हम Google Play स्टोर पर Unionpedia ऐप को पुनर्स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं
निवर्तमानआने वाली
🌟हमने बेहतर नेविगेशन के लिए अपने डिज़ाइन को सरल बनाया!
Instagram Facebook X LinkedIn

आग

सूची आग

जंगल की आग आग दहनशील पदार्थों का तीव्र ऑक्सीकरण है, जिससे उष्मा, प्रकाश और अन्य अनेक रासायनिक प्रतिकारक उत्पाद जैसे कार्बन डाइऑक्साइड और जल.

सामग्री की तालिका

  1. 34 संबंधों: चौथ का बरवाड़ा, दूरसंचार का इतिहास, पशु बीमा, पाषाण युग, प्रागितिहास, पृथ्वी का इतिहास, फायर अलार्म (अग्नि सचेतक), भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष, भारतीय इतिहास की समयरेखा, मशाल, माचिस, मानव शव का प्रशमन, रोटी, लघु परिपथ, शशि कपूर, शस्त्र, सीकन सुरंग, जयपुर का इंडियन ऑयल डिपो अग्निकांड, ज्वलनशीलता, जोखिम प्रबंधन, वन पारिस्थितिकी, वनस्पति, विद्युत स्पर्शाघात, विस्फोट, आत्महत्या के तरीके, आपदा, आगज़नी, क्षुपभूमि, अवतार (२००९ फ़िल्म), अग्नि देव, अग्निशमन, अग्निशमन यंत्र, अग्निशमक, ॐ नमः शिवाय

चौथ का बरवाड़ा

चौथ का बरवाड़ा राजस्थान राज्य में सवाई माधोपुर जिले का एक छोटा सा शहर है और इसी नाम से तहसील मुख्यालय है। यह शहर राजस्थान के टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा क्षेत्र में आता है एवं इस शहर का विधान सभा क्षेत्र खण्डार लगता है। यहाँ का चौथ माता का मंदिर पूरे राजस्थान में प्रसिद्ध है ! चौथ का बरवाड़ा शहर अरावली पर्वत श़ृंखला की गोद में बसा हुआ मीणा व गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र है ! बरवाड़ा के नाम से मशहूर यह छोटा सा शहर संवत 1451 में चौथ माता के नाम पर चौथ का बरवाड़ा के नाम से प्रसिद्ध हो गया जो वर्तमान तक बना हुआ है ! चौथ माता मंदिर के अलावा इस शहर में मीन भगवान का भव्य मंदिर है ! वहीं चौथ माता ट्रस्ट धर्मशाला सभी धर्मावलंबियों के लिए ठहरने का महत्वपूर्ण स्थान है ! चौथ का बरवाड़ा तहसील में पड़ने वाले बड़े गाँव इस प्रकार है:- चौथ का बरवाड़ा भगवतगढ़ शिवाड़ झोंपड़ा ईसरदा सारसोपआदि.

देखें आग और चौथ का बरवाड़ा

दूरसंचार का इतिहास

जर्मनि के नलबाक (Nalbach) में क्लाड चैपी के सेमाफोर टॉवर (प्रकाशीय टेलीग्राफ) की प्रतिकृति दूरसंचार का इतिहास बहुत पुराना है। बहुत पहले लोग दूरसंचार के लिये धुँवा और नगाड़ा आदि का प्रयोग करते थे। .

देखें आग और दूरसंचार का इतिहास

पशु बीमा

परवरिश पशुओ और बेचने के लिए पोल्ट्री अप्रत्याशित और जोखिम भरा हो सकता है। यही कारण है कि एक ठोस और पशुधन या मुर्गी बीमा पॅलिसी एक आवश्यकता है वह है। यह बीमा उन अप्रत्याशित घटनाओं और दुर्घटनाओं कि अपने जानवरों और अपनी आजीविका तबाह कर सकते हैं से अपने निवेश की सुरक्षा करता है। फ़ार्म पशु बीमा अपने विशेष पशु समूह को कवर के लिए अनुकूलित किया जा सकता है, तो पशु, सूअर, भेड, एमु, बकरी, मुर्गी या अपने खेत पर इनमें से किसी भी संयोजन है या नहीं। भारतीय कृषि उद्योग, एक और हरित क्रांति कि इसे और अधिक आकर्षक और लाभदायक बनाता के कगार पर भारत में कुल कृषि उत्पादन के रूप में अगले दस साल में दोगुना होने की संभावना है और वह भी एक जैविक तरीके से| पशु बीमा पॉलिसी अपने मवेशियों है, जो एक ग्रामीण समुदाय की सबसे मूल्यवान संपत्ति है कि मृत्यु के कारण वित्तीय नुकसान से भारतीय ग्रामीन लोगों की सुरक्षा के लिए प्रदान की जाती है। नीति होने गाय, बैल या तो सेक्स एक पशु चिकित्सक/ सर्जन द्वारा ध्वनि और उत्तम स्वास्थ्य और चोट या रोग से मुक्त होने के रूप में प्रमाणित की भैंस और जो माइक्रो फ़ाइनेंस संस्थानों, गैर सरकारी संगठनों के सदस्य कर रहे हैं व्यक्तियों को शामिल किया, सरकार प्रायोजित संगठनों और इस तरह के संबंध समूहों/ ग्रामीण और सामाजिक क्षेत्र में संस्थानों| पशु बीमा .

देखें आग और पशु बीमा

पाषाण युग

पाषाण युग इतिहास का वह काल है जब मानव का जीवन पत्थरों (संस्कृत - पाषाणः) पर अत्यधिक आश्रित था। उदाहरणार्थ पत्थरों से शिकार करना, पत्थरों की गुफाओं में शरण लेना, पत्थरों से आग पैदा करना इत्यादि। इसके तीन चरण माने जाते हैं, पुरापाषाण काल, मध्यपाषाण काल एवं नवपाषाण काल जो मानव इतिहास के आरम्भ (२५ लाख साल पूर्व) से लेकर काँस्य युग तक फैला हुआ है। भीमबेटका स्थित पाषाण कालीन शैल चित्र .

देखें आग और पाषाण युग

प्रागितिहास

आज से लगभग २७,००० साल पहले फ़्रान्स की एक गुफ़ा में एक प्रागैतिहासिक मानव ने अपने हाथ के इर्दगिर्द कालख लगाकर यह छाप छोड़ी प्रागैतिहासिक (Prehistory) इतिहास के उस काल को कहा जाता है जब मानव तो अस्तित्व में थे लेकिन जब लिखाई का आविष्कार न होने से उस काल का कोई लिखित वर्णन नहीं है।, Chris Gosden, pp.

देखें आग और प्रागितिहास

पृथ्वी का इतिहास

पृथ्वी के इतिहास के युगों की सापेक्ष लंबाइयां प्रदर्शित करने वाले, भूगर्भीय घड़ी नामक एक चित्र में डाला गया भूवैज्ञानिक समय.

देखें आग और पृथ्वी का इतिहास

फायर अलार्म (अग्नि सचेतक)

एक स्ट्रोब लाईट के साथ फायर अलार्म अधिसूचना उपकरण. स्वचालित फायर अलार्म सिस्टम का निर्माण दहन से जुड़े पर्यावरणीय बदलावों पर निगरानी रखकर आग की अवांछित मौजूदगी का पता लगाने के लिए किया गया है। आम तौर पर एक फायर अलार्म सिस्टम को अपने आप चालू होने वाले या हाथ से चालू होने वाले या दोनों तरह के सिस्टम के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। स्वचालित फायर अलार्म सिस्टम का इस्तेमाल आग लगने या अन्य किसी आपातकालीन घटना के बारे में लोगों को सूचित करने के लिए, आपातकालीन सेवाओं को बुलाने के लिए और आग एवं धुएं पर काबू पाने के लिए संरचना और उससे जुड़े सिस्टमों को तैयार करने के लिए किया जा सकता है। .

देखें आग और फायर अलार्म (अग्नि सचेतक)

भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष

3 मई 2013 (शुक्रवार) को भारतीय सिनेमा पूरे सौ साल का हो गया। किसी भी देश में बनने वाली फिल्में वहां के सामाजिक जीवन और रीति-रिवाज का दर्पण होती हैं। भारतीय सिनेमा के सौ वर्षों के इतिहास में हम भारतीय समाज के विभिन्न चरणों का अक्स देख सकते हैं।उल्लेखनीय है कि इसी तिथि को भारत की पहली फीचर फ़िल्म “राजा हरिश्चंद्र” का रुपहले परदे पर पदार्पण हुआ था। इस फ़िल्म के निर्माता भारतीय सिनेमा के जनक दादासाहब फालके थे। एक सौ वर्षों की लम्बी यात्रा में हिन्दी सिनेमा ने न केवल बेशुमार कला प्रतिभाएं दीं बल्कि भारतीय समाज और चरित्र को गढ़ने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। .

देखें आग और भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष

भारतीय इतिहास की समयरेखा

पाकिस्तान, बांग्लादेश एवं भारत एक साझा इतिहास के भागीदार हैं इसलिए भारतीय इतिहास की इस समय रेखा में सम्पूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास की झलक है। .

देखें आग और भारतीय इतिहास की समयरेखा

मशाल

जलती हुई मशाल जिसे सड़क पर फेंक दिया गया है सुगमता पूर्वक लेकर चलने योग्य आग के स्रोत को मशाल (torch) या 'लुकारी' कहते हैं। यह प्रकाश-स्रोत के रूप में प्रयोग की जाती है। मशाल में एक डण्डे के एक सिरे पर कपड़ा, घास आदि को तेल आदि से भिगोकर उसमें आग लगा दी जाती है और उसके दूसरे सिरे को हाथ से पकड़कर चल सकते हैं। .

देखें आग और मशाल

माचिस

जलती हुई माचिस की तिली तिली का सिर माचिस और उसकी तिली मिलकर आवश्यकतानुसार, नियंत्रित ढ़ंग से आग पैदा करने के काम आते हैं। आजकल यह एक बहुत ही सस्ती एवं सुलभ चीजहै। .

देखें आग और माचिस

मानव शव का प्रशमन

मृत्यु के बाद विभिन्न संस्कृतियों में मानव शव का अलग-अलग प्रकार से प्रशमन (डिस्प्जल) करने की परिपाटी है। उपयुक्त प्रकार से एवं उपयुक्त समय पर शव का प्रशमन न करने से अस्वच्छता के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है। अन्य जीवधारियों की भांति मनुष्य का शरीर भी मरणोपरान्त क्षय (डीकम्पोज) होने लगता है और इससे दुर्गंध आने लगती है। .

देखें आग और मानव शव का प्रशमन

रोटी

रोटी भारत, पाकिस्तान, इंडोनेशिया, मलेशिया में सामान्य खाने में पका कर खाये जाने वाली चपटी खाद्य सामग्री है। यह आटे एवं पानी के मिश्रण को गूंध कर उससे बनी लोई को बेलकर एवं आँच पर सेंक कर बनाई जाती है। रोटी बनाने के लिए आमतौर पर गेहूँ का आटा प्रयोग किया जाता है पर विश्व के विभिन्न हिस्सों में स्थानीय अनाज जैसे मक्का, जौ, चना, बाजरा आदि भी रोटी बनाने के लिए प्रयुक्त होता है। भारत के विभिन्न भागों में रोटी के लिए विभिन्न हिंदी नाम प्रचलित हैं, जिनमे प्रमुख हैं: -.

देखें आग और रोटी

लघु परिपथ

तूफान के दौरान पेड़ की शाखाओं द्वारा हुआ शॉर्ट सर्किट का दृष्य वैद्युत परिपथ में लघु परिपथ (शॉर्ट सर्किट) (कभी-कभी संक्षेप में शॉर्ट भी कहते है) उसे कहते हैं जो विद्युत्प्रवाह को उस मार्ग से जाने की अनुमति देता है जिसमे प्रतिबाधा शून्य या बहुत कम होती है। "खुला सर्किट" (ओपन सर्किट), लघु परिपथ का वैद्युतिक विलोम है जिसमें विद्युत परिपथ के किन्ही दो बिन्दुओं के बीच प्रतिबाधा का मान अनन्त होता है। .

देखें आग और लघु परिपथ

शशि कपूर

शशि कपूर (जन्म: 18 मार्च, 1938, निधन: 04 दिसम्बर 2017) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। शशि कपूर हिन्दी फ़िल्मों में लोकप्रिय कपूर परिवार के सदस्य थे। वर्ष २०११ में उनको भारत सरकार ने पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया। वर्ष २०१५ में उनको २०१४ के दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया। इस तरह से वे अपने पिता पृथ्वीराज कपूर और बड़े भाई राजकपूर के बाद यह सम्मान पाने वाले कपूर परिवार के तीसरे सदस्य बन गये। .

देखें आग और शशि कपूर

शस्त्र

भारत में प्रयुक्त मध्ययुगीन हथियार कोई भी उपकरण जिसका प्रयोग अपने शत्रु को चोट पहुँचाने, वश में करने या हत्या करने के लिये किया जाता है, शस्त्र या आयुध (weapon) कहलाता है। शस्त्र का प्रयोग आक्रमण करने, बचाव करने अथवा डराने-धमकाने के लिये किया जा सकता है। शस्त्र एक तरफ लाठी जितना सरल हो सकता है तो दूसरी तरफ बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र जितना जटिल भी। .

देखें आग और शस्त्र

सीकन सुरंग

होन्शु और होकाईडू द्वीपों को जोड़ती सीकन सुरंग। सीकन सुरंग (青函トンネル सीकन तोंनेरू या 青函隧道 सीकन ज़ुइदो) ५३.८५ किमी लम्बी रेल सुरंग है जो जापान के होन्शू और होक्काइडो द्वीपों को आपस में जोड़ती है। कुल लम्बाई में से २३.३ किमी समु्द्र के नीचे से होकर जाता है। ये विश्व की सबसे बड़ी समुद्री सुरंग है, यद्यपि चैनल सुरंग का अधिक भाग समु्द्र के नीचे है। ये सुरंग त्सुगारू खाड़ी के नीचे से होकर जाती है जो जापान के होन्शू द्वीप के ओमोरी प्रांत को होक्काइडो द्वीप के जोड़ती है। यद्यपि ये संसार की सबसे लम्बी सड़क और रेल सुरंग है, लेकिन तीव्र और सस्ती हवाई यात्रा के कारण अब इसका उपयोग पहले से कम होता है। विश्व की सबसी लम्बी सुरंग होने का इसका रिकॉर्ड गोत्थार्ड सुरंग द्वारा ले लिया जायेगा जब ये २०१८ में बनकर तैयार हो जायेगी। गोत्थार्ड सुरंग भी एक रेल सुरंग है और सबसे गहरी रेल सुरंग भी। .

देखें आग और सीकन सुरंग

जयपुर का इंडियन ऑयल डिपो अग्निकांड

जयपुर इंडियन ऑयल डिपो अग्निकांड गुरूवार २९ अक्टूबर २००९ को हुआ था। इस अग्निकाण्ड में राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर शहर के निकट स्थित सांगानेर में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के तेल भण्डार डिपो में भीषण आग लग गई जिसमें कंपनी को जहाँ करोड़ों की हानि हुई, वहीं इस दुर्घटना में ११ लोगों की मृत्यु भी हो गयी। .

देखें आग और जयपुर का इंडियन ऑयल डिपो अग्निकांड

ज्वलनशीलता

ज्वलनशील रसायनों का प्रतीकज्वलनशीलता या प्रज्वलनशीलता, किसी पदार्थ का वह गुण है जिसके अनुसार वह पदार्थ कितनी आसानी से जल या सुलग कर आग अथवा दहन उत्पन्न कर सकता है। किसी वस्तु के दहन हेतु आवश्यक कठिनाई की मात्रा को अग्नि परीक्षण द्वारा मापा जाता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, ज्वलनशीलता के मापन के लिए विभिन्न प्रकार की परीक्षण विधियां (प्रोटोकॉल) मौजूद हैं। इन परीक्षणों से प्राप्त मूल्यांकनों (रेटिंग्स) को भवन निर्माण संहिता (बिल्डिंग कोड), बीमा आवश्यकताओं, अग्नि संहिता (फायर कोड) के अतिरिक्त उन नियमों और विनियमों में प्रयोग किया जाता है जो किसी भवन निर्माण सामग्री के उपयोग और भंडारण के साथ साथ किसी अत्यंत ज्वलनशील पदार्थ की किसी इमारत के अन्दर या बाहर संभाल (‘हैंडलिंग’) और उसके सड़क अथवा वायु परिवहन को निर्धारित करते हैं। .

देखें आग और ज्वलनशीलता

जोखिम प्रबंधन

जोखिम प्रबंधन के उदाहरण: अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए उच्च प्रभाव जोखिम क्षेत्रों को दर्शाते हुए NASA का दृष्टान्त.

देखें आग और जोखिम प्रबंधन

वन पारिस्थितिकी

क्वींसलैंड, ऑस्ट्रेलिया में डैनट्री वर्षावन. वन पारिस्थितिकी वन में परस्पर संबंधी पद्धतियों, प्रक्रियाओं, वनस्पतियों, पशुओं और पारिस्थितिकी तंत्रों का वैज्ञानिक अध्ययन है। वन प्रबंधन को वन विज्ञान, वन-संवर्धन और वन प्रबंधन के नाम से जाना जाता है। एक वन पारिस्थितिकी तंत्र एक प्राकृतिक वुडलैंड इकाई है जिसमें सभी पौधे, जानवर और सूक्ष्म-जीव (जैविक घटक) शामिल हैं और वे उस क्षेत्र में वातावरण के सभी भौतिक रूप से मृत (अजैव) कारकों के साथ मिलकर कार्य करते हैं। उत्तरी कैलिफोर्निया के लाल लकड़ी वन, में लाल लकड़ी पेड़, जहां कई लाल लकड़ी के पेड़ों को संरक्षण और दीर्घायु के लिए प्रबंधित किया जाता है। वन पारिस्थितिकी, पारिस्थितिक अध्ययन के जैविक रूप से उन्मुख वर्गीकरण की एक शाखा है (जो संगठनात्मक स्तर या जटिलता पर आधारित एक वर्गीकरण के विपरीत है, उदाहरण के लिए जनसंख्या या समुदाय पारिस्थितिकी).

देखें आग और वन पारिस्थितिकी

वनस्पति

पेड़-पौधों या वनस्पतिलोक का अर्थ है, किसी क्षेत्र का वनस्पति जीवन या भूमि पर मौजूद पेड़-पौधे और इसका संबंध किसी विशिष्ट जाति, जीवन के ऱूप, रचना, स्थानिक प्रसार, या अन्य वानस्पतिक या भौगोलिक गुणों से नहीं है। यह शब्द फ्लोरा शब्द से कहीं अधिक बड़ा है जो विशेष रूप से जाति की संरचना से संबधित होता है। शायद सबसे करीबी पर्याय ''वनस्पति'' समाज है, लेकिन पेड़-पौधे शब्द स्थानिक पैमानों की विस्तृत श्रेणी से संबध रख सकता है, जिनमें समस्त विश्व की वनस्पति-संपदा समाविष्ट है। प्राचीन लाल लकड़ी के वन, तटीय सदाबहार वन, दलदल में जमने वाली काई, रेगिस्तानी मिट्टी की पर्तें, सड़क के किनारे उगने वाली घास, गेहूं के खेत, बाग-बगीचे-ये सभी पेड़-पौधों की परिभाषा में शामिल हैं। .

देखें आग और वनस्पति

विद्युत स्पर्शाघात

विद्युत दुर्घटना होने पर सहायता तथा प्राथमिक उपचार विद्युत के किसी स्रोत से सम्पर्क में आने के कारण त्वचा, मांसपेशियों अथवा बाल से होकर पर्याप्त विद्युत धारा प्रवाहित हो जाती है तो इसे विद्युत स्पर्शाघात (Electric shock) कहते हैं। यह जानबूझकर किया गया हो सकता है या दुर्घटनावश हो सकता है। किन्तु प्रायः 'स्पर्शाघात' से आशय शरीर के किसी अंग से अवांछित धारा-प्रवाह से ही लिया जाता है। विद्युत स्पर्शाघात से त्वचा जल सकती है, आदमी बेहोश हो सकता है, या मृत्यु हो सकती है। .

देखें आग और विद्युत स्पर्शाघात

विस्फोट

किसी पदार्थ को एक साथ फ़ोडने की क्रिया को विस्फ़ोट कहा जाता है। विस्फ़ोट में अधिकतर बारूद का प्रयोग किया जाता है, इसमे बारूद भी अलग अलग शक्तियों की होती है, जिसमे आर डी एक्स नामक बारूद बहुत ही शक्तिशाली होती है। बन्दूक और तोप के गोले को भी विस्फ़ोट से ही दागा जाता है। अत्याधिक ज्वलनशील पदार्थ को आग के सम्पर्क में आते ही वह अचानक जलता है और विस्फ़ोट हो जाता है। विस्फ़ोट के लिये तीन कारकों का होना अत्याधि्क जरूरी है, पहला ईंधन दूसरा ताप और तीसरी आक्सीजन.

देखें आग और विस्फोट

आत्महत्या के तरीके

आत्महत्या का तरीके खोजने वालों को भारत में आसरा नामक संस्था परामर्श देती हैं जिसका दूरभाष क्रमांक 022 2754 6669 है। उस संस्था का अधिकृत जालस्थान www.aasra.info है। आत्महत्या का तरीका ऐसी किसी भी विधि को कहते हैं जिसके द्वारा एक या अधिक व्यक्ति जान-बूझकर अपनी जान ले लेते हैं। आत्महत्या के तरीकों को जीवन लीला समाप्त करने की दो विधियों के अनुसार वर्गीकृत किया जा सकता है: शारीरिक या रासायनिक.

देखें आग और आत्महत्या के तरीके

आपदा

आपदा एक प्राकृतिक या मानव निर्मित जोखिम का प्रभाव है जो समाज या पर्यावरण को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है आपदाशब्द ज्योतिष विज्ञान से आया है इसका अर्थ होता है कि जब तारे बुरी स्थिति में होते हैं तब बुरी घटनायें होती हैं समकालीन शिक्षा में, आपदा अनुचित प्रबंधित जोखिम के परिणाम के रूप में देखी जाती है, ये खतरे आपदा और जोखिम के उत्पाद हैं। आपदा जो कम जोखिम के क्षेत्र में होते हैं, वे आपदा नहीं कहे जाते हैं, जैसे-निर्जन क्षेत्र मेंQuarantelli E.L.(१९९८).हम कहा रहे हैं और हमें कहाँ जाना है Quarantelli E.L.

देखें आग और आपदा

आगज़नी

ईरान के २००९ राष्ट्रपति चुनावों के बाद हुई झड़पों में आगज़नी में जलाई गई एक बस आगज़नी (अंग्रेज़ी: arson या arsony) जानबूझ कर किसी इमारत, घर, वाहन, जंगली क्षेत्र या अन्य सम्पत्ति में आग लगाने के अपराध को कहते हैं।, Joseph W.

देखें आग और आगज़नी

क्षुपभूमि

क्षुपभूमि (scrubland) किसी ऐसे भूक्षेत्र को कहा जाता है जहाँ के वनस्पतियों में क्षुपों (यानि झाड़ियों) प्रधान हो। अक्सर ऐसे इलाक़ों में घास, बूटियाँ और जड़प्रधान पौधे (जिनकी जड़ें में ऊर्जा जमा करी जाने से वह मोटी हो जाती हैं, मसलन अदरक) भी विस्तृत होते हैं। क्षुपभूमि प्राकृतिक होती है या फिर मानवीय गतिविधियों के कारण भी बन सकती है। कभी-कभी वन में आग लगने के कारण वृक्ष जल जाते हैं और कुछ वर्षों के काल के लिये यहाँ क्षुप ही फैले हुए होते हैं जिसके बाद धीरे-धीरे पेड़ों के बढ़ने से यह फिर से क्षुपभूमि से परिवर्तित होकर वन बन जाती है। अगर समय-समय पर प्राकृतिक कारणों से अग्नि का प्रकोप हो तो ऐसे स्थान स्थायी रूप से भी क्षुपभूमि बने रह सकते हैं। .

देखें आग और क्षुपभूमि

अवतार (२००९ फ़िल्म)

अवतार (Avatar) २००९ में बनी अमेरिकी काल्पनिक विज्ञान पर आधारित फ़िल्म है जिसका लेखन व निर्देशन जेम्स कैमरून द्वारा किया गया है और इसमें सैम वर्थिंगटन, ज़ोई साल्डाना, स्टीफन लैंग, मिशेल रोड्रिग्स जोएल डेविड मूर, जिओवानी रिबिसी व सिगौरनी व्हिवर मुख्य भूमिकाओं में है। फ़िल्म २२वि सदी में रची गई है जब मानव एक बेहद महत्वपूर्ण खनिज अनओब्टेनियम को पैंडोरा पर खोद रहे होते है जो एक एक बड़े गैस वाले गृह का रहने लायक चन्द्रमा है जो अल्फ़ा सेंटारी अंतरिक्षगंगा में स्थित है। इस खनन कॉलोनी का बढ़ना पैंडोरा की प्रजातियों व कबीलो के लिए खतरा बन जाता है। पैंडोरा की प्रजाति नाह्वी, जो मानवों के सामान प्रजाति है इसका विरोध करती है। फ़िल्म का शीर्षक जेनेटिक्स अभियांत्रिकी द्वारा निर्मित नाह्वी शरीरों से जुड़ा है जिन्हें मानव अपने मस्तिक्ष से नियंत्रित कर सकते है ताकि पैंडोरा के निवासियों से संवाद साध सके। अवतार का विकास कार्य १९९४ में शुरू हुआ जब कैमरून ने ८० पन्नों की कहानी फ़िल्म के लिए लिखी। इसका चित्रीकरण कैमरून की १९९७ की फ़िल्म टाइटैनिक के पूर्ण होने पर शुरू होना था व १९९९ में रिलीज़ किया जाना था परन्तु कैमरून के अनुसार उस वक्त उनकी कल्पना को चित्रित करने के लायक तकनीक उपलब्ध नहीं थी। अवतार में नाह्वी की भाषा पर कार्य २००५ की गर्मियों में शुरू हुआ और कैमरून ने कथानक का व एक काल्पनिक ब्रह्मांड का विकास २००६ की शुरुआत में शुरू किया। फ़िल्म का अधिकृत बजट $२३७ मिलियन था। बाकी कार्य मिलकर इसकी लागत $२८० मिलियन से $३१० मिलियन निर्माण व $१५० मिलियन प्रचार के लिए लग गई। फ़िल्म का चित्रीकरण बेहद नई व उत्तीर्ण मोशन कैप्चर तकनीक का उपयोग करके किया गया व इसे आम प्रिंट के साथ ३डी में भी रिलीज़ किया गया। साथ ही इसका ४डी प्रिंट दक्षिण कोरिया के कुछ सिनेमाघरों में रिलीज़ किया गया। अवतार का प्रिमियर लंदन में १० दिसम्बर २००९ को हुआ व इसे १६ दिसम्बर को विश्वभर में और १८ दिसम्बर को अमेरिका व कनाडा में बेहद सकारात्मक समीक्षाओं के साथ रिलीज़ किया गया। यह एक बेहद बड़ी व्यापारिक सफलता साबित हुई। फ़िल्म ने रिलीज़ के पश्च्यात कई बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड्स तोड़ दिए और उत्तरी अमेरिका व विश्वभर की अबतक की सर्वाधिक कमाई वाली फ़िल्म बन गई जिसने टाइटैनिक का रिकॉर्ड तोड़ दिया जो उस फ़िल्म ने पिछली बारह वर्षों तक पकडे रखा था। यह पहली फ़िल्म है जिसने $2 बिलियन का आंकड़ा पर किया है। अवतार को नौ एकेडेमी पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया जिनमे सर्वश्रेष्ठ पिक्चर और सर्वश्रेष्ठ निर्देशक शामिल है व इसने तिन श्रेणियों में जित हासिल की जिनमे सर्वश्रेष्ठ सिनेमेटोग्राफी, सर्वश्रेष्ठ विज़्वल इफेक्ट्स और सर्वश्रेष्ठ कला निर्देशन शामिल है। फ़िल्म की मिडिया पर रिलीज़ ने कई बिक्री के रिकॉर्ड तोड़ दिए व सर्वाधिक बिक्री बाली ब्लू-रे बन गई। फ़िल्म की सफलता के बाद कैमरून ने 20यथ सेंचुरी फॉक्स के साथ इस श्रेणि के चार भाग बनाने का समझौता कर लिया। .

देखें आग और अवतार (२००९ फ़िल्म)

अग्नि देव

अग्नि हिन्दू धर्म में आग के देवता हैं। वो सभी देवताओं के लिये यज्ञ-वस्तु भरण करने का माध्यम माने जाते हैं -- इसलिये उनकी उपाधि भारत है। वैदिक काल से अग्नि सबसे ऊँचे देवों में से हैं। पौराणिक युग में अग्नि पुराण नामक एक ग्रन्थ भी रचित हुआ। हिन्दू धर्म विधि में यज्ञ, हवन और विवाहों में अग्नि द्वारा ही देवताओं की पूजा की जाती है। .

देखें आग और अग्नि देव

अग्निशमन

सन् २००६ में कनाडा में एक आग से जूझते अग्निशमक अग्निशमन (firefighting) आग पर नियंत्रण पाकर उसे बुझाने के कार्य को कहते हैं। अधिकतर समाजों में, विशेषकर शहरी क्षेत्रों में, अनियंत्रित आग जीवन और माल के लिए एक बड़ा संकट बन सकती है और अग्निशमक (firefighters) इस ख़तरे से बचाव करते हैं। विभिन्न परिस्थितियों में आग पर काबू पाकर उसे बंद करने के लिए बहुत सी तकनीकें सीखनी पड़ती हैं और उन कठिन परिस्थितियों में जाकर उन्हें झेलने के लिए शारीरिक-क्षमता भी ज़रूरी है। अग्निशमन के लिए विशेष सामान और यंत्रों का प्रयोग भी होता है। इनमें पानी, आग-निरोधक रसायन, भिन्न प्रकार के अग्नि-कवच, अग्निशमकों की आग-निरोधक पोशाकें, जल गिराने वाले विमान, अग्निशमकों के विशेष वाहन, वग़ैराह शामिल हैं। अलग-अलग तरह की आगों के लिए अग्निशमक भिन्न चीज़ें प्रयोग करते हैं, मसलन बिजली से लगी आग के लिए पानी का प्रयोग नहीं किया जाता।, Workplace Law Group, pp.

देखें आग और अग्निशमन

अग्निशमन यंत्र

एक अग्निशामक यंत्र अग्निशमन यंत्र (Fire Extinguisher) एक आग से बचाव का एक युक्ति है जिसकी सहायता से छोटे अकार की आग को बुझाया जा सकता है या उसे नियंत्रण में रखा जा सकता है। यह प्राय: आपातकालीन स्थितियों में उपयोग किया जाता है। किन्तु यह ऐसी आग के बुझाने या नियंत्रण के लिये प्रयुक्त नहीं होता जो बहुत विकराल रूप ले चूकी हो। प्राय: अग्निशमन यंत्र में एक बेलनाकार दाब-पात्र (pressure vessel) होता है जिसमें एक ऐसा पदार्थ भरा रहता है जिसे छोड़ने पर आग बुझाने में सहायक होता है। .

देखें आग और अग्निशमन यंत्र

अग्निशमक

अमेरिका के मिशिगन राज्य में आग-निरोधक वस्त्र धारण किये हुए आग से जूझते अग्निशमक अग्निशमक (firefighters) उन बचाव करमचारियों को कहा जाता है जो किसी स्थान पर लग हानिकारक आग पर नियंत्रण पाने, उसे बुझाने और उस से लोगों और सम्पत्ति को बचाने का काम करते हैं। अग्निशमन के लिए विभिन्न परिस्थितियों में आग पर काबू पाकर उसे बंद करने के लिए बहुत सी तकनीकें सीखनी पड़ती हैं और उन कठिन परिस्थितियों में जाकर उन्हें झेलने के लिए शारीरिक-क्षमता भी ज़रूरी है। आधुनिक शहरी जीवन में पुलिस और डॉक्टरों के साथ-साथ अग्निशमन को भी एक आवश्यक आपातकालीन सेवा समझा जाता है। कभी-कभी अग्निशमक दस्ते ऐसी आपात-स्थितियों में भी सहायता करते हैं जो आग-सम्बन्धी नहीं होती, जैसे कि विमान दुर्घटना या किसी कारख़ाने से ज़हरीले रसायन का चूना।, International Association of Fire Chiefs, pp.

देखें आग और अग्निशमक

ॐ नमः शिवाय

देवनागरी लिपि में "ॐ नमः शिवाय" मंत्र लैटिन लिपि) इस रूप में प्रकट हुआ है ॐ नमः शिवाय (IAST: Om Namaḥ Śivāya) यह सबसे लोकप्रिय हिंदू मंत्रों में से एक है और शैव सम्प्रदाय का महत्वपूर्ण मंत्र है। नमः शिवाय का अर्थ "भगवान शिव को नमस्कार" या "उस मंगलकारी को प्रणाम!" है। इसे शिव पञ्चाक्षर मंत्र या पञ्चाक्षर मंत्र भी कहा जाता है, जिसका अर्थ "पांच-अक्षर" मंत्र (ॐ को छोड़ कर) है। यह भगवान शिव को समर्पित है। यह मंत्र श्री रुद्रम् चमकम् और रुद्राष्टाध्यायी में "न", "मः", "शि", "वा" और "य" के रूप में प्रकट हुआ है। श्री रुद्रम् चमकम्, कृष्ण यजुर्वेद का हिस्सा है और रुद्राष्टाध्यायी, शुक्ल यजुर्वेद का हिस्सा है। श्रेणी:ग़ैर हिन्दी भाषा पाठ वाले लेख पञ्चाक्षर के रूप में 'नमः शिवाय' मंत्र त्रिपुण्ड्र से सजा हुआ शिवलिंग  .

देखें आग और ॐ नमः शिवाय