सामग्री की तालिका
5 संबंधों: पद्मिनी कोल्हापुरी, राज कुमार, सुरेश ओबेरॉय, सी एस दुबे, हेमा मालिनी।
पद्मिनी कोल्हापुरी
पद्मिनी कोल्हापुरे अपने समय की हिन्दी फिल्मों की एक जानी-मानी अभिनेत्री रही हैं। .
देखें एक नई पहेली (1984 फ़िल्म) और पद्मिनी कोल्हापुरी
राज कुमार
राज कुमार (अंग्रेज़ी: Raaj Kumar, जन्म- 8 अक्तूबर 1926 बलूचिस्तान (अब पाकिस्तान में), मृत्यु- 3 जुलाई 1996 मुम्बई) हिन्दी फ़िल्मों में एक भारतीय अभिनेता थे। इनका नाम कुलभूषण पंडित था लेकिन फ़िल्मी दुनिया में ये अपने दूसरे नाम 'राज कुमार' के नाम से प्रसिद्ध हैं। पारम्परिक पारसी थियेटर की संवाद अदाइगी को इन्होंने अपनाया और यही उनकी विशेष पहचान बनी। इनके द्वारा अभिनीत प्रसिद्ध फ़िल्मों में पैग़ाम, वक़्त, नीलकमल, पाकीज़ा, मर्यादा, हीर रांझा, सौदाग़र आदि हैं। .
देखें एक नई पहेली (1984 फ़िल्म) और राज कुमार
सुरेश ओबेरॉय
सुरेश ओबेरॉय हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। इनका जन्म 17 दिसम्बर 1946 को ब्रिटिश भारत के क्वेटा (वर्तमान पाकिस्तान में) में 'विशाल कुमर ओबेरॉय' नामसे एक हिन्दू खत्री परिवार में हुआ| भारत के विभाजन के बाद पिता आनंद सरूप ओबेरॉय व माता करतार देवी के साथ अमृतसर से होते हैदराबाद पहुंचे| हिंदी फिल्म जगत में इन्होने चरित्र अभिनेता के रूप में अपनी पहचान बनाई है| इसका उदहारण फिल्म मिर्च मसाला में दिया, जिसपर इन्हें सन 1987 का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार अंतर्गत सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार दिया गया| ये रूमानी एवं दार्शनिक कविता (शायरी, उर्दू में) का पठन व लेखन में भी रुचि रखते है| यदि आप इनसे किसी पंक्ति कहने में चूके तो उसे सुधार, उसके लेखक का नाम भी बता देते है| फिल्म यादों का मौसम का गीत "दिल में फिर तेरी यादों का मौसम" में गायिका अनुराधा पौडवाल के साथ कुछ पंक्तियाँ सुनाकर इसका परिचय दिया है| इसके अतिरिक्त मधुर व स्पष्ट स्वर के कारण ये कुछ एक कार्यक्रम व फिल्मों में सूत्रधार का भूमिका निभाये है| फ़िल्म अशोका (2001) के ये सूत्रधार थे| ज़ी टीवी कार्यक्रम 'जीना इसी का नाम है' के संचालक भी थे| .
देखें एक नई पहेली (1984 फ़िल्म) और सुरेश ओबेरॉय
सी एस दुबे
सी एस दुबे नाम से विख्यात "चंद्र शेखर दुबे" हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .
देखें एक नई पहेली (1984 फ़िल्म) और सी एस दुबे
हेमा मालिनी
हेमा मालिनी हेमा मालिनी हिन्दी फ़िल्मजगत की प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं। इन्होंने अपने फ़िल्म कैरियर की शुरुआत राज कपूर के साथ फ़िल्मसपनों का सौदागर से की। 1981 में इन्होंने अभिनेता धर्मेन्द्र से विवाह किया। ये अब भी फ़िल्मों में सक्रिय हैं। ये भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से राज्यसभा की सांसद चुनी गईं हैं। हेमा मालिनी वर्तमान में मथुरा (उत्तर प्रदेश) से लोकसभा की सांसद हे प्रसिद्ध अभिनेत्री और नृत्यांगना हेमा मालिनी बालीवुड की उन गिनी, चुनी अभिनेत्रियों में शामिल हैं, जिनमें सौंदर्य और अभिनय का अनूठा संगम देखने को मिलता है। लगभग चार दशक के कैरियर में उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया लेकिन कैरियर के शुरुआती दौर में उन्हें वह दिन भी देखना पड़ा था। जब एक निर्माता-निर्देशक ने उन्हें यहां तक कह दिया था कि उनमें स्टार अपील नहीं है। (ड्रीमगर्ल) हेमा मालिनी ने जब फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा ही था तब एक तमिल निर्देशक श्रीधर ने उन्हें अपनी फिल्म में काम देने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि उनमें स्टार अपील नहीं है। बाद में सत्तर के दशक में इसी निर्माता-निर्देशक ने उनकी लोकप्रियता को भुनाने के लिए उन्हें लेकर 1973 में (गहरी चाल) फिल्म का निर्माण किया। हेमा मालिनी फिल्म इंडस्ट्री में जगह बनाने के लिए 1968 तक संघर्ष करती रहीं लेकिन उन्हें काम नहीं मिला। वह साल उनके सिने कैरियर का सुनहरा वर्ष साबित हुआ जब उन्हें सुप्रसिद्ध निर्माता-निर्देशक और अभिनेता राजकपूर की फिल्म (सपनों का सौदागर) में पहली बार नायिका के रूप में काम करने का मौका मिला। फिल्म के प्रचार के दौरान हेमा मालिनी को। ड्रीम गर्ल.