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आर्द्रता

सूची आर्द्रता

वायुमण्डल में विद्यमान अदृष्य जलवाष्प की मात्रा आर्द्रता (humidity) कहलाती हैं। यह आर्द्रता पृथ्वी से वाष्पीकरण के विभिन्न रुपों द्वारा वायुमण्डल में पहुंचती हैं। आर्द्रता का जलवायु विज्ञान में सर्वाधिक महत्व होता हैं, क्योंकि इसी पर वर्षा, तथा वर्षण के विभिन्न रूप जैसे वायुमण्डलीय तूफान तथा विक्षोभ (चक्रवात आदि) आधारित होते हैं। वर्षा, बादल, कुहरा, ओस, ओला, पाला आदि से ज्ञात होता है कि पृथ्वी को घेरे हुए वायुमंडल में जलवाष्प सदा न्यूनाधिक मात्रा में विद्यमान रहता है। प्रति घन सेंटीमीटर हवा में जितना मिलीग्राम जलवाष्प विद्यमान है, उसका मान हम रासायनिक आर्द्रतामापी से निकालते है, किंतु अधिकतर वाष्प की मात्रा को वाष्पदाव द्वारा व्यक्त किया जाता है। वायु-दाब-मापी से जब हम वायुदाब ज्ञात करते हैं तब उसी में जलवाष्प का भी दाब सम्मिलित रहता है। आर्द्रतामापी - हवा में आर्द्रता की मात्रा को नापने का उपकरण .

60 संबंधों: चर्मपत्र, ऊष्मायित्र (अंडा), चक्रवात, नया गिनी, पर्यटन भूगोल, पारिस्थितिकी, प्लाइवुड, पॉलीघर, फास्फोरस, बायोप्लास्टिक (जैवप्लास्टिक), बुखारेस्ट, भारत की जलवायु, भूगोल, मम्मी, मानसून, मौसम विज्ञान, मृदा संरक्षण, मेघालय, रंगपुर, बांग्लादेश, सिलिका जेल, सिगार, सेंसर, सोडियम हाइड्रॉक्साइड, हाइड्रोजन क्लोराइड, जलवाष्प, वनोन्मूलन, वातानुकूलन, वायुराशि, व्यावसायिक संरक्षा एवं स्वास्थ्य, वृक्ष रेखा, खमीर, ख़रीफ़ की फ़सल, गुणवत्ता नियंत्रण, ओसांक, आपेक्षिक आर्द्रता, आर्द्र, आर्द्रतामापी, कुंदुरी, कुकुरमुत्ता (कवक), उत्कृष्‍ट धातु, २००५ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल, २००७ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल, २००८ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल, २००८ यूईएफए कप फाइनल, २००९ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल, २००९ यूईएफए कप फाइनल, २०१० यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल, २०१० यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल, २०११ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल, २०११ यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल, ..., २०१२ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल, २०१२ यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल, २०१३ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल, २०१३ यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल, २०१५ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल, २०१५ यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल, २०१६ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल, २०१६ यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल, २०१७ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल, २०१७ यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल सूचकांक विस्तार (10 अधिक) »

चर्मपत्र

सन् १६३८ में महीन चर्मपत्र पर लिखा एक अंग्रेजी संविदा चर्मपत्र (Parchment) बकरी, बछड़ा, भेड़ आदि के चमड़े से निर्मित महीन पदार्थ है। इसका सबसे प्रचलित उपयोग लिखने के लिये हुआ करता था। चर्मपत्र, अन्य चमड़ों से इस मामले में अलग था कि इसको पकाया (टैनिंग) नहीं जाता था किन्तु इसका चूनाकरण अवश्य किया जाता था। इस कारण से यह आर्द्रता के प्रति बहुत संवेदनशील है। .

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ऊष्मायित्र (अंडा)

thumb अण्ड ऊष्मायित्र या डिंबौषक (Incubator) एक प्रकार का उपकरण है जिसके द्वारा कृत्रिम विधि से अंडों को सेआ जाता है और उनसे बच्चे उत्पन्न कराए जाते हैं। .

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चक्रवात

फ़रवरी 27, 1987 को बेरिंट सागर के ऊपर ध्रुवीय ताप चक्रवात (साइक्लोन) घूमती हुई वायुराशि का नाम है। उत्पत्ति के क्षेत्र के आधार पर चक्रवात के दो भेद हैं.

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नया गिनी

नया गिनी (New Guinea), ऑस्ट्रेलिया के उत्तर में स्थित विश्व का दूसरा सबसे बड़ा द्वीप है। यह ऑस्ट्रेलिया की मुख्य भूमि से उस समय अलग हो गया जब इस क्षेत्र को जिसे अब टॉरेस जलडमरुमध्य के नाम से जाना जाता है को, पिछले हिमयुग के बाद आयी बाढ़ ने पानी से भर दिया। पापुआ नाम एक लंबे समय से इस द्वीप के साथ संबद्ध रहा है। द्वीप के पश्चिमी आधे भाग में इंडोनेशिया के प्रांत पापुआ और पश्चिम पापुआ स्थित हैं, जबकि पूर्वी आधा भाग एक स्वतंत्र देश पापुआ नया गिनी स्थित है। .

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पर्यटन भूगोल

वास्को डि गामा कालीकट, भारत के तट पर 20 मई 1498। पर्यटन भूगोल या भू-पर्यटन, मानव भूगोल की एक प्रमुख शाखा हैं। इस शाखा में पर्यटन एवं यात्राओं से सम्बन्धित तत्वों का अध्ययन, भौगोलिक पहलुओं को ध्यान में रखकर किया जाता है। नेशनल जियोग्रेफ़िक की एक परिभाषा के अनुसार किसी स्थान और उसके निवासियों की संस्कृति, सुरुचि, परंपरा, जलवायु, पर्यावरण और विकास के स्वरूप का विस्तृत ज्ञान प्राप्त करने और उसके विकास में सहयोग करने वाले पर्यटन को "पर्यटन भूगोल" कहा जाता है। भू पर्यटन के अनेक लाभ हैं। किसी स्थल का साक्षात्कार होने के कारण तथा उससे संबंधित जानकारी अनुभव द्वारा प्राप्त होने के कारण पर्यटक और निवासी दोनों का अनेक प्रकार से विकास होता हैं। पर्यटन स्थल पर अनेक प्रकार के सामाजिक तथा व्यापारिक समूह मिलकर काम करते हैं जिससे पर्यटक और निवासी दोनों के अनुभव अधिक प्रामाणिक और महत्त्वपूर्ण बन जाते है। भू पर्यटन परस्पर एक दूसरे को सूचना, ज्ञान, संस्कार और परंपराओं के आदान-प्रदान में सहायक होता है, इससे दोनों को ही व्यापार और आर्थिक विकास के अवसर मिलते हैं, स्थानीय वस्तुओं कलाओं और उत्पाद को नए बाज़ार मिलते हैं और मानवता के विकास की दिशाएँ खुलती हैं साथ ही बच्चों और परिजनों के लिए सच्ची कहानियाँ, चित्र और फिल्में भी मिलती हैं जो पर्यटक अपनी यात्रा के दौरान बनाते हैं। पर्यटन भूगोल के विकास या क्षय में पर्यटन स्थल के राजनैतिक, सामाजिक और प्राकृतिक कारणों का बहुत महत्त्व होता है और इसके विषय में जानकारी के मानचित्र आदि कुछ उपकरणों की आवश्यकता होती है। .

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पारिस्थितिकी

260 px 95px 173px 115px 125px पारिस्थितिकी का वैज्ञानिक साम्राज्य वैश्विक प्रक्रियाओं (ऊपर), से सागरीय एवं पार्थिव सतही प्रवासियों (मध्य) से लेकर अन्तर्विशःइष्ट इंटरैक्शंस जैसे प्रिडेशन एवं परागण (नीचे) तक होता है। पारिस्थितिकी (अंग्रेज़ी:इकोलॉजी) जीवविज्ञान की एक शाखा है जिसमें जीव समुदायों का उसके वातावरण के साथ पारस्परिक संबंधों का अध्ययन करतें हैं। प्रत्येक जन्तु या वनस्पति एक निशिचत वातावरण में रहता है। पारिस्थितिज्ञ इस तथ्य का पता लगाते हैं कि जीव आपस में और पर्यावरण के साथ किस तरह क्रिया करते हैं और वह पृथ्वी पर जीवन की जटिल संरचना का पता लगाते हैं।। हिन्दुस्तान लाइव। २ मई २०१०। पारिस्थितिकी को एन्वायरनमेंटल बायोलॉजी भी कहा जाता है। इस विषय में व्यक्ति, जनसंख्या, समुदायों और इकोसिस्टम का अध्ययन होता है। इकोलॉजी अर्थात पारिस्थितिकी (जर्मन: Oekologie) शब्द का प्रथम प्रयोग १८६६ में जर्मन जीववैज्ञानिक अर्नेस्ट हैकल ने अपनी पुस्तक "जनरेल मोर्पोलॉजी देर ऑर्गैनिज़्मेन" में किया था। बीसवीं सदी के आरम्भ में मनुष्य और उसके पर्यावरण के बीच संबंधों पर अध्ययन प्रारंभ हुआ और एक साथ कई विषयों में इस ओर ध्यान दिया गया। परिणामस्वरूप मानव पारिस्थितिकी की संकलपना आयी। प्राकृतिक वातावरण बेहद जटिल है इसलिए शोधकर्ता अधिकांशत: किसी एक किस्म के प्राणियों की नस्ल या पौधों पर शोध करते हैं। उदाहरण के लिए मानवजाति धरती पर निर्माण करती है और वनस्पति पर भी असर डालती है। मनुष्य वनस्पति का कुछ भाग सेवन करते हैं और कुछ भाग बिल्कुल ही अनोपयोगी छोड़ देते हैं। वे पौधे लगातार अपना फैलाव करते रहते हैं। बीसवीं शताब्दी सदी में ये ज्ञात हुआ कि मनुष्यों की गतिविधियों का प्रभाव पृथ्वी और प्रकृति पर सर्वदा सकारात्मक ही नहीं पड़ता रहा है। तब मनुष्य पर्यावरण पर पड़ने वाले गंभीर प्रभाव के प्रति जागरूक हुए। नदियों में विषाक्त औद्योगिक कचरे का निकास उन्हें प्रदूषित कर रहा है, उसी तरह जंगल काटने से जानवरों के रहने का स्थान खत्म हो रहा है। पृथ्वी के प्रत्येक इकोसिस्टम में अनेक तरह के पौधे और जानवरों की प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनके अध्ययन से पारिस्थितिज्ञ किसी स्थान विशेष के इकोसिस्टम के इतिहास और गठन का पता लगाते हैं। इसके अतिरिक्त पारिस्थितिकी का अध्ययन शहरी परिवेश में भी हो सकता है। वैसे इकोलॉजी का अध्ययन पृथ्वी की सतह तक ही सीमित नहीं, समुद्री जनजीवन और जलस्रोतों आदि पर भी यह अध्ययन किया जाता है। समुद्री जनजीवन पर अभी तक अध्ययन बहुत कम हो पाया है, क्योंकि बीसवीं शताब्दी में समुद्री तह के बारे में नई जानकारियों के साथ कई पुराने मिथक टूटे और गहराई में अधिक दबाव और कम ऑक्सीजन पर रहने वाले जीवों का पता चला था। .

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प्लाइवुड

स्प्रूस से बना हुआ 'सॉफ्टवुड प्लाईवुड' प्लाईवुड ऐसे बनती है परतदार लकड़ी या प्लाईवुड (जर्मन: Sperrholz, अंग्रेजी: Plywood, फ्रेंच: Contreplaqué) लकड़ी की अनेक पतली चादरों (परतों) से निर्मित एक प्रकार का कृत्रिम काष्ठ है। परतें परस्पर चिपकाई जाती हैं ताकि अधिक मजबूती के लिए आसन्न परतों के बीच लकड़ी के तंतु एक दूसरे से समकोण पर रहें। आमतौर पर परतें विषम संख्या में होती हैं क्योंकि समरूपता के कारण बोर्ड के मुड़ने की संभावना कम हो जाती है। .

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पॉलीघर

पॉलीघर या पॉलीहाउस (Polyhouse) पॉलीथीन से बना एक रक्षात्मक छायाप्रद घर है जिसका उपयोग उच्च मूल्य वाले कृषि उत्पादों को उत्पन्न करने के लिये किया जाता है। यह अर्धवृत्ताकार, वर्गाकार या लम्बे आकार का हो सकता है। इसमें लगे उपकरणों की सहायता से इसके अन्दर का ताप, आर्द्रता, प्रकाश आदि को नियन्त्रित किया जाता है। पॉली हाउस तकनीक का उपयोग संरक्षित खेती के तहत किया जा रहा है। इस तकनीक से जलवायु को नियंत्रित कर दूसरे मौसम में भी खेती की जा सकती है। ड्रिप पद्धति से सिंचाई कर तापमान व आद्र्रता को नियंत्रित किया जाता है। इससे कृत्रिम खेती की जा सकती है, इस तरह जब चाहें तब मनपसंद फसल पैदा कर सकते हैं। .

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फास्फोरस

‎भास्वर (फ़ॉस्फ़ोरस) एक रासायनिक तत्व है जिसका संकेत या P है तथा परमाणु संख्या 15। यह शब्द ग्रीक (यूनानी) भाषा के फॉस (प्रकाश) तथा फोरस (धारक) से मिलकर बना है जिसका शाब्दिक अर्थ हुआ प्रकाश का धारक। ये फॉस्फेट चट्टानों में पाया जाता है। इसकी संयोजकता 1, 3 और 5 होती है। तत्वों की आवर्त सारणी में ये भूयाति के समूह में आता है। ‎फ़ॉस्फ़ोरस एक अभिक्रियाशील तत्व है इसकारण ये मुक्त अवस्था में नहीं पाया जाता है। कुछ खनिजों में धातुओं के फॉस्फेट मिलते हैं। पशुओं की हड्डियों में 56% कैल्शियम फॉस्फेट पाया जाता है। जन्तुओं तथा पौधों के लिए यह एक अनिवार्य तत्व है। इसका अस्तित्व कई जैव अवयवों में मिलता है। .

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बायोप्लास्टिक (जैवप्लास्टिक)

जैव अवक्रमित प्लास्टिक से बने बर्तन. जैवप्लास्टिक, या जैविक प्लास्टिक प्लास्टिक का एक प्रकार है जिसे पेट्रोलियम से प्रात होने वाले जीवाश्म ईंधन प्लास्टिक की बजाय शाकाहारी तेल, मक्का स्टार्च, मटर स्टार्च या माइक्रोबायोटा जैसे नवीकरणीय जैव ईंधन स्रोतों से प्राप्त किया जाता है.

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बुखारेस्ट

बुखारेस्ट (Bucureşti) रूमानिया की राजधानी एवं वहां का सबसे बडा वाणिज्यिक केंद्र है। यह रूमानिया के दक्षिण-पूर्व में दाम्बोवीता नदी के तट पर स्थित है जो पहले दाम्बोवीता सिटाडेल के नाम से मशहूर था। यूरोपीय मानको मे अनुसार बुखारेस्ट बहुत पुराना शहर नहीं है, इसका उल्लेख १४५९ से पूर्व कहीं नहीं मिलता है। पुराने बुखारेस्ट से १८६२ में रूमानिया की राजधानी बनने तक में अबतक इस शहर में बहुत परिवर्तन आ चुके है और आज यह अपने आप को रुमानियाई मीडिया, कला एवं संस्कृति के केन्द्र के रूप में स्थापित कर चुका है। इसकी स्थापत्य कला को साम्यवादी काल एवं आधुनिक यूरोप के सम्मिश्रण के रूप में देखा जा सकता है। दो विश्व युद्धों के बीच के समय में इस शहर की शानदार स्थापत्य कला की वजह से इसे "पूर्व का पेरिस" एवं "लघु पेरिस" (मिकुल पेरिस) जैसे नाम भी दिये गये हैं। यद्यपि इसके बहुत से ऐतिहासिक भवन विश्वयुद्ध, भूकंप इत्यादि में स्वाहा हो चुके हैं लेकिन अब भी कई शानदार ईमारतें अपना सिर ऊंचा किए खडी हैं। हाल के वर्षों में इस शहर ने काफी सांस्कृतिक एवं आर्थिक तरक्की की है।.

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भारत की जलवायु

भारत की जलवायु में काफ़ी क्षेत्रीय विविधता पायी जाती है और जलवायवीय तत्वों के वितरण पर भारत की कर्क रेखा पर अवस्थिति और यहाँ के स्थलरूपों का स्पष्ट प्रभाव दृष्टिगोचर होता है। इसमें हिमालय पर्वत और इसके उत्तर में तिब्बत के पठार की स्थिति, थार का मरुस्थल और भारत की हिन्द महासागर के उत्तरी शीर्ष पर अवस्थिति महत्वपूर्ण हैं। हिमालय श्रेणियाँ और हिंदुकुश मिलकर भारत और पाकिस्तान के क्षेत्रों की उत्तर से आने वाली ठंडी कटाबैटिक पवनों से रक्षा करते हैं। यही कारण है कि इन क्षेत्रों में कर्क रेखा के उत्तर स्थित भागों तक उष्णकटिबंधीय जलवायु का विस्तार पाया जाता है। थार का मरुस्थल ग्रीष्म ऋतु में तप्त हो कर एक निम्न वायुदाब केन्द्र बनाता है जो दक्षिण पश्चिमी मानसूनी हवाओं को आकृष्ट करता है और जिससे पूरे भारत में वर्षा होती है। कोपेन के वर्गीकरण का अनुसरण करने पर भारत में छह जलवायु प्रदेश परिलक्षित होते हैं। लेकिन यहाँ यह अवश्य ध्यान रखना चाहिये कि ये प्रदेश भी सामान्यीकरण ही हैं और छोटे और स्थानीय स्तर पर उच्चावच का प्रभाव काफ़ी भिन्न स्थानीय जलवायु की रचना कर सकता है। भारतीय जलवायु में वर्ष में चार ऋतुएँ होती हैं: जाड़ा, गर्मी, बरसात और शरदकाल। तापमान के वितरण मे भी पर्याप्त विविधता देखने को मिलती है। समुद्र तटीय भागों में तापमान में वर्ष भर समानता रहती है लेकिन उत्तरी मैदानों और थार के मरुस्थल में तापमान की वार्षिक रेंज काफ़ी ज्यादा होती है। वर्षा पश्चिमी घाट के पश्चिमी तट पर और पूर्वोत्तर की पहाड़ियों में सर्वाधिक होती है। पूर्वोत्तर में ही मौसिनराम विश्व का सबसे अधिक वार्षिक वर्षा वाला स्थान है। पूरब से पश्चिम की ओर क्रमशः वर्षा की मात्रा घटती जाती है और थार के मरुस्थलीय भाग में काफ़ी कम वर्षा दर्ज की जाती है। भारतीय पर्यावरण और यहाँ की मृदा, वनस्पति तथा मानवीय जीवन पर जलवायु का स्पष्ट प्रभाव है। हाल में वैश्विक तापन और तज्जनित जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की भी चर्चा महत्वपूर्ण हो चली है। मौसम और जलवायु किसी स्थान की दिन-प्रतिदिन की वायुमंडलीय दशा को मौसम कहते हैं और मौसम के ही दीर्घकालिक औसत को जलवायु कहा जाता है। दूसरे शब्दों में मौसम अल्पकालिक वायुमंडलीय दशा को दर्शाता है और जलवायु दीर्घकालिक वायुमंडलीय दशा को दर्शाता है। मौसम व जलवायु दोनों के तत्व समान ही होते हैं, जैसे-तापमान, वायुदाब, आर्द्रता आदि। मौसम में परिवर्तन अल्पसमय में ही हो जाता है और जलवायु में परिवर्तन एक लंबे समय के दौरान होता है। .

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भूगोल

पृथ्वी का मानचित्र भूगोल (Geography) वह शास्त्र है जिसके द्वारा पृथ्वी के ऊपरी स्वरुप और उसके प्राकृतिक विभागों (जैसे पहाड़, महादेश, देश, नगर, नदी, समुद्र, झील, डमरुमध्य, उपत्यका, अधित्यका, वन आदि) का ज्ञान होता है। प्राकृतिक विज्ञानों के निष्कर्षों के बीच कार्य-कारण संबंध स्थापित करते हुए पृथ्वीतल की विभिन्नताओं का मानवीय दृष्टिकोण से अध्ययन ही भूगोल का सार तत्व है। पृथ्वी की सतह पर जो स्थान विशेष हैं उनकी समताओं तथा विषमताओं का कारण और उनका स्पष्टीकरण भूगोल का निजी क्षेत्र है। भूगोल शब्द दो शब्दों भू यानि पृथ्वी और गोल से मिलकर बना है। भूगोल एक ओर अन्य शृंखलाबद्ध विज्ञानों से प्राप्त ज्ञान का उपयोग उस सीमा तक करता है जहाँ तक वह घटनाओं और विश्लेषणों की समीक्षा तथा उनके संबंधों के यथासंभव समुचित समन्वय करने में सहायक होता है। दूसरी ओर अन्य विज्ञानों से प्राप्त जिस ज्ञान का उपयोग भूगोल करता है, उसमें अनेक व्युत्पत्तिक धारणाएँ एवं निर्धारित वर्गीकरण होते हैं। यदि ये धारणाएँ और वर्गीकरण भौगोलिक उद्देश्यों के लिये उपयोगी न हों, तो भूगोल को निजी व्युत्पत्तिक धारणाएँ तथा वर्गीकरण की प्रणाली विकसित करनी होती है। अत: भूगोल मानवीय ज्ञान की वृद्धि में तीन प्रकार से सहायक होता है: सर्वप्रथम प्राचीन यूनानी विद्वान इरैटोस्थनिज़ ने भूगोल को धरातल के एक विशिष्टविज्ञान के रूप में मान्यता दी। इसके बाद हिरोडोटस तथा रोमन विद्वान स्ट्रैबो तथा क्लाडियस टॉलमी ने भूगोल को सुनिइतिहासश्चित स्वरुप प्रदान किया। इस प्रकार भूगोल में 'कहाँ' 'कैसे 'कब' 'क्यों' व 'कितनें' प्रश्नों की उचित वयाख्या की जाती हैं। .

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मम्मी

मम्मी (Mummy) एक संरक्षित शव को कहते हैं जिसके अंग एवं त्वचा को जानबूझकर या बिना बूझे-समझे ही किसी विधि से संरक्षित कर दिया जाता है। संरक्षित करने के लिये उचित रसायनों का प्रयोग, अत्यन्त शीतल वातावरण, बहुत कम आर्द्रता, बहुत कम हवा आदि की तकनीकें अपनायीं जाती हैं। वर्तमान में जो सबसे पुरानी मम्मी ज्ञात है वह ६००० वर्ष पुरानी मम्मी है जो सन् १९३६ में मिली थी। मानव एवं अन्य जानवरों की मम्मी पूरे संसार यत्र-तत्र में मिलती रहीं है| मम्मी एक ऐसा मृत शरीर होता है जिसे प्राचीन काल मे लोग संरक्षितरखते थेे|उनका यह मानना था कि मम्मी(जो मृत शरीर है)रात के समय उठकर अपना कार्य(खाना- पीना,नहाना आदि)करती है|इसलिए वे मम्मी के लिए सभी उसका ऊपयोगी समान पिरामिड़ मे पहुँचा देते थे| मम्मी को जिस स्थान पर रखा जाता था उसे पिरामिड़ कहते है| .

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मानसून

जब ITCZ(उष्ण कटिबंधीय संरक्षित क्षेत्र)से जब व्यापारिक एवं समाॅगी हवाये ऊपर की ओर कोरियोलिस बल के कारण भारत के राज्य केरल मे 2महिना 10दिन मे मानसून पहुंचता है जो कि यहां सबसे पहले सबसे बाद मे भी मानसून यही होता है लेकिन भारत मे सबसे ज्यादा मानसून मासिनराम(मेघालय) मे होती है जो कि वहा पर औषतन बरसात 11873मिमी॰ की होती है । तमिलनाडु के नागरकायल (कन्याकुमारी के पास) में मानसून के बादल मानसून मूलतः हिन्द महासागर एवं अरब सागर की ओर से भारत के दक्षिण-पश्चिम तट पर आनी वाली हवाओं को कहते हैं जो भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि में भारी वर्षा करातीं हैं। ये ऐसी मौसमी पवन होती हैं, जो दक्षिणी एशिया क्षेत्र में जून से सितंबर तक, प्रायः चार माह सक्रिय रहती है। इस शब्द का प्रथम प्रयोग ब्रिटिश भारत में (वर्तमान भारत, पाकिस्तान एवं बांग्लादेश) एवं पड़ोसी देशों के संदर्भ में किया गया था। ये बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से चलने वाली बड़ी मौसमी हवाओं के लिये प्रयोग हुआ था, जो दक्षिण-पश्चिम से चलकर इस क्षेत्र में भारी वर्षाएं लाती थीं। हाइड्रोलोजी में मानसून का व्यापक अर्थ है- कोई भी ऐसी पवन जो किसी क्षेत्र में किसी ऋतु-विशेष में ही अधिकांश वर्षा कराती है। यहां ये उल्लेखनीय है, कि मॉनसून हवाओं का अर्थ अधिकांश समय वर्षा कराने से नहीं लिया जाना चाहिये। इस परिभाषा की दृष्टि से संसार के अन्य क्षेत्र, जैसे- उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, उप-सहारा अफ़्रीका, आस्ट्रेलिया एवं पूर्वी एशिया को भी मानसून क्षेत्र की श्रेणी में रखा जा सकता है। ये शब्द हिन्दी व उर्दु के मौसम शब्द का अपभ्रंश है। मॉनसून पूरी तरह से हवाओं के बहाव पर निर्भर करता है। आम हवाएं जब अपनी दिशा बदल लेती हैं तब मॉनसून आता है।.

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मौसम विज्ञान

वायुवेगमापी ऋतुविज्ञान या मौसम विज्ञान (Meteorology) कई विधाओं को समेटे हुए विज्ञान है जो वायुमण्डल का अध्ययन करता है। मौसम विज्ञान में मौसम की प्रक्रिया एवं मौसम का पूर्वानुमान अध्ययन के केन्द्रबिन्दु होते हैं। मौसम विज्ञान का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है किन्तु अट्ठारहवीं शती तक इसमें खास प्रगति नहीं हो सकी थी। उन्नीसवीं शती में विभिन्न देशों में मौसम के आकड़ों के प्रेक्षण से इसमें गति आयी। बीसवीं शती के उत्तरार्ध में मौसम की भविष्यवाणी के लिये कम्प्यूटर के इस्तेमाल से इस क्षेत्र में क्रान्ति आ गयी। मौसम विज्ञान के अध्ययन में पृथ्वी के वायुमण्डल के कुछ चरों (variables) का प्रेक्षण बहुत महत्व रखता है; ये चर हैं - ताप, हवा का दाब, जल वाष्प या आर्द्रता आदि। इन चरों का मान व इनके परिवर्तन की दर (समय और दूरी के सापेक्ष) बहुत हद तक मौसम का निर्धारण करते हैं। .

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मृदा संरक्षण

मृदा संरक्षण (Soil conservation) से तात्पर्य उन विधियों से है, जो मृदा को अपने स्थान से हटने से रोकते हैं। संसार के विभिन्न क्षेत्रों में मृदा अपरदन को रोकने के लिए भिन्न-भिन्न विधियाँ अपनाई गई हैं। मृदा संरक्षण की विधियाँ हैं - वनों की रक्षा, वृक्षारोपण, बंध बनाना, भूमि उद्धार, बाढ़ नियंत्रण, अत्यधिक चराई पर रोक, पट्टीदार व सीढ़ीदार कृषि, समोच्चरेखीय जुताई तथा शस्यार्वतन। मृदा एक बहुत ही महत्वपूर्ण संसाधन है। यह प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से विभिन्न प्रकार के जीवों का भरण-पोषण करती है। इसके अतिरिक्त, मृदा-निर्माण एक बहुत ही धीमी प्रक्रिया है। मृदा अपरदन की प्रक्रिया ने प्रकृति के इस अनूठे उपहार को केवल नष्ट ही नहीं किया है अपितु अनेक प्रकार की समस्याएँ भी पैदा कर दी है। मृदा अपरदन से बाढ़ें आती हैं। इन बाढ़ों से सड़कों व रेलमार्गों, पुलों, जल विद्युत परियोजनाओं, जलापूति और पम्पिंग केन्द्रों को काफी हानि पहुँचती है। .

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मेघालय

मेघालय पूर्वोत्तर भारत का एक राज्य है। इसका अर्थ है बादलों का घर। २०१६ के अनुसार यहां की जनसंख्या ३२,११,४७४ है। मेघालय का विस्तार २२,४३० वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में है, जिसका लम्बाई से चौडाई अनुपात लगभग ३:१ का है। IBEF, India (2013) राज्य का दक्षिणी छोर मयमनसिंह एवं सिलहट बांग्लादेशी विभागों से लगता है, पश्चिमी ओर रंगपुर बांग्लादेशी भाग तथा उत्तर एवं पूर्वी ओर भारतीय राज्य असम से घिरा हुआ है। राज्य की राजधानी शिलांग है। भारत में ब्रिटिश राज के समय तत्कालीन ब्रिटिश शाही अधिकारियों द्वारा इसे "पूर्व का स्काटलैण्ड" की संज्ञा दी थी।Arnold P. Kaminsky and Roger D. Long (2011), India Today: An Encyclopedia of Life in the Republic,, pp.

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रंगपुर, बांग्लादेश

यह लेख बांग्लादेश में एक शहर के रूप में रंगपुर के बारे में है। रंगपुर (बंगाली: রংপুর) बांग्लादेश के एक प्रमुख शहरों में से है। रंगपुर को 16 दिसंबर सन 1769 में जिला मुख्यालय घोषित किया गया हालांकि सन 1869 से या एक नगर पालिका है। यह बांग्लादेश की सबसे पुरानी नगरपालिकाओं में से एक है। नगर निगम कार्यालय को सन 1892 में राजा जानकीवल्लभ द्वारा बनवाया गया था। यह नगर बांग्लादेश के उत्तर पश्चिमी भाग में स्थित है। इसके दक्षिणी भाग में हाल ही में स्थापित एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय "बेगम रुक़य्या विश्वविद्यालय, रंगपुर" बना है। इससे पहले रंगपुर ग्रेटर रंगपुर जिले का मुख्यालय था बाद में चलकर ग्रेटर रंगपुर जिला रंगपुर,कुरीग्राम,बोगरा,लालमोनिरहाट और गैबांधा मैं बांट दिया गया। इस शहर में एक बड़ी सैन्य छावनी है। शहर के निकट ही कोयले का भंडार है। .

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सिलिका जेल

सिलिका जेल सिलिका जेल (Silica gel) सिलिका का एक विशेष रूप है जो कणिकामय, काचाभ (vitreous), सरंध्र (porous) होता है। यह सोडियम सिलिकेट से संश्लेषण द्वारा बनाया जाता है। यह टफ (tough) और कठोर होता है तथा घरों में प्रयुक्त अन्य जेलों जैसे जिलेटिन और अगार (agar) से अधिक ठोस होता है। यह प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला खनिज है जिसको शोधन करके कणिकामय या बीड (beaded) के रूप में बना दिया जाता है। इसके रन्ध्रों का औसत आकार 2.4 नैनोमीटर होता है। यह जल कणों के प्रति प्रबल बन्धुता (affinity) प्रदर्शित करता है। दैनिक जीवन में इसके छोटे-छोटे बीड (प्रायः 2 x 3 cm) कागज के पैकेटों में देखने को मिलते हैं जो जलवाष्प के शोषण के लिए प्रयुक्त होता है ताकि किसी स्थान विशेष पर अधिक आर्द्रता के कारण कोई चीज खराब न हो जाय। इसमें कुछ विषैली अशुद्धियाँ (dopants) होतीं हैं तथा इसके अत्यधिक जलशोषी होने के कारण ही इसके पुड़ियों पर चेतावनी लिखी रहती है कि इस पुड़िया के अन्दर रखी चीज को न खाएँ। .

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सिगार

विभिन्न ब्रांडों के चार सिगार (ऊपर से: एच. अपमैन, मोंटेक्रिस्टो, माकानुडो, रोमियो वाय जुलिएट) एक -सेमीएयरटाईट सिगार संग्रहण ट्यूब और एक डबल गिलोटिन-स्टाइल कटर सिगार सूखे और किण्वित तम्बाकू का कसकर-लपेटा गया एक बंडल होता है जिसको जलाकर उसके धुंए का कश मुंह के अंदर खींचा जाता है। सिगार का तम्बाकू ब्राज़ील, कैमरून, क्यूबा, डोमिनिकन गणराज्य, होंडुरास, इंडोनेशिया, मैक्सिको, निकारागुआ, फिलीपींस और पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका में काफी मात्रा में उगाया जाता है। .

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सेंसर

हाल प्रभाव पर आधारित सेंसर सेंसर (संवेदक) एक ऐसा उपकरण है जो किसी भौतिक राशि को मापने का कार्य करता है तथा इसे एक ऐसे संकेत में परिवर्तित कर देता है जिसे किसी पर्यवेक्षक या यंत्र द्वारा पढ़ा जा सकता है। उदाहरणस्वरूप, एक पारे से भरा कांच का थर्मामीटर मापित तापमान को एक तरल पदार्थ के विस्तार तथा संकुचन में परिवर्तित कर देता है जिसे एक अंशांकित कांच की नली पर पढ़ा जा सकता है। एक थर्मोकपल तापमान को एक आउटपुट वोल्टेज में परिवर्तित कर देता है जिसे एक वोल्टमीटर द्वारा पढ़ा जा सकता है। सटीकता की दृष्टि से, सभी सेंसरों को ज्ञात मानकों के अनुरूप अंशांकित करने की आवश्यकता है। .

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सोडियम हाइड्रॉक्साइड

सोडियम हाइड्रॉक्साइड एक उच्च कोटि का क्षार है जिसका रासायनिक सूत्र NaOH है। इसे दाहक सोडा (कॉस्टिक सोडा / caustic soda) भी कहते हैं। यह श्वेत ठोस चूर्ण, पैलेट्स, फ़्लेक्स तथा अनेक सांद्रता वाले विलयनों के रूप में उपलब्ध होता है। जल में भार के अनुसार लगभग ५० सोडियम हाइड्राक्साइड मिलाने पर विलयन संतृप्त हो जाता है। दाहक सोडा, जल, इथेनॉल और मिथेनॉल में विलेय है। यह एक प्रस्वेदी पदार्थ (deliquescent) है जो आसानी से हवा से आर्द्रता और कार्बन डाईऑक्साइड सोख लेता है। दाहक सोडे का उद्योगों में अनेक प्रकार से उपयोग किया जाता है। यह लुगदी और कागज, वस्त्र, पेय जल, साबुन और डिटर्जेंट के निर्माण में तथा नालियों की सफाई के लिये प्रयोग में लाया जाता है।सन २००४ में पूरे विश्व में इसका कुल उत्पादन ६० मिलियन टन था जबकि इसकी कुल मांग लगभग ५१ मिलियन टन थी। .

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हाइड्रोजन क्लोराइड

हाइड्रोजन क्लोराइड (Hydrogen chloride) एक यौगिक है जिसका रासायनिक सूत्र एचसीएल (HCl) होता है। कमरे के तापमान पर यह एक रंगहीन गैस होती है, जो वातावरण की आर्द्रता के संपर्क के साथ हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के सफेद धुएं बनाती है। हाइड्रोजन क्लोराइड गैस और हाइड्रोक्लोरिक अम्ल प्रौद्योगिकी और उद्योग में महत्वपूर्ण हैं। हाइड्रोजन क्लोराइड के जलकृत विलयन हाइड्रोक्लोरिक अम्ल को भी सामान्यतः सूत्र एचसीएल दिया जाता है। .

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जलवाष्प

जलवाष्प अथवा जल वाष्प पानी की गैसीय अवस्था है और अन्य अवस्थाओं के विपरीत अदृश्य होती है। पृथ्वी के वायुमण्डल में इसकी मात्रा लगातार परिवर्तनशील होती है। द्रव अवस्था में स्थित पानी से जलवाष्प का निर्माण क्वथन अथवा वाष्पीकरण के द्वारा होता रहता है और संघनन द्वारा जलवाष्प द्रव अवस्था में भी परिवर्तित होती रहती है। बर्फ़ से इसका निर्माण ऊर्ध्वपातन की प्रक्रिया द्वारा होता है। .

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वनोन्मूलन

वनोन्मूलन का अर्थ है वनों के क्षेत्रों में पेडों को जलाना या काटना ऐसा करने के लिए कई कारण हैं; पेडों और उनसे व्युत्पन्न चारकोल को एक वस्तु के रूप में बेचा जा सकता है और मनुष्य के द्वारा उपयोग में लिया जा सकता है जबकि साफ़ की गयी भूमि को चरागाह (pasture) या मानव आवास के रूप में काम में लिया जा सकता है। पेडों को इस प्रकार से काटने और उन्हें पुनः न लगाने के परिणाम स्वरुप आवास (habitat) को क्षति पहुंची है, जैव विविधता (biodiversity) को नुकसान पहुंचा है और वातावरण में शुष्कता (aridity) बढ़ गयी है। साथ ही अक्सर जिन क्षेत्रों से पेडों को हटा दिया जाता है वे बंजर भूमि में बदल जाते हैं। आंतरिक मूल्यों के लिए जागरूकता का अभाव या उनकी उपेक्षा, उत्तरदायी मूल्यों की कमी, ढीला वन प्रबन्धन और पर्यावरण के कानून, इतने बड़े पैमाने पर वनोन्मूलन की अनुमति देते हैं। कई देशों में वनोन्मूलन निरंतर की जाती है जिसके परिणामस्वरूप विलोपन (extinction), जलवायु में परिवर्तन, मरुस्थलीकरण (desertification) और स्वदेशी लोगों के विस्थापन जैसी प्रक्रियाएं देखने में आती हैं। .

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वातानुकूलन

वातानुकूलक उपकरण का वह भाग जो कमरों के अन्दर लगाया जाता है किसी निश्चित क्षेत्र अथवा कक्षा के ताप, आर्द्रता, वायु की गति तथा वायुमंडल के स्तर के स्वतंत्र अथवा एक साथ की नियंत्रण क्रिया को वातानुकूलन (Air-conditoning) कहा जाता है। वातानुकूलित क्षेत्र के ताप, आर्द्रता, वायु की गति तथा वायुमंडल के स्तर में विभिन्न कारकों का नियंत्रण आवश्यकतानुसार विभिन्न स्तरों पर किया जाता है। सामान्यत; वातानुकूलन का उद्देश्य शारीरिक सुख तथा औद्योगिक सुविधा प्रदान करना होता है। शारीरिक सुख के लिए ऊष्मा-संबंधी उपयुक्त एवं सुखप्रद परिस्थितियों को उत्पन्न करने में कक्ष के ताप, आर्द्रता, वायु की गति एवं वायुमंडल के स्तर को शरीरक्रिया विज्ञान की दृष्टि से निश्चित सीमाओं के भीतर नियंत्रित किया जाता है। जब औद्योगिक उद्देश्यों के लिए, जैसे विभिन्न संगृहीत पदार्थों की सुरक्षा के लिए, वस्त्र एवं सूत तथा संश्लिष्ट रेशों के उत्पादन में, अथवा छपाई में, वातानुकूलन का उपयोग होता है, उस समय प्रक्रम तथा औद्योगिक आवश्यकतानुसार विभिन्न स्तरों पर उपर्युक्त वातानुकूलन कारकों का निर्धारण किया जाता है। .

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वायुराशि

उत्तरी अमेरिका एवं अन्य महाद्वीपों को प्रभावित करने वाली वायुराशियाँ; ये दूसरे वायुराशियों से एक सीमारेखा द्वारा अलग होती हैं। वायुराशि हवा का वह घना भाग है जिसका ताप एवं आर्द्रता एक समान एवं समतल हो। कुछ निश्चित स्थानों पर वायुमंडल में हवाओं की सामान्य गति के कारण वायु की विशाल राशि एकत्र हो जाती है, जिसकी अपनी विशेषताएँ और भौतिक दशाएँ, विशेषकर ताप और आर्द्रता, निश्चित तथा स्पष्ट होती हैं। विश्व के मानचित्र पर से स्थायी रूप से एक निश्चित स्थान पर पाई जाती हैं। इनकी स्थिति में थोड़ा बहुत परिवर्तन सूर्य की किरणों के साथ हुआ करता है। वायुराशि के उत्पत्तिस्थान को स्रोतक्षेत्र (source regions) कहते हैं। प्रतिचक्रवातीय क्षेत्र इस प्रकार की वायुराशि की उत्पत्ति के लिए उपयुक्त स्थान है, जैसे वायुराशि के प्रमुख क्षेत्र कैनाडा का हिमाच्छादित ध्रुववृत्तीय मैदान, शीतकाल में साइबेरिया, उष्ण कटिबंधी महासागरों के विस्तृत क्षेत्र तथा गरम एवं शुष्क सहारा क्षेत्र। वायुराशि अधिक समय तक अपने उत्पत्ति स्थान पर नहीं ठहर सकती है, बल्कि शीघ्रता से बाहर की ओर चलना प्रारंभ कर देती है। इसका क्षेत्र इतना विशाल एवं गति इतनी मंद होती है कि चलते समय इसकी विशेषताओं में अंतर होता जाता है। जब दो वायुराशियों के ताप और आर्द्रता में अंतर होता है, तो ये सरलता से आपस में नहीं मिल पाती हैं और इनके बीच में सीमांत क्षेत्र बन जाता है, जिसके दोनों ओर दो प्रकार के ताप पाए जाते हैं। .

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व्यावसायिक संरक्षा एवं स्वास्थ्य

द्वितीय विश्वयुद्ध के समय १९४३ में लेथ पर कार्य करती हुई एक ब्रिटेन की लड़की अपने कार्य का निरीक्षण कर रही है, किन्तु उसकी आंखों पर सुरक्षा के लिये कुछ नहीं है। वर्तमान समय में इस तरह कार्य करने की अनुमति नहीं दी जा सकती व्यावसायिक संरक्षा एवं स्वास्थ्य (Occupational safety and health (OSH)) के अन्तर्गत किसी व्यवसाय या रोजगार में लगे हुए लोगों की संरक्षा, स्वास्थ्य एवं कल्याण पर विचार किया जाता है। .

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वृक्ष रेखा

मई २००९ में सेंट मॉरिट्ज़, स्विटज़रलैंड के उपर की वृक्ष रेखा।वृक्ष रेखा, पर्यावास की वो सीमा है जहाँ पर वृक्ष उग पाने में सक्षम होते हैं। वृक्ष रेखा के पार, वृक्ष पर्यावरण की विषम परिस्थितियों जैसे कि बहुत कम तापमान, अपर्याप्त वायु दाब और/ या आर्द्रता की कमी के कारण उग पाने में असमर्थ होते हैं। कुछ मत एक अतिरिक्त गहरी काष्टरेखा की भी व्याख्या करते हैं, जहां पेड़ों के तनों का विकास संभव होता है। वृक्ष रेखा के ठीक उपर, वृक्षों का विकास अवरुद्ध रहता है और वृक्ष अक्सर घनी झाड़ियों रूप में ही उगते हैं। अगर यह हवा के कारण होता है, तो इसे क्रमहोल्ज़ के नाम से जाना जाता है, जो एक जर्मन शब्द है और जिसका अर्थ मुड़ी हुई लकड़ी है। दूर से देखने पर वृक्ष रेखा अन्य कई प्राकृतिक रेखाओं (जैसे कि किसी झील के किनारे) के समान बड़ी स्पष्ट दिखाई पड़ती है, पर अधिकतर स्थानों पर निकट से निरीक्षण करने यह संक्रमण क्रमिक होता है। जैसे जैसे हम उपर की ओर बढ़ते हैं जलवायु के विषम होने के साथ वृक्षों की ऊँचाई कम होती जाती है और एक बिन्दु पर आकर वृक्ष उगना बंद कर देते हैं। .

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खमीर

खमीर खमीर एक कवक है। यह शर्करायुक्त कार्बनिक पदार्थ में बहुतायत से पाये जाने वाला विशेष प्रकार का कवक है। यह फूल विहीन पौधा है। शरीर मूल, तना एवं पत्ति में विभक्त नहीं होता है। इसकी लगभग १५०० जातियाँ हैं।Kurtzman, C.P., Fell, J.W. 2006.

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ख़रीफ़ की फ़सल

बाजरा इन फसलों को बोते समय अधिक तापमान एवं आर्द्रता तथा पकते समय शुष्क वातावरण की आवश्यकता होती है। उत्तर भारत में इनको जून-जुलाई में बोते हैं और इन्हें अक्टूबर के आसपास काटा जाता है। .

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गुणवत्ता नियंत्रण

इंजीनियरिंग और उत्पादन क्षेत्र में, गुणवत्ता नियंत्रण और गुणवत्ता इंजीनियरिंग का प्रयोग उत्पाद या सेवाएं ग्राहकों की आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु डिज़ाइन तथा उत्पादित की गई हैं या नहीं यह सुनिश्चित करने के लिए सिस्टम को विकसित करने के लिए किया जाता है। गुणवत्ता नियंत्रण इंजीनियरिंग और निर्माण की शाखा है जो ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने या उससे ज्यादा करने के लिए, उत्पाद या सेवाओं के उत्पादन और डिजाईन में विश्वसनीयता और विफलता परीक्षण लेने का कार्य करता है। .

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ओसांक

यह ग्राफ दिखाता है कि विभिन्न तापों पर, समुद्रतल पर, वायु में अधिकतम कितने प्रतिशत (द्रव्यमान के प्रतिशत के रूप में) जलवाष्प हो सकता है। जिस तापमान पर जल-वाष्प संघनित होकर जल (द्रव) रूप में बदल जाती है, उसे ओसांक (dew point) कहते हैं। ओसांक कई बातों पर निर्भर करता है, दाब, आपेक्षिक आर्द्रता आदि। .

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आपेक्षिक आर्द्रता

संघनन किसी निश्चित तापक्रम पर निश्चित आयतन वाली हवा की आर्द्रता-सामर्थ्य (अत्यधिक नमी धारण करनें की छमता) तथा उसमें मौजूद आर्द्रता की वास्तविक मात्रा (निरपेक्ष आर्द्रता) के अनुपात को सापेक्ष आर्द्रता (relative humidity) कहतें हैं। .

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आर्द्र

कोई विवरण नहीं।

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आर्द्रतामापी

डायल वाला आर्द्रतामापी वायुमंडल की आर्द्रता नापने के साधनों को आर्द्रतामापी (हाइग्रोमीटर / Hygrometer) कहते हैं। .

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कुंदुरी

कुंदुरी या कुंदरू (Coccinia grandis, Kovakka अथवा Coccinia indica) एक उष्णकटिबंधीय लता है। यह सारे भारत में स्वतः भी उगती है और कुछ जगहों पर इसकी खेती भी की जाती है। इसकी जड़ें लंबी और फल २ से ५ सें.

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कुकुरमुत्ता (कवक)

कुकुरमुत्ता कुकुरमुत्ता (मशरूम) एक प्रकार का कवक है, जो बरसात के दिनों में सड़े-गले कार्बनिक पदार्थ पर अनायास ही दिखने लगता है। इसे या खुम्ब, 'खुंबी' या मशरूम भी कहते हैं। यह एक मृतोपजीवी जीव है जो हरित लवक के अभाव के कारण अपना भोजन स्वयं संश्लेषित नहीं कर सकता है। इसका शरीर थैलसनुमा होता है जिसको जड़, तना और पत्ती में नहीं बाँटा जा सकता है। खाने योग्य कुकुरमुत्तों को खुंबी कहा जाता है। 'कुकुरमुत्ता' दो शब्दों कुकुर (कुत्ता) और मुत्ता (मूत्रत्याग) के मेल से बना है, यानि यह कुत्तों के मूत्रत्याग के परिणामस्वरूप उत्पन्न होता है। ऐसी मान्यता भारत के कुछ इलाकों में प्रचलित है, किन्तु यह बिलकुल गलत धारणा है। .

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उत्कृष्‍ट धातु

रसायन विज्ञान में उत्कृष्ट धातुएँ या राज धातुएँ (noble metals) वे धातुएँ हैं जिनका आर्द्र वायु के सम्पर्क में रहने के बावजूद क्षरण और ऑक्सीकरण बहुत कम होता है। रजत, स्वर्ण, प्लैटिनम, रोडियम, पैलेडियम आदि प्रमुख उत्कृष्ट धातुएँ हैं। .

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२००५ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल

२००५ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल 2004-05 यूईएफए चैंपियंस लीग, यूरोप के प्राथमिक क्लब फुटबॉल प्रतियोगिता का फाइनल मैच था। मॉडल मैच 25 मई 2005 पर इस्तांबुल, तुर्की में अतातुर्क ओलंपिक स्टेडियम में इंग्लैंड के लिवरपूल और इटली के मिलान के बीच लड़ा गया था। प्रतियोगिता में चार बार जीता था जो लिवरपूल, 1985 के बाद से अपने छठे फाइनल में प्रदर्शित होने और अपने पहले किए गए थे। प्रतियोगिता छह बार जीत हासिल की थी जो मिलन, तीन साल और दसवें समग्र में अपने दूसरे फाइनल में दिखाई दे रहे थे.

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२००७ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल

२००७ यूईएफए चैंपियंस लीग के फाइनल में इटली के मिलान और इंग्लैंड के लिवरपूल के बीच एक संघ फुटबॉल मैच था ओलंपिक स्टेडियम, एथेंस, ग्रीस में 23 मई 2007 पर.

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२००८ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल

२००८ के यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल 21 मई 2008 बुधवार, को हुई थी कि एक फुटबॉल मैच था। मैच 2007-08 यूईएफए चैंपियंस लीग के विजेता का निर्धारण करने के लिए मास्को, रूस, में, लूजनिक्की स्टेडियम में खेला गया था। फाइनल यह प्रतियोगिता के इतिहास में पहली बार फाइनल में एक सब अंग्रेजी क्लब बनाने, मैनचेस्टर यूनाइटेड और चेल्सिया खेला था। खेल पेनल्टीज़ पर मैनचेस्टर यूनाइटेड 6-5 से जीता था, यह उनका तीसरा खिताब था। .

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२००८ यूईएफए कप फाइनल

२००८ यूईएफए कप फाइनल, 14 मई 2008 पर मैनचेस्टर, इंग्लैंड में सिटी ऑफ मैनचेस्टर स्टेडियम में हुए एक फुटबॉल मैच था। यह रूस के जेनिट सेंट पीटर्सबर्ग और स्कॉटलैंड के रेंजर्स के बीच खेला गया था। जेनिट सेंट पीटर्सबर्ग ने यह फाइनल 2-0 से जीता। इस प्रकार सीएसकेए मास्को के बाद इस टूर्नामेंट को जीतने के लिए केवल दूसरा रूसी पक्ष बनने। .

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२००९ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल

२००९ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल रोम, इटली में स्टैडियो ऑलिम्पिको में 27 मई 2009 को खेला गया.

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२००९ यूईएफए कप फाइनल

२००९ यूईएफए कप फाइनल, 20 मई 2009 पर इस्तांबुल, तुर्की में सुकरु साराकोगलू स्टेडियम में हुए एक फुटबॉल मैच था। यह यूक्रेन के शख्तर् डोनेट्स्क और जर्मनी के वेर्डर ब्रेमेन के बीच खेला गया था। शख्तर् डोनेट्स्क ने फाइनल अतिरिक्त समय में 2-1 से जीत लिया। इस प्रकार ट्रॉफी जीतने वाली पहली यूक्रेनी क्लब बनने। .

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२०१० यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल

२०१० यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल 2009-10 यूईएफए चैंपियंस लीग के विजेताओं को निर्धारित करने के लिए 22 मई 2010 शनिवार, सैंटियागो बर्नबू स्टेडियम, में खेला एक फुटबॉल मैच था। बल्कि यह परंपरागत बुधवार की तुलना में, एक शनिवार को खेला जाएगा अंतिम पहला चैंपियंस लीग था। मैच तिगुना, पहले इटली या जर्मनी से या तो किसी भी टीम के द्वारा प्राप्त कभी नहीं एक करतब पूरा करने के लिए बेयर्न म्यूनिख को 2-0 से हराने वाले इंटरनेजियोनल, से जीता था। जीत 1964 और 1965 के बाद, इंटर मिलान को तीसरा यूरोपीय कप खिताब दिया था। .

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२०१० यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल

२०१० यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल 12 मई 2010 पर हैम्बर्ग, जर्मनी में वोल्क्स्पर्क्स्तदिओन् में हुए एक फुटबॉल मैच था, यह पूर्व में यूईएफए कप के रूप में जाना जाता था, यह संस्करण पुर्नोत्थान किया गया था और प्रतियोगिता का पहले सत्र था। यह स्पेन के एटलेटिको मैड्रिड और इंग्लैंड के फुल्हम के बीच खेला गया था। एटलेटिको मैड्रिड ने फाइनल अतिरिक्त समय में 2-1 से जीत लिया। .

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२०११ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल

२०११ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल यूईएफए चैंपियंस लीग के 2010-11 सत्र के विजेता का फैसला किया है कि लंदन के वेम्बली स्टेडियम में 28 मई 2011 पर खेला एक फुटबॉल मैच था.

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२०११ यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल

२०११ यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल 18 मई 2011 पर डबलिन, आयरलैंड में अवीवा स्टेडियम में हुए एक फुटबॉल मैच था। यह दो पुर्तगाली क्लब पोर्टो और ब्रागा के बीच खेला गया था। पोर्टो ने फाइनल 1-0 से जीत लिया। यह पहली बार था कि फाइनल दो पुर्तगाली टीमों के बीच था। .

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२०१२ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल

२०१२ के यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल म्यूनिख में एलियांज एरीना, जर्मनी में जर्मनी के बेयर्न म्यूनिख और इंग्लैंड के चेल्सिया के बीच 19 मई 2012 शनिवार, को हुई थी जो एक फुटबॉल मैच था.

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२०१२ यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल

२०१२ यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल 9 मई 2012 2011 पर बुखारेस्ट, रोमानिया में एरिना नेशनला में हुए एक फुटबॉल मैच था। यह दो स्पेनिश क्लब एटलेटिको मैड्रिड और एथलेटिक बिलबाओ के बीच खेला गया था। पोर्टो ने फाइनल 3-0 से जीत लिया। .

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२०१३ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल

२०१३ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल 2012-13 यूईएफए चैंपियंस लीग के अंतिम मैच था, यूरोप के प्रमुख क्लब फुटबॉल यूईएफए द्वारा आयोजित टूर्नामेंट और यह यूरोपीय चैंपियन क्लब 'कप से यूईएफए चैंपियंस लीग के लिए कर दिया गया था क्योंकि 21 वीं के मौसम के 58 वें सीजन.

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२०१३ यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल

२०१३ यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल 15 मई 2013 पर ऐम्स्टर्डैम, नीदरलैंड के एम्स्टर्डम एरेना में हुए एक फुटबॉल मैच था। यह इंग्लैंड के क्लब चेल्सिया और पुर्तगाल के क्लब बेनफिका के बीच खेला गया था। चेल्सिया ने फाइनल 2-1 से जीता लिया। यह उन्का इस प्रतियोगिता में पहला खिताब था। इस जीत के साथ, वे लगातार सत्रों में पहले यूईएफए चैंपियंस लीग और फिर यूईएफए यूरोपा लीग जीतने वाली पहली टीम बन गये। चेल्सिया इस जीत के बाद सभी प्रमुख यूईएफए क्लब खिताब जीतने के लिए, जुवेंटस, अजाक्स और बेयर्न म्यूनिख के बाद, चौथा क्लब बन गया। .

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२०१५ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल

२०१५ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल, 2014-15 यूईएफए चैंपियंस लीग का अंतिम मैच था। यह यूईएफए द्वारा आयोजित यूरोप के इस प्रमुख क्लब फुटबॉल टूर्नामेंट का 60वाँ सीज़न था और यह यूरोपीय चैंपियन क्लब कप का नाम परिवर्तित (यूईएफए चैंपियंस लीग) होने के बाद 23वाँ सीज़न था। इस बार यह टूर्नामेंट जर्मनी के बर्लिन शहर स्थित ओलंपिक स्टेडियम में आयोजित किया गया और टूर्नामेंट का फाइनल मैच स्पेनी टीम बार्सिलोना और इतालवी टीम जुवेंटस के बीच हुआ। खेल के अंत में बार्सिलोना ने जुवेंटस को 3-1 से हरा कर मैच जीतते हुए इस टूर्नामेंट का खिताब पाँचवीं बार जीता। .

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२०१५ यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल

२०१५ यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल, 27 मई 2015 पर वारसॉ, पोलैंड के नेशनल स्टेडियम में हुए एक फुटबॉल मैच था। यह स्पेन के क्लब सेविला और यूक्रेन के क्लब डिंप्रो डिंप्रोपेट्रोवस्क के बीच खेला गया था। सेविला ने फाइनल 3–2 से जीता लिया। यह उन्का इस प्रतियोगिता में एक रिकॉर्ड चौथा खिताब था और वे प्रतियोगिता के इतिहास में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले क्लब बन गए। .

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२०१६ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल

२०१६ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल, 2015–16 यूईएफए चैंपियंस लीग का अंतिम मैच था। यूईएफए द्वारा आयोजित यूरोप के इस प्रमुख क्लब फुटबॉल टूर्नामेंट का यह 61 वाँ और यूरोपीय चैंपियन क्लब कप से नाम परिवर्तन करके यूईएफए चैंपियंस लीग करने के बाद यह 24 वाँ संस्करण था। यह मिलानो, इटली में सैन सिरो द्वारा आयोजित किया गया, फाइनल मैच दो स्पेनी टीमों रियल मैड्रिड और एटलेटिको मैड्रिड के बीच था। फाइनल टूर्नामेंट के इतिहास में ऐसा दूसरी बार था कि फाइनल मे दोनों टीमें एक ही शहर से थी। इससे पहले 2014 के फाइनल मे भी यही दो टीमें थी। रियल मैड्रिड ने पेनाल्टी शूट आउट पर 5–3 के अंतर से यह मैच जीतकर रिकार्ड ग्यारहवीं बार यूरोपीय खिताब जीता। .

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२०१६ यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल

२०१६ यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल, 18 मई 2016 पर बासेल, स्विट्जरलैंड के सेंट जकोब-पार्क में हुए एक फुटबॉल मैच था। यह स्पेन के क्लब सेविला और इंगलैंड के क्लब लिवरपूल के बीच खेला गया था। सेविला ने फाइनल 3–1 से जीता लिया। यह उन्का इस प्रतियोगिता में एक रिकॉर्ड पांचवां खिताब था और वे प्रतियोगिता के इतिहास में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले क्लब बन गए। .

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२०१७ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल

२०१७ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल, 2016–17 यूईएफए चैंपियंस लीग का अंतिम मैच था। यूईएफए द्वारा आयोजित यूरोप के इस प्रमुख क्लब फुटबॉल टूर्नामेंट का यह 62 वाँ और यूरोपीय चैंपियन क्लब कप से नाम परिवर्तन करके यूईएफए चैंपियंस लीग करने के बाद यह 25 वाँ संस्करण था। यह कार्डिफ, वेल्स में मिलेनियम स्टेडियम द्वारा आयोजित किया गया, फाइनल मैच दो स्पेनी टीम रियल मैड्रिड और इतालवी टीम जुवेंटस के बीच था। रियल मैड्रिड ने 4–1 के अंतर से यह मैच जीतकर रिकार्ड बारहवां बार यूरोपीय खिताब जीता। .

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२०१७ यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल

२०१७ यूईएफए यूरोपा लीग फाइनल, 24 मई 2017 पर सोलना, स्वीडन के फ्रेंडस एरिना में हुए एक फुटबॉल मैच था। यह नीदरलैंड के क्लब अजाक्स और इंगलैंड के क्लब मैनचेस्टर यूनाइटेड के बीच खेला गया था। मैनचेस्टर यूनाइटेड ने फाइनल 2–0 से जीता लिया। यह उन्का इस प्रतियोगिता में प्रथम खिताब था। .

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