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अहमद प्रथम

सूची अहमद प्रथम

अहमद प्रथम (احمد اول; I.; 18 अप्रैल 1590 – 22 नवम्बर 1617) 1603 से 1617 उनकी मौत तक उस्मानिया साम्राज्य के सुल्तान रहे। अहमद के दौर में "भ्रातृवध" की शाही उस्मानी परंपरा समाप्त हुई थी, इसके बाद किसी उस्मानी शासक ने तख़्त आसीन होने पर इनके सभी भाइयों का वध नहीं किया। वे नीली मस्जिद, तुर्की की सबसे जानी पहचानी मस्जिदों में से एक, के निर्माण करने हेतु प्रसिद्ध हैं। .

9 संबंधों: महमद तृतीय, मुराद चतुर्थ, मुस्तफ़ा प्रथम, स्त्रियों की सल्तनत, ख़लीफ़ाओं की सूची, इब्राहीम (उस्मानी साम्राज्य), क़फ़स, कौसम सुल्तान (टीवी धारावाहिक), उस्मान द्वितीय

महमद तृतीय

महमद तृतीय (महमद-इ सालिस; III.; 26 मई 1566–21 दिसम्बर 1603) 1595 से अपनी मौत तक उस्मानिया साम्राज्य के सुल्तान थे। वे अपने पिता मुराद तृतीय की जगह सुल्तानी तख़्त पर आसीन हुए। .

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मुराद चतुर्थ

मुराद चतुर्थ (مراد رابع, मुराद-ए राबीʿ; 26/27 जुलाई 1612 – 8 फ़रवरी 1640) 1623 से 1640 तक उस्मानिया साम्राज्य के सुल्तान रहे। उन्होंने राज्य पर सुल्तान के शासन की पुनःस्थापना की थी और उन्हें अपने गतिविधियों की क्रूरता के लिए जाने जाते हैं। उनका जन्म क़ुस्तुंतुनिया में हुआ था। वे सुल्तान अहमद प्रथम (दौर: 1603–17) और यूनानी मूल की कौसम सुल्तान के पुत्र थे। उनके चाचा मुस्तफ़ा प्रथम (दौर: 1617–18, 1622–23) को सुल्तान के पद से निकालने की साज़िश कामयाब होने के बाद मुराद चतुर्थ तख़्त पर आसीन हुए। उस वक़्त उनकी उम्र सिर्फ़ 11 साल की थी। उनके दौर में उस्मानी-सफ़वी युद्ध (1623–39) हुआ, जिसके नतीजे में संपूर्ण क़फ़क़ाज़ क्षेत्र दोनों साम्राज्यों के दरमियान विभाजित हुआ। इस विभजन ने लगभग वर्तमान तुर्की-ईरान-इराक़ देशों की सरहदों की नींव रखी। .

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मुस्तफ़ा प्रथम

मुस्तफ़ा प्रथम (24 जून 1591 – 20 जनवरी 1639), पुण्य मुस्तफ़ा (Veli Mustafa) या पागल मुस्तफ़ा (Deli Mustafa) के नामों से भी पहचाने जाते हैं, महमद तृतीय एवं हलीमा सुल्तान के पुत्र और 1617 से 1618 तक और फिर 1622 से 1623 तक उस्मानिया साम्राज्य के सुल्तान रहे। .

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स्त्रियों की सल्तनत

स्त्रियों की सल्तनत (Kadınlar Saltanatı, क़दिनलार साल्तानति, सल्तनत-ए ख़्वातीन) सोलहवीं और सत्रहवीं सदी के दौरान लगभग 130 साल की अवधि थी जिसमें उस्मानिया साम्राज्य की शाही महिलाओं ने राज्य के मामलों में (मर्द) उसमानी सुल्तान से असामान्य राजनैतिक प्रभाव हासिल कर लिया था। यह सिलसिला सुलेमान प्रथम के दौर से शुरू हुआ, जब ख़ुर्रम सुल्तान ने दरबार में ख़ास राजनैतिक प्रभाव हासिल किया। बाद के समय में वालिदा सुलतान (सुल्तान की माँ अथवा राजमाता) और ख़ासकी सुलतान (सुल्तान की सबसे पसन्दीदा बीवी) को असामान्य राजनैतिक प्रभाव हासिल रहा, जो वास्तविक रूप से सल्तनत पर हकूमत चलाती रहीं। .

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ख़लीफ़ाओं की सूची

यह उन शासकों की एक सूची है जिन्हें ख़लीफ़ा का शीर्षक (पद), इस्लामी राज्य के सर्वोच्च धार्मिक और राजनीतिक नेता होते हैं, जिन्हें ख़लीफ़ा के रूप में जाना जाता है, ख़लीफ़ा हजरत मुहम्मद साहब के राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में शासन करते थे। .

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इब्राहीम (उस्मानी साम्राज्य)

इब्राहीम (ابراهيم, İbrahim; 5 नवम्बर 1615 – 18 अगस्त 1648) 1640 से 1648 तक उस्मानी साम्राज्य के सुल्तान रहे। उनका जन्म क़ुस्तंतुनिया में हुआ था। उनके पिता अहमद प्रथम थे और उनकी माँ नस्लन यूनानी कौसम सुल्तान थीं, जिनका मूल नाम आनास्तासिया था। उनकी ख़राब दिमाग़ी हालत की वजह से बीसवीं सदी के इतिहासकारों ने उनका नाम पागल इब्राहीम रखा। .

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क़फ़स

तोपकाप महल में वलीअहदों के हुजरे, जिसे ''क़फ़स'' भी कहा जाता था। क़फ़स, (उस्मानी तुर्कीयाई: قفس, शाब्दिक मतलब "पिंजरा") उस्मानी महल के शाही हरम का अंग था जहाँ तख़्त के संभावित उत्तराधिकारी (वलीअहद) महल के सिपाहियों द्वारा गिरफ़्तार, नज़रबंद और निरंतर निगरानी में रखे गए थे। उस्मानी साम्राज्य के प्रारंभिक इतिहास में मृत सुल्तान के प्रतिद्वंद्वी पुत्रों के बीच युद्ध छिड़ गया। एक नए सुल्तान के लिए अपने तमाम भाइयों का क़तल करना एक आम सी बात थी। शिशुओं भी क़तल किए गए थे। 'भ्रातृवध' की इस प्रथा ने उस्मानी तख़्त के दावेदारों की तादाद को निहायत कम कर दिया था, जिसके कारण कई अवसरों पर पूरे उस्मानी शाही ख़ानदान समाप्त होने लगा था। अहमद प्रथम द्वारा इस प्रथा की समाप्ति के बाद क़फ़स में संभावित वलीअहदों की नज़रबंदी ने मौजूदा सुल्तान के लिए सुरक्षा सुनिश्चित की और शाही ख़ानदान के लिए निरंतरता सुनिश्चित की। .

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कौसम सुल्तान (टीवी धारावाहिक)

मुह्तेशेम यूज़्यिल: कॉव्सेम (तुर्कीयाई: Muhteşem Yüzyıl: Kösem, उच्चारण: , अर्थ: कौसम की स्वर्ण सदी) एक ऐतिहासिक तुर्कीयाई टीवी धारावाहिक है। धारावाहिक मेरा सुल्तान के बाद यिलमाज़ शाहीन ने इस नया धारावाहिक को लिखा है। इसके पहले सत्र का प्रीमियर स्टार टीवी नामक चैनल पर प्रसारित हुआ और दूसरे सत्र के दौरान यह फ़ोक्स टीवी पर पर हस्तान्तरित हो गया। यह धारावाहिक कौसम सुल्तान की ज़िन्दगी पर आधारित है, जो उस्मान साम्राज्य के बादशाह अहमद प्रथम की हरम से एक कनीज़ और बाद में उनकी पत्नी जो उस्मान साम्राज्य के इतिहास की सबसे शक्तिशाली स्त्रियों में से एक बन जाती है। उर्दू 1 नामक चैनल इस धारावाहिक को कौसम सुल्तान के नाम से पाकिस्तान में प्रसारित किया जा रहा है। .

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उस्मान द्वितीय

उस्मान द्वितीय (عثمان ثانى ‘ओसमान-इ सआनी; 3 नवम्बर 1604 – 20 मई 1622), जो तुर्की में गेंच ओस्मान (Genç Osman, जवान उस्मान) के नाम से भी पहचाने जाते हैं, 1618 से 20 मई 1622, अपनी हत्या तक उस्मानिया साम्राज्य के सुल्तान रहे। .

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