ईसाई धर्मशास्त्र में धार्मिक सिद्धांतों या विश्वासों के समर्थन में लिखे गए निबंधों को सामूहिक रूप में आपत्तिखंडन (apologetics / अपोलोजेटिक्स) का नाम दिया गया। इस शब्द की व्युत्पत्ति ग्रीक 'अपोलोजेटिकोस्' से है जिसका अर्थ है 'समर्थन के योग्य वस्तु'। संयुक्त राजशाही में इस प्रकार के धार्मिक साहित्य को 'एविडेन्सेज़ ऑव रेलिजन' (धर्म के प्रमाण) भी कहते हैं, परंतु अधिकतर ईसाई देशों में अपोलोजेटिक्स शब्द ही सामान्यत: प्रचलित है। .