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एचएएल तेजस

सूची एचएएल तेजस

तेजस भारत द्वारा विकसित किया जा रहा एक हल्का व कई तरह की भूमिकाओं वाला जेट लड़ाकू विमान है। यह हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा विकसित एक सीट और एक जेट इंजन वाला, अनेक भूमिकाओं को निभाने में सक्षम एक हल्का युद्धक विमान है। यह बिना पूँछ का, कम्पाउण्ड-डेल्टा पंख वाला विमान है। इसका विकास 'हल्का युद्धक विमान' या (एलसीए) नामक कार्यक्रम के अन्तर्गत हुआ है जो 1980 के दशक में शुरू हुआ था। विमान का आधिकारिक नाम तेजस 4 मई 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखा था। यह विमान पुराने पड़ रहे मिग-21 का स्थान लेगा। तेजस की सीमित श्रृंखला का उत्पादन 2007 में शुरू हुआ। दो सीटों वाला एक ट्रेनर संस्करण विकसित किया जा रहा है (नवम्बर 2008 तक उत्पादन के क्रम में था।), क्योंकि इसका नौसेना संस्करण भारतीय नौसेना के विमान वाहक पोतों से उड़ान भरने में सक्षम है। बताया जाता है कि भारतीय वायु सेना को एकल सीट वाले 200 और दो सीटों वाले 20 रूपांतरण प्रशिक्षक विमानों की जरूरत है, जबकि भारतीय नौसेना अपने सी हैरियर की जगह एकल सीटों वाले 40 विमानों का आदेश दे सकती है।जैक्सन, पॉल, मूनसौन, केनेथ; & पीकॉक, लिंडसे (एड्स.) (2005).

12 संबंधों: एचएएल उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान, एनएएल सारस, डीआरडीओ एंटी रेडिएशन मिसाइल, बहुपयोगी लड़ाकू विमान, भारतीय वायुसेना, सुखोई/एचएएल एफजीएफए, हिंदुस्तान अर्ध्रा, वैमानिक विकास अभिकरण, आई एन एस विक्रांत (२०१३), आईएनएस विशाल, इल्यूशिन आईएल-214, अस्त्र प्रक्षेपास्त्र

एचएएल उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान

एचएएल उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (HAL Advanced Medium Combat Aircraft या HAL AMCA) एक पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान का भारतीय कार्यक्रम है। इसे वैमानिकी विकास संस्था द्वारा विकसित तथा हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा उत्पादित किया जायेगा। यह एक एकल सीट, जुड़वां इंजन, गुप्तता, सुपर पैंतरेबाज़ी, सभी मौसम में काम करने वाला मल्टी रोल लड़ाकू विमान है।.

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एनएएल सारस

एनएएल सारस (NAL Saras) राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशाला (एनएएल) द्वारा डिजाइन किए गए हल्का परिवहन विमान श्रेणी में पहला भारतीय बहुउद्देशीय नागरिक विमान है। जनवरी 2016 में, यह रिपोर्ट दी गई कि परियोजना रद्द कर दी गई है। लेकिन फरवरी 2017 में, इस परियोजना को पुनर्जीवित किया गया। .

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डीआरडीओ एंटी रेडिएशन मिसाइल

डीआरडीओ एंटी रेडिएशन मिसाइल (DRDO Anti-Radiation Missile) रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित की जा रही एंटी रेडिएशन मिसाइल है। यह भारत की पहली एंटी रेडिएशन मिसाइल है। यह मिसाइल दुश्मन के राडार व ट्रांसिमट सिग्नलों को खराब कर देती है। जिससे दुसमन अपनी राडार व ट्रांसिमट सिग्नलों की क्षमता खो देता है। वर्तमान में यह टेक्नोलॉजी सिर्फ अमेरिका, रूस और जर्मनी के पास है। .

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बहुपयोगी लड़ाकू विमान

एक बहुपयोगी लड़ाकू विमान (अंग्रेजी: Multirole combat aircraft; मल्टीरोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट)वो जेट-संचालित लड़ाकू विमान है जो युद्ध क्षेत्र में विभिन्न भूमिकाओं में प्रदर्शन करने की योग्यता रखता है। .

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भारतीय वायुसेना

भारतीय वायुसेना (इंडियन एयरफोर्स) भारतीय सशस्त्र सेना का एक अंग है जो वायु युद्ध, वायु सुरक्षा, एवं वायु चौकसी का महत्वपूर्ण काम देश के लिए करती है। इसकी स्थापना ८ अक्टूबर १९३२ को की गयी थी। आजादी (१९५० में पूर्ण गणतंत्र घोषित होने) से पूर्व इसे रॉयल इंडियन एयरफोर्स के नाम से जाना जाता था और १९४५ के द्वितीय विश्वयुद्ध में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आजादी (१९५० में पूर्ण गणतंत्र घोषित होने) के पश्च्यात इसमें से "रॉयल" शब्द हटाकर सिर्फ "इंडियन एयरफोर्स" कर दिया गया। आज़ादी के बाद से ही भारतीय वायुसेना पडौसी मुल्क पाकिस्तान के साथ चार युद्धों व चीन के साथ एक युद्ध में अपना योगदान दे चुकी है। अब तक इसने कईं बड़े मिशनों को अंजाम दिया है जिनमें ऑपरेशन ''विजय'' - गोवा का अधिग्रहण, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस व ऑपरेशन पुमलाई शामिल है। ऐसें कई विवादों के अलावा भारतीय वायुसेना संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन का भी सक्रिय हिसा रही है। भारत के राष्ट्रपति भारतीय वायु सेना के कमांडर इन चीफ के रूप में कार्य करते है। वायु सेनाध्यक्ष, एयर चीफ मार्शल (ACM), एक चार सितारा कमांडर है और वायु सेना का नेतृत्व करते है। भारतीय वायु सेना में किसी भी समय एक से अधिक एयर चीफ मार्शल सेवा में कभी नहीं होते। इसका मुख्यालय नयी दिल्ली में स्थित है एवं २००६ के आंकडों के अनुसार इसमें कुल मिलाकर १७०,००० जवान एवं १,३५० लडाकू विमान हैं जो इसे दुनिया की चौथी सबसे बडी वायुसेना होने का दर्जा दिलाती है। .

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सुखोई/एचएएल एफजीएफए

सुखोई/एचएएल पाँचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमान (एफजीएफए) या पर्सपेक्टिव मल्टी-रोल फाइटर (Sukhoi/HAL Fifth Generation Fighter Aircraft (FGFA) or Perspective Multi-role Fighter) भारत और रूस द्वारा विकसित पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान है। यह रूसी सुखोई एसयू-57 की एक व्युत्पन्न परियोजना है जिसे रूसी वायु सेना के लिए विकसित किया जा रहा है। एफजीएफए भारतीय संस्करण के लिए कहा जाता है जबकि संयुक्त परियोजना को अब पर्सपेक्टिव मल्टी-रोल फाइटर (पीएमएफ) कहा जाता है। पूर्ण एफजीएफए में सुखोई एसयू-57 के कुल 43 सुधार शामिल होंगे, जिसमें स्टैल्थ, सुपरक्रूज़, उन्नत सेंसर, नेटवर्किंग और लड़ाकू एविऑनिक्स शामिल हैं। एफजीएफए के दो अलग-अलग प्रोटोटाइप विकसित किए जाएंगे, एक रूस द्वारा और भारत द्वारा। भारतीय संस्करण मे पायलट और सह-पायलट/हथियार सिस्टम ऑपरेटर (डब्ल्यूएसओ) के लिए दो सीट होगी। .

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हिंदुस्तान अर्ध्रा

हिंदुस्तान अर्ध्रा (Hindustan Ardhra) 1970 के दशक के अंत में एटीएस-1 अर्ध्रा के रूप में भारत के नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा पायलट को प्रशिक्षण देने के लिए तैयार किया गया था। यह परंपरागत विन्यास और लकड़ीसे निर्मित दो सीट वाला विमान था। भारतीय वायु सेना द्वारा हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स को 1980 के दशक के आरंभ में पचास विमानो का आदेश दिया था। .

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वैमानिक विकास अभिकरण

वैमानिक विकास अभिकरण (Aeronautical Development Agency; एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA)) की स्थापना भारत में हल्के लड़ाकू विमान (LCA) के निर्माण की देखरेख करने के लिये १९८४ में की गयी। यह भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अन्तर्गत आता है और इसका मुख्यालय बंगलुरु में है। .

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आई एन एस विक्रांत (२०१३)

आई एन एस विक्रांत भारत में बना पहला विमान वाहक जहाज है(प्रोजेक्ट - ७१)।http://www.thehindu.com/news/national/article2758985.ece यह २००९ से कोचिन में बनना शुरु हुआ। हालाँकि इसका बनना फरवरी २००९ में शुरु हुआ, लेकिन इसकी बनावट इत्यादि १९९९ से ही तैयार किये जाने लगे। यह २९ दिस्मबर २०११ को पहली बार तैरा। .

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आईएनएस विशाल

आईएनएस विशाल (INS Vishal) वर्तमान में अपने डिजाइन चरण से गुजर रहा विमान वाहक है), जो भारतीय नौसेना के लिए कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा बनाया जाएगा। यह भारत में निर्मित होने वाला पहला सुपर विमान वाहक होने वाला है। विक्रांत श्रेणी के विमान वाहक के दुसरे विमान वाहक अर्थात आईएनएस विशाल का प्रस्तावित डिजाइन बिल्कुल नया डिजाइन होगा। .

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इल्यूशिन आईएल-214

इल्यूशिन आईएल-214 (Ilyushin Il-214) मल्टी रोल ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट (एमटीए) एक मध्यम सैन्य परिवहन विमान है जो शुरू में रूस की यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन (यूएसी) द्वारा और भारत के हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा योजनाबद्ध था। दोनों कंपनियों ने 2009 में संयुक्त उद्यम शुरू किया था, जब यह उम्मीद थी कि प्रत्येक परियोजना में $30 करोड़ का निवेश करेगा। एमटीए को भारतीय वायु सेना के पुराने ऐंटोनोव एन-32 परिवहन विमान को बदलने के लिए शुरू किया गया था। यह नियमित परिवहन के काम को पूरा करने के लिए और पैराट्रूपर्स को तैनात करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। विमान की पहली उड़ान 2017 में होनी है और 2018 तक इसे सेवा में शामिल करने की उम्मीद है। जनवरी 2016 में, यह घोषणा की गई थी कि भारत का हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड परियोजना में अब शामिल नहीं होगा और रूस अकेले इस परियोजना के साथ आगे बढ़ेगा। .

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अस्त्र प्रक्षेपास्त्र

अस्त्र दृश्य सीमा से परे हवा से हवा में मार करने वाला प्रक्षेपास्त्र है जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ), भारत ने विकसित किया है। यह हवा से हवा में मार करने वाला भारत द्वारा विकसित पहला प्रक्षेपास्त्र है। यह उन्नत प्रक्षेपास्त्र लड़ाकू विमानचालको को ८० किलोमीटर की दूरी से दुश्मन के विमानों पर निशाना लगाने और मार गिराने की क्षमता देता है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने प्रक्षेपास्त्र को मिराज २००० एच, मिग २९, सी हैरियर, मिग २१, एच ए एल तेजस और सुखोई एसयू-३० एमकेआई विमानो में लगाने के लिए विकसित किया है। अस्त्र एक लम्बी मैट्रा ५३० सुपर जैसी दिखती है। यह ठोस ईंधन प्रणोदक इस्तेमाल करती है हालांकि डीआरडीओ इसके लिये आकाश प्रक्षेपास्त्र जैसी प्रणोदन प्रणाली विकसित करना चाहती है। प्रक्षेपास्त्र पराध्वनि गति से लक्ष्य विमान अवरोधन करने में सक्षम है। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

HAL तेजस्, तेजस जेट, तेजस् (लड़ाकू विमान)

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