2 संबंधों: यीशु, गजवा-ए-हिन्द।
यीशु
एक मोजेक यीशु या यीशु मसीहईसा, यीशु और मसीह नाम हेतु पूरी चर्चा इस लेख के वार्ता पृष्ठ पर है। प्रचलित मान्यता के विरुद्ध, ईसा एक इस्लामी शब्दावली है, व "यीशु" सही ईसाई शब्दावली है। तथा मसीह एक उपादि है। विस्तृत चर्चा वार्ता पृष्ठ पर देखें। (इब्रानी:येशुआ; अन्य नाम:ईसा मसीह, जीसस क्राइस्ट), जिन्हें नासरत का यीशु भी कहा जाता है, ईसाई धर्म के प्रवर्तक हैं। ईसाई लोग उन्हें परमपिता परमेश्वर का पुत्र और ईसाई त्रिएक परमेश्वर का तृतीय सदस्य मानते हैं। ईसा की जीवनी और उपदेश बाइबिल के नये नियम (ख़ास तौर पर चार शुभसन्देशों: मत्ती, लूका, युहन्ना, मर्कुस पौलुस का पत्रिया, पत्रस का चिट्ठियां, याकूब का चिट्ठियां, दुनिया के अंत में होने वाले चीजों का विवरण देने वाली प्रकाशित वाक्य) में दिये गये हैं। यीशु मसीह को इस्लाम में ईसा कहा जाता है, और उन्हें इस्लाम के भी महानतम पैग़म्बरों में से एक माना जाता है। .
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गजवा-ए-हिन्द
गजवा-ए-हिन्द या गज़वा-ए-हिंद इस्लाम के पैगंबर मुहम्मद के कुछ व्याख्यान में की गई एक भविष्यवाणी है जो आस्तिक और काफिरों के बीच भारत में एक युद्ध की पूर्वकथन करती है जिसके परिणामस्वरूप एकेश्वरवाद की जीत होती है। हदीस संग्रह में भविष्यवक्ता ने कहा है: "मेरी उम्मा के दो समूह हैं जिन्हें अल्लाह आग से मुक्त करेगा: वह समूह जो भारत पर हमला करता है और दूसरा जो ईसा बिन मरियम के साथ होगा"। - सुन्नन नासाई, जिहाद की पुस्तक, 3175 "अल्लाह के दूत ने वादा किया था कि हम भारत पर आक्रमण करेंगे। अगर मैं यह देखने के लिए रहता हूं तो मैं खुद को और मेरी संपत्ति को निछावर करूंगा। अगर मैं मर गया तो मैं शहीदों में से एक बनूंगा और यदि मैं वापस आऊंगा तो मैं अबू हुरैरा अल-मुहरर (आग से मुक्त) हूँगा "। - सुन्नन-नासाई, जिहाद की पुस्तक, 3173 और 3174 कुछ विद्वानों का मानना है कि जब मुसलमानों ने मुआविया इब्न अबी सूफयान और इसके बाद महमूद इब्न सुबुक्तिगिन के शासनकाल के दौरान भारत पर हमला किया था तब भविष्यवाणी पूरी हो चुकी है अन्य लोग मानते हैं कि गजवा-ए-हिंद अभी तक नहीं हुई है लेकिन ऐसा तब होगा जब ईसा बिन मरियम (जीसस) विवरण की गई परंपराओं के अनुसार स्वर्ग से उतरता है। .
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