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केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान

सूची केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान

केन्द्रीय औषधीय एव सगंध पौधा संस्थान (सीमैप) एक बहुआयामी राष्ट्रीय प्रयोगशाला है जो औषधीय एवं सगंध पौधों के क्षेत्र में शोध, विकास एवं प्रचार-प्रसार का कार्य कर रही है। यह संस्थान अपने चार संसाधन केन्दों एवं ज्ञान केन्द्रों के माध्यम से भारत के विभिन्न कृषि जलवायु क्षेत्रों में कार्यरत है। यह लखनऊ में स्थापित है। इसका लक्ष्य है: बेहतर स्वास्थ्य एवं जीवन के लिए हरित प्रौद्योगिकियों में उत्कृष्टता॥ इसका दृष्टिकोण है: औषधीय एवं सगंध पौधों पर नवीनतम वैज्ञानिक शोध एवं व्यापार का सशक्तिकरण जिससे हरित प्रौद्योगिकी पर आधारित उत्कृष्ट जीवन शैली के क्षेत्र में भारत विश्व का अग्रतम राष्ट्र बन सके। .

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सामग्री की तालिका

  1. 3 संबंधों: राष्ट्रीय जीन बैंक, नई दिल्ली, लखनऊ, औषधीय पौधे

राष्ट्रीय जीन बैंक, नई दिल्ली

राष्ट्रीय जीन बैंक केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान लखनऊ द्वारा नई दिल्ली में १९९६ से स्थापित स्थापित एवं अनुरक्षित है। इसमें औषधीय एवं सगंध पौधों हेतु (एनजीबीमैप) वनस्पति हर्बेरियम, संरक्षणशाला, जीन बैंकिंग, पौध सत्व एवं रसायनों का संग्रह सम्मिलित है, यह सुविधा वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा पोषित है। .

देखें केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान और राष्ट्रीय जीन बैंक, नई दिल्ली

लखनऊ

लखनऊ (भारत के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी है। इस शहर में लखनऊ जिले और लखनऊ मंडल के प्रशासनिक मुख्यालय भी स्थित हैं। लखनऊ शहर अपनी खास नज़ाकत और तहजीब वाली बहुसांस्कृतिक खूबी, दशहरी आम के बाग़ों तथा चिकन की कढ़ाई के काम के लिये जाना जाता है। २००६ मे इसकी जनसंख्या २,५४१,१०१ तथा साक्षरता दर ६८.६३% थी। भारत सरकार की २००१ की जनगणना, सामाजिक आर्थिक सूचकांक और बुनियादी सुविधा सूचकांक संबंधी आंकड़ों के अनुसार, लखनऊ जिला अल्पसंख्यकों की घनी आबादी वाला जिला है। कानपुर के बाद यह शहर उत्तर-प्रदेश का सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र है। शहर के बीच से गोमती नदी बहती है, जो लखनऊ की संस्कृति का हिस्सा है। लखनऊ उस क्ष्रेत्र मे स्थित है जिसे ऐतिहासिक रूप से अवध क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। लखनऊ हमेशा से एक बहुसांस्कृतिक शहर रहा है। यहाँ के शिया नवाबों द्वारा शिष्टाचार, खूबसूरत उद्यानों, कविता, संगीत और बढ़िया व्यंजनों को हमेशा संरक्षण दिया गया। लखनऊ को नवाबों के शहर के रूप में भी जाना जाता है। इसे पूर्व की स्वर्ण नगर (गोल्डन सिटी) और शिराज-ए-हिंद के रूप में जाना जाता है। आज का लखनऊ एक जीवंत शहर है जिसमे एक आर्थिक विकास दिखता है और यह भारत के तेजी से बढ़ रहे गैर-महानगरों के शीर्ष पंद्रह में से एक है। यह हिंदी और उर्दू साहित्य के केंद्रों में से एक है। यहां अधिकांश लोग हिन्दी बोलते हैं। यहां की हिन्दी में लखनवी अंदाज़ है, जो विश्वप्रसिद्ध है। इसके अलावा यहाँ उर्दू और अंग्रेज़ी भी बोली जाती हैं। .

देखें केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान और लखनऊ

औषधीय पौधे

ऐसे पौधे जिनके किसी भी भाग से दवाएँ बनाई जाती हैं औषधीय पौधे कहलाते हैं। सर्पगंधा, तुलसी, नीम आदि इसी प्रकार के पौधे हैं। .

देखें केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान और औषधीय पौधे

सीमैप के रूप में भी जाना जाता है।