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कर्माबाई
कर्माबाई (1615), प्रसिद्ध भक्तशिरोमणि, सन् 1615 में जीवणजी डूडी के घर राजस्थान के नागोर जिले के कालवा गांव में पैदा हुई थी। यह जिले का एक प्राचीन एवं ऐतिहासिक स्थल है। यह गांव कालूजी डूडी जाट के नाम पर बसाया गया था। भक्तशिरोमणि कर्माबाई ने कृष्ण भगवान को कई बार साक्षात अपने सामने बैठाकर खिचड़ा खिलाया। मारवाड़ में यह गीत गाया जाता है: थाळी भरकर ल्याई रै खीचड़ो, ऊपर घी की घ़ैल की, जिमो म्हारा श्याम धणी, जिमावै कर्मा बेटी जाट की। माता-पिता म्हारा तीर्थ गया, नै जाणै कद बै आवैला, जिमो म्हारा श्याम धणी, थानै जिमावै कर्मा बेटी जाट की। श्रेणी:1615 में जन्मे लोग श्रेणी:राजस्थान के लोग श्रेणी:१६३४ में निधन.
देखें कालवा और कर्माबाई
कलवानिया
कलवानिया (कलवाण्या, कलवाना भी) एक जाट गोत्र है जो राजस्थान के नागौर, हनुमानगढ़ और सीकर जिलों में पायी जाती है। प्राचीन काल में कुलुत देश के निवासी कलवाना के रूप में जाने जाते थे जहाँ राजा चित्र वर्मा ने राज्य किया। .
देखें कालवा और कलवानिया