सामग्री की तालिका
11 संबंधों: एचएएल तेजस, एयरबस ए३८०, फ़्रान्स, बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की सूची, बिहटा, यूनाइटेड किंगडम, राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी, अमेरिका, लीलाबाड़ी विमानक्षेत्र, शिलांग विमानक्षेत्र, विप्रो, उत्तराखण्ड।
एचएएल तेजस
तेजस भारत द्वारा विकसित किया जा रहा एक हल्का व कई तरह की भूमिकाओं वाला जेट लड़ाकू विमान है। यह हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा विकसित एक सीट और एक जेट इंजन वाला, अनेक भूमिकाओं को निभाने में सक्षम एक हल्का युद्धक विमान है। यह बिना पूँछ का, कम्पाउण्ड-डेल्टा पंख वाला विमान है। इसका विकास 'हल्का युद्धक विमान' या (एलसीए) नामक कार्यक्रम के अन्तर्गत हुआ है जो 1980 के दशक में शुरू हुआ था। विमान का आधिकारिक नाम तेजस 4 मई 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखा था। यह विमान पुराने पड़ रहे मिग-21 का स्थान लेगा। तेजस की सीमित श्रृंखला का उत्पादन 2007 में शुरू हुआ। दो सीटों वाला एक ट्रेनर संस्करण विकसित किया जा रहा है (नवम्बर 2008 तक उत्पादन के क्रम में था।), क्योंकि इसका नौसेना संस्करण भारतीय नौसेना के विमान वाहक पोतों से उड़ान भरने में सक्षम है। बताया जाता है कि भारतीय वायु सेना को एकल सीट वाले 200 और दो सीटों वाले 20 रूपांतरण प्रशिक्षक विमानों की जरूरत है, जबकि भारतीय नौसेना अपने सी हैरियर की जगह एकल सीटों वाले 40 विमानों का आदेश दे सकती है।जैक्सन, पॉल, मूनसौन, केनेथ; & पीकॉक, लिंडसे (एड्स.) (2005).
देखें एयरबस और एचएएल तेजस
एयरबस ए३८०
एयरबस ए३८० एयरबस ए३८० (Airbus A380) एयरबस द्वारा निर्मित एक वायुयान है। यह दो डेकर वाला, चौड़ा, चार इंजन युक्त विमान है। यह विश्व का सबसे बड़ा यात्री विमान है। ए३८० विमान की पहली उड़ान ५ अप्रैल २००५ को हुई थी। २००७ में यह व्यावसायिक उड़ान भी भरने लगा। .
देखें एयरबस और एयरबस ए३८०
फ़्रान्स
फ़्रान्स,या फ्रांस (आधिकारिक तौर पर फ़्रान्स गणराज्य; फ़्रान्सीसी: République française) पश्चिम यूरोप में स्थित एक देश है किन्तु इसका कुछ भूभाग संसार के अन्य भागों में भी हैं। पेरिस इसकी राजधानी है। यह यूरोपीय संघ का सदस्य है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह यूरोप महाद्वीप का सबसे बड़ा देश है, जो उत्तर में बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग, पूर्व में जर्मनी, स्विट्ज़रलैण्ड, इटली, दक्षिण-पश्चिम में स्पेन, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्यसागर तथा उत्तर पश्चिम में इंग्लिश चैनल द्वारा घिरा है। इस प्रकार यह तीन ओर सागरों से घिरा है। सुरक्षा की दृष्टि से इसकी स्थिति उत्तम नहीं है। लौह युग के दौरान, अभी के महानगरीय फ्रांस को कैटलिक से आये गॉल्स ने अपना निवास स्थान बनाया। रोम ने 51 ईसा पूर्व में इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया गया। फ्रांस, गत मध्य युग में सौ वर्ष के युद्ध (1337 से 1453) में अपनी जीत के साथ राज्य निर्माण और राजनीतिक केंद्रीकरण को मजबूत करने के बाद एक प्रमुख यूरोपीय शक्ति के रूप में उभरा। पुनर्जागरण के दौरान, फ्रांसीसी संस्कृति विकसित हुई और एक वैश्विक औपनिवेशिक साम्राज्य स्थापित हुआ, जो 20 वीं सदी तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी थी। 16 वीं शताब्दी में यहाँ कैथोलिक और प्रोटेस्टैंट (ह्यूजेनॉट्स) के बीच धार्मिक नागरिक युद्धों का वर्चस्व रहा। फ्रांस, लुई चौदहवें के शासन में यूरोप की प्रमुख सांस्कृतिक, राजनीतिक और सैन्य शक्ति बन कर उभरा। 18 वीं शताब्दी के अंत में, फ्रेंच क्रांति ने पूर्ण राजशाही को उखाड़ दिया, और आधुनिक इतिहास के सबसे पुराने गणराज्यों में से एक को स्थापित किया, साथ ही मानव और नागरिकों के अधिकारों की घोषणा के प्रारूप का मसौदा तैयार किया, जोकि आज तक राष्ट्र के आदर्शों को व्यक्त करता है। 19वीं शताब्दी में नेपोलियन ने वहाँ की सत्ता हथियाँ कर पहले फ्रांसीसी साम्राज्य की स्थापना की, इसके बाद के नेपोलियन युद्धों ने ही वर्तमान यूरोप महाद्वीपीय के स्वरुप को आकार दिया। साम्राज्य के पतन के बाद, फ्रांस में 1870 में तृतीय फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई, हलाकि आने वाली सभी सरकार लचर अवस्था में ही रही। फ्रांस प्रथम विश्व युद्ध में एक प्रमुख भागीदार था, जहां वह विजयी हुआ, और द्वितीय विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्र में से एक था, लेकिन 1940 में धुरी शक्तियों के कब्जे में आ गया। 1944 में अपनी मुक्ति के बाद, चौथे फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई जिसे बाद में अल्जीरिया युद्ध के दौरान पुनः भंग कर दिया गया। पांचवां फ्रांसीसी गणतंत्र, चार्ल्स डी गॉल के नेतृत्व में, 1958 में बनाई गई और आज भी यह कार्यरत है। अल्जीरिया और लगभग सभी अन्य उपनिवेश 1960 के दशक में स्वतंत्र हो गए पर फ्रांस के साथ इसके घनिष्ठ आर्थिक और सैन्य संबंध आज भी कायम हैं। फ्रांस लंबे समय से कला, विज्ञान और दर्शन का एक वैश्विक केंद्र रहा है। यहाँ पर यूरोप की चौथी सबसे ज्यादा सांस्कृतिक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल मौजूद है, और दुनिया में सबसे अधिक, सालाना लगभग 83 मिलियन विदेशी पर्यटकों की मेजबानी करता है। फ्रांस एक विकसित देश है जोकि जीडीपी में दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तथा क्रय शक्ति समता में नौवीं सबसे बड़ा है। कुल घरेलू संपदा के संदर्भ में, यह दुनिया में चौथे स्थान पर है। फ्रांस का शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, जीवन प्रत्याशा और मानव विकास की अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में अच्छा प्रदर्शन है। फ्रांस, विश्व की महाशक्तियों में से एक है, वीटो का अधिकार और एक आधिकारिक परमाणु हथियार संपन्न देश के साथ ही यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक है। यह यूरोपीय संघ और यूरोजोन का एक प्रमुख सदस्यीय राज्य है। यह समूह-8, उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो), आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी), विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) और ला फ्रैंकोफ़ोनी का भी सदस्य है। .
देखें एयरबस और फ़्रान्स
बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की सूची
श्रेणी:उद्योग.
देखें एयरबस और बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की सूची
बिहटा
बिहटा में भारत के बिहार राज्य के अन्तर्गत दानापुर अणुमंडल के पटना जिले का एक छोटा शहर है, इसे ग्रेटर पटना या न्यू पटना भी कहते हैं। .
देखें एयरबस और बिहटा
यूनाइटेड किंगडम
वृहत् ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैण्ड का यूनाइटेड किंगडम (सामान्यतः यूनाइटेड किंगडम, यूके, बर्तानिया, UK, या ब्रिटेन के रूप में जाना जाने वाला) एक विकसित देश है जो महाद्वीपीय यूरोप के पश्चिमोत्तर तट पर स्थित है। यह एक द्वीपीय देश है, यह ब्रिटिश द्वीप समूह में फैला है जिसमें ग्रेट ब्रिटेन, आयरलैंड का पूर्वोत्तर भाग और कई छोटे द्वीप शामिल हैं।उत्तरी आयरलैंड, UK का एकमात्र ऐसा हिस्सा है जहां एक स्थल सीमा अन्य राष्ट्र से लगती है और यहां आयरलैण्ड यूके का पड़ोसी देश है। इस देश की सीमा के अलावा, UK अटलांटिक महासागर, उत्तरी सागर, इंग्लिश चैनल और आयरिश सागर से घिरा हुआ है। सबसे बड़ा द्वीप, ग्रेट ब्रिटेन, चैनल सुरंग द्वारा फ़्रांस से जुड़ा हुआ है। यूनाइटेड किंगडम एक संवैधानिक राजशाही और एकात्मक राज्य है जिसमें चार देश शामिल हैं: इंग्लैंड, उत्तरी आयरलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स.
देखें एयरबस और यूनाइटेड किंगडम
राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी, अमेरिका
राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) संयुक्त राज्य अमेरिका की केंद्रीय ख़ुफ़िया जानकारी एजेंसी है। अमेरिकी रक्षा विभाग के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आने वाली इस एजेंसी को कर्मियों और बजट के संदर्भ में अमेरिका का सबसे बड़ा खुफिया संगठन माना जाता है। एनएसए को मुख्य रूप से वैश्विक निगरानी एवं ख़ुफ़िया जानकारी का संग्रह, अनुवाद और विश्लेषण करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गयी है। एनएसए का कार्य खुफिया संचार तक सीमित है, अथवा यह क्षेत्रीय या मानवीय गुप्तचर गतिविधियों में शामिल नहीं होता। कानून के अनुसार, एनएसए की खुफ़िया जानकारी विदेशी संचार तक ही सीमित है, हालांकि कई रिपोर्ट दर्शाते हैं कि एजेंसी हमेशा इन कानूनों का पालन नहीं करती। संगठन की गोपनीयता के कारण, एनएसए को समय-समय पर "नो सच एजेंसी" (ऐसी कोई एजेंसी नहीं है) या "नेवर से एनीथिंग" (कभी कुछ नहीं कहने वाली) भी कहा जाता है। एजेंसी में केंद्रीय सुरक्षा सेवा (सेंट्रल सिक्यूरिटी सर्विस) नामक संगठन भी है जिसे एनएसए और अन्य अमेरिकी सैन्य क्रिप्टएनालिसिस घटकों के बीच सहयोग के लिए बनाया गया था। एनएसए के निदेशक, जो अल्पतम लेफ्टिनेंट जनरल या उप एडमिरल रैंक के होते हैं, संयुक्त राज्य अमेरिका साइबर कमान के कमांडर और केंद्रीय सुरक्षा सेवा के चीफ का पद भी संभालते हैं। .
देखें एयरबस और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी, अमेरिका
लीलाबाड़ी विमानक्षेत्र
लीलाबाड़ी विमानक्षेत्र अरुणाचल प्रदेश के निकटवर्ती असम राज्य के लखीमपुर जिले में स्थित अन्तर्देशीय हवाई-अड्डा है। इस विमानक्षेत्र द्वारा असम और अरुणाचल प्रदेश राज्यों को वायु सेवाएं उपलब्ध होती हैं। अरुणाचल प्रदेश में फिल्हाल कोई विमानक्षेत्र प्रचालन में नहीं है, अतः राज्य केवल असम स्थित विमानक्षेत्रों पर ही निर्भर है। अरुणाचल की राजधानी से निकटतम विमानक्षेत्र (५७ कि॰मी॰) लीलाबाड़ी ही है। यहां से लगभग २८ लाख वर्ग नॉटिकल मील के वायुक्षेत्र का संचालन नियंत्रित होता है।- एन.आई.सी असम राज्य के विमानक्षेत्रों में लीलाबाड़ी विमानक्षेत्र अरुणाचल प्रदेश से निकटतम है। इसके अलावा असम राज्य में अन्य कई अन्तर्देशीय विमानक्षेत्र हैं, जैसे डिब्रुगढ़, जोरहाट, सिल्चर और तेजपुर विमानक्षेत्र। साथ ही एक अन्तर्राष्ट्रीय गुवाहाटी विमानक्षेत्र भी है। लीलाबाड़ी विमानक्षेत्र की भौगोलिक स्थिति पर है। विमानक्षेत्र में एकमात्र उड़ान पट्टी है जिसकी लंबाई ५४८० फीट और सागर सतह से ऊंचाई ३३३ फीट है। विमानक्षेत्र उत्तर लखीमपुर शहर से मात्र ७ कि॰मी॰ की दूरी पर स्थित है। शहर से यहां निजि वाहन द्वारा ५-१० मिनट में पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा सार्वजनिक वाहन में ऑटोरिक्शा भी चलते हैं। अन्य निकटवर्ती विमानक्षेत्रों में डपरिज़ो विमानक्षेत्र (७९ कि॰मी॰), ज़िरो (४० कि.मी), जोरहाट (६३ कि॰मी॰), डिब्रुगढ़ (९४ कि॰मी॰) और मोहनबाड़ी विमानक्षेत्र आते हैं। इन सभी में से मात्र डिब्रुगढ़ और जोरहाट ही प्रचालन में हैं। लीलाबाड़ी में एक ही अन्तर्देशिय टर्मिनल है। इस टर्मिनल में बैगेज ट्रॉली, बैठने का प्रबंध, पेय जल, टैक्सी सेवा, ग्राहक सुविधा/सहायता एवं सूचना केन्द्र, अल्पाहार सुविधा, दूरभाष काउन्टर आदि उपलब्ध हैं।-एकीक्रत.इन पर इस विमानक्षेत्र की नई टर्मिनल बिल्डिंग का उद्घाटन लेफ़्टि.जनरल एस.के.सिन्हा, असम के तत्कालीन राज्यपाल और पूर्वोत्तर परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष के कर कमलों द्वारा हुआ था। इस इमारत में ४०० यात्रियों की क्षमता है और इसकी कुल लागत ८.४५ करोड़ रुपये थी। के आधिकारिक जालस्थल पर लीलाबाड़ी विमानक्षेत्र से उत्तरी दिशा में हिमालय का दृश्य यहां सभी वातावरणीय स्थितियों में एयरबस-३२० के अवतरण की सुविधाएं उपलब्ध हैं। हवाई अड्डे का कुल क्षेत्रफल २२०.६१ एकड़ है जिसमें टर्मिनल बिल्डिंग ६२२५ वर्ग मीटर में बनी है। इस इमारत में २८२३ वर्ग मीटर का प्रस्थान लाउंज एवं ९६६ वर्ग मीटर का आगमन लाउंज है। एप्रन क्षेत्र ३५० X२५० फीट का है। विमान अवतरण हेतु नौवहन सेवाओं में डी.वी.ओ.आर/डी.एम.ई, एन.डी.बी.
देखें एयरबस और लीलाबाड़ी विमानक्षेत्र
शिलांग विमानक्षेत्र
शिलांग विमानक्षेत्र जिसे उमरोई हवाई अड्डा या बड़ापानी विमानक्षेत्र भी कहा जाता है, उमरोई में स्थित एक नागरिक विमानक्षेत्र है। यह भारत के पूर्वोत्तर राज्य मेघालय की राजधानी शिलांग शहर को सेवा उपलब्ध कराता है और शहर से की दूरी पर उत्तर पूर्व दिशा में री भोई जिले में स्थित है। इस विमानक्षेत्र का निर्माण १९६० के दशक के मध्य में हुआ था और यहां प्रचालन १९७० के मध्य दशक तक चालू हुआ। वर्ष २००९ में २२४.१६ एकड भूमि अधिग्रहण कर विमानक्षेत्र के विस्तार हेतु दी गयी थी। जून २००९ में इसका विस्तार कार्य आरम्भ हुआ एवं मई २०१० तक यह पूर्ण हुआ। तब ३० करोड रुपये की लागत से तैयार नवनिर्मित टर्मिनल भवन का उद्घाटन जून २०११ में हुआ और यह प्रचालन में आया। विमानक्षेत्र के आगे विस्तार हेतु भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को पुनः भूमि आवंटित की गयी। वर्तमान ६००० फ़ीट की उडानपट्टी एटीआर-४२ के अवतरण लायक है और इसका विस्तार ८००० फ़ीट तक नियोजित है जिसके उपरान्त यहां बोइंग ७३७ एवं एयरबस ए३२० का अवतरण भी संभव हो सकेगा। इसके साथ ही दो ऐसे जेट विमानों के पार्किंग एवं ईंधनापूर्ति की सुविधा भी निर्मित होगी .
देखें एयरबस और शिलांग विमानक्षेत्र
विप्रो
विप्रो लिमिटेड, भारत की तीसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी है, जिसका मुख्यालय बेंगलूर में है। इसकी स्थापना १९६६ में एक व्यवसायी के पुत्र अज़ीम प्रेमजी ने किया था। आज इसकी आय कोई 350 अरब रुपये प्रतिवर्ष है और मुनाफ़ा कोई 70 अरब रुपये। यह सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र की सेवा कंपनी है। १९७७ में जनता सरकार के समय विदेशी कंपनियों (जैसे IBM) के भारत छोड़ने के आदेश के बाद इसके व्यवसाय में असरदार इजाफ़ा हुआ था। आज यह एक बहु व्यवसाय तथा बहु स्थान कंपनी के रूप में उभरी है। इसका व्यसाय उपभोक्ता उत्पादों, अधोसरंचना यांत्रिकी से विशिष्ट सूचना प्रौद्योगिकी उत्पादों और सेवाओं तक विस्तारीत है। कंपनी की आंतरिक कार्यप्रणाली अन्य सॉफ्टवेर कंपनियों के मुकाबले अधिक सख़्त है। .
देखें एयरबस और विप्रो
उत्तराखण्ड
उत्तराखण्ड (पूर्व नाम उत्तरांचल), उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है जिसका निर्माण ९ नवम्बर २००० को कई वर्षों के आन्दोलन के पश्चात भारत गणराज्य के सत्ताइसवें राज्य के रूप में किया गया था। सन २००० से २००६ तक यह उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। जनवरी २००७ में स्थानीय लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य का आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखण्ड कर दिया गया। राज्य की सीमाएँ उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हैं। पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश इसकी सीमा से लगे राज्य हैं। सन २००० में अपने गठन से पूर्व यह उत्तर प्रदेश का एक भाग था। पारम्परिक हिन्दू ग्रन्थों और प्राचीन साहित्य में इस क्षेत्र का उल्लेख उत्तराखण्ड के रूप में किया गया है। हिन्दी और संस्कृत में उत्तराखण्ड का अर्थ उत्तरी क्षेत्र या भाग होता है। राज्य में हिन्दू धर्म की पवित्रतम और भारत की सबसे बड़ी नदियों गंगा और यमुना के उद्गम स्थल क्रमशः गंगोत्री और यमुनोत्री तथा इनके तटों पर बसे वैदिक संस्कृति के कई महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थान हैं। देहरादून, उत्तराखण्ड की अन्तरिम राजधानी होने के साथ इस राज्य का सबसे बड़ा नगर है। गैरसैण नामक एक छोटे से कस्बे को इसकी भौगोलिक स्थिति को देखते हुए भविष्य की राजधानी के रूप में प्रस्तावित किया गया है किन्तु विवादों और संसाधनों के अभाव के चलते अभी भी देहरादून अस्थाई राजधानी बना हुआ है। राज्य का उच्च न्यायालय नैनीताल में है। राज्य सरकार ने हाल ही में हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये कुछ पहल की हैं। साथ ही बढ़ते पर्यटन व्यापार तथा उच्च तकनीकी वाले उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए आकर्षक कर योजनायें प्रस्तुत की हैं। राज्य में कुछ विवादास्पद किन्तु वृहत बाँध परियोजनाएँ भी हैं जिनकी पूरे देश में कई बार आलोचनाएँ भी की जाती रही हैं, जिनमें विशेष है भागीरथी-भीलांगना नदियों पर बनने वाली टिहरी बाँध परियोजना। इस परियोजना की कल्पना १९५३ मे की गई थी और यह अन्ततः २००७ में बनकर तैयार हुआ। उत्तराखण्ड, चिपको आन्दोलन के जन्मस्थान के नाम से भी जाना जाता है। .
देखें एयरबस और उत्तराखण्ड