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उन्नतांश

सूची उन्नतांश

लम्बवत दूरियों की तुलना उन्नतांश (अंग्रेज़ी:ऑल्टीट्यूड) प्रयोग किये जाने वाले संदर्भ के आधार पर परिभाषित किया जाता है। ये संदर्भ हैं उड्डयन, ज्यामिति, भौगोलिक सर्वेक्षण, खेल या अन्य कोई संदर्भ। प्रायः प्रयुक्त सामान्य परिभाषा अनुसार उन्नतांश या ऊंचाई उपरि दिशा में नापी गई दूरी होती है। यह दूरी किसी संदर्भ बिन्दु और प्रश्न वस्तु के बीच नापी जाती है। यहां संदर्भ बिन्दु भी संदर्भ अनुसार बदलती रहती है जैसे सागर सतह, सागर तल, भूमि सतह, आदि। .

3 संबंधों: ऊँचाई (विमानन), वैश्विक स्थान-निर्धारण प्रणाली, वेधशाला

ऊँचाई (विमानन)

ऊँचाई (Altitude) किसी बिंदु या वस्तु का समुद्र तट से उत्थापन होता है। विमानन में यह फ़ीट में नापा जाता है। वातावरण दबाव ऊँचाई बढ़ने के साथ घटता है। यही सिद्धांत ऊँचाई नापने वाले उपकरण अल्टीमीटर में प्रयोग होता है। यह मूलतः एक बैरोमीटर होत है, यानी दबाव मापी उपकरण, जिस पर दबाव के बजाय ऊँचाई का अंकन किया होता है, दबाव के सापेक्ष ऊँचाई के बराबर। ऊँचाई पर दबाव कम होने के कारण ही वहां आक्सीजन की कमी होती है। .

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वैश्विक स्थान-निर्धारण प्रणाली

जी.पी.एस. खंड द्वितीय-एफ़ उपग्रह की कक्षा में स्थिति का चित्रण जी.पी.एस उपग्रह समुदाय का पृथ्वी की कक्षा में घूर्णन करते हुए एक चलित आरेख। देखें, पृथ्वी की सतह पर किसी एक बिन्दु से दिखाई देने वाले उपग्रहों की संख्या कैसे समय के साथ बदलती रहती है। यहां यह ४५°उ. पर है। जीपीएस अथवा वैश्विक स्थान-निर्धारण प्रणाली (अंग्रेज़ी:ग्लोबल पोज़ीशनिंग सिस्टम), एक वैश्विक नौवहन उपग्रह प्रणाली है जिसका विकास संयुक्त राज्य अमेरिका के रक्षा विभाग ने किया है। २७ अप्रैल, १९९५ से इस प्रणाली ने पूरी तरह से काम करना शुरू कर दिया था। वर्तमान समय में जी.पी.एस का प्रयोग बड़े पैमाने पर होने लगा है।। हिन्दुस्तान लाइव। १५ दिसम्बर २००९ इस प्रणाली के प्रमुख प्रयोग नक्शा बनाने, जमीन का सर्वेक्षण करने, वाणिज्यिक कार्य, वैज्ञानिक प्रयोग, सर्विलैंस और ट्रेकिंग करने तथा जियोकैचिंग के लिये भी होते हैं। पहले पहल उपग्रह नौवहन प्रणाली ट्रांजिट का प्रयोग अमेरिकी नौसेना ने १९६० में किया था। आरंभिक चरण में जीपीएस प्रणाली का प्रयोग सेना के लिए किया जाता था, लेकिन बाद में इसका प्रयोग नागरिक कार्यो में भी होने लगा। जीपीएस रिसीवर अपनी स्थिति का आकलन, पृथ्वी से ऊपर स्थित किये गए जीपीएस उपग्रहों के समूह द्वारा भेजे जाने वाले संकेतों के आधार पर करता है। प्रत्येक उपग्रह लगातार संदेश रूपी संकेत प्रसारित करता रहता है। रिसीवर प्रत्येक संदेश का ट्रांजिट समय भी दर्ज करता है और प्रत्येक उपग्रह से दूरी की गणना करता है। शोध और अध्ययन उपरांत ज्ञात हुआ है कि रिसीवर बेहतर गणना के लिए चार उपग्रहों का प्रयोग करता है। इससे उपयोक्ता की त्रिआयामी स्थिति (अक्षांश, देशांतर रेखा और उन्नतांश) के बारे में पता चल जाता है। एक बार जीपीएस प्रणाली द्वारा स्थिति का ज्ञात होने के बाद, जीपीएस उपकरण द्वारा दूसरी जानकारियां जैसे कि गति, ट्रेक, ट्रिप, दूरी, जगह से दूरी, वहां के सूर्यास्त और सूर्योदय के समय के बारे में भी जानकारी एकत्र कर लेता है। वर्तमान में जीपीएस तीन प्रमुख क्षेत्रों से मिलकर बना हुआ है, स्पेस सेगमेंट, कंट्रोल सेगमेंट और यूजर सेगमेंट। .

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वेधशाला

ऐल्प्स की पहाड़ियो पर स्थित स्फ़िंक्स् वेधशाला ऐसी एक या एकाधिक बेलनाकार संरचनाओं को आधुनिक वेधशाला (Observatory) कहते हैं जिनके ऊपरी सिर पर घूमने वाला अर्धगोल गुंबद स्थित होता है। इन संरचनाओं में आवश्यकतानुसार अपवर्तक या परावर्तक दूरदर्शक रहता है। दूरदर्शक वस्तुत: वेधशाला की आँख होता है। खगोलीय पिंडों का ज्ञान प्राप्त करने के लिए आँकड़े एकत्रित करके उनका अध्ययन और विश्लेषण करने में इनका उपयोग होता है। कई वेधशालाएँ ऋतु की पूर्व सूचनाएँ भी देती हैं। कुछ वेधशालाओं में भूकंपविज्ञान और पार्थिव चुंबकत्व के संबंध में भी कार्य होता है। .

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