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कृष्णबिहारी मिश्र

सूची कृष्णबिहारी मिश्र

कृष्णबिहारी मिश्र का जन्म सन् १८९० में ग्राम गंधौली, ज़िला सीतापुर में हुआ था।उनके पिता का नाम श्री रसिकबिहारी मिश्र था। साहित्यिक योगदान मौलिक ग्रंथ- चीन का इतिहास, देव और बिहारी सम्पादित ग्रंथ- मतिराम ग्रंथावली, गंगाभरन, नवरस तरंग, नटनागर विनोद, मोहन विनोद, पत्रिका सम्पादन- माधुरी, साहित्य समालोचक.

3 संबंधों: देव (कवि), माधुरी पत्रिका, मूर्तिदेवी पुरस्कार

देव (कवि)

हिंदी के ब्रजभाषा काव्य के अंतर्गत देव को महाकवि का गौरव प्राप्त है। उनका पूरा नाम देवदत्त था। उनका आविर्भाव हिन्दी के रीतिकाल में हुआ था। यद्यपि ये प्रतिभा में बिहारी, भूषण, मतिराम आदि समकालीन कवियों से कम नहीं वरन् कुछ बढ़कर ही सिद्ध होते हैं, फिर भी इनका किसी एक विशिष्ट राजदरबार से संबंध न होने के कारण इनकी वैसी ख्याति और प्रसिद्धि नहीं हुई। देव को अत्यधिक प्रसिद्ध करनेवाले लेखकों में मिश्रबंधु हैं जिनके विचार से देव का स्थान हिंदी साहित्य में तुलसी के बाद आता है। देव और बिहारी में कौन अधिक श्रेष्ठ है इसको लेकर एक विवाद भी चला था। इसी संबंध में 'देव और बिहारी' नामक पुस्तक पंडित कृष्णबिहारी मिश्र ने लिखी और 'बिहारी और देव' की रचना लाला भगवानदीन ने की। इन दोनों में देव और बिहारी की काव्यप्रतिभा को स्पष्ट करने का प्रयत्न है। यद्यपि हिंदी साहित्य के अंतर्गत 'देव' नाम के छह-सात कवि मिलते हैं, तथापि प्रसिद्ध कवि देव को छोड़कर अन्य 'देव' नामधारी कवियों की कोई विशेष ख्याति नहीं हुई। .

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माधुरी पत्रिका

माधुरी पत्रिका का प्रकाशन अगस्त १९२१ ई० में लखनऊ से हुआ। इसके संपादक विष्णुनारायण भार्गव थे। प्रारम्भ में कई वर्ष तक इसके संपादक दुलारेलाल भार्गव और रूपनारायण पाण्डेय थे। बाद में प्रेमचन्द और कृष्णबिहारी मिश्र ने इसका संपादन किया। इसके अतिरिक्त कुछ समय तक इसका संपादन जगन्नाथदास रत्नाकर और ब्रजरत्नदास भी करते रहे। १९२५ में कुछ समय तक आचार्य शिवपूजन सहाय ने भी इसका संपादन किया। हिन्दी की प्रारम्भिक पत्रिकाओं में "सरस्वती" के साथ ही "माधुरी" की गणना होती है। अमृतलाल नागर ने भी मेरी प्रिय कहानियाँ में लिखा है कि उनकी पहली कहानी १९३४ में माधुरी में छपी थी। .

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मूर्तिदेवी पुरस्कार

मूर्तिदेवी पुरस्कार भारतीय ज्ञानपीठ समिति के द्वारा दिया जानेवाला प्रतिष्ठित साहित्य सम्मान है। पुरस्कार में दो लाख रूपए, प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिह्न और वाग्देवी की प्रतिमा दी जाती है। नीचे पुरस्कार प्राप्त करनेवालों की सूची है। इसके अतिरिक्त सी के नागराज राव, जयदेव तनेजा, कुबेरनाथ राय, शिवाजी सामन्त, श्यामाचरण दुबे, विद्यानिवास मिश्र, वीरेन्द्र जैन और विष्णु प्रभाकर को भी मूर्तिदेवी पुरस्कार प्रदान किया गया है। .

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