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ई॰ एम॰ एस॰ नंबूदिरीपाट

सूची ई॰ एम॰ एस॰ नंबूदिरीपाट

ईलमकुलम मनक्कल शंकरन नंबूदिरीपाद (१३ जून, १९०९- १९ मार्च, १९९८) १९५७ में केरल में विश्व की पहली लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई मार्क्सवादी सरकार के मुख्यमंत्री थे। उनहोंने वाम दल में लोकतांत्रिक हौसले को जिंदा रखा और उस आंदोलन को प्रेरित किया जिससे केरल भारत का पहला पूर्ण साक्षर राज्य बन गया। भारतीय कम्युनिस्ट आंदोलन के सर्वश्रेष्ठ नेताओं में से एक, देश के प्रमुख मार्क्सवादी चिंतक और आधुनिक केरल के निर्माता एलमकुलम मनक्कल शंकरन नम्बुदिरीपाद की शख्सियत उच्चस्तरीय सैद्धांतिक कौशल और सक्रियता के संयोग से बनी थी। दर्शन, सौंदर्यशास्त्र, भाषाशास्त्र, इतिहास, अर्थशास्त्र और राजनीति जैसे विविध अनुशासनों में नब्बे से ज़्यादा उल्लेखनीय पुस्तकों का योगदान करने से लेकर आधी सदी तक कम्युनिस्ट पार्टी की दिशा तय करने वाले ईएमएस का नाम उनके जीवन में ही देश की राजधानी से लेकर केरल के किसी भी मामूली गाँव तक में प्रसिद्ध हो चुका था। उन्हीं के नेतृत्व में चली ‘एक्य केरल’ मुहिम के कारण आज़ादी के बाद भाषाई आधार पर केरल का गठन हुआ। वे केरल के पहले और देश के पहले ग़ैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे। केरल को गठजोड़ राजनीति का अगुआ बनाने में नम्बूदिरीपाद की ही प्रमुख भूमिका थी। आज अगर केरल देश का सर्वाधिक साक्षर और जागरूक प्रांत है तो इसका श्रेय ईएमएस के कार्यकाल में किये गये रैडिकल भूमि और शिक्षा-सुधारों को ही जाता है। 1968 में प्रकाशित नम्बूदिरीपाद की रचना 'आत्मकथा' आधुनिक मलयालम की सबसे बेहतरीन गद्य-कृति मानी जाती है। केरल में प्रगतिशील साहित्यिक-सांस्कृतिक आंदोलन की शुरुआत और विकास में उनकी प्रमुख भूमिका थी। मलयाली समाज और राजनीति का गहन अध्ययन करके उन्होंने जाति-समस्या के प्रति द्वंद्वात्मक रवैया अपनाते हुए एक ख़ास तरह की मार्क्सवादी राजनीति का विन्यास तैयार किया। परिणामस्वरूप न केवल कम्युनिस्ट पार्टी को केरल के समाज में अपने कदम जमाने का मौका मिला, बल्कि पूरे मलयाली समाज में ही आधुनिकीकरण की प्रक्रिया चल निकली। .

2 संबंधों: भारतीय नाम, केरल के मुख्यमंत्रियों की सूची

भारतीय नाम

भारतीय पारिवारिक नाम अनेक प्रकार की प्रणालियों व नामकरण पद्धतियों पर आधारित होते हैं, जो एक से दूसरे क्षेत्र के अनुसार बदलतीं रहती हैं। नामों पर धर्म व जाति का प्रभाव भी होता है और वे धर्म या महाकाव्यों से लिये हुए हो सकते हैं। भारत के लोग विविध प्रकार की भाषाएं बोलते हैं और भारत में विश्व के लगभग प्रत्येक प्रमुख धर्म के अनुयायी मौजूद हैं। यह विविधता नामों व नामकरण की शैलियों में सूक्ष्म, अक्सर भ्रामक, अंतर उत्पन्न करती है। उदाहरण के लिये, पारिवारिक नाम की अवधारणा तमिलनाडु में व्यापक रूप से मौजूद नहीं थी। कई भारतीयों के लिये, उनके जन्म का नाम, उनके औपचारिक नाम से भिन्न होता है; जन्म का नाम किसी ऐसे वर्ण से प्रारंभ होता है, जो उस व्यक्ति की जन्म-कुंडली के आधार पर उसके लिये शुभ हो। कुछ बच्चों को एक नाम दिया जाता है (दिया गया नाम).

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केरल के मुख्यमंत्रियों की सूची

केरल के मुख्यमंत्रियों की सूची के अंतर्गत भारत के केरल राज्य के इतिहास में सन् १९५६ के बाद से हुई विभिन्न सरकारों के प्रमुख के आते हैं। वर्तमान केरल राज्य १९५६ में ही अस्तित्व में आया जब तत्कालीन त्रावणकोर-कोचीन राज्य का पुनर्गठन किया गया। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

ई. एम. एस. नंबूदिरीपाद, ई॰ एम॰ एस॰ नंबूदिरीपाद

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