया की सबसे बड़ी कॉफीहाउस कंपनी है, जिसमें अकेले संयुक्त राज्य अमेरिका में 11000 से अधिक, कनाडा में 1000 से अधिक और यूके में 700 से अधिक स्टोर हैं। स्टारबक्स ड्रिप ब्रियूड कॉफी, एस्प्रेसो आधारित गर्म पेय, अन्य गर्म और शीतल पेय, कॉफी बीन्स, सलाद, गर्म और ठंडी सैंडविच तथा पानिनी, पेस्ट्री; और मग एवं गिलास जैसी वस्तुएँ बेचती है। कंपनी, स्टारबक्स इंटरटेंमेंट डिवीजन और हियर म्यूजिक ब्रांड के माध्यम से किताबों, संगीत और फिल्मों का भी विपणन करती है। कंपनी के कई उत्पाद मौसमी होते हैं या उन्हें विशेष रूप से स्टोर के इलाके के लिए ही बनाया जाता है। किराने की दुकानों पर स्टारबक्स ब्रांड वाली आइसक्रीम और कॉफी भी बेची जाती है। एक स्थानीय कॉफी बीन रोस्टर और रिटेलर के रूप में सिएटल में परवर्ती रूपों में स्टारबक्स की स्थापना के बाद से कंपनी का तेजी से विस्तार हुआ है। 1990 के दशक से स्टारबक्स ने हर कार्यदिवस में एक नया स्टोर खोलना शुरू किया जो 2000 के दशक तक जारी रहा.

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सोया दूध

सोया दूध (सोया दूध, सोयादूध, सोयाबीन दूध या सोया रस भी कहा जाता है और कभी कभी सोया शरबत/पेय के रूप में निर्दिष्ट होता है), यह सोयाबीन से बना एक पेय है। ये तेल, पानी और प्रोटीन का एक स्थिर पायस है, जो सूखे सोयाबीन को भिगो कर पानी के साथ पीस कर बनाया जाता है। सोया दूध में लगभग उसी अनुपात में प्रोटीन होता है जैसा कि गाय के दूध में: लगभग 3.5%, साथ ही 2% वसा, 2.9% कार्बोहाइड्रेट और 0.5% राख.

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हमसफर एक्सप्रेस

हमसफर एक्सप्रेस पूरी तरह से 3 टीयर एसी के डिब्बों वाली रेलगाड़ियां हैं। पहली हमसफर एक्सप्रेस गोरखपुर से चलायी जाएगी। .

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हरी चाय

गायवान में पकी हरी चाय की पत्तियाँ किण्वन की विभिन्न श्रेणियों में चाय कैमेलिया साइनेसिस का पौधा हरी चाय (अंग्रेज़ी: ग्रीन टी) एक प्रकार की चाय होती है, जो कैमेलिया साइनेन्सिस नामक पौधे की पत्तियों से बनायी जाती है। इसके बनाने की प्रक्रिया में ऑक्सीकरण न्यूनतम होता है। इसका उद्गम चीन में हुआ था और आगे चलकर एशिया में जापान से मध्य-पूर्व की कई संस्कृतियों से संबंधित रही। इसके सेवन के काफी लाभ होते हैं।। हिन्दुस्तान लाइव। ६ जनवरी २०१० प्रतिदिन कम से कम आठ कप ग्रीन टी हृदय रोग होने की संभावनाओं को कम करने कोलेस्ट्राल को कम करने के साथ ही शरीर के वजन को भी नियंत्रित करने में सहायक सिद्ध होती है। प्रायः लोग ग्रीन टी के बारे में जानते हैं लेकिन इसकी उचित मात्र न ले पाने की वजह से उन्हें उनका पूरा लाभ नहीं मिल पाता है। हरी चाय का फ्लेवर ताज़गी से भरपूर और हल्का होता है तथा स्वाद सामान्य चाय से अलग होता है। इसकी कुछ किस्में हल्की मिठास लिए होती है, जिसे पसंद के अनुसार दूध और शक्कर के साथ बनाया जा सकता है।। दैनिक भास्कर। १ मार्च २००८ ग्रीन टी बनाने के लिए एक प्याले में २-४ ग्राम चाय पड़ती है। पानी को पूरी तरह उबलने के बाद २-३ मिनट के लिए छोड़ देते हैं। प्याले में रखी चाय पर गर्म पानी डालकर फिर तीन मिनट छोड़ दें। इसे कुछ देर और ठंडा होने पर सेवन करते हैं। विभिन्न ब्रांड के अनुसार एक दिन में दो से तीन कप ग्रीन टी लाभदायक होती है। इसका अर्थ है कि एक दिन में ३००-४०० मिलीग्राम ग्रीन टी पर्याप्त होती है। अब तक ग्रीन टी का सिर्फ एक ही नुकसान ज्ञात हुआ है, अनिद्रा यानी नींद कम आने की बीमारी। इसका कारण चाय में उपस्थित कैफीन है। हालांकि इसमें कॉफी के मुकाबले कम कैफीन होता है। .

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हाईपोथर्मिया

अल्पताप (हाइपोथर्मिया) शरीर की वह स्थिति होती है जिसमें तापमान, सामान्य से कम हो जाता है। इसमें शरीर का तापमान ३५° सेल्सियस (९५ डिग्री फैरेनहाइट) से कम हो जाता है।। हिन्दुस्तान लाइव। दैनिक महामेधा। २८ दिसम्बर २००९ शरीर के सुचारू रूप से चलने हेतु कई रासायनिक क्रियाओं की आवश्यकता होती है। आवश्यक तापमान बनाए रखने के लिए मानव मस्तिष्क कई तरीके से कार्य करता है। जब ये कार्यशैली बिगड़ जाती है तब ऊष्मा के उत्पादन के स्थान पर ऊष्मा का ह्रास तेजी से होने लगता है। कई बार रोग के कारण शरीर का तापमान प्रभावित होता है। ऐसे में शरीर का कोर तापमान किसी भी वातावरण में बिगड़ सकता है। इसे सेंकेडरी हाइपोथर्मिया कहा जाता है। इसके प्रमुख कारणों में ठंड लगना है।। रांची एक्स्प्रेस पहली स्थिति में शरीर का तापमान सामान्य तापमान से १-२° कम हो जाता है। इस स्थिति में रोगी के हाथ सही तरीके से काम नहीं करते। सबसे ज्यादा समस्या रोगी के पेट में होती है और वह थकान महसूस करता है। शरीर का तापमान, सामान्य से २-४° कम हो जाता है। इस स्थिति में कंपकंपाहट तेज हो जाती है। रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं। रोगी पीला पड़ जाता है और उंगलियां, होंठ और कान नीले पड़ जाते हैं। जब शरीर का तापमान ३२° सेल्सियस से भी कम हो जाता है तो कंपकपाहट खत्म हो जाती है। इस दौरान बोलने में परेशानी, सोचने में परेशानी और एमनीशिया की स्थिति होती है। साथ ही कोशिकीय उपापचय दर कम हो जाता है। ३०° से कम तापमान होने पर त्वचा नीली पड़ जाती है। इसके साथ ही चलना असंभव हो जाता है। शरीर के कई अंग अकार्यशील हो जाते हैं। मानव इतिहास में कई युद्धों की सफलता और विफलता के पीछे हाइपोथर्मिया रहा है। दोनों ही विश्व युद्धों में हाइपोथर्मिया के कारण कई लोगों की जानें गईं। २१८ ई.पू.

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हैम्बर्ग

हैम्बर्ग हैमबुर्ग जर्मनी का एक प्रमुख नगर एवं बन्दरगाह है| एक समय यह हैमबूर्ग राज्य की राजधानी था। यहाँ की भूमि बड़ी उपजाऊ है। राई, जौ, गेहूँ तथा आलू की अच्छी फसलें होती हैं। हैमबूर्ग के अतिरिक्त बरगेडोर्फ (Bergedorf) और कुक्सहहैवन अन्य बड़े नगर हैं। हैमबूर्ग नगर समुद्र से १२० किमी अंदर एल्वे नदी की उत्तरी शाखा पर बर्लिन से २८५ किमी उत्तर पश्चिम में सपाट भूमि पर स्थित है। इस नगर में नहरों का जाल बिछा हुआ है। इसके बीच से ऐल्सटर नदी (Alster) भी बहती है जो इसे दो भागों में विभक्त करती है। छोटे भाग को बिनेन एल्सटर (Binnen alster) कहते हें। द्वितीय विश्वयुद्ध में बमबारी से इसे बहुत क्षति पहुँची थी परन्तु युद्ध के बाद नगर का पुर्ननिर्माण हो गया है। द्वितीय युद्ध के पहले यह कॉफी का बहुत बड़ा केंद्र था और यहाँ मुद्रा का भी विनिमय होता था। आजकल यहाँ से चीनी, कॉफी, ऊनी और सूती सामान, लोहे के सामान, तंबाकू, लोहे, अनाज और कॉफी के कच्चे माल मँगाए जाते हैं। जहाज निर्माण का अच्छा व्यवसाय होता है, जहाजों की मरम्मत भी होती है। यह बंदरगाह वर्ष भर खुला रहता है। यहाँ का विश्वविद्यालय सुप्रसिद्ध है। इसमें अनेक आधुनिक विषयों की पढ़ाई होती है। श्रेणी:जर्मनी के राज्य.

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जनसंख्या

1994 में विश्व की जनसंख्या का वितरण. विश्व की कुल जनसँख्या में एक अरब लोगों के जुड़ने में लगने वाला समय. (जिसमें भविष्य की गणना भी शामिल है) वैकल्पिक चार्ट भी देखें.

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जाज़ान प्रान्त

फ़ैफ़ा, जाज़ान प्रान्त की एक बस्ती जाज़ान प्रान्त या जिज़ान प्रान्त, जिसे औपचारिक अरबी में मिन्तक़ाह​ जाज़ान कहते हैं, सउदी अरब के दक्षिणपश्चिम कोने में लाल सागर के तट पर स्थित एक प्रान्त है। यह ठीक यमन से उत्तर में है और इस प्रान्त की उस देश के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा भी लगती है। जाज़ान प्रान्त में लाल सागर में स्थित १०० से अधिक द्वीप भी आते हैं, जिनमें से फ़रसान द्वीप समूह सउदी अरब का सर्वप्रथम संरक्षित क्षेत्र है। यहाँ अरबी ग़ज़ल (हिरण) और यूरोप से सर्दियों में आनी वाली बहुत सी पक्षियों की नस्लें मिलती हैं। यह प्रान्त सउदी अरब का दूसरा सबसे छोटा प्रान्त है।, Kathy Cuddihy, pp.

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जावा (द्वीप)

मेरबाबु पर्वत ज्वालामुखी जावा द्वीप इंडोनेशिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला द्वीप है। प्राचीन काल में इसका नाम यव द्वीप था और इसका वर्णन भारत के ग्रन्थों में बहुत आता है। यहां लगभग २००० वर्ष तक हिन्दू सभ्यता का प्रभुत्व रहा। अब भी यहां हिन्दुओं की बस्तियां कई स्थानों पर पाई जाती हैं। विशेषकर पूर्व जावा में मजापहित साम्राज्य के वंशज टेंगर लोग रहते हैं जो अब भी हिन्दू हैं। सुमेरू पर्वत और ब्रोमो पर्वत पूर्व जावा में यहां की और पूरे इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता (संस्कृत: जयकर्त) है। बोरोबुदुर और प्रमबनन मन्दिर यहां स्थित हैं। .

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वात रोग

वात रोग (जिसे पोडाग्रा के रूप में भी जाना जाता है जब इसमें पैर का अंगूठा शामिल हो) एक चिकित्सिकीय स्थिति है आमतौर पर तीव्र प्रदाहक गठिया—लाल, संवेदनशील, गर्म, सूजे हुए जोड़ के आवर्तक हमलों के द्वारा पहचाना जाता है। पैर के अंगूठे के आधार पर टखने और अंगूठे के बीच का जोड़ सबसे ज़्यादा प्रभावित होता है (लगभग 50% मामलों में)। लेकिन, यह टोफी, गुर्दे की पथरी, या यूरेट अपवृक्कता में भी मौजूद हो सकता है। यह खून में यूरिक एसिड के ऊंचे स्तर के कारण होता है। यूरिक एसिड क्रिस्टलीकृत हो जाता है और क्रिस्टल जोड़ों, स्नायुओं और आस-पास के ऊतकों में जमा हो जाता है। चिकित्सीय निदान की पुष्टि संयुक्त द्रव में विशेष क्रिस्टलों को देखकर की जाती है। स्टेरॉयड-रहित सूजन-रोधी दवाइयों (NSAIDs), स्टेरॉयड या कॉलचिसिन लक्षणों में सुधार करते हैं। तीव्र हमले के थम जाने पर, आमतौर पर यूरिक एसिड के स्तरों को जीवन शैली में परिवर्तन के माध्यम से कम किया जाता है और जिन लोगों में लगातार हमले होते हैं उनमें, एलोप्यूरिनॉल या प्रोबेनेसिड दीर्घकालिक रोकथाम प्रदान करते हैं। हाल के दशकों में वात रोक की आवृत्ति में वृद्धि हुई है और यह लगभग 1-2% पश्चिमी आबादी को उनके जीवन के किसी न किसी बिंदु पर प्रभावित करता है। माना जाता है कि यह वृद्धि जनसंख्या बढ़ते हुए जोखिम के कारकों की वजह से है, जैसे कि चपापचयी सिंड्रोम, अधिक लंबे जीवन की प्रत्याशा और आहार में परिवर्तन। ऐतिहासिक रूप से वात रोग को "राजाओं की बीमारी" या "अमीर आदमी की बीमारी" के रूप में जाना जाता था। .

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वैनिला

वैनिला के फल, सूखने के बाद वैनिला एक सुगंधित पदार्थ है, जो वैनिला वंश के ऑर्किड से व्युत्पन्न होता है, जिसका मूल स्थान मेक्सिको है। व्युत्पत्ति विज्ञान के अनुसार वैनिला शब्द की उत्पत्ति स्पैनिश शब्द "vainilla" लिट्ल पॉड से हुई है। मूल रूप से प्री-कोलंबियाई मेसो-अमेरिकी लोगों द्वारा उपजाए जाने वाले वैनिला को 1520 ई.

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गुठलीदार फल

आड़ू एक गुठलीदार फल है गुठलीदार फल ऐसे फल को कहते हैं जिसमें बाहरी छिलके और गूदे के अन्दर एक सख़्त गुठली हो जिसके अन्दर फल का बीज हो। कॉफ़ी, आम, बादाम, आड़ू, आलूबालू (चेरी), पिस्ता, ख़ुबानी और आलू-बुख़ारा कुछ गुठली वाले फल हैं। .

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गूगल धरती

गूगल अर्थ वास्तविक भूमंडल (virtual globe) चित्रण का एक ऐसा कार्यक्रम है जिसे प्रारम्भ में अर्थ व्यूअर नाम दिया गया, तथा इसे कीहोल, इंक (Keyhole, Inc) द्वारा तैयार किया गया है, जो 2004 में गूगल द्वारा अधिगृहीत की गई एक कंपनी है। यह कार्यक्रम उपग्रह चित्रावली (satellite imagery), हवाई छायांकन (aerial photography) तथा भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) त्रि आयामी (3D) भूमंडल से प्राप्त चित्रों का अध्यारोपण (superimposition) करते हुए धरती का चित्रण करता है। यह तीन विभिन्न अनुज्ञप्तियों के अधीन उपलब्ध है: गूगल अर्थ, सीमित कार्यात्मकता के साथ एक मुक्त संस्करण; गूगल अर्थ प्लस ($ २० प्रति वर्ष), जो अतिरिक्त विशेषताओं से युक्त है तथा गूगल अर्थ प्रो ($ ४०० प्रति वर्ष), जो कि वाणिज्यिक कार्यों में उपयोग हेतु तैयार किया गया है। २००६ में इस उत्पाद का नाम बदलकर गूगल अर्थ कर दिया गया, जो कि वर्तमान में माइक्रोसॉफ्ट विन्डोज़ (Microsoft Windows) २००० (2000), एक्स पी अथवा विस्ता, मैक ओएस एक्स (Mac OS X) १०.३.९ तथा उससे अधिक, लिनुक्स(१२ जून, २००६ को जारी) तथा फ्री BSD (FreeBSD) से युक्त निजी कंप्यूटरों (personal computer) पर उपयोग के लिए उपलब्ध है। गूगल अर्थ फायरफॉक्स, आई ई 6 (IE6) अथवा आई ई 7 (IE7) के लिए एक ब्राउज़र प्लगइन (02 जून, 2008 को जारी) के रूप में भी उपलब्ध है। एक अद्यतन कीहोल आधारित क्लाइंट को जारी करने के साथ, गूगल ने अपने वेब आधारित प्रतिचित्रण सॉफ़्टवेयर में अर्थ डेटाबेस की चित्रावली भी शामिल की है। वर्ष २००६ के मध्य जनता के लिए गूगल अर्थ जारी होने के साथ २००६ तथा २००७ के बीच आभासी भूमंडल (virtual globes) पर मीडिया कवरेज में दस गुना से भी अधिक की वृद्धि हुई तथा भूस्थानिक (geospatial) तकनीकों तथा अनुप्रयोगों में जनता की रूचि बढ़ गई। .

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ओट्टापालम

ओट्टापालम केरल राज्य के पालघाट जिले का एक छोटा नगर है। वेनियाकुलम से ६ किमी॰ पूर्व पुरानी सड़क पर स्थित इसका रेलवे स्टेशन है। यहाँ पर कुछ सरकारी कार्यालय, जैसे तहसीलदार तथा मुंसिफ की कचहरियाँ, डाकखाना, तथा पुलिस स्टेशन आदि हैं। कुछ शिक्षा संस्थाएँ भी हैं। यहाँ पर एक बहुत ही प्रसिद्ध प्राचीन मंदिर है, जिसपर किसी अज्ञात भाषा में लिखा हुआ भित्तिलेख है। पहले यहाँ लोहा गलाने का काम होता था। इस समय वनस्पति का तेल बनाने का उद्योग होता है। पामिश की पत्ती से सन निकालने का व्यवसाय खूब उन्नति कर गया है। कॉफी (कहवा) का भी व्यवसाय होता है। श्रेणी:केरल के नगर.

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कब्ज

कब्ज पाचन तंत्र की उस स्थिति को कहते हैं जिसमें कोई व्यक्ति (या जानवर) का मल बहुत कड़ा हो जाता है तथा मलत्याग में कठिनाई होती है। कब्ज अमाशय की स्वाभाविक परिवर्तन की वह अवस्था है, जिसमें मल निष्कासन की मात्रा कम हो जाती है, मल कड़ा हो जाता है, उसकी आवृति घट जाती है या मल निष्कासन के समय अत्यधिक बल का प्रयोग करना पड़ता है। सामान्य आवृति और अमाशय की गति व्यक्ति विशेष पर निर्भर करती है। (एक सप्ताह में 3 से 12 बार मल निष्कासन की प्रक्रिया सामान्य मानी जाती है। करने के लिए कई नुस्खे व उपाय यहां जोड़ें गए हैं। पेट में शुष्क मल का जमा होना ही कब्ज है। यदि कब्ज का शीघ्र ही उपचार नहीं किया जाये तो शरीर में अनेक विकार उत्पन्न हो जाते हैं। कब्जियत का मतलब ही प्रतिदिन पेट साफ न होने से है। एक स्वस्थ व्यक्ति को दिन में दो बार यानी सुबह और शाम को तो मल त्याग के लिये जाना ही चाहिये। दो बार नहीं तो कम से कम एक बार तो जाना आवश्यक है। नित्य कम से कम सुबह मल त्याग न कर पाना अस्वस्थता की निशानी है। .

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कापुचीनो

क्लासिक कापुचीनो कापुचीनो यह एक इटालियन कॉफ़ी पेय है जो एस्प्रेसो, गर्म दूध और भाप से गाढ़ा किये दूध (steamed-milk) के झाग से बनता है। यह नाम कापुचिन फ्रायर्स से पड़ा है जो उनकी आदतों के रंग से जुड़ा है। .

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कृषि

कॉफी की खेती कृषि खेती और वानिकी के माध्यम से खाद्य और अन्य सामान के उत्पादन से संबंधित है। कृषि एक मुख्य विकास था, जो सभ्यताओं के उदय का कारण बना, इसमें पालतू जानवरों का पालन किया गया और पौधों (फसलों) को उगाया गया, जिससे अतिरिक्त खाद्य का उत्पादन हुआ। इसने अधिक घनी आबादी और स्तरीकृत समाज के विकास को सक्षम बनाया। कृषि का अध्ययन कृषि विज्ञान के रूप में जाना जाता है तथा इसी से संबंधित विषय बागवानी का अध्ययन बागवानी (हॉर्टिकल्चर) में किया जाता है। तकनीकों और विशेषताओं की बहुत सी किस्में कृषि के अन्तर्गत आती है, इसमें वे तरीके शामिल हैं जिनसे पौधे उगाने के लिए उपयुक्त भूमि का विस्तार किया जाता है, इसके लिए पानी के चैनल खोदे जाते हैं और सिंचाई के अन्य रूपों का उपयोग किया जाता है। कृषि योग्य भूमि पर फसलों को उगाना और चारागाहों और रेंजलैंड पर पशुधन को गड़रियों के द्वारा चराया जाना, मुख्यतः कृषि से सम्बंधित रहा है। कृषि के भिन्न रूपों की पहचान करना व उनकी मात्रात्मक वृद्धि, पिछली शताब्दी में विचार के मुख्य मुद्दे बन गए। विकसित दुनिया में यह क्षेत्र जैविक खेती (उदाहरण पर्माकल्चर या कार्बनिक कृषि) से लेकर गहन कृषि (उदाहरण औद्योगिक कृषि) तक फैली है। आधुनिक एग्रोनोमी, पौधों में संकरण, कीटनाशकों और उर्वरकों और तकनीकी सुधारों ने फसलों से होने वाले उत्पादन को तेजी से बढ़ाया है और साथ ही यह व्यापक रूप से पारिस्थितिक क्षति का कारण भी बना है और इसने मनुष्य के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। चयनात्मक प्रजनन और पशुपालन की आधुनिक प्रथाओं जैसे गहन सूअर खेती (और इसी प्रकार के अभ्यासों को मुर्गी पर भी लागू किया जाता है) ने मांस के उत्पादन में वृद्धि की है, लेकिन इससे पशु क्रूरता, प्रतिजैविक (एंटीबायोटिक) दवाओं के स्वास्थ्य प्रभाव, वृद्धि हॉर्मोन और मांस के औद्योगिक उत्पादन में सामान्य रूप से काम में लिए जाने वाले रसायनों के बारे में मुद्दे सामने आये हैं। प्रमुख कृषि उत्पादों को मोटे तौर पर भोजन, रेशा, ईंधन, कच्चा माल, फार्मास्यूटिकल्स और उद्दीपकों में समूहित किया जा सकता है। साथ ही सजावटी या विदेशी उत्पादों की भी एक श्रेणी है। वर्ष 2000 से पौधों का उपयोग जैविक ईंधन, जैवफार्मास्यूटिकल्स, जैवप्लास्टिक, और फार्मास्यूटिकल्स के उत्पादन में किया जा रहा है। विशेष खाद्यों में शामिल हैं अनाज, सब्जियां, फल और मांस। रेशे में कपास, ऊन, सन, रेशम और सन (फ्लैक्स) शामिल हैं। कच्चे माल में लकड़ी और बाँस शामिल हैं। उद्दीपकों में तम्बाकू, शराब, अफ़ीम, कोकीन और डिजिटेलिस शामिल हैं। पौधों से अन्य उपयोगी पदार्थ भी उत्पन्न होते हैं, जैसे रेजिन। जैव ईंधनों में शामिल हैं मिथेन, जैवभार (बायोमास), इथेनॉल और बायोडीजल। कटे हुए फूल, नर्सरी के पौधे, उष्णकटिबंधीय मछलियाँ और व्यापार के लिए पालतू पक्षी, कुछ सजावटी उत्पाद हैं। 2007 में, दुनिया के लगभग एक तिहाई श्रमिक कृषि क्षेत्र में कार्यरत थे। हालांकि, औद्योगिकीकरण की शुरुआत के बाद से कृषि से सम्बंधित महत्त्व कम हो गया है और 2003 में-इतिहास में पहली बार-सेवा क्षेत्र ने एक आर्थिक क्षेत्र के रूप में कृषि को पछाड़ दिया क्योंकि इसने दुनिया भर में अधिकतम लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया। इस तथ्य के बावजूद कि कृषि दुनिया के आबादी के एक तिहाई से अधिक लोगों की रोजगार उपलब्ध कराती है, कृषि उत्पादन, सकल विश्व उत्पाद (सकल घरेलू उत्पाद का एक समुच्चय) का पांच प्रतिशत से भी कम हिस्सा बनता है। .

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कृषि जिंसों के सबसे बड़े उत्पादक देशों की सूची

प्रमुख कृषि उत्पादों को मोटे तौर पर खाद्य पदार्थ, फाइबर, ईंधन और कच्चे माल में बांटा जा सकता है। .

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कैफ़ीन

कैफीन (Caffeine) एक कड़वी, सफेद क्रिस्टलाभ एक्सेंथाइन एलकेलॉइड (क्षाराभ) है, जो एक मनोस्फूर्तिदायक या साइकोएक्टिव (मस्तिष्क को प्रभावित करनेवाली) उत्तेजक औषधि है। एक जर्मन रसायनशास्त्री फ्रेडरिक फर्डीनेंड रंज ने 1819 में कैफीन की खोज की थी। उन्होंने कैफीन (kaffein) शब्द का इजाद किया, जो कॉफी का एक रासायनिक यौगिक है, (जिसके लिए जर्मन शब्द काफी (Kaffee) है), जो अंग्रेजी में कैफीन बन गया (और जर्मन में कोफीन (Koffein) में बदल गया).

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कॉफ़ीख़ाना

काफ़े द फ़्लोर, पैरिस का एक कॉफ़ीख़ाना कॉफ़ीख़ाना, कॉफ़ीघर या कॉफ़ीहाउस (coffeehouse) ऐसे स्थान को बोलते हैं जो ग्राहकों को कॉफ़ी का पेय बनाकर पिलाए। यह बहुत हद तक चायख़ाने की तरह होता है और इसे एक प्रकार का विशेष रेस्तरां समझा जा सकता है। अक्सर इसमें कॉफ़ी के साथ-साथ चाय, चॉकलेट पेय और हलकी खाने की चीज़ें भी उपलब्ध होती हैं। यूरोप, तुर्की, ईरान और मध्य पूर्व के अन्य भागों में कॉफ़ीख़ानों का बहुत रिवाज है। अरब देशों और मध्य पूर्व के अन्य हिस्सों के कॉफ़ीख़ानों में अक्सर हुक़्क़े भी मिलते हैं। भारतीय उपमहाद्वीप में भी कुछ स्थानों पर कॉफ़ीख़ाने मौजूद हैं। विश्व के कई स्थानों में कॉफ़ीख़ानों का गहरा सांस्कृतिक महत्व है। उत्तर भारत के चायख़ानों की तरह वही लोगों के मिलने का स्थान होते हैं। अक्सर लेखक अपनी लिखाईयाँ कॉफ़ीख़ानों में रचते हैं। अपने स्थाई ग्राहकों के लिए कॉफ़ीख़ाने एक अनौपचारिक सभा-स्थल का काम देते हैं।, John Wiley & Sons, 2011, ISBN 978-1-4443-9337-8,...

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कोटागिरी

कोटागिरी भारतीय राज्य तमिलनाडु के नीलगिरी जिले में एक पंचायत शहर है। कोटागिरी समुद्र स्तर से लगभग 1793 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यह नीलगिरी में स्थित तीन लोकप्रिय हिल स्टेशनों में से एक है। यह खूबसूरत हिल स्टेशन हरे-भरे चाय बागानों से घिरा है और ट्रैकिंग के कई विकल्प प्रदान करता है। यह पुराना हिल स्टेशन असंख्य छोटी-छोटी पहाड़ियों और घाटियों के चारो ओर विकसित है। डोडा बेल्ट रेंज 22 किमी दूर है। कैथरीन फॉल्स, एल्क फॉल्स, रंगास्वामी पिलर इस स्थान के निकट प्रमुख आकर्षण हैं और आप इन स्थानों के लिए पैदल यात्रा कर सकते हैं। कोडानाड व्यू प्वाइंट सौम्य ढलवां पहाड़ियों और नीली पहाड़ियों का एक शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है। जंगल से होकर पैदल यात्रा का एक अन्य मार्ग भी है जो आपको एक छोटी जलधारा तक ले जाता है। पैदल यात्रा के तीन लोकप्रिय मार्ग हैं कोटागिरी - कोडानाड; कोटागिरी - सैंट कैथरीन फॉल्स और कोटागिरी - लांगवुड शोला.

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कोजीकोड बन्दरगाह

कोजीकोड बन्दरगाह कोच्चि से 144 किलोमीटर उत्तर में है। मानसून के आरम्भ में यह बन्द रहता है। यहाँ समुद्र छिछला है। इस कारण जहाजों को बन्दरगाह से 5 किलोमीटर दूर समुद्र में खड़ा होना पड़ता है। यहाँ से नारियल की रस्सी, खोपरा, कहवा,चाय, सोंठ, मूँगफली तथा मछली की खाद निर्यात की जाती है। मुख्य आयात अनाज, मिट्टी का तेल, मशीनों और सूती वस्त्रों का होता है। श्रेणी:बन्दरगाह.

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अन्नामलाई की पहाड़ियाँ

अन्नामलाई की पहाड़ियां (ஆனைமலை) पश्चिमी घाट की पर्वत श्रेणियाँ हैं और तमिलनाडु राज्य, दक्षिण-पूर्व भारत में एलीफेंट पर्वतमाला के नाम से विख्यात हैं। .

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उष्णकटिबंधीय वर्षा-वन

ब्राजील में अमेज़न वर्षावन का एक क्षेत्र. दक्षिण अमेरिका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन में धरती पर प्रजातियों की सबसे बड़ी विविधता है। उष्णकटिबंधीय वर्षा-वन एक ऐसा क्षेत्र होता है जो भूमध्य रेखा के दक्षिण या उत्तर में लगभग 28 डिग्री के भीतर होता है। वे एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, मध्य अमेरिका, मेक्सिको और प्रशांत द्वीपों पर पाए जाते हैं। विश्व वन्यजीव निधि के बायोम वर्गीकरण के भीतर उष्णकटिबंधीय वर्षावन को उष्णकटिबंधीय आर्द्र वन (या उष्णकटिबंधीय नम चौड़े पत्ते के वन) का एक प्रकार माना जाता है और उन्हें विषुवतीय सदाबहार तराई वन के रूप में भी निर्दिष्ट किया जा सकता है। इस जलवायु क्षेत्र में न्यूनतम सामान्य वार्षिक वर्षा और के बीच होती है। औसत मासिक तापमान वर्ष के सभी महीनों के दौरान से ऊपर होता है। धरती पर रहने वाले सभी पशुओं और पौधों की प्रजातियों की आधी संख्या इन वर्षावनों में रहती है। मिशिगन विश्वविद्यालय के रीजेण्ट.

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उस्मान द्वितीय

उस्मान द्वितीय (عثمان ثانى ‘ओसमान-इ सआनी; 3 नवम्बर 1604 – 20 मई 1622), जो तुर्की में गेंच ओस्मान (Genç Osman, जवान उस्मान) के नाम से भी पहचाने जाते हैं, 1618 से 20 मई 1622, अपनी हत्या तक उस्मानिया साम्राज्य के सुल्तान रहे। .

देखें कॉफ़ी और उस्मान द्वितीय

कहवा के रूप में भी जाना जाता है।

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