उरुवेला नामक स्थान का ऐतिहासिक महत्व महात्मा बुद्ध के संन्यासी जीवन से सम्बंधित है। उरुवेला नगर बौद्धकालीन मगध महाजनपद में अवस्थित था। उरुवेला को बोधगया के निकट स्थित उरेल नामक आधुनिक ग्राम से समीकृत किया जाता है। प्राकृतिक दृष्टि से यह अत्यंत मनोरम स्थल था। महात्मा बुद्ध ने भी यहाँ के सुन्दर वृक्षों, मनोहर झीलों, मैदान तथा निरंजना नदी की प्रशंसा की थी। गृहत्याग के बाद महात्मा बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त करने के लिये इसी स्थान को चुना था। ज्ञान प्राप्ति के बाद महात्मा बुद्ध निरंजना नदी के तट पर अजपाल नामक वटवृक्ष के नीचे उरुवेला में रहते थे। .