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कंक्रीट

सूची कंक्रीट

वाणिज्यिक भवन के लिये कंक्रीट बिछायी जा रही है। कंक्रीट (Concrete) एक निर्माण सामग्री है जो सीमेंट एवं कुछ अन्य पदार्थों का मिश्रण होती है। कंक्रीट की यह विशेषता है कि यह पानी मिलाकर छोड़ देने के बाद धीरे-धीरे ठोस एवं कठोर बन जाता है। इस प्रक्रिया को जलीकरण (Hydration) कहते है। इस रासायनिक क्रिया में पानी, सिमेन्ट के साथ क्रिया करके पत्थर जैसा कठोर पदार्थ बनाती है जिसमें अन्य चीजें बंध जातीं हैं। कंक्रीट का प्रयोग सड़क बनाने, पाइप निर्माण, भवन निर्माण, नींव बनाने, पुल आदि बनाने में होता है। कंक्रीट का उपयोग 2000 ई.पू.

62 संबंधों: ऊष्मा चालकता, टोरोंटो पियरसन अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, तटबन्ध, तरण ताल, ताइवान ताओयुआन अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, त्रिभुवन अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, पश्चिमी संस्कृति, प्रबलित कंक्रीट, प्वासों अनुपात, पोज़ोलान, फलोदी एयर फ़ोर्स स्टेशन, फ़्रैंकफ़र्ट विमानक्षेत्र, बलुआ पत्थर, बसरा अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, बागडोगरा विमानक्षेत्र, बजरी, मंगलौर अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, मुम्बई-पुणे द्रुतगति मार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग (भारत), रज्जु कर्षण सेतु, लाफ़ार्ज, लीलाबाड़ी विमानक्षेत्र, शाह जलाल अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, शिलांग विमानक्षेत्र, शंघाई पुडोंग अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, शेरेमेत्येवो अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, सिडनी बंदरगाह पुल, सिरसा एयर फ़ोर्स स्टेशन, संपीडन पुष्टि, सुनम्य कलाएँ, सुघट्यताकारी, सेप्टिक टैंक, सीमेंट, हाशिमारा एयर फ़ोर्स स्टेशन, हिण्डौन एयर फ़ोर्स स्टेशन, हकिमपेट एयर फ़ोर्स स्टेशन, हूवर बांध, जर्सी अवरोध, जल इंजीनियरी, जलवाही सेतु, जेम्स डीन, विभिन्न प्रकार के सेतु, विश्व देवालय (पैन्थियन), रोम, गुवांगज़ोउ बाइयुन अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, इस्तांबुल अतातुर्क विमानक्षेत्र, कठोरता, कन्साई अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, कम्पोजिट पदार्थ, किशनगढ़ विमानक्षेत्र, ..., किंग अब्दुल अज़ीज़ अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, कंक्रीट के पुल, कैथोडी रक्षण, कैल्सियम, कोपनहेगन विमानक्षेत्र, कोर, कीव-बोरिस्पिल, अल्माटी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, अल्लामा इकबाल अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, अवन्तिपुर एयर फ़ोर्स स्टेशन, उत्तरलाई एयर फ़ोर्स स्टेशन, छत सूचकांक विस्तार (12 अधिक) »

ऊष्मा चालकता

भौतिकी में, ऊष्मा चालकता (थर्मल कण्डक्टिविटी) पदार्थों का वह गुण है जो दिखाती है कि पदार्थ से होकर ऊष्मा आसानी से प्रवाहित हो सकती है या नहीं। ऊष्मा चालकता को k, λ, या κ से निरूपित करते हैं। जिन पदार्थों की ऊष्मा चालकता अधिक होती है उनसे होकर समान समय में अधिक ऊष्मा प्रवाहित होती है (यदि अन्य परिस्थितियाँ, जैसे ताप का अन्तर, पदार्थ की लम्बाई और क्षेत्रफल आदि समान हों)। जिन पदार्थों की ऊष्मा चालकता बहुत कम होती हैं उन्हें ऊष्मा का कुचालक (थर्मल इन्सुलेटर) कहा जाता है। ऊष्मा चालकता के व्युत्क्रम (रेसिप्रोकल) को उष्मा प्रतिरोधकता (thermal resistivity) कहते हैं। .

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टोरोंटो पियरसन अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

टोरोंटो पियरसन अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र (जिसे लेस्टर बी.पियरसन अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र या मात्र पियरसन विमानक्षेत्र भी कहा जाता है) कनाडा के टोरोंटो, ऑन्टैरियो सहित यहां के महानगरीय क्षेत्र; एवं गोल्डन हॉर्सशू जहां 87 लाख लोग बसते हैं (कनाडा की जनसंख्या का लगभग 25%) को सेवा देने वाला अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र है। यह विमानक्षेत्र डाउनटाउन टोरोन्टो से उत्तर पश्चिम में स्थित है और विमानक्षेत्र की अधिकांश भूमि मिसिसागुआ क्षेत्र में आती है। इस विमानक्षेत्र का नाम कनाडा के भूतपूर्व प्रधानमंत्री एवं नोबल शांति पुरस्कार विजेता लेस्टर बॉवल्स पियरसन के नाम पर रखा गया है। पियरसन कनाडा का व्यस्ततम विमानक्षेत्र है। वर्ष २०११ में यहां से ३.३४ करोड़ यात्री, और 428,477 विमान आवागमन संपन्न हुए थे। वर्तमान में यह कुल यात्री संख्या अनुसार विश्व का ३८वाँ व्यस्ततम विमानक्षेत्र, अन्तर्राष्ट्रीय यात्री संख्या अनुसार २३वां व्यस्ततम एवं विमान यातायात अनुसार १८वाँ व्यस्ततम विमानक्षेत्र है। २००६ में इसे यू.के आधारितइन्स्टिट्यूट ऑफ ट्रांस्पोर्ट मैनेजमेंट द्वारा सर्वश्रेष्ठ वैश्विक विमानक्षेत्र चुना गया था।.

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तटबन्ध

तटबन्ध तटबंध (embankment), ऐसे बाँध अर्थात् पत्थर या कंक्रीट के पलस्तर से सुरक्षित, मिट्टी या मिट्टी तथा कंकड़ इत्यादि के मिश्रण से बनाए तटों या ऊँचे, लंबें टीलों, को कहते हैं, जिनसे पानी के बहाव को रोकने अथवा सीमित करने का काम लिया जाता है, जैसे.

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तरण ताल

बैकयार्ड तरण ताल नेवादा, लास वेगास, संयुक्त राज्य अमेरिका में छत के ऊपर बने एक तरण ताल का ऊपर से दृश्य तरण ताल, या स्वीमिंग पूल, तैराकी या जल-आधारित मनोरंजन के इरादे से पानी से भरे एक स्थान को कहते हैं। इसके कई मानक आकार हैं; ओलंपिक-आकार का स्विमिंग पूल सबसे बड़ा और सबसे गहरा होता है। पूल को जमीन से ऊपर या जमीन पर धातु, प्लास्टिक, फाइबरग्लास या कंक्रीट जैसी सामग्रियों से बनाया जा सकता है। जिस पूल को कई लोगों द्वारा या आम जनता के द्वारा उपयोग किया जा सकता है उसे पब्लिक पूल कहते हैं, जबकि विशेष रूप से कुछ लोगों द्वारा या किसी घर में इस्तेमाल किये जाने वाले पूल को प्राइवेट पूल कहा जाता है। कई हेल्थ क्लबों, स्वास्थ्य केन्द्रों और निजी क्लबों में सार्वजनिक पूल होते हैं जिन्हें ज्यादातर व्यायाम के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कई होटलों और मसाज पार्लरों में तनाव से मुक्ति के लिए सार्वजनिक पूल मौजूद होते हैं। हॉट टब और स्पा ऐसे पूल होते हैं जिसमें गर्म पानी होता है जिसे तनाव मुक्ति या चिकित्सा के लिए इस्तेमाल किया जाता है और ये घरों, क्लबों एवं मसाज पार्लरों में आम तौर पर मौजूद होते हैं। स्विमिंग पूल (तरण ताल) का उपयोग ग़ोताख़ोरी (डाइविंग) और पानी के अन्य खेलों के साथ-साथ लाइफगार्ड्स और अंतरिक्ष यात्रियों के प्रशिक्षण में भी होता है। स्विमिंग पूलों में बैक्टीरिया, वायरस, शैवाल और कीट लार्वा के विकास और प्रसार को रोकने के लिए अक्सर रासायनिक कीटाणुनाशकों जैसे कि क्लोरीन, ब्रोमिन या खनिज सैनिटाइजर्स और अतिरिक्त फिल्टरों का उपयोग किया जाता है। वैकल्पिक रूप से पूल कीटाणुनाशकों के बगैर अतिरिक्त कार्बन फिल्टरों और यूवी कीटाणुशोधन के साथ बायोफ़िल्टर का इस्तेमाल कर तैयार किये जा सकते हैं। दोनों ही मामलों में तालों (पूल) में एक उचित प्रवाह दर को बनाये रखना आवश्यकता होता है। .

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ताइवान ताओयुआन अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

ताइवान ताओयुआन इन्टरनेशनल एयरपोर्ट, ताइवान का स्थित सबसे बड़ा अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र है। यह दाओयुआन टाउनशिप, ताओयुआन काउण्टी, ताईवान में स्थापित है। यह ताईवान के नियमित अन्तर्राष्ट्रीय उड़ानों वाले विमानक्षेत्रों में से एक और यहां का व्यस्ततम प्रवेश मार्ग है। यह चाइना एयरलाइंस एवं ईवीए एयर का प्रधान अन्तर्राष्ट्रीय हब है। यह विमानक्षेत्र व्यापारिक प्रचालन हेतु १९७९ में आरंभ हुआ था और तब से यह मेनलैण्ड चीन तथा एशिया के शेष भागों के गंतव्यों के लिये एक महत्त्वपूर्ण ट्रांस-शिपमेंट केन्द्र, यात्री हब है। यह विमानक्षेत्र पहले चियाम्ग काइ-शेक अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र (CKS अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र) कहलाता था और २००६ में इसे वर्तमाण नाम मिला। ताइवान ताओयुआन अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र ताईपेई राजधानी शहर एवं उत्तरी ताईवान को सेवा देने वाले दो विमानक्षेत्रों में से एक है। दूसरा ताईपेई सोंगशान विमानक्षेत्र, ताईपेई शहर के बीच में बना है और १९७९ तक मुख्य विमानक्षेत्र का उद्देश्य हल करता था। अब वहां से मुख्यतः चार्टर्ड उडआनें ही चलती हैं, जिनमें से अधिकांश चीन मेनलैण्ड को या से आती जाती हैं। ताईवान ताओयुआन में वर्ष २०१० में कुल 25,114,418 यात्री आवागमन संपन्न हुआ था।.

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त्रिभुवन अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

त्रिभुवन अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र (त्रिभुवन अन्तर्राष्ट्रिय विमानस्थल) काठमांडु, नेपाल का अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र है। यह नेपाल का एकमात्र अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र है और यहां एक अन्तर्देशीय तथा एक अन्तर्राष्ट्रीय टर्मिनल हैं। यह विमानक्षेत्र काठमांडु घाटी में बसे शहर के केन्द्र से लगभग ६ कि.मी दूर स्थित है। यहां रेडिसन होटल, काठमांडु प्रथम एवं बिज़नेस श्रेणी यात्री लाउंज का संचालन करता है एवं कुछ वायुसेवाओं तथा स्टार एलाइंस गोल्ड कार्ड धारकों के लिये थाई एयरवेज़ बिज़नेस श्रेणी का लाउंज संचालित करता है। हाल ही में हुए अन्तर्राष्ट्रीय टर्मिनल के एक विस्तार के कारण वायुसेवाओं को जाने वाली दूरी कम हो गयी है। वर्तमान में लगभग ३० वायुसेवाओं द्वारा नेपाल को एशिया, यूरोप तथा मध्य पूर्व के कई गंतव्यों से जोड़ा जाता है। .

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पश्चिमी संस्कृति

पश्चिमी संस्कृति (जिसे कभी-कभी पश्चिमी सभ्यता या यूरोपीय सभ्यता के समान माना जाता है), यूरोपीय मूल की संस्कृतियों को सन्दर्भित करती है। यूनानियों के साथ शुरू होने वाली पश्चिमी संस्कृति का विस्तार और सुदृढ़ीकरण रोमनों द्वारा हुआ, पंद्रहवी सदी के पुनर्जागरण एवं सुधार के माध्यम से इसका सुधार और इसका आधुनिकीकरण हुआ और सोलहवीं सदी से लेकर बीसवीं सदी तक जीवन और शिक्षा के यूरोपीय तरीकों का प्रसार करने वाले उत्तरोत्तर यूरोपीय साम्राज्यों द्वारा इसका वैश्वीकरण हुआ। दर्शन, मध्ययुगीन मतवाद एवं रहस्यवाद, ईसाई एवं धर्मनिरपेक्ष मानवतावाद की एक जटिल श्रृंखला के साथ यूरोपीय संस्कृति का विकास हुआ। ज्ञानोदय, प्रकृतिवाद, स्वच्छंदतावाद (रोमेन्टिसिज्म), विज्ञान, लोकतंत्र और समाजवाद के प्रयोगों के साथ परिवर्तन एवं निर्माण के एक लंबे युग के माध्यम से तर्कसंगत विचारधारा विकसित हुई.

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प्रबलित कंक्रीट

प्रबलित कंक्रीट (अंग्रेजी:Reinforced concrete), वह कंक्रीट होता है जिसमें, कंक्रीट को तनाव की स्थिति में भी मजबूत रखने के लिए प्रबलन छड़ों (बार), प्रबलन ग्रिडों, प्लेट या तंतुओं को कंक्रीट में शामिल किया जाता है। कंक्रीट संपीड़न में मजबूत लेकिन तनाव में कमजोर होता है इसीलिए प्रबलन की प्रक्रिया के द्वारा इसे तनाव में भी मजबूती प्रदान की जाती है। कंक्रीट का आविष्कार एक फ्रांसीसी माली जोसेफ मोनियर द्वारा सन 1849 में किया गया था और 1867 में इसे पेटेंट प्राप्त हुआ। लोहे या इस्पात के द्वारा प्रबलित कंक्रीट लौह या फेरो कंक्रीट कहलाता है। कंक्रीट को प्रबलित करने में प्रयुक्त अन्य सामग्रियां कार्बनिक और अकार्बनिक तंतु या अलग अलग रूपों में इनका मिश्रण हो सकता है। तनाव में कंक्रीट का प्रतिबल विफलता इतनी कम होती है कि प्रबलन सामग्री का कार्य इस अवस्था में इसके टूटे हुये खंडों को एक साथ पकड़े रहना भी होता है। एक मजबूत, नमनीय और टिकाऊ निर्माण के लिए प्रबलन सामग्री में निम्नलिखित गुण होने चाहिए.

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प्वासों अनुपात

किसी वस्तु पर अक्षीय दिशा में बल लगाने से अक्षीय दिशा में लम्बाई में परिवर्तन तो होता ही है, बल के लम्बवत दिशा (पार्श्व दिशा) में भी परिवर्तन होता है। किसी वस्तु की पार्श्व विकृति (transverse strain) तथा प्रत्यक्ष विकृति (अक्षीय विकृति) के अनुपात के ऋणात्मक मान को प्वासों अनुपात (Poisson's ratio) कहते हैं। यह नाम साइमन प्वासों (Siméon Poisson) के नाम पर रखा गया है। .

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पोज़ोलान

पोज़ोलान (अंग्रेजी: Pozzolan), एक कांचसम सिलिकामय (सिलिसियस) सामग्री है जो जल की उपस्थिति में कैल्शियम हाइड्रोक्साइड के साथ मिलाने पर उससे क्रिया कर कैल्शियम सिलिकेट की रचना करता है, जिसके परिणामस्वरूप यह सीमेंटकारक (जोड़ने वाले) गुण प्रदर्शित करता है। पोज़ोलान को आमतौर पर पोर्टलैंड सीमेंट कंक्रीट मे एक सीमेंट विस्तारक के रूप में मिलाया जाता है जो प्राप्त कंक्रीट को लंबे समय में सामर्थ्य और अतिरिक्त गुण प्रदान करता है, साथ ही इसके मिलाने से पोर्टलैंड सीमेंट कंक्रीट की लागत में भी कमी आती है। .

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फलोदी एयर फ़ोर्स स्टेशन

फलोदी एयर फ़ोर्स स्टेशन (Phalodi Air Force Station) एक मिलिट्री एयर फ़ोर्स स्टेशन है जिसका अन्तर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन विमानक्षेत्र कोड (ICAO कोड) VA2A है। यह भारत के राजस्थान राज्य तथा जोधपुर ज़िले के फलोदी तहसील में स्थित है। इसका संचालन भारतीय वायु सेना करती है। .

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फ़्रैंकफ़र्ट विमानक्षेत्र

फ़्रैंकफ़र्ट ऍम मेन विमानक्षेत्र, प्रायः जिसे फ़्रैंकफ़र्ट एयरपोर्ट एवं स्थाणीय जर्मन में Flughafen Frankfurt am Main या Rhein-Main-Flughafen कहा जाता है, फ़्रैंकफ़र्ट, जर्मनी में स्थित एक प्रधान अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र है। यातायात कंपनी फ़्रैपोर्ट द्वारा संचालित, फ़्रैंकफ़र्ट विमानक्षेत्र वर्ष २०११ में जर्मनी में यात्री यातायात की मद में व्यस्ततम विमानक्षेत्र, यूरोप में तृतीय व्यस्ततम (लंदन-हीथ्रो एवं पैरिस चार्ल्स डि-गॉल के बाद) एवं विश्व का नौंवां व्यस्ततम विमानक्षेत्र रहा है। इस वर्ष में यहां की यात्री संख्या 5.64 करोड़ रही। 2011/2012 के शीतकाल में, फ़्रैंकफ़र्ट विमानक्षेत्र द्वारा विश्व के अधिकांश अन्तर्राष्ट्रीय गंतव्यों से आगमन उड़ानों को सेवाएं मिलीं, जिनमें १११ देशॊं के २७५ गंतव्य आते हैं। इसी वर्ष यहां से 21.7 लाख मीट्रिक टन का माल यातायात संपन्न हुआ। कार्गो यातायात की मद में यह यूरोप का व्यस्ततम विमानक्षेत्र रहा है। इस विमानक्षेत्र का दक्षिणी भाग र्हेइन – मेन वायु बेस के प्रयोग में है, जो संयुक्त राज्य का १९४७ से २००५ तक एक प्रधान वायु-बेस रहा है। इसके उपरांत यह बेस बंद कर दिया गया व भूमि का अधिग्रहण फ़्रैपोर्ट ने कर लिया। फ़्रैंकफ़र्ट विमानक्षेत्र लुफ़्थान्सा, जर्मनी के ध्वजवाही वायुसेवा का एवं कॉन्डोर फ़्लगडीन्स्ट का प्रमुख केन्द्र (हब) रहा है। फ़्रैंकफ़र्ट की क्षमता सीमा के कारण लुफ़्थान्सा ने अप.

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बलुआ पत्थर

बलुआ पत्थर का शैल बालुकाश्म या बलुआ पत्थर (सैण्डस्टोन) ऐसी दृढ़ शिला है जो मुख्यतया बालू के कणों का दबाव पाकर जम जाने से बनती है और किसी योजक पदार्थ से जुड़ी होती है। बालू के समान इसकी रचना में भी अनेक पदार्थ विभिन्न मात्रा में हो सकते हैं, किंतु इसमें अधिकांश स्फटिक ही होता है। जिस शिला में बालू के बहुत बड़े बड़े दाने मिलते हैं, उसे मिश्रपिंडाश्म और जिसमें छोटे छोटे दाने होते हैं उसे बालुमय शैल या मृण्मय शैल कहते हैं। .

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बसरा अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

बसरा अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र ईराक का दूसरा बड़ा अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र है। यह यहां के दक्षिणी शहर बसरा में स्थित है। .

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बागडोगरा विमानक्षेत्र

बागडोगरा विमानक्षेत्र (बांग्ला: বাগডোগরা বিমান বন্দর; नेपाली: बाघदोग्रा विमानस्थल) पश्चिम बंगाल के दार्जीलिंग जिला के सिलिगुड़ी शहर के निकट बागडोगरा नामक स्थान पर में स्थित है। इसका ICAO कोडहै VEBD और IATA कोड है IXB। यह एक सैन्य हवाई अड्डा है। यहां कस्टम्स विभाग उपस्थित नहीं है। इसका रनवे पेव्ड है। इसकी प्रणाली यांत्रिक नहीं है। इसकी उड़ान पट्टी की लंबाई 9000 फी.

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बजरी

छोटे पत्थर जिनको कंकड़ कहा जा सकता है। छोटे-छोटे कंकड़ बहुत छोटे पत्थर को कंकड़ कहते हैं। शैलों के छोटे-छोटे टुकड़ों को बजरी या 'कंकड़' (Gravel) कहते हैं। यहेक महत्वपूर्ण वाणिज्यिक पदार्थ है जो बहुत से कार्यों में प्रयुक्त होता है। यह सड़कों के उपरी तल पर बिछाने, प्लेटफॉर्म बनाने, कंक्रीट के निर्माण आदि के काम आता है। .

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मंगलौर अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

मंगलौर विमानक्षेत्र मंगलौर (Mangalore International Airport) में स्थित है। इसका ICAO कोडहै VOML और IATA कोड है IXE। यह एक नागरिक हवाई अड्डा है। यहां कस्टम्स विभाग उपस्थित नहीं है। इसका रनवे पेव्ड है। इसकी प्रणाली यांत्रिक हाँ है। इसकी उड़ान पट्टी की लंबाई 5300 फी.

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मुम्बई-पुणे द्रुतगति मार्ग

मुम्बई-पुणे द्रुतगति मार्ग का एक दृष्य मुम्बई-पुणे द्रुतगति मार्ग (Mumbai Pune Expressway) भारत का पहला कंक्रीट से निर्मित ६-लेन वाला द्रुतगति मार्ग है। इसका आधिकारिक नाम 'यशवन्तराव चव्हाण मुम्बई-पुणे द्रुतगति मार्ग' है। इसकी लम्बाई ९३ किमी है। यह मुम्बई और पुणे को जोड़ता है और २००२ में पूर्णतः चालू कर दिया गया था। इस मार्ग के निर्माण से भारत गति और सुरक्षा की दृष्टि से एक नये स्तर को प्राप्त किया। यह भारत के सबसे व्यस्त मार्गों में से एक है। .

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राष्ट्रीय राजमार्ग (भारत)

भारत के राजमार्ग भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग, भारत की केन्द्रीय सरकार द्वारा संस्थापित और सम्भाले जानी वाली लंबी दूरी की सड़के है। मुख्यतः यह सड़के 2 पंक्तियो की है, प्रत्येक दिशा में जाने के लिए एक पंक्ति। भारत के राजमार्गो की कुल दूरी लगभग 58,000 किमी है, जिसमे से केवल 4,885 किमी की सड़को के मध्य पक्का विभाजन बनाया गया है। राजमार्गो की लंबाई भारत के सड़को का मात्र 2% है, लेकिन यह कुल यातायात का लगभग 40% भार उठाते है। 1995 में पास संसदीय विदेहक के तहत इन राजमार्गो को बनाने और रख-रखाव के लिए निजी संस्थानो की हिस्सेदारी को मंजूरी दी गई। हाल के समय में इन राजमार्गो का तेजी से विकास हुआ जिनके तहत भारत के शहर और कस्बो के बीच यातायात के समय में गिरावट आई। कुछ शहरो के बीच 4 और 6 पंक्तियों के राजमार्गो का भी विकास हुआ। भारत का सबसे बड़ा राजमार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग ७ (NH7) है, जो उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर को भारत के दक्षिणी कोने, तमिलनाडु के कन्याकुमारी शहर के साथ जोड़ता है। इसकी लंबाई 2369 किमी है। सबसे छोटा राजमार्ग 5 किलोमीटर लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग NH71B (NH71B) है,। काफ़ी सारे राजमार्गों का अभी भी विकास हो रहा है। ज्यादतर राजमार्गों को कंक्रीट का नहीं बनाया गया है। मुम्बई पुणे एक्सप्रेस-वे इसका एक अपवाद है। .

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रज्जु कर्षण सेतु

रज्जु कर्षण सेतु, सेतुओं का एक प्रकार होता है। इसमें एक या अधिक स्तंभ होते हैं, (जिन्हें टावर या पायलॉन भी कहते हैं), जो स्तंभ इस्पात रज्जुओं (केबल) द्वारा सेतु की सतह का भार संभालते हैं। इसके तीन मुख्य उप-भेद होते हैं:-;हार्प आकार इसमें सभी केबल समानांतर होते हैं, व स्तंभ में विभिन्न दूरियों पर जुड़े होते हैं। इतनी ही दूरियों पर ये केबल सड़क पर जुड़े होते हैं।;पंखा आकार इसमें सभी केबल स्तंभ पर सबसे ऊपर एक ही स्थान से जुड़े होते हैं। इसमें केबल की वांछित लंबाई हार्प आकार से कहीं अधिक होती है।;सस्पेंशन आकार इसमें सभी केबल ऊर्ध्वाधर होते हैं। ये नीचे सड़क से जुड़े होते हैं, व ऊपर एक स्तंभ से दूसरे स्तंभ को जोड़े हुए एक अन्य मोटे केबल से जुड़े होते हैं। Image:Bridge-suspension.svg|सस्पेंशन आकार Image:Bridge-fan-cable-stayed.svg|पंखा आकार Image:Bridge-harp-cable-stayed.svg|हार्प आकार .

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लाफ़ार्ज

लाफार्ज सीमेंट की बोरियाँ। लाफ़ार्ज (Lafarge) एक फ्रांसीसी औद्योगिक कंपनी है जो चार प्रमुख उत्पादों में विशेषज्ञता रखती है - सीमेंट, construction aggregates, कंक्रीट एवं जिप्सम wallboard। It currently (2009) is the world's largest cement manufacturer by mass shipped ahead of Holcim.

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लीलाबाड़ी विमानक्षेत्र

लीलाबाड़ी विमानक्षेत्र अरुणाचल प्रदेश के निकटवर्ती असम राज्य के लखीमपुर जिले में स्थित अन्तर्देशीय हवाई-अड्डा है। इस विमानक्षेत्र द्वारा असम और अरुणाचल प्रदेश राज्यों को वायु सेवाएं उपलब्ध होती हैं। अरुणाचल प्रदेश में फिल्हाल कोई विमानक्षेत्र प्रचालन में नहीं है, अतः राज्य केवल असम स्थित विमानक्षेत्रों पर ही निर्भर है। अरुणाचल की राजधानी से निकटतम विमानक्षेत्र (५७ कि॰मी॰) लीलाबाड़ी ही है। यहां से लगभग २८ लाख वर्ग नॉटिकल मील के वायुक्षेत्र का संचालन नियंत्रित होता है।- एन.आई.सी असम राज्य के विमानक्षेत्रों में लीलाबाड़ी विमानक्षेत्र अरुणाचल प्रदेश से निकटतम है। इसके अलावा असम राज्य में अन्य कई अन्तर्देशीय विमानक्षेत्र हैं, जैसे डिब्रुगढ़, जोरहाट, सिल्चर और तेजपुर विमानक्षेत्र। साथ ही एक अन्तर्राष्ट्रीय गुवाहाटी विमानक्षेत्र भी है। लीलाबाड़ी विमानक्षेत्र की भौगोलिक स्थिति पर है। विमानक्षेत्र में एकमात्र उड़ान पट्टी है जिसकी लंबाई ५४८० फीट और सागर सतह से ऊंचाई ३३३ फीट है। विमानक्षेत्र उत्तर लखीमपुर शहर से मात्र ७ कि॰मी॰ की दूरी पर स्थित है। शहर से यहां निजि वाहन द्वारा ५-१० मिनट में पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा सार्वजनिक वाहन में ऑटोरिक्शा भी चलते हैं। अन्य निकटवर्ती विमानक्षेत्रों में डपरिज़ो विमानक्षेत्र (७९ कि॰मी॰), ज़िरो (४० कि.मी), जोरहाट (६३ कि॰मी॰), डिब्रुगढ़ (९४ कि॰मी॰) और मोहनबाड़ी विमानक्षेत्र आते हैं। इन सभी में से मात्र डिब्रुगढ़ और जोरहाट ही प्रचालन में हैं। लीलाबाड़ी में एक ही अन्तर्देशिय टर्मिनल है। इस टर्मिनल में बैगेज ट्रॉली, बैठने का प्रबंध, पेय जल, टैक्सी सेवा, ग्राहक सुविधा/सहायता एवं सूचना केन्द्र, अल्पाहार सुविधा, दूरभाष काउन्टर आदि उपलब्ध हैं।-एकीक्रत.इन पर इस विमानक्षेत्र की नई टर्मिनल बिल्डिंग का उद्घाटन लेफ़्टि.जनरल एस.के.सिन्हा, असम के तत्कालीन राज्यपाल और पूर्वोत्तर परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष के कर कमलों द्वारा हुआ था। इस इमारत में ४०० यात्रियों की क्षमता है और इसकी कुल लागत ८.४५ करोड़ रुपये थी। के आधिकारिक जालस्थल पर लीलाबाड़ी विमानक्षेत्र से उत्तरी दिशा में हिमालय का दृश्य यहां सभी वातावरणीय स्थितियों में एयरबस-३२० के अवतरण की सुविधाएं उपलब्ध हैं। हवाई अड्डे का कुल क्षेत्रफल २२०.६१ एकड़ है जिसमें टर्मिनल बिल्डिंग ६२२५ वर्ग मीटर में बनी है। इस इमारत में २८२३ वर्ग मीटर का प्रस्थान लाउंज एवं ९६६ वर्ग मीटर का आगमन लाउंज है। एप्रन क्षेत्र ३५० X२५० फीट का है। विमान अवतरण हेतु नौवहन सेवाओं में डी.वी.ओ.आर/डी.एम.ई, एन.डी.बी.

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शाह जलाल अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

हज़रत शाहजलाल अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र (হজরত শাহজালাল আন্তর্জাতিক বিমানবন্দর Hôjrot Shahjalal Antorjatik Bimanbôndor), पूर्व नाम ज़िया अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र एवं ढाका अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, बांग्लादेश का सबसे बड़ा विमानक्षेत्र है। यह ढाका शहर में स्थित है और यहां १९८० से प्रचालन आरंभ हुआ और पुराने तेजगाँव एयरपोर्ट के बाद यहां से देश के सभि अन्तर्राष्ट्रीय प्रचालन आरंभ हो गये। यह सभी बांग्लादेशी वायुसेवाओं का गृह-बेस एवं हब है, जिनमें बिमान बांग्लादेश एयरलाइंस, जीएमजी एयरलाइंस, रीजेंट एयरवेज़ एवं यूनाइटेड एयरवेज़ आते हैं। यह विमानक्षेत्र में बना है और देश के लगभग 66% अन्तर्राष्ट्रीय एवं अन्तर्देशीय आगमन एवं प्रस्थान यहां से ही संपन्न होते हैं। इसके बाद देश का दूसरा बड़ा विमानक्षेत्र है शाह अमानत अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र जो चिट्टागौंग में स्थ्ति है यात्री संख्या का 21% भाग वहन करता है। ढाका विमानक्षेत्र से वार्षिक लगभग ४० लाख अन्तर्राष्ट्रीय एवं २० लाख अन्तर्देशीय यात्री तथा १,५०,००० टन माल यातायात संपन्न होता है। इस विमानक्षेत्र की यात्री क्षमता ८० लाख यात्री वार्षिक है, और सी.ए.ए.बी (CAAB) द्वारा यहां के लिये २०२६ तक के लिये पर्याप्तअनुमानित की गई है। वर्तमान में यहां से २६ वायुसेवाएं विश्व के १९ देशों के ३४ शहरों को अन्तर्राष्ट्रीय एवं अन्तर्देशीय गंतव्यों को जोड़ती हैं। इनके अलावा ७ माल एवं कार्गो वायुसेवाएं भी यहां से संचालित होती हैं। यहां की दैनिक यातायात गतिविधि मात्रा १९० है। यहां की राजकीय वायुसेवा बिमान बांग्लादेश एयरलाइंस यहां से यूरोप एवं एशिया के २० गंतव्यों को उड़ानें उपलब्ध कराती है। .

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शिलांग विमानक्षेत्र

शिलांग विमानक्षेत्र जिसे उमरोई हवाई अड्डा या बड़ापानी विमानक्षेत्र भी कहा जाता है, उमरोई में स्थित एक नागरिक विमानक्षेत्र है। यह भारत के पूर्वोत्तर राज्य मेघालय की राजधानी शिलांग शहर को सेवा उपलब्ध कराता है और शहर से की दूरी पर उत्तर पूर्व दिशा में री भोई जिले में स्थित है। इस विमानक्षेत्र का निर्माण १९६० के दशक के मध्य में हुआ था और यहां प्रचालन १९७० के मध्य दशक तक चालू हुआ। वर्ष २००९ में २२४.१६ एकड भूमि अधिग्रहण कर विमानक्षेत्र के विस्तार हेतु दी गयी थी। जून २००९ में इसका विस्तार कार्य आरम्भ हुआ एवं मई २०१० तक यह पूर्ण हुआ। तब ३० करोड रुपये की लागत से तैयार नवनिर्मित टर्मिनल भवन का उद्घाटन जून २०११ में हुआ और यह प्रचालन में आया। विमानक्षेत्र के आगे विस्तार हेतु भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को पुनः भूमि आवंटित की गयी। वर्तमान ६००० फ़ीट की उडानपट्टी एटीआर-४२ के अवतरण लायक है और इसका विस्तार ८००० फ़ीट तक नियोजित है जिसके उपरान्त यहां बोइंग ७३७ एवं एयरबस ए३२० का अवतरण भी संभव हो सकेगा। इसके साथ ही दो ऐसे जेट विमानों के पार्किंग एवं ईंधनापूर्ति की सुविधा भी निर्मित होगी .

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शंघाई पुडोंग अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

शंघाई पुडोंग अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र चीन के बड़े शहर शंघाई को सेवा देने वाला प्रधान अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र एवं एशिया के लिये एक बड़ा विमानन केन्द्र है। नगर का दूसरा विमानक्षेत्र है, शंघाई हॉन्गकियाओ अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, जो मुख्यतः अन्तर्देशीय उड़ानों को वहन करता है। पुडोंग विमानक्षेत्र नगर से लगभग पूर्व दिशा में स्थित है और क्षेत्र में विस्तृत है। यह पुडोंग क्षेत्र की तटरेखा के समीपस्थ है। यह विमानक्षेत्र एयर चाइना के लिये प्रधान अन्तर्राष्ट्रीय हब एवं चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस एवं शंघाई एयरलाइंस के लिये मुख्य हब है। इनके अलाव भी यह कुछ निजी वायुसेवाओं जैसे डीएचएल एविएशन, जुनेयाओ एयरलाइंस, स्प्रिंग एयरलाइंस एवं यूपीएस एयरलाइंस आदि के लिये हब का कार्य करता है। डीएचएल का हब जो जुलाई २०१२ में आरंभ हुआ था, एशिया का सबसे बड़ा एक्स्प्रेस हब है। पुडोंग विमानक्षेत्र में दो प्रमुख यात्री टर्मिनल हैं, जो दोनों ओर से तीन समानांतर उड़ानपट्टियों से घिरे हुए हैं। वर्ष २०१५ तक एक तृतीय टर्मिनल भी नियोजित है। इनके अलावा एक उपग्रह टर्मिनल, २ अतिरिक्त उड़ानपट्टियाँ भी नियोजित हैं जो मिलकर यहां की यात्री क्षमता को ६ करोड़ से ८ करोड़ यात्री प्रतिवर्ष तक पहुंचा देंगे। इनके अलावा माल यातायात क्षमता ६० लाख टन की हो जायेगी। .

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शेरेमेत्येवो अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

शेरेमेत्येवो अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र (p), मास्को-ओब्लास्ट, रूस में एक अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र है। यह मध्य मास्को से उत्तर-पश्चिम दिशा में स्थित है। यह रूसी अन्तर्राष्ट्रीय वायुसेवा एयरोफ़्लोट का हब है एवं दोमोदेदोवो अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र एवं व्नुकोवओ अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र (IATA kUT:MOW) सहित रूसी राजधानी मास्को को सेवा देने वाले तीन विमानक्षेत्रों में से एक है। दोमोदेदोवो के बाद यह रूस का दूसरा सबसे बड़ा विमानक्षेत्र है। वर्ष २०१० में यहां से 19,329,000 यात्री एवं 184,488 विमानों का आवागमन संपन्न हुआ था। .

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सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

सरदार वल्लभ भाई पटेल अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र भारत का आठवां व्यस्ततम विमानक्षेत्र है जहां से प्रतिदिन औसत २५० विमान आवागमन करते हैं। यह विमानक्षेत्र भारत के गुजरात राज्य के दो प्रमुख शहरों – अहमदाबाद एवं राजधानी गांधीनगर को सेवा देता है। विमानक्षेत्र अहमदाबाद रेलवे स्टेशन से लगभग दूर स्थित है। इसका नाम राज्य और भारत के पूर्व उपप्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम पर रखा हुआ है। विमानक्षेत्र क्षेत्र में फ़ैला विस्तृत है और इसकी उड़ानपट्टी लंबाई की है। अहमदाबाद विमानक्षेत्र अहमदाबाद में स्थित है। इसका ICAO कोडहै VAAH और IATA कोड है AMD। यह एक नागरिक हवाई अड्डा है। यहां कस्टम्स विभाग उपस्थित हाँ है। इसका रनवे पेव्ड है। इसकी प्रणाली यांत्रिक हाँ है। इसकी उड़ान पट्टी की लंबाई 9000 फी.

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सिडनी बंदरगाह पुल

सिडनी बंदरगाह पुल सिडनी बंदरगाह पर बना एक इस्पात का चाप के आकार का पुल है जिस पर से रेल, वाहन, साइकिल और पैदल यातायात सिडनी के केन्द्रीय व्यावसायिक जिले (CBD) और उत्तरी किनारे के बीच आता-जाता है। पुल, बंदरगाह और पास में स्थित सिडनी आपेरा हाउस का नाटकीय दृश्य सिडनी और आस्ट्रेलिया, दोनों की एक मूर्त छवि है। पुल को स्थानीय लोगों ने इसके चाप पर आधारित डिजाइन के कारण प्यार से “द कोट-हैंगर ” का उपनाम दिया है। एनएसडबल्यू के लोकनिर्माण विभाग के डॉ॰ जे.जे.सी.

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सिरसा एयर फ़ोर्स स्टेशन

सिरसा एयर फ़ोर्स स्टेशन (Sirsa Air Force Station) या Sirsa AFS विमान कोड VISA एक भारतीय वायु सेना का एयर फोर्स स्टेशन है। जो भारतीय राज्य हरियाणा के सिरसा में स्थित है। श्रेणी:भारतीय एयर फ़ोर्स स्टेशन श्रेणी:हरियाणा के विमानक्षेत्र.

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संपीडन पुष्टि

संपीडित करने पर नमूने का फूल जाना (Barrelling) संपीडन सामर्थ्य या संपीडन पुष्टि (Compressive strength) किसी पदार्थ की उसके अक्ष की दिशा में लगे संपीडक बल (pushing forces) को सहने की क्षमता को इंगित करता है। जब किसी पदार्थ की संपीडन पुष्टि से भी अधिक प्रतिबल देने की कोशिश की जाती है, पदार्थ चकनाचूर (crushed) हो जाते हैं। कोई पदार्थ, बिना चकनाचूर (fracture) हुए, जो अधिकतम संपीडक प्रतिबल सह सकता है, उस मान को उस पदार्थ की संदलन सामर्थ्य (Crushing Strength) कहते हैं। .

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सुनम्य कलाएँ

सुनम्य कलाएँ (Plastic arts) उन कलाओं की श्रेणी है जिनमें सुन्यता (plasticity) वाले पदार्थों से कलाकृतियाँ बनाई जाती हैं। इनमें मोल्डिंग (संचन) और शिल्पकला और मृतिकाशिल्प की कलाएँ शामिल हैं। सुनम्य कला में ऐसी सामग्रीयों का प्रयोग होता है जिन्हें आकार दिया जा सके, जैसे कि पत्थर, लकड़ी, कंक्रीट और धातु। हालांकि इन कलाओं का अंग्रेज़ी नाम "प्लास्टिक आर्ट्स" है, इनमें यह ज़रूरी नहीं है कि प्लास्टिक ही प्रयोग हो। .

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सुघट्यताकारी

सुघट्यताकारी या प्लास्टिककारी (Plasticizers) उन पदार्थों को कहते हैं जो किसी अन्य पदार्थ में मिलाने से उसकी सुघट्यता या तरलता में वृद्धि करने में सहायक हों। इनका सबसे अधिक उपयोग प्लास्टिकों (विशेषतः पीवीसी) को अधिक सुघट्य बनाने में होता है। कंक्रीट, जिप्सम तथा अन्य चीजों को सुघ्यट्य बनाने के लिए भी सुघट्यताकारी ग्यात हैं। श्रेणी:सीमेण्ट श्रेणी:कंक्रीट.

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सेप्टिक टैंक

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सीमेंट

सीमेंट का उपयोग। सीमेंट आधुनिक भवन निर्माण मे प्रयुक्त होने वाली एक प्राथमिक सामग्री है। सीमेंट मुख्यतः कैल्शियम के सिलिकेट और एलुमिनेट यौगिकों का मिश्रण होता है, जो कैल्शियम ऑक्साइड, सिलिका, एल्यूमीनियम ऑक्साइड और लौह आक्साइड से निर्मित होते हैं। सीमेंट बनाने कि लिये चूना पत्थर और मृत्तिका (क्ले) के मिश्रण को एक भट्ठी में उच्च तापमान पर जलाया जाता है और तत्पश्चात इस प्रक्रिया के फल:स्वरूप बने खंगर (क्लिंकर) को जिप्सम के साथ मिलाकर महीन पीसा जाता है और इस प्रकार जो अंतिम उत्पाद प्राप्त होता है उसे साधारण पोर्टलैंड सीमेंट (सा.पो.सी.) कहा जाता है। भारत में, सा.पो.सी.

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हाशिमारा एयर फ़ोर्स स्टेशन

हाशिमारा एयर फ़ोर्स स्टेशन (Hasimara Air Force Station) एक भारतीय वायु सेना का विमानक्षेत्र या एयर फोर्स स्टेशन है जो भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के अलीपुरदौर ज़िले में स्थित है। यह एयर फ़ोर्स स्टेशन मुख्य रूप से भारत और भूटान की बॉर्डर पर स्थित है। साथ ही इसके नजदीक चुम्बी वैली भी है। .

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हिण्डौन एयर फ़ोर्स स्टेशन

हिण्डौन एयर फ़ोर्स स्टेशन (Air Force Station Hindon) (Hindon AFS) (जिसे हिण्डन) भी कहा जाता है,एक भारतीय वायु सेना का विमानक्षेत्र है जो भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद ज़िले में स्थित है। इस विमानक्षेत्र की सतह कंक्रीट और एस्फाल्ट से बनी हुई है। यह विमानक्षेत्र हवाई बेस के हिसाब से पूरे एशिया में सबसे बड़ा और साथ ही विश्व का आठवां सबसे बड़ा एयर फ़ोर्स स्टेशन है। हिण्डौन एयर फोर्स स्टेशन १४ किलोमीटर फैला हुआ है जबकि २ किलोमीटर गोलाई में फैला हुआ है। यह एयर फोर्स स्टेशन हर साल ८ अक्टूबर को एयर फोर्स दिवस मनाता है। .

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हकिमपेट एयर फ़ोर्स स्टेशन

हकिमपेट एयर फ़ोर्स स्टेशन (Hakimpet Air Force Station (Hakimpet AFS)) एक भारतीय वायु सेना का विमानक्षेत्र है जो भारतीय राज्य तेलंगाना के हकिमपेट क्षेत्र में स्थित है। वायु सेना का यह विमानक्षेत्र उत्तरी दिशा से हैदराबाद से २५ किलोमीटर दूर है। .

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हूवर बांध

हूवर बांध, जो कभी बौल्डर बांध के नाम से जाना जाता था, एक कंक्रीट गुरुत्वाकर्षण-चाप बांध है, जो अमेरिकी राज्यों एरिज़ोना और नेवादा की सीमा के बीच स्थित कोलोराडो नदी के ब्लैक कैनियन पर है.

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जर्सी अवरोध

कंक्रीट अवरोध कंक्रीट अवरोध के आयाम कंक्रीट अवरोध या जर्सी अवरोध, प्रमापीय कंक्रीट से निर्मित, व्यापक रूप से प्रयोग होने वाले यातायात अवरोध हैं, जिनका प्रयोग यातायात को, विभिन्न लेनों में निर्देशित करने, रोकने या फिर मार्ग परिवर्तन के लिए किया जाता है। इस अवरोध को संयुक्त राज्य अमेरिका के न्यू जर्सी, स्थित स्टीवेंस प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा, राजमार्ग की विभिन्न लेनों में भेद करने के लिए विकसित किया गया था इसी कारण इसका नाम जर्सी अवरोध पड़ा है। उनके द्वारा विकसित अवरोध कंक्रीट से बना था जिसकी ऊँचाई 90 से 150 सेमी थी और एक अवरोध का वजन एक टन (1000 किग्रा) के लगभग था। इन अवरोधों का प्रयोग मुख्यत: दो कारणों से किया जाता है पहला, विपरीत दिशा से आते वाहन यदि अनियंत्रित होकर सामने की टक्कर मारें तो दोनों के बीच स्थित अवरोध अपने विशेष "उत्तल" डिज़ाइन के कारण उन्हें वापस उनकी यातायात लेन में ढकेल देता है क्योंकि इस अवस्था में सबसे पहले लचीले टायर इनके संपर्क में आते हैं और वाहन एक दूसरे के ऊपर चढ़ने से बच जाते है जिसके कारण वाहन और सवारों दोनों को ही अधिक नुकसान नहीं होता है। दूसरा कारण; यह राजमार्ग निर्माण के समय यातायात के मार्ग को परिवर्तित करने और पैदल यात्रियों को सुरक्षा देने में भी काम आता है। इसके अतिरिक्त इन अवरोधों को आजकल आतंक की घटनाओं का सामना करने में एक सुरक्षा आवरण के रूप में भी प्रयोग किया जा रहा है। आजकल इन अवरोधों को प्लास्टिक से भी बनाया जाता है जो बीच से खोखले होते हैं और इनके बीच रेत और पानी भरकर इन्हें भारी बनाया जाता है। इन प्लास्टिक अवरोधों को उन स्थानों पर प्रयोग किया जाता है जहां यातायात को अस्थायी रूप से निर्देशित करने की आवश्यकता होती है जैसे टोल ब्रिज। अमेरिका में इन्हें के-रेल भी कहा जाता है। .

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जल इंजीनियरी

द्रविकी का अन्य विधाओं से सम्बन्ध द्रविकी (Hydraulics / 'द्रवविज्ञान' या जल इंजीनियरी अथवा द्रव इंजीनियरी) के अंतर्गत तरल पदार्थों के प्रवाह के गुणधर्म का अध्ययन करती है। प्रौद्योगिकी में द्रविकी का उपयोग अन्य कार्यों के अलावा संकेत, बल या ऊर्जा के संचरण (ट्रांसमिशन) के लिये किया जाता है। द्रविकी में इंजीनियरी के उपतत्वों का विचार आ जाता है जिनके अंतर्गत जल, वायु तथा तैल और अन्य रासायनिक विलयनों का उपयोग प्राकृतिक दशा में या दबाव के अंदर होता है। इन द्रवों के प्राकृतिक गुणों का, जैसे घनत्व, श्यानता, प्रत्यास्थता और पृष्ठ तनाव आदि, के ऊपर इंजीनियरी के समस्त अभिकल्प निर्भर होते हैं, क्योंकि सारे द्रवों का आधारभूत व्यवहार एक सा ही होता है। जल इंजीनियरी के और भी बहुत से विशेष अंग हैं जिनका विवरण उन विशेष अंगों के अंतर्गत मिल सकता है। जल इंजीनियरी में मुख्यत: जल का स्थिर दबाव, उसकी गति तथा उसका प्रभाव, उसके द्वारा चालित यंत्र जल का मापन आदि विषयों का विचार आ जाता है। .

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जलवाही सेतु

हम्पी का प्राचीन जलवाही सेतु किसी नदी, नाले अथवा घाटी पर पुल बनाकर उसपर से यदि कोई कृत्रिम जलधारा ले जाई जाती है, तो उस पुल को जलवाही सेतु या 'जलसेतु' (Aqueducts) कहते हैं (इसके विपरीत यदि कृत्रिम जलधारा नदी नाले आदि के नीचे से गुजरती है, तो पुल ऊर्ध्वलंघिका कहलाता है)। इंजीनियरी, विज्ञान और उद्योग का विकास हो जाने से आजकल बड़े बड़े व्यास के नल कंक्रीट या लोहे के बनाए जाते हैं। अत: जल बहुधा बड़े बड़े नलों में ले जाया जाता है, जो भूमि के तल के अनुसार ऊँचे नीचे हो सकते हैं और वर्चस्‌ का दबाव सह सकते हैं। किंतु प्राचीन काल में बहुधा खुली नालियाँ ही होती थीं, या नालियों चिनाई आदि करके बनाई जाती थीं, जो भीतर की ओर से जल का दबाव सहन नहीं कर पाती थीं। अत: उन्हें उद्गम से लेकर अंतिम सिरे तक एक नियमित ढाल में ले जाना अनिवार्य था। इसलिये नदी, नाले या घाटियाँ पार करते समय जलसेतु बनाने पड़ते थे। बहुत बड़ी नहरों के लिये, जिनका निस्सरण बड़े बड़े नलों की समाई से भी कहीं अधिक होता है, जलसेतु आज भी अनिवार्य हैं। .

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जेम्स डीन

जेम्स बायरन डीन (8 फ़रवरी 1931 - 30 सितंबर 1955) एक अमेरिकी फिल्म अभिनेता और एक सांस्कृतिक आइकन थे। उन्हें अपने सबसे प्रसिद्ध फ़िल्म के शीर्षक, रेबेल विदाउट ए कॉज में सबसे अच्छे ढंग से प्रस्तुत किया गया, जिसमें उन्होंने परेशानी में फंसे लॉस एंजिल्स के किशोर जिम स्टार्क के रूप में अभिनय किया। उनके अभिनय को परिभाषित करने वाली अन्य दो भूमिकाएं ईस्ट ऑफ़ ईडन में लोनर कैल ट्रास्क के रूप में, एवं जाइंट में एक चिड़चिड़े किसान जेट रिंक के रूप में थी। डीन की चिरस्थायी प्रसिद्धि और लोकप्रियता इन तीन फिल्मों पर ही आधारित है, उनका संपूर्ण आउटपुट एक प्रमुख भूमिका में थी। कम उम्र में उनकी मृत्यु ने उनकी पौराणिक स्थिति को पुख्ता किया। सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए मरणोपरांत अकादमी पुरस्कार के लिए नामांकन प्राप्त करने वाले वे प्रथम अभिनेता थे और मरणोपरांत अभिनय के लिए दो नामांकन प्राप्त करने वाले वे अभी भी एक मात्र व्यक्ति बने हुए हैं। 1999 में, अमेरिकी फिल्म संस्थान ने अपने एएफआई (AFI's) के 100 वर्षों के सितारों की सूची में डीन को सर्वश्रेष्ठ पुरुष कलाकार के रूप में 18 वां स्थान प्रदान किया।<ref>5 ^ 4</ref> .

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विभिन्न प्रकार के सेतु

नीचे विभिन्न प्रकार के सेतु की सूची दी गयी है। श्रेणी:सेतु प्रकार.

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विश्व देवालय (पैन्थियन), रोम

विश्व देवालय ((ब्रिटेन) या (अमेरिका), Pantheon,शायद ही कभी पैन्थियम. इस इमारत का वर्णन करने में प्लिनी के प्राकृतिक इतिहास (XXXVI.38) में यह दिखाई देता है: Agrippae Pantheum decoravit Diogenes Atheniensis; in columnis templi eius Caryatides probantur inter pauca operum, sicut in fastigio posita signa, sed propter altitudinem loci minus celebrata. से, "सभी देवताओं के लिए" अर्थ में प्रयुक्त मंदिर के लिए लिया गया ग्रीक शब्द, ἱερόν, समझा जाता है) रोम में बनी एक इमारत है, जो मार्क्स अग्रिप्पा द्वारा प्राचीन रोम के सभी देवी-देवताओं के मंदिर के रूप में बनायी गयी थी और 126 ई. में सम्राट हैड्रियन ने इसे दोबारा बनवाया था। लगभग समकालीन लेखक (द्वितीय-तृतीय सी. सीई), कैसियस डियो ने अनुमान लगाया कि यह नाम या तो इस इमारत के आसपास रखी गयी इतनी अधिक मूर्तियों की वजह से, या फिर स्वर्ग के गुंबद से इसकी समानता की वजह से रखा गया। फ्रांसीसी क्रांति के बाद से, जब संत जेनेवीव ने, पेरिस के चर्च को अप्रतिष्ठित कर उसे धर्मनिरपेक्ष स्मारक के रूप में बदल कर उसे पेरिस का विश्व देवालय बना दिया, उसी समय से ऐसी किसी भी इमारत जहां किसी प्रसिद्ध मृतक को सम्मानित किया गया या दफनाया गया हो, उसके लिए सामान्य शब्द विश्व देवालय (पैन्थियन), का प्रयोग किया जाने लगा है। यह इमारत तीन पंक्तियों के विशाल ग्रेनाइट कोरिंथियन कॉलम की वजह से गोलाकार है जिसका बरामदा (पहली पंक्ति में आठ और पीछे चार के दो समूहों में) गोल घर में खुल रहे त्रिकोणिका के नीचे हो, कंक्रीट के गुंबद में बने संदूक में जिसका केंद्र (आंख) (ऑकुलस) आकाश की ओर खुलता हो.

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गुवांगज़ोउ बाइयुन अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

:w: गुवांगज़ोऊ बाइयुन अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र चीन के गुआंगडोंग प्रान्त की राजधानी, गुवांगज़ोऊ का विमानक्षेत्र है। यहाम के दोनों विमानक्षेत्र कूट पुराने विमानक्षेत्र के नाम से हैं, एवं IATA कूट गुवांगज़ोऊ's के पूर्व रोमनीकरण कैन्टन पर है। यह विमानक्षेत्र चाइना सदर्न एयरलाइंस का प्रमुख हब है एवं शेनज़ेन एयरलाइंस तथा हाइनान एयरलाइंस का फ़ोकस सिटी है। वर्ष 2011 में, गुवांगज़ोऊ बाइयुन अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र यात्री ट्रैफ़िक के अनुसार चआइना का द्वितीय व्यस्ततम एवं विश्व का १९वाँ व्यस्ततम विमानक्षेत्र रहा जिसने 45,040,340 यात्री वहन किये। कार्गो ट्रैफ़िक के आंकड़ों के अनुसार यह तृतीय व्यस्ततम चीनी विमानक्षेत्र एवं विश्व का २१वाँ व्यस्ततम विमानक्षेत्र रहा। गुवांगज़ोऊ विमानक्षेत्र चीन में ट्रैफ़िक के अनुसार द्वितीय व्यस्ततम विमानक्षेत्र रहा। .

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इस्तांबुल अतातुर्क विमानक्षेत्र

इस्तांबुल अतातुर्क विमानक्षेत्र (Istanbul Atatürk Havalimanı) तुर्की की राजधानी इस्तांबुल को सेवा देने वाला प्रमुख अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र है। इसके बाद सबीहा गॉकेन अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र आता है। यह विमानक्षेत्र सन १९२४ में आरंभ हुआ था और येसिल्कॉय में, नगर के यूरोपीय छोर पर स्थित है। यह नगर केन्द्र से पश्चिम में स्थित है। १९८० में विमानक्षेत्र का पुनर्नामकरण कर इसे तुर्की गणराज्य के संस्थापक एवं प्रथम राष्ट्रपति मुस्तफ़ा कमाल अतातुर्क के सम्मान में वर्तमान नाम, अतातुर्क विमानक्षेत्र कर दिया गया था। वर्ष २०११ में कुल यात्री ट्रैफ़िक 3.73 लाख के साथ, यह विमानक्षेत्र कुल यात्री ट्रैफ़िक की मद में विश्व का ३०वाँ व्यस्ततम विमानक्षेत्र एवं अन्तर्राष्ट्रीय यात्री ट्रैफ़िक की मद में विश्व का १७वाँ व्यस्ततम विमानक्षेत्र बन गया। यह रोम के फ़्यूमीशियो विमानक्षेत्र के एकदम बाद ही आता है। २०११ के आंकड़ों के अनुसार यह रोम एवं म्यूनिख के बाद यूरोप का ८वां व्यस्ततम विमानक्षेत्र रहा। अप्रैल २०११ से अप्रैल २०१२ की अवधि में इसकी IST श्रेणी कुल यात्री ट्रैफ़िक की २६वीं एवं अन्तर्राष्ट्रीय यात्री ट्रैफ़िक ई १५वीं रही। .

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कठोरता

विकर्स का कठोरतामापी एलास्टोमर पदार्थों के बल-विकृति ग्राफ में हिस्टेरिसिस पायी जाती है (प्रतिबल बढ़ाने पर और घटाने पर ग्राफ अलग-अलग मार्ग से जाता है)। इसे एलास्टिक हिस्टेरिस कहते हैं। प्रतिक्षेप कठोरता (रिबाउण्ड हार्डनेस) का मापन इसी सिद्धान्त पर आधारित है। प्रत्यास्थ पदार्थों में यह हिस्टेरिसिस् नहीं पायी जाती। कठोरता (Hardness) किसी ठोस का वह गुण है जिससे पता चलता है कि उस पर बल लगाने पर उसे स्थायी रूप से विकृत करने की कितनी सम्भावना है। सामान्यतः अधिक कठोर ठोस वह होता है जिसमें अन्तराणविक बल अधिक मजबूत होगा। कठोर पदार्थों के कुछ उदाहरण: सिरामिक (ceramics), कंक्रीट (concrete), कुछ धातुएँ तथा अतिकठोर पदार्थ। 'कठोरता' को मापने के अलग-अलग तरीके हैं.

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कन्साई अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

जापान में स्थित एक अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र है। यह एक कृत्रिम द्वीप ओसाका द्वीप जो ओसाका स्टेशन से दक्षिण पश्चिम दिशा में, तीन कस्बों, इज़ुमिसानो (उत्तर),.

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कम्पोजिट पदार्थ

कार्बन फाइबर फिलामेन्ट से बुना कपड़ा; कार्बन फाइबर फिलामेन्ट एक आम 'कम्पोजिट पदार्थ' है। कम्पोजिट पदार्थ (Composite materials) दो या अधिक पदार्थों से निर्मित पदार्थ हैं जिनके अवयवों की भौतिक एवं रासायनिक गुण बहुत भिन्न होते हैं। इनके ये अवयव कम्पोजिट पदार्थ के अन्दर स्थूल (मैक्रोस्कोपिक) स्तर पर भी अलग-अलग ही बने रहते हैं। विशेष बात यह है कि कम्पोजिट पदार्थ में वे गुण प्राप्त हो जाते हैं जो कि उसके घटक पदार्थों में नहीं होते। इस विशेषता के कारण ऐसे पदार्थ बनाये जा सकते हैं जिनमें कोई विशिष्ट गुण हो (हल्का, कठोर आदि)। अपनी इसी विशेषता के कारण कम्पोजिट पदार्थ उद्योगों में बहुतायत में प्रयोग किये जाने लगे हैं। किन्तु कम्पोजिट पदार्थों के गुणों की व्याख्या करना सरल नहीं है। .

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किशनगढ़ विमानक्षेत्र

किशनगढ़ विमानक्षेत्र एक विमानक्षेत्र है जो भारतीय राज्य राजस्थान के किशनगढ़,अजमेर में स्थित है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग ८ पर स्थित है। इसका निर्माण भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने करवाया था और जुलाई २०१७ में शुरू होगा। यह विमानक्षेत्र ६३७ एकड़ भूमि में घिरा हुआ है और इसका रनवे २,००० मीटर लंबा है। .

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किंग अब्दुल अज़ीज़ अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

किंग अब्दुल अज़ीज़ अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र (KAIA) (مطار الملك عبدالعزيز الدولي) सऊदी अरब के शहर जेद्दाह से १९ कि.मी उत्तर में स्थित एक अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र है। इसका नाम यहां के राजा अब्दुल अज़ीज़ अल सऊद के नाम पर रखा गया है। यह सऊदी अरब में तीसरी सबसे बड़ी वायुमार्ग सुविधा है एवं यात्री संख्या के अनुसार यह यहां का व्यस्ततम विमानक्षेत्र है। यहां का परिसर १५ वर्ग कि.मी में विस्तृत है। on the GACA website इसमें विमानक्षेत्र के अलावा शाही टर्मिनल, रॉयल सऊदी वायु सेना की सुविधा एवं विमानक्षेत्र स्टाफ़ हेतु आवासीय परिसर भी हैं। जेद्दाह विमानक्षेत्र में निर्माण कार्य १९७४ में आरंभ हुआ था और १९८० में पूर्ण हुआ। ३१ मई १९८१ को यह विमानक्षेत्र प्रचालन के लिये खुला एवं अप्रैल १९८१ को इसका आधिकारिक उद्घाटन संपन्न हुआ। .

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कंक्रीट के पुल

पुल बनाने के लिए कंक्रीट बहुत उपयुक्त वस्तु है, क्योंकि जब यह सुघट्यावस्था में रहती है, तब यह कहीं भी भरी जासकती है और किसी भी आकृति में ढाली जा सकती है। इसलिए पुलों के बनाने में इसका बहुत उपयोग किया जाता है। .

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कैथोडी रक्षण

एक छोटी सी नाव के नीचे जस्ते का टुकड़ा स्क्रू द्वारा जोडा गया है। यह स्वयं संक्षारित होकर नाव के सतह को संक्षारण से बचाता है। इसलिये इसे 'उत्सर्गी कैथोड' (scrificial cathode) भी कहते हैं। कैथोडी रक्षण (Cathodic protection (CP)), धातुओं के सतह के संक्षारण को रोकने की एक तकनीक है। इस तकनीक में एक विद्युतरासायनिक सेल का इस प्रकार निर्माण किया जाता है है कि जिस धातु का संक्षारण रोकना होता है, उसे कैथोड बना दिया जाता है। .

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कैल्सियम

कैल्सियम (Calcium) एक रासायनिक तत्व है। यह आवर्तसारणी के द्वितीय मुख्य समूह का धातु तत्व है। यह क्षारीय मृदा धातु है और शुद्ध अवस्था में यह अनुपलब्ध है। किन्तु इसके अनेक यौगिक प्रचुर मात्रा में भूमि में मिलते है। भूमि में उपस्थित तत्वों में मात्रा के अनुसार इसका पाँचवाँ स्थान है। यह जीवित प्राणियों के लिए अत्यावश्यक होता है। भोजन में इसकी समुचित मात्र होनी चाहिए। खाने योग्य कैल्शियम दूध सहित कई खाद्य पदार्थो में मिलती है। खान-पान के साथ-साथ कैल्शियम के कई औद्योगिक इस्तेमाल भी हैं जहां इसका शुद्ध रूप और इसके कई यौगिकों का इस्तेमाल किया जाता है। आवर्त सारणी में कैल्शियम का अणु क्रमांक 20 है और इसे अंग्रेजी शब्दों ‘Ca’ से इंगित किया गया है। 1808 में सर हम्फ्री डैवी ने इसे खोजा था। उन्होंने इसे कैल्सियम क्लोराइड से अलग किया था। चूना पत्थर, कैल्सियम का महत्वपूर्ण खनिज स्रोत है। पौधों में भी कैल्शियम पाया जाता है। अपने शुद्ध रूप में कैल्शियम चमकीले रंग का होता है। यह अपने अन्य साथी तत्वों के बजाय कम क्रियाशील होता है। जलाने पर इसमें से पीला और लाल धुआं उठता है। इसे आज भी कैल्शियम क्लोराइड से उसी प्रक्रिया से अलग किया जाता है जो सर हम्फ्री डैवी ने 1808 में इस्तेमाल की थी। कैल्शियम से जुड़े ही एक अन्य यौगिक, कैल्सियम कार्बोनेट को कंक्रीट, सीमेंट, चूना इत्यादि बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अन्य कैल्शियम कंपाउंड अयस्कों, कीटनाशक, दुर्गन्धहर, खाद, कपड़ा उत्पादन, कॉस्मेटिक्स, लाइटिंग इत्यादि में इस्तेमाल किया जाता है। जीवित प्राणियों में कैल्शियम हड्डियों, दांतों और शरीर के अन्य हिस्सों में पाया जाता है। यह रक्त में भी होता है और शरीर की अंदरूनी देखभाल में इसकी विशेष भूमिका होती है। कैल्सियम अत्यंत सक्रिय तत्व है। इस कारण इसको शुद्ध अवस्था में प्राप्त करना कठिन कार्य है। आजकल कैल्सियम क्लोराइड तथा फ्लोरस्पार के मिश्रण को ग्रेफाइट मूषा में रखकर विद्युतविच्छेदन द्वारा इस तत्व को तैयार करते हैं। शुद्ध अवस्था में यह सफेद चमकदार रहता है। परन्तु सक्रिय होने के कारण वायु के आक्सीजन एवं नाइट्रोजन से अभिक्रिया करता है। इसके क्रिस्टल फलक केंद्रित घनाकार रूप में होते हैं। यह आघातवर्ध्य तथा तन्य तत्व है। इसके कुछ गुणधर्म निम्नांकित हैं- साधारण ताप पर यह वायु के ऑक्सीजन और नाइट्रोजन से धीरे धीरे अभिक्रिया करता है, परंतु उच्च ताप पर तीव्र अभिक्रिया द्वारा चमक के साथ जलता है और कैलसियम आक्साइड (CaO) बनाता है। जल के साथ अभिक्रिया कर यह हाइड्रोजन उन्मुक्त करता है और लगभग समस्त अधातुओं के साथ अभिक्रिरिया कर यौगिक बनाता है। इसके रासायनिक गुण अन्य क्षारीय मृदा तत्वों (स्ट्रांशियम, बेरियम तथा रेडियम) की भाँति है। यह अभिक्रिया द्वारा द्विसंयोजकीय यौगिक बनाता है। ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होने पर कैलसियम ऑक्साइड का निर्माण होता है, जिसे कली चूना और बिना बुझा चूना (quiklime) भी कहते हैं। पानी में घुलने पर कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड या शमित चूना या बुझा चूना (slaked lime) बनता है। यह क्षारीय पदार्थ है जिसका उपयोग गृह निर्माण कार्य में पुरतान काल से होता आया है। चूने में बालू, जल आदि मिलाने पर प्लास्टर बनता है, जो सूखने पर कठोर हो जाता है और धीरे-धीरे वायुमण्डल के कार्बन डाइऑक्साइड से अभिक्रिया कर कैलसियम कार्बोनेट में परिणत हो जाता है। कैलसियम अनेक तत्वों (जैसे हाइड्रोजन, फ्लोरीन, क्लोरीन, ब्रोमीन आयोडीन, नाइट्रोजन सल्फर आदि) के साथ अभिक्रिया कर यौगिक बनता है। कैलसियम क्लोराइड, हाइड्रोक्साइड, तथा हाइपोक्लोराइड का एक मिश्रण और ब्लिचिंग पाउडर कहलाता है जो वस्त्रों आदि के विरंजन में उपयोगी है। कैलसियम कार्बोनेट तथा बाइकार्बोनेट भी उपयोगी है। अपाचयक तत्व होने के कारण कैलसियम अन्य धातुओं के निर्माण में काम आता है। कुछ धातुओं में कैलसियम मिश्रित करने पर उपयोगी मिश्र धातुएँ बनती हैं। कैलसियम के यौगिक के अनेक उपयोग हैं। कुछ यौगिक (नाइट्रेट, फॉसफेट आदि) उर्वरक के रूप में उपयोग में आते है। कैलसियम कार्बाइड का उपयोग नाइट्रोजन स्थिरीकरण उद्योग में होता है और इसके द्वारा एसिटिलीन गैस बनाई जाती है। कैलसियम सल्फेट द्वारा प्लास्टर ऑफ पेरिस बनाया जाता है। इसके अतिरक्ति कुछ यौगिक चिकित्सा, पोर्स्लोिन उद्योग, काच उद्योग, चर्म उद्योग तथा लेप आदि के निर्माण में उपयोगी है। भारत के प्राचीन निवासी कैलसियम के यौगिक तत्वों से परिचित थे। उनमें चूना (कैलसियम आक्साइड) मुख्य है। मोहनजोदड़ो और हड़प्पा के भग्नावशेषों से ज्ञात होता है तत्कालीन निवासी चूने का उपयोग अनेक कार्यों में करते थे। चूने के साथ कतिपय अन्य पदार्थों के मिश्रण से 'वज्रलेप' तैयार करने का प्राचीन साहित्य में प्राप्त होता है। चरक ने ऐसे क्षारों का वर्णन किया है जिनको विभिन्न समाक्षारों पर चूने की अभिक्रिया द्वारा बनाया जाता था। कुछ समय पूर्व उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में कोपिया नामक एक स्थान से काँच बनाने के एक प्राचीन कारखाने के अवशेष प्राप्त हुए हैं। उसका काल लगभग पाँचवी शती ईसवी पूर्व अनुमान किया जाता है। वहाँ से मिली काँच की वस्तुओं की परीक्षा से ज्ञात हुआ है कि उस काल के काँच बनाने में चूने का उपयोग होता था। .

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कोपनहेगन विमानक्षेत्र

कोपनहेगन विमानक्षेत्र, कास्त्रुप (Københavns Lufthavn, Kastrup) (Københavns Lufthavn) डेनमार्क की राजधानी कोपनहेगन, पूरे ज़ीलैंड, ओरेसंड क्षेत्र एवं दक्षिणी स्वीडन के एक बड़े भाग (न केवल स्कैनिया) को सेवा देने वाला प्रमुख अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र है। यह अब तक का स्कैंडिनेविया का व्यस्ततम विमानक्षेत्र है (2.15 करोड़ यात्री प्रतिवर्ष २०१२ में), हालांकि अन्तर्देशिय यात्री अपेक्षाकृत कम (२० लाख यात्री प्रतिवर्ष के निकट २०१२ में) ढोता है। यह विमानक्षेत्र अमेजर द्वीप पर स्थित है और मुख्य कोपनहेगन शहर से मात्र दक्षिण में तथा ओरेसंड सेतु के दूसरी ओर स्थित माल्मो नगर से मात्र पश्चिम में स्थित है। यह विमानक्षेत्र टार्न्बी नगरपालिका के अधीन आता है, एवं कुछ भाग निकटवर्ती ड्रेजर नगरपालिका के अधीन है। यह नॉर्डिक राष्ट्रों में सबसे बड़ा एवं यूरोप के सबसे पुराने विमानक्षेत्रों में से एक है। .

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कोर

नाली और बरसाती नाली किसी सड़क के संदर्भ में एक कोर वह किनारा होता है जहाँ एक उठा हुआ पैदलपथ/फुटपाथ, सड़क माध्यिका या सड़क स्कंध किसी बिना उठी हुई सड़क या बिना उठे हुये रास्ते से मिलता है। आमतौर पर किसी कोर को कंक्रीट, डामर, या लंबे पत्थर (कोराश्म या उपांताश्म: अक्सर ग्रेनाइट) से बनाया जाता है। कोर दो उद्देश्यों की पूर्ति करता है: पहला यह सड़क से उचित जल निकासी के लिए एक नाली मुहैया कराता है और दूसरा यह किसी वाहन चालक को स्कंध, माध्यिका या पैदलपथ पर चढ़ने से रोक कर, उसे और पैदल यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करता है। .

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कीव-बोरिस्पिल

बोरिस्पिल अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र (Міжнародний аеропорт "Бориспіль") यूक्रेन में बोरिस्पिल से पश्चिम में एवं कायिव से पूर्व में स्थित एक अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र है। यह यूक्रेन का सबसे बड़ा विमानक्षेत्र है जहां से देश की सर्वाधिक अन्तर्राष्ट्रीय उड़ानें जाती हैं। कायिव को वायुसेवा देने वाले तीन विमानक्षेत्रों में से ये एक है। .

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अल्माटी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

अल्माटी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र (Халықаралық Алматы Әуежайы, Международный Аэропорт Алматы) कज़ाखिस्तान का सबसे बड़ा विमानक्षेत्र है। यह देश के सबसे बड़े शहर एवं वाणिज्यिक राजधानी अल्माटी से लगभग दूर स्थित है। अल्माटी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र कज़ाखिस्तान के लगभग आधे यात्री संख्या एवं 68% कार्गो परिवहन संपन्न करता है। वर्ष २०११ में विमानक्षेत्र ने 3,665,538 यात्री (२०१० से 19% वृद्धि – 3,077,615 यात्री), 1,830,297 आगमन यात्री, एवं 1,835,241 प्रस्थान यात्रियों सहित आवागमन किये। .

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अल्लामा इकबाल अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

अल्लामा इक़बाल अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र (पंजाबी, علامہ اقبال بین الاقوامی ہوائی اڈا) पाकिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा विमानक्षेत्र है। यह यहां के पंजाब प्रान्त की राजधानी लाहौर को वायु सेवा प्रदान कराता है। मूलतः इसे लाहौर अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र कहा जाता था, जबकि २००३ में नये टर्मिनल भवन के तैयार होने पर, इसका नाम पाकिस्तानी शायर एवं दार्शनिक अल्लामा सर मुहम्मद इकबाल के नाम पर रख दिया गया था, जिन्होंने पाकिस्तान के सृजन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। विमानक्षेत्र में वर्तमान में तीन टर्मिनल हैं: अल्लामा इकबाल टर्मिनल, हज टर्मिनल एवं एक कार्गो टर्मिनल। यह विमानक्षेत्र लाहौर शहर के केन्द्र से लगभग 15 कि.मी दूर स्थित है। वर्ष २००९ में यहां से 3,192,904 यात्रियों का आवागमन संपन्न हुआ, जिसके कारण यह पाकिस्तान का दूसरा व्यस्ततम विमानक्षेत्र बना। ५ मार्च २०१० को, पाकिस्तान सिविल एविएशन अथॉरिटी ने इस विमानक्षेत्र के विस्तार संबंधी एक निविदा घोषित की। इसके अन्तर्गत्त चेक-इन पटल संख्या दोगुनी होकर २४ से ४८ हो जायेगी और इम्मिग्रेशन पटल भी १० से २० किये जाएंगे। टर्मिनल क्षेत्र का भी विस्तार किया जायेगा और इसके अलावा कुछ क्षेत्र भविष्य के विस्तार हेतु सुरक्षित रखा जायेगा। .

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अवन्तिपुर एयर फ़ोर्स स्टेशन

अवन्तिपुर एयर फ़ोर्स स्टेशन (Awantipur Air Force Station) एक भारतीय वायु सेना का स्टेशन है जो भारत के जम्मू और कश्मीर के अवन्तिपुर शहर में स्थित है। यह एयर फ़ोर्स स्टेशन अवन्तिपुर,पुलवामा से ५ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। .

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उत्तरलाई एयर फ़ोर्स स्टेशन

उत्तरलाई एयर फ़ोर्स स्टेशन (Uttarlai Air Force Station (Uttarlai AFS)) एक मिलिट्री एयर फ़ोर्स स्टेशन है जिसका अन्तर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन विमानक्षेत्र कोड (ICAO कोड) VA2A है। यह भारत के राजस्थान राज्य तथा बाड़मेर जिले में स्थित है। इसका संचालन भारतीय वायु सेना करती है। .

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छत

टोक्यो में कुछ घरों की छतें वास्तुकला में छत किसी कमरे, मकान, स्थापत्य या अन्य जगह को ऊपर से ढकने के लिए बनाए गए ढाँचे को कहते हैं। छत के द्वारा किसी इमारत की धूप, वर्षा, बर्फ़, हवा-आंधी और अन्य मौसमी तत्वों से, व जानवरों और कीटों से रक्षा की जा सकती है।, David Johnston, Scott Gibson, Taunton Press, 2008, ISBN 978-1-56158-973-9,...

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