सामग्री की तालिका
3 संबंधों: प्रकाश-विद्युत प्रभाव, लैंथेनम हेक्साबोराइड, क्षेत्र उत्सर्जन।
प्रकाश-विद्युत प्रभाव
किसी धातु के प्लेट से एलेक्ट्रानों का उत्सर्जन प्रकाशविद्युत प्रभाव का अध्ययन करने के लिये प्रयोग। इसमें प्रकाश स्रोत एक पतली आवृत्ति बैण्ड वाला (लगभग एकवर्णी) लेते हैं। इस प्रकाश को कैथोड पर डालते हैं जो निर्वात में स्थित है। एनोड और कैथोड के बीच विभवान्तर से यह निर्धारित हो जाता है कि कैथोड से उत्सर्जित वे ही इलेक्ट्रान एनोड तक आ पायेंगे जिनके पास निकलते समय eV से अधिक गतिज ऊर्जा होगी। धारा की मात्रा (μA), प्राप्त इलेक्ट्रानों की संख्या के समानुपाती होगी। जब कोई पदार्थ (धातु एवं अधातु ठोस, द्रव एवं गैसें) किसी विद्युतचुम्बकीय विकिरण (जैसे एक्स-रे, दृष्य प्रकाश आदि) से उर्जा शोषित करने के बाद इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित करता है तो इसे प्रकाश विद्युत प्रभाव (photoelectric effect) कहते हैं। इस क्रिया में जो एलेक्ट्रान निकलते हैं उन्हें "प्रकाश-इलेक्ट्रॉन" (photoelectrons) कहते हैं। सन 1887 मे एच.
देखें कार्य फलन और प्रकाश-विद्युत प्रभाव
लैंथेनम हेक्साबोराइड
लैन्थेनम हेक्साबोराइड (Lanthanum hexaboride) / LaB6 एक अकार्बनिक यौगिक है। इसका उपयोग गरम कैथोड (हॉट कैथोड) के रूप में किया जाता है क्योंकि इसका कार्य फलन का मान कम है, इलेक्ट्रॉन उत्सर्जकता बहुत अधिक है तथा क्वथनांक अधिक (2210 °C) है। यह अग्निसह सिरैमिक (रिफ्रैक्टरी सिरैमिक) है। .
देखें कार्य फलन और लैंथेनम हेक्साबोराइड
क्षेत्र उत्सर्जन
किसी धातु के पृष्ट पर लगाये गये विद्युत क्षेत्र के कारण उस धातु से निकलने वाले इलेक्ट्रानों को क्षेत्र इलेक्ट्रॉन उत्सर्जन (Field electron emission या field emission (FE) या electron field emission) कहते हैं। .