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औद्योगिक नीति संकल्प, १९५६

सूची औद्योगिक नीति संकल्प, १९५६

भारत का औद्योगिक नीति संकल्प, १९५६ भारतीय संसद द्वारा अंगीकृत संकल्प है जो १९५६ की अप्रैल माह में पारित हुआ। भारत के औद्योगिक विकास से सम्बन्धित यह पहला वृहद दस्तावेज था। इसमें स्पष्ट रूप से तीन प्रकार के उद्योगोंकी बात की गयी थी। यही नीति बहुत लम्बे समय तक भारत की मूल औद्योगिक नीति बनी रही। इस प्रस्ताव के अनुसार भारत के सामाजिक एवं आर्थिक नीतियों का उद्देश्य भारत को समाजवादी राज्य बनाना था। श्रेणी:भारत श्रेणी:उद्योग.

1 संबंध: नयी आर्थिक नीति १९९१

नयी आर्थिक नीति १९९१

१९९० के दशक में भारत सरकार ने आर्थिक संकट से बाहर आने के क्रम में अपने पिछले आर्थिक नीतियों से विचलित और निजीकरण की दिशा में सीखने का फैसला किया और अपनी नई आर्थिक नीतियों को एक के बाद एक घोषित करना शुरू कर दिया। आगे चलकर इन नीतियों के अच्छे परिणाम देखने को मिले और भारत के आर्थिक इतिहास में ये नीतियाँ मील के पत्थर सिद्ध हुईं। उस समय पी वी नरसिंह राव भारत के प्रधानमंत्री थे और मनमोहन सिंह वित्तमंत्री थे। इससे पहले देश एक गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा था और इसी संकट ने भारत के नीति निर्माताओं को नयी आर्थिक नीति को लागू के लिए मजबूर कर दिया था । संकट से उत्पन्न हुई स्थिति ने सरकार को मूल्य स्थिरीकरण और संरचनात्मक सुधार लाने के उद्देश्य से नीतियों का निर्माण करने के लिए प्रेरित किया। स्थिरीकरण की नीतियों का उद्देश्य कमजोरियों को ठीक करना था, जिससे राजकोषीय घाटा और विपरीत भुगतान संतुलन को ठीक किया सके। नई आर्थिक नीति के ३ प्रमुख घटक या तत्व थे- उदारीकरण, निजीकरण, वैश्वीकरण । .

नई!!: औद्योगिक नीति संकल्प, १९५६ और नयी आर्थिक नीति १९९१ · और देखें »

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